Jaankari Rakho & : Science https://m.jaankarirakho.com/rss/category/science Jaankari Rakho & : Science hin Copyright 2022 & 24. Jaankari Rakho& All Rights Reserved. NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Management of Natural Resources प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन https://m.jaankarirakho.com/924 https://m.jaankarirakho.com/924 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Management of Natural Resources प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
1. नीचे दी गई सूची में से उस वस्तु को चुनिए जो एक प्राकृतिक संसाधन नहीं है
(a) मृदा
(c) विद्युत
(b) जल
(d) वायु 
उत्तर - (c)
2. विश्व का सबसे तेजी के साथ घटता जा रहा प्राकृतिक संसाधन कौन-सा है ?
(a) जल
(b) वन
(c) पवन
(d) सूर्य का प्रकाश
उत्तर - (b)
3. प्राकृतिक संसाधन की सबसे उपयुक्त परिभाषा यह है कि यह ऐसा उपयोगी वस्तु/पदार्थ हैं जो
(a) केवल पृथ्वी पर विद्यमान है
(b) प्रकृति की एक ऐसी देन जो मानव जाति के लिए बहुत लाभप्रद है
(c) मानव द्वारा निर्मित एक पदार्थ जिसे प्रकृति को सौंप दिया गया है
(d) केवल वनों में पाया जाता है
उत्तर - (b)
4. गंगा नदी में कॉलिफॉर्म जीवाणुओं के प्रचुर मात्रा में पाए जाने का प्रमुख कारण क्या है ?
(a) जल में अधजली लाशों को प्रवाहित करना
(b) इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योगों से निकलने वाले बहि:स्रावों का प्रवाहित किया जाना
(c) कपड़े धोना
(d) भस्म को जल में प्रवाहित करना
उत्तर - (a)
5. किसी नदी के तट पर से, जहाँ अनेक फैक्ट्रियों के बहि:स्राव आकर जल में प्रवाहित हो रहे थे, एकत्रित किए जल-नमूने को pH 3.5 - 4.5 की परास में अम्लीय पाया गया । निम्नलिखित फैक्ट्रियों में से कौन-सी फैक्ट्री के बहि:स्राव के कारण नदी के जल का pH कम हो गया ?
(a) साबुन और अपमाजंक फैक्टो 
(b) सीसे की बैटरी बनाने वाले फैक्ट्रो
(c) प्लास्टिक के प्यालों का निर्माण करने वाली फैक्टो
(d) अल्कोहल फैक्ट्री
उत्तर - (b)
6. अलवण जलीय पौधों और जंतुओं के जीवन के लिए सबसे अधिक सहायक pH परास कौन-सा है ?
(a) 6.5-7.3 
(b) 2.0-3.5 
(c) 3.5-5.0
(d) 9.0-10.5
उत्तर - (a)
7. वे तीन 'R' कौन से हैं जो हमें प्राकृतिक संसाधनों को लंबो अवधि तक संरक्षित बनाए रखने में सहायक होंगे ?
(a) पुन:चक्रण (Recycle). पुनरुत्पादन (Regenerate). पुन:उपयोग (Reuse)/recvcle. regenerate, reuse
(b) कम उपयोग (Reduce). पुनरुत्पादन (Regenerate). पुन: उपयोग (Reuse)/reduce, regenerate, reuse
(c) कम उपयोग (Reduce). पुन: उपयोग (Reuse), पुन:वितरण (Redistribute)/reduce, reuse, redistribute 
 (d) कम उपयोग (Reduce). पुन: चक्रण (Recycle). पुन: उपयोग (Reuse)/reduce. recycle. reuse
उत्तर - (d)
8. यहाँ जैव-विविधता से संबंधित कुछ कथनों में से उन कथनों को चुनिए जो जैव-विविधता की संकल्पना का सही वर्णन करते हैं। 
(i) जैव-विविधता का अर्थ है किसी क्षेत्र में पाए जाने वाले पादपजात और प्राणिजात की विभिन्न स्पीशीजे 
(ii) जैव-विविधता का अर्थ है किसी क्षेत्र में पाए जाने वाला पादपजात
(iii) जैव विविधता वन में अपेक्षाकृत अधिक होती है
(iv) जैव विविधता का अर्थ है किसी क्षेत्र में पाई जाने वाली एक विशेष स्पीशीज की वष्टियों की कुल संख्या
(a) (i) और (ii) 
(b) (ii) और (iv)
(c) (i) और (iii)
(d) (ii) और (iii)
उत्तर - (c)
9. यहाँ दिए गए कथनों में से उन कथनों को चुनिए जो दीर्घोपयोगी विकास की संकल्पना का सही वर्णन करते हैं
(i) पर्यावरण को कम-से-कम क्षति पहुँचाए बिना योजनाबद्ध वृद्धि
(ii) पर्यावरण को होने वाली क्षति की सीमा की चिंता किये बिना वृद्धि
(iii) पर्यावरण का संरक्षण करने के लिए सभी विकास कार्यों को रोक देना
(iv) ऐसी वृद्धि जो सभी पणधारियों को मान्य हो 
(a) (i) और (iv)
(b) (ii) और (iii)
(c) (ii) और (iv)
(d) केवल (iii) 
उत्तर - (a)
10. हमारे देश में, बड़े-बड़े वन क्षेत्रों को साफ कर दिया गया है और पौधों की केवल एक ही स्पीशीज की खेती की जाती है। यह पद्धति प्रोत्साहित करती है
(a) क्षेत्र की जैव-विविधता को
(b) क्षेत्र में एकलकृषि को
(c) प्राकृतिक वन की वृद्धि को
(d) क्षेत्र में प्राकृतिक पारितंत्र के परीक्षण को
उत्तर - (b)
11. एक सफल वनसंरक्षण क्रियानीति में क्या शामिल होना चाहिए ? 
(a) उच्चतम पोषी स्तर के जंतुओं का संरक्षण
(b) केवल उपभोक्ताओं का संरक्षण 
(c) केवल शाकाहारियों का संरक्षण 
(d) सभी भौतिक और जैविक संघटकों के संरक्षण के लिए व्यापक कार्यक्रम 
उत्तर - (d)
12. 'चिपको आन्दोलन' से मिलने वाला महत्वपूर्ण संदेश कौन-सा है ?
(a) वन संरक्षण प्रयासों में समुदाय को शामिल करना 
(b) वन संरक्षण प्रयासों में समुदाय की उपेक्षा करना 
(c) विकास कार्यक्रमों के लिए वन के वृक्षों को काट डालना 
(d) सरकारी एजेंसियों को निर्विवाद रूप से यह अधिकार होता है। कि वे वनों के वृक्षों को काटने के लिए आदेश दे सकें
उत्तर - (a)
13. हमारे देश में नर्मदा नदी के आर-पार बने बाँधों, जैसे टेहरी और अल्माटी बाँधों की ऊँचाई बढ़ाने के प्रयत्न किए जा रहे हैं। नीचे दिए गए कथनों में से सही कथन चुनिए जिनसे इस बात का संकेत • मिलता हो कि बाँधों की ऊँचाई बढ़ाने से क्या परिणाम होंगे
(i) क्षेत्र के स्थलीय पादपजात और प्राणिजात पूरी तरह नष्ट हो जाएँगे
(ii) क्षेत्र में रह रहे लोग और पालतू जानवर अव्यवस्थित हो जाएँगे
(iii) खेती के लिए उपयोगी जमीन स्थायी रूप से नष्ट हो जाएँगे
(iv) इससे लोगों को स्थायी नौकरी मिल सकेगी
(a) (i) और (iii) 
(b) (i), (ii) और (iii)
(c) (ii) और (iv)
(d) (i), (iii) और (iv)
उत्तर - (b)
14. GAP संक्षिप्तिकरण को पूरा लिखिए-
(a) प्रदूषण नियंत्रण की सरकारी एजेंसी 
(b) प्रकाश संश्लेशण द्वारा सकल स्वांगीकरण
(c) गंगा एक्शन प्लान 
(d) प्राणि संरक्षण की सरकारी एजेंसी
उत्तर - (c)
15. गलत कथन चुनिए
(a) आर्थिक विकास का संबंध पर्यावरण संरक्षण से है
(b) दीर्घोपयोगी विकास से वर्तमान पीढ़ी के लिए विकास और भावी पीढ़ियों के लिए संसाधनों के संरक्षण को प्रोत्साहन मिलता है/
(c) दीर्घोपयोगी (संपोषित) विकास पणधारियों के दृष्टिकोणों का कोई ध्यान नहीं रखता 
(d) दीर्घोपयोगी विकास, दीर्घकालिक आयोजित और स्थायी विकास होता है
उत्तर - (c)
16. निम्नलिखित में से कौन-सा प्राकृतिक संसाधन नहीं है ?
(a) आम का वृक्ष
(b) साँप 
(c) पवन
(d) काष्ठगृह 
उत्तर - (d)
17. गलत कथन चुनिए :
(a) वनों में विभिन्न प्रकार के उत्पाद मिलते हैं
(b) वनों में अपेक्षाकृत अधिक पादप जैव-विविधता पाई जाती है
(c) वनों में मृदा संरक्षण नहीं होता 
(d) 4नों से जल संरक्षण होता है
उत्तर - (c)
18. बंगाल के अराबाड़ी वनों में किसकी बहुलता पाई जाती है ?
(a) चीड़
(b) साल 
(c) बाँस
(d) गरान ( मैंग्रोव) 
उत्तर - (b)
19. भूजल की कमी किसके कारण नहीं होती ?
(a) वनोन्मूलन
(b) ताप बिजली घर 
(c) वनों का ह्रास और वर्षा में कमी 
(d) ऐसी फसलों की खेती करना जिनके लिए अधिक पानी आवश्यकता होती है
उत्तर - (a)
20. बड़े-बड़े बाँधों के निर्माण किए जाने का विरोध किसके कारण होता है ?
(a) सामाजिक कारणों के 
(b) आर्थिक कारणों के 
(c) पर्यावरण कारणों के
(d) उपरोक्त सभी के
उत्तर - (d)
21. खादिन, बधिस, अहार और कटाव वे प्राचीन संरचनाएँ हैं जो निम्नलिखित में से किसके लिए प्रयोग की जाती थी ?
(a) अनाज भंडारण
(b) काष्ठ भंडारण
(c) जल-संभरण
(d) पेट्रोलियम, काष्ठ, सूर्य 
उत्तर - (c)
22. शब्दों के उस सही संयोजन को चुनिए जिसमें जीवाश्मी ईंधन नहीं होता :
(a) पवन, महासागर और कोयला
(b) केरोसीन, पवन और ज्वार
(c) पवन, काष्ठ, सूर्य
(d) पेट्रोलियम, काष्ठ, सूर्य
उत्तर - (c)
23. निम्नलिखित में से पारिहितैषी क्रियाकलाप चुनिए :
(a) परिवहन के लिए मोटर गाड़ी का उपयोग करना
(b) खरीददारी के लिए पोलीथिन की थैलियों का उपयोग करना
(c) कपड़े रंगने के लिए रंगों का उपयोग करना
(d) सिंचाई के लिए बिजली के उत्पादन हेतु पवन-मिलों का उपयोग करना
उत्तर - (d)
24. बाढ़ के पानी से जलमग्न नालियों के आर-पार छोटे-छोटे रोक बाँघ बनाना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वे
(i) सिंचाई के लिए पानी रोके रखते हैं
(ii) पानी रोके रखते हैं और मृदा कटाव को नहीं होने देते
(iii) भूजल का पुनर्भरण हो जाता है
(iv) पानी को स्थायी तौर पर रोके रखते हैं
(a) (i) और (iv)
(b) (ii) और (iii)
(c) (iii) और (iv)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर - (b)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (c) वे संसाधन जो प्रकृति द्वारा सीधे उपलब्ध कराए जाते हैं प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं जैसे- मृदा, जल, वायु
  • जो मानव द्वारा बनाये जाते हैं वे अप्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। जैसे- विद्युत
  • वे प्राकृतिक संसाधन जो प्रकृति में असीमित रूप से पाया जाता है उन्हें अटूट प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। जैसे-धुप, पानी, हवा
  • वे प्राकृतिक संसाधन जिनकी मात्रा प्रकृति में सीमित होती है। सम्पूर्ण प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं जैसे- कोयला, पेट्रोलियम, जंगल।
  • जिन देशों के पास प्राकृतिक संसाधन जितनी अधिक होगी विश्व में उनकी स्थिति उतनी ही मजबुत होगी ।
2. (b) विश्व का सबसे तेजी के साथ घटता जा रहा प्राकृतिक संसाधन वन है।
  • वनों की कटाई तेजी से हो रही है इसलिए घट रहा है।
  • पृथ्वी पर 71% जल पाए जाते हैं।
  • पवन नवीकरणीय ऊर्जा का उदाहरण है।
  • वन देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 24.62% है।
3. (b) प्राकृतिक संसाधन प्रकृति की एक ऐसी देन है जो मानव जाति के लिए बहुत लाभप्रद है।
  • प्राकृतिक संसाधन के कुछ उदाहरण जैसे- मृदा, जल, वायु, वन
  • प्राकृतिक संसाधन मानव जीवन के लिए आवश्यक है इसलिए इसे संरक्षित किया जाता है।
4. (a) जल में अधजली लाशों को प्रवाहित करना गंगा नदी में कालिफार्म जीवाणुओं के प्रचुर मात्रा में पाए जाने का प्रमुख कारण है।
  • कालिफार्म एक प्रकार का जीवाणु है जो कि पानी के माइक्रोबायोलॉजिकल अध्ययन के लिए सूचक अवयव के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
  • कालीफार्म विशिष्ट वैक्टीरिया का एक समूह होता है जो मिट्टी, खराब सब्जी, पशुओं का मल अथवा गन्दे सतह जल में पाया जाता है।
5. (b) सीसे की बैटरी बनाने वाली फैक्ट्री के बहिस्त्राव के कारण नदी के जल का PH मान 3.5- 4.5 हो गया है।
  • सीसे की बैटरी में H2SO4 (सल्फ्यूरिक अम्ल) पाया जाता है इसी के कारण PH मान घट जाता है।
  • सीसे की बैटरी में एक या अधिक सेल श्रेणीक्रम में जुड़े होते हैं।
  • इसका अविष्कार 1869 ई० में हुआ था।
  • इसका अविष्कार गैस्टन प्लेन्टी ने किया था।
  • ये फ्रांस के भौतिकशास्त्री थे।
6. (a) अलवणीय जलीय पौधों और जंतुओं के जीवन के लिए सबसे अधिक सहायक pH मान 7 होता है।
  • अलवणीय जलीय पौधे पर प्रकाश का गहरा प्रभाव पड़ता है।
  • अलवणीय जलीय पौधे समशीतोष्ण क्षेत्रों में जल की उपरी सतह पर जम जाती है परन्तु जीव इस हिच्छादित सतह के नीचे जीवित रहते हैं।
7. (d) वे तीन R है → कम उपयोग (Reduce), पुनः चक्रण (Recycle) तथा पुन: उपयोग (Reuse)
  • ये तीनों प्राकृतिक संसाधनों को लंबी अवधि तक संरक्षित बनाए रखने में सहायक होते हैं।
  • प्राकृतिक संसाधन का जीतना कम उपयोग होगा उतना ही ज्यादा दिन तक चलेगा।
8. (c) जैव-विविधता का अर्थ है किसी क्षेत्र में पाए जाने वाली पादपजात और प्राणीजात की विभिन्न स्पीशीजें ।
  • जैव-विविधता वन में अपेक्षाकृत अधिक होती है।
  • क्योंकि वनों में भिन्न-भिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती है।
  • वनों में भिन्न-भिन्न प्रकार के जानवर भी पाए जाते हैं।
9. (a) पर्यावरण को कम-से-कम क्षति पहुँचाए बिना योजनावद्ध वृद्धि करना।
  • ऐसी वृद्धि जो सभी पणधारियों को मान्य हो ।
  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 ई० में आया था।
  • पर्यावरण को संविधान के अनुच्छेद 48A में रखा गया है।
  • पर्यावरण को राज्य के नीति निर्देशक तत्व में रखा गया है।
10. (b) जब किसी क्षेत्र में लम्बे समय तक कम वर्षा होती है या नहीं होती है, तो इसे सुखा या अकाल कहा जाता है।
  • सुखे के कारण प्रभावित क्षेत्र की कृषी पर एवं वहाँ के पर्यावरण पर अत्यन्त प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • हमारे देश में बड़े-बड़े वन क्षेत्रों को साफ कर दिया गया है और पौधों की केवल एक ही स्पीशीज की खेती की जाती है। यह पद्धति क्षेत्र में एकल कृषी को प्रोत्साहीत करती है।
11. (d) एक सफल वन संरक्षण क्रियानीति में सभी भौतिक और जैविक संघटकों के संरक्षण के लिए व्यापक कार्यक्रम सामिल होना चाहिए।
  • वन संरक्षण अधिनियम 1980 में आया था।
  • इस समय इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री थी।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में आया था।
12. (a) चिपको आन्दोलन उत्तराखण्ड के चमोली जिला में हुआ था।
  • यह 1973 ई० में हुआ था।
  • इस आन्दोलन की शुरूआत सुन्दरलाल बहुगुणा, कामरेड गोविन्द सिंह रावत, चण्डीप्रसाद भट्ट तथा श्रीमती गौरा देवी के नेतृत्व में हुआ था।
  • यह वनों की कटाई को रोकने के लिए हुआ था।
  • इसमें महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था।
  • इस आंदोलन में महिलाएँ पेड़ों से चिपक जाती थी ताकी पेड़ों की कटाई को रोका जा सके। 
  • दक्षिण भारत में चिपको आन्दोलन पांडुरंग हेगड़े ने किया था।
  • दक्षिण भारत में चिपको आंदोलन को अप्पिको आंदोलन कहा जाता है।
13. (b) क्षेत्र के स्थलीय पादपजात और प्राणिजात पूरी तरह नष्ट हो जाऐंगे। 
  • क्षेत्र में रह रहे लोग और पालतु जानवर अव्यस्थित हो जाऐंगे।
  • खेती के लिए उपयोगी जमीन स्थायी रूप से नष्ट हो जाएगी।
14. (c) गंगा एक्सन प्लान की शुरूआत 1985 में हुआ था।
  • इस योजना के बदौलत गंगा के किनारे बसे शहरों और कारखानों में गंदे और जहरीले पानी को साफ करने के प्लांट लगाए गए है।
  • इस योजना की शुरूआत तत्कालिन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने किया था।
15. (c) दीर्घोपयोगी (संपोषित) विकाश पणधारियों के दृष्टिकोणों का कोई ध्यान नहीं रखता है।
  • जबकि आर्थिक विकाश का संबंध पर्यावरण संरक्षण से है।
  • दीर्घपयोगी विकास, दीर्घकालिक आयोजित और स्थायी विकाश होता है।
  • दीर्घोपयोगी विकास से वर्तमान पीढ़ी के लिए विकास और भावी पीढ़ियों के लिए संसाधनों के संरक्षण को प्रोत्साहन मिलता है।
16. (d) काष्ठगृह (Wooden House) प्राकृतिक संसाधन नहीं है।
  • जबकि आम का वृक्ष, साँप, पवन etc प्राकृतिक संसाधन है।
  • प्राकृतिक संसाधन वे होते हैं जो हमे प्रकृति से सीधे मिलते हैं। जैसे सूर्य का प्रकाश, हवा, जल etc.
  • अप्राकृतिक संसाधन वे होते हैं जो हमे प्रकृति से सीधे नहीं मिलते हैं। जैसे- विद्युत, मोटरकार etc.
17. (c) वनों में मृदा संरक्षण नहीं होता है यह गलत है। 
  • वनों में मृदा संरक्षण होता है।
  • वनों में विभिन्न प्रकार के उत्पाद मिलते हैं।
  • वनों में अपेक्षाकृत अधिक पादप जैव-विविधता पाई जाती है।
  • वनों से जल संरक्षण होता है।
  • वन संरक्षण अधिनियम 1980 में आया था।
  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 में आया था।
18. (b) बंगाल के अराबाड़ी वनों में साल की बहुलता पायी जाती है। 
  • चीड़ एक अनावृतबिजी पौधा है।
  • चीड़ के पेड़ पृथ्वी के उत्तरी गोलाद्ध में पाए जाते हैं।
  • बांस ग्रामीण कुल की अत्यंत उपयोगी घास है जो भारत के प्रत्येक क्षेत्र में पाई जाती है।
  • मैंग्रोव वन सबसे अधिक पश्चिम बंगाल में पाए जाते हैं।
19. (a) भुजल की कमी वनोन्मूलन के कारण नहीं होती है।
  • वृक्षारोपण के कारण मृदा में नमी बना रहता है।
  • वनों का ह्रास और वर्षा की कमी के कारण भूजल की कमी हो जाती है।
  • ताप बिजली घर के कारण भूजल की कमी हो जाती है। 
  • भारत में प्रथम परमाणु विद्युत संयंत्र की स्थापना USA की सहायता से वर्ष 1969 में महाराष्ट्र के तारापूर में की गयी थी। 
20. (d) बड़े-बड़े बांधों के निर्माण किए जाने का विरोध सामाजिक कारणों से होता है क्योंकि बांध बनने से बहुत गाँव प्रभावित हो जाते हैं।
  • बांध बनाने में बहुत ज्यादा पैसे लगते हैं इसलिए इसका विरोध आर्थिक कारणों से होता है।
  • बांध बनाने के लिए बहुत ज्यादा वनों की कटाई हो जाती या पर्यावरण का नुकसान होता है इसलिए इसका विरोध होता है।
21. (c) वर्षा जल संचयन को जल-संभरण कहते हैं।
  • खादिन राजस्थान का वर्षा जल संचयन है।
  • बधिस मध्य प्रदेश का वर्षा जल संचयन है।
  • अहार बिहार का बांध है।
  • कटाव कर्नाटक का बांध है।
  • वर्षा जल संचयन बांध बना कर किया जाता है।
  • वर्षा जल संचयन के माध्यम से हम वर्षा के जल को एक जगह इकट्ठा कर सकते हैं।
22. (c) पवन, काष्ठ, सूर्य में जीवाश्मी ईंधन नहीं होता है।
  • कोयला, केरोसीन, पेट्रोलियम सब जीवाश्म ईंधन है।
  • कोयला, केरोसीन, पेट्रोलियम अनवीकरणीय ऊर्जा का स्रोत हैं।
  • पेट्रोल, केरोसीन में ऑक्सीजन नहीं पाया जाता है।
  • सूर्य में 73% हाइड्रोजन पाया जाता है।
  • सूर्य में 25% हिलियम पाया जाता है।
23. (d) सिंचाई के लिए बिजली के उत्पादन हेतु पवन मिलों का उपयोग करना परिहितैषी क्रियाकलाप है।
  • परिवहन के लिए मोटर गाड़ी का उपयोग करना परिहितैषी क्रियाकलाप नहीं है।
  • परिहितैषी वे है जो मानव जीवन को बिना नुकसान पहुँचाए अपना काम करें।
  • कपड़े रंगने के लिए रंगों का उपयोग करना परिहितैषी नहीं है।
  • पॉलिथीन का उपयोग परिहितैषी नहीं है क्योंकि यह गलता नहीं है।
24. (b) बाढ़ के पानी से जलमग्न नदियों के आर पर छोटे-छोटे रोकबांध बनाना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि:
  • पानी रोके रखते हैं और मृदा कटाव को नहीं होने देते
  • भूजल का पूनर्भरण हो जाता है। 
  • भारत का सबसे बड़ा बांध भाखड़ा नांगल बांध है।
  • भारत का सबसे लम्बा बांध हिराकुण्ड बांध है।
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Sun, 18 Feb 2024 09:14:12 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Our Environment हमारा पर्यावरण https://m.jaankarirakho.com/923 https://m.jaankarirakho.com/923 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Our Environment  हमारा पर्यावरण
1. निम्नांकित में से कौन-सा एक कृत्रिम पारितंत्र है ?
(a) तालाब 
(c) झील
(b) खेत 
(d) वन 
उत्तर - (b)
2. एक आहार - श्रृंखला में, तीसरे पोषी स्तर पर हमेशा कौन होता है ?
(a) माँसाहारी प्राणी
(b) शाकाहारी प्राणी
(c) अपघटक
(d) उत्पादक
उत्तर - (a)
3. एक पारितंत्र में निम्नलिखित में से कौन शामिल होता है ?
(a) सभी जीवधारी 
(b) निर्जीव प्राणी
(c) जीवधारी और निर्जीव दोनों
(d) कभी जीवधारी और कभी निर्जीव वस्तुएँ 
उत्तर - (c)
4. नीचे दी गई आहार - शृंखला में, मान लीजिए कि चौथे पोषी स्तर पर ऊर्जा की मात्रा 5 kJ है, तो बताइए कि उत्पादक स्तर पर कितनी ऊर्जा उपलब्ध होगी ?
घास → टिड्डा → मेंढक → साँप → बाज
(a) 5kJ
(b) 50kJ
(c) 500kJ
(d) 5000 kJ
उत्तर - (d)
5. किसी आहार - शृंखला में गैर-जैवनिम्नीकरणीय पीड़कनाशियों का प्रत्येक उच्चतर पोषी स्तर पर बढ़ती हुई मात्रा में एकत्रित होते जाना क्या कहलाता है ?
(a) सुपोषण
(b) प्रदूषण 
(c) जैव आवर्धन 
(d) एकत्रीकरण
उत्तर - (c)
6. ओजोन परत का घटते जाना किसके कारण होता है?
(a) क्लोरोफ्लूरोकार्बन यौगिक 
(b) कार्बन मोनोक्साइड 
(c) मीथेन 
(d) पीड़कनाशी
उत्तर - (a)
7. वे जीव जो सौर ऊर्जा का प्रयोग करते हुए अकार्बनिक यौगिकों से कार्बोहाइड्रेटों का संश्लेषण कर लेते हैं, निम्नलिखित में से क्या कहलाते हैं हैं ?
(a) अपघटक
(b) उत्पादक
(c) शाकाहारी
(d) माँसाहारी
उत्तर - (b)
8. पारितंत्र में एक पोषी स्तर से अगले पोषी स्तर तक स्थानांतरित होने के लिए उपलब्ध 10% ऊर्जा किस रूप में जाती है ?
(a) ताप ऊर्जा
(b) प्रकाश ऊर्जा
(c) रासायनिक ऊर्जा
(d) यांत्रिक ऊर्जा
उत्तर - (c)
9. किसी उच्चतर पोषी स्तर जीव, जो निम्नतर पोषी स्तर के अंतर्गत आने वाले अनेक प्रकार के जीवों से अपना भरण-पोषण करते हैं, क्या बनाते हैं ?
(a) आहार-जाल
(b) पारिस्थितिक पिरैमिड
(c) पारितंत्र 
(d) आहार-शृंखला
उत्तर - (a)
10. एक पारितंत्र में ऊर्जा का प्रवाह हमेशा
(a) एक दिशा में होता है (एकदिशिक)
(b) दो दिशाओं में होता है (द्विदिशिक)
(c) अनेक दिशाओं में होता है (बहुदिशिक)
(d) किसी विशिष्ट दिशा में नहीं होता
उत्तर - (a)
11. मानव जब U V किरणों से अत्यधिक प्रभावित हो जाते हैं तब क्या हो सकता है ?
(i) प्रतिरक्षा तंत्र की क्षति
(ii) फेफड़ों की क्षति
(iii) त्वचा का कैंसर
(iv) आमाशय के अल्सर
(a) (i) और (ii)
(b) (ii) और (iv)
(c) (i) और (iii)
(d) (iii) और (iv)
उत्तर - (c)
12. पदार्थों के निम्नलिखित वर्गों में से कौन-से वर्ग/वर्गों में केवल गैर-जैवनिम्नीकरणीय वस्तुएँ शामिल है ?
(i) लकड़ी, कागज, चमड़ा
(ii) पोलीथीन, प्रक्षालक
(iii) प्लास्टिक, प्रक्षालक, घास
(iv) प्लास्टिक, बैकेलाइट, DDT
(a) (iii)
(b) (iv)
(c) (i) और (iii)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर - (d)
13. किसी आहार - शृंखला में पोषी स्तरों की संख्या को निम्नलिखित में से कौन सीमित करता है ?
(a) उच्चतम पोषी स्तर पर ऊर्जा में कमी होना
(b) भोजन की उपलब्धता मात्रा में कमी होना 
(c) प्रदूषित वायु होना
(d) जल
उत्तर - (a)
14. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सही नहीं है ? 
(a) सभी हरे पौधे और नीले-हरे शैवाल उत्पादक होते हैं
(b) हरे पौधे अपना भोजन कार्बनिक यौगिकों से प्राप्त करते हैं।
(c) उत्पादक स्वयं अपना भोजन अकार्बनिक यौगिकों से तैयार करते हैं
(d) पौधे सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदल देते हैं 
उत्तर - (b)
15. निम्नलिखित में से कौन-सा वर्ग आहार श्रृंखला का संघटक नहीं होता ? 
(i) घास, शेर, खरगोश, भेड़िया
(ii) प्लवक, मानव, मछली, टिड्डा 
(iii) भेड़िया, घास, साँप, बाघ
(iv) मेंढ़क, साँप, चील, घास, टिड्डा
(a) (i) और (iii)
(b) (iii) और (iv)
(c) (ii) और (iii)
(d) (i) और (iv)
उत्तर - (c)
16. प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए सभी हरे पौधों द्वारा अवशोषित सौर ऊर्जा की प्रतिशतता लगभग कितनी होती है ?
(a) 1% 
(b) 5%
(c) 8%
(d) 10%
उत्तर - (a)
17. दिए गए चित्र में एक पिरैमिड में विभिन्न पोषी स्तर दिखाए गए हैं । बताइए कि किस पोषी स्तर पर सबसे अधिक ऊर्जा उपलब्ध होती है ? 

(a) T4
(b) T2
(c) T1
(d) T3
उत्तर - (c)
18. नीचे दी गई आहार श्रृंखला में से यदि हिरन को निकाल दिया जाए तो क्या होगा ?
घास → हिरन → बाघ
(a) बाघ समष्टि में वृद्धि हो जाएगी 
(b) घास समष्टि घट जाएगी 
(c) बाघ घास खाने लगेंगे
(d) बाघ समष्टि घट जाएगी और घास- समष्टि में वृद्धि हो जाएगी 
उत्तर - (d)
19. किसी पारितंत्र में अपघटक
(a) अकार्बनिक पदार्थ को सरलतर रूप में बदल देते हैं
(b) जैव पदार्थ को अकार्बनिक रूप में बदल देते हैं
(c) अकार्बनिक पदार्थों को कार्बनिक यौगिकों में बदल देते हैं
(d) कार्बनिक यौगिकों का अपघटन नहीं करते 
उत्तर - (b)
20. यदि मेंढक टिड्डे को खा जाए तो ऊर्जा- स्थानांतरण किस दिशा में होगा ?
(a) उत्पादक से अपघटक की दिशा में 
(b) उत्पादक से प्राथमिक उपभोक्ता की दिशा में
(c) प्राथमिक उपभोक्ता से द्वितीयक उपभोक्ता की दिशा में 
(d) द्वितीयक उपभोक्ता से प्राथमिक उपभोक्ता की दिशा में
उत्तर - (c)
21. भोजन खाने के पश्चात् प्लास्टिक की जिन प्लेटों को फेंक दिया जाता है उन्हें दोबारा से उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि
(a) ये हल्के पदार्थ की बनी होती है 
(b) ये आविषी पदार्थ की बनी होती है 
(c) ये जैवनिम्नीकरणीय पदार्थों की बनी होती है
(d) ये गैर-जैवनिम्नीकरणीय पदार्थों की बनी होती है
उत्तर - (d)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (b) पारितंत्र (Ecosystem) का जनक आर्थर जॉर्ज टेन्सले को कहा जाता है, श्वेत (फल का मैदान) एक कृत्रिम Ecosystem का उदाहरण है।
  • सागर, महासागर, तालाब, झील, वन ये सभी प्राकृतिक पारितंत्र के उदाहरण है।
  • Ecosystem में जैविक घटक तथा अजैविक घटक का अध्ययन करते है।
  • जैविक घटक के अन्तर्गत, जन्तु, वनस्पति तथा अन्य सजीव आते है।
  • अजैविक घटक के अन्तर्गत मिट्टी, हवा, जल, सूर्य प्रकाश आते है।
2. (a) आहार श्रृंखला के अन्तर्गत तीसरा पोषी स्तर का जीव मांसाहारी होता है। जैसे : बाघ, शेर ।
  • शाकाहारी प्राणी हमेशा पोषण के लिए वनस्पति पर निर्भर रहते हैं। जैसे : गाय, भैंस, बकरी, हिरण, खरगोश ।
  • उत्पादक भोजन का निर्माण खुद करते हैं। जैसे: पेड़, पौधा, शैवाल इत्यादि ।
  • अपघटन क्रिया के द्वारा मृत कार्बनिक पदार्थ को जीवाणु तथा कवक अपघटित कर देते हैं।
  • आहार श्रृंखला में एक जीव दूसरे जीव पर भोजन के लिए आश्रित होते है।
3. (c) एक पारितंत्र (Ecosystem) के निर्माण में जैविक घटक तथा अजैविक घटक की भूमिका होती है-
  • जैविक घटक का निर्माण संसार के सभी जीवों से होता है।
  • अजैविक घटक (निर्जीव) का निर्माण हवा, मिट्टी, जल, सूर्य के प्रकाश से होता है।
  • पारितंत्र में जैविक घटक तथा अजैविक घटक एक-दूसरे पूरक होते है।
  • सभी जैविक घटक मरने के बाद अजैविक घटक में मिल जाते है।
4. (d) घास → टिड्डा → मेंढक → साँप → बाज
          5000 → 500 → 50 → 5
5. (c) आहार श्रृंखला में वैसे पदार्थ जिसका अपघटन न हो जैव अनिम्नकरणीय पदार्थ कहलाता है। जैसे : प्लास्टिक, सीसा, पॉलिथीन, DDT |
  • आहार श्रृंखला में वैसा पदार्थ जिसका अपघटन होता हो वैसे पदार्थ को जैव निम्नकरणीय पदार्थ कहते है। जैसे : मृत शरीर, गोबर, चमड़ा, कागज।
  • आहार श्रृंखला में जब पीड़कनाशी पदार्थ निम्न पोषी स्तर से उच्च पोषी स्तर पर बढ़ती है, इस क्रिया को जैव आवर्धन कहते है।
  • प्रदूषण : जब पर्यावरण में मृत कार्बनिक पदार्थ खुले वातावरण में रहते है, तो वह हमारे वातावरण को प्रदूषित करता है।
  • किसी जलाशय को पोषक तत्वों से समृद्ध करना सुपोषण कहलाता है।
6. (a) आजोन परत का क्षरण होने का मुख्य कारण CFC है।
  • CFC का निष्कासन रेफ्रिजरेटर, AC से होता है।
  • कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO) एक जहरीली गैस है ये शरीर में O2 के परिवहन को कम करता है। जिससे व्यक्ति का मौत हो जाता है।
  • CH4 एक ग्रीन हाउस गैस है, ये धान के खेत, गोबर इत्यादि में पाया जाता है ।
  • पीड़कनाशी का इस्तेमाल कीट तथा पौधे के प्रभावित करने वाले कारकों के लिए किया जाता है। यह एक जैव अनिम्नकरणीय पदार्थ है।
7. (b) अकार्बनिक यौगिकों से कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण उत्पादक के द्वारा होता है।
  • उत्पादक (पेड़, पौधा) ये अपने भोजन बनाने के लिए CO2, H2O का उपयोग कर ग्लूकोज का निर्माण करते हैं।
  • शाकाहारी प्राणी ऊर्जा के लिए पूर्णतः वनस्पति पर निर्भर रहते हैं।
  • मांसाहारी प्राणी ऊर्जा के लिए शाकाहारी प्राणी पर आश्रित रहते हैं।
8. (c) पारितंत्र में एक जीव से दूसरे जीव में ऊर्जा का स्थानांतरण रासायनिक ऊर्जा के रूप में होता है।
  • लिन्डे मान (वैज्ञानिक) के अनुसार उत्पादक का 10% ऊर्जा की अगले जीव में आता है।
  • प्रकाश ऊर्जा पृथ्वी का सबसे बड़ा ऊर्जा का स्रोत है, इसका उपयोग उत्पादक के द्वारा किया जाता है।
9. (a) उच्च पोषी स्तर के जीव जो निम्न पोषी स्तर के अंतर्गत आने वाले अनेक प्रकार के जीव से अपना भरण पोषण प्राप्त करते हैं। पारिस्थितिक पिरामिड का निर्माण करते हैं ।
  • पारितंत्र में जब घास को कीट, कीट को मेढ़क, मेढ़क को सांप, सांप को बाज खाता है, तो आहार श्रृंखला का निर्माण होता है।
  • पारिस्थितिक पिरामिड का निर्माण उत्पादक, प्राथमिक उपभोक्ता, द्वितीयक उपभोक्ता तथा तृतीयक उपभोक्ता से बनता है।
  • आहार नाल का निर्माण कई आहार श्रृंखला से होता है।
10. (a) पारितंत्र में ऊर्जा का प्रवाह एकदिशिक होता है।
  • पारितंत्र में ऊर्जा का प्रवाह उत्पादक → P.C - S.C, T.C में होता है।
  • ऊर्जा का प्रवाह घास उत्पादक → कीट, मेढ़क, सांप 
                                                  P.C   S.C   T.C
11. (c) सूर्य की पराबैंगनी किरणें प्रतिरक्षा तंत्र की क्षति तथा त्वचा का कैंसर को जन्म देता है।
  • प्रतिरक्षा तंत्र रोग प्रतिरोधी क्षमता से संबंधित है।
  • फेफड़ा की क्षति धूमपान करने से होता है। जैसे- सिगरेट, गांजा इत्यादि के सेवन से।
  • अमाशय में अल्सर HCl के प्रभाव से होता है।
12. (d) पृथ्वी पर पाए जाने वाले वैसे पदार्थ जो अपघटित न हो जैव अनिम्नकरणीय पदार्थ कहलाते है। जैसे- पॉलिथीन, प्रक्षालक, PVC, प्लास्टिक, सीसा, कीटनाशक DDT |
  • पृथ्वी पर जिसका अपघटन हो जाता है, उसे जैव निम्नकरणीय पदार्थ कहते है। जैसे- चमड़ा, गोबर, कागज, लकड़ी, मृत जानवर इत्यादि ।
  • पारा, कीटनाशक, सिंगल यूज प्लास्टिक हमारे वातावरण के लिए काफी नुकसानदायक है।
13. (a) किसी आहार श्रृंखला में उच्च पोषी स्तर से ऊर्जा में कमी होती है। अर्थात् Plant का 10% ऊर्जा P.C को मिलेगा।
  • ऊर्जा का प्रवाह        Plant     P.C     S.C     T.C
              1000 ऊर्जा              100%   10%    1%
  • ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता है।
  • लिन्डेमान के द्वारा ऊर्जा का 10% नियम दिया गया।
14. (b) पौधे तथा हरे शैवाल उत्पादक होते हैं, अर्थात् खाना खुद बनाते हैं। 
  • हरे पौधे अपना भोजन कार्बनिक यौगिकों से प्राप्त नहीं करते हैं।
  • उत्पादक अपना भोजन स्वयं CO2 तथा H2O से बनाते हैं।
  • पौधे प्रकाश संश्लेषण में सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलकर भोजन का निर्माण करते हैं ।
15. (c) आहार श्रृंखला का संघटक (11) तथा (111) नहीं है।
  • आहार श्रृंखला में घास, खरगोश, भेड़िया तथा शेर आते है।
  • घास के मैदान में टिड्डा, मेढ़क, सांप तथा चील आएंगे।
  • कई आहार श्रृंखला से आहार नाल का निर्माण होता है।
16. (a) प्रकाश संश्लेषण में हरे पौधे सौर ऊर्जा का 1% भाग का उपयोग करते हैं।
  • प्रकाश संश्लेषण दिन तथा रात दोनों समय होता है। रात के समय कृत्रिम प्रकाश से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया संभव है। 
  • प्रकाश संश्लेषण पौधा लाल रंग का उपयोग सबसे ज्यादा करता है।
  • प्रकाश संश्लेषण की क्रिया पत्तियों के स्ट्रोमा तथा ग्रेणा में सम्पन्न होती है।
  • प्रकाश संश्लेषण के समय परासरण तथा विसरण की क्रिया शुरू होती है।
  • प्रकाश संश्लेषण में पौधा CO2 का अवशोषण तथा O2 का उत्सर्जन करता है।
17. (c) पारितंत्र में सबसे अधिक ऊर्जा उत्पादक में होती है। अर्थात् पृथ्वी सबसे ज्यादा उत्पादक होता है। इसलिए पिरामिड का सबसे बड़ा भाग को T1 से सूचित किया गया है।
  • उत्पादक से ऊर्जा P.C, S. C तथा T, C में जाता है।
  • T1 उत्पादक है इसलिए सबसे ज्यादा ऊर्जा T1 में है। जबकि सबसे कम ऊर्जा T4 में होगा। 

       

18. (d) अगर आहार श्रृंखला में हिरण को निकाल दिया जाए तो बाघ की जनसंख्या घट जाएगी और घास में वृद्धि हो जाएगी।
  • सभी शाकाहारी घास पर आश्रित रहते है, और मांसाहारी शाकाहारी पर निर्भर रहते है।
  • अगर शाकाहारी प्राणी की जनसंख्या में कमी हो तो वनस्पति में वृद्धि हो जाएगी और मांसाहारी जीव की संख्या घट जाएगी।
19. (b) पारितंत्र (Ecosystem) में अपघटक का मतलब होता है, जैव पदार्थ को अकार्बनिक रूप में बदल देते है।
  • जीवाणु कवक मृत कार्बनिक पदार्थ को अकार्बनिक रूप में बदल देते है। अर्थात् जीवाणु कवक अपघटनकर्ता कहलाता है।
  • अपघटन क्रिया होने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है।
  • अपघटन क्रिया न होने पर कार्बनिक पदार्थों का चक्रण संभव नहीं है।
20. (c) अगर मेढ़क टिड्डा को खा जाता है, तो ऊर्जा का स्थानांतरण P.C से SC में होगा।
  • ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य होता है।
  • उत्पादक से ऊर्जा प्राथमिक उपभोक्ता में जाता है, और प्राथमिक उपभोक्ता से द्वितीयक उपभोक्ता में जाता है।
  • ऊर्जा का प्रवाह उत्पादक → P.C → S.C → T.C
21. (d) भोजन खाने वाली प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि ये गैर जैवनिम्नकरणीय पदार्थों की बनी होती है।
  • जैव निम्नकरणीय पदार्थ का अर्थ होता है, जिसका अपघटन होता है। 
  • गैर जैवनिम्नकरणीय पदार्थ का अर्थ होता है, जिसका अपघटन नहीं होता है। जैसे- प्लास्टिक, सीसा, DDT, कीटनाशक, पारा, पॉलिथीन ।
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Sun, 18 Feb 2024 07:53:33 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Sources of Energy ऊर्जा के स्रोत https://m.jaankarirakho.com/922 https://m.jaankarirakho.com/922 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Sources of Energy  ऊर्जा के स्रोत
1. निम्नलिखित में कौन ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत है ?
(a) लकड़ी
(b) सूर्य
(c) जीवाश्मी ईंधन 
(d) पवन 
उत्तर - (c)
2. अम्लीय वर्षा होने का कारण यह है कि
(a) सूर्य वायुमंडल की ऊपरी परतों को तप्त करना आरंभ करता है
(b) जीवाश्मी ईंधनों के जलने पर वायुमंडल में कार्बन, नाइट्रोजन व सल्फर के ऑक्साइड मुक्त होते हैं
(c) बादलों में घर्षण के कारण विद्युत उत्पन्न होते हैं
(d) पृथ्वी के वायुमंडल में अम्ल होते हैं
उत्तर - (b)
3. तापीय विद्युत संयंत्र में उपयोग होने वाला ईंधन है 
(a) जल 
(b) यूरेनियम 
(c) जैवमात्रा
(d) जीवाश्मी ईंधन 
उत्तर - (d)
4. जल विद्युत संयंत्र में
(a) संचित जल की स्थितिज ऊर्जा विद्युत में रूपांतरित हो जाती है
(b) संचित जल की गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है
(c) जल से विद्युत निष्कर्ष की जाती है 
(d) विद्युत प्राप्त करने के लिए जल को भाप में रूपांतरित किया जाता है 
उत्तर - (a)
5. ऊर्जा का अंतिम स्रोत कौन-सा है ? 
(a) जूल
(b) सूर्य
(c) यूरेनियम
(d) जीवाश्म ईंधन 
उत्तर - (b)
6. ऊर्जा के निम्नलिखित रूपों में किसकी साज-सज्जा और उपयोग की प्रक्रिया में सबसे कम पर्यावरणीय प्रदूषण होता है ?
(a) नाभिकीय ऊर्जा
(b) तापीय ऊर्जा
(c) सौर ऊर्जा
(d) भूतापीय ऊर्जा 
उत्तर - (c)
7. महासागरीय तापीय ऊर्जा का कारण है
(a) महासागर में तरंगों द्वारा संचित ऊर्जा
(b) महासागर में विभिन्न स्तरों पर ताप में अंतर 
(c) महासागर में विभिन्न स्तरों पर दाब में अंतर 
(d) महासागर में उत्पन्न ज्वार
उत्तर - (b)
8. नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग करने में प्रमुख समस्या यह है कि
(a) नाभिक को विखंडित कैसे करें
(b) अभिक्रिया को सतत कैसे बनाएँ 
(c) उपयोग के पश्चात् ईंधन का सुरक्षित कैसे करें
(d) नाभिकीय ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित कैसे करें
उत्तर - (c)
9. सौर कुकर का कौन-सा भाग पौधाघर प्रभाव के लिए उत्तरदायी है ? 
(a) बॉक्स के भीतर काली परत 
(b) दर्पण
(c) काँच की शीट 
(d) सौर कुकर का बाहरी आवरण 
उत्तर - (c)
10. बायोगैस का मुख्य अवयव है
(a) मिथेन
(b) कार्बन डाइऑक्साइड
(c) हाइड्रोजन
(d) हाइड्रोजन सल्फाइड  
उत्तर - (a)
11. पवन चक्की में उत्पन्न ऊर्जा
(a) वर्षा ऋतु में अधिक होती है क्योंकि नम वायु होने पर पंखुडियों से वायु का अधिक द्रव्यमान टकराता है
(b) मीनार (टावर) की ऊँचाई पर निर्भर करती है
(c) पवन के वेग पर निर्भर करती है
(d) मीनार के निकट ऊँचे वृक्ष लगाकर बढ़ाई जा सकती है
उत्तर - (c)
12. सही प्रकथन चुनिए 
(a) सूर्य को ऊर्जा के अक्षय (असीम) स्रोत के रूप में लिया जा सकता है 
(b) पृथ्वी के भीतर जीवाश्मी ईंधन के अनंत (असीमित) भंडार हैं
(c) जल तथा पवन शक्ति संयंत्र प्रदूषण न फैलाने वाले ऊर्जा स्रोत हैं
(d) नाभिकीय शक्ति संयंत्रों के अपशिष्टों का निपटारा आसानी से किया जा सकता है
उत्तर - (a)
13. किसी जल विद्युत शक्ति संयंत्र में अधिक विद्युत शक्ति उत्पन्न की जा सकती है यदि जल अधिक ऊँचाई से गिराया जाए, क्योंकि 
(a) इससे जल के ताप में वृद्धि हो जाती है
(b) विद्युत उत्पन्न करने के लिए अधिक स्थितिज ऊर्जा उपलब्ध हो जाती है
(c) ऊँचाई में वृद्धि होने पर जल में विद्युत की मात्रा बढ़ती जाती है
(d) जल के अधिक अणु आयनों में वियोजित होते हैं 
उत्तर - (b)
14. पवन शक्ति के संदर्भ में असत्य प्रकथन का चयन कीजिए । 
(a) खुले स्थानों पर न्यूनतम पवन ऊर्जा की अपेक्षा की जाती है
(b) अधिक ऊँचाई वाले स्थानों पर पवनों की स्थितिज ऊर्जा पवन शक्ति का स्रोत होती है
(c) पवन चक्की की पंखुड़ियों से टकराने वाली पवनें पवन चक्की में घूर्णन उत्पन्न करती हैं, इस प्रकार प्राप्त घूर्णन का उपयोग किया जा सकता है
(d) पवन चक्की की पंखुड़ियों के घूर्णन की ऊर्जा के उपयोग की एक संभावित विधि विद्युत जनित्र के टरबाइन को घुमाना है। 
उत्तर - (b)
15. निम्नलिखित में असत्य प्रकथन का चयन कीजिए
(a) हमें अधिक वृक्ष लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि पर्यावरण शुद्ध हो तथा जैवमात्रा ईंधन भी प्राप्त हो
(b) जब फसलों, वनस्पति के अपशिष्टों आदि का ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में विघटन होता है तो जैवगैस उत्पन्न होती है
(c) जैवगैस का प्रमुख अवयव एथेन है और यह अत्यधिक धुँआ उत्पन्न करती है तथा अत्यधिक राख भी शेष बच जाती है
(d) जैवमात्रा ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है
उत्तर - (c)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (c)

2. (b) अम्लीय वर्षा SO2, NO2 और CO2 के कारण होती है। 
  • अम्ल वर्षा के कारण जलीय प्राणियों की मृत्यु हो जाती है।
  • इस वर्षा के कारण खेतों और पेड़ पौधों की वृद्धि में गिरावट होती है। 
  • जर्मनी व पश्चिमी युरोप में जंगलो का नष्ट होने का कारण अम्ल वर्षा है।
  • इससे फसलों की पैदावार कम हो जाती है।
  • अम्लीय वर्षा के कारण मृदा की अम्लीयता बढ़ जाती है। जिसका मानव तथा जलीय जीवन पर विपरित प्रभाव पड़ता है।
  • ताजमहल का पीला होना अम्ल वर्षा का कारण है ।
  • अम्ल वर्षा का कारण– SO2 और NO2 है ।
3. (d) ताप विद्युत संयंत्र थर्मल पावर प्लांट ऊर्जा के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है।
  • जो विद्युत ऊर्जा का उत्पादन करने में सक्षम है।
  • ताप विद्युत केन्द्र ( Thermal Power Station) विद्युत उत्पादन संयंत्र है, प्रमुख घूर्ण (प्राइम मूवर) भाप से चलाया जाता है।
  • यह भाप कोयला, गैस को जलाकर एवं पानी को गर्म करके प्राप्त की जाती है।
  • जीवाश्म ईंधन एक प्रकार का कई वर्षों पहले बना प्राकृतिक ईंधन है।
  • जीवाश्म ईंधन पेट्रोल डीजन, कोयला, घासलेट इत्यादि के रूप में होता है।
  • इसका उपयोग वाहन चलाने, खाना पकाने, रोशनी करने आदि में किया जाता है।
4. (a) जल विद्युत संयंत्र में स्थितिज ऊर्जा विद्युत में रूपांतरित हो जाती है।
  • जल विद्युत शक्ति का श्रोत पानी है।
  • स्थितिज ऊर्जा =mgh
  • गतिज ऊर्जा = 1/2mv2
  • तनी हुई डोरी वाली धनुष में स्थितिज ऊर्जा 
  • पन बिजली संयंत्र आमतौर पर एक श्रोत पर या उसके पास स्थित होते हैं।
  • जल विद्युत उत्पादन में प्रथम राज्य आंध्र प्रदेश है।
  • जल विद्युत संयंत्र गिरते पानी के गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है।
  • जल विद्युत संयंत्र अधिकतर बांधो से संबंधित है।
  • घड़ी व स्त्रींग में स्थितिज ऊर्जा होती है।
5. (b) ऊर्जा का अंतिम श्रोत और प्रत्यक्ष श्रोत सूर्य है।
  • ऊर्जा का प्रदुषण रहित श्रोत सूर्य है।
  • जीवाश्म ईंधन से मिथेन गैस निकलती है।
  • यह पृथ्वी के लिए ऊर्जा का प्रारंभिक श्रोत है।
  • सौर ऊर्जा की सहायता से सभी हरे पौधे (उत्पादक) प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा भोजन का उत्पादन करते है।
  • युरेनियम का उपयोग परमाणु ऊर्जा में इसका उपयोग बिजली बनाने के लिए किया जाता है। 
6. (c) सबसे कम पर्यावरणीय प्रदूषण सौर ऊर्जा होता है।
  • सौर ऊर्जा को सीधे सुर्य से प्राप्त की जाती है। 
  • सुर्य की ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में बदलने को ही मुख्य रूप से सौर ऊर्जा के रूप में जाना जाता है।
  • सौर ऊर्जा पृथ्वी पर जीवन का स्त्रोत होने के साथ-साथ मनुष्य को उपलब्ध सभी प्रकार की ऊर्जा का स्त्रोत है।
  • सौर ऊर्जा के चार प्रकार है-
    1. सौर लाभ
    2. सौर तापीय ऊर्जा सौर
    3. केन्द्रीय सौर
    4. फोटोवोल्टिक ऊर्जा
7. (b) समुंद्रो अथवा महासागरो के पृष्ठ का जल सुर्य द्वारा तप्त हो जाता है, इनके गहराई वाले भाग का जल उपेक्षाकृत ठंडा होता है।
  • महासागर की गहराई फैदोमीटर से नापते हैं ।
  • समुद्र की औसत गहराई लगभग 12100 फीट है
  • OTEC का उपयोग कर महासागरीय तापीय ऊर्जा का रूपांतरण विद्युत ऊर्जा में कर जनित्र के टरबाइन को चलाने में किया जाता है ।
  • OTEC का मतलब Ocean Thermal Energy Conversion है ।
  • केवल 20°C के तापमान का अंतर प्रयोग करने योग्य ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं ।
8. (c) नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग नाभिकीय रिऐक्टर में किया जाता है, जिसके द्वारा विधुत का उत्पादन किया जाता है, जिससे कारखानों में बड़ी-बड़ी मशीनों को चलाया जाता है।
  • परमाणु ऊर्जा लोगों और पर्यावरण के लिए खतरा उत्पन्न करती है।
  • नाभिकीय ऊर्जा ग्लोबल वार्मिंग में किसी भी प्रकार का योगदान नही देती है।
  • यह नवीकरणीय ऊर्जा है।
9. (c) सौर कुकर का पौधाघर प्रभाव काँच की शीट के लिए उत्तरदायी है।
  • समतल दर्पण एक परावर्तक का काम करता है तथा सौर उष्मा को कुकर पर डालता है।
  • काँच की पट्टिका का काम पौधा घर प्रभाव पैदा करके सौर ऊर्जा को कुकर के अंदर जाने देता है।
  • लेकिन कुकर से उत्सर्जित विकिरणों को बाहर नहीं आने देता है।
  • सौर कुकर में समतल दर्पण सर्वाधिक उपयुक्त होता है।
  • सोलर कुकर में अवतल दर्पण का प्रयोग करते हैं।
  • सोलर कुकर खाना पकाने के लिए सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करता है। 
  • आग बुझाने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड का प्रयोग करते है।
  • हाइड्रोजन गैस को भविष्य का ईंधन कहा जाता है।
  • मिथेन गैस कोयला के खाद्यान में पाया जाता है।
10. (a) बायोगैस का मुख्य अवयव मिथेन (CH4) है।
  • बायोगैस विभिन्न घटको का मिश्रण है।
  • इसके प्रमुख घटक, मिथेन ( 55 – 75% ), कार्बन डाई ऑक्साइड ( 25 – 50% ) है, और कुछ मात्रा में हाईड्रोजन, नाइट्रोजन सल्फाइड, अमोनिया पायी जाती है।
  • गाय जुगाली करते समय मिथेन का उत्पन्न होना।
  • हाइड्रोजन का ऊष्मीय ईंधन मान उच्च होता है । (150KJ/Kg)
  • मिथेन धान के खेत में तथा दलदली जगह पर पाया जाता है ।
11. (c) पवन चक्की में उत्पन्न ऊर्जा पवन के वेग पर निर्भर करती है।
  • पवन चक्की बहुत कम मात्रा में बिजली का उत्पादन कर पाती है।
  • पवन ऊर्जा एक अक्षय ऊर्जा स्त्रोत है, जो पर्यावरण के अनुकूल और साफ है।
  • पवन ऊर्जा स्वच्छ ऊर्जा का एक स्त्रोत है।
  • जहाँ पर्याप्त मात्रा में पवन (हवा) चलती हो वहाँ पवन चक्की को स्थापित किया जा सकता है।
  • एक बड़ी पवन चक्की करीब 3.4 मेगावॉट बिजली पैदा करने में सक्षम है।
  • पवन ऊर्जा के क्षेत्र में प्रथम राज्य तमिलनाडु है ।
12. (a) सूर्य की रोशनी स्वतः ही पृथ्वी पर आती रहती है, जिसे अगर हम सौर ऊर्जा में परिवर्तित न भी करे तो भी यह पृथ्वी में आते ही रहेगी।
  • इस ऊर्जा के उपयोग से किसी भी प्रकार का नुकसान नही होता है, इसे भी अक्षय ऊर्जा ही माना जाता है।
  • अक्षय ऊर्जा के 7 प्रकार है-
    1. प्रकाश ऊर्जा
    2. यांत्रिक ऊर्जा
    3. गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा
    4. विधुत ऊर्जा
    5. ध्वनी ऊर्जा
    6. रासायनिक ऊर्जा
    7. परमाणु ऊर्जा
  • सूर्य के अन्दर उपस्थित हाइड्रोजन जुड़कर He में परिवर्तित होता है।
  • सूर्य से ऊर्जा का उत्पादन संलयन विधि द्वारा होता है।
  • जीवाश्म ईंधन एक प्रकार का कई वर्षों पहले बना प्राकृतिक ईंधन है।
  • जीवाश्म ईंधन का उपयोग वाहन चलाने, खाना पकाने, रोशनी करने आदि में किया जाता है।
  • पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा करने में लगे समय को सौर वर्ष कहा जाता है ।
13. (b) गिरते हुए या बहते हुए जल की गतिज ऊर्जा से जो विद्युत ऊर्जा उत्पन्न की जाती है, उसे जल विद्युत कहते हैं 
  • भारत में पहला जल विद्युत शक्ति गृह 1897 में प० बंगाल के सिद्रोपोग में स्थापित किया गया था।
  • जल विद्युत शक्ति ऊर्जा का सबसे सख्त एवं प्रदूषण मुक्त तथा अक्षय श्रोत है।
    1. वर्ष भर नदी में पर्याप्त मात्रा में जल हो ।
    2. जल विद्युत उत्पन्न करने के लिए जल को ऊँचे स्थान से गिराया जाता है।
  • बांध में स्थितिज ऊर्जा होती है ।
  • स्थितिज ऊर्जा = mgh
  • भारत में पहला जल विद्युत शक्ति गृह 1897 में दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल के सिद्रापोग में स्थापित किया गया था ।
  • दूसरा जल विद्युत गृह शिवसमुद्रम कावेरी नदी पर बनाया गया ।
14. (b) पवन की वह ऊर्जा जिसका उत्पादन पवन चक्कियों के माध्यम से होता है।
  • प्रायः पवन चक्कियां इससे विजली का उत्पादन करती है।
  • एक बड़ी पवन चक्की करीब 3.4 मेगावॉट बिजली पैदा करने में सक्षम है।
  • पवन शक्ति आज विश्व का सबसे तेजी से बढ़ता ऊर्जा स्त्रोत है।
  • 1990-1955 के दौरान 20% प्रति वर्ष की दर से पवन शक्ति से बिजली बनाने की अतिरिक्त क्षमता पैदा की गई।
15. (c) जैव गैस का प्रमुख अवयव मिथेन है।
  • वायो गैस का उपयोग ईंधन के रूप में एवं वाहनो को चलाने में किया जाता है।
  • जैव गैस एक जैव रासायनिक प्रक्रम द्वारा बनाया जाने वाला होता है, जो ईंधन में उपयोग होता है।
  • जैव गैस में मिथेन 50-75% तक होती है।
  • कार्बन डाई ऑक्साइड 25 45% तक होती है।
  • हाइड्रोजन में 0-1% तक होती है।
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Sun, 18 Feb 2024 06:40:40 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Magnetic Effects of Electric Current विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव https://m.jaankarirakho.com/921 https://m.jaankarirakho.com/921 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Magnetic Effects of Electric Current विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव
1. चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के संबंध में निम्न में से असत्य प्रकथन का चयन कीजिए-
(a) किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा वह होती है जिस ओर किसी चुंबकीय दिक्सूची का उत्तर ध्रुव संकेत करता है
(b) चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ बंद वक्र की होती हैं
(c) यदि चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ समांतर तथा समदूरस्थ हैं, तो वे शून्य क्षेत्र तीव्रता को निरूपित करती हैं
(d) चुंबकीय क्षेत्र की आपेक्षिक प्रबलता क्षेत्र रेखाओं की निकटता की कोटि द्वारा दर्शायी जाती है
उत्तर - (c)
2. यह चित्र की व्यवस्था में प्लग से कुंजी निकाल कर (परिपथ को खोल कर) क्षैतिज तल ABCD पर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ खींचें तो ये रेखाएँ होती हैं-

(a) संकेंद्री वृत्त
(b) दीर्घवृत्ताकार
(c) एक दूसरे के समांतर सरल रेखाएँ
(d) बिंदु O के निकट संकेंद्री वृत्त परंतु दूर जाने पर दीर्घवृत्ताकार
उत्तर - (c)
3. कागज के तल के लंबवत् तल में रखे वृत्ताकार पाश में कुंजी को बंद करने पर धारा प्रवाहित होती हैं। बिंदु A तथा B (जो कागज के तल में तथा पाश के अक्षर पर हैं) से देखने पर पाश में प्रवाहित धारा क्रमशः वामावर्त तथा दक्षिणावर्त है। चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ B से A की ओर संकेत करती हैं। परिणामी चुंबक का उत्तर ध्रुवु उस पर फलक पर होगा जो निकट है-

(a) बिंदु A के
(b) बिंदु B के 
(c) बिंदु A के यदि धारा कम है, तथा बिंदु B के यदि धारा अधिक है 
(d) बिंदु B के यदि धारा कम है, तथा बिंदु A के यदि धारा अधिक है
उत्तर - (a)
4. किसी लंबी सीधी परिनालिका में धारा प्रवाहित करने पर इसके दोनों सिरों पर N तथा S ध्रुव बन जाते है। निम्न में से कौन-सा असत्य प्रकथन है ?
(a) परिनालिका के भीतर क्षेत्र रेखाएँ, सरल रेखाओं के रूप में होती हैं जो यह निर्दिष्ट करता हैं कि परिनालिका के भीतर सभी बिंदुओं पर चुंबकीय क्षेत्र समान होता है। 
(b) परिनालिका के भीतर उत्पन्न प्रबल चुबंकीय क्षेत्र का उपयोग चुंबकीय पदार्थ जैसे नर्म लोहे के टुकड़ों को, परिनालिका के भीतर रखकर, चुंबकित करने में किया जा सकता है 
(c) परिनालिका से संबद्ध चुंबकीय क्षेत्र का पैटर्न छड़ चुंबक के चारों ओर के चुंबकीय क्षेत्र के पैटर्न से भिन्न होता है 
(d) परिनालिका में प्रवाहित धारा की दिशा उत्क्रमित करने पर N तथा S ध्रुवों की अदला-बदली हो जाती है।
उत्तर - (c)
5. चित्र में दर्शाए अनुसार कागज के तल में बाएं से दायीं ओर संकेत करते हुए कोई एक समान चुंबकीय क्षेत्र है। चित्र में दर्शाए अनुसार एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन इस चुंबकीय क्षेत्र में गति करते हैं । इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन द्वारा अनुभव बलों की दिशाएँ क्या है ? 

(a) दोनों पर कागज के तल की ओर संकेत करते हुए 
(b) दोनों कागज के तल से बाहर की ओर संकेत करते हुए 
(c) इलेक्ट्रॉन पर कागज के तल की ओर तथा प्रोटॉन पर कागज के तल से बाहर की ओर संकेत करते हुए 
(d) इलेक्ट्रॉन पर एक समान चुंबकीय क्षेत्र की दिशा के विपरीत तथा प्रोटॉन पर क्षेत्र की दिशा के अनुदिश संकेत करते हुए 
उत्तर - (a)
6. व्यापारिक विद्युत मोटरों में निम्नलिखित में से किसका उपयोग नहीं किया जाता है ?
(a) आर्मेचर को घूर्णित करने के लिए विद्युत चुंबक
(b) विद्युतवाही कुंडली में चालक तार के फेरों की प्रभावी अधिक संख्या
(c) आर्मेचर को घूर्णित करने के लिए स्थायी चुंबक
(d) कुंडली को लपेटने के लिए नर्म लोह या कोर
उत्तर - (c)
7. चित्र में दर्शायी गयी व्यवस्था में दो कुंडलियाँ किसी अचालक बेलनाकार छड़ पर लिपटी हैं। आरंभ में प्लग में कुंजी नहीं लगी है। इसके पश्चात् प्लग में कुंजी लगाकर फिर हटा ली जाती है। तब 

(a) गैल्वेनोमीटर में सदैव विक्षेप शून्य रहता है
(b) गैल्वेनोमीटर में क्षणिक विक्षेप होता है परंतु यह शीघ्र ही समाप्त हो जाता है तथा प्लग को हटाने पर इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है ।
(c) गैल्वेनोमीटर में क्षणिक विक्षेप होते हैं जो शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं। ये विक्षेप समान दिशा में होते हैं
(d) गैल्वेनोमीटर में क्षणिक विक्षेप होते हैं जो शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं। ये विक्षेप विपरीत दिशाओं में होते हैं
उत्तर - (d)
8. निम्नलिखित में असत्य प्रकथन का चयन कीजिए-
(a) प्रेरित धारा की दिशा जानने के लिए फ्लेमिंग दक्षिण हस्त नियम एक सरल नियम है
(b) धारावाही चाल के चुंबकीय क्षेत्र की दिशा जानने के लिए दक्षिण हस्त अंगुष्ठ नियम उपयोग किया जाता है 
(c) दिष्ट तथा प्रत्यावर्ती धाराओं में यह अंतर है कि दिष्ट धारा सदैव की ही दिशा में प्रवाहित होती है, जबकि प्रत्यावर्ती धारा की दिशा आवर्ती रूप से उत्क्रमित होती है 
(d) भारत में प्रत्यावर्ती धारा में प्रत्येक 1/50 सेकंड के पश्चात दिशा परिवर्तन होता है
उत्तर - (d)
9. चित्र में दर्शाए अनुसार कागज के तल में स्थित किसी क्षैतिज तार में पूर्व से पश्चिम की ओर कोई नियत धारा प्रवाहित हो रही है। चुबंकीय क्षेत्र की दिशा उत्तर से दक्षिण की ओर उस बिंदु पर होगी जो-

(a) तार के ठीक ऊपर है
(b) तार के ठीक नीचे है 
(c) कागज के तल में तार के उत्तर में स्थित है
(d) कागज के तल में तार के दक्षिण में स्थित है
उत्तर - (c)
10. किसी लंबी सीधी धारावाही परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता
(a) केंद्र की अपेक्षा सिरों पर अधिक होती है
(b) मध्य में सबसे कम होती है
(c) सभी बिंदुओं पर समान होती है
(d) एक सिरे से दसूरे सिरे की ओर बढ़ती जाती है
उत्तर - (c)
11. AC जनित्र को DC जनित्र में परिवर्तित करने के लिए -
(a) विभक्त वलय दिक्परिवर्तक का उपयोग किया जाता है 
(b) सर्पी वलयों एवं ब्रुशों का उपयोग किया जाता है
(c) अधिक प्रबल चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग किया जाता है
(d) तार के आयताकार पाश का उपयोग किया जाता है
उत्तर - (a)
12. घरेलु संधारित्रों को लघुपथन अथवा अतिभारण से बचाने के लिए उपयोग किया जाने वाला सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय क्या है ?
(a) भूसंपर्कण 
(b) फ्यूज़ का उपयोग 
(c) स्टैबिलाइजर (Stabilizer) का उपयोग
(d) विद्युत मोटरों का उपयोग
उत्तर - (b)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (c) यदि चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ समांतर तथा समदुरस्थ हैं, तो वे समान ( एक ही) क्षेत्र तीव्रता को निरूपित करती है। न की शून्य।
  • किसी चुंबक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें किसी चुंबकीय बल का अनुभव किया जाए, चुम्बक का चुंबकीय क्षेत्र होता है।

       

  • चुम्बकीय बल रेखाएँ सदैव चुंबक के उत्तरी ध्रुव से निकलती है तथा वक्र बनाती हुई चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश करती है।
  • और पुन: चुंबक के अंदर से होती हुई वापस उत्तरी ध्रुव पर लौट आती है।
  • अतः चुंबकीय बल रेखाएँ बन्द वक्र बनाती है।
  • जबकी विद्युतीय बल रेखाएँ बन्द नहीं बनाती बल्की खुली रेखाएँ बनाती है।
  • चुंबकीय बल रेखाएँ एक-दूसरे को आपस में कभी नहीं काटती है।
  • चुंबक के ध्रुव (उत्तरी या दक्षिणी) के निकट चुंबकीय बल प्रबल होती है क्योंकि चुंबकीय बल रेखाएँ पास-पास होती है।
  • लेकिन चुंबक के बीच में चुम्बकीय प्रबलता बहुत कम होती है, ध्रुवों के अपेक्षा ।
2. (c) दिए गए व्यवस्था में प्लग से कुंजी निकाल कर (परिपथ को खोल कर) क्षैतिज तल ABCD पर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ खींचें तो ये रेखाएँ एक दूसरे के समांतर सरल रेखाएँ होती है।
  • दाहिने हाथ का अंगूठा नियम-यदि हम दायें हाथ की पकड़ में होने वाले रैखिक तार चालक की कल्पना करते हैं, ताकि अंगूठा धारा की दिशा में इंगित हो तो चालक के चारों ओर उंगलियों की वक्रता चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा का प्रतिनिधित्व करेगी।
  • चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक धारा वाहक एक सीधे चालक के चारों ओर संकेंद्रित वृत्त के रूप होती हैं।

         

  • जब कुंजी को बाहर निकाला जाता है तो सीधे चालक के माध्यम से कोई धारा प्रवाहित नहीं होता है।
  • अतः उसके कारण सतह ABCD में कोई चुंबकीय क्षेत्र नहीं होता है।
  • केवल मौजूद चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र होता है जो सतह ABCD के समान होता।
  • और इसके कारण क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे के समांतर सीधी रेखाएँ होती है।
3. (a) चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ B से A की ओर संकेत करती है। परिणामी चुंबक का उत्तरी ध्रुव उस फलक पर होगा जो बिंदु A के निकट है।
  • चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ A से निकलती हैं और B में प्रवेश करती है।
  • क्योंकि A से धारा वामावर्त है जबकि B से घड़ी की सूई दक्षिणावर्त है।
  • परिपाटी के अनुसार, चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से निकलकर दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश करती है।
  • धारा में अंतर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं को प्रभावित कर सकता है लेकिन ध्रुव (Pole) वही रहेगा।
  • क्योंकि A में धारा वामावर्त्त है इसलिए दाहिने हाथ के अंगूठे के नियम के अनुसार यह उत्तरी ध्रुव के रूप में कार्य करता है।
  • जबकि B दक्षिणी ध्रुव के रूप में कार्य करता है।
  • चुम्बकत्व के लिए गैस का नियम किसी बन्द पृष्ठ से गुजरने वाला कुल चुंबकीय फ्लक्स सदैव शून्य होता है
4. (c) परिनालिका में धारा प्रवाहित करने पर इसके दोनों सिरो पर N (उत्तरी ध्रुव) तथा S (दक्षिणी ध्रुव) बन जाते है।
  • परिनालिका-यह एक प्रकार का छड़ चुम्बक के जैसा ही व्यवहार करता है।
  • परिनालिका के N तथा S ध्रुवों को प्रवाहित धारा की दिशा बदलकर बदला जा सकता है।
  • धारा को बढ़ाने पर परिनालिका के चुम्बकीय तीव्रता बढ़ाई जा सकती है तथा घटाने पर घटायी जा सकती है।
  • परिनालिका में चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से निकलकर दक्षिणी ध्रुव पर जाती है।
  • फिर परिनालिका के भीतर से होते हुए पुनः उत्तरी ध्रुव पर पहुँच जाती है।
  • परिनालिका के भीतर उत्पन्न प्रबल चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग चुंबकीय पदार्थ जैसे नर्म लोहे के टुकड़ों को, परिनालिका के भीतर रखकर, चुंबकीय करने में किया जाता है।
  • स्थायी चुंबक स्टील से बनाई जती है।
  • क्योंकि स्टील की धारण शक्ति, नर्म लोहे की अपेक्षा बहुत अधिक होती है।
  • स्थायी चुंबक बनाने के लिए स्टील, कोबाल्ट व निकिल धातुओं से बनाई जाती है।
  • स्टील कोबाल्ट तथा निकिल का मिश्रित करके स्थायी चुंबक बनाई जाती है।
5. (a) इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन द्वारा अनुभव बलों की दिशाएँ दोनों पर कागज के तल की ओर संकेत करते हैं।
  • बल की दिशा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा के लिए लंबवत् है, जो फ्लेमिंग के बाएँ हाथ के नियम द्वारा दी जाती है।
  • इसलिए यहाँ जब चुंबकीय क्षेत्र और धारा एक दूसरे के लंबवत् होते हैं।
  • तो दोनों प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन द्वारा अनुभव बल कागज के तल की ओर अनुभव करेगा।
  • क्योंकि वे दोनों चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत् हैं, क्योंकि ये दोनों विपरीत दिशाओं में है।
  • जब प्रोटॉन को विद्युत चुंबकीय क्षेत्र के बीच से गुजारा जाता है तो यह –ve की ओर मुड़ जाता है।
  • विद्युत चुम्बक का उपयोग मोटर, डायनेमों, मिक्सर तथा पंखों में किया जाता है।
6. (c) व्यापारिक विद्युत मोटरों में आर्मेचर को घूर्णित करने के लिए स्थायी चुम्बक का उपयोग नहीं किया जाता है ।
  • विद्युत मोटरों में आर्मेचर को घूमाने के लिए हमेशा विद्युत चुंबक का उपयोग किया जाता।
  • विद्युत चुंबक में जितनी ज्यादा फेरों की संख्या होगी चुंबकीय तीव्रता उतनी ही अधिक होगी।

   

7. (d) यदि प्लग में कुंजी लगाकर फिर हटा ली जाती है तब गैल्वेनोमीटर में क्षणिक विक्षेप होते हैं जो शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं। ये विक्षेप विपरीत दिशाओं में होते है।
  • गैल्वेनोमीटर एक विक्षेपण के माध्यम से परिपथ में विद्युत प्रवाह की उपस्थिति को दर्शाता है।
  • कुंजी लगाने पर विक्षेपण देखा जाता है और कुंडली-2 में धारा विपरीत दिशा में प्रवाहित हो रही है।
  • गैल्वेनोमीटर विद्युत धारा की उपस्थिति का पता लगाता है।
  • जबकि एमीटर विद्युत धारा को मापता है।
  • एमीटर में बहुत ही नगण्य प्रतिरोध जोड़ा जाता है। जबकि Volt meter (वोल्टमीटर) में अति उच्च प्रतिरोध जोड़ा जाता है।
  • एमीटर में प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है।
  • जबकि वोल्टमीटर में प्रतिरोध समानांतर क्रम में जोड़ा जाता है।
8. (d) भारत में प्रत्यावर्ती धारा 50Hz की आवृति के साथ 1/100 sec के बाद बदलती है।  
  • अत: भारत में प्रत्यावर्ती धारा में प्रत्येक 1/50sec के पश्चात दिशा परिवर्त्तन होता है। यह गलत कथन होगा।
  • फ्लेमिंग के दाहिने हाथ के नियम से ज्ञात है की जब कुंडली की गति की दिशा चुम्बकीय क्षेत्र के दाहिने कोण पर होती है तो दिष्ट धारा सबसे अधिक पाई जाती है।
  • प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग बिना किसी हानि के लम्बे समय तक तथा लम्बी दूरी तक संचारित करने में किया जाता है।
  • AC (प्रत्यावर्ती धारा) का मान समय के साथ बदलता है।
  • AC का उपयोग आमतौर पर घरों में बल्बों, कूलर, पंखे, TV आदि चलाने में किया जाता है।
  • DC (Direct Current) का मान तथा दिशा नियत रहते है, समय के साथ नहीं बदलते है।
  • हमारे घरों में बिजली AC से आती है लेकिन बैटरी में संचित DC धारा को करते है।
  • DC का उपयोग इलेक्ट्रोप्लेटिंग में उपयोग करते हैं। 
  • AC (करेंट) की फ्रीक्वेंसी की वजह से खतरनाक होता है।
  • DC में कोई फ्रिक्वेंसी नहीं होती जिसके कारण सुरक्षित होता।

9. (c) विद्युत् आवेश से युक्त किसी वस्तु धारा उत्पन्न भौतिक क्षेत्र चुम्बकीय क्षेत्र (electromagnetic field या EMF या EM field) कहा जाता है।

  • विद्युत चुम्बकीय बल प्रकृति में पाये जाने वाले चार प्रकार के मूलभूत बलों या अन्तः क्रियाओं में से एक है। अन्य तीन मूलभूत बल है (1) प्रबल अन्योन्यक्रिया, (2) दुर्बल अन्योन्यक्रिया तथा गुरुत्वाकर्षण।
  • विद्युत स्थैतिक बल - जो स्थिर आवेशों पर लगता है |
  • चुम्बकीय बल जो केवल गतिमान आवेशों पर लगता है।
  • विद्युत चुंबकीय विकिरण - निर्वात (Pace) एवं अन्य माध्यमों से स्वयं प्रसारित तरंग होती है। इसे प्रकाश भी कहा जाता है।
  • किंतु वास्तव में प्रकाश, विद्युत चुंबकीय विकिरण का एक छोटा सा भाग है।
  • दृश्य प्रकाश, एक्स-किरण, गामा- किरण, रेडियो तरंगे आदि सभी विद्युत चुम्बकीय तरंगे है।
10. (c) परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता सभी बिंदुओं पर समान होती है।
  • परिनालिका के अंदर की ओर एक समांतर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ होती है।
  • जो एक समान चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण करती है।
  • जिसमें ज्ञात है, कि यह सभी बिंदुओं पर समान है।
  • छड़ चुम्बक में यह देखा जाता है जब चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक कुंडली बनाते हुए आपस में मिल जाती है तो चुम्बकीय क्षेत्र सिरों पर प्रबल होता है।
  • लेकिन परिनालिका में रेखाएँ समांतर होती है इसलिए यह सभी स्थानों पर एक समान रहती है ।
  • छड़ चुम्बक के मध्य में चुम्बकीय तीव्रता कम होती है।
  • परिनालिका के अंदर एक समान चुंबकीय क्षेत्र होता।
11. (a) AC जनित्र को DC जनित्र में परिवर्त्तित करने के लिए विभक्त वलय दिक्परिवर्त्तक का उपयोग किया जाता है।  
  • दिक सूचक सर्पी वलय का उपयोग किया जाना चाहिए।
  • इस व्यवस्था के साथ, एक ब्रुश हर समय क्षेत्र में ऊपर की ओर एक गतिमान हाथ के साथ सम्पर्क में रहता है।
  • दूसरा नीचे की ओर गतिमान हाथ के सम्पर्क में रहता है।
  • इस प्रकार एक दिशात्मक धारा उत्पन्न होता है जिसे दिष्ट धारा जनित्र कहते हैं।
  • सर्पी वलयों एवं ब्रुशों का उपयोग विद्युत मोटर में किया जाता है, विद्युत जनित्र में नहीं।
  • एक दिशात्मक प्रवाह उत्पन्न करने के लिए सर्पी वलय की आवश्यकता होती है।
  • जनरेटर एक यांत्रिक उपकरण जो यांत्रिक ऊर्जा से AC विद्युत शक्ति में परिवर्तित करता है।
  • जबकि DC जनरेटर यांत्रिक ऊर्जा को DC में परिवर्तित करता है।
  • AC जनरेटर को अल्टरनेटर भी कहा जाता है।
  • उत्पन्न विद्युत ऊर्जा एक प्रत्यावर्ती धारा साइन सॉइडल आउटपुट तरंग के रूप में होती है।
  • अगर शरीर सूखा है तो प्रतिरोध 100000 ओम होगा।
  • ऐसे में 220 वोल्ट छुएंगे तो सिर्फ 220 ÷ 100000 = 2.2 मिली एम्पीयर का करंट लगेगा जो हल्का झटका देगा।
  • AC जनरेटर विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत के आधार पर काम करता है।
12. (b) विद्युत परिपथ में लगा फ्यूज परिपथ तथा संधारित्र को अतिभारण के कारण होने वाली क्षति से बचाता है।
  • विद्युत्मय तार और उदासीन तार के सीधे संपर्क में आने पर अतिभारण हो सकता है।
  • यह तब होता है जब तारों को विद्युत शोधन क्षतिग्रस्त या उपकरण में कोई भ्रंश (खराबी) हो जाता है।
  • भू संपर्कण - यह सुनिश्चित करता है कि यदि उपकरण में कोई विद्युत का क्षरण होता है तो उपकरण अतिरिक्त धारा को भूसंपर्कण में प्रवाहित कर दें।
  • जिससे उपयोगकर्ता को विद्युत का गंभीर झटका नहीं लग सकता।
  • लेकिन लघुपथन के लिए फ्यूज की सुरक्षा आवश्यक है।
  • स्टेबलाइजर का उपयोग उपकरणों को उच्च वोल्टता की विद्युत से बचाने में किया जाता है।
  • विद्युत मीटरों का उपयोग विशेष रूप से घरों में उपयोग की जाने वाली विद्युत धारा को मापता है।
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Sun, 18 Feb 2024 06:25:21 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Electricity विद्युत https://m.jaankarirakho.com/920 https://m.jaankarirakho.com/920 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Electricity  विद्युत
1. चित्र में दर्शाए अनुसार तीन विद्युत परिपथों में कोई सेल, प्रतिरोधक, कुंजी तथा ऐमीटर भिन्न प्रकार से व्यवस्थित हैं। ऐमीटर द्वारा रिकार्ड की गयी धारा-

(a) (i) में अधिकतम होगी
(b) (ii) में अधिकतम होगी
(c) (iii) में अधिकतम होगी
(d) सभी प्रकरणों में समान होगी 
उत्तर - (d)
2. निम्न परिपथों चित्र में 12V बैटरी से जुड़े प्रतिरोधक अथवा प्रतिरोधकों के संयोजन में उत्पन्न ऊष्मा होगी-

(a) सभी प्रकरणों में समान
(b) प्रकरण (i) में निम्नतम 
(c) प्रकरण (ii) में अधिकतम
(d) प्रकरण (iii) में अधिकतम
उत्तर - (d)
3. किसी दिए गए धातु के तार की वैद्युत प्रतिरोधकता निर्भर करती है तार
(a) की लंबाई पर 
(b) की मोटाई पर
(c) की आकृति पर 
(d) के पदार्थ की प्रकृति पर
उत्तर - (d)
4. किसी विद्युत बल्ब के फिलामेंट द्वारा 1A धारा ली जाती है । फिलामेंट की अनुप्रस्थ काट से 16 सेकंड में प्रवाहित इलेक्ट्रॉनों की संख्या होगी लगभग-
(a) 1020
(b) 1016
(c) 1018
(d) 1023
उत्तर - (a)
5. उस परिपथ (चित्र) को पहचानिए जिसमें वैद्युत अवयव उचित प्रकार से संयोजित हैं-

(a) (i)
(b) (ii)
(c) (iii)
(d) (iv)
उत्तर - (b)
6. पाँच प्रतिरोधकों, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 1/5Ω है, का उपयोग करके कितना अधिकतम प्रतिरोध बनाया जा सकता है ? 
(a) 1/5 Ω
(b) 10 Ω
(c) 5 Ω
(d) 1 Ω
उत्तर - (d)
7. पाँच प्रतिरोधकों, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 1/5Ω है, का उपयोग करके कितना निम्नतम प्रतिरोध बनाया जा सकता है?
(a) 1/5 Ω
(b) 1/25 Ω
(c) 1/10 Ω
(d) 25 Ω
उत्तर - (b)
8. अधिकतम विभव प्राप्त करने के लिए सेलों के श्रेणी संयोजन चित्र को उचित रूप में निरूपित करने वाला संयोजन कौन सा है?

(a) (i)
(b) (ii)
(c) (iii)
(d) (iv)
उत्तर - (a)
9. लंबाई l तथा एक समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल A के किसी बेलनाकार चालक का प्रतिरोध R है। समान पदार्थ के किसी अन्य चालक, जिसकी लंबाई 21 तथा प्रतिरोध R है, की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल क्या है?
(a) A/2 
(b) 3A/2
(c) 2A
(d) 3A
उत्तर - (c)
10. यदि किसी प्रतिरोधक से प्रवाहित धारा में 100% वृद्धि कर दी जाए (यह मानिए कि ताप अपरिवर्तित रहता है) तो क्षयित ऊर्जा में कितनी वृद्धि होगी?
(a) 100%
(b) 200%
(c) 300%
(d) 400% 
उत्तर - (c)
11. प्रतिरोधकता में कब परिवर्तन नहीं होता?
(a) पदार्थ परिवर्तित होने पर
(b) ताप परिवर्तित होने पर 
(c) प्रतिरोधक की आकृति में परिवर्तन होने पर 
(d) पदार्थ तथा ताप दोनों में परिवर्तन होने पर
उत्तर - (c)
12. किसी विद्युत परिपथ में विद्युत स्रोत के साथ तीन तापदीप्त बल्ब A, B, C जिनके अनुक्रमांक क्रमश: 40W, 60W तथा 100W हैं, पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। इनकी चमक के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है ?
(a) सभी बल्बों की चमक समान होगी 
(b) बल्ब A की चमक अधिकतम होगी 
(c) बल्ब B की चमक बल्ब A की तुलना में अधिक होगी 
(d) बल्ब C की चमक बल्ब B की तुलना में कम होगी
उत्तर - (c)
13. किसी विद्युत परिपथ में दो प्रतिरोधक जिनके प्रतिरोध क्रमश: 2 Ω तथा 4 Ω हैं, 6 Ω बैटरी से श्रेणीक्रम में संयोजित हैं। 4 Ω प्रतिरोधक द्वारा 5 s में कितनी ऊष्मा क्षय होगी?
(a) 5 J
(b) 10 J
(c) 20 J
(d) 30 J 
उत्तर - (c)
14. कोई विद्युत केतली 220 V पर प्रचलित होने पर 1 kw विद्युत शक्ति उपयुक्त करती है। इसके लिए किस अनुमतांक के फ्यूज तार का उपयोग किया जाना चाहिए?
(a) 1A
(b) 2A
(c) 4A
(d) 5A
उत्तर - (d)
15. 2 Ω तथा 4 Ω प्रतिरोध के दो प्रतिरोधकों को किसी बैटरी से संयोजित करने पर यदि ये प्रतिरोधक-
(a) पार्श्वक्रम में संयोजित हों तो इनसे समान धारा प्रवाहित होगी
(b) श्रेणीक्रम में संयोजित हों तो इनसे समान धारा प्रवाहित होगी 
(c) श्रेणीक्रम में संयोजित हों तो इनके सिरों पर समान विभवांतर होगा 
(d) पार्श्वक्रम में संयोजित हों तो इनके सिरों पर विभिन्न विभवांतर होंगे 
उत्तर - (b)
16. विद्युत शक्ति के मात्रक को इस प्रकार भी व्यक्त किया जा सकता है -
(a) वोल्ट ऐम्पियर 
(b) किलोवाट घंटा 
(c) वाट सेकंड
(d) जूल सेकंड 
उत्तर - (b)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (d) धारा श्रेणी परिपथ में समान रहती है, जबकि voltage समानांतर परिपथ में समान रहती है।
  • ऐमीटर हमेशा श्रेणी क्रम में जुड़ा रहता है। यह धारा (I) मापने का कार्य करता है।
  • परिपथ (तार) का भी अपना प्रतिरोध होता है।
  • प्रतिरोध non polarised रहता है इसीलिए हम इसे किसी भी छोर से परिपथ में जोड़ सकते हैं।
  • कुंजी परिपथ में सुरक्षा की दृष्टि से लगाया जाता है।
  • कुंजी Load (भार) के साथ श्रेणी में लगाया जाता है।
2. (d) 

  • जिस परिपथ में प्रतिरोध कम होगा उसमें अधिक ऊष्मा उत्पन्न होगी।
  • प्रतिरोध कम होने से धारा की मात्रा बढ़ जाती है।
  • ऊष्मा धारा के वर्ग के समानुपाती है। 
    H ∝ I2 (H = I2 Rt)
  • उष्मा का S.I मात्रक Jule होता है।
  • ऊष्मीय प्रभाव पर कार्य करने वाले उपकरण-
    • हीटर
    • ब्लोअर, गीजर 
    • टोस्टर
    • विद्युत ईस्तरी
3. (d) प्रतिरोध तार के विमा ( लंबाई & अनुप्रस्थ का क्षेत्र) पर निर्भर करता है।
         R = ρl/A
  • यदि तार का इकाई लम्बाई और इकाई अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल लेंगे तो प्रतिरोध और प्रतिरोधकता समान हो जायगी।
  • प्रतिरोधकता को ρ से निरूपीत करते है। 
  • इसका S.I मात्रक Ω-m होता है।

4. (a) धारा हमेशा मुक्त इलेक्ट्रॉन के प्रवाह के कारण होता है।
  • इलेक्ट्रॉन त्याग करने वाली वस्तु पर धन आवेश और ग्रहण करने वाली वस्तु पर ऋण आवेश होता है।
  • Q = ne :            Q = आवेश उत्पन्न
                              n = इलेक्ट्रान की संख्या
                              e = इलेक्ट्रॉन का आवेश
    उपरोक्त समीकरण की मद्द से मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या ज्ञात किया जा सकता है।
  • 1 cm2 copper से हमें 8.5 x 1022 free electrons प्राप्त होते हैं।
  • बल्ब के फिलामेंट में टंगस्टन का प्रयोग होता है।
  • टंगस्टन का गलनांक 3380°C होता है।
  • यह अधिक प्रकाश तथा कम ऊष्मा के लिए प्रयोग किया जाता है।
5. (b) परिपथ (ii) में उचित वैद्युत अवयव संयोजित है।
  • परिपथ में एमिटर हमेशा श्रेणी क्रम और वोल्टमीटर हमेशा समांतर क्रम में जोड़ा जाता है।
  • एमिटर द्वारा धारा को तथा वोल्टमीटर द्वारा वोलटेज को मापा जाता है।
  • एक आदर्श एमीटर का आंतरिक प्रतिरोध शून्य होता है। 
  • यदि एक उच्च प्रतिरोध एमीटर के श्रेणी में जोड़ा जाय तो एमीटर, वोल्टमीटर की तरह व्यवहार करेगा।
  • एक आदर्श वोल्टमीटर का आंतरिक प्रतिरोध अनंत होता है। 

6. (d) सभी को श्रेणी क्रम में जोड़ने पर अधिकतम प्रतिरोध 1 Ω प्राप्त होगा।

7. (b) सभी प्रतिरोध को समानांतर क्रम में जोड़ने पर न्युनतम प्रतिरोध प्राप्त होगा Req = 1/2 Ω
  • श्रेणी क्रम में जोड़ने पर समतुल्य प्रतिरोध का मान दिये गये महत्तम प्रतिरोध से अधिक होगा।
  • समानांतर क्रम में जोड़ने पर समतुल्य प्रतिरोध का मान दिये गये न्युनतम प्रतिरोध से कम होगा।
  • प्रतिरोध तार के लम्बाई पर निर्भर करता है।
    [R ∝ l]
  • प्रतिरोध ताप पर निर्भर करता है।
    [R ∝ T]
  • प्रतिरोध अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का व्युतक्रमानुपाती होता है।
    [R ∝ l/A]
  • [R = δ l/A]
  • इसी कारण घर के grounding connection में electric plug का एक pin लम्बा तथा बड़े आकार का होता है।
  • Pin का क्षेत्रफल ज्यादा होने के कारण उससे अधिक धारा प्रवाहित होगा जिसे earthing किया जाता है।
8. (a) अधिकतम विभव प्राप्त करने के लिए सेलो के श्रेणी संयोजन को उचित रूप से निरूपित करने वाला संयोजन (i) है।
  • सेल को DC Supply के लिए उपयोग किया जाता है ।
  • अगर सभी सेल को श्रेणी क्रम में जोड़ा जाय तो voltage बढ़ जाता है।

     

  • अगर सभी सेल को समानांतर क्रम में जोड़ा जाय तो धारा बढ़ जायगा।

   

  • यदि सेल को श्रेणी और समानांतर दोनों क्रम में एक साथ जोड़ा जाय तो इसमें power बढ़ जायगा।
    P = V.I
  • सेल के charging और Discharging के समय रसायनीक अभिक्रिया होती है।

   

   

9. (c) लंबाई l तथा एक समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल A के किसी बेलनाकार चालक का प्रतिरोध R है। तो समान पदार्थ के किसी अन्य चालक, जिसकी लंबाई 2l तथा प्रतिरोध R है, की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल क्या है

10. (c) चूँकि प्रतिरोध द्वारा उत्पन्न ऊर्जा सीधे धारा के वर्ग के अनुपातिक है।

  • किसी भी कार्यकर्त्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं।
  • ऊर्जा के स्रोत दो प्रकार के हैं - (i) नवीकरणीय या रिन्यूरबल और (ii) अनवीकरणीय या नॉन रिन्यूरबल |
  • ऊर्जा के कभी खत्म नहीं होने वाले स्रोतों को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं । Ex : पानी, हवा, सूर्य-प्रकाश और बायोमास ।
  • ऊर्जा के कुछ प्रमुख स्रोत कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, नदी घाटी परियोजनाएँ इत्यादि ।
  • सूर्य पृथ्वी के लिए ऊर्जा का मुख्य और प्राथमिक स्रोत है ।
  • सूर्य में हमेशा नाभिकीय संलयन होता रहता है ।
  • विद्युत ऊर्जा का सुविधाजनक मात्रक - किलोवाट - घण्टा (KWh)
11. (c) प्रतिरोधक के आवृत्ति से विद्युत आवेश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

  • प्रतिरोधकता को चालकता (σ) के व्युत्क्रम के रूप में भी परिभाषित किया जाता है-

         

12. (c) चूंकि बल्ब उनकी ऊर्जा के हिसाब से अधिक चमकेंगे ।
  • बल्ब B की ऊर्जा बल्ब A से अधिक है ।
  • इसलिए बल्ब B बल्ब A से अधिक चमकेगा ।
  • जिस बल्ब की ऊर्जा जितनी अधिक होगी वह बल्ब उतनी ही अधिक चमकेगा ।
  • जिस बल्ब का प्रतिरोध अधिक होगा, वह बल्ब कम चमकेगा ।
  • जिस बल्ब का प्रतिरोध कम होगा, वह बल्ब ज्यादा चमकेगा ।
  • बल्ब का चमकना ऊर्जा तथा प्रतिरोध दोनों पर निर्भर करता है ।
  • जिस बल्ब का प्रतिरोध (R) निम्न तथा ऊर्जा (W) अधिक होगा तो वह सबसे अधिक चमकेगा ।
  • कोई चीज कितनी चमकीली है वह बाकि के वातावरण पर भी निर्भर करता है ।
  • ज्योति तीव्रता का मात्रक - कैण्डिला (Cd)
  • H = VIT
    H = I2RT
    H = Pt
13. (c) परिपथ श्रेणीक्रम का समकक्ष प्रतिरोध RTotal = 4+2
                                                                        = 6 Ω है ।

     

  • जूल के प्रथम नियम के अनुसार, किसी विद्युत चालक के अंदर ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होने की दर उस चालक के प्रतिरोध एवं उसमें प्रवाहित धारा वर्ग के गुणनफल के समानुपाती होती है।
  • इसे जूल-लेंज नियम भी कहते हैं ।
  • यह नियम (जूल का पहला नियम) एक भौतिक नियम जो उत्पन्न गर्मी और एक कंडक्टर के माध्यम से बहने वाली धारा के बीच संबंध को व्यक्त करता है ।
14. (d) 5A की फ्यूज तार का उपयोग किया जाना चाहिए ।
                   P = V × I
          1000W = 220V × I
                    I = 1000W/220V = 4.54 Amp ≈ 5Amp
  • किसी बंद परिपथ की सीमा के अनुदिश चुंबकीय क्षेत्र B का रेखिय समाकलन बंद परिपथ द्वारा परिबद्ध कुल धारा i का μ0 गुणा होता है।

  • इसे एंपीयर का परिपथीय नियम कहते हैं ।
  • जहाँ μको वायु अथवा निर्वात् की चुंबकीयशीलता कहते हैं ।
  • μ0 का मान 4π × 10-7 N/A2 होता है।

  • प्रेरित धारा की दिशा सदा ऐसी होती है जो उस कारण का विरोध करती है जिससे वह स्वयं उत्पन्न होती है।
  • इस नियम का प्रतिपादन सन् 1833 ई० से हेनरिक लेंज ने किया था ।
15. (b) श्रेणीक्रम में संयोजित है तो इसमें विभवांतर दोनों सिरों पर अलग-अलग होगा ।
श्रेणीक्रम में संयोजित है तो इसमें धारा दोनों सिरों पर समान होगा ।
पार्श्वक्रम में संयोजित है तो इसमें विभवांतर दोनों सिरों पर समान होगा ।
पार्श्वक्रम में संयोजित है तो इसमें धारा दोनों सिरों पर भिन्न-भिन्न होगा |

16. (b) बिजली /शक्ति का इकाई को किलो वाट घंटा से व्यक्त किया जाता है।
  • वोल्ट-एम्पियर का उपयोग विद्युत परिपथ में स्पष्ट शक्ति के लिए किया जाता है ।
  • वाट-सेकंड ऊर्जा समकक्ष की एक व्युत्पन्न इकाई है ।
  • जूल-सेकंड एक इकाई है जो प्लैंक की स्थिरता में उपयोग की जाती है ।
  • [P = v × i] अर्थात् (Power = Volt (v) × Current (i)
  • [P = I2R], ⇒ [P = VI], ⇒ [P = V2/R
  • किसी विद्युत परपिथ में जिस दर से विद्युत ऊर्जा स्थानान्तरित होती है उसे विद्युत शक्ति (Electric Power) कहते हैं ।
  • इसका SI मात्रक 'वाट' (W) है ।
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Sat, 17 Feb 2024 11:30:08 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | The Human Eye and the Colourful World मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार https://m.jaankarirakho.com/919 https://m.jaankarirakho.com/919 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | The Human Eye and the Colourful World  मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
1. कोई व्यक्ति 2m से अधिक दूरी पर स्थित बिंबों को स्पष्ट नहीं देख सकता। इस दोष का संशोधन उस लेंस के उपयोग द्वारा किया जा सकता है जिसकी क्षमता है:
(a) + 0.5 D 
(b) – 0.5 D
(c) + 0.2 D
(d) – 0.2 D 
उत्तर - (b)
2. कक्षा में सबसे पीछे बेंच पर बैठा कोई विद्यार्थी श्यामपट्ट पर लिखे अक्षरों को पढ़ सकता है, परंतु पाठ्य पुस्तक में लिखे अक्षरों को नहीं पढ़ पाता। निम्नलिखित में कौन-सा प्रकथन सही है? 
(a) विद्यार्थी के नेत्र का निकट बिंदु उससे दूर हो गया है 
(b) विद्यार्थी के नेत्र का निकट बिंदु उसके पास आ गया है 
(c) विद्यार्थी के नेत्र का दूर बिंदु उसके पास आ गया है 
(d) विद्यार्थी के नेत्र का दूर बिंदु उससे दूर हो गया है 
उत्तर - (a)
3. कोई प्रिज्म ABC (आधार BC के साथ) विभिन्न विन्यासों में रखा जाता है। श्वेत प्रकाश का कोई पतला प्रकाश पुंज चित्र में दर्शाए अनुसार इस प्रिज्म पर आपतित है। नीचे दिए गए किस प्रकरण में, प्रकाश के विक्षेपण के पश्चात्, शीर्ष से तीसरा वर्ण आकाश के वर्ण के तदनुरूपी है ?

(a) (i)
(b) (ii)
(c) (iii)
(d) (iv)
उत्तर - (b)
4. दोपहर के समय सूर्य श्वेत प्रतीत होता है, क्योंकि तब-
(a) प्रकाश का न्यूनतम प्रकीर्णन होता है 
(b) श्वेत - प्रकाश के सभी वर्गों का प्रकीर्णन हो जाता है
(c) नीले वर्ण का सर्वाधिक प्रकीर्णन होता है 
(d) लाल वर्ण का सर्वाधिक प्रकीर्णन होता है
उत्तर - (a)
5. इंद्रधनुष बनने में प्रकाश की कौन-सी परिघटनाएँ सम्मिलित होती हैं?
(a) परावर्तन, अपवर्तन तथा विक्षेपण
(b) अपवर्तन, विक्षेपण तथा पूर्ण आंतरिक परावर्तन 
(c) अपवर्तन, विक्षेपण तथा आंतरिक परावर्तन 
(d) विक्षेपण, प्रकीर्णन तथा पूर्ण आंतरिक परावर्तन
उत्तर - (c)
6. तारों के टिमटिमाने का कारण है-
(a) वायुमंडलीय जल बूँदों द्वारा प्रकाश का विक्षेपण
(b) वायुमंडल में परिवर्ती अपवर्तनांकों की विभिन्न परतों द्वारा प्रकाश का अपवर्तन
(c) वायुमंडलीय धूल कणों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन 
(d) बादलों द्वारा प्रकाश का आंतरिक परावर्तन
उत्तर - (b)
7. स्वच्छ आकाश नीला प्रतीत होता है, क्योंकि-
(a) नीला प्रकाश वायुमंडल में अवशोषित हो जाता है 
(b) पराबैंगनी विकिरण वायुमंडल में अवशोषित हो जाते हैं
(c) वायुमंडल द्वारा अन्य सभी वर्गों के प्रकाश की तुलना में बैंगनी तथा नीला प्रकाश अधिक प्रकीर्णित होता है
(d) वायुमंडल द्वारा बैंगनी तथा नीले प्रकाश की तलुना में अन्य सभी वर्गों का प्रकाश अधिक प्रकीर्णित होता है 
उत्तर - (c)
8. वायु में श्वेत प्रकाश के विभिन्न वर्णों के प्रकाश के फैलने के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकथन सही है?
(a) लाल प्रकाश सर्वाधिक गति से गमन करता है 
(b) हरे प्रकाश की तुलना में नीला प्रकाश तीव्र गति से गमन करता 
(c) श्वेत प्रकाश के सभी वर्ण समान चाल से गमन करते हैं 
(d) पीला प्रकाश लाल तथा बैंगनी प्रकाश की माध्य चाल से गमन करता है
उत्तर - (c)
9. ऊँचे भवनों के शीर्ष पर लगे खतरे के संकेत लाल वर्ण के होते हैं । इन्हें दूरी से आसानी से देखा जा सकता है, क्योंकि अन्य वर्णों की अपेक्षा लाल वर्ण का प्रकाशः 
(a) धुँए तथा कोहरे द्वारा सर्वाधिक प्रकीर्णित होता है 
(b) धुँए तथा कोहरे द्वारा न्यूनतम प्रकीर्णित होता है 
(c) धुँए तथा कोहरे द्वारा सर्वाधिक अवशोषित होता है 
(d) वायु में तीव्रतम गति से चलता है 
उत्तर - (b)
10. सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य के रक्ताभ प्रतीत होने में निम्नलिखित परिघटनाओं में से किसका महत्वपूर्ण योगदान है?
(a) प्रकाश का विक्षेपण 
(b) प्रकाश का प्रकीर्णन 
(c) प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन
(d) पृथ्वी से प्रकाश का परावर्तन 
उत्तर - (b)
11. गहरे समुद्र में जल का रंग नीला दिखाई देने का कारण है:
(a) जल में शैवाल की उपस्थिति तथा अन्य पौधों की उपस्थिति
(b) जल में प्रकाश का परावर्तन
(c) प्रकाश का प्रकीर्णन
(d) समुद्र द्वारा प्रकाश का अवशोषण 
उत्तर - (c)
12. जब प्रकाश नेत्र में प्रवेश करता है तो अधिकांश अपवर्तन कहाँ होता है ?
(a) क्रिस्टलीय लेंस पर
(b) स्वच्छ मंडल (कॉर्निया) पर
(c) परितारिका पर
(d) पुतली पर
उत्तर - (b)
13. नेत्र लेंस की फोकस दूरी में वृद्धि हो जाती है जब नेत्र की पेशियाँ: 
(a) शिथिल होती हैं तथा लेंस पतला हो जाता है 
(b) सिकुड़ती हैं तथा लेंस मोटा हो जाता है
(c) शिथिल होती हैं तथा लेंस मोटा हो जाता है
(d) सिकुड़ती हैं तथा लेंस पतला हो जाता है
उत्तर - (a)
14. निम्नलिखित प्रकथनों में से कौन-सा सही है ?
(a) निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है
(b) दीर्घ दृष्टि दोष वाला व्यक्ति पास की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है
(c) निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति पास की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है
(d) दीर्घ दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकता 
उत्तर - (c)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (b) चूंकी 2m से अधिक दूरी को नहीं देख सकता, अतः उस व्यक्ति में निकट दृष्टी दोष है।
  • निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है।
  • अवतल दर्पण का Focus (f) →(ve) होगा तथा Power (P) → (ve) होगा।

     

  • लेंस बनाने के लिए प्लास्टिक, कांच, पानी, का प्रयोग किया जाता है।
  • उत्तल लेंस की क्षमता P = + ve में लिया जाता है।
  • मानव नेत्र में प्रयुक्त लेंस उत्तल लेंस होता है।
2. (a) निकट का वस्तु नहीं दिखता दूर दृष्टि दोष नेत्र का निकट बिंदु रेटिना से दूर होना - प्रतिबिंब बनेगा रेटिना के पिछे।
  • दूर-दृष्टि दोष या दूर-दर्शिता दृष्टि की अपवर्त्तन दोष है।
  • नेत्रों में यह दोष उत्पन्न होने के कारण चक्षुलेंस (नेत्रलेंस) का अपर्याप्त समंजन के कारण प्रकाश की समान्तर किरण- पुंज आँख द्वारा अपवर्त्तन के बाद रेटिना पर न बनाकर उसके पीछे प्रतिबिंबित होना।

3. (b) शीर्ष से तीसरा वर्ण आकाश के वर्ण का - नीला रंग तीसरा होगा।
  • चुकी हम जानते हैं-

  • परंतु हमें 3rd रंग नीला करना है तो प्रिप्म को उल्टा करेंगे-

  • अतः उत्तर (ii) होगा।
  • बैंगनी वर्ण का विक्षेपण - सबसे अधिक होगा।
  • लाल रंग का विक्षेपण - सबसे कम होगा।
  • वर्ण विक्षेपण का किसी पारदर्शी पदार्थ में भिन्न-भिन्न रंगों के प्रकाश के भिन्न-भिन्न वेग होने के कारण होता है।
4. (a) प्रकाश का न्यूनतम प्रकीर्णन (क्षय) होता है इसलिए दोपहर में सूर्य का प्रकाश श्वेत प्रतीत होता है।
  • सूर्य की सप्तरंगी किरणों में अद्भुत रोगनाशक शक्ति है, सुबह तथा शाम के समय सूर्य की किरण जिनमें औषधिय गुणों का अपार भंडार है, अनेक रोग उत्पादक कीटाणुओं का नाश करता है।
  • टीबी के कीटाणु उबलते पानी से जल्दी नहीं मरते बल्कि वे सूर्य के तेज प्रकाश से शीघ्र नष्ट हो जाते है।
  • Vitamin D का संश्लेषण – सूर्य के प्रकाश से ही संभव होता है।
  • सूर्य की पहली किरण का नाम अरनिमा है।
5. (c) इन्द्रधनुष बनने में प्रकाश की वर्ण विक्षेपण, मुख्य होता है, लेकिन अपवर्त्तन, तथा आंतरिक परावर्त्तक सहायक परिघटना होता है।
  • इन्द्रधनुष एक प्राकृतिक घटना है जो आकाश में प्रेक्षक को संकेंद्रीय अर्द्धचापों के रूप में तथा सात रंगो की पट्रियों में दिखाई देता है।
  • इंद्रधनुष बनने में पानी की छोटी-छोटी बूँदों परादर्शी प्रिज्म का कार्य करती है।
  • यह दो प्रकार का होता है-
    (i) प्राथमिक इंद्रधनुष – लाल ↑ (up)
    (ii) द्वितीयक इंद्रधनुष – बैंगनी 1 (up )
    यह कम चमकीला होता है।
  • इंद्रधुनष का पहला रंग - लाल
  • अंतिम रंग - बैंगनी होता है। 
  • यह अर्द्धवृत्ताकार रूप में दिखाई देता है।
  • इसकी खोज 1660 ई० में न्यूटन ने किया। जिसमें सूर्य का प्रकाश और प्रिज्म का प्रयोग किया तथा प्रदर्शित किया की सूर्य किरण (सफेद प्रकाश ) - सात दृश्यमान रंगों से बना है।
6. (b) तारों की टिमटिमाने का कारण वायुमंडल में परिवर्ती अपवर्त्तनांकों की विभिन्न परतों द्वारा प्रकाश का अपवर्त्तन होना है।
  • तारे स्वयं प्रकाशित उष्ण वाति की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड है। इनका निजी गुरुत्वाकर्षण इनके द्रव्य को संघटित रखता है। 
  • पृथ्वी के समीप का तारा सूर्य है।
  • क्रांतिमान मापन का अर्थ तारे के प्रकाश की तीव्रता का मापन से है।
  • तारों में उर्जा का स्त्रोत-नाभिकीय संलयन है, जो Hydrogen का Helium में परिवर्त्तन होता रहता है।
7. (c) स्वच्छ आकाश नीला प्रतीत होता है, क्योंकि वायुमंडल द्वारा अन्य सभी वर्गों के प्रकाश की तुलना में बैंगनी तथा नीला प्रकाश अधिक प्रकीर्णित होता है।
  • सूर्य बैगनी रंग की तुलना में नीली प्रकाश तरंगों की उच्च सांद्रता का उत्सर्जन करता है, जिसके कारण आकाश नीला दिखता है।
  • हमारी आँखों की संवेदनशीलता बैंगनी के बजाए नीला रंग के प्रति संवेदनशीलता अधिक होने के कारण भी ऐसा होता है।
  • वास्तव में आकाश का रंग काला है एवं अंतरिक्ष में यह काला ही दिखाई पड़ता है, क्योंकि अंतरिक्ष में प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं हो पाता।
8. (c) वायु में श्वेत प्रकाश के विभिन्न वर्णों के प्रकाश के फैलने के संबंध है श्वेत प्रकाश के सभी वर्ण समान चाल से गमन करते हैं।
  • अंतरिक्ष में और पृथ्वी पर कृत्रिम रूप से विभिन्न स्रोतों द्वारा सफेद प्रकाश का उत्पादन किया जाता है। 
    Ex : सूर्य, तारे इत्यादि
  • कृत्रिम रूप से सफेद रोशनी उत्पादक- सफेद L.E.D, फ्लोरोसेंट लाइट, बल्ब
  • श्वेत प्रकाश का प्रिज्म से गुजरने पर सात रंगो में विभक्त होता जिसे वर्ण-विक्षेपण कहते हैं।
  • श्वेत प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना होता है - VIBGYOR
  • काला रंग दिखने का अर्थ सभी रंगो का अवशोषण होना।
  • ब्लैक हॉल में तीव्र गुरुत्वाकर्षण के कारण प्रकश परावर्तित होकर वापस नहीं आ पाता जिसके कारण काला प्रतित होता है।
9. (b) लाल वर्ण का उपयोग ऊँचे भवनों के शीर्ष पर खतरे के रूप में करते हैं, क्योंकि धुँए तथा कोहरे द्वारा लाल वर्ण कम (न्यूनतम) प्रकीर्णित होता है।
  • लाल रंग का विक्षेपण (क्षय) कम होने के कारण यह लंबी दूरी तय करता है तथा दूर से दिखाई दे जाता है। और खतरे का सूचना (अलर्ट) का जल्दी पता लगता है और अपनी सुरक्षा होता है।
  • लाल रंग का तरंग दैर्ध्य लगभग - 625nm-700nm होता।
  • लाल रंग का वेग अधिक होता है लेकिन ऊर्जा कम होता है।
  • बैंगनी रंग का वेग कम होता है लेकिन ऊर्जा अधिक होता है।
  • लाल रंग खतरे के रंग में उपयोग होता है क्योंकि लाल बत्ती कोहरे बारिश और वायु कणों के माध्यम में सबसे लम्बी दूरी तय करने में सक्षम है।
  • रंगों का राजा सुनेरो के वास्तु शास्त्र के अनुसार लाल रंग सभी रंग की अपेक्षा अधिक बलशाली माना गया है।
10. (b) सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य के रक्ताभ प्रतीत होने में प्रकाश का प्रकीर्णन जिम्मेवार होता है।
  • चूंकि सूर्य के सभी सात रंगों में लाल रंग का प्रकीर्णन कम होता है इसलिए लाल रंग सूर्योदय के थोड़ा पहले ही तथा सूर्यास्त के थोड़ा बाद तक दिखाई देता रहता है।
  • इस प्रकार प्रकीर्णित तीव्रता कम तरंग दैर्ध्य के लिए अधिकतम होती है।
  • प्रकिर्णन का नियम रेले ने दिया।
  • तरंगदैर्ध्य – बैगनी -   400nm
                   जामुनी -  425nm
                   नीला -     470nm
                   हरा -       550nm
                   पीला -     600nm
                   नारंगी -    630nm
                   लाल -      665nm - 700nm
11. c) गहरे समुद्र में पानी का रंग नीला प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है, क्योंकि पानी में अति सूक्ष्म कण मुख्य रूप से नीले प्रकाश को प्रकीर्णन करते हैं।
  • लाल, हरे, नारंगी और पीले लंबे तरंग दैर्ध्य वाले नीले रंग की तुलना में पानी हरा अधिक दृढ़ता से अवशोषित होते है जिनकी लंबाई कम होती है।
  • समुद्र का पानी कहीं-कहीं ऊपरी भाग पर हरा दिखाई पड़ता है क्योंकि उसमें शैवाल की मात्रा अधिक हो जाती है।
  • समुद्र की अधिक गहराई में केवल लाल (रंग) शैवाल पाई जाती है।
  • पानी बहुत सरल अणुओं ऑक्सीजन और हाइड्रोजन से बना है, जो बहुत अधिक ऊर्जा को अवशोषित करने में असमर्थ है।
  • पानी की दो क्वांटम अवस्था की ऊर्जाओं के बीच अंतर बहुत कम है, इसलिए पूरक रंग उत्पन्न नहीं होता है, अतः पानी का कोई रंग नहीं होता। 
12. (b) जब प्रकाश नेत्र में प्रवेश करता है तो अधिकांश अपवर्त्तन स्वच्छ मंडल (कॉर्निया) पर होता है। 
  • नेत्रपटल - यह आँख का पारदर्शी सामने का हिस्सा है जो परितारिका, पुतली और पूर्वकाल कक्ष को कवर करता है।
  • दूक तंत्रिका - ऑप्टिकल तंत्रिका आँख को मस्तिष्क से जोड़ता है तथा दृक तंत्रिका उन आवेशों को वहन करती है जो दृष्टिपटल द्वारा बनते हैं।

     

  • प्रकाश किरणे बाहरी सतह के माध्यम से आँख में प्रवेश करती है, आँख के सामने पारदर्शी संरचना स्वच्छ मण्डल कहलाती है।
13. (a) नेत्र लेंस की आकृति पक्ष्माभी पेशियों द्वारा रूपान्तरित होती है, जिससे इसकी फोकस दुरी भी बदलती रहती है।
  • जब पेशियाँ शिथिल होती है तो अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी बढ़ जाती है और दूर रखी वस्तुएँ स्पष्ट दिखती है।
  • नेत्र लेंस की फोकस - दूरी कम हो जाने पर निकट दृष्टि दोष होता है। तथा नेत्र लेंस की फोकस दूरी बढ़ जाने से दूर दृष्टि दोष होता है।
  • आँख की फोकल लंबाई लगभग 17mm होती है।
  • जिन लोगों को दो मीटर या 6.6 फीट की दूर के बाद चिजें धुंधली दिखती है उन्हें मायोपिया का शिकार माना जाता है।
  • निकट की वस्तु को देखने के लिए न्यूनतम वस्तु को 25cm की न्यूनतम दूरी पर रखना चाहिए।
  • नेत्र दोष तीन प्रकार के होते हैं-
    (i) निकट दृष्टि दोष
    (ii) दूर दृष्टि दोष
    (iii) जरा-दृष्टि दोष
 14. (c) निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति पास की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है। 
  • निकट दृष्टि दोष को → मायोपिया कहा जाता है।
  • दूर दृष्टि दोष को हाइपर मेट्रोपिया कहा जाता है।
  • निकट दृष्टि दोष में अवतल लेंस का उपयोग कर सही किया जा सकता है।
  • दूर दृष्टि दोष में उत्तल लेंस का उपयोग कर फोकस सही किया जाता है।
  • Vitamin - A की कमी से रतौंधी की शिकायत होती है।
  • नेत्र लेंस आँख में पारदर्शी बीच में उभरी संरचना होती है।
  • यह दृष्टि पटल पर वस्तुओं को केंद्रित करने के लिए आवश्यक बेहतर समायोजन प्रदान करता है।
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Sat, 17 Feb 2024 10:50:54 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Reflection and Refraction प्रकाश&परावर्तन तथा अपवर्तन https://m.jaankarirakho.com/918 https://m.jaankarirakho.com/918 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Reflection and Refraction प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन
1. निम्नलिखित में से कौन किसी बिंदु स्रोत से उस पर आपतित प्रकाश का समांतर प्रकाश पुंज बना सकता है ?
(a) अवतल दर्पण और उत्तल लेंस दोनों ही
(b) उत्तल दर्पण और अवतल लेंस दोनों ही 
(c) एक दूसरे से 90° पर रखे दो समतल दर्पण
(d) अवतल दर्पण और अवतल लेंस दोनों ही
उत्तर - (a)
2. 10mm लंबी कोई सुई किसी अवतल दर्पण के सामने ऊर्ध्वाधर रखी है। इस सुई का 5mm लंबा प्रतिबिंब दर्पण के सामने 30 cm दूरी पर बनता है । दर्पण की फोकस दूरी है
(a) – 30cm
(b) – 20cm
(c) – 40cm
(d) – 60cm
उत्तर - (b)
3. निम्नलिखित में से किस स्थिति में कोई अवतल दर्पण बिंब से बड़ा वास्तविक प्रतिबिम्ब बना सकता है ?
(a) जब बिंब दर्पण के वक्रता केंद्र पर हो
(b) जब बिंब दर्पण के ध्रुव और फोकस के बीच हो 
(c) जब बिंब दर्पण के फोकस और वक्रता केंद्र के बीच हो 
(d) जब बिंब दर्पण की वक्रता त्रिज्या से अधिक दूरी पर हो 
उत्तर - (c)
4. चित्र में किसी प्रकाश किरण को माध्यम A से माध्यम B में गमन करते दर्शाया गया है । माध्यम A के सापेक्ष माध्यम B का अपवर्तनांक है-

(a) √3/√2 
(b) √2/√3
(c) 1/√2
(d) √2
उत्तर - (a)
5. कोई प्रकाश किरण चित्र में दर्शाए अनुसार माध्यम A से माध्यम B में प्रवेश करती है। माध्यम A के सापेक्ष माध्यम B का अपवर्तनांक होगा-

(a) एक से अधिक 
(b) एक से कम
(c) एक
(d) शून्य 
उत्तर - (a)
6. चित्र में दर्शाए गए प्रकाश पुंज किसी बॉक्स के छिद्रों A तथा B से आपतित होकर क्रमश: छिद्रों C तथा D से बाहर निकलते हैं । बॉक्स के भीतर निम्नलिखित में से क्या हो सकता है ?

(a) काँच का एक आयताकार स्लैब 
(b) एक उत्तल लेंस 
(c) एक अवतल लेंस 
(d) एक प्रिज्म 
उत्तर - (a)
7. चित्र में दर्शाए अनुसार कोई प्रकाश पुंज बॉक्स के फलक A के छिद्रों से आपतित होकर फलक B के छिद्रों से बाहर निकलता है । इस बॉक्स के भीतर निम्नलिखित में से क्या हो सकता है ?

(a) एक अवतल लेंस 
(b) काँच का एक आयताकार स्लैब 
(c) एक प्रिज्म
(d) एक उत्तल लेंस 
उत्तर - (d)
8. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है ?
(a) 0.25m फोकस दूरी के उत्तल लेंस की क्षमता -4 डाइऑप्टर होती है
(b) 0.25m फोकस दूरी के उत्तल लेंस की क्षमता – 4 डाइऑप्टर होती है 
(c) 0.25m फोकस दूरी के अवतल लेंस की क्षमता -4 डाइऑप्टर होती है 
(d) 0.25m फोकस दूरी के अवतल लेंस की क्षमता -4 डाइऑप्टर होती है 
उत्तर - (a)
9. वाहनों में पीछे के दृश्य को देखने के लिए लगे दर्पण द्वारा आवर्धन-
(a) एक से कम होता है
(b) एक से अधिक होता है
(c) एक होता है
(d) एक से कम अथवा अधिक हो सकता है। यह इसके सामने रखे बिंब की स्थिति पर निर्भर करता है
उत्तर - (a)
10. किसी अवतल दर्पण पर आपतित सूर्य की किरणें दर्पण के सामने 15cm दूरी पर अभिसरित होती है । इस दर्पण के सामने किसी बिंब को कहां रखें कि इसका समान साइज का प्रतिबिंब बने ? 
(a) दर्पण से 15cm दूरी पर
(b) दर्पण से 30 cm दूरी पर
(c) दर्पण से 15cm तथा 30 cm के बीच 
(d) दर्पण से 30 cm से अधिक दूरी पर
उत्तर - (b)
11. निम्नलिखित में से किसके द्वारा निश्चित रूप से किसी दूरस्थ ऊँचे भवन का पूरी लंबाई का प्रतिबिंब देखा जा सकता है ?
(a) केवल अवतल दर्पण 
(b) केवल उत्तल दर्पण
(c) केवल समतल दर्पण 
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर - (d)
12. टॉर्चों, सर्चलाइटों तथा वाहनों की हैडलाइटों में बल्ब कहाँ लगा होता है ?
(a) परावर्तक के ध्रुव एवं फोकस के बीच 
(b) परावर्तक के फोकस के अत्यधिक निकट
(c) परावर्तक के फोकस एवं वक्रता केंद्र के बीच 
(d) परावर्तक के वक्रता केंद्र पर 
उत्तर - (b)
13. परावर्तन के नियम लागू होते हैं-
(a) केवल समतल दर्पण पर
(b) केवल अवतल दर्पण पर
(c) केवल उत्तल दर्पण पर
(d) सभी दर्पणों पर चाहे उनकी आकृति कैसी भी क्यों न हो
उत्तर - (d)
14. वायु से काँच के आयताकार स्लैब पर आपतित किसी प्रकाश किरण का गमन पथ से चार विद्यार्थियों A, B, C, D ने चित्र में दर्शाए अनुसार आरेखित किया । इनमें से कौन-सा सही है ? 

(a) A 
(b) B
(c) C
(d) D
उत्तर - (b)
15. आपको जल, , तारपीन का तेल, बेंजीन तथा किरोसिन दिया गया है । इनमें से किस माध्यम में समान कोण पर तिरछी आपतित कोई प्रकाश किरण सबसे अधिक मुड़ेगी ?
(a) किरोसिन 
(b) जल
(c) तारपीन का तेल
(d) ग्लिसरीन 
उत्तर - (d)
16. किसी अवतल दर्पण पर चित्र में दर्शाए अनुसार आपतित प्रकाश किरण के लिए निम्न आरेखों में से कौन-सा सही है ?

(a) चित्र A
(b) चित्र B 
(c) चित्र C
(d) चित्र D
उत्तर - (d)
17. किसी उत्तल लेंस पर चित्र में दर्शाए अनुसार आपतित प्रकाश किरण के लिए निम्न आरेखों में से कौन-सा सही है ?

(a) चित्र A
(b) चित्र B 
(c) चित्र C
(d) चित्र D
उत्तर - (a)
18. कोई बच्चा किसी जादुई दर्पण के सामने खड़ा है । वह यह देखता है कि उसके प्रतिबिंब में उसका सिर बड़ा, उसके शरीर का मध्य भाग साइज में समान तथा पैर छोटे दिखते हैं । मैजिक दर्पण में शीर्ष से दर्पणों के संयोजन का क्रम क्या है ? 
(a) समतल, उत्तल, अवतल
(b) उत्तल, अवतल, समतल
(c) अवतल, समतल, उत्तल
(d) उत्तल, समतल, अवतल 
उत्तर - (c)
19. निम्नलिखित में से किसके द्वारा अनंत पर स्थित किसी बिंब का प्रतिबिंब अत्यधिक छोटा बनेगा ?
(a) केवल अवतल दर्पण
(b) केवल उत्तल दर्पण
(c) केवल उत्तल लेंस 
(d) अवतल दर्पण, अवतल लेंस तथा उत्तल लेंस
उत्तर - (d)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (a) अवतल दर्पण और उत्तल लेंस दोनों ही-
  • एक बिंदु पर केन्द्रीकरण अवतल दर्पण और उत्तल लेंस का होता है।
  • अवतल दर्पण में प्रतिबिम्ब काल्पनिक, सीधा तथा बड़ा बनता है।
  • अवतल दर्पण का प्रयोग परावर्तक दूरबीन में तथा स लाइट में होता है। इस दर्पण का प्रयोग कान का डॉक्टर, दाँत का डॉक्टर, आँख का डॉक्टर, नली का डॉक्टर करता है।
  • इसका प्रयोग ENT (Ear, Nose, Throat) में होता है।
  • उत्तल लेंस की फोकस दूरी धनात्मक होती है, इसलिए इसकी क्षमता भी धनात्मक होती है।
2. (b)

3. (c) जब बिम्ब दर्पण के फोकस और वक्रता केंद्र के बीच हो ।
4. (a) स्नेल के नियम से,

5. (a) एक से अधिक
  • μ का मान एक से अधिक होता है।
  • घर्षण गुणांक 0 से 1 के बीच होता है।
  • अपवर्तनांक मात्रकहीन तथा विमाहीन राशि है।
  • Medium A विरल एवं Medium B सघन माध्यम है।

6. (a) काँच का एक आयताकार स्लैब

7. (d) यदि उत्तल लेंस रहेगा तो Cross करेगा।

  • एक जगह केन्द्रित करने का काम उत्तल लेंस करता है।
  • अगर अवतल लेंस रहेगा तो क्रॉस नहीं करेगा।

  • अवतल लेंस एक जगह केन्द्रित नहीं करता।
  • अगर काँच रहेगा तो थोड़ा Deviate होकर सीधे निकल जाएगा |

8. (a) 0.25m फोकस दूरी के उत्तल लेंस की क्षमता 4 डाइऑप्टर होती है।

  • उत्तल लेंस का फोकस और Power दोनों +ve होता है।
  • अवतल लेंस का फोकस और Power-ve होता है।
  • लेंस की क्षमता का S.I मात्रक डाइऑप्टर होता है। 
9. (a) एक से कम होता है।

  • उत्तल दर्पण का प्रयोग गाड़ी के पश्च दृश्य दर्पण में करते है।
  • उत्तल दर्पण में वस्तु के किसी भी स्थान के लिए प्रतिबिम्ब काल्पनिक सीधा तथा छोटा बनता है।
  • छोटा प्रतिबिम्ब के लिए m का मान 1 से कम होगा। 
10. (b) दर्पण से 30 cm दूरी पर

11. (d) उत्तल दर्पण → लालटेन
  • अवतल दर्पण → टॉर्च
  • उत्तल दर्पण का प्रयोग रोड पर लगे परावर्तक लैप में।
  • अवतल दर्पण का उपयोग गाड़ी की हेडलाइट में सर्च लाईट में लेजर लाईट, परावर्तक, दूरबीन में होता है। 
12. (b) परावर्तक के फोकस के अत्यधिक निकट।
  • प्रकाश के परावर्तन से प्रकाश उसी माध्यम में वापस लौट जाता है।
  • प्रकाशीय गेज परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता है।
  • प्रकाश के परावर्तन के फलस्वरूप तीव्रता और आयाम में कमी आती है।
  • प्रकाश के परावर्तन में तरंगदैर्ध्य, आवृत्ति नहीं बदलती।
13. (d) सभी वर्षणों पर चाहें उनकी आकृति कैसी भी क्यों न हो।
  • चौरी प्रकाश का सबसे अच्छा परावर्तक है।
  • अच्छा परावर्तक होने के कारण दर्पणों पर चाँदी की कलई की जाती है। जैसे: सिल्वर नाइट्रेट (ARNO3)
  • दर्पण पर परावर्तन का नियम लागू होता है।
  • लैस पर अपवर्तन का नियम लागू होता है।
14. (b) विरल से सघन में जाएगा तो Divert हो जाएगा और अभिलंब की ओर आएगा।
  • जब प्रकाश सघन से विरल माध्यम में प्रवेश करेगा तो अभिलंब से दूर जाएगा।

  • इस चित्र में जब प्रकाश विरल माध्यम से सघन माध्यम में गया तो वह अभिलंब की ओर झुका तथा फिर सघन से जब विरल माध्यम में गया तो वह अभिलंब से दूर की ओर चला गया।
15. (d) बेंजीन / ग्लिसरीन
  • माध्यम                        अपवर्तनांक (μ)
  • निर्वात                          0
  • हवा                             1.008
  • जल                             1.33
  • काँच                            1.5
  • हीरा                             2.48
  • अपवर्तनांक से किसी माध्यम का सघनता या विरलता का पता चलता है।
  • अपवर्तनांक समानुपाती होता है सघनता का [μ ∝ सघनता]
16. (d)

17. (a)

18. (c) अवतल, समतल, उत्तल

19. (d) अवतल दर्पण एवं उत्तल लेंस में अनंत पर रखने से छोटा प्रतिबिंब बनेगा।
  • उत्तल दर्पण / अवतल लेंस में कहीं भी रखने पर प्रतिबिंब छोटा बनेगा।
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Sat, 17 Feb 2024 09:27:59 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Heredity and Evolution आनुवंशिकता एवं जैव विकास https://m.jaankarirakho.com/917 https://m.jaankarirakho.com/917 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Heredity and Evolution आनुवंशिकता एवं जैव विकास
1. आनुवंशिक पदार्थ का विनिमय कब होता है?
(a) कायिक जनन के दौरान
(b) अलैंगिक जनन के दौरान
(c) लैंगिक जनन के दौरान
(d) मुकुलन के दौरान 
उत्तर - (c)
2. गुलाबी रंग के दो पुष्पों के बीच संकरण कराए जाने पर 1 लाल रंग की, 2 गुलाबी रंग की और 1 सफेद रंग की संतति उत्पन्न हुई। इस संकरण का स्वरूप क्या होगा?
(a) दोहरा निषेचन 
(b) स्वपरागण 
(c) परनिषेचन 
(d) कोई निषेचन नहीं 
उत्तर - (b)
3. मटर के एक लंबे पौधे (TT) और एक बौने पौधे के बीच संकरण कराए जाने पर जो संतति उत्पन्न हुई उसके सभी पौधे लंबे थे क्योंकि-
(a) लंबा होना प्रभावी विशेषक है 
(b) बौना होना प्रभावी विशेषक है 
(c) बौना होना अप्रभावी विशेषक है
(d) मटर के पौधे की ऊँचाई का नियंत्रण "T" अथवा 't' जीन से नहीं होता
उत्तर - (a)
4. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है
(a) प्रत्येक हार्मोन के लिए एक जीव होता है
(b) प्रत्येक प्रोटीन के लिए एक जीव होता है 
(c) प्रत्येक एंजाइम के उत्पादन के लिए एक जीन होता है
(d) वसा के प्रत्येक अणु के लिए एक जीन होता है
उत्तर - (d)
5. यदि मटर के एक गोल तथा हरे रंग के बीज वाले पौधे (RRyy) और झुर्रीदार तथा पीले रंग के बीज वाले पौधे (rr YY) में संकरण कराया जाए तो F1 के बीज कैसे होंगे?
(a) गोल और पीले
(b) गोल और हरे
(c) झुर्रीदार और हरे
(d) झुर्रीदार और पीले
उत्तर - (a)
6. मानव नरों में एक गुणसूत्र को छोड़कर सभी गुणसूत्र पूर्ण जोड़ों में हैं। ये अपूर्ण जोड़े वाला / वाले गुणसूत्र कौन-सा (कौन-से) है (हैं)?
(i) बड़ा गुणसूत्र
(ii) छोटा गुणसूत्र
(iii) Y-गुणसूत्र
(iv) X-गुणसूत्र
(a) (i) और (ii)
(b) केवल (i)
(c) (iii) और (iv)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर - (c)
7. बच्चे के नरत्व का निर्धारण होता है
(a) युग्मनज में X गुणसूत्र से
(b) युग्मनज में Y गुणसूत्र से
(c) लिंग का निर्धारण करने वाली जनन-कोशिका के कोशिकाद्रव्य से 
(d) बच्चे के लिंग का निर्धारण यादृच्छिक रूप से होता है
उत्तर - (b)
8. एक युग्मनज से, जिसमें पिता से वंशागत किया गया एक X-गुणसूत्र है, किस प्रकार का बच्चा बनेगा?
(a) लड़का
(b) लड़की
(c) X-गुणसूत्र से बच्चे के लिंग का निर्धारण नहीं होता। 
(d) लड़का और दोनों लड़की
उत्तर - (b)
9. गलत कथन चुनिए
(a) एक समष्टि में लगातार कई पीढ़ियों तक कुछेक जीनों की प्रायिकता में परिवर्तन से विकास होता है 
(b) भुखमरी के कारण जीव के भार में कमी का आनुवंशिक रूप से नियंत्रण किया जा सकता है
(c) दुबले-पतले जनकों की संतति अधिक भार वाली हो सकती
(d) कई पीढ़ियों तक जिन विशेषकों की वंशागति नहीं होती उनसे विकास नहीं होता 
उत्तर - (b)
10. नयी स्पीशीज का निर्माण हो सकता है जब
(i) जनन कोशिकाओं के DNA में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं
(ii) युग्मक के गुणसूत्रों की संख्या में परिवर्तन आ जाता है
(iii) आनुवंशिक पदार्थ में कोई परिवर्तन नहीं होता
(iv) जनकों में परस्पर मैथुन नहीं होता
(a) (i) और (ii)
(b) (i) और (iii)
(c) (ii), (iii) और (iv)
(d) (i), (ii) और (iii)
उत्तर - (a)
11. मटर के दो पौधों से, जिनमें एक गोल और हरे बीज वाला (RRyy) था और दूसरा झुर्रीदार और पीले बीज वाला (rrYY) था, जब F1 पीढी उत्पन्न हुई तब उसके बीज गाले और पीले रंग के बने | F1 पीढ़ी के पौधों के बीच बनेंगे। स्वसंकरण कराए जाने पर F2 पीढ़ी के पौधों के बीजों में लक्षणों के कुछ नए समुच्चय बने। निम्नलिखित में से नए समुच्चयों को चुनिए ।
(i) गोल, पीले
(ii) गोल, हरे
(iii) झुर्रीदार, पीले
(iv) झुर्रीदार, हरे
(a) (i) और (ii)
(b) (i) और (iv)
(c) (ii) और (iii)
(d) (i) और (iii)
उत्तर - (b)
12. सब्जी की एक टोकरी में गाजर, आलू, मूली और टमाटर रखे हैं। बताइए कि इनमें से कौन-सी सब्जियाँ सही समजात संरचनाओं का प्रतिनिधित्व करती है?
(a) गाजर और आलू 
(b) गाजर और टमाटर
(c) मूली और गाजर
(d) मूली और आलू
उत्तर - (c)
13. सही कथन चुनिए
(a) मटर के पौधे का प्रतान और नागफनी का पर्णाभ वृंत समजात अंग हैं।
(b) मटर के पौधे का प्रतान और नागफनी का पर्णाभ वृंत समवृत्ति अंग हैं।
(c) पक्षियों के पंख और छिपकलियों के पाद समवृत्ति अंग हैं। 
(d) पक्षियों के पंख और चमगादड़ के पंख समजात अंग हैं।  
उत्तर - (a)
14. यदि किसी जीव का जीवाश्म पृथ्वी की अपेक्षाकृत गहरी परतों से प्राप्त हुआ है, तब हम भविष्यवाणी कर सकते हैं कि
(a) जीव का विलोप हाल ही के कुछ वर्षों में हुआ है 
(b) जीव का विलोप हजारों वर्ष पूर्व हुआ है 
(c) पृथ्वी की परतों में जीवाष्म की स्थिति का जीव के विलुप्त होने की अवधि से कोई संबंध नहीं है 
(d) विलुप्त होने की अवधि का निर्धारण नहीं किया जा सकता 
उत्तर - (b)
15. विविधता के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) किसी स्पीशीज की सभी विविधताओं के बने रहने के संभावना समान होती है।
(b) आनुवंशिक परिवर्तनों के कारण विविधता आ जाती है।
(c) पर्यावरणपरक कारकों द्वारा परिवर्तनों का वरण विकास की प्रक्रियाओं का आधार बनता है।
(d) अलैंगिक जनन से विविधता की संभावना सबसे कम होती है। 
उत्तर - (a)
16. किसी जीव के विशेषक पर किसका प्रभाव पड़ता है ?
(a) केवल पैतृक DNA का
(b) केवल मातृक DNA का 
(c) मातृक और पैतृक दोनों के DNA का
(d) ना तो मातृक DNA का और ना ही पैतृक DNA का
उत्तर - (c)
17. वह वर्ग चुनिए जिनमें साझे लक्षण सबसे अधिक संख्या में पाए जाते हैं-
(a) एक स्पीशीज की दो व्यष्टियों में 
(b) एक जीनस की दो स्पीशीजों में
(c) एक फैमिली के दो जीनसों में
(d) दो फैमिली के दो जीनसों में
उत्तर - (a)
18. विकास - सिद्धांत के अनुसार नयी स्पीशीज का निर्माण सामान्यतः किसके कारण होता है?
(a) प्रकृति द्वारा अचानक हशी सृष्टि की उत्पत्ति कारण
(b) कई पीढ़ियों तक विविधताओं के जमा होते जाने के कारण
(c) अलैंगिक जनन के दौरान क्लोन बनने के कारण
(d) व्यष्टियों के एक पर्यावास से दूसरे पर्यावास में चले जाने के कारण 
उत्तर - (b)
19. नीचे दी गई सूची में से, उन लक्षणों का चुनाव कीजिए जिन्हें उपार्जित किया जा सकता है, वंशागत नहीं
(a) आँख का रंग
(b) त्वचा का रंग
(c) शरीर का आकार
(d) बालों का स्वरूप 
उत्तर - (c)
20. नर और मादा युग्मकों द्वारा साथ लाए जाने वाले विशेषकों (लक्षणों) के दो रूपांतर कहाँ स्थित होते हैं?
(a) एक ही गुणसूत्र की प्रतिकृतियों पर 
(b) दो विभिन्न गुणसूत्रों पर
(c) लिंग - गुणसूत्रों पर 
(d) किसी भी गुणसूत्र पर
उत्तर - (a)
21. उन कथनों का चुनाव कीजिए जो जीनों की विशिष्टताएँ बताते हैं 
(i) जीन DNA अणु बेसों के विशिष्ट क्रम के रूप में होते हैं
(ii) जीन प्रोटीनों का कूटन नहीं करता 
(iii) किसी स्पीशीज की व्यष्टियों में, एक विशिष्ट जीन एक खास गुणसूत्र पर स्थित होता है 
(iv) प्रत्येक गुणसूत्र में केवल एक ही जीन होता है
(a) (i) और (ii)
(b) (i) और (iii)
(c) (i) और (iv) 
(d) (ii) और (iv)
उत्तर - (b)
22. मटर के एक शुद्ध लंबे पौधे (TT) और एक शुद्ध बौने पौधे (tt) में संकरण कराया गया | F2 पीढ़ी में शुद्ध लंबे पौधों और बौने पौधों का अनुपात क्या होगा?
(a) 1:3
(b) 3:1
(c) 1:1
(d) 2:1
उत्तर - (c)
23. मानव के युग्मनज में लिंग गुणसूत्रों के युग्म/युग्मों की संख्या कितनी होती है ?
(a) एक
(b) दो
(c) तीन 
(d) चार
उत्तर - (a)
24. प्राकृतिक चयन द्वारा स्पीशीजों का विकास-सिद्धांत किसने दिया था?
(a) मेंडेल ने
(b) डार्विन ने
(c) मॉर्गन ने 
(d) लैमार्क ने 
उत्तर - (b)
25. कुछ डायनोसौरों में पर (पिच्छ) मौजूद थे किंतु वे उड़ नहीं सकते थे, लेकिन पक्षियों में पर होते हैं जो उन्हें उड़ने में मदद करते हैं। विकास के संदर्भ में इसका यह अर्थ हुआ कि
(a) सरीसृपों की उत्पत्ति पक्षियों से हुई
(b) सरीसृपों और पक्षियों के बीच कोई विकास संबंध नहीं है 
(c) दोनों ही जीवों में पर समजात अंग हैं 
(d) पक्षियों की उत्पत्ति सरीसृपों से हुई
उत्तर - (d)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (c) कायिक जनन- इस जनन में पादप के कायिक भागों द्वारा नए पादप का निर्माण होता है ।
  • वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत पादप शरीर का कोई भाग पृथक होकर नए स्वतंत्र पादप के रूप में पुनर्जनन या विकसित होता है, कायिक जनन कहलाता है ।
  • लैंगिक जनन - प्रजनन की वह क्रिया जिसमें दो युग्मकों (जाइगोट) के द्वारा नये जीव की उत्पत्ति होती है, लैंगिक जनन कहलाता है।
  • अलैंगिक जनन- पारिस्थितिक तंत्र में कुछ ऐसे जंतु है जिनमें बिना निषेचन के प्रजनन हो जाता है, अनिषेक या अलैंगिक जनन कहलाता है ।
  • मुकुलन किसी जीव के बाहरी सतह की कोशिकाओं में समसूत्री विभाजन से एक उभार बनता है, जिसे मुकुल (Bud) कहते हैं । मुकुल निर्माण द्वारा अलैंगिक जनन की विधि मुकुलन कहलाती है ।
2. (b) दोहरा निषेचन - यह क्रिया आवृतबीजी पौधों में होती है जिसमें एक ही भ्रूणकोश के अंदर निषेचन की दोहरी अभिक्रिया होती है ।
  • स्व- परागण - जब परागण की क्रिया में किसी पुष्प के परागकोष से परागण निकालकर उसी पौधे के पुष्प पर पहुँचता है तो उसे स्व-परागण कहते हैं ।
  • परनिषेचन (Cross fertilization) - जब निषेचन में भाग लेनेवाले नर तथा मादा युग्मक एक ही स्पीशीज के दो अलग-अलग जीवों (नर तथा मादा) से आते हैं तो इस निषेचन को पर- निषेचन कहते हैं ।
3. (a) मेंडल का एकसंकरीय नियम
  • Feno type ratio - 3:1
  • Geno type ratio - 1:2:1

         

  • मेंडल के द्वि-संकरीय नियम का अनुपात - [9:3:3:1]
4. (d) हॉर्मोन जटिल कार्बनिक पदार्थ है जो सजीवों में होनेवाली विभिन्न जैव-रसायनिक क्रियाओं वृद्धि एवं विकास, प्रजनन आदि का नियम तथा नियंत्रण करता है ।
  • प्रोटीन एक जटिल कार्बनिक पदार्थ है जिसका गठन कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्त्वों के अणुओं से मिलकर होता है ।
  • रासायनिक क्रियाओं के उत्प्रेरित करने वाले प्रोटीन का एंजाइम कहते हैं ।
  • वसा शरीर को क्रियाशील बनाए रखने में सहयोग करती ।
5. (a) मेंडल ने द्वि-संकरीय फ्रॉस के लिए गोल तथा पीले बीज एवं हरे तथा झुर्रीदार बीज से उत्पन्न पौधों का क्रॉस कराया । 
  • इसमें गोल तथा पीला बीज प्रभावी होता है |
  • दोनों पौधों को क्रमशः RRYY तथा rryy से प्रदर्शित किया जाता है ।
  • पहले पौधों के युग्मक में RY कारक तथा दूसरे पौधों के युग्मक में ry कारक होंगे । 
  • जब इन पौधों में कृत्रिम परागण कराया गया तो उत्पन्न बीजों से जो पौधे प्राप्त हुए वे सभी गोल तथा पीले शंकर बीज बने ।
  • यहाँ झुर्रीदार एवं हरा रंग अप्रभावी गुण था ।
6. (c) स्तनधारी जीवों में लिंग निर्धारण करने वाले दो गुणसूत्र होते हैं- X-गुणसूत्र एवं Y-गुणसूत्र ।
  • पुरुषों एक Y और एक X गुणसूत्र होता है, जबकि महिलाओं में दो X-गुणसूत्र होते हैं ।
  • किसी पिता का Y-गुणसूत्र बिना किसी बदलाव के उसके पुत्रों में जाता है ।
  • क्रोमोसोम - X में सबसे अधिक जीन (2968) एवं Y में सबसे कम (231) है ।
7. (b) निषेचन के समय यदि अण्डाणु X-गुणसूत्र वाले शुक्राणु (sperm) से मिलता है तो युग्मनज (Zygote) में 23वीं जोड़ी XX होगी और इससे बनने वाली संतान लड़की होगी ।
  • इसके विपरीत यदि किसी अण्डाणु से Y-गुणसूत्र वाले शुक्राणु निषेचित होते हैं तो युग्मनज में 23वीं जोड़ी XY होगा और इससे बनने वाली संतान लड़का होगा ।
  • अतः पुरुष का गुणसूत्र संतान में लिंग निर्धारण के लिए उत्तरदायी होता है |
8. (b) प्रश्न सं० 7 का व्याख्या इस प्रश्न का भी उपर्युक्त व्याख्या है।
9. (b) मेंडल ने अपने प्रयोगों के लिए मटर के सात जोड़ी गुणों को चुना जिनमें से प्रत्येक जोड़े का एक गुण दूसरे गुण को दबाने की क्षमता रखता था । उन्होंने पहले को प्रभावी तथा दूसरे को अप्रभावी गुण कहा ।
10. (a) नये स्पीशीज का निर्माण जनन कोशिकाओं के DNA में महत्वपूर्ण परिवर्तन एवं युग्मक के गुणसूत्रों में परिवर्तन के कारण होता है ।
  • मनुष्यों में गुणसूत्रों की कुल सं० 46 होती है।
  • प्रत्येक संतान को समजात गुणसूत्रों की प्रत्येक जोड़ी का एक गुणसूत्र अण्डाणु के द्वारा माता से तथा शुक्राणु द्वारा पिता से प्राप्त होता है ।
  • शुक्रजनन (Spermatogenesis) में अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा दो प्रकार के शुक्राणु बनते हैं - आधे वे जिनमें 23वीं जोड़ी का X - गुणसूत्र आता है। अर्थात् 22 + X) तथा आधे वे जिनमें 23वीं जोड़ी में Y - गुणसत्र आता है, (अर्थात् 22 + Y) ।
11. (b) मटर के पौधों के बीच स्वसंकरण कराए जाने पर F, पीढ़ी के पौधों के बीच गोल, पीले एवं झुर्रीदार तथा हरे लक्षणों के नए समुच्चय बनेंगे ।
  • हरे एवं झुर्रीदार लक्षण जो कि अप्रभावी गुण था F, पीढ़ी में छिपे रहे, किन्तु गोल तथा पीला रंग प्रभावी गुण, इस कारण वे प्रकट हुए ।
  • अब इस F1 पीढ़ी के पौधों में स्व-परागण होने दिया गया तथा F2 के पौधे प्राप्त किया गया ।
  • पृथ्थकरण नियम के अनुसार चार प्रकार के बीज बने, जिनका अनुपात इस प्रकार था-
    गोल + पीला बीज = 9
    झुर्रीदार + पीला बीज = 3
    गोल + हरा बीज = 3
    झुर्रीदार + हरा बीज = 1
  • गोल-पीले और झुर्रीदार-पीले बीजों में 3:1 का अनुपात रहा । गोल-हरे और झुर्रीदार हरे बीजों में भी 3:1 का अनुपात रहा।
12. (c) मेंडल ने पहले एक जोड़ी विपरीत गुणों और फिर दो जोड़ी विपरीत गुणों की वंशागति का अध्ययन किया, जिन्हें क्रमशः एकसंकरीय क्रॉस तथा द्वि-संकरीय क्रॉस कहते हैं ।
  • एकसंकरीय क्रॉस - जब दो पौधों के बीच एक इकाई लक्षण के आधार पर संकरण कराया जाता है, तो इसे एकसंकरी क्रॉस कहते हैं ।
  • द्विसंकरीय क्रॉसइसमें दो जोड़े विपरीत लक्षणों का क्रॉस कराया जाता है ।
13. (a) आनुवांशिकी के पिता ग्रेगर जोहॉन मेंडल को कहा जाता है । ये ऑस्ट्रिया देश के ब्रून नामक स्थान में ईसाइयों के एक मठ के पादरी थे ।
  • मटर के पौधों पर किए गए अपने प्रयोगों के निष्कर्षों को उन्होंने 1866 ई० में Annual proceeding of the natural history society of furm में प्रकाशित कराया, परन्तु विज्ञान जगत में 34 वर्षों तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया ।
  • उनके मृत्यु के पश्चात् 1900 ई० में इनके प्रयोगों के निष्कर्ष को वैज्ञानिकों द्वारा मान्यता मिली ।
14. (b) अनुवांशिक / जेनेटिक बीमारियाँ-
थैलेसीमिया,
हीमोफीलिया,
एनिमिया और सिकल सेल,
सिस्टिक फाइबग्रेसिस
डीवीटी,
मल्टीपल स्केलेरोसिस,
डायबिटीज ।
15. (a) प्रत्येक जीव में ऐसे गुण होते हैं, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी माता-पिता अर्थात् जनकों से उनके संतानों में संचरित होते रहता है। ऐसे गुणों को आनुवांशिक गुण कहते हैं।
  • एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जीवों के मूल गुणों का संचरण आनुवांशिका (Heredity) कहलाता है |
  • मूल गुणों के संचरण के कारण ही प्रत्येक जीव के गुण अपने जनकों के गुण के समान होते हैं। |
  • इन गुणों का संचरण एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में जनकों के युग्मकों के द्वारा होता है।
16. (c) विभिन्नता (Variation) जीव के ऐसे गुण हैं जो उसे अपने जनकों अथवा अपनी ही जाति के अन्य सदस्यों के उसी गुण के मूल स्वरूप से भिन्नता को दर्शाती है ।
  • जीन सभी जीवों के वंशानुगत गुणों का निर्धारक होता है।
  • विभिन्नता जीन के माध्यम से ही एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचारित होती है।
  • अतः जीन का द्विगुणन ही विभिन्नता का मुख्य कारण है।
17. (a) जीन का द्वि-गुणन कोशिकाओं के विभाजन के लिए अनिवार्य है तथा जनन के लिए कोशिकाओं का विभाजन आवश्यक है ।
  • अतः जनन के कारण ही विभिन्नता का संचरण एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में होता है।
  • विभिन्नताएँ सामान्यतः लैंगिक जनन से उत्पन्न संतानों में ही स्पष्ट देखी जाती है।
  • अलैंगिक जनन जैसे- कायिक प्रवर्द्धन से उत्पन्न पीढ़ी में स्पष्ट रूप से दिखने वाली विभिन्नताएँ सामान्यतः कम पाई जाती है ।
18. (b) जीवों में आनुवांशिका उत्परिवर्तन के कारण होता है तथा नई जाति के विकास में इनका महत्त्वपूर्ण योगदान होता है।
  • गुणसूत्र या क्रोमोसोम पर उपस्थिति जीन की संरचना तथा स्थिति में परिवर्तन ही उत्परिवर्तन का कारण है। 
  • आनुवांशिक विभिन्नता का दूसरा कारण आनुवांशिक पुनर्योग (Genetic recombination) भी हैं ।
19. (c) आनुवांशिक पुनर्योग के कारण संतानों के क्रोमोसोम में जीन के गुण अपने जनकों के जीन के गुण से भिन्न हो सकता है।
  • ऐसे नए गुण जीवों को अपने वातावरण के अनुसार अनुकूलन में सहायक हो सकते हैं ।
  • कभी-कभी ऐसे नए गुण जीवों को वातावरण में अनुकूलित होने में सहायक भी नहीं होते हैं । 
  • ऐसी स्थिति में आपसी स्पर्द्धा, रोग इत्यादि कारणों से कैसी जीव विकास की दौड़ में विलुप्त हो जाते हैं ?
  • बचे हुए जीव ऐसे लाभदायक गुणों को अपने संतानों में संचरित करते हैं ।
20. (a) मेंडल के स्वतंत्र अपव्यूहन के नियामनुसार, “कारकों के विभिन्न जोड़े जो किसी जीव में पाये जाते हैं एक-दूसरे के प्रति स्वतंत्र होते हैं और स्वतंत्रतापूर्वक मिश्रित होकर नए रंग-रूप के जीव बना सकते हैं। "
  • निषेचन के समय यदि अण्डाणु X-गुणसूत्र वाले शुक्राणु से मिलता है तो युग्मनज में 23वीं जोड़ी XX होगी और इससे बनने वाली संतान लड़की होगी ।
  • इसके विपरीत यदि किसी अण्डाणु से Y गुणसूत्र वाले शुक्राणु से निषेचित होगा तो युग्मनज में 23वीं जोड़ी XY होगा और इससे बनने वाला संतान लड़का होगा ।
21. (b) मनुष्यों में गुणसूत्रों की कुल सं० 46 होती है । प्रत्येक संतान को समजात गुणसूत्रों की प्रत्येक जोड़ी का एक गुणसूत्र अण्डाणु के द्वारा माता से तथा दूसरा शुक्राणु पिता से प्राप्त होता है।
  • शुक्रजनन में अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा दो प्रकार के शुक्राणु बनते हैं-आधे वे जिनमें 23वीं जोड़ी का X-गुणसूत्र आता है ( अर्थात् 22 + X) तथा आधे वे जिनमें 23वीं जोड़ी में Y गुणसूत्र आता है, (अर्थात् 22 + Y)।
  • नारियों में एक समान प्रकार का गुणसूत्र अर्थात् (22+X) तथा (212 + X) वाले अण्डाणु पाए जाते हैं ।
  • पुरुष का गुणसूत्र संतान में लिंग निर्धारण के लिए उत्तरदायी होता है।
22. (c) यदि हम F2 के पौधे से तीसरी पीढ़ी अर्थात् F3 प्राप्त करे तो देखेंगे कि शुद्ध लंबे पौधे (TT) सदैव ही लंबे पौधे बनाते हैं। 
  • उसी प्रकार शुद्ध बौने पौधे (tt) हमेशा ही बौने पौधे बनाते हैं।
  • परन्तु यदि मिश्रित लंबे पौधे (Tt × Tt) का क्रॉस कराया जाए तो F2 पीढ़ी की भाँति लंबे तथा बौने पौधे का समलक्षणी अनुपात 3:1 होगा ।
  • F2 पीढ़ी के तीन लंबे और एक बौने पौधे में एक शुद्ध लंबे (TT), दो मिश्रित लंबा (Tt) और एक शुद्ध बौना (tt) हुआ जिसका अनुपात 1:2:1 होता है ।
23. (a) मेंडल के अनुसार, प्रत्येक जनन कोशिका में एक ही गुण को व्यक्त करने के लिए दो कारक होते हैं ।
  • जब ये दोनों कारक समान हो, तो इस स्थिति को समयुग्मजी (Homozygous) तथा
  • जब ये विपरीत हो तो इस स्थिति को विषमयुग्मजी (Hetrozygous) कहते हैं।
    उदाहरण - TT : समयुग्मजी
                    Tt: विषमयुग्मजी
24. (b) एकसंकरीय क्रॉस में मेंडल ने मटर के पौधों की दो ऐसी उपजातियाँ चुनी जिनके विपरीत लक्षणों के जोड़ों में एक लंबा तथा दूसरा बौना था और
  • इसका आपस में क्रॉस कराया तो देखा गया कि पहली पीढ़ी में बीजों द्वारा जो पौधे उत्पन्न हुए, वे सभी लंबे थे ।
  • इन सभी पहली पीढ़ी वाले पौधों को F, पौधे कहते हैं ।
  • फीनोटिपिक अनुपात 3 : 1
  • जीनोटिपिक अनुपात 1:2:1
25. (d) विभिन्नताएँ दो प्रकार की होती हैं-
(i) जननिक विभिन्नता - ऐसी विभिन्नताएँ जनन कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तन के कारण होती हैं ।
  • ऐसी विभिन्नता एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत होती है ।
  • इसका इसे आनुवांशिक विभिन्नता के नाम से भी जाना जाता है।
(ii) कायिक विभिन्नता - ऐसी विभिन्ताएँ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत नहीं होती है। ऐसी विभिन्नताएँ उपार्जित ( acquired) होती है।
  • इस कारण जैव विकास में इनका कोई महत्व नहीं होता है ।
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Sat, 17 Feb 2024 09:02:53 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | How do Organisms Reproduce? जीव जनन कैसे करते हैं? https://m.jaankarirakho.com/916 https://m.jaankarirakho.com/916 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | How do Organisms Reproduce? जीव जनन कैसे करते हैं?
1. नीचे दी गई जीवों को सूची में वे कौन-से जीव हैं जो अलैंगिक विधि से जनन करते हैं
(i) केला / banana
(ii) कुत्ता / dog
(iii) यीस्ट / yeast 
(iv) अमीबा / Amoeba
(a) (ii) और (iv)
(b) (i), (iii) और (iv)
(c) (i) और (iv)
(d) (ii), (iii) और (iv)
उत्तर - (b)
2. पुष्प में नर और मादा युग्मकों (जनन-कोशिकाओं) को उत्पन्न करने वाले भाग कौन-से हैं ?
(a) पुंकेसर और परागकोष
(b) तंतु और वर्तिकाग्र 
(c) परागकोष और अंडाशय 
(d) पुंकेसर और वर्तिका
उत्तर - (c)
3. एक पुष्प में, लैंगिक जनन की परिघटनाओं का सही क्रम निम्नलिखित में से कौन-सा है ?
(a) परागण, निषेचन, नवोद्भिद्, भ्रूण 
(b) नवोद्भिद्, भ्रूण, निषेचन, परागण 
(c) परागण, निषेचन, भ्रूण, नवोद्भिद्
(d) भ्रूण, नवोद्भिद्, परागण, निषेचन
उत्तर - (c)
4. जनन की अलैंगिक विधि से उत्पन्न संतति में परस्पर अधिक समानता होती है क्योंकि-
(i) अलैंगिक जनन में ही केवल एक जनक भाग लेता है 
(ii) अलैंगिक जनन में युग्मक शामिल नहीं होते 
(iii) अलैंगिक जनन लैंगिक जनन से पहले होता है
(iv) अलैंगिक जनन लैंगिक जनन के बाद होता है 
(a) (i) और (ii)
(b) (i) और (iii)
(c) (ii) और (iv)
(d) (iii) और (iv)
उत्तर - (a)
5. जनकों से संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण किसमें विद्यमान होते हैं ?
(a) कोशिकाद्रव्य
(b) राइबोसोम
(c) गॉल्गी काय
(d) जीन 
उत्तर - (d)
6. जनकों से संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण क्या प्रदर्शित करते हैं ?
(a) केवल जनकों से समानताएँ 
(b) केवल जनकों से विविधताएँ
(c) जनकों के साथ समानताएँ और विविधताएँ
(d) न समानताएँ और न विविधताएँ
उत्तर - (c)
7. अमीबा, स्पारोगाइरा और यीस्ट से जनन की सामान्य विशेषता क्या होती है ?
(a) ये अलैंगिक रूप से जनन करते हैं
(b) ये सभी एककोशिक हैं
(c) ये केवल लैंगिक रूप से जनन करते हैं
(d) ये सभी बहुकोशिक हैं
उत्तर - (a)
8. स्पाइरोगाइरा में, अलैंगिक जनन किसके द्वारा होता है ?
(a) तंतुओं को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ कर
(b) एक कोशिका का दो कोशिकाओं में विभाजित होना
(c) एक कोशिका का अनेक कोशिकाओं में विभाजित होना
(d) पुरानी कोशिकाओं से नयी-नयी कोशिकाएँ का बनना
उत्तर - (a)
9. प्लाज्मोडियम में एक कोशिका के अनेक कोशिकाओं में विभाजित होने की क्षमता को क्या कहते हैं ?
(a) मुकुलन
(b) न्यूनकारी विभाजन
(c) द्विविभाजन 
(d) बहुविभाजन 
उत्तर - (d)
10. पुष्पी पौधे में जनन अवस्थाओं का सही क्रम कौन-सा है ?
(a) युग्मक, युग्मनज, भ्रूण, नवोदभिद्
(b) युग्मनज, युग्मक, भ्रूण, नवोदभिद्
(c) नवोदभिद्, भ्रूण, युग्मनज, युग्मक 
(d) युग्मक, भ्रूण, युग्मनज, नवोदभिद्
उत्तर - (a)
11. एक स्पीशीज के जनकों और संततियों में गुणसूत्रों की संख्या किसके कारण नियत बनी रहती है ?
(a) युग्मनज के बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या का दोगुना हो जाना 
(b) युग्मक बनने के दौरान गुणसूत्रों की संख्या का आधा रह जाना
(c) युग्मक बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या का दोगुना हो जाना 
(d) युग्मक बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या का आधा रह जाना 
उत्तर - (b)
12. राइजोपस में उन नलिकाकार सूत्र - जैसी संरचनाओं को क्या कहते हैं जिन पर बीजाणुधानियाँ लगी होती हैं ?
(a) तंतु
(b) हाइफे
(c) राइजॉयड 
(d) मूल (जड़) 
उत्तर - (b)
13. कायिक प्रवर्धन द्वारा नए पौधे निम्नलिखित में से किससे बनते हैं ? 
(a) तना, जड़ें और पुष्प
(b) तना, जड़ें और पत्तियाँ
(c) तना, पुष्प और फल
(d) तना, पत्तियाँ और पुष्प
उत्तर - (b)
14. डबलरोटी के स्लाइस पर कवक का तीव्र गति से फैलने के लिए उत्तरदायी कारक कौन-से हैं ?
(i) बड़ी संख्या में बीजाणुओं का होना
(ii) डबलरोटी में नमी और पोषकों की उपलब्धता
(iii) नलिकाकार शाखित हाइफो की मौजूदगी
(iv) गोलाकार बीजाणुधानियों का निर्माण
(a) (i) और (iii)
(b) (ii) और (iv)
(c) (i) और (ii)
(d) (iii) और (iv)
उत्तर - (c)
15. पराग-नली की लंबाई निम्नलिखित में से किन-किन के बीच की दूरी पर निर्भर होती है ?
(a) परागकण और वर्तिकाग्र का ऊपरी सतह 
(b) वर्तिकाग्र की ऊपरी सतह पर पराग कण और बीजांड
(c) पुंकेसर के भीतर पराग कण और वर्तिकाग्र की ऊपरी सतह 
(d) वर्तिकाग्र की ऊपरी सतह और वर्तिकाग्र का निचला भाग 
उत्तर - (b)
16. पुष्पों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं ? 
(i) पुष्प हमेशा उभयलिंगी होते हैं
(ii) ये लैंगिक जनन के अंग होते हैं 
(iii) ये पौधों के सभी वर्गों में पाए जाते हैं
(iv) निषेचन के बाद इनसे फल बनते हैं
(a) (i) और (iv)
(b) (ii) और (iii)
(c) (i) और (iii)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर - (d)
17. एकलिंगी पुष्पों के संदर्भ में निम्नलिखित कीनों में से कौन-से सही हैं?
(i) इनमें पुंकेसर और स्त्रीकेसर दोनों होते हैं
(ii) इनमें या तो पुंकेसर होते हैं अथवा स्त्रीकेसर होते हैं 
(iii) इनमें परागण होता है
(iv) वे एकलिंगी पुष्प जिनमें केवल पुंकेसर होते हैं, फल उत्पन्न नहीं कर पाते
(a) (i) और (iv) 
(b) (ii), (iii) और (iv)
(c) (iii) और (iv)
(d) (i), (iii) और (iv)
उत्तर - (b)
18. पुष्पी पौधों के संदर्भ में लैंगिक जनन के बारे में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सही है ?
(i) इसे दो प्रकार के युग्मकों की आवश्यकता होती है 
(ii) निषेचन एक अनिवार्य घटना होती है 
(iii) इसके फलस्वरूप हमेशा ही युग्मनज बनाता है
(iv) इससे बनने वाली संतति क्लोन होती है 
(a) (i) और (iv) 
(b) (i), (ii) और (iv)
(c) (i), (ii) और (iii)
(d) (i), (ii) और (iv)
उत्तर - (c)
19. चित्र में भाग A, B और C किस क्रम में होते हैं-

(a) बीजपत्र, प्रांकुर और मूलांकूर
(b) प्रांकुर, मूलांकुर और बीजपत्र 
(c) प्रांकुर, बीजपत्र और मूलांकर
(d) मूलांकुर, बीजपत्र और प्रांकुर
उत्तर - (c)
20. लैंगिक जनन के फलस्वरूप उत्पन्न संतति में अधिक विविधता पाई जाती है क्योंकि-
(a) लैंगिक जनन एक अधिक समय तक चलने वाली प्रक्रिया है
(b) आनुवंशिक पदार्थ एक ही स्पीशीज के दो जनकों से आता है
(c) आनुवंशिक पदार्थ दो भिन्न स्पीशीजों के दो जनकों से आता है। 
(d) आनुवंशिक पदार्थ अनेक जनकों से आता है
उत्तर - (b)
21. जीवधारियों के लिए जनन करना अनिवार्य है ताकि
(a) व्यष्टि जीवित बना रहे 
(b) वे अपनी ऊर्जा - आवश्यकता की पूर्ति कर सकें
(c) वृद्धि को बनाए रखें
(d) पीढ़ी दर पीढ़ी स्पीशीज की निरंतरता को बनाए रखें
उत्तर - (d)
22. किशोरावस्था के दौरान मानव शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं । उस परिवर्तन पर चिह्न लगाएँ जिसका संबंध लड़कों में लैंगिक परिपक्वता से है
(a) दूध के दाँतों का टूटना
(b) कद का बढ़ना 
(c) आवाज का भारी होना 
(d) वजन का बढ़ना
उत्तर - (c)
23. स्त्रियों में वह घटना कौन-सी है जो जनन प्रावस्था के प्रारंभ को परिलक्षित करती है ?
(a) शरीर की वृद्धि
(b) केशों के पैटर्न में परिवर्तन आना
(c) आवाज में परिवर्तन आना
(d) रजोधर्म
उत्तर - (d)
24. पुरुषों में वृषण वृषणकोश के भीतर स्थित होते हैं क्योंकि इससे सहायता मिलती है-
(a) मैथुन प्रक्रिया में
(b) शुक्राणु बनने में
(c) युग्मकों के आसानी से स्थानांतरण में
(d) उपरोक्त सभी में
उत्तर - (b)
25. यौवनारंभ पर वृषणों का निम्नलिखित में कौन-सा कार्य नहीं होता ? 
(i) जनन-कोशिकाओं का निर्माण
(ii) टेस्टोस्टेरॉन का स्राव
(iii) अपरा का विकास
(iv) एस्ट्रोजेन का स्राव 
(a) (i) और (ii) 
(b) (ii) और (iii)
(c) (iii) और (iv)
(d) (i) और (iv)
उत्तर - (c)
26. जन जननांगों के विभिन्न भागों में शुक्राणुओं के परिवहन के लिए सही क्रम कौन-सा है ?
(a) वृषण → शुक्रवाहक → मूत्रमार्ग 
(b) वृषण → मूत्रवाहिनी → मूत्रमार्ग 
(c) वृषण → मूत्रमार्ग → मूत्रवाहिनी
(d) वृषण → शुक्राहक → मूत्रवाहिनी
उत्तर - (a)
27. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग यौन संचारित नहीं होता ?
(a) सिफलिस (आतशक)
(b) हिपैटाइटिस
(c) HIV AIDS
(d) गोनोरिया (सुजाक) 
उत्तर - (b)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (b) अलैंगिक विधि से जनन कि क्रिया केला, यीस्ट,  अमीबा में होता है जबकि कुत्ता में लैंगिक जनन की क्रिया होती है।
  • यीस्ट में अलैंगिक जनन की क्रिया मुकुलन विधि द्वारा होती है।
  • अमीबा में अलैंगिक जनन की क्रिया विखण्डन विधि द्वारा होती है।
  • अलैंगिक जनन में एक जीव नए संतान की उत्पत्ति करता है। 
  • लैंगिक जनन में नर युग्मक तथा मादा युग्मक भाग लेते हैं।
2. (c) पुष्प के नर भाग को परागकोष तथा मादा भाग को अंडाशय कहते है।
  • परागकोष में परागकण का निर्माण होता है जबकि अंडाशय में Ova का निर्माण होता है।
  • पुष्प के मादा भाग को जायांग कहते है। यह तीन भागों में बँटे होते हैं, जिसे वर्तिकाग्र, वर्तिका तथा अंडाशय के नाम से जानते है।
  • पुष्प के नर भाग को पुमंग कहते है यह दो भागों में बटे होते है जिसे परागकोष तथा फिलामेन्ट के नाम से जानते हैं।
3. (c) पुष्प में लैंगिक जनन की परिघटना कुछ इस प्रकार की होती है। 
  • परागण - निषेचन, भ्रुण, नवोदभिद्ध
  • परागकण का निर्माण परागकोष में होता है। परागकण पुष्प के वर्तिकाग्र में पहुँचता है, यह क्रिया परागकण कहलाती है।
  • परागकण का अंडाशय में Ova को मिलने से निषेचन की क्रिया होती है।
  • भ्रूण का विकास पुष्प के अंडाशय में होती है।
  • अंडाशय ही विकसित होकर फल का निर्माण करता है ।
  • परागण - पौधे में पराग कण (Pollon grains) का नर भाग से मादा - भाग पर स्थानान्तरण परागण कहलाता है ।
  • निषेचन - मानव में केवल एक प्रकार की निषेचन होती है । इसमें युग्मकों के संलयन की क्रिया मादा जनन नाल के कुछ भागों के तथा ऑस्टियम के पास होती है ।
  • भ्रूण (Embryo) – प्राणी के विकास की प्रारंभिक अवस्था को भ्रूण कहते हैं ।
4. (a) अलैंगिक जनन में केवल एक ही जनक भाग लेता है।
  • अलैंगिक जनन में युग्मक शामिल नहीं होते है।
  • अलैंगिक जनन की क्रिया यीस्ट, अमीबा, पैरामीशियम युग्लीना में होती है।
  • अलैंगिक जनन में Sperm तथा Ova की भूमिका नहीं होती है।
    1. लैंगिक जनन- लैंगिक जनन के लिए एक ही जाति के दो विपरित लिंग वाले जीवों अथवा जनन अंगों की आवश्यकता होती है ।
    2. ऐसे जीव जिनमें नर एवं मादा जनन अंग अलग-अलग जीवों में होते हैं। उन्हें एकलिंगी जीव कहते हैं ।
    3. ऐसे जीव जिनमें नर एवं मादा जनन अंग एक ही जीव में पाए जाते हैं। उन्हें द्विलिंगी जीव या हर्माफ्रोडाइट कहते हैं । 
      Ex : फीताकृमि, केचुआ, तारा मछली ।
  • अलैंगिक जनन - जब नर एवं मादा युग्मकों के संयोग के बिना होती है तो उसे अलैंगिक जनन कहा जाता है।
  • अलैंगिक जनन के एकक जनक के संतान की उत्पत्ति होती है | संतान अलैंगिक जनन कोशिकाओं के समसूत्री विभाजन के द्वारा होती है ।
  • अलैंगिक जनन मुख्यतः एक कोशिकीय जीवों तथा निम्नस्तरीय पादपों एवं जन्तुओं में पाया जाता है ।
    Ex : स्पंज, हाइड्रा, यीस्ट, अमीबा इत्यादि ।
5. (d) जनकों संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण जीन में मौजूद होते है।
  • DNA के क्रियात्मक खंड को Gene कहते है। जीन शब्द की खोज जोहान्सन नामक वैज्ञानिक ने की थी।
  • राइबोसोम का मुख्य कार्य प्रोटीन का निर्माण करना तथा प्रोटीन का संश्लेषण करना।
  • गॉल्जीकाय को यातायात प्रबंधक कहा जाता है ।
  • गॉल्जीकाय की खोज कैमियो गॉल्जी ने किया था ।
  • जीवद्रव्य की खोज डुजारडिन ने 1835 ई० में की थी तथा सारकोड नाम दिया और पुरकिंजे ने इसे प्रोटोप्लाज्म नाम दिया ।
6. (c) जनकों से संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण जनको के साथ समानताएँ और विविधताएँ को प्रदर्शित करते है।
  • नर तथा मादा से उत्पन्न संतान में जो गुणों की समानता पाई जाती है, वह माता-पिता से प्राप्त होता है।
  • बच्चों में जो गुण माता-पिता से प्राप्त होता है, उसमें गुणसूत्र को अहम भूमिका होती है।
7. (a) अमीबा, स्पाइरोगाइरा तथा यीस्ट में अलैंगिक जनन द्वारा नए जीवों की उत्पत्ति होती है।
  • अमीबा में अलैंगिक जनन विखण्डन विधि द्वारा होता है।
  • यीस्ट एककोशकीय कवक है, इसमें मुकुलन विधि द्वारा जनन की क्रिया होती है।
  • स्पाइरोगाइरा एक प्रकार का शैवाल है, इसमें भी अलैंगिक जनन द्वारा नए जीव की उत्पत्ति होती है।
  • एक कोशिकीय जीव - Ex : अमीबा, जीवाणु, पैरामिशियम शेवाल इत्यादि ।
  • बहुकोशिकीय जीव- शैवाल, कवक, विषाणु, पादप, जन्तु इत्यादि ।
8. (a) स्पाइरोगाइरा एक प्रकार का एक कोशकीय शैवाल है - इसमें जनन की क्रिया अलैंगिक विधि द्वारा होता है। अर्थात स् छोटे-छोटे टूकड़ों में टूटकर नए स्पाइरोगाइरा को जन्म देता है।
  • स्पाइरोगाइरा शैवाल समुह में पाए जाने वाला जीव है। 
9. (d) प्लाज्मोडियम वायवेक्स एक प्रोटोजोआ है, जो मच्छर के शरीर में पाया जाता है। यह एक कोशकीय परजीवी जीव होता है।
  • इनमें कोशिका का विभाजन बहुविभाजन विधि द्वारा होता है। अर्थात् एक जीव अनेक जीवों को जन्म देता है।
  • द्विविभाजन विधि द्वारा अमीबा एक नए अमीबा को जन्म देता है।
  • मुकुलन विधि द्वारा जनन की क्रिया हाइड्रा तथा यीस्ट में होता है। इनके शरीर पर एक कली जैसी संरचना निकलती है। यह टूटकर एक नए जीव को जन्म देता है।
  • प्लाज्मोडियम की कुछ जातियों को मलेरिया परजीवी भी कहते हैं। क्योंकि मनुष्य के मलेरिया रोग उत्पन्न करती है ।
  • प्लाज्मोडियम कोशिका के एक छोर पर विशिष्ट स्प्रावी जीवों के साथ एकल-कोशिका वाले परजीवियों का एक वर्गीकरण समूह फाइलम एपिकोम्पलेक्सा से संबंधित है।
10. (a) पुष्पी पौधा में जनन की क्रिया को सही क्रम इस प्रकार है।
  • युग्मक, युग्मनज, भ्रुण, नवोदभिद्
  • परागकण तथा Ova ये दोनों युग्मक कहलाते है जब ये दोनों आपस में मिलते है, तब निषेचन की क्रिया होती है और Zygote का निर्माण होता है।
  • Zygote परिपक्व होकर भ्रूण का निर्माण करता है।
  • परिपक्व भ्रूण बच्चे के रूप में विकसित होता है।
  • युग्मक कोशिका–युकैरियोटिक प्रकार की जनन कोशिका है। इनका निर्माण युग्मक जनन की क्रिया के माइटोसिस कोशिका को शुक्राणु तथा स्त्रियों की जनन कोशिका को अंडाणु कहते हैं ।
11. (b) एक स्पीशीज के जनकों और संततियों में गुण सूत्रों की संख्या युग्मक बनने के दौरान गुणसूत्रों की संख्या का आधा रह जाता है।
  • एक संतान के जन्म के पहले आया गुणसूत्र पिता से तथा आधा गुणसूत्र माता से प्राप्त होता है।
  • संतान माता से 22 + XX गुणसुत्र तथा पिता 22 + XY को एक गुणसूत्र प्राप्त करता है।
  • पिता के गुणसूत्र पर लिंग निर्धारण की क्रिया सम्पन्न होती है।
  • एक समान्य मनुष्य में 46 गुणसूत्र होते हैं ।
12. (b) राइजोपस एक प्रकार का कवक है। इसकी प्रकृति मृतोपजीवी होती है।
  • राइजोपस से निकलने वाली नालिकार संरचना हाइफे कहलाती है। इसी हाइफे के ऊपर बीजाणुधानी पाई जाती है।
  • बीजाणुधानी के अन्दर बीजाणु पाए जाते हैं।
  • बीजाणु बीजाणुधानी से निकलकर जमीन पर गिरकर एक नए राइजोपस को जन्म देता है।
  • राइजोपस एक मृतोपजीवी (saprophytic) कवक है ।
  • यह अपना पोषण सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करते हैं।
  • बीजाणुधानियाँ-पराग कोश की प्रत्येक पाली के दो कोष्ठ होते हैं । इस प्रकार चारों कोनों के चार कोष्ठ पाये जाते हैं । जिनके परागकण भरे होते हैं। जिसे परागकुटि या लघु बिजाणुधानी भी कहते हैं ।
13. (b) कायिक प्रवर्धन द्वारा नए पौधे का जन्म होता है।
  • तना को काटकर एक नए पौधे को विकसित किया जाता है। जैसे आलू, गन्ना, अदरख के तना को लगाया जाता है।
  • ब्रायोफाइलम के पत्तियों पर कली जैसी संरचना पाई जाती है। यह संरचना टूटकर कर एक नए ब्रायोफाइलम को जन्म देती है।
  • कायिक प्रवर्धन-किसी पौधे के वर्ची भागों जैसे-जड़, तना, पत्ती द्वारा ये पौधे तैयार होना कायिक प्रवर्धन कहते हैं ।
  • यह अलैंगिक जनन का ही एक अंग है जिसमें पौधे के केवल वर्ची भाग Vegetative parts ही भाग लेते हैं ।
14. (c) डबल रोटी पर कवक तीव्र गति से फैलते हैं। इसका मुख्य कारण बड़ी संख्या में बीजाणुओं को होना ।
  • डबल रोटी पर नमी और पोषकों की उपलब्धता के कारण कवक का वृद्धि तेजी से होता है।
  • कवक प्रायः मृतोपजीवी होते है, ये सड़े गले चीजों पर जन्म लेते है।
  • कवक का अध्ययन Mycology कहलाता है। इसकी कोशिका भित्ती काइटिन की बनी होती है जबकि भोजन का संग्रह Glycogen के रूप में करता है।
15. (b) परागनली की लंबाई वर्तिकाग्र की ऊपरी सतह पर परागकण और बीजाण्ड के बीच की दूरी पर निर्भर होती है।
  • परागकण का निर्माण परागकोष में होता है जबकि परागण की क्रिया Stigma में होती है।
  • परागकण का निषेचन अंडाशय के अंदर होती है।
  • निषेचन के बाद अंडाशय के अंदर बीजाण्ड का निर्माण होता है।
  • परागनली की लम्बाई 8 से 10 इंच तक होती है।
  • किसी वनस्पति के स्त्रीकेशर का सबसे अगला भाग Ex : वर्तिकाग्र तथा उसके नीचे वर्तिका होती है।
16. (d) पुष्प में लैंगिक जनन के अंग होते है। अर्थात् पुष्प में नर तथा मादा भाग पाए जाते है।
  • नर भाग को पुमंग तथा मादा भाग को जायांग के नाम से जाना जाता है।
  • पुष्प में निषेचन के बाद फल का निर्माण होता है। फल का निर्माण अंडाशय से होता है।
  • कभी-कभी पुष्प उभयलिंगी भी होते है।
17. (b) एक लिंगी पुष्पों में पुंकेसर अथवा स्त्रीकेसर अलग-अलग होते हैं।
  • इनमें परागकण होता है।
  • एक लिंगी पुष्प जिनमें केवल पुंकेसर होते है, फल उत्पन्न नहीं कर पाते हैं।
  • पुष्प जीवचक्र के दृष्टिकोण से पौधा का सबसे महत्वपूर्ण अंग कहलाता है। इसका अध्ययन Anthology कहलाता है।
18. (c) पुष्पी पौधो में लैंगिक जनन की क्रिया में दो प्रकार के युग्म परागकण तथा Ova की आवश्यकता होती है।
  • परागकण तथा Ova मिलकर निषेचन की क्रिया में भाग लेते है। यह घटना अंडाशय में होती हैं।
  • परागकण तथा Ova के मिलने के बाद युग्मनज (Zygote) का निर्माण होता है।
  • Zygote परिपक्व होकर बीजाण्ड का निर्माण करेगा |
  • लैंगिक प्रजनन के युग्मनज निर्माण के लिए नर एवं मादा युग्मकों का निषेचन सम्मिलित होता है । जिसके विविधताएँ अधिक पाई जाती है ।
19. (c) बीज के अंकुरण के लिए आद्रता या पानी की आवश्यकता होती है।
  • बीज के अंकरण के बाद प्रांकुर विकसित होता है, जो तना का निर्माण करता है।
  • बीजपत्र के अंदर खाद्य पदार्थ जमा होता है, जो पौधे को पोषण प्रदान करता है।
  • मूलांकुर बीज से निकलने के बाद जड़ का निर्माण करता है।
20. (b) लैंगिक जनन में नर तथा मादा भाग लेते है। अर्थात् नर का Sperm तथा मादा का Ova मिलकर निषेचन क्रिया में भाग लेता है।
  • लैंगिक जनन में उत्पन्न संतति में अधिक विविधताएँ पायी जाती है।
  • आनुवंशिक पदार्थ एक ही स्पीशीज के दो जनकों से आता है, इसी कारण संतान में अधिक विविधता पाई जाती है।
  • जीवों में जो गुण प्राप्त होता है, उसमें माता तथा पिता का भूमिका होता है, क्योंकि इन्ही का गुण DNA के माध्यम से पुत्रों को प्राप्त होता है।
  • DNA जीवों का एक आनुवंशिक पदार्थ है, जो गुणों का वाहक होता है।
21. (d) जीव को जनन करना अनिवार्य होता है, ताकि पृथ्वी पर पीढ़ी दर पीढ़ी जाति की निरंतरता को बनाए रखे।
  • पृथ्वी पर सभी जीव अपने अस्तिव को बनाए रखने के लिए प्रजनन करते है। जिनका प्रजनन दर कम होने लगता है। उनके जाति की जनसंख्या कम होने लगती है।
  • प्रजनन पीढ़ी दर पीढ़ी स्पीशीज (प्रजातियों) की निरन्तरता बनाये रखने के लिए अनिवार्य है। अन्यथा जीवन के लिए संघर्ष तथा प्राकृतिक / दुर्घटनावश मृत्यु के कारण विलुप्त हो जाएगी ।
22. (c) मनुष्य के किशोरावस्था या (14 वर्ष) में शरीर के अन्दर तथा बाहर अनेक परिवर्तन होते है।
  • पुरुषों में इस अवस्था में दाढ़ी मूछ का आना, भारी आवाज का होना।
  • जबकि महिलाओं में इस अवस्था में आवाज का पतलापन, रजोधर्म का शुरू होना, स्तनों का विकास इत्यादि ।
23. (d) स्त्रियों में जनन प्रावस्था के प्रारंभ को परिलक्षित करने वाली घटना रजोधर्म है। 
24. (b) पुरुषों के वृषण के अंदर शुक्राणु का निर्माण होता है।
  • वृषण की संख्या दो होती है। इसे Male Reproductive Organ कहा जाता है।
  • Sperm एक गाढ़ा सफेद तरल पदार्थ है। जिसमें लाखों शुक्राणु पाए जाते हैं। जो निषेचन क्रिया में भाग लेते हैं।
  • शुक्राणु ही फेलोपियन ट्यूब में Ova के साथ निषेचित होता है।
  • वृष्णकोश शुक्राणु निर्माण के लिए कम तापमान प्रदान करते
25. (c) वृषण का मुख्य कार्य जनन कोशिकाओं (Sperm) का निर्माण करना।
  • Male Sex hormone टेस्टोस्टेरॉन का स्राव वृषण के द्वारा होता है।
  • अपरा का विकास मादा के गर्भाशय में होता है। जब भ्रूण का विकास होता है।
  • एस्ट्रोजन हार्मोन का स्राव Female के Ovam में होता है।
26. (a) नर जननांग वृषण के अंदर Sperm का निर्माण होता है।
  • वृषण का तापमान शरीर के तापमान से कम होता है। ताकि Sperm को नुकसान नहीं हो।
  • शुक्रवाहक का काम शुक्राणु को मूत्र मार्ग तक जाना यहाँ से यह शुक्राणु मूत्रमार्ग के द्वारा बाहर निकल जाता है।
27. (b) सिफलिस, HIV तथा गोनोरिया एक यौन संचारित रोग है।
  • हिपैटाइटिस एक यकृत संबंधी रोग है जो वाइरस से होता है।
  • HIV वाइरस हमारे शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र का नष्ट कर देता है।
  • सिफलिस तथा गोनोरिया जीवाणु से फैलने वाले रोग है। यह बीमारी जनन अंग को प्रभावित करता है।
  • हेपेटाइटिस एक बीमारी है जो यकृत की सूजन का कारण बनती है। अगर अनियंत्रित होता है तो यकृत कैंसर का कारण बनती है।
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Sat, 17 Feb 2024 07:29:45 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Control and Coordination नियंत्रण और समन्वय https://m.jaankarirakho.com/915 https://m.jaankarirakho.com/915 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Control and Coordination नियंत्रण और समन्वय
1. ग्राही अंगों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सही है ? 
(a) रसग्राही अंग स्वाद का पता लगाते हैं जबकि घ्राणग्राही अंग गंध का 
(b) रसग्राही और घ्राणग्राही दोनों ही अंग गंध का पता लगाते हैं
(c) श्रवण और घ्राणग्राही दोनों ही अंग स्वाद का पता लगाते हैं 
(d) घ्राणग्राही अंग स्वाद का पता लगाते हैं जबकि रसग्राही अंग गंध का 
उत्तर - (a)
2. न्यूरॉन में विद्युत आवेग कहाँ से आरंभ होकर कहाँ तक जाते हैं?
(a) डेंड्राइट → ऐक्सॉन → ऐक्सॉन छोर → कोशिकाकाय
(b) कोशिका → डेंड्राइट → ऐक्सॉन → ऐक्सॉन छोर
(c) डेंड्राइट → कोशिकाकाय → ऐक्सॉन → ऐक्सॉन छोर
(d) ऐक्सॉन छोर → ऐक्सॉन → कोशिकाकाय → डेंड्राइट
उत्तर - (c)
3. सिनेप्स पर, रासायनिक संकेत का संप्रेषण होता है
(a) एक न्यूरॉन के डेंड्राइट छोर से दूसरे न्यूरॉन के ऐक्सॉन छोर तक 
(b) ऐक्सॉन से उसी न्यूरॉन की कोशिकाकाय तक
(c) कोशिकाकाय से उसी न्यूरॉन के ऐक्सॉन छोर तक
(d) एक न्यूरॉन के ऐक्सॉन छोर से दूसरे न्यूरॉन के डेन्ड्राइट छोर तक 
उत्तर - (d)
4. न्यूरॉन में विद्युत संकेत रासायनिक संकेत में कहाँ बदलता है ?
(a) कोशिकाकाय में
(b) ऐक्सॉन छोर पर
(c) डेंड्राइट छोर पर
(d) ऐक्सॉन में
उत्तर - (b)
5. प्रतिवर्ती चाप के संघटकों का सही क्रम क्या है?
(a) ग्राही अंग → पेशियाँ → संवेदी न्यूरॉन → प्रेरक न्यूरॉन → मेरुरज्जु
(b) ग्राही अंग → प्रेरक न्यूरॉन →मेरुरज्जु → संवेदी न्यूरॉन → पेशी
(c) ग्राही अंग → मेरुरज्जु → संवेदी न्यूरॉन → प्रेरक न्यूरॉन → पेशी
(d) ग्राही अंग → संवेदी न्यूरॉन → मेरुरज्जु → प्रेरक न्यूरॉन → पेशी
उत्तर - (d)
6. निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं?
(i) पर्यावरण में किसी वस्तु के प्रति अनुक्रिया के लिए अचानक होने वाली क्रिया को प्रतिवर्ती चाप कहते हैं
(ii) संवेदी न्यूरॉन संकेतों को मेरुरज्जु से पेशियों तक ले जाते हैं 
(iii) प्रेरक न्यूरॉन संकेतों को ग्राही अंगों से मेरुरज्जु तक ले जाते हैं
(iv) किसी ग्राही अंग से आरंभ होकर संकेत एक पेशी अथवा एक ग्रंथि तक जिस मार्ग से संप्रेषित होते हैं उसे प्रतिवर्ती चाप कहते हैं
(a) (i) और (ii)
(b) (i) और (iii)
(c) (i) और (iv) 
(d) (i), (ii) और (iii)
उत्तर - (c)
7. मस्तिष्क के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
(i) मस्तिष्क में सोचने वाला प्रमुख भाग पश्च-मस्तिष्क है 
(ii) सुनने, सूँघने, स्मरण शक्ति, देखने आदि के केंद्र अग्र-मस्तिष्क में स्थित होते हैं
(iii) लार - श्रवण, स्वाद, वमन, रुधिर - दाब जैसी अनैच्छिक क्रियाओं का नियंत्रण पश्च-मस्तिष्क में स्थित मेडुला से होता है 
(iv) अनु-मस्तिष्क शरीर की भंगिका और संतुलन का नियंत्रण नहीं करता 
(a) (i) और (ii) 
(b) (i), (ii) और (iii)
(c) (ii) और (iii)
(d) (iii) और (iv)
उत्तर - (c)
8. शरीर की भंगिका और संतुलन का नियंत्रण होता है-
(a) प्र-मस्तिष्क से 
(b) अनु-मस्तिष्क से
(c) मेडुला से
(d) पोंस से
उत्तर - (b)
9. मेरुरज्जु निकलती है-
(a) प्र-मस्तिष्क से 
(b) मेडुला से
(c) पोंस से 
(d) अनु-मस्तिष्क से
उत्तर - (b)
10. प्ररोह का प्रकाश की तरफ वृद्धि करना कहलाता है -
(a) गुरुत्वानुवर्तन
(b) जलोनुवर्तन
(c) रसोनुवर्तन 
(d) प्रकाशोनुवर्तन
उत्तर - (d)
11. पौधों में एब्सिसिक अम्ल का प्रमुख कार्य है-
(a) कोशिकाओं की लंबाई को बढ़ाना 
(b) कोशिका विभाजन को प्रोत्साहित करना
(c) वृद्धि को संदमित करना
(d) तने की वृद्धि को प्रोत्साहित करना
उत्तर - (c)
12. निम्नलिखित में से किसका संबंध पौधे की वृद्धि से नहीं है? 
(a) ऑक्सिन 
(b) जिबरेलिन
(c) साइटोकाइनिन 
(d) ऐब्सिसिक अम्ल 
उत्तर - (d)
13. आयोडीन किस हॉर्मोन के संश्लेषण के लिए आवश्यक है ?
(a) ऐड्रीनलिन 
(b) थायरॉक्सिन
(c) ऑक्सिन 
(d) इंसुलिन 
उत्तर - (b)
14. इंसुलिन के बारे में गलत कथन चुनिए-
(a) यह अग्न्याशय से उत्पन्न होता है 
(b) यह शरीर की वृद्धि और उसके परिवर्धन का नियमन करता है
(c) यह रुधिर में शर्करा के स्तर का नियमन करता है 
(d) इंसुलिन के अपर्याप्त स्रवण से डायबिटीज़ नामक रोग हो जाता 
उत्तर - (b)
15. बेमेल युग्म को चुनिए-
(a) ऐड्रीनलिन और पीयूष
(b) टेस्टोस्टेरोन और वृषण
(c) ईस्ट्रोजन और अंडाशय
(d) थायरॉक्सिन और थॉयरॉइड ग्रंथि 
उत्तर - (a)
16. द्वार-कोशिकाओं की आकृति किसके परिवर्तन के कारण बदल जाती है?
(a) कोशिकाओं की प्रोटीन-संघटना के 
(b) कोशिकाओं के तापमान के
(c) कोशिकाओं में जल की मात्रा के 
(d) कोशिकाओं में केंद्रक की स्थिति के
उत्तर - (c)
17. मटर के पौधों में प्रतान की वृद्धि किसके कारण होती है?
(a) प्रकाश के प्रभाव के
(b) गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के 
(c) प्रतान की उन कोशिकाओं में तीव्र विभाजन के कारण जो अवलंब से दूर होती हैं 
(d) प्रतान की उन कोशिकाओं में तीव्र विभाजन के कारण जो अवलंब के संपर्क में होती हैं 
उत्तर - (c)
18. पराग-नलियों की अंडाणु की तरफ़ वृद्धि किसके कारण होती है? 
(a) जलानुवर्तन के
(b) रसोनुवर्तन के
(c) गुरुत्वानुवर्तन के
(d) प्रकाशानुवर्तन के
उत्तर - (b)
19. सूर्य के मार्ग के अनुसार सूरज की गति किसके कारण होती है?
(a) प्रकाशानुवर्तन के
(b) गुरुत्वानुवर्तन के
(c) रसोनुवर्तन के
(d) जलानुवर्तन के 
उत्तर - (a)
20. पौधे पर से परिपक्व पत्तियों और फलों का झड़ना किस पदार्थ के कारण होता है ?
(a) ऑक्सिन
(b) जिबरेलिन
(c) ऐब्सिसिक अम्ल 
(d) साइटोकाइनिन
उत्तर - (c)
21. तंत्रिका आवेग के संप्रेषण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सही है?
(a) तंत्रिका - आवेग डेंड्राइट छोर से ऐक्सॉन छोर की तरफ जाता है
(b) डेंड्राइट छोर पर, विद्युत आवेगों के कारण, कुछ रसायनों का उत्सर्जन होता है जो कि दूसरे न्यूरॉन के डेंड्राइट में उसी प्रकार का विद्युत आवेग उत्पन्न कर देते हैं
(c) एक न्यूरॉन के ऐक्सॉन छोर से निकलने वाले रसायन सिनैप्स को लाँघ जाते हैं और दूसरे न्यूरॉन के डेंड्राइट में उसी प्रकार का विद्युत आवेग उत्पन्न कर देते हैं
(d) एक न्यूरॉन विद्युत आवेगों को न केवल दूसरे न्यूरॉन तक ही संप्रेषित करता है बल्कि पेशी और ग्रंथि- कोशिकाओं तक संप्रेषित करता है 
उत्तर - (b)
22. शरीर की अनैच्छिक क्रियाओं का नियंत्रण होता है
(a) अग्र-मस्तिष्क के मेडूला से
(b) मध्य-मस्तिष्क के मेडूला से
(c) पश्च-मस्तिष्क के मेडूला से
(d) मेरुरज्जु के मेडूला से
उत्तर - (c)
23. निम्नलिखित में से कौन-सी क्रिया अनैच्छिक नहीं है?
(a) वमन 
(b) लार का स्रवण 
(c) हृदय - स्पंदन 
(d) चर्वण
उत्तर - (d)
24. जब किसी व्यक्ति को सर्दी-जुकाम हो रहा होता है तब वह क्या नहीं कर सकता ?
(a) सेब और आइसक्रीम के स्वाद में विभेद 
(b) इत्र और अगरबत्ती की गंध में विभेद
(c) लाल प्रकाश और हरे प्रकाश में विभेद 
(d) गर्म वस्तु और ठंडी वस्तु में विभेद 
उत्तर - (b)
25. विद्युत आवेग के प्रवाह की सही दिशा कौन-सी है? 

उत्तर - (c)
26. थायरॉक्सिन के बारे में कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए लौह आवश्यक होता है।
(b) यह शरीर में कार्बोहाइड्रेटों, प्रोटीनों और वसाओं के उपापचय का नियमन करता है।
(c) थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए थायरॉयड ग्रंथि को आयोडीन की आवश्यकता होती है 
(d) थायरॉक्सिन को थायरॉयड हॉर्मोन भी कहते हैं 
उत्तर - (a)
27. बौनेपन का कारण होता है-
(a) थायरॉक्सिन के स्राव की अधिकता 
(b) वृद्धि-हॉर्मोन के स्राव की कमी 
(c) ऐड्रीनलिन के स्राव की कमी 
(d) वृद्धि -हॉर्मोन के स्राव की अधिकता 
उत्तर - (b)
28. योवनारंभ से संबंधित शरीर के लक्षणों में महत्वपूर्ण परिवर्तन प्रमुखत: किसके स्रवण के कारण होते हैं?
(a) वृषणों से एस्ट्रोजन और अंडाशय से टेस्टोस्टेरॉन के कारण 
(b) ऐड्रीनल ग्रंथि से एस्ट्रोजन और पिट्यूटरी ग्रंथि से टेस्टोस्टेरॉन के कारण/
(c) वृषणों से टेस्टोस्टेरॉन और अंडाशय से एस्ट्रोजन के कारण 
(d) थायरॉयड ग्रंथि से टेस्टोस्टेरॉन और पिट्यूटरी ग्रंथि से एस्ट्रोजन के कारण 
उत्तर - (c)
29. एक चिकित्सक ने किसी व्यक्ति को इंसुलिन का इंजेक्शन लेने की सलाह दी क्योंकि-
(a) उसका रुधिर-चाप कम था
(b) उसके हृदय स्पंदन की दर कम थी 
(c) वह गलगंड नामक रोग से पीड़ित था।
(d) उसके रुधिर में शर्करा स्तर अधिक था। 
उत्तर - (d)
30. पुरुषों में जनन क्षमता वृद्धि करने वाला हॉर्मोन कौन-सा है? 
(a) एस्ट्रोजन
(b) टेस्टोस्टेरॉन
(c) इंसुलिन
(d) वृद्धि-हॉर्मोन
उत्तर - (b)
31. निम्नलिखित में से कौन-सी अंतःस्रावी ग्रंथि अयुग्मित होती है? 
(a) ऐड्रीनल
(b) वृषण
(c) पिट्यूटरी
(d) अंडाशय 
उत्तर - (c)
32. दो न्यूरॉनों के बीच के संगम स्थल को क्या कहते हैं?
(a) कोशिका जंक्शन 
(b) तंत्रिकापेशीय जंक्शन
(c) तंत्रिक जोड़ 
(d) सिनेप्स
उत्तर - (d)
33. मानवों में, जैव प्रक्रियाओं का नियंत्रण और नियमन होता है-
(a) जनन और अंतःस्रावी तंत्रों से 
(b) श्वसन और तंत्रिका तंत्रों से
(c) अंत: स्रावी और पाचन तंत्रों से 
(d) तंत्रिका और अंत: स्रावी तंत्रों से 
उत्तर - (d)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (a) ग्राही, हमारी ज्ञानेन्द्रियों में स्थित एक खास कोशिकाएँ होती हैं जो वातावरण से सभी सूचनाएँ ढूँढ़ निकालती है । और उन्हें केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (मेरूरज्जु तथा मस्तिष्क) में पहुँचाती है।
  • अग्र मस्तिष्क में विभिन्न ग्राही संवेदी आवेग (सूचनाएँ) प्राप्त करने के लिए क्षेत्र होते हैं।
  • ग्राहियों का कार्य पर्यावरण में होनेवाले परिवर्तनों की सूचना ग्रहण करना तथा उन सूचनाओं को विश्लेषण हेतु तथा प्रतिक्रिया हेतु मस्तिष्क को भेजना है।
  • यदि ग्राही उचित प्रकार से कार्य न करें तो हमारा शरीर ( उद्दीपन के प्रति) अनुक्रिया नहीं कर पाएगा ।
2. (c) तंत्रिका तंत्र का सबसे ऊपरी हिस्सा साइटॉन कहलाता है जबकि इस Cyton से गुच्छे के समान एक रचना निकलती है जिसे Dendroytes कहते हैं ।
  • Cyton के नीचे लंबी-पतली रेशा के समान रचना होती है, जिसे Axon (एक्सॉन) कहते हैं |
  • कोशिकाकाय (cell body) को सोम भी कहते हैं ।
  • डेंड्राइट्स जो न्यूरॉन तक जानकारी ले जाते हैं, और एक्सॉन जो अन्य न्यूरॉन्स को जानकारी देते हैं, सेल बॉडी से जुड़े होते ।
3. (d) किसी तंत्रिका तंत्र में सिनैप्स कहलाता है- Cyton तथा Dendroytes के जुड़े भाग ।
  • Axon शरीर के विभिन्न भागों से सूचनाएँ Cyton तक पहुँचाता है । 
  • सिनैप्स को युग्मानुबंध भी कहते हैं |
  • प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियंत्रण spinal cord द्वारा होता है ।
  • तंत्रिका तंत्र का सबसे ऊपरी हिस्सा cyton कहलाता है ।
4. (b) सिनैप्स पर रसायनिक संकेत का संप्रेक्षण एक न्यूरॉन के एक्सॉन छोर से दूसरे न्यूरॉन के डेन्ड्राइट छोर तक होता है ।
  • Cell body (कोशिकाकाय) में साइटोप्लाज्म, सेल ऑर्गेनेल, न्यूक्लियस और निस्सल गैन्यूल इत्यादि पाए जाते हैं ।
  • सिनैप्स सर्किट का हिस्सा है जो संवेदी अंगों को जोड़ता है, जैसे कि वे जो दर्द या स्पर्श का पता लगाते हैं, परिधिय तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क को ।
  • सिनैप्स मस्तिष्क में न्यूरॉन्स को शरीर के बाकी हिस्सों में और उन न्यूरॉन्स से मांपेशियों को जोड़ते हैं ।
5. (d) ग्राही अंग - हमारी ज्ञानेन्द्रियों में स्थित एक खास कोशिकाएँ होती हैं, जो वातावरण से सभी सूचनाएँ ढूँढ़ कर निकालती है, ग्राही अंग कहलाता है ।
  • शरीर के विभिन्न संवेदी अंगों से प्राप्त संवेदी तंत्रिका आवेगों या उत्तेजनाओं को केन्द्रीय तंत्रिका अंगों तक ले जानेवाली तंत्रिका कोशिकाएँ संवेदी तंत्रिका कोशिकाएँ (संवेदी न्यूरॉन) कहलाती है।
  • वैसी तंत्रिका जो मेरुरज्जु या मस्तिष्क से प्राप्त निर्देश को संबंधित अंगों की कोशिकाओं या ग्रंथियों तक पहुँचाता है, प्रेरक तंत्रिका कहलाता है ।
  • पेशी/कंकाल पेशी प्राणियों का आंकुचित होने वाला ऊतक (tissue) है।
  • रीढ़ की हड्डी (spinal cord) नसों का ऐसा समूह होती है, जो दिमाग का संदेश शरीर के अन्य अंगों खासकर हाथों और पैरों तक पहुँचाती है।
6. (c) प्रतिवर्ती क्रियाओं के आगम संकेतों का पता लगाने और निर्गम क्रियाओं के करने के लिए संवेदी तंत्रिका कोशिका और प्रेरित तंत्रिका कोशिका मेरुरज्जु के साथ मिलकर एक पथ का निर्माण करती है जिसे प्रतिवर्ती चाप कहते हैं ।
  • प्रतिवर्ती क्रिया किसी उद्दीपन के प्रति जंतुओं के इच्छा रहित होने वाली त्वरित अचानक स्वतः व अनैच्छिक क्रिया है जबकि प्रतिवर्ती चाप, प्रतिवर्ती क्रिया के समय उत्पन्न तंत्रिका आवेग का ग्राही अंग से प्रभावक स्थल तक पहुँचाने का मार्ग ।
7. (c) मस्तिष्क मानव शरीर का केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण अंग है ।
  • मानव मस्तिष्क का सोचने वाला प्रमुख भाग अग्र मस्तिष्क (सेरीब्रम) है।
  • सुनने, सूँघने, स्मरण-शक्ति, देखने आदि का केंद्र अग्र-मस्तिष्क में स्थित होते हैं ।
  • लार - श्रवण, स्वाद, वमन, रूधिर दाब जैसी अनैच्छिक क्रियाओं का नियंत्रण पश्च मस्तिष्क में स्थित मेडुला से होता है ।
  • अनुमस्तिष्क (सेरीबेलम द्वारा) ऐच्छिक क्रियाओं का नियंत्रण होता है।
8. (b) मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग प्रमस्तिष्क (सेरीब्रम) है जो कि संपूर्ण मस्तिक का लगभग दो-तिहाई हिस्सा होता है ।
  • मेडुला ऑब्लांगेटा एक बेलनाकार रचना होती है जो पीछे की ओर स्पाइनल कॉर्ड या मेरुरज्जु के रूप में पाया जाता है।
  • पोंस द्वारा श्वसन क्रिया का नियंत्रण किया जाता है ।
  • अनुमस्तिष्क (Cerebellum) को मेटेनसिफेलॉन भी कहते हैं।
9. (b) स्पाइनल कॉर्ड/मेरुरज्जु मस्तिष्क के पिछले सिरे से शुरू होकर रीढ़ की हड्डियों में न्यूरल कैनाल के अन्दर से होता हुआ नीचे की ओर रीढ़ के अन्त तक फैला होता है। ।
  • मेरुरज्जु मेडुला से निकलती है ।
  • मेडूला द्वारा आवेगों का चालन मस्तिष्क और मेरुरज्जु के बीच होता है।
  • सेरीब्रम (प्र-मस्तिष्क) बुद्धि और चतुराई का केन्द्र कहलाता है।
  • अनुमस्तिष्क का मुख्य कार्य शरीर का संतुलन बनाए रखना है।
  • अनुमस्तिष्क (सेरीबेलम) आन्तरिक कान से संतुलन भाग से संवेदननाएँ ग्रहण करता है।
10. (d) गुरुत्वानुवर्तन (geotropism) किसी जीव की ऐसी वृद्धि होती है जो गुरुत्वाकर्षण बल के उद्दीपन से प्रभावित हो ।
  • पौधों की जड़े जलानुवर्तन प्रदर्शित करती हैं अर्थात् वे पानी की ओर वृद्धि करती है ।
  • वैसी गति जो प्रकाश उद्दीपन के प्रभाव में प्रकाश की ओर अथवा उसके विपरीत होती है उसे प्रकाशानुवर्तन कहते हैं ।
  • किसी विशेष रासायनिक पदार्थ की ओर मुड़ना रसायन अनुवर्तन या रसोनुवर्तन कहलाता है । 
11. (c) एब्सिसिक एसिड एक वृद्धिरोधी हॉर्मोन है।
  • वाष्पोत्सर्जन क्रिया का नियंत्रण स्टोमाटा को बंद करके एब्सिसिक एसिड द्वारा होता है ।
  • एब्सिसिक एसिड पत्तियों के झरने की क्रिया का नियंत्रण करता है जबकि
  • पौधों में फूल तथा फल के गिरने की क्रिया को भी नियंत्रित करता है ।
12. (d) औक्जिन जड़ के वृद्धि का नियंत्रण करता है जबकि बीजरहित फल के उत्पादन में सहायक होता है ।
  • ऑक्जिन का खोज सर्वप्रथम चार्ल्स डार्विन ने किया था । (केनरी घास में ) ।
  • जिबरेलिन हॉर्मोन तने के वृद्धि में सहायक होता है ।
  • साइटोकाइनिन क्षारीय प्रकृति का होता है जो कि जड़ के शीर्ष भाग पर संश्लेषित होता है एवं जड़ के कोशिका विभाजन में भाग लेता है ।
  • एब्सिसिक एसिड एक वृद्धिरोधी हॉर्मोन है ।
13. (b) एपिनेफ्रिन या एड्रीनलिन हॉर्मोन का स्राव एड्रीनल नामक ग्रंथि से होता है ।
  • थायरॉक्सिन हॉर्मोन अवट्टू ग्रंथि से निकलता है ।
  • थायरॉक्सिन हॉर्मोन को प्रेरित करने वाला TSH Harmone (Thyroid Stimulating Harmone) है ।
  • इंसुलिन नामक हॉर्मोन का स्राव अग्न्याशय के β-cell से स्रावित होता है । इसके अधिकता से Hypoglycimia नामक रोग होता है ।
  • ऑक्जिन Organic compound का एक समूह है जो पौधे के Cell devision तथा Cell-elongation में भाग लेता है।
  • ऑक्जिन के मुख्य उदाहरण- IAA (Indol Acetic Acid), NAA (Naphthalene Acetic acid) इत्यादि है ।
14. (b) इंसुलिन का स्त्राव अग्न्याशय के लैंगरहैंस द्वीप द्वारा होता है ।
  • यह हॉर्मोन ग्लूकोज से ग्लाइकोजन में परिवर्तन की दर को बढ़ा देता है ।
  • यह ग्लाइकोजन यकृत में जाकर जमा हो जाता है।
  • इंसुलिन की कमी से डायबिटीज (मधुमेह) रोग होता है जबकि
  • इसकी अधिकता से Hypoglycima नामक रोग होता है ।
15. (a) एड्रिनेलिन को लड़ो उड़ो हॉर्मोन या उत्तेजना बढ़ाने वाला हॉर्मोन कहते हैं ।
  • इस हॉर्मोन के स्राव से हृदय गति बढ़ जाती है ।
  • पीयूष ग्रंथि को हाइपोफाइसिस सेरीब्राई भी कहते हैं । 
  • हाइपोथैलमस को पीयूष ग्रंथि का मास्टर ग्रंथि कहते हैं ।
  • टेस्टोस्टेरॉन एक प्रमुख एंड्रोजन है इसे पौरूष विकास हॉर्मोन भी कहते हैं ।
  • एस्ट्रोजन का उत्पादन स्त्रियों में अंडाशय की ग्राफियन पुटिकाओं की थीका इन्टरना कोशिकाओं द्वारा होता है ।
  • थाइरॉक्सिन थाइरॉयड ग्रंथि द्वारा स्रावित होने वाला हॉर्मोन है जो कि वृद्धि उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य करता है।

16. (c)

17. (c) मटर के पौधों में प्रतान की वृद्धि प्रतान की उन कोशिकाओं में तीव्र विभाजन के कारण होता है जो अवलंब से दूर होती है।
  • मेंडल ने अपने प्रयोगों के लिए मटर के सात जोड़ी गुणों को चुना, जिनमें से प्रत्येक जोड़े का एक गुण प्रयोग के दौरान दूसरे गुणकों दबाने की क्षमता रखता था ।
  • उन्होंने पहले गुण को प्रभावी गुण कहा ।
  • F1 के लिए -                           F2 के लिए
    फीनोटिपिक अनुपात - 3 : 1     अनुपात - 9: 3:3:1
    जीनोटिपिक अनुपात- 1:2:1 
18. (b) गुरुत्वानुवर्तन किसी जीव की ऐसी वृद्धि होती है जो गुरुत्वाकर्षण बल के उद्दीपन से प्रभावित हो ।
  • पौधों की जड़े जलानुवर्तन प्रदर्शित करती है अर्थात् वे पानी की ओर वृद्धि करती है I
  • वैसी गति जो प्रकाश उद्दीपन के प्रभाव में प्रकाश की ओर अथवा उसके विपरीत होता है उसे प्रकाशानुवर्तन कहते हैं ।
  • किसी विशेष रासायनिक पदार्थ की ओर मुड़ना रसायन अनुवर्तन या रसोनुवर्तन कहलाता है। 
19. (a) इस प्रश्न का व्याख्या प्रश्न सं० 18 का व्याख्या दोनों समान हैं ।
20. (c) ऑक्जिन का निर्माण तने के शीर्ष भाग पर होता है। जड़ में इसकी अधिकता से जुड़ की वृद्धि प्रभावित होती है । 
  • जिबरेलिन के प्रयोग से बीजरहित फल का उत्पादन किया जाता है तथा बीज के अंकुरण में भी ये हॉर्मोन सहायक होते हैं ।
  • एब्सिसिक एसिड पत्तियों के झरने, पौधों में फल तथा फूल के गिरने की क्रिया का भी नियंत्रित करता है ।
  • साइटोकाइनिन उत्तकों एवं कोशिकाओं को विभाजित करने का है तथा बीजों के अंकुरण को भी प्रेरित करता है।
21. (b) डेंड्राइट छोर पर, विद्युत आवेगों के कारण, कुछ रसायनों का उत्सर्जन होता है जो दूसरे न्यूरॉन के डेंड्राइट में उसी प्रकार का विद्युत आवेग उत्पन्न कर देता है ।
  • तांत्रिक तंत्र की इकाई न्यूरॉन कहलाती है ।
  • तंत्रिका तंत्र की Cyton से गुच्छे के समान एक रचना निकलती है जिसे डेंड्राइट्स कहते हैं ।
  • Cyton के नीचे लंबी-पतली रेशा के समान रचना होती हैं, जिसे एक्सॉन कहते हैं ।
  • Axon शरीर के विभिन्न भागों से सूचनाएँ Cyton तक पहुँचाता है।
22. (c) मेडुला ऑब्लांगोटा पश्चमस्तिष्क का एक भाग है जिसमें अनैच्छिक क्रियाओं के नियंत्रण का केन्द्र स्थित होता है।
  • अग्रमस्तिष्क दो भागों में बँटा होता है
    (a) प्रमस्तिष्क (Cerebrum),
    (b) डाइएनसेफेलॉन
  • मध्य मस्तिष्क में संतुलन एवं आँख की पेशियों को नियंत्रित करने केन्द्र होते हैं ।
  • मेरुरज्जु प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियंत्रण एवं समन्वयन करती हैं एवं मस्तिष्क से आने-जानेवाले उद्दीपनों का संवहन करती है।
23. (d) लार की प्रकृति अम्लीय होती है जिसमें Tylin enzyme पाया जाता है जो स्टार्च (Starch) का मालटोज (Maltose) में बदल देता है ।
  • Premolar (8) तथा Molar (12) दाँतों द्वारा भोजन को चबाने का कार्य किया जाता है ।
  • हृदय से रक्त निकलना Systole तथा प्रवेश करना Diastole कहलाता ।

  • रक्त परिसंचरण तंत्र की खोज विलियम हार्वे ने की थी ।
24. (b) जब किसी व्यक्ति को सर्दी-जुकाम हो जाता है तो वह इत्र और अगरबत्ती की गंध में विभेद नहीं कर पाता है ।
  • राइनोवायरस रोगाणु सामान्य जुकाम के लिए उत्तरदायी सबसे प्रमुख कारक है, जबकि कोरोना वायरस भी जुकाम के लिए उत्तरदायी एक प्रमुख कारक है। 
  • जुकाम एक संक्रामक रोग है, जो छींक, वायु इत्यादि के माध्यम से फैलता है ।
25. (c) तंत्रिका कोशिका में विद्युत आवेग का प्रवाह इस प्रकार हैडेंड्राइट-कोशिका समस्त मानसिक क्रियाओं का नियंत्रण किया जाता है ।
  • तंत्रिका तंत्र द्वारा समस्त मानसिक क्रियाओं का नियंत्रण किया जाता है ।
  • तंत्रिका तंत्र जंतु को बाहरी वातावरण के अनुसार प्रतिक्रिया करने में मदद करता है ।
  • तंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वय का कार्य मुख्यतया मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु के द्वारा किया जाता है ।
26. (a) थायरॉक्सिन शरीर में उपापचयी क्रियाओं का नियंत्रण करता है ।
  • थायरॉक्सिन के कमी से बच्चों में जड़मानवता (Cretinism) तथा वयस्कों में मिक्सिडीमा (Myxodema) नामक रोग हो जाता है ।
  • नेत्रात्सेंधी गलगंड (Exophathalmic Goiter) तथा प्लूमर का रोग थायरॉइड ग्रंथि के अतिस्त्रावरण से होता है ।
  • TSH (Thyroid Stimulating Harmone) पीयूष ग्रंथि से स्रावित होता है
27. (b) वृद्धि हॉर्मोन की स्राव में कमी से बौनापन होता है ।
  • सोमैटोट्रोपिन को वृद्धि हॉर्मोन कहते हैं ।
  • इसकी अधिकता से भीमकायिता (Gigantism) जबकि कमी से बौनापन की समस्या उत्पन्न होती है ।
  • यह एक प्राकृतिक रूप से उत्पादित हॉर्मोन है जिसे कायपोषी के नाम से जाना जाता है ।
28. (c) प्रमुख एस्ट्रोजन 'इस्ट्रैडिऑल' होता है, जिसे नारी - विकास हॉर्मोन कहते हैं ।
  • टेस्टोस्टेरॉन पुरुषोचित लैंगिक लक्षणों के परिवर्धन एवं यौन आचरण को प्रेरित करता है ।
  • एड्रिनेलिन संकटकाल एवं विशेष परिस्थितियों में उचित निर्णय लेने में सहयोग प्रदान करता है ।
  • सोमैटोट्रॉपिन को वृद्धि हॉर्मोन के नाम से भी जाना जाता है।
29. (d) चूँकि इंसुलिन रक्त में बढ़े हुए ग्लूकोज (शर्करा) को ग्लाइकोजन में परिवर्तित कर देता है, यह ग्लाइकोजन यकृत में जाकर जमा हो जाता है । अर्थात्
  • इंसुलिन को रक्त में ग्लूकोज की मात्रा का नियंत्रण करने वाला हॉर्मोन भी कहा जाता है ।
  • इंसुलिन का स्राव अग्न्याशय के β-कोशिका द्वारा होता है ।
  • इसकी अधिकता से Hypoglycimia नमक रोग होता है ।
30. (b) पुरुषों में जनन क्षमता वृद्धि करवेवाला हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन है, जो कि वृषण की लेडिग कोशिकाओं द्वारा स्रावित होती है ।
  • एस्ट्रोजेंस का स्रावण पीयूष ग्रंथि के पुटिका प्रेरक हॉर्मोन (FSH) तथा लूटीनाइजिंग हॉर्मोन (LH) के नियंत्रण में होता है।
  • इंसुलिन को स्राव β-कोशिका द्वारा होता है ।
  • सोमैटोट्रोपिन को वृद्धि हॉर्मोन के नाम से जाना जाता है जिसकी अधिकता से भीमकायिता तथा कमी से बौनापन होता है।
31. (c) एड्रीनल ग्रंथि से एड्रीनेलिन / एपिनेफ्रिन नामक हॉर्मोन का स्राव होता है।
  • वृषण से टेस्टोस्टेरॉन नामक हॉर्मोन का स्राव होता है ।
  • पीट्यूटरी/पियूष ग्रंथ को मास्टर ग्रंथि भी कहते हैं ।
  • अंडाशय द्वारा एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरॉन तथा रिलैक्सिन नामक हार्मोन का स्राव होता है । 
32. (d) दो न्यूरॉनों के बीच के संगम स्थल को सिनैप्स कहते हैं ।
  • कोशिका जंक्शन सेलुलर संरचनाओं का एक वर्ग है जिसमें मल्टी- प्रोटीन कॉम्पलेक्स होते हैं जो पड़ोसी कोशिकाओं के बीच या एक सेल और जानवरों में बह्य मैट्रिक्स के बीच संपर्क या आसंजन प्रदान करते हैं ।
  • तंत्रिका पेशीय जंक्शन एक रासायनिक अन्तर्ग्रथन मांसपेशी फाइबर के मोटर endplate और मोटर न्यूरॉन अक्षातंतु टर्मिनल के बीच कनेक्शन द्वारा गठित है ।
33. (d) मानवों में, जैव प्रक्रियाओं का नियंत्रण एवं नियमण तंत्रिका और अंतःस्रावी तंत्रों से होता है ।
  • अंत: स्रावितंत्र नलिकाविहीन (Ductless) होते हैं ।
  • श्वसनतंत्र के अंतर्गत वे सभी अंग आते हैं जिनसे होकर वायु का आदान-प्रदान होता है ।
  • तंत्रिका तंत्र संवेदी अंगों, तंत्रिकाओं, मस्तिष्क, मेरुरज्जु एवं तंत्रिका कोशिकाओं का बना होता है ।
  • भोजन करने, पचाने, पचे हुए पदार्थों का अवशोषण करके इन्हें रूधिर में पहुँचाने तथा शेष निरर्थक पदार्थ का मल के रूप में परित्याग करने में शामिल सभी अंग पाचन तंत्र के भाग है ।
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Sat, 17 Feb 2024 06:24:33 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Life Processes जैव प्रक्रम https://m.jaankarirakho.com/914 https://m.jaankarirakho.com/914 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Life Processes जैव प्रक्रम
1. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन स्वपोषी जीवों के लिए सही नहीं है?
(a) वे कार्बोहाइड्रेटों का संश्लेषण कार्बन डाइऑक्साइड और जल से तथा सूर्य के प्रकाश एवं क्लोरोफिल की उपस्थिति में कर लेते हैं।
(b) वे कार्बोहाइड्रेटों को स्टार्च के रूप में भंडारित रखते हैं। 
(c) वे कार्बन डाइऑक्साइड और जल को सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति में कार्बोहाइड्रेटों में बदल लेते हैं। 
(d) वे आहार शृंखलाओं में पृथक पोषी स्तर बनाते हैं। 
उत्तर - (c)
2. जीवों के निम्नलिखित वर्गों में से किस वर्ग के जीव खाद्य पदार्थों को शरीर के बाहर ही पचाकर उसका अवशोषण कर लेते हैं? 
(a) मशरूम, हरे पौधे, अमीबा
(b) यीस्ट, मशरूम, ब्रेड की फफूंद 
(c) पैरामीशियम, अमीबा, अमरबेल 
(d) अमरबेल, जूं, फीताकृमि 
उत्तर - (b)
3. सही कथन चुनिए ।
(a) विषमपोषी प्राणी अपने भोजन का संश्लेषण स्वयं नहीं करते। 
(b) विषमपोषी प्राणी प्रकाश/संश्लेषण प्रक्रिया के लिए सौर ऊर्जा प्रयुक्त करते हैं 
(c) विषमपोषी प्राणी अपने भोजन का संश्लेषण स्वयं करते हैं। 
(d) विषमपोषी प्राणी कार्बन डाइऑक्साइड और जल को कार्बोहाइड्रेटों में बदलने में समर्थ होते हैं
उत्तर - (a)
4. मानव के आहार-नाल के विभिन्न भागों का सही क्रम कौन-सा है ? 
(a) मुख → आमाशय → छोटी आँत → ग्रसिका → बड़ी आँत (बृहदांत्र)
(b) मुख → ग्रसिका → आमाशय → बड़ी आँत (बृहदांत्र) → छोटी आँत
(c) मुख → आमाशय → ग्रसिका → छोटी आँत → बड़ी आँत (बृहदांत्र)
(d) मुख → ग्रसिका → आमाशय → छोटी आँत → बड़ी आँत (बृहदांत्र)
उत्तर - (d)
5. यदि लार में लार-ऐमाइलेज की कमी हो, तब मुख-गुहा में कौन-सी घटना प्रभावित होगी?
(a) प्रोटीनों का अमीनो अम्लों में विघटित होना 
(b) स्टार्च का शर्कराओं में विघटित होना
(c) वसाओं का वसा अम्लों और ग्लिसरोल में विघटित होना
(d) विटामिनों का अवशोषण
उत्तर - (b)
6. आमाशय का अस्तर निम्नलिखित में से एक की उपस्थिति के कारण सुरक्षित बना रहता है। सही उत्तर चुनिए ।
(a) पेप्सिन
(b) श्लेष्मा
(c) लार ऐमाइलेज 
(d) पित्त रस
उत्तर - (b)
7. आहार-नाल का कौन-सा भाग यकृत से पित रस प्राप्त करता है? 
(a) आमाशय 
(b) छोटी आँत 
(c) बड़ी आँत
(d) ग्रसिका
उत्तर - (b)
8. आयोडीन घोल की कुछ बूँदें चावल के पानी में डाली गईं। चावल का पानी नीले-काले रंग का हो गया। इससे पता चलता है कि चावल के पानी में ...........
(a) जटिल प्रोटीन होती हैं
(b) सरल प्रोटीनें होती हैं
(c) वसाएँ होती हैं
(d) स्टार्च होता है
उत्तर - (d)
9. आहार-नाल के किस भाग में भोजन अंतिम रूप में पचता है?
(a) आमाशय 
(b) मुख-गुहा
(c) बृहदांत्र (वड़ी आँत) 
(d) छोटी आँत
उत्तर - (d)
10. अग्न्याशय रस का कार्य निम्नलिखित में से कौन-सा है?
(a) ट्रिप्सिन प्रोटीनों को पचा देता है, और लाइपेज कार्बोहाइड्रेटों को
(b) ट्रिप्सिन पायसीभूत वसाओं को पचा देता है, और लाइपेज़ प्रोटीनों को
(c) ट्रिप्सिन और लाइपेज वसाओं को पचा देते हैं
(d) ट्रिप्सिन प्रोटीनों को पचा देता है और लाइपेज़ पायसीभूत वसाओं को
उत्तर - (d)
11. चूने के पानी से भरी परखनली में जब मुँह द्वारा फूंका जाता है तब चूने का पानी किसकी मौजूदगी के कारण दूधिया हो जाता है? 
(a) ऑक्सीजन
(b) कार्बन डाइऑक्साइड 
(c) नाइट्रोजन 
(d) जल-वाप्प
उत्तर - (b)
12. श्वसन के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही हैं? 
(i) अंत: श्वसन के दौरान, पसलियाँ भीतर की तरफ़ चली जाती हैं और डायफ्राम ऊपर की तरफ उठ जाता है।
(ii) कूपिकाओं के भीतर, गैसों का विनिमय होता है, अर्थात् कूपिकाओं की वायु की ऑक्सीजन विसरित होकर रुधिर में पहुँच जाती और रुधिर की कार्बन डाइऑक्साइड विसरित होकर कूपिकाओं की वायु में चली जाती है। "
(iii) हीमोग्लोबिन में ऑक्सीजन की अपेक्षा कार्बन डाइऑक्साइड के प्रति अधिक बंधुता होती है।
(iv) कूपिकाओं के कारण गैसों के विनिमय के लिए अधिक ती क्षेत्रफल उपलब्ध हो जाता है।
(a) (i) और (iv)
(b) (ii) और (iii)
(c) (i) और (iii)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर - (d)
13. अंतःश्वसन के दौरान वायु प्रवाह का सही मार्ग कौन-सा है? 
(a) नासाद्वार → कंठ → ग्रसनी → श्वासनली → फेफड़े 
(b) नासामार्ग → नासाद्वार → श्वासनली → ग्रसनी → कंठ-कूपिकाएँ 
(c) कंठ → नासाद्वार → ग्रसनी → फेफड़े
(d) नासाद्वार → ग्रसनी → कंठ → श्वासनली → कूपिकाएँ 
उत्तर - (d)
14. श्वसन के दौरान, गैसों का विनिमय कहाँ होता है ?
(a) श्वासनली और कंठ में
(b) फेफड़ों की कूपिकाओं में
(c) कूपिकाओं और गले में
(d) गले और कंठ में 
उत्तर - (b)
15. हृदय के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है ?
(i) बायाँ अलिंद शरीर के विभिन्न भागों से ऑक्सीजनित रुधिर शरीर प्राप्त करता है, जबकि दायाँ अलिंद फेफड़ों में विऑक्सीजनित रुधिर प्राप्त करता है। 
(ii) बायाँ निलय ऑक्सीजनित रुधिर को शरीर के विभिन्न भागों में पंप कर देता है, जबकि दायाँ निलय विऑक्सीजनित रुधिर को फेफड़ों में पंप कर देता है।
(iii) बायें अलिंद में से ऑक्सीजनित रुधिर दाएँ निलय में चला जाता है जो इस रुधिर को शरीर के विभिन्न भागों में भेज देता है। 
(iv) दायाँ अलिंद शरीर के विभिन्न भागों से विऑक्सीजनित रुधिर प्राप्त करता है, जबकि बायाँ निलय ऑक्सीजनित रुधिर को शरीर के विभिन्न भागों में पंप कर देता है।
(a) (i)
(b) (ii)
(c) (ii) तथा (iv)
(d) (i) तथा (iii) 
उत्तर - (c)
16. संकुचन के दौरान निम्नलिखित में से कौन-सी संरचना हृदय के भीतर रुधिर को वापस विपरीत दिशा में बहने से रोकती है? 
(a) हृदय के भीतर स्थित कपाट
(b) निलयों की मोटी पेशीय भित्तियाँ
(c) अलिंदों की पतली भित्तियाँ
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर - (a)
17. एकल परिसंचरण, अर्थात् शरीर में होकर एक चक्र के दौरान रुधिर का हृदय में होकर केवल एक बार प्रवाहित होना, निम्नलिखित में से किन में पाया जाता है ?
(a) लैबियों, कैमेलिऑन, सैलामेंडर
(b) हिप्पोकैंपस, एक्जोसीटस, ऐनाबस
(c) हायला, राना, ड्रैको 
(d) ह्वेल, डॉल्फिन, कछुआ 
उत्तर - (b)
18. निम्नलिखित कशेरुकी समूह / समूहों में हृदय ऑक्सीजनित रुधिर को शरीर के विभिन्न भागों में पंप नहीं करता?
(a) पिसीज और ऐम्फिबिया 
(b) ऐम्फिबिया और सरीसृप
(c) केवल ऐम्फिबियन प्राणी
(d) केवल पिसीज 
उत्तर - (d)
19. धमनियों का वर्णन करने के लिए सही कथन चुनिए-
(a) इनकी भित्तियाँ मोटी और प्रत्यास्थ होती हैं, इनमें रुधिर उच्च दाब के साथ बहता है, ये विभिन्न अंगों से रुधिर एकत्रित करके वापस हृदय में पहुँचाती हैं
(b) इनकी भित्तियाँ पतली होती हैं और इनके भीतर कपाट होते हैं, इनमें रुधिर कम दाब के साथ बहता है, और ये रुधिर को हृदय से दूर शरीर के विभिन्न भागों तक ले जाती हैं
(c) इनकी भित्तियाँ मोटी एवं प्रत्यास्थ होती हैं, इनमें रुधिर कम दाब के साथ बहता है, ये रुधिर को हृदय से ले जाकर शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाती हैं
(d) इनकी भित्तियाँ मोटी एवं प्रत्यास्थ होती हैं, इनमें रुधिर उच्च दाब के साथ बहता है और ये रुधिर को हृदय से दूर शरीर के विभिन्न भागों तक ले जाती हैं
उत्तर - (d)
20. वृक्कों की निस्यंदक इकाइयों को कहते हैं
(a) मूत्रनली
(b) मूत्रमार्ग
(c) न्यूरॉन
(d) नेफ्रॉन
उत्तर - (d)
21. प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न होनेवाली ऑक्सीजन कहाँ से प्राप्त होती है ?
(a) जल
(b) क्लोरोफिल 
(c) कार्बन डाइऑक्साइड 
(d) ग्लूकोज
उत्तर - (a)
22. ऊतकों से बाहर आने वाले रुधिर में किसकी मात्रा अपेक्षाकृत अधिक हो जाती है?
(a) कार्बन डाइऑक्साइड 
(b) जल 
(c) हीमोग्लोबिन
(d) ऑक्सीजन
उत्तर - (a)
23. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है ?
(a) जीव समय के साथ वृद्धि करते हैं
(b) जीवों को अपने शरीर में होने वाली टूट-फूट की मरम्मत करते रहना चाहिए तथा उसे अपनी संरचना को बनाए रखना चाहिए।
(c) कोशिकाओं में अणुओं की गति नहीं होती है
(d) ऊर्जा जैव प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है
उत्तर - (c)
24. स्वपोषी में निश्चित रहने वाली आंतरिक (कोशिकीय) ऊर्जा किस रूप में होती है?
(a) ग्लाइकोजन
(b) प्रोटीन
(c) स्टार्च
(d) वसा अम्ल 
उत्तर - (c)
25. उस घटना का चयन कीजिए जो प्रकाश-संश्लेषण में नहीं होती है: 
(a) क्लोरोफिल द्वारा प्रकाश ऊर्जा का अवशोषण 
(b) कार्बन डाइऑक्साइड का कार्बोहाइड्रेटों में अपयचन 
(c) कार्बन का कार्बन डाइऑक्साइड में उपचयन 
(d) प्रकाश ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तन 
उत्तर - (c)
26. पौधों में रंध्रों का खुलना तथा बंद होना निर्भर होता है
(a) ऑक्सीजन पर
(b) तापमान पर
(c) द्वार- कोशिकाओं के अंदर उपस्थित जल पर 
(d) रंध्रों में CO2 की सांद्रता पर 
उत्तर - (c)
27. अधिकांश पौधे नाइट्रोजन को किस रूप में अवशोषित करते हैं? 
(i) प्रोटीन
(ii) नाइट्रेट एवं नाइट्राइट
(iii) यूरिया/Urea
(iv) वायुमंडलीय नाइट्रोजन
(a) (i) और (ii)
(b) (ii) और (iii)
(c) (iii) और (iv)
(d) (i) और (iv) 
उत्तर - (b)
28. पाचन क्षेत्र में भोजन के साथ मिलने वाला पहला एंजाइम कौन-सा है?
(a) पेप्सिन
(b) सेलुलोज 
(c) ऐमाइज
(d) ट्रिप्सिन
उत्तर - (c)
29. निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही हैं?
(i) पायरूवेट को यीस्ट की सहायता से ईथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड में बदला जा सकता है 
(ii) वायवीय जीवाणुओं में किण्वन होता है
(iii) माइटोकॉन्ड्रिया में किण्वन होता है 
(iv) किण्वन अवायवीय श्वसन का ही एक रूप है। 
(a) (i) और (iii)
(b) (ii) और (iv)
(c) (i) और (iv)
(d) (ii) और (iii)
उत्तर - (c)
30. ऑक्सीजन की कमी से क्रिकेट के खिलाड़ियों की पेशियों में प्रायः खिंचाव उत्पन्न होने लगता है। ऐसा  इस कारण होता है-
(a) पायरूवेट के ईथेनॉल में बदलने के कारण 
(b) पायरूवेट के ग्लूकोज में बदलने के कारण 
(c) ग्लूकोज का पायरुवेट में न बदलने के कारण
(d) पायरूवेट का लैक्टिक अम्ल में बदलने के कारण
उत्तर - (d)
31. हमारे शरीर में मूत्र का सही मार्ग चुनिए-
(a) वृक्क → मूत्रनली → मूत्रमार्ग → मूत्राशय
(b) वृक्क → मूत्राशय → मूत्रमार्ग → मूत्रनली
(c) वृक्क → मूत्रनलियाँ → मूत्राशय → मूत्रमार्ग
(d) मूत्राशय → वृक्क → मूत्रनली → मूत्रमार्ग
उत्तर - (c)
32. मानवों के ऊत्तकों में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण पायरूवेट अम्ल किस कोशिकांग के भीतर लैक्टिक अम्ल में बदल जाता है ?
(a) कोशिका द्रव्य
(b) क्लोरोप्लास्ट
(c) माइटोकॉन्ड्रिया
(d) गॉल्जी काय 
उत्तर - (a)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (c) स्वपोषी जीव भोजन का निर्माण CO2 तथा H2O से सूर्य के प्रकाश एवं क्लोरोफिल के मौजूदगी में करते हैं।
  • आहार श्रृंखला में स्वपोषी प्रथम पोषी स्तर माने जाते हैं।
  • स्वपोषी जीव भोजन के निर्माण के समय CO2 वायु से प्राप्त करते हैं ।
  • पौधे ऑक्सीजन तत्व H2O से प्राप्त करते हैं।
  • पौधे कार्बोहाइड्रेट का संग्रह स्टार्च के रूप में जड़ में करते हैं ।
  • पौधे सौर ऊर्जा को रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप भोजन का निर्माण करते हैं।
  • प्रकाश संश्लेषण में पौधा CO2 का अवशोषण तथा O2 का उत्सर्जन करते हैं, यह विधि विसरण कहलाती है।
2. (b) यीस्ट, मशरूम, फफूँद मृत कार्बनिक पदार्थ को पचाकर अवशोषीत करते हैं।
  • पैरामीशियम, एक अमीबा एककोशिकीय प्रोटिस्टा (Protista) जीव है।
  • अमर बेल एक तना परजीवी का उदाहरण है, यह दूसरे पौधे से भोजन प्राप्त करता है।
  • फीताकृमि एक परजीवी जन्तु है। यह मनुष्य तथा जानवरों में रोग उत्पन्न करते हैं।
  • यीस्ट एक कोशिकीय कवक है, जो किण्वन क्रिया द्वारा अल्कोहल का निर्माण करता है।
  • अमीबा एक कोशिकीय प्राणी है, जो पेचिश रोग उत्पन्न करता है।
  • मशरूम बहुकोशकीय कवक है, जिसमें 80 – 85% प्रोटीन पाया जाता है।
3. (a) मानव आहार नाल का सही क्रम इस प्रकार होता है।
         मुख - ग्रसिका - अमाशय - छोटी आँत - बड़ी आँत 
  • सबसे पहले भोजन का पाचन मुख से होता है। अर्थात् कार्बोहाइड्रेट को प्रथम पाचन मुख से शुरू होता है।
  • ग्रसिका भोजन को निगलने में मदद करता है।
  • ग्रासनली से भोजन अमाशय में पहुँचता है, अर्थात् प्रोटीन का प्रथम पाचन अमाशय में होता है।
  • अमाशय से जठर रस निकलता है, इसकी प्रकृति अम्लीय होती है।
  • भोजन का पूर्ण पाचन छोटी आँत में होता हैं इसके तीन भाग होते हैं, जिसे जेजुनम, इलियम, ड्रयोडेनम कहते हैं।
  • भोजन पाचन की क्रिया बड़ी आँत में नहीं होती है। यहाँ सिर्फ जल का अवशोषण होता है। 
4. (d) आहार नाल का सही क्रम - मुख – ग्रसिका – अमाशय – छोटी आँत – बड़ी आँत 
  • मुख से भोजन पाचन की क्रिया शुरू होती है।
  • अमाशय में प्रोटीन का पाचन होता है। पेप्सिन (Pepsine) तथा रेनिन एन्जाइम (Renine enzyme) का स्राव होता है।
  • ग्रसिका भोजन को निगलने में मदद करता है।
  • छोटी आँत में भोजन की पूर्ण क्रिया होती है।
  • बड़ी आँत में जल का अवशोषण होता है।
5. (b) लार में एमाइलेज (Amylase) की कमी होने पर स्टार्च का शर्करा में विघटित नहीं हो पाएगा।
  • प्रोटीन अमीनो अम्ल अमाशय में विघटन होता है।
  • वसा को Fatty acid तथा ग्लिसरॉल तोड़ने का काम लाइपेज enzyme करता है ।
  • विटामिन का निर्माण शरीर में नहीं होता है। इसका अवशोषण यकृत के द्वारा होता है।
  • विटामिन का खोज फंक ने किया था। ADEK वसा तथा BE जल में घुलनशील होते हैं ।
6. (b) अमाशय से निकलने वाले जठर रस में HCI पाए जाते हैं। श्लेष्मा अमाशय की दिवार का HCl से सुरक्षा प्रदान करता है।
  • पेप्सिन (Pepsin) enzyme प्रोटीन को तोड़कर पेप्टोन (Peptone) में बदल देता है। यह घटना अमाशय में होती है। 
  • लार का एमाइलेज enzyme स्टार्च का पाचन करता है।
  • पित्त रस क्षारीय होती है। इसका निर्माण यकृत में होता है।
  • पित्त रस जमा पित्ताशय में होती है और छोटी आँत में जाती हैं।
7. (b) आहार नाल का छोटी आँत यकृत से पित्त रस प्राप्त करता है ।
  • पित्त रस पित्तवाहिनि से छोटी आँत के ड्योडेनम में प्रवेश करता है ।
  • अमाशय में प्रोट का प्रथम पाचन होता है।
  • ग्रसिका भोजन को निगलने में मदद करता है।
  • बड़ी आँत में सिर्फ जल का अवशोषण होता है।
8. (d) स्टार्च का सम्पर्क आयोडीन घोल होने पर इसका रंग नीले-काले रंग का हो जाता है।
  • प्रोटीन 20 प्रकार के Amino acid से भरपूर होता है।
  • वसा ऊर्जा का भरपूर स्रोत है। 1g Fat में 9.2 Cal ऊर्जा प्राप्त होता है।
  • प्रोटीन शरीर के निर्माण में मदद करता है।
  • सबसे ज्यादा प्रोटीन 80 – 85% मशरुम में होता है। 
9. (d) आहार नाल में भोजन पाचन की क्रिया शुरू मुख से होती है |
  • अमाशय में प्रोटीन का प्रथम पाचन होता है। इसमें पेप्सिन (Pepsine) तथा Renine enzyme का स्राव होता है।
  • भोजन अंतिम रूप से तथा पूर्ण पाचन छोटी आँत में होता है।
  • बड़ी आँत में अपशिष्ट भोजन का निष्कासन होता है।
  • बड़ी आँत में सिर्फ जल का अवशोषण होता है।
10. (d) अग्न्याशय रस को पूर्ण पाचक रस कहा जाता है।
  • इसके रस में ट्रिप्सिन प्रोटीन का पाचन करता है।
  • लाइपेज Enzyme वसा का पायसीकरण करता है ।
  • Amylase enzyme स्टार्च का पाचन करता है ।
  • अग्न्याशय को मिश्रित ग्रंथि कहते हैं ।
  • अग्न्याशय के बाह्य भाग से enzyme तथा अंतः भाग Hormone का स्राव होता है।
11. (b) ऑक्सीजन को जीवन दायनी गैस कहा गया है। मनुष्य प्राणी ऑक्सीजन को हवा (Air) से प्राप्त करते हैं।
  • कार्बन डाई ऑक्साइड पौधे के लिए आवश्यक है। इनके बिना प्रकाश संश्लेषण की क्रिया संभव नहीं है।
  • नाइट्रोजन पौधे के विकास के लिए अति आवश्यक है।
  • जलवाष्प एक ग्रीन हाउस गैस है।
12. (d) श्वसन क्रिया के दौरान कूपिकाओं के भीतर गैसों का विनिमय होता है और कूपिकाओं की वायु की आम्लीजन विसरित होकर रक्त में पहुँच जाती है और रक्त की CO2 विसरित होकर कूपिकाओं की वायु में चली जाती है।
  • कूपिकाओं के कारण गैसों के विनियम के लिए अधिक सतही क्षेत्रफल उपलब्ध हो जाता है।
  • हीमोग्लोबिन O2 का स्थानांतरण पूरे शरीर में करता है।
  • गैसों के निष्कासन में फेफड़ा का अहम योगदान होता है।
13. (d) अन्तः श्वसन के दौरान वायु का प्रवाह नासा द्वार से ग्रसनी, कंठ श्वास नली, कूपिकाए में पहुँचती है। 
  • फेफड़ा में हवा कूपिकाएँ में जमा रहती है। जहाँ रक्त हवा (Air) के ऑक्सीजन के साथ संयोग कर शुद्ध होता है।
  • फेफड़ा मनुष्य का सबसे महत्वपूर्ण श्वसन अंग कहलाता है।
  • लेरिंगक्स (Larynx) को ध्वनि वॉक्स के नाम से जाना जाता है।
14. (b) श्वसन क्रिया के दौरान गैसों का आदान प्रदान फेफड़ों की कूपिकाओं में होती है।
  • सिगरेट तथा गांजा पीने पर फेफड़ा की कूपिकाओं का स्थान नष्ट हो जाता है।
  • श्वसन नली तथा कंठ उपास्थि का बना होता है।
15. (c) हृदय कोष्ठों की संख्या मुनष्य में चार होती है। जिसे आलिंद तथा निलय के नाम से जाना जाता है।
  • अशुद्ध रक्त शिरा के माध्यम से शरीर की ओर से दायाँ आलिंद में प्रवेश करता है। दायाँ आदि से अशुद्ध रक्त दायाँ निलय में प्रवेश करता है। यह अशुद्ध रक्त फुफसीय धमनी के द्वारा फेफड़ा में प्रवेश करता है, जहाँ रक्त का शुद्धीकरण होता है।
  • शुद्ध रक्त फेफड़ा से फुफुसीय शिरा के द्वारा बायाँ अलिंद में प्रवेश करता है। बायाँ आलिंद से शुद्ध रक्त बायाँ निलय में प्रवेश करता है। बायाँ निलय से शुद्ध रक्त धमनी के द्वारा शरीर में चला जाता है।
16. (a) संकुचन के दौरान हृदय के भीतर रक्त को वापस विपरीत दिशा में रोकने का काम हृदय के भीतर स्थित कपाट के कारण होता है।
  • बायाँ आलिंद तथा बायाँ निलय के बीच द्विदलीय कपाट पाया जाता है।
  • दायाँ आलिंद तथा दायाँ निलय के बीच त्रिदलीय कपाट पाया जाता है।
  • हृदय के चारों कोष्ठों को अलग करने वाली दिवार को सेप्टम (Septum) कहते हैं।
17. (b) एकल परिसंचरण तंत्र हिप्पोकैम्पस, एक्लोसीतम, ऐनाबस में होता है। अर्थात् शरीर में होकर एकचक्र के दौरान रक्त का हृदय में होकर केवल एक बार प्रवाहित होता है।
  • डॉल्फिन एक स्तनधारी प्राणी है जबकि कछुआ सरीसृप (Reptile) के अन्तर्गत आता है।
  • लैवियो रोहिता को रोहु के नाम से जाना जाता है। मछली में हृदय कोष्ठ की संख्या 2 होती है।
18. (d) मछली कशेरुकी समूह में हृदय ऑक्सीजनित रक्त को शरीर के विभिन्न भागों में पंप नहीं करता है।
  • उभयचर प्राणी में हृदय कोष्ठों की संख्या 3 होती है। इसके अन्तर्गत मेढ़क आता है।
  • Reptile के अन्तर्गत रेंगने वाला जीव आता है। जिसमें हृदय कोष्ठों की संख्या की 3 होती है।
19. (d) धमनी शुद्ध रक्त ले जाने वाली नहीं है। इसकी भित्तियाँ मोटी होती है। इनमें रक्त उच्च दाब के साथ बहता है और रक्त को हृदय दूर शरीर के विभिन्न भागों तक ले जाती है।
  • फुफुसीय धमनी हृदय से अशुद्ध रक्त फेफड़ा में पहुँचती है जबकि फुफुसीय शिरा शुद्ध रक्त को फेफड़ा से हृदय के बायाँ आलिंद में पहुँचाता है।
20. (d) वृक्क को किडनी कहते है। इसके क्रियात्मक खंड को नेफ्रॉन कहते है। इसका अध्ययन नेफ्रॉलॉजी कहलाता है।
  • किडनी शरीर का मुख्य उत्सर्जी अंग कहलाता है। मूत्र का निर्माण किडनी के द्वारा होता है।
  • मूत्र का संग्रह मूत्राशय में होता है जबकि निष्कासन मूत्रवाहिनी के द्वारा होता है।
  • मूत्र में यूरिया 2% तथा गंध होने का मुख्य कारण अमोनिया होता है।
21. (a) प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न होने वाला ऑक्सीजन जल से प्राप्त होता है।
  • प्रकाश संश्लेषण की क्रिया क्लोरोफिल के बिना संभव नहीं है।
  • प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के समय पौधे CO2 वायु मंडल से प्राप्त करते हैं। इस दौरान पौधा C6H12O6 का निर्माण करता है।
  • प्रकाश संश्लेषण के दौरान सौर ऊर्जा से रासायनिक क्रिया का एक चक्र सम्पन्न होता है।

22. (a) ऊत्तकों से बाहर आने वाले रक्त में अपेक्षाकृत CO2 की मात्रा अधिक होती है।
  • ऊत्तकों का अध्ययन Histology कहलाता है। कई कोशिका के मिलने से उत्तक का निर्माण होता है।
  • हीमोग्लोबिन का निर्माण RBC में होता है। इसका मुख्य कार्य O2 का परिवहन करना।
  • ऑक्सीजन सजीव प्राणी के लिए जीवन दायनी गैस कहलाता है।
23. (c) जीव समय के साथ वृद्धि करते है। अर्थात इनके कोशिका में वृद्धि होता है। 
  • जीव के शरीर में टूट-फूट के मरम्मत करते हैं ताकि वे अपनी शरीर की संरचना बनाए रखे।
  • ऊर्जा जैव प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है। 
  • कोशिकाओं में अणुओं गति हमेशा होती रहती है । 
24. (c) स्वपोषी जीवों में ऊर्जा का संचय स्टार्च के रूप में होता है।
  • परपोषी जीवों में ऊर्जा का संचय जलवाष्प के रूप में होता है।
  • स्वपोषी जीव भोजन का निर्माण स्वंय करते हैं ।
  • हरे पेड़, पौधे, शैवाल स्वपोषी जीव के उदाहरण है।
25. (c) प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के समय कार्बन का कार्बन ऑक्साइड में उपचयन नहीं होता है।
  • प्रकाश संश्लेषण में CO2 से C6H12O6 का बनना कहलाता है जबकि H2O से O2 का बनना ऑक्सीकरण कहलाता है।
26. (c) रन्ध्रों का खुलना तथा बंद होना कोशिकाओं के अंदर उपस्थित जल पर निर्भर करता है।
  • स्टोमेटा (Stomata) से H2O का बाहर निकलाना तथा CO2 का अंदर जाना विसरण क्रिया कहलाता है।
  • Stomata प्रकाश संश्लेषण क्रिया के समय खुल जाता है, जबकि रात्रि के समय आंशिक रूप से बंद हो जाता है।
27. (b) अधिकांश पौधे नाइट्रोजन नाइट्रेट तथा वायुमंडलीय नाइट्रोजन •का अवशोषण करते हैं।
  • नाइट्रोजन पौधे के विकास में सर्वाधिक मदद करते हैं।
  • यूरिया में नाइट्रोजन की मात्रा 46% होती है। यूरिया का इस्तेमाल पौधे के विकास के लिए किया जाता है।
  • प्रोटीन Amino Acid से भरपूर होता है।
28. (c) पाचन क्षेत्र में भोजन के साथ मिलने वाला पहला एंजाइम Amylase होता है, जो लार में पाया जाता है और स्टार्च का पाचन करता है।
  • Pepsin enzyme प्रोटीन को Peptone में बदलता है। यह क्रिया अमाशय में होता है।
  • ट्रिप्सिन enzyme का स्राव अग्न्याशय के द्वारा होता है। यह Protein का पाचन करता है।
29. (c) पायरुवेट के अणु को यीस्ट कवक के द्वारा अवायवीय श्वसन की सहायता से C2H5OH तथा CO2 का निर्माण किया जाता है।
  • किण्वन क्रिया यीस्ट के द्वारा होता है। इसे अवायवीय श्वसन की क्रिया भी कहते है। इस क्रिया में C2H5OH तथा CO2 का निर्माण होता है।
  • यीस्ट एक कोशकीय कवक है।
  • माइट्रोकॉन्ड्रिया में क्रेब्सचक्र की क्रिया सम्पन्न होती है जबकि किण्वन की क्रिया कोशिका द्रव्य में सम्पन्न होती है।
30. (d) ऑक्सीजन की कमी के कारण मांसपेशियों में पायरुवेट के अणु Lactic acid में बदल जाते हैं। जिसके कारण मांसपेशियों में दर्द होता है।
  • ऑक्सीजन के उपस्थिति में माइटोकॉन्ड्रिया के अंदर C6H12O6 के अणु का पूर्ण विखण्डन होता है और ऊर्जा, CO2, जलवाष्प का निर्माण होता है।
31. (c) हमारे शरीर का मुख्य उत्सर्जी अंग किडनी होता है, जहाँ मूत्र का निर्माण होता है।
  • किडनी से मूत्र नलियाँ - मूत्राशय - मूत्र मार्ग से मूत्र शरीर के बाहर निकल जाता है। 
  • मूत्र का संग्रह मूत्राशय में होता है।
32. (a) मानव उत्तकों में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण पायरुवेट अम्ल कोशिका द्रव्य के भीतर Lactic acid में बदल जाता है।
  • क्लोरोप्लास्ट के मौजूदगी में प्रकाश संश्लेषण क्रिया सम्पन्न होती है।
  • माइटोकॉण्ड्रिया के अंदर ऑक्सीश्वसन की क्रिया सम्पन्न होती है।
  • गॉल्जी बॉडी को कोशिका का ट्रेफिक पुलिस कहा जाता है।
  • गॉल्जी बॉडी कोशिका के Cell Plate के निर्माण में मदद करता है।
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Sat, 17 Feb 2024 05:19:16 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Periodic Classification of Elements तत्वों का आवर्त वर्गीकरण https://m.jaankarirakho.com/913 https://m.jaankarirakho.com/913 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Periodic Classification of Elements तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
1. किस तत्व तक अष्टक का नियम लागू हो पाया 
(a) ऑक्सीजन
(b) कैल्सियम
(c) कोबाल्ट
(d) पोटैशियम
उत्तर - (b)
2. मेंडलीव आवर्त नियम के अनुसार, तत्व आवर्त सारणी में किस क्रम में व्यवस्थित थे
(a) परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में 
(b) परमाणु क्रमांक के घटते क्रम में 
(c) परमाणु भार के बढ़ते क्रम में
(d) परमाणु भार के घटते क्रम में
उत्तर - (c)
3. मेंडेलीफ आवर्त सरणी में उन तत्वों के लिए रिक्त स्थान छोड़ दिए गए थे जिनकी खोज बाद में हुई। निम्नलिखित में से किस तत्व को आवर्त सारणी में बाद में स्थान मिला ?
(a) जर्मेनियम
(b) क्लोरीन
(c) ऑक्सीजन
(d) मिलिकन
उत्तर - (a)
4. आधुनिक आवर्त सारणी के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौनन-सा / कौन-से कथन गलत है/हैं?
(i) आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके घटते हुए परमाणु क्रमांक के आधार पर व्यवस्थित किया है 
(ii) आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु भारों के आधार पर व्यवस्थित किया है 
(iii) आवर्त सारणी में समस्थानिकों को संलग्न समूहों में रखा गया है।
(iv) आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया है।
(a) केवल (i) 
(b) (i), (ii) तथा (iii) 
(c) (i), (ii) तथा (iv)
(d) केवल (iv)
उत्तर - (b)
5. आधुनिक आवर्त सारणी के संदर्भ में कौन-सा कथन सत्य हैं?
(a) इसमें 18 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं जिन्हें आवर्त कहते हैं 
(b) इनमें 7 ऊर्ध्वाधर कॉलम हैं जिन्हें आ कहते हैं 
(c) इसमे 18 ऊर्ध्वाधर कॉलम हैं जिन्हें समूह कहते हैं
(d) इसमें 7 क्षैतिज पंक्तियाँ हैं जिन्हें समूह कहते हैं 
उत्तर - (c)
6. दिए गए तत्वों A, B, C, D तथा E (परमाणु क्रमांक क्रमशः 2, 3, 7, 10 तथा 30 ) में से समान आवर्त से संबंधित तत्व हैं?
(a) A, B, C
(b) B, C, D
(c) A, D, E
(d) B, D, E
उत्तर - (b)
7. तत्व A, B, C, D तथा E के परमाणु क्रमांक क्रमश: 9, 11, 17, 12 तथा 13 हैं। तत्वों का कौन-सा युग्म समान समूह से संबंधित है?
(a) A तथा B
(b) B तथा D 
(c) A तथा C
(d) D तथा E
उत्तर - (c)
8. आधुनिक आवर्त सारणी में इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8 युक्त तत्व को आप किस समूह में पाते हैं?
(a) समूह 8
(b) समूह 2
(c) समूह 18
(d) समूह 10
उत्तर - (c)
9. एक तत्व जो सभी कार्बनिक यौगिकों का आवश्यक अवयव है, संबंधित है
(a) समूह 1 से
(b) समूह 14 से
(c) समूह 15 से 
(d) समूह 16 से 
उत्तर - (b)
10. आवर्त 2 के तत्वों के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा कोश बाह्यतम है ?
(a) K कोश
(b) L कोश
(c) M कोश
(d) N कोश
उत्तर - (b)
11. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व अधिकतम संयोजी इलेक्ट्रॉन रखता है?
(a) Na
(b) Al
(c) Si
(d) P
उत्तर - (d)
12. O, F तथा N की परमाण्वीय त्रिज्याओं का बढ़ता हुआ यही क्रम निम्नलिखित में से कौन-सा है?
(a) O, F, N
(b) N, F, O
(c) O, N, F
(d) F, O, N
उत्तर - (d)
13. निम्नलिखित में से किस तत्व की परमाण्वीय त्रिज्या सर्वाधिक है?
(a) Na
(b) Mg
(c) K
(d) Ca
उत्तर - (c)
14. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व आसानी से इलेक्ट्रॉन खो देता है ? 
(a) Mg
(b) Na 
(c) K
(d) Ca
उत्तर - (c)
15. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व आसानी से इलेक्ट्रॉन नहीं खोता है ?
(a) Na
(b) F
(c) Mg
(d) Al
उत्तर - (b)
16. निम्नलिखित में से कौन-सा एक तत्व के समस्थानिकों के अभिलक्षण हैं?
(i) एक तत्व के समस्थानिकों के परमाणु भार समान होते हैं। 
(ii) एक तत्व के समस्थानिकों के परमाणु क्रमांक समान होते हैं। 
(iii) एक तत्व के समस्थानिकों के भौतिक गुण समान होते हैं। 
(iv) एक तत्व के समस्थानिक समान रासायनिक गुण प्रदर्शित करते हैं। 
(a) (i), (iii) तथा (iv)
(b) (ii), (iii) तथा (iv)
(c) (ii) तथा (iii) 
(d) (ii) तथा (iv) 
उत्तर - (d)
17. निम्नलिखित तत्वों को उनके धात्विक गुणों के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
Na, Si, Cl, Mg, Al
(a) Cl > Si > Al > Mg > Na 
(b) Na > Mg > Al > Si > Cl
(c) Na > Al > Mg > Cl > Si
(d) Al > Na > Si > Ca > Mg
उत्तर - (b)
18. निम्नलिखित तत्वों को उनके अधात्विक गुण के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
Li, O, C, Be, F
(a) F < O < C < Be < Li
(b) Li < Be < C < O < F
(c) F < O < C < Be < Li
(d) F < O < Be < C < Li
उत्तर - (b)
19. एका ऐलुमिनियम किस प्रकार का ऑक्साइड बनाता है ?
(a) EO3
(b) E3O2
(c) E2O3
(d) EO
उत्तर - (c)
20. तीन तत्व B, Si तथा Ge हैं-
(a) धातुएँ
(b) अधातुएँ
(c) उपधातुएँ 
(d) क्रमश: धातु, अधातु तथा उपधातु 
उत्तर - (c)
21. निम्नलिखित में कौन-सा तत्व अम्लीय ऑक्साइड बनता है? 
(a) परमाणु क्रमांक 7 वाला तत्व 
(b) परमाणु क्रमांक 3 वाला तत्व 
(c) परमाणु क्रमांक 12 वाला तत्व
(d) परमाणु क्रमांक 19 वाला तत्व 
उत्तर - (a)
22. परमाणु क्रमांक 14 वाला तत्व कठोर है तथा अम्लीय ऑक्साइड एवं एक सहसंयोजक हैलाइड बनाता है। यह तत्व निम्नलिखित में से किस वर्ग से संबंधित है?
(a) धातु
(b) उपधातु
(c) अधातु
(d) बायीं ओर वाले तत्व
उत्तर - (b)
23. एक परमाणु की परमाण्वीय त्रिज्या का निम्नलिखित में से कौन-सा सही प्रदर्शन है

(a) (i) तथा (ii)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (iii) तथा (iv) 
(d) (i) तथा (iv) 
उत्तर - (b)
24. आवर्त सारणी के एक समूह में ऊपर से नीचे जाने पर निम्नलिखित में से क्या नहीं बढ़ता है ?
(a) परमाण्वीय त्रिज्या 
(b) धात्विक लक्षण 
(c) संयोजकता 
(d) एक तत्व में कोशों की संख्या
उत्तर - (c)
25. आवर्त सारणी के आवर्त में बायें से दायें जाने पर सामान्यतः परमाणु का आकार
(a) बढ़ता है
(b) घटता है 
(c) विशेष परिवर्तन नहीं होता है
(d) पहले घटता है फिर बढ़ता है 
उत्तर - (b)
26. निम्नलिखित में से तत्वों का कौन सा समूह, धात्विक गुणों के बढ़ते हुए क्रम में लिखा गया है ?
(a) Be, Mg, Ca
(b) Na, Li, K
(c) Mg, Al, Si
(d) C, O, N
उत्तर - (a)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (b) न्यूलैण्ड (जन्म - 26 November 1837 मृत्यु 21 July 1898 )
अंतीम तत्व -  Th (Thorium)
प्रारंभिक तत्व - H (Hydrogen)
नियम लागू - Ca (Calcium) तक
तत्वों कि सं० - 56
इसमें 8 वे तत्व का गुण पहले तत्व के गुण के समान है।
1 - 8
2 - 9
3 - 10
8 - 15
2. (c) मेंडलीव = तत्वों की संख्या = 63
न्यूलैण्ड = तत्वों की संख्या = 56 Octaves Weight
डोबेरीनर = Triads
3. (a) इस आवर्त सारणी में Sc (Scandium), Ga (Gallium) Ge (Germanium) को बाद में शामिल किया गया।
4. (b) मेंडलीव ने परमाणु भार/ परमाणु द्रव्यमान के आधार पर Periodic Table बनाया।
आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों के बढ़ते हुए परमाणु संख्या पर आधारित है या नाभिक में बढ़ते आवेश कि संख्या पर
5. (c) मेंडलीव
आवर्त – 7         वर्ग – 9
मोसले
आवर्त – 7         वर्ग – 18
इसमें 18 ऊर्ध्वाधर कॉलम है, जिन्हें समूह कहते हैं।
6. (b) दिए गए तत्व A, B, C, D तथा E परमाणु क्रमांक क्रमशः 2, 3, 7, 10 तथा 30 में से समान आवर्त से संबंधित-

2 वर्ग मे 8 तत्व है, जो Li (3) से Ne (10) तक हैं।
7. (c) तत्व A, B, C, D तथा E के परमाणु क्रमांक क्रमशः 11, 17, 12 तथा 13 है ।
F(9), Na(11), C1 (17) Mg (12), Al ( 13 )
F (9), Cl(17) VII A/17 वर्ग के है।
8. (c) अंत में 8 अक्रिय गैस है 0/18 है।
Ne (10) 2, 8
9. (b) हाइड्रो कार्बन – H, C
हेटेरोकार्बन – H, C के अलावे
कार्बनिक – H जो पहला (I) समूह का है। 
कार्बनिक यौगीक के साथ
10. (b) आवर्त
1 – L
2 – K, L
3 – K, L, M
4 – K, L, M, N
5 – K, L, M, N, O
6 – K, L, M, N, O P
11. (d) Na (11) – 2, 8, 1
Al (13) – 2, 8, 3
Si (14) – 2, 8, 4
P (15) – 2, 8, 5
12. (d) आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर परमाणु का आकार / आयतन / त्रिज्या घटता है।

H2S, HCL, H- Bond नही बनाता है।
उच्च विद्युत ऋणात्मक है।
13. (c)

14. (c) Ga (Gallium), Cs (Cesium), K (Potassium) हथेली पर पिघल जाता है।
K (Potassium) बारूद का एक अवयव है।
15. (b)

धातु के पहचान 1, 2, 3 बाह्यतम कक्षा में इलेक्ट्रॉन होना चाहिए।
H के बाह्यतम कक्षा में एक इलेक्ट्रॉन होते हुए भी यह धातु नहीं बल्कि अधातु है।
16. (d) एक ही तत्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान किन्तु द्रव्यमान संख्या भिन्न-भिन्न होती है।
प्रोटॉन कि संख्या समान होती है, समस्थानिक कहलाते हैं।

तत्व के समस्थानिक के भौतिक गुण द्रव्यमान पर निर्भर करता है।
रासायनिक गुण तत्व पर निर्भर करता है ।
17. (b) Na, Si, Cl, Mg, Al

Na > Mg > Al > Si > Cl > Ar
18. (b) Li, O, C, Be, F

Li < Be < C < O < F
19. (c) Al2O3 (एल्युमिनियम) का काम है, सिमेंट को तुरंत जमाना ।
Al2O3 का मतलब E2O3 है ।
20. (c) तीन तत्व B, Si तथा Ge है ।

उपधातु की कुल संख्या 7 है।
इसमें धातु तथा अधातु का गुण पाया जाता है।
21. (a) N (7) = HNO3 इसका ऑक्साइड अम्लीय होते हैं।
Li (3) = LiOH
Mg (12) = Mg (OH)2
K (19) = KOH बनाता है।
HNO3, जल से अभिक्रिया करके H2 गैस नहीं देगा ।
वे अम्ल, , जिनमें हाइड्रोजन परमाणु से एक ऑक्सीजन परमाणु संयुक्त रहता है, तथा कम से कम एक अन्य तत्व भी उपस्थित होता है, ऑक्साइड बना लेता है।
HNO3, H2SO4, HClO4, H2CO3
22. (b) परमाणु क्रमांक 14 वाला तत्व कठोर है तथा अम्लीय ऑक्साइड एवं एक सहसंयोजक हैलाइड बनाता है, यह तत्व निम्नलिखित में से उपधातु वर्ग से संबंधित है।
Si (14) वर्ग IVA/14 में उपस्थित है, उपधातु है।
Si (14) = 2, 8, 4 / [Ne] 3S23P2
23. (b)

किसी परमाणु का सम्पूर्ण द्रव्यमान उसके केन्द्र में होता है।
24. (c)

H, Li, Na, K, Rb, Cs, Fr – सभी का संयोजकता एक होता है।
25. (b) आवर्त में बायें से दायें जाने पर परमाणु का आकार/आयतन त्रिज्या घटता है।

26. (a)

Be < Mg < Ca
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Fri, 16 Feb 2024 10:43:44 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Carbon and its Compounds कार्बन एवं उसके यौगिक https://m.jaankarirakho.com/912 https://m.jaankarirakho.com/912 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Carbon and its Compounds कार्बन एवं उसके यौगिक
1. वायुमंडल में कार्बन निम्नलिखित में से किस रूप में रहता है ?
(a) केवल कार्बन मोनोक्साइड
(b) अल्प मात्रा में कार्बन मोनोक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड
(c) केवल कार्बन डाइऑक्साइड
(d) कोयला 
उत्तर - (b)
2. निम्नलिखित में से कौन-से कथन सामान्यतः कार्बन यौगिकों के लिए सही हैं ?
(i) ये विद्युत के उत्तम चालक होते हैं ।
(ii) ये विद्युत के अल्प चालक होते हैं ।
(iii) इनके अणुओं के मध्य प्रबल आकर्षण बल होते हैं । 
(iv) इनके अणुओं के मध्य प्रबल आकर्षण बल नहीं होते हैं ।
(a) (i) तथा (iii) 
(b) (ii) तथा (iii) 
(c) (i) तथा (iv)
(d) (ii) तथा (iv) 
उत्तर - (d)
3. अमोनिया (NH3) के एक अणु में होते हैं । 
(a) केवल एकल बंध
(b) केवल द्वि-बंध
(c) केवल त्रि-बंध
(d) दो द्वि-बंध तथा एक एकल बंध 
उत्तर - (a)
4. बकमिनस्टर फुलरीन एक अपरूप है
(a) फास्फोरस का
(b) सल्फर का
(c) कार्बन का 
(d) टिन का 
उत्तर - (c)
5. पैलेडियम अथवा निकल उत्प्रेरक की उपस्थिति में तेल, हाइड्रोजन से अभिकृत कराने पर वसा देते हैं । यह उदाहरण है, एक 
(a) संकलन अभिक्रिया का
(b) प्रतिस्थापन अभिक्रिया का
(c) विस्थापन अभिक्रिया का
(d) ऑक्सीकरण अभिक्रिया का
उत्तर - (a)
6. निम्नलिखित यौगिकों में से किसमें –OH एक क्रियात्मक समूह है-
(a) ब्यूटेनोन
(b) ब्यूटेनॉल 
(c) ब्यूटेनोइक अम्ल 
(d) ब्यूटेनैल
उत्तर - (b)
7. साबुन के अणु में होता है 
(a) जलरागी शीर्ष तथा जलविरागी पूँछ 
(b) जलविरागी शीर्ष तथा जलरागी पूँछ 
(c) जलविरागी शीर्ष तथा जलविरागी पूँछ 
(d) जलरागी शीर्ष तथा जलरागी पूँछ 
उत्तर - (a)
8. निम्नलिखित में से असंतृप्त यौगिकों को पहचानिए- 
(i) प्रोपेन
(ii) प्रोपीन
(iii) प्रोपाइन
(iv) क्लोरोप्रोपेन
(a) (i) तथा (ii)
(b) (ii) तथा (iv) 
(c) (iii) तथा (iv)
(d) (ii) तथा (iii) 
उत्तर - (d)
9. क्लोरीन संतृप्त हाइड्रोकार्बन से अभिक्रिया करती है - 
(a) सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति
(b) सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति 
(c) जल की उपस्थिति में
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की उपस्थिति में 
उत्तर - (b)
10. साबुन के मिसेल में
(a) साबुन का आयनिक सिरा गुच्छ की सतह पर तथा कार्बन शृंखला गुच्छ के अंदर होती है 
(b) साबुन का आयनिक सिरा गुच्छ के अंदर तथा कार्बन श्रृंखला गुच्छ के बाहर होती है। 
(c) आयनिक सिरा तथा कार्बन शृंखला दोनों गुच्छ के अंदर होते हैं । 
(d) आयनिक सिरा तथा कार्बन शृंखला दोनों गुच्छ के बाहर होते हैं । 
उत्तर - (a)
11. पेण्टेन का अणुसूत्र C5H12 है । इसमें होते हैं
(a) 5 सह-संयोजक बंध
(b) 12 सह-संयोजक बंध 
(c) 16 सह संयोजक बंध
(d) 17 सह-संयोजक बंध
उत्तर - (c)
12. एथेनॉल सोडियम से अभिक्रिया करता है तथा दो उत्पाद बनाता है । ये उत्पाद हैं-
(a) सोडियम एथेनोएट तथा हाइड्रोजन 
(b) सोडियम एथेनोएट तथा ऑक्सीजन 
(c) सोडियम एथॉक्साइड तथा हाइड्रोजन 
(d) सोडियम एथॉक्साइड तथा ऑक्सीजन
उत्तर - (c)
13. ब्यूटेनोइक अम्ल का सही संरचना सूत्र है-

उत्तर - (d)
14. सिरका एक विलयन है
(a) ऐल्कोहॉल में 50% - 60% एसीटिक अम्ल
(b) ऐल्कोहॉल में 5% - 8% एसीटिक अम्ल
(c) जल में 5% 8% ऐसीटिक अम्ल 
(d) जल में 50% - 60% ऐसीटिक अम्ल 
उत्तर - (c)
15. कार्बोक्सिलिक अम्लों की तुलना में खनिज अम्ल प्रबल होते हैं, क्योंकि
(i) खनिज अम्ल पूर्णत: आयनित होते हैं । 
(ii) कार्बोक्सिलिक अम्ल पूर्णतः आयनित होते हैं । 
(iii) खनिज अम्ल आंशिक आयनित होते हैं । 
(iv) कार्बोक्लिक अम्ल आंशिक आयनित होते हैं ।
(a) (i) तथा (iv) 
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (i) तथा (ii) 
(d) (iii) तथा (iv) 
उत्तर - (a)
16. कार्बन अपने चार सहसंयोजी इलेक्ट्रॉनों के द्वारा चार एकल संयोजी परमाणु जैसे हाइड्रोजन, के साथ साझे से, चार सह-संयोजक बंध बनाता है। चार बंधों के निर्माण के उपरांत कार्बन किसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करता है।
(a) हीलियम का
(b) निओन का
(c) ऑर्गन का
(d) क्रिप्टॉन का
उत्तर - (b)
17. ऐल्काइन समजातीय श्रेणी का प्रथम सदस्य है
(a) एथाइन
(b) एथीन
(c) प्रोपीन
(d) मेथेन
उत्तर - (a)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (b) वायुमंडल में CO2 0.03% पाया जाता है।
पृथ्वी के वायुमंडल की परत आयनमंडल में आयनों और मुक्त इलेक्ट्रॉनों की सांद्रता उच्च होती है ।
यह रेडियो तरंगों को परावर्तित करने में भी सक्षम होती है ।
यह मध्यमंडल (मसोस्फेयर) के ऊपर स्थित परत है ।
2. (d) यह विद्युत के अल्प चालक होते है। 
कार्बन यौगिक सहसंयोजक बंधन बनाता है।
सहसंयोजक बंधन की मजबूती आयनिक बंधन की मजबूती की अपेक्षाकृत कम होती है।
अर्थात् - मजबूती = आयनिक बंधन > सहसंयोजक बंधन
सहसंयोजन बंधन में e- की साझेदारी होती है।
आयनिक बंधन में उत्तम चालक द्रव अवस्था में तथा प्रबल आकर्षण होता है।
3. (a) अमोनिया (NH3) एकल बंध बनाती है, अर्थात् संतृप्त हाइड्रोकार्बन है।

4. (c) कार्बन का अपरूप हीरा, ग्रेफाइट भी होता है। 
फुलरीन का आकार जियोडेसिक होता है।
फुलरीन में कार्बन परमाणु को फुटबॉल के आकार का व्यवस्थित किया जाता है I
यह C - 60 होता है। तथा यह (फुलरीन) कार्बन का अपरूप है।
5. (a) C2H2 + H2 → C2H4 वनस्पति तेल से कृत्रिम घी निकेल उत्प्रेरक द्वारा बनता है ।
संकलन अभिक्रिया को ही संयोजन अभिक्रिया कहते है।
संयोजन अभिक्रिया उष्माक्षेपी है। 
6. (b) अल्कोहल कार्बनिक यौगिक है। उन सभी में कार्यात्मक समूह – OH होता है।
एल्कोहॉल के नाम - "ol" से समाप्त होते है।
ब्यूटेनॉल का सामान्य सूत्र (C4H9OH) होता है।
ब्यूटेनॉल संतृप्त हाइड्रोकार्बन है। क्योंकि यह एकल बंधन बनाता है।
7. (a) बुलबुला के समूह को माइसेल कहते हैं।
साबुन के अणु में हाइड्रोफिलिक सिर पाया जाता है।
हाइड्रोफिलिक भाग अर्थात् पानी से प्यार करने वाले ।
साबुन के अणु में हाइड्रोफोबिक पूँछ होती है।
8. (d) असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में C-C परमाणुओं के बीच Double bond & Triple bond होता है।
एल्कीन तथा एल्काइन असंतृप्त है ।
एल्कीन में Double bond (=) तथा एल्काइन में Triple bond (=) होता है।
एल्कीन का सामान्य सूत्र (CnH2n) होता है। इसलिए प्रोपीन का सामान्य सूत्र (C3H6) होता है।
9. (b) 

क्लोरीन जब संतृप्त हाइड्रोकार्बन (एल्केन) के साथ sun light की उपस्थिति में अभिक्रिया करता है तो क्लोरोफार्म का निर्माण करता है।
क्लोरोफार्म की खोज लीविंग ने 1831 में की थी।
CHCl3 प्रकाश की उपस्थिति में ऑक्सीकृत होकर विषैली फॉस्जीन गैस बनाता है।
वर्तमान में CHCl3 का प्रमुख उपयोग फ्रिऑन प्रशीतक R-22 बनाने में किया जाता है।

10. (a)

11. (c)

इसमें 16 सह संयोजक बंधन है।
यह एल्केन group का सदस्य है।
संतृप्त हाइड्रोकार्बन होता है ।
12. (c) 2C2H5OH + 2Na → 2C2H5ONa + H2
सोडियम एथॉक्साइड को एल्कोक्साइड के रूप में जाना जाता है।
13. (d) सूत्र–C3H7COOH (CH3CH2CH2 - COOH) होता है।
एथोनोईक Acid (CH3COOH) या Acetic Acid भी कहते है।

CH3COOH सिरका में पाया जाता है।
CH3COOH का 5% से 8% तक का तनु घोल सिरका vinegar कहलाता है।
14. (c) सिरका में ऐसीटीक अम्ल पाया जाता है।
सिरका का PH मान 7 से कम होता है तथा स्वद में खट्टा होता है।
सिरका विलयन में जल विलायक तथा एसीटिक अम्ल विलेय होता है।
15. (a) 

खनीज अम्ल जैसे प्रबल अम्ल H+ आयन देने के लिए पूर्णत: वियोजित होता है।
दुर्बल अम्ल जैसे कार्बोक्सिीलक अम्ल H+ आयन देने के लिए पूर्णत: वियोजित नहीं होते हैं ।
16. (b) कार्बन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 4 होता है।
कार्बन जब हाइड्रोजन से अभिक्रिया करता है जिसके फलस्वरूप CH4 (मिथेन) बनता है।
CH4 में C का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8 बनने के बाद कार्बन परमाणु क्रमांक 10 के साथ निऑन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करता है ।
17. (a) एथाइन (C2H2) एल्काइन होमोलॉगस श्रेणी का पहला सदस्य है ।
ऐल्काइन का सामान्य सूत्र (Cn Hn2-2) होता है।
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है तथा इसमें Triple bond से बंधा होता है।
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Fri, 16 Feb 2024 09:49:25 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Metals and Non&metals धातु एवं अधातु https://m.jaankarirakho.com/911 https://m.jaankarirakho.com/911 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Metals and Non-metals  धातु एवं अधातु
1. धातुएँ निम्नलिखित में से कौन-सा गुणधर्म नहीं दर्शाती हैं ?
(a) विद्युत चालकता
(b) ध्वानिक प्रकृति
(c) द्युतिहीनता 
(d) तन्यता 
उत्तर - (c)
2. धातुओं के पतले तार खींचे जाने के गुण को क्या कहते हैं ? 
(a) तन्यता
(b) आघातवर्ध्यता
(c) ध्वानिकता
(d) चालकता 
उत्तर - (a)
3. खाना पकाने के बर्तन बनाने में ऐलुमिनियम काम आता है । ऐलुमिनियम के कौन-से गुणधर्म इसके लिए उत्तरदायी हैं ? 
(i) उच्च ऊष्मीय चालकता
(ii) उच्च विद्युत चालकता
(iii) तन्यता
(iv) उच्च गलनांक
(a) (i) तथा (ii) 
(b) (i) तथा (iii)
(c) (ii) तथा (iii) 
(d) (i) तथा (iv) 
उत्तर - (d)
4.  निम्नलिखित में से कौन-सी धातु ठंडे तथा गरम जल से कोई क्रिया नहीं करती है ?
(a) Na
(b) Ca
(c) Mg
(d) Fe
उत्तर - (d)
5. आयरन तथा भाप की लंबे समय तक अभिक्रिया से आयरन का निम्नलिखित में से कौन-सा / कौन-से ऑक्साइड प्राप्त होगा / होंगे ? /
(a) FeO
(b) Fe2O3 
(c) Fe3O4
(d) Fe2O3 तथा Fe3O4
उत्तर - (c)
6. क्या होता है जब कैल्सियम को जल के साथ अभिकृत किया जाता ?
(i) यह जल से क्रिया नहीं करता ।
(ii) यह जल से प्रचंड क्रिया करता है ।
(iii) यह जल से कम प्रचंड क्रिया करता ।
(iv) बने हुए हाइड्रोजन गैस के बुलबुले कैल्सियम की सतह पर चिपकते हैं।
(a) (i) तथा (iv) 
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (i) तथा (ii) 
(d) (iii) तथा (iv)
उत्तर - (d)
7. धातुएँ सामान्यतः अम्लों से क्रिया कर लवण तथा हाइड्रोजन गैस देती हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा अम्ल धातुओं (Mn तथा Mg के अतिरिक्त) से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस नहीं देता है ? 
(a) H2SO4
(b) HCl
(c) HNO3
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर - (c)
8. ऐक्वा रेजिया का संयोजन है 
(a) तनु HCl            :   सांद्र HNO3
      3                     :   1 
      3 Dil.HCl         :   Conc. HNO3
      3                     :   1
(b) सांद्र HCl           :   तनु HNO3
      3                     :   1
      Conc.HCl        : Dil. HNO3
      3                     :   1
(c) सांद्र HCl           :   सांद्र HNO3
      3                     :  1
      Conc.HCl        :  Conc.HNO3
      3                     :  1
(d) तनु HCl            :   तनु HNO3
      3                     :  1
      Dil.HCl            :   Dil.HNO3
      3                     :  1
उत्तर - (c)
9. निम्नलिखित में से कौन-से आयनिक यौगिक नहीं हैं ?
(i) KCl
(ii) HCl
(iii) CCl4
(iv) NaCl
(a) (i) तथा (ii)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (iii) तथा (iv)
(d) (i) तथा (iii) 
उत्तर - (b)
10. निम्नलिखित में से कौन-सा गुणधर्म सामान्यत: आयनिक यौगिकों के द्वारा प्रदर्शित नहीं किया जाता है ?
(a) जल में विलेयता 
(b) ठोस अवस्था में विद्युत चालकता 
(c) उच्च गलनांक एवं क्वथनांक 
(d) गलित अवस्था में विद्युत चालकता
उत्तर - (b)
11. निम्नलिखित में से कौन-सी धातुएँ प्रकृति में प्राकृत अवस्था में पाई जाती हैं ?
(i) Cu
(ii) Au
(iii) Zn
(iv) Ag
(a) (i) तथा (ii)
(b) (ii) तथा (iii) 
(c) (ii) तथा (iv) 
(d) (iii) तथा (iv)
उत्तर - (c)
12. विभिन्न विधियों द्वारा धातुओं को परिष्कृत किया जाता है । निम्नलिखित में से कौन-सी धातुओं को विद्युत परिष्करण द्वारा परिष्कृत किया जाता है ?
(i) Au 
(ii) Cu
(iii) Na
(iv) K
(a) (i) तथा (ii) 
(b) (i) तथा (iii) 
(c) (ii) तथा (iii) 
(d) (iii) तथा (iv) 
उत्तर - (a)
13. वायु में लंबे समय तक उद्भासन से सिल्वर की वस्तुएँ काली हो जाती हैं। यह निम्नलिखित में से किसके बनने के कारण होता है ?
(a) Ag3
(b) Ag2O
(c) Ag2
(d) Ag2S तथा Ag3N
उत्तर - (c)
14. किसकी पतली परत के लेपन के द्वारा आयरन को जंग से बचाने के लिए गैल्वनीकरण एक विधि है ?
(a) गैलियम
(b) ऐलुमिनियम
(c) जिंक 
(d) सिल्वर
उत्तर - (c)
15. हमारे जीवन के लिए स्टेनलैस स्टील एक उपयोगी पदार्थ है। स्टेनलैस स्टील में आयरन को किनके साथ मिश्रित किया जाता है ?
(a) Ni तथा Cr
(b) Cu तथा Cr
(c) Ni तथा Cu
(d) Cu तथा Au
उत्तर - (a)
16. यदि कॉपर को वायु में खुला रखा जाता  है तो यह अपनी चमकीली भूरी सतह खो देता है तथा हरे रंग की परत प्राप्त करता है । यह किसके निर्माण के कारण होता है ?
(a) CuSO4
(b) CuCO3
(c) Cu(NO3)2
(d) CuO
उत्तर - (b)
17. धातुएँ सामान्यत: ठोस प्रकृति की होती है । निम्नलिखित में से कौन-सी धातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पाई जाती है ?
(a) Na 
(b) Fe
(c) Cr
(d) Hg
उत्तर - (d)
18. निम्नलिखित में से कौन-सी धातुएँ गलित अवस्था में उनके क्लोराइडों के विद्युत-अपघटन से प्राप्त होती हैं ?
(i) Na 
(ii) Ca
(iii) Fe
(iv) Cu
(a) (i) तथा (iv)
(b) (iii) तथा (iv) 
(c) (i) तथा (iii)
(d) (i) तथा (ii)
उत्तर - (d)
19. सामान्यतः अधातुएँ चमकीली नहीं होती । निम्नलिखित में से कौन-सी अधातु चमकीली है ?
(a) सल्फर 
(b) ऑक्सीजन
(c) नाइट्रोजन
(d) आयोडीन
उत्तर - (d)
20. निम्नलिखित चार धातुओं में से कौन-सी उसके लवण के विलयन से अन्य तीन धातुओं द्वारा विस्थापित की जा सकती है ?
(a) Mg 
(b) Ag
(c) Zn
(d) Cu
उत्तर - (b)
21. तीन चिह्नित परखनलियों A, B तथा C में क्रमश: सांद्र HCI सांद्र HNO3 तथा सांद्र HCl एवं सांद्र HNOg का 3:1 में मिश्रण (प्रत्येक के 2mL) लिये गये । प्रत्येक परखनली में धातु का एक छोटा टुकड़ा डाला गया । परखनली A तथा B में कोई परिवर्तन नहीं हुआ परन्तु परखनली C में धातु घुल गई । धातु हो सकती है
(a) Al
(b) Au
(c) Cu
(d) Pt
उत्तर - (b)
22. एक मिश्रधातु है
(a) एक तत्व 
(b) एक यौगिक 
(c) एक समांगी मिश्रण 
(d) एक विषमांगी मिश्रण 
उत्तर - (c)
23. एक विद्युत अपघटनी सेल बनता है 
(i) धनावेशित कैथोड से
(ii) ऋणावेशित ऐनोड से
(iii) धनावेशित ऐनोड से
(iv) ऋणावेशित कैथोड से
(a) (i) तथा (ii)
(b) (iii) तथा (iv)
(c) (i) तथा (iii)
(d) (ii) तथा (iv) 
उत्तर - (b)
24. जिंक के विद्युत परिष्करण के दौरान यह
(a) कैथोड पर निक्षेपित होता है
(b) ऐनोड पर निक्षेपित होता है
(c) कैथोड तथा ऐनोड दोनों पर निक्षेपित होता है 
(d) विलयन में बना रहता है
उत्तर - (a)
25. एक तत्व A मुलायम है तथा उसे चाकू से काटा जा सकता है 1 यह वायु के प्रति अत्यधिक क्रियाशील है तथा वायु में खुला नहीं रखा जा सकता है। यह जल के साथ प्रचंड अभिक्रिया है । निम्नलिखित में से इस धातु को पहचानिए
(a) Mg
(b) Na
(c) P
(d) Ca
उत्तर - (b)
26. मिश्रधातु एक धातु का एक धातु अथवा अधातु के साथ समांगी मिश्रण है। निम्नलिखित में से कौन-सी मिश्रधातु उसके अवयवों में एक अधातु रखती है ?
(a) पीतल 
(b) कांसा
(c) अमलगम
(d) स्टील
उत्तर - (d)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (c) मतिमंदिता से जूझता व्यक्ति को द्युतिहीनता कहते हैं ।
  • प्रत्येक धातु का कोई न कोई रंग होता है। जैसे पीतल का रंग पीला और एल्युमीनियम का सफेद होता है।
  • प्रत्येक धातु का भार अलग-अलग होता है। धातुओं में पारा और सीसा भारी होते है और एल्युमीनियम सबसे हल्का होता है।
  • जब धातु निश्चित तापमान पर पिघलकर द्रव के रूप में बन जाती है जिसे धातु का गलनीयता कहते हैं।
  • टिन का गलनांक 230°C और तांबे का गलनांक 1083°C होता है।
  • जिन धातुओं में ताप और बिजली आसानी से एक सिरे से दुसरे सिरे तक पहुँच जाती है उन्हें सुचालक कहते है।
  • जिन धातुओं में ताप और बिजली आसानी से एक सिरे से दुसरे सिरे तक नहीं जाती है। उन्हें कुचालक कहते है ।
  • जब चुम्बक, धातु को अपनी ओर खींचता है तो उसे चुम्बकीयता: कहते हैं।
  • चुम्बक प्रायः फेरस धातुओं को ही अपनी ओर खींचता है।
  • चुम्बकीयता गुण से पता चलता है कि कौन-सी धातु फेरस है और कौन-सी नॉन-फेरस ।
2. (a) किसी ठोस पदार्थ की तनाव डालने पर खिचकर आकार बदल लेने की क्षमता को तन्यता कहते है।
  • सोना और तांबा दोनों तन्य पदार्थों के उदाहरण है।
  • किसी पदार्थ की दबाव या आघात पड़ने पर बिना टुटे आकार बदल लेने की क्षमता को आघातवर्धनीयता कहते हैं ।
  • मसलन चाँदी को पीटकर उसका मिठाई व पान पर चढ़ाने वाला वर्क इसलिए बनाया जा सकता है क्योंकि वह तत्व आघातवर्धनीय है।
  • ध्वानिकता धातु के भौतिक गुणों में से एक है, जिसके द्वारा धातु के टकराने पर ध्वनि उत्पन्न होती है।
  • धातुओं का ध्वनिक होने का गुण लोच के कारण होता है। ध्वनिकता धातुएँ समृद्ध होने के कारण बहुत गहरी आवाज होती है।
  • कुछ ध्वनिकता धातुएँ और मिश्र धातुएँ है, तांबा, कांस्य, पीतल स्टील, एल्यूमीनियम, टिन, चाँदी, लोहा आदि ।
  • चाँदी दुनिया की सबसे अधिक ध्वनिक धातु है।
3. (d) उच्च तापीय चालकता की सामग्री की तुलना में कम तापीय चालकता की सामग्री में गर्मी हस्तांतरण कम दर पर होता है।
  • धातुओं में आमतौर पर उच्च तापीय चालकता होती है।
  • उच्च तापीय चालकता गर्मी के संचालन में बहुत कुशल होता है जबकि स्टायरोफोम जैसी इन्सुलेट सामग्री के लिए विपरीत सच है।
  • जिन पदार्थों की उष्मा चालकता अधिक होती है उनसे होकर समान समय में अधिक उष्मा प्रवाहित होती है।
  • उष्मा चालकता के व्युत्क्रम को उष्मा प्रतिरोधकता कहते हैं।
  • किसी ठोस पदार्थ का गलनांक या द्रवणांक वह तापमान होता है जिस पर वह अपनी ठोस अवस्था से पिघलकर द्रव अवस्था में पहुँच जाता है।
  • गलनांक पर ठोस और द्रव प्रावस्था साम्यावस्था में होती है।
4. (d) लोहा (Fe), एल्यूमीनियम (Al), और जस्ता (Zn) जैसी धातुएँ ठंडे और गर्म जल से भी अभिक्रिया नहीं करती है ।
लोहा का निम्न अयस्क- हेमाटाइट (Fe2O3)
                               मैग्नेटाइट (Fe3O4)
                               सिडेराइट (FeCO3)
                              आयरन पाइराइट (FeS2)
  • धातु सोडियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम पानी के प्रति अत्यधिक प्रतिक्रियाशील होते हैं और उनके हाइड्रॉक्साइड बनाते हैं।
  • लोहा धरती के गर्भ में यह चौथा सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व है।
  • लोहा रक्त की लाल कोशिकाओं, हीमाग्लोबिन का यह आवश्यक अंग है।
  • लोहा यकृत, प्लीहा और मेरुदंड में यह जमा रहता है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर यह हीमोग्लोबीन बनाने के काम आ सकें।
  • कैल्सियम जीवित प्राणियों के लिए अतिआवश्यक होता है।
  • जल के साथ कैल्सियम अभिक्रिया कर यह हाइड्रोजन उन्मुक्त करता है और लगभग समस्त अधातुओं के साथ अभिक्रिया कर यौगिक बनाता है।
  • कैल्सियम अनेकों तत्व (जैसे हाइड्रोजन, फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन, नाइट्रोजन, सल्फर आदि) के साथ अभिक्रिया कर यौगिक बनाता है।
  • सोडियम रूपहली चमकदार धातु है।
  • सोडियम वायु में ऑक्सीकरण के कारण इस पर शीघ्र ही परत जम जाती है। यह नरम धातु है तथा उत्तम विद्युत चालक है।
  • विशुद्ध अमोनिया द्रव में सोडियम से घुलकर नीला विलयन देता है।
  • मैग्नीशियम सभी जीव जंतुओं के साथ मनुष्य के लिए भी उपयोगी तत्व है। यह प्रकाश का स्रोत है और जलने पर श्वेत प्रकाश उत्सर्जित करता है।
5. (c)

6. (d)

7. (c) जब कोई धातु नाइट्रिक एसिड के साथ प्रतिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस विकसित नहीं होता है क्योंकि नाइट्रिक एसिड एक मजबूत ऑक्सीकरण एजेंट है। यह पानी के उत्पादन के लिए हाइड्रोजन का ऑक्सीकरण करता है।
  • दूसरी ओर, मैग्नीशियम (mg) और मैंगनीज (mn) बहुत तनु HNO3 साथ प्रतिक्रिया करके H2 गैस उत्पन्न करते हैं।
  • यह पानी में छोड़े गए H2 को ऑक्सीकरण करने के बाद किसी भी नाइट्रोजन ऑक्साइड (H2O, NO, NO2) में खुद को कम कर देता है।
8. (c) एक्वारेजिया (अम्ल) HCl : HNO3 = 3:1
  • यह सांद्र : HCl सांद्र HNO3 = 3:1
  • Au तथा प्लेटिनम घुल जाता है।
9. (b) एक आयनिक बंधन एक प्रकार का बंधन है जो तब बनता है जब दो परमाणु अपने विन्यास से एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों को पूरी तरह से स्थानांतरित कर देते हैं ताकि निकटतम गैस विन्यास प्राप्त हो सके।
  • इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण के बाद, वे आयन बन जाते हैं और इलेक्ट्रो स्टैटिक आकर्षण बल द्वारा धारण किए जाते हैं जिसे आयनिक बंधन कहा जाता है। 
    Ex : KCl, NaCl
  • HCL तथा CCI4 सहसंयोजक यौगिक है जहां यौगिक इलेक्ट्रॉनों के आपसी बंटवारे से बनता है।
10. (b) आयनिक यौगिक जैसे HCl उच्च गलनांक और उच्च क्वथनांक होता है।
  • वे आमतौर पर अन्य कार्बनिक सौल्वैंटस की तुलना में पानी में घुलनशील होते हैं क्योंकि प्रकृति में ध्रुवीय सहसंयोजन होने के कारण पानी आयनिक बंधनों को तोड़ देता है।
  • आयनिक यौगिक अपनी गलित अवस्था में विद्युत के सुचालक होते हैं लेकिन अपनी ठोस अवस्था में नहीं । 
  • एक परमाणु से दुसरे परमाणु में एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण के कारण आयनिक यौगिक बनाते हैं और इन आयनों में उनके प्रतिकर्षण बलों की तुलना में अधिक आकर्षक बल होता है।
  • आयन इस तरह व्यवस्थित होते हैं कि उनके पास क्रिस्टलीय संरचना देने वाली न्यूनतम संभावित ऊर्जा होती है।
  • इस प्रकार, आयन माइग्रेट करने में असमर्थ हैं और बिजली का संचालन नहीं कर सकते हैं।
11. (c) कम से कम रासायनिक अभिक्रियाशीलता वाली धातुएँ अपनी मूल अवस्था में मौजूद होती है।
  • जिन धातुओं को अभिक्रियाशीलता श्रेणी के निचले भाग में रखा जाता है, वे सामान्य परिस्थितियों में रासायनिक अभिक्रिया नहीं करती हैं और अक्रिय होती है क्योंकि उन धातुओं के संयोजकता इलेक्ट्रॉन रासायनिक अभिक्रिया के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं।
  • सोना, चाँदी, प्लेटिनम आदि धातुओं को रासायनिक अभिक्रिया के प्रति उनकी जड़ता के कारण प्रतिक्रियाशीलता श्रृंखला के निचले भाग में रखा जाता है इसीलिए वे आमतौर पर प्रकृति में अपने मूल अवस्था में पाए जाते हैं। प्रतिक्रियाशील धातुएँ आमतौर पर संयुक्त अवस्था में यौगिकों के रूप में पाई जाती है।
  • दिए गए तत्वों में, तांबा और जस्ता उनकी तुलनात्मक रूप से उच्च प्रतिक्रियाशीलता के कारण संयुक्त अवस्था में पाये जाते हैं लेकिन सोना (Au) और चाँदी (Ag) अपनी मूल अवस्था में पाए जाते हैं।
12. (a) सोना का गलनांक 1064°C होता है ।
  • सोना एक संक्रमण धातु ।
  • सोना अत्यंत चमकदार धातु है यह आवर्त सारणी के प्रथम अंतरवर्ती समूह में ताम्र तथा रजत के साथ स्थित रहता है ।
  • तांबा (Cu) एक तन्य धातु है जिसका प्रयोग विद्युत के चालक के रूप में प्रधनता से किया जाता है ।
  • ताँबा की परमाणु संख्या 29 है ।
  • सोडियम (Na) को चाकु से काटा जाता है इसकी परमाणु संख्या 11 होती है ।
13. (c) वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ सिल्वर की अभिक्रिया के कारण सिल्वर ऑक्साइड का रंग काला हो जाता है।
  • एक समय के अंतराल के बाद, यह वायुमंडलीय हवा में मौजूद ऑक्सीजन और हाइड्रोसल्फाइड के संपर्क में आने के बाद सिल्वर सल्फाइड का निर्माण करेगा।
  • घटना को संक्षारण के रूप में जाना जाता है।
  • इसे सिल्वर टार्निशिंग कहा जाता है। विशेष रूप में चाँदी के लिए |
  • प्राप्त काले पदार्थ को सिल्वर सल्फाइड के रूप में जाना जाता है ।
  • सिल्वर सल्फाइड का रंग भी काला होता है।
  • जो अभिक्रिया होती है वह है-
    4Ag + O2 + 2H2S → 2Ag2S + 2H2O
  • घने काले ठोस चाँदी के एकमात्र सल्फाइड है।
14. (c) गैल्वनाइजेशन लोहे या स्टील की वस्तुओं को जंग लगने बचाने की एक विधि है।
  • गैल्वनाइजेशन एक प्रक्रिया है जिसका उपयोग लोहे की सतह पर एक सुरक्षात्मक जस्ता परत लगाकर स्टील या लोहे की सतह पर एक सुरक्षात्मक कोटिंग बनाने के लिए लोहे की धातु को पिघले हुए जस्ता में डुबोया जाता है।
  • जब धातु लंबे समय तक हवा के संपर्क में रहती हैं तो यह जंग से गुजरती है। लोहे के मामले में जंग को जंग लगना कहा जाता है लोहे की सतह पर ऑक्साइड की एक परत बन जाती है जिसे जंग कहते हैं जो भूरे रंग का होता है। जंग लगने से लोहे की ताकत में कमी आती है और आर्थिक नुकसान भी होता है।
  • लोहे के क्षरण को रोकने के लिए विभिन्न तरीके है और ऐसे ही एक विधि है गैल्वनाइजेशन है। जस्ती लोहे के लिए, लोहे के बजाय जस्ता जंग से गुजरता है क्योंकि लोहे की सतह हवा के संपर्क में नहीं आती है जिससे लोहे को जंग से बचाया जा सकता है।
15. (a) स्टील आयरण (Fe) और कार्बन (C) से बनी मिश्रधातु है ।
  • काँसा एक ताँबा (Cu) और टिन (Sn) का मिश्रधातु है।
  • नाइक्रोम एक मिश्रधातु है जो ज्यादातर निकेल (Ni) और क्रोमियम (Cr) से बना होता है।
  • पीतल एक ताँबा - जिंक का मिश्रधातु है जिसमें विभिन्न यांत्रिक, विद्युत और रासायनिक गुण प्राप्त करने के लिए ताँबा (Cu) और जिंक (Zn) के चार अनुपात होते हैं।
  • यह आमतौर पर कई प्रकार के बर्तनों के लिए भी उपयोग किया जाता है।
  • स्टेनलेस स्टील आयरन (Fe), निकेल (Ni), और क्रोमियम (Cr) का मिश्रधातु है ।
  • बर्तन स्टेनलेस स्टील से बनाए जाते हैं।
  • स्टेनलेस स्टील में जंग नहीं लगती है।
  • इस मिश्रधातु में जंग नहीं लगती है।
  • यह आयरन (Fe), निकेल (Ni), और क्रोमियम (Cr) का मिश्रधातु है।
16. (b) कॉपर वायु में उपस्थित आर्द्र कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है। जिससे इसकी सतह से भूरे रंग की चमक धीरे-धीरे खत्म हो जाती है तथा इस पर हरे रंग की चमक चढ़ जाती है यह हरा पदार्थ कॉपर कार्बोनेट होती है।
कॉपर कार्बोनेट और कॉपर हाइड्रॉक्साइड के मिश्रण के बनने के कारण कॉपर पर हरी कोटिंग हो जाती है जब यह कार्बन डाइऑक्साइड गैस और हवा में मौजूद नमी के साथ प्रतिक्रिया करता है। इसे ताँबे का कलंकित करना कहते है।
2Cu + H2O + CO2 + O2 → Cu(OH)2 + CuCO3
17. (d) पारा एकमात्र ऐसी धातु है जो कमरे के तापमान पर तरल अवस्था में होती है।
  • यह एक डी-ब्लॉक का तत्व है |
  • Hg अपने वैलेंस इलेक्ट्रॉनों को दुसरे के साथ साझा नहीं करता है क्योंकि पारा धातु में इलेक्ट्रॉन नाभिक द्वारा कसकर बंधे होते हैं और वे सापेक्ष प्रभाव प्रदर्शित करते है।
  • पारा में इलेक्ट्रॉन ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे वे धीमी गति से चलने वाले इलेक्ट्रॉन से बड़े होते हैं और इस कमजोर बंधन प्रकृति के कारण, पारा कम गलनांक और कम क्वथनांक दिखाता है।
  • सोडियम धातु है और कमरे के तापमान पर भी ठोस अवस्था में मौजूद होता है।
  • सोडियम धातु पानी में घुल सकता है और आग की चिंगारी पैदा कर सकता है।
  • लोहा प्रकृति में ही ठोस रूप में मौजूद है।
  • लोहा को केवल उच्च तापमान पर ही द्रवित किया जा सकता है लेकिन फिर भी, यह एक ठोस रूप में बदल जाता है ।
  • क्रोमियम भी एक धातु है और प्रकृति में ठोस रूप में मौजूद है।
18. (d) K, Na, Ca, Mg & Al जैसी धातुएँ, जो प्रतिक्रियाशील हैं या विद्युत रासायनिक श्रृंखला के शीर्ष पर हैं, जुड़े हुए यौगिकों के इलेक्ट्रोलिसिस से निकाली जाती है।
  • उनके जलीय घोल के मामले में, धातुओं को निकाला नहीं जा सकता क्योंकि घोल में पानी कैथेड पर डिस्चार्ज हो जाता है और केवल जुड़े यौगिकों का इलेक्ट्रोलिसिस संभव है। ये जुड़े हुए यौगिक आमतौर पर क्लोराइड होते हैं।
19. (d) आयोडीन एक चमकदार अधातु है।
  • आयोडीन की परमाणु संख्या 53 है और इसका प्रतीक I है।
  • आयोडीन आवर्त सारणी के ग्रुप 17 में स्थित होता है, इस ग्रुप के सभी तत्वों को हैलोजन कहा जाता है।
  • आयोडीन एक काला, चमकदार, क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ होता है।
  • आयोडीन में एक बहुत तेज गंध होती है।
  • आयोडीन ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और ओजोन गैस प्रतिक्रिया नहीं करता है।
  • आयोडीन को गर्म करने पर यह पिघलता नहीं है बल्कि सीधे ही बैंगनी रंग की वाष्प में परिवर्तित हो जाता है।
20. (b) Ag (चाँदी) को उसके लवणों के विलयन से अन्य तीन धातुओं, अर्थात् मैग्नीशियम (Mg), जस्ता (Zn) और तांबा (Cu) द्वारा विस्थापित किया जाएगा। चाँदी (Ag) एक उत्कृष्ट धातु है और अन्य धातुओं में सबसे कम प्रतिक्रियाशील धातु है।
21. (b) वह सोना (Au) एक ऐसी धातु है जो तनु अम्लों में नहीं घुल सकती है और केवल एक्वा रेजिया में ही घुलती है। इसलिए परखनली C में धातु सोना (Au) होना चाहिए।
  • टेस्ट ट्यूब C में एक्वा - रेजिया नामक रासायनिक मिश्रण होता है। यह 3 : 1 के अनुपात में सांद्र HCI और सान्द्र HNO3 का मिश्रण है। एक्वा-रेजिया इसमें सोना और प्लेटिनम घुलता है जबकि हाइड्रोक्लोरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड नहीं ।
22. (c) मिश्र धातु एक समांगी मिश्रण है क्योंकि इसकी संरचना एक समान है। 
  • एक समांगी मिश्रण पूरे घोल में एक मिश्रण होता है। जिसमें रचना एक समान होती है।
  • एक सजातीय मिश्रण में, सभी घटक समान रूप से वितरित होते हैं।
  • शीतल पेय में, हमें स्वीटनर, कार्बन डाइऑक्साइड और पानी जैसे घटक एक ही चरण में मिलते हैं। अतः शीतल पेय एक समांगी मिश्रण है।
23. (b) नकारात्मक आयनों या अनायन को एनोड की ओर आकर्षित किया जाएगा क्योंकि वे धनात्मक रूप से आवेशित होते हैं। जबकि कैथेड ऋणात्मक रूप से आवेशित होता है इसीलिए यह केवल कैटायन को इसकी ओर आकर्षित करेगा इसीलिए विकल्प B सही है।
  • नकारात्मक आयनों को एनोड की ओर आकर्षित किया जाएगा क्योंकि वे धनात्मक रूप से आवेशित होते हैं जबकि कैथोड ऋणात्मक रूप से आवेशित होता है, इसीलिए यह केवल कैटायन को अपनी ओर आकर्षित करेगा, इसीलिए विकल्प A गलत है।
  • एनोड एक नकरात्मक चार्ज को आकर्षित करता है और कैथोड एक सकारात्मक चार्ज को आकर्षित करता है।
24. (a) इलेक्ट्रोलिसिस के दौरान शुद्ध जस्ता कैथेड पर जमा किया जाएगा।
कच्चे जिंक को एनोड के रूप में चुना जाता है, इलेक्ट्रोलिसिस के दौरान शुद्ध जिंक कैथोड पर जमा किया जाएगा क्योंकि यह सकारात्मक चार्ज होता है। कैथोड पर
Zn2+ + 2e- → Zn
एनोड पर
Zn2+ + 2e- → Zn2+ 
25. (b) सोडियम (Na) एक क्षार धातु है।
  • सोडियम बहुत ही नरम धातु है जिसे चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
  • जिन धातु को स्टील के चाकू से आसानी से काटा जा सकता है उनमें लीथियम, सोडियम, पोटेशियम आदि प्रमुख रूप से गिनी जा सकती है।
  • सोडियम इतना प्रतिक्रियाशील है कि वायु में खुला रखे जाने पर यह तेजी से आग पकड़ता है इसीलिए हम इसे किरोसीन के तेल में डुबोकर रखते हैं।
  • सोडियम ऑक्साइड एक मूल ऑक्साइड है जो सोडियम के रूप में बनता है जो कमरे के तापमान पर हवा के ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है।
26. (d) स्टील एक मिश्रधातु है, जिसमें कार्बन नामक अधातु-तत्व स्थित होता है।
  • दो या दो से अधिक धात्विक तत्वों के आंशिक या पूर्ण ठोस विलयन को मिश्रधातु कहते हैं ।
  • इस्पात एक मिश्रधातु है।
  • धातु को अधिक मजबूत बनाने की सबसे महत्वपूर्ण विधि धातुमिश्रण है।
  • सभी मिश्रधातुओं को साधारणतया लौह तथा अलौह मिश्रधातुओं में विभाजित किया गया है।
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Fri, 16 Feb 2024 08:34:21 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Acids, Bases and Salts अम्ल, क्षारक एवं लवण https://m.jaankarirakho.com/910 https://m.jaankarirakho.com/910 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Acids, Bases and Salts  अम्ल, क्षारक एवं लवण
1. क्या होता है जब एक परखनली में एक अम्ल का विलयन, एक क्षार के विलयन के साथ मिलाया जाता है ?
(i) विलयन का ताप बढ़ता है 
(ii) विलयन का ताप घटता है 
(iii) विलयन का ताप समान रहता है 
(iv) लवण का निर्माण होता है 
(a) केवल (i)
(b) (i) तथा (iii)
(c) (ii) तथा (iii) 
(d) (i) तथा (iv)
उत्तर - (d)
2. एक जलीय विलयन लाल लिटमस विलयन को नीला कर देता है । निम्नलिखित में से किसके विलयन को आधिक्य में मिलाने पर यह परिवर्तन व्युत्क्रमित हो जाता है ?
(a) बेकिंग पाउडर
(b) चूना
(c) अमोनियम हाइड्रॉक्साइड विलयन
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल 
उत्तर - (d)
3. एक आर्द्र दिन में हाइड्रोजन क्लोराइड गैस के विरचन के दौरान गैस को सामान्यतः कैल्सियम क्लोराइड युक्त रक्षित नली में से गुजारा जाता है । रक्षित नली में लिए गए कैल्सियम क्लोराइड का कार्य है
(a) मुक्त गैस को अवशोषित करना
(b) गैस को नमी प्रदान करना 
(c) गैस से नमी को अवशोषित करना 
(d) मुक्त गैस से Cl- आयनों को अवशोषित करना
उत्तर - (c)
4. निम्नलिखित में से कौन-सा लवण क्रिस्टलीकरण जल नहीं रखता है ?
(a) नीला थोथा 
(b) बेकिंग सोडा
(c) धावन सोडा
(d) जिप्सम
उत्तर - (b)
5. सोडियम कार्बोनेट क्षारकीय लवण है। क्योंकि यह लवण है 
(a) प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षारक का
(b) दुर्बल अम्ल तथा दुर्बल क्षारक का 
(c) प्रबल अम्ल तथा दुर्बल क्षारक का
(d) दुर्बल अम्ल तथा प्रबल क्षारक का
उत्तर - (d)
6. दाँत के इनेमल में कैल्सियम फॉस्फेट होता है । इसकी प्रकृति है 
(a) क्षारकीय 
(b) अम्लीय 
(c) उदासीन
(d) उभयधर्मी
उत्तर - (a)
7. मृदा के एक नमूने को जल में मिश्रित किया गया तथा इसे स्थिर छोड़ दिया गया । स्वच्छ अधिप्लवी विलयन pH पत्र को पीला-नारंगी कर देता है । निम्नलिखित में से कौन-सा pH पत्र के रंग को हरा - नीला कर देगा ?
(a) नींबू रस
(b) सिरका
(c) साधारण लवण
(d) एक प्रतिअम्ल
उत्तर - (d)
8. निम्नलिखित में से कौन अम्लीय सामर्थ्य का बढ़ता हुआ सही क्रम देता है
(a) जल < ऐसीटिक अम्ल < हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(b) जल < हाइड्रोक्लोरिक अम्ल < ऐसीटिक अम्ल
(c) ऐसीटिक अम्ल < जल < हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल < जल < ऐसीटिक अम्ल 
उत्तर - (a)
9. एक विद्यार्थी के हाथ पर दुर्घटनावश सांद्र अम्ल की कुछ बूँदें गिर जाती हैं। उसे क्या करना चाहिए ?
(a) हाथ को लवणीय जल से धोएं 
(b) हाथ को जल की अधिक मात्रा से धोएं तथा सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का पेस्ट लगा ले
(c) हाथ को जल की अधिक मात्रा से धोकर, सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन लगाए 
(d) प्रबल क्षार के साथ अम्ल को उदासीन करें
उत्तर - (b)
10. सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट को जब ऐसीटिक अम्ल में मिलाते तो एक गैस निकलती है। मुक्त गैस के संदर्भ में कौन-से कथन सत्य है ?
(i) यह चूने के पानी को दूधिया कर देती है
(ii) यह जलती हुई तीली को बुझा देती है 
(iii) यह सोडियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन में घुल जाती है 
(iv) इसमें अरुचिकर गंध होती है
(a) (i) तथा (ii) 
(b) (i), (ii) तथा (iii) 
(c) (ii), (iii) तथा (iv) 
(d) (i) तथा (iv)
उत्तर - (b)
11. सामान्य लवण रसोई में उपयोग किए जाने के अतिरिक्त किसके निर्माण में कच्चे माल के रूप में उपयोग में आता है ?
(i) धावन सोडा
(ii) विरंजक चूर्ण 
(iii) बेकिंग सोडा 
(iv) बुझा चूना
(a) (i) तथा (ii)
(b) (i), (ii) तथा (iv)
(c) (i) तथा (iii)
(d) (i), (iii) तथा (iv)
उत्तर - (c)
12. बेकिंग पाउडर का एक अवयव सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट है। इसका अन्य अवयव है
(a) हाइड्रोक्लोरिक अम्
(b) टार्टरिक अम्त
(c) ऐसीटिक अम्न
(d) सल्फ्यूरिक अम्त
उत्तर - (b)
13. दंत क्षय रोकने के लिए हमें नियमित रूप से दाँतों को ब्रश करने की सलाह दी जाती है। सामान्यतः काम के लिए जाने वाले टूथपेस्ट की प्रकृति होती है।
(a) अम्लीय
(b) उदासीन
(c) क्षारकीय
(d) संक्षारक
उत्तर - (c)
14. एक अम्ल तथा एक क्षारक के जलीय विलयन के लिए कौन-से कथन सत्य है ? 
(i) pH जितनी उच्च होगी, अम्ल उतना ही प्रबल होगा
(ii) pH जितनी उच्च होगी, अम्ल उतना दुर्बल होगा
(iii) pH जितनी कम होगी, क्षारक उतना ही प्रबल होगा
(iv) pH जितनी कम होगी, क्षारक उतना ही दुर्बल होगा
(a) (i) तथा (iii)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (i) तथा (iv) 
(d) (ii) तथा (iv)
उत्तर - (d)
15. पाचन के दौरान उत्पन्न जटर रस की pH होती है
(a) 7 से कम 
(b) 7 से अधिक 
(c) 7 के बराबर 
(d) 0 के बराबर 
उत्तर - (a)
16. जब अम्ल की कुछ मात्रा को जल में मिलाया जाता है तो निम्नलिखित में से कौन-सी परिघटनाएँ होती है ?
(i) आयनीकरण
(ii) उदासीनीकरण
(iii) तनुता
(iv) लवण निर्माण 
(a) (i) तथा (ii)
(b) (i) तथा (iii)
(c) (ii) तथा (iii)
(d) (ii) तथा (iv)
उत्तर - (b)
17. दृष्टि दोष युक्त विद्यार्थी के लिए निम्नलिखित में से किसको अम्ल- क्षारक सूचक के रूप प्रयुक्त कर सकते हैं ?
(a) लिटमस
(b) हल्दी
(c) वैनीला सत (एसेंस)
(d) पिटुनिया की पंखुड़ियाँ
उत्तर - (c)
18. निम्नलिखित में से कौन-सा पदार्थ तनु अम्ल के साथ उपचार पर कार्बन डाइऑक्साइड नहीं देगा ?
(a) मार्बल
(b) चूना पत्थर (लाइमस्टोन)
(c) बेकिंग सोडा
(d) चूना
उत्तर - (d)
19. निम्नलिखित में से कौन-सा अम्लीय प्रकृति का है ?
(a) नींबू का रस
(b) मानव रक्त
(c) चूने का पानी
(d) प्रति-अम्ल
उत्तर - (a)
20. विद्युत अपघट्य के द्वारा विद्युत चालकता के प्रदर्शन के प्रयास के लिए निम्नलिखित उपकरण (चित्र) लगाया गया । 

निम्नलिखित में से कौन-सा (कौन-से) कथन सत्य है ? 
(i) बल्ब नहीं चमकेगा क्योंकि विद्युत अपघट्य अम्ल नहीं है 
(ii) बल्ब चमकेगा क्योंकि NaOH एक प्रबल क्षार है तथा चालन के लिए आयन उपलब्ध कराएगा
(iii) बल्ब नहीं चमकेगा क्योंकि परिपथ अपूर्ण है 
(iv) बल्ब नहीं चमकेगा क्योंकि यह विद्युत अपघट्य के विलयन के प्रकार पर निर्भर करता है
(a) (i) तथा (iii)
(b) (ii) तथा (iv) 
(c) केवल (ii) 
(d) केवल (iv)
उत्तर - (c)
21. गोल्ड को घोलने के लिए निम्नलिखित में से किसका उपयोग किया जाता है ?
(a) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(b) सल्फ्यूरिक अम्ल
(c) नाइट्रिक अम्ल 
(d) ऐक्वा रेजिया 
उत्तर - (d)
22. निम्नलिखित में से कौन-सा एक खनिज अम्ल नहीं है ?
(a) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(b) सिट्रिक अम्ल
(c) सल्फ्यूरिक अम्ल 
(d) नाइट्रिक अम्ल 
उत्तर - (b)
23. निम्नलिखित में से कौन-सा एक क्षारक नहीं है ?
(a) NaOH
(b) KOH
(c) NH4OH
(d) C2H5OH
उत्तर - (d)
24. निम्नलिखित में से कौन-सा सत्य नहीं है ?
(a) प्रत्येक धातु कार्बोनेट अम्ल से अभिक्रिया कर, लवण, जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड देता है 
(b) प्रत्येक धातु ऑक्साइड जल से अभिक्रिया पर लवण तथा अम्ल देता है
(c) कुछ धातु, अम्लों से क्रिया पर लवण हाइड्रोजन देते हैं 
(d) कुछ अधात्विक ऑक्साइड जल से क्रिया पर अम्ल बनाते हैं 
उत्तर - (b)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (d)

  • कार्बनिक अम्ल दुर्बल अम्ल होते है।
  • अकार्बनिक अम्ल प्रबल होते है।
  • अम्ल किसी विलायक में घुलकर ऊष्मा देगा।
  • अम्ल का प्रयोग वैधुत अपघटय या Electrolyte आदि में किया जाता है।
    Ex: H2SO4, HNO3, HCl, HF वैधुत प्रवाह हो। 
  • पानी की विशिष्ट ऊष्मा धारिता अधिक होती है।
  • पानी में नींबू डालने पर H+ देगा।
  • प्रबल अम्ल का PH मान 0 होता है।
  • उदासीन का PH मान 7 होता है।
    Ex: H2O आसूत जल, लवण इत्यादि ।
  • जैविक अम्ल आंशिक विघटित होगा।
  • खनिज अम्ल पूर्णतः विघटित होगा।
  • अम्ल राज (एक्वारेजिया में) HCl : HNO3 3:1 में होता है।
  • एक्वारेजिया में Au, Pt घुल जाते है। 
  • लवण का रंग पीला से थोड़ा हरा होता है।
  • अम्ल तथा क्षार की अभिक्रिया उदासीनीकरण (Neutralization reaction) है।
  • बेकिंग सोडा क्षारीय होता है।
  • लिटमस पत्र का रंग बैंगनी होता है।
  • लाइकेन कवक और शैवाल का बना होता है।
  • लिटमस पत्र Acid, Base का सूचक है।
  • मधुमक्खी के काटने पर सोडा, साबून या प्याज रगड़ा जाता है।

  • यह अभिक्रिया उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।
  • ऊष्मा देगा।
  • ताप बढ़ेगा |
2. (d)

3. (c) H2SO4 /CaCl2 नमी को अवशोषित कर देता है ।
  • H2SO4 इसे dehydrating agent कहते हैं ।
  • H2SO4 का प्रयोग Lead acid बैट्री में प्रयोग होता है।
  • प्रबल अम्ल अकार्बनिक होते है।
4. (b) (i) नीला थोथा इसे तृतीय भी कहते हैं।
इसका सूत्र CuSO4. 5H2O होता है।
इसमे 5 अणु जल के होते है।
(ii) बेकिंग सोडा – इसे खाने वाला सोडा भी कहते है।
इसका सूत्र NaHCo3 होता है ।
(iii) धोवन सोडा - इसका सूत्र Na2CO3.10H2O होता है।
इसमे 10 अणु जल के होते है। -
(iv) जिप्सम - इसका सूत्र CaSO4.2H2O होता है।
इसमें 2 अणु जल के होते है।
P.O.P में पानी मिला देने पर जिप्सम प्राप्त होता है।
5. (d) जब एक प्रबल क्षार को एक दूर्बल अम्ल से अभिक्रिया कराया जाता है तो यह क्षारीय लवण देता है । 

6. (a) Calcium Phosphate (कैल्सियम फास्फेट) Ca3(Po4)2
  • यह दाँत में पाए जाते है।
  • इनामेल कठोर इसी के करण होता है।
  • हड्डी मे पाया जाता है।
  • यह मजबूत क्षार + कमजोर अम्ल का बना होता है।
  • उभयधर्मी = अम्ल और क्षार दोनो के गुण ।
7. (d) साधारण लवण - पीला हरा/नारंगी 
  • नीबू का रस Litmus Paper को नीला से लाल कर देगा 
  • प्रतिअम्ल हरा नीला कर देगा, अम्लीयता को कम करता है ।
    Ex : Mg (OH)2
  • यह acidity को कम कर देता है।
8. (a) प्रबल अम्ल तेजी से (H+) देगा।
Ex : HCl, H2So4, H3Po4
दुर्बल अम्ल धीरे-धीरे (H+) देगा। (सभी कार्बनिक अम्ल )
Ex:CH3COOH, C2H5COOH, HCOOH etc.
प्रबल क्षार तेजी से OH- देगा।
Ex: NaOH, KOH
दुर्बल क्षार धीरे-धीरे OH- देगा।
Ex : NH2OH, Ca(OH)2
अम्लीयता का बढ़ता क्रम-
H2O   <   CH3COOH  <  HCL
उदासीन     दुर्बल अम्ल    प्रबल अम्ल
9. (b) शरीर पर प्रबल अम्ल गिरने के पश्चात् प्रबल क्षार डालने पर Skin खराब होगा।
  • सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) प्रबल क्षार है । 
  • HCl प्रबल अम्ल है।
  • सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट दुर्बल क्षार है।
  • सांद्र (प्रबल) अम्ल त्वचा को जला देता है।
10. (b) NaHCO3 + CH3COOH → CH3COONa + CO2 + H2O
  • सोडियम हाइड्राक्साइड अकार्बनिक यैगिक है।
  • चूने के पानी को दुधिया करता है।
  • चूना का पानी जलती हुई तीली को बुझा देता है।
  • NaHCO3 का व्यापारिक नाम बेकिंग सोडा है।
  • इसमे शून्य अणु जल के होते हैं।
11. (c) सामान्य लवण को NaCl (साधारण नमक) कहते हैं।
NaCl का निर्माण
वांशिग सोडा में करते है। (धोवन सोडा)
कास्टिक सोडा
ब्लीचिंग पाउडर
ब्लीचिंग पाउडर से Cl2 गैस निकलती है।
बूझा चूना Ca(OH)2 → Slaked Lime कहते हैं ।
लवण - अम्ल + क्षार (दोनो प्रबल) के फलस्वरूप बनता है।
धातु-अम्ल से अभिक्रिया कर लवण और जल बनाता है।
SO2, SO3, NO2 आक्साइड अम्लीय है।
12. (b) Baking Powder का एक अव्यव सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट है, और टार्टरिक अम्ल है।
टार्टरिक अम्ल → CO2 निकलता ⇒ Fire-Extinguiser में प्रयोग होता है।
सल्फ्यूरिक अम्ल - शीशा संचायक बैट्री में।
सभी acid के लिए आम तत्व Hydrogen है। 
Cupper Sulphate का जलीय विलयन नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है।
Acetic Acid Vinegar में पाया जाता है।
13. (c) हमारा मुँह अम्लीय होता है।
Tooth paste क्षारीय होता है।
नीम के दंतमंजन में क्षारीयता अधिक होती है।
CH3COOH दुर्बल अम्ल है।
HCl प्रबल अम्ल है।
14. (d)

15. (a) पाचन के उत्पन्न जठर रस का PH मान 7 से कम होता है।
HCl पाया जाता है। PH मान 1 to 5 होता है ।
HCl एक प्रबल अम्ल है।
लार - हल्का अम्लीय होता है।
PH मान 7 वाला उदासिन होगा।
HCl तेजी से H+ देगा।
16. (b) 

17. (c) वैनीला सत ( एसेंस ) का प्रयोग गंध से अम्लीय और क्षारीय होने का पता लगाने हेतु किया जाता है।
Litmus Paper लाइकेन का बना होता है।
यह अम्ल को नीले से लाल करता है ।
यह क्षार को नीला करता है।
लाइकेन शैवाल और कवक का बना होता है।
18. (d) 

19. (a) नींबू का रस अम्लीय होता है।
PH मान 2.2 - 3.4 होता है।
एंटाएसिड अम्ल का विरोध करेगा।
Ex: Mg(OH)2
चूने का पानी Ca(OH)2
मानव रक्त का PH मान 7.4 to 7.8 होता है।
जिप्सम को 120° C पर गर्म करने पर P.O.P प्राप्त होता है।
Chlorine का प्रयोग पानी को साफ करने में किया जाता है।
मानव मूत्र का PH मान 7.3 - 7.5 होता है।
20. (c) वैधुत अपघट्य में विधुत धारा का प्रवाह आयन के कारण होता है।

21. (d) एक्वा रेजिया → सांद्र HCl : सांद्र HNO3
                                      3    :    1
इसमें सोना तथा प्लेटिनम घुलेगा। 
प्लेटिनम कठोर धातु है।
प्लेटिनम की अपेक्षा सोना जल्दी घुलेगा।
एक्वारेजिया प्रबल अम्लों के अनुपात से बनता है।
22. (b) खनिज अम्ल अकार्बनिक होते हैं ।
नाइट्रिक अम्ल का सुत्र – HNO3
Citric Acid का सूत्र – C6H8O7
Citric Acid यह खनिज अम्ल नहीं है।
23. (d)

24. (b) धातु अम्ल से अभिक्रिया कर लवण एवं H2 देगा।
अम्ल + क्षार → लवण + जल
यह एक प्रकार की उदासीनीकरण अभिक्रिया है।
अधात्विक ऑक्साइड जल से क्रिया करने पर अम्ल बनाते है।
HCl + NaOH → NaCl + H2O
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Fri, 16 Feb 2024 07:29:38 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Chemical Reactions &amp; Equations रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण https://m.jaankarirakho.com/909 https://m.jaankarirakho.com/909 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Chemical Reactions & Equations रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
1. निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौतिक परिवर्तन नहीं है? 
(a) जल के क्वथन पर जलवाष्प का बनना / Boiling of water to give water vapour
(b) बर्फ के गलन पर जल का बनना /Melting of ice to give water
(c) जल में लवण का विलेय होना / Dissolution of salt in water
(d) द्रवित पेट्रोलियम गैस का दहन / Combustion of Liquefied Petroleum Gas (LPG)
उत्तर - (d)
2. निम्नलिखित अभिक्रिया एक उदाहरण है
4NH3 (g) + 5O2 (g) → 4NO (g) + 6H2O (g)
(i) प्रतिस्थापन अभिक्रिया का 
(ii) संयोजन अभिक्रिया का 
(iii) उपचयन अपचयन (रेडॉक्स) अभिक्रिया का 
(iv) उदासीनीकरण अभिक्रिया का 
(a) (i) और (iv) 
(b) (ii) और (iii)
(c) (i) और (iii)
(d) (iii) और (iv)
उत्तर - (c)
3. दी हुई अभिक्रिया के लिए निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
3Fe(s) + 4H2O(g) → Fe3O4 (s) + 4H2 (g)
(i) आयरन धातु ऑक्सीकृत हो रही है। 
(ii) जल अपचयित हो रहा है।
(iii) जल अपचायक के रूप में कार्य कर रहा है। 
(iv) जल ऑक्सीकारक के रूप में कार्य कर रहा है।
(a) (i), (ii) और (iii)
(b) (iii) और (iv)
(c) (i), (ii) और (iv)
(d) (ii) और (iv) 
उत्तर - (c)
4. निम्नलिखित में से कौन-से प्रक्रम ऊष्माक्षेपी हैं?
(i) बिना बुझे चूने के साथ जल की अभिक्रिया
(ii) एक अम्ल का तनुकरण 
(iii) जल का वाष्पीकरण
(iv) कपूर (क्रिस्टलों) का ऊर्ध्वपातन 
(a) (i) और (ii) 
(b) (ii) और (iii)
(c) (i) और (iv)
(d) (iii) और (iv)
उत्तर - (a)
5. 25 mL जलयुक्त A, B तथा C के रूप में चिन्हित तीन बीकर लिए गए । A, B तथा C बीकरों में कुछ मात्रा में क्रमश: NaOH, में निर्जल CuSO4 तथा NaCl मिलाया गया । यह प्रेक्षित किया गया कि बीकर A तथा B के विलयनों के ताप में वृद्धि जबकि बीकर C के विलयन के ताप में कमी हुई । निम्नलिखित में से कौन-सा (कौन-से) कथन सत्य है ( हैं) ?
(i) बीकर A तथा B, में ऊष्माक्षेपी प्रक्रम संपन्न हुआ। 
(ii) बीकर A तथा B, में ऊष्माशोषी प्रक्रम संपन्न हुआ।
(iii) बीकर C में ऊष्माक्षेपी प्रक्रम संपन्न हुआ।
(iv) बीकर C में ऊष्माशोषी प्रक्रम संपन्न हुआ।
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) (i) और (iv) 
(d) (ii) और (iii) 
उत्तर - (c)
6. अम्लीय परमैंगनेट विलयन युक्त एक बीकर में फैरस सल्फेट का तनु विलयन धीरे-धीरे मिलाया गया। हल्के जामुनी रंग का विलयन क्षीण होता है तथा अंततः रंग विलुप्त हो जाता है। निम्नलिखित में से कौन-सी व्याख्या उपरोक्त प्रेक्षण के लिए सही है?
(a) KMnO4 एक ऑक्सीकारक है यह FeSO4 को ऑक्सीकृत करता है।
(b) FeSO4 एक ऑक्सीकारक है तथा KMnO4 को ऑक्सीकृत करता है ।
(c) तनुता के कारण रंग विलुप्त हो जाता है, कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(d) KMnO4 एक अस्थायी यौगिक है तथा FeSO4 की उपस्थिति में एक रंगहीन यौगिक में अपघटित हो जाता है। 
उत्तर - (a)
7. निम्नलिखित में से कौन-सी द्विविस्थापन अभिक्रिया है / अभिक्रियाएँ हैं?
(i) Pb + CuCl2 → PbCl2 + Cu 
(ii) Na2SO4 + BaCl2 → BaSO4 + 2NaCl
(iii) C + O2 → CO2
(iv) CH4 + 2O2 → CO2 + 2H2O
(a) (i) तथा (iv) 
(b) केवल (ii) 
(c) (i) तथा (ii) 
(d) (iii) तथा (iv) 
उत्तर - (b)
8. सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सिल्वर क्लोराइड के उद्भासन पर वह स्लेटी क्यों हो जाता है?
(i) सिल्वर क्लोराइड के अपघटन पर सिल्वर बनने से 
(ii) सिल्वर क्लोराइड के ऊर्ध्वपातन से
(ii) सिल्वर क्लोराइड के क्लोरीन गैस में विघटन से 
(iv) सिल्वर क्लोराइड के ऑक्सीकरण से 
(a) केवल (i)
(b) (i) तथा (iii) 
(c) (ii) तथा (iii)
(d) केवल (iv)
उत्तर - (a)
9. ठोस कैल्सियम ऑक्साइड जल के साथ तीव्रता से अभिक्रिया कर कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड बनाता है तथा साथ में ऊष्मा उत्पन्न होती है इस प्रक्रिया को चूने का बुझाना कहते हैं। कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड जल में घुलकर इसका विलयन बनाता है, जिसे चूने का पानी कहते हैं। निम्नलिखित में से कौन-से कथन चूने के बुझाने तथा इसके विलयन बनने के लिए सत्य हैं?
(i) यह एक ऊष्माशोषी अभिक्रिया है 
(ii) यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है
(iii) परिणामी विलयन की pH सात से अधिक होगी। 
(iv) परिणामी विलयन की pH सात से कम होगी। 
(a) (i) तथा (ii)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (i) तथा (iv)
(d) (iii) तथा (iv)
उत्तर - (b)
10. बेरियम क्लोराइड, अमोनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया पर बेरियम सल्फेट तथा अमोनियम क्लोराइड देता है। निम्नलिखित में से कौन अभिक्रिया के प्रकार को सही प्रदर्शित करता है?
(i) विस्थापन अभिक्रिया
(ii) अवक्षेपण अभिक्रिया
(iii) संयोजन अभिक्रिया
(iv) द्विविस्थापन अभिक्रिया
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) केवल (iv)
(d) (ii) तथा (iv)
उत्तर - (d)
11. जल का विद्युत अपघटन एक अपघटन अभिक्रिया है। जल के विद्युत अपघटन में मुक्त हुई हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन गैस का मोलर अनुपात है
(a) 1:1
(b) 2:1
(c) 4:1
(d) 1:2
उत्तर - (b)
12. निम्नलिखित में से कौन-सा (कौन-से) ऊष्माशोषी प्रक्रम है (हैं)? 
(i) सल्फ्यूरिक अम्ल का तनुकरण 
(ii) शुष्क बर्फ का ऊर्ध्वपातन
(iii) जलवाष्प का संघनन 
(iv) जल का वाष्पीकरण
(a) (i) तथा (iii) 
(b) केवल (ii)
(c) केवल (iii) 
(d) (ii) तथा (iv) 
उत्तर - (d)
13. जलीय पोटैशियम आयोडाइड तथा जलीय लेड नाइट्रेट के मध्य द्विविस्थापन अभिक्रिया में लेड आयोडाइड का पीला अवक्षेप बनता है। इस प्रक्रिया को करते समय यदि लेड नाइट्रेट उपलब्ध न हो तो निम्नलिखित में से किसे लेड नाइट्रेट के स्थान पर प्रयुक्त किया जा सकता है?
(a) लेड सल्फेट (अविलेय)
(b) लेड ऐसीटेट
(c) अमोनियम नाइट्रेट
(d) पोटैशियम सल्फेट
उत्तर - (b)
14. तेल के नमूने को लंबे समय तक ताजा बनाए रखने के निम्नलिखित में से कौन-सी गैस प्रयुक्त की जाती है ? 
(a) कार्बन डाइऑक्साइड अथवा ऑक्सीजन 
(b) नाइट्रोजन अथवा ऑक्सीजन
(c) कार्बन डाइऑक्साइड अथवा हीलियम 
(d) हीलियम अथवा नाइट्रोजन
उत्तर - (d)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (d) भौतिक परिवर्तन
  • यह एक अस्थायी परिवर्तन है ।
  • इस परिवर्तन में पदार्थ पुनः अपने पूर्व अवस्था में आ जाता है।
  • इस परिवर्तन के कुछ लक्षण है।
  • इस अभिक्रिया में पदार्थ के न तो गंध में परिवर्तन होता है न अवस्था में, न ही रंग में परिवर्तन होता है ।
उदाहरण :
  • पदार्थ का टुकड़ों में टुटना
  • गर्म करने पर धातु का विस्तार होना ।
  • वैद्युत तार का गर्म हो जाना ।
  • जल का वाष्पोत्सर्जन होना
  • अम्लीकृत जल का वैद्युत अपघटन
  • कपूर का जलना
  • लोहे का गर्म होना
रासायनिक परिवर्तन
  • यह एक स्थायी परिवर्तन है।
  • इस परिवर्तन में पदार्थ अपने पूर्व अवस्था में नहीं आ पाता है।
  • इस परिवर्तन के कुछ लक्षण है।
    1. अवस्था में परिवर्तन
    2. तापमान में परिवर्तन
    3. गंध में परिवर्तन इत्यादि
उदाहरण:
  • पदार्थ का किण्वन
  • द्रवित पेट्रोलियम का दहन
  • सोडियम का जल से अभिक्रिया
  • निष्क्रियीकरण ( उदासीनीकरण)
Note :
उष्माशोषी अभिक्रिया में ऊष्मा का अवशोषण रासायनिक परिवर्तन के कारण होता है।
  • Electroplating a metal
  • प्रकाश संश्लेषण
  • Detergent एवं साबुन की अभिक्रिया
  • उदासीनीकरण अभिक्रिया
2. (c)
(i) प्रतिस्थापन अभिक्रिया- जब कोई अभिकारक किसी भौतिक के परमाणु को हटाकर अपना स्थान ग्रहण करता है, तो ऐसी अभिक्रिया को प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं ।

उदाहरण :
(i) सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में मेथेन तथा क्लोरीन की अभिक्रिया
CH4 + Cl → CH3Cl + HCl
(ii) एथिल ब्रोमाइड तथा जलीय KOH की अभिक्रिया
C2H5Br + KOH → C2H5OH + KBr
(iii) कॉपर सल्फेट के विलयन में लोहे की कीले डालने पर अभिक्रिया
CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu
(iv) 4NH3 (g) + SO2(g) → 4NO(g) + 6H2O (g)
(ii) संयोजन अभिक्रिया - जिस अभिक्रियाओं में दो या दो से अधिक पदार्थ संयोग करके एकल उत्पादक का निर्माण करते हैं ।
इस प्रकार की अभिक्रियाएँ तत्व या यौगिकों के बीच होती है ।
उदाहरण :

(iii) उपचयन-अपचयन (रेडॉक्स) अभिक्रिया-
वह अभिक्रिया जिसमें ऑक्सीकरण तथा अपचयन एक साथ संपन्न होते हैं उन सभी क्रियाओं को रेडॉक्स अभिक्रिया कहते हैं ।
उदाहरण:

(iv) उदासीनीकरण अभिक्रिया-
उदासीनीकरण अभिक्रिया एक प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रिया है जिसमें एसिड (acid) और क्षार (base) के फलस्वरूप लवण एवं जल का निर्माण होता है ।
HCl(aq) + NaOH(aq) → NaCl(s) + H2O (l
इसमें पानी उत्पन्न करने के लिए (H+) आयनों और (OHआयनों का संयोजन शामिल है। ।
अतः 4NH3(g) + 5O2 (g) → 4NO (g) + 6H2O (g)
यह प्रतिस्थापन एवं रेडॉक्स अभिक्रिया का उदाहरण है।
3. (c) ऑक्सीकरण / उपचयन/अपचयाक / अवकारक
  • O2 जुड़ता है।
  • H2 अलग होता है।
  • विद्युत ऋणात्मकता - बढ़ता
  • विद्युत धनात्मकता - घटता
  • O.N - बढ़ेगा
  • संयोजकता - घटेगी
अवकरण / अपचयन / उपचायक / ऑक्सीकारक
  • O2 अलग होता है ।
  • H2 जुड़ता है
  • विद्युत ऋणात्मकता - घटता
  • विद्युत धनात्मकता - बढ़ता 
  • O.N – घटेगा
  • संयोजकता - बढ़ेगा
Example of Oxidation :
  • धातुओं का जंग लगना ऑक्सीकरण प्रतिक्रिया का एक उदाहरण है।
  • खाद्य पदार्थों में दुर्गंध आना
  • MgO + CO → Mg + CO2
  • C + O2 → CO2 (C का ऑक्सीकरण)
Example of Reduction :
  • H2 + Cl2 → 2HCl (क्लोरीन का अपचयन )
  • CuCl2 + Cu → Cu2Cl2 (CuCl2 का अपचयन)
  • ZnO + C → CO + Zn (ZnO का अपचयन)
  • 3Fe(s) + 4H2O (g) → Fe3O4 (s) + 4H2 (g)
  • आयरन धातु ऑक्सीकृत हो रही है । 
  • जल अपचयित हो रही है ।
  • जल ऑक्सीकारक के रूप में कार्य कर रही है ।
4. (a) उष्पाक्षेपी अभिक्रिया

5. (c)

6. (a) KMnO4 एक ऑक्सीकारक है यह FeSO4 को ऑक्सीकृत करता है।

7. (b)

8. (a) Decomposition reaction ( अपघट्न अभिक्रिया)
किसी खास परिस्थिति में यानि reaction के क्रम में Single compound दो या दो से अधिक molecule या compound में टूटता है । तो ऐसे reaction को decomposition reaction कहते हैं ।

9. (b) 

  • यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है ?
  • pH मान 7 से अधिक होगा ।
  • सबसे प्रबल अम्ल का pH मान 0 होता है ।
  • तनु NaOH → 13
  • सांद्र NaOH → 14
  • Baking Soda → 9.2
  • Amonia → 11.6
  • लवण का pH मान 7
  • शुद्ध जल का pH मान = 7
  • क्षारीय पदार्थों का pH मान 7 से अधिक
  • जिसका pH 7 से जितना अधिक होगा वह उतना ही क्षारीय होगा ।
  • प्रबल अम्ल + प्रबल क्षार → लवण + जल
10. (d) संयोजन अभिक्रिया - दो या दो से अधिक पदार्थ संयोग करके एकल उत्पादक का निर्माण करते हैं ।

11. (b) विद्युत अपघटन अभिक्रिया- जब वियोजन अभिक्रिया विद्युत ऊर्जा की सहायता से करायी जाती है । तो यह विद्युत अपघटन कहलाती है।

12. (d)

13. (b) लेड एसीटेट जल में घुलनशील होता है ।
  • लेड pencil में लेड 0% होता है ।
  • German silver में silver 0% होता है ।
  • लेड का Atomic weight 207.2 होता है ।
  • लेड का गलनांक (Melting point) 600.61K होता है।
  • लेड का क्वथनांक (Boiling point) 2023K होता है। 
14. (d) Helium तथा nitrogen का प्रयोग तेल के नमूने को लंबे समय तक ताजा बनाए रखने के लिए किया जाता है।
  • बेन्जोइक अम्ल का प्रयोग खाद्य पदार्थों के संरक्षण में किया जाता ।
  • खाद्य पदार्थों के वसा और तेल का ऑक्सीकृत हो जाने से उसमें दुर्गंध आती है।
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Fri, 16 Feb 2024 05:31:31 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Improvement In Food Resources खाद्य संसाधनों में सुधार https://m.jaankarirakho.com/908 https://m.jaankarirakho.com/908 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Improvement In Food Resources खाद्य संसाधनों में सुधार
1. निम्नलिखित में से किस पौधे से तेल प्राप्त होता है ?
(a) मसूर 
(b) सूरजमुखी 
(c) फूलगोभी 
(d) गुड़हल 
उत्तर - (b)
2. निम्नलिखित में से कौन-सा कार्बोहाइड्रेट का स्रोत नहीं है?   
(a) चावल
(b) बाजरा 
(c) ज्वार
(d) चना
उत्तर - (d)
3. निम्नलिखित में से गलत कथन चुनिए
(a) श्वेत क्रांति का अर्थ दुग्ध उत्पादन को बढ़ाना है 
(b) नीली क्रांति का अर्थ मत्स्य उत्पादन को बढ़ाना है 
(c) पर्यावरणीय गुणवत्ता के साथ समझौता किए बिना खाद्य उत्पादन में वृद्धि संधारणीय कृषि कहलाती है 
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (d)
4. देश की खाद्य समस्या के हल के लिए, निम्नलिखित में से कौन आवश्यक है?
(a) उत्पादन का बढ़ाना तथा खाद्यान्न का भंडारण 
(b) लोगों को आसानी से खाद्यान्न का मिलना 
(c) लोगों के पास अन्न खरीदने के लिए धन का होना 
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर - (a)
5. सही वाक्यों को चुनिए
(i) संकरण का अर्थ आनुवंशिक रूप से दो असमान पादपों के बीच क्रॉसिंग कराना 
(ii) । किस्मों के बीच किया जाने वाला संकरण, अंतरास्पीशीजी संकरण कहलाता है 
(iii) किसी पादप में वांछित गुणों वाले जीन डालने से आनुवंशिकीय रूपांतरित फसल प्राप्त होती है 
(iv) दो स्पीशीजों के पौधों के बीच संकरण किया जाने वाला अंतरावैराइटी संकरण कहलाता है
(a) (i) तथा (iii)
(b) (ii) तथा (iv)
(c) (ii) तथा (iii)
(d) (iii) तथा (iv)
उत्तर - (a)
6. खरपतवार फसलों को निम्नलिखित में से किस प्रकार प्रभावित करते है?
(a) वृद्धि करने से पहले ही खेत में पादप को नष्ट करके 
(b) पादप की वृद्धि को प्रभावित करके 
(c) पादप के अन्य संसाधनों में प्रतियोगिता के कारण पोषक पदार्थ की उपलब्धता में कमी करके 
(d) उपरोक्त सभी 
उत्तर - (c)
7. मधुमक्खी की निम्नलिखित जातियों (स्पीशीजों) में से कौन-सी स्पीशीज इटली की है?
(a) ऐपिस डॉर्सेटा
(b) ऐपिस फ्लोरी 
(c) ऐपिस सेरना इंडिका 
(d) ऐपिस मेलीफेरा 
उत्तर - (d)
8. खाद के बारे में सही वाक्य चुनिए
(i) खाद में जैव पदार्थों की मात्रा अधिक होती है और पोषक पदार्थों की मात्रा कम होती है
(ii) यह रेतीली मृदा में जलधारण क्षमता को बढ़ाती है 
(iii) यह चिकनी मृदा से अतिरिक्त जल को बाहर निकालने में सहायता करती है 
(iv) इसका अत्यधिक उपयोग पर्यावरण को प्रदूषित करता है, क्योंकि यह जंतु के उत्सर्जित अपशिष्ट से बनी होती है 
(a) (i) तथा (iii)
(b) (i) तथा (ii)
(c) (ii) तथा (iii)
(d) (iii) तथा (iv)
उत्तर - (c)
9. पशुपालन निम्नलिखित उद्देश्यों में से किसके लिए किया जाता है ?
(i) दूध उत्पादन
(ii) कृषि कार्य
(iii) मांस उत्पादन
(iv) अंडा उत्पादन
(a) (i), (ii) तथा (iii)
(b) (ii), (iii) तथा (iv)
(c) (iii) तथा (iv)
(d) (i) तथा (iv) 
उत्तर - (a)
10. निम्नलिखित में से कौन-से पशु भारतीय है ?
(i) बॉस इन्डिकस 
(ii) बॉस डोमेस्टिका 
(iii) बॉस बुबेलिस 
(iv) बॉस बुवल्गैरिस 
(a) (i) तथा (iii)
(b) (i) तथा (ii)
(c) (ii) तथा (iii)
(d) (iii) तथा (iv)
उत्तर - (a)
11. निम्नलिखित में से कौन-सी विदेशी नस्ल है?
(i) ब्रॉन
(ii) जर्सी 
(iii) ब्राउन स्विस 
(iv) जर्सी स्विस 
(a) (i) तथा (iii)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (i) तथा (iv)
(d) (ii) तथा (iv)
उत्तर - (b)
12. मुर्गीपालन निम्नलिखित में से किसकी वृद्धि के लिए किया जाता है?
(i) अंडा उत्पादन 
(ii) पंख उत्पादन
(iii) चिकन मांस
(iv) दुग्ध उत्पादन
(a) (i) तथा (iii)
(b) (i) तथा (ii)
(c) (ii) तथा (iii)
(d) (iii) तथा (iv)
उत्तर - (a)
13. कुक्कुट (मुर्गियों) निम्नलिखित रोगजनकों में से किसके प्रति सुग्राय है?
(a) विषाणु 
(b) जीवाणु
(c) कवक
(d) उपरोक्त सभी 
उत्तर - (d)
14. निम्नलिखित में से कौन-सी मछली जल की सतह से भोजन प्राप्त करती है?
(a) रोहू 
(b) मृगल 
(c) सामान्य कार्प 
(d) कतला 
उत्तर - (d)
15. पशुपालन में निम्नलिखित में से किसका वैज्ञानिक प्रबंधन किया जाता है?
(i) पशु - प्रजनन 
(ii) पशुओं का संवर्धन 
(iii) पशुधन 
(iv) पशुओं का पालन-पोषण 
(a) (i), (ii) तथा (iii)
(b) (ii), (iii) तथा (iv)
(c) (i), (ii) तथा (iv)
(d) (i), (iii) तथा (iv)
उत्तर - (a)
16. निम्नलिखित पोषकों में से कौन-सा पोषक उर्वरकों में उपलब्ध नहीं होता ?
(a) नाइट्रोजन 
(b) ॉस्फोरस 
(c) आयरन 
(d) पोटेशियम 
उत्तर - (c)
17. अन्न भंडारण के नियंत्रण और रोकथाम के लिए कौन-सा उपाय किया जाता है?
(a) भंडारण कक्ष की भली-भाँति स्वच्छता
(b) उत्पाद को अच्छी तरह सुखाना 
(c) धूमन
(b) उपरोक्त सभी 
उत्तर - (d)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (b) मसूर एक दलहनी पौधे है इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है।
  • सूर्यमूखी का पौधा तेलहनी पौधा के अन्तर्गत आता है।
  • फूलगोभी का पुष्प क्रम खाया जाता है। इसमें Ca, P पाया जाता है।
  • गुड़हल के पौधे में फूल नहीं पाया जाता है।
2. (d) चावल कार्बोहाइड्रेट का मुख्य स्रोत है। 1g कार्बोहाइड्रेट से 4.2 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होता है।
  • बाजरा तथा ज्वार मोटे अनाज के अन्तर्गत आता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पाई जाती है।
  • चना द्विबीजपत्री पौधा के अन्तर्गत आता है, इसका उपयोग दलहन के रूप में किया जाता है। 
3. (d) श्वेत क्रांति का अर्थ दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना । इसे ऑपरेशन फल्ड के नाम से जानते है। इसका जनक वर्गिज कुरियन को कहा जाता
  • नीली क्रांति का संबंध मत्स्य उत्पादन से है। मछली का उत्पादन सबसे ज्यादा आन्ध्र प्रदेश के द्वारा किया जाता है।
  • वर्तमान समय खाद्य उत्पादन के लिए वैज्ञानिक तरह की खेती अति आवश्यक है। लेकिन जैविक खेती पर्यावरण के लिए अति आवश्यक है।
4. (a) देश में खाद्यान्न संकट की स्थिति पैदा न हो इसके लिए खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ावा देना तथा उसके समुचित भंडारण का व्यवस्था होना चाहिए।
  • खाद्यान्न उत्पादन में चीन, भारत, यूक्रेन अग्रणी देश है।
  • देश के अन्दर खाद्यान्न का संकट होने का मुख्य कारण बाढ़, सुखाड़। जैसे : समस्या का स्थिति पैदा होना।
5. (a) संकरण का अर्थ होता है - वह प्रक्रिया है, जिसमें दो पादप या दो अलग-अलग जाति के जन्तुओं में निषेचन कराकर दो अलग-अलग जाति के जन्तुओं में निषेचन कराकर नया पादप या नया जन्तु उत्पन्न किया जाता है।
  • संकरीय सिद्धांत का प्रतिपादन मेन्डल के द्वारा दिया गया था।
  • मेन्डल ने अपने उपयोग में मटर के 7 जोड़े पौधे का उपयोग किया था।
  • मेन्डल ने एक संकरीय तथा द्विसंकरीय नियम दिया था।
6. (c) खरपतवार हमारे फसलों को मुख्य रूप से प्रभावित करते है। ये उपयोगी पौधे के पोष का अवशोषण कर प्रभावित करते है।
  • खरपतवार को नष्ट करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दवा का उपयोग करते है। जैसे प्रेटीला फ्लोर दवा। 
  • खरपतवार को नियंत्रण करने में ऑक्जिन हार्मोन की भूमिका होती है।
7. (d) एविस डॉर्सेटा दक्षिण पूर्व एशिया में पाए जाने वाली एक मधुमक्खी की प्रजाति है। यह मुख्यतः नेपाल की तराई, मलेशिया, श्रीलंका, भारत में पाई जाती है।
  • एपिस मेलिफेरा यूरोप महादेश में पाए जाने वाली मधुमक्खी में की एक प्रजाति है।
  • एपिस सेरेना इंडिका को भारतीय मधुमक्खी भी कहा जाता है। इस प्रजाति का पालन अत्यधिक मात्रा में किया जाता है।
  • ऐपी कल्चर में मधुमक्खी का पालन किया जाता है।
8. (c) ह्यूमस वाली मृदा में जैव पदार्थों की मात्रा पाई जाती है, जो मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाती है।
  • रेतीली मृदा में जलधारण की क्षमता अधिक होती है।
  • चिकना मृदा में जल का अवशोषण ज्यादा नहीं होता है।
  • मृदा जन्तु के शरीर अगर वातावरण में खुले रूप से मौजूद हो तो वे पर्यावरण को प्रदूषित करते है। जबकि उन्हें जमीन के नीचे डाल दिया जाए तो उससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है।
9. (a) पशुपालन का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के जीवन में आर्थिक उन्नती के लिए किया जाता है।
  • दुग्ध उत्पादन पशुपालन से ही किया जाता है, दुग्ध उत्पादन में भारत विश्व में प्रथम स्थान रखता है।
  • कृषि कार्य के लिए पशुपालन भी जरूरी है।
  • पशुपालन से मांस का भी उत्पादन किया जाता है।
  • कुकुट पालन से मांस तथा अंडा दोनों का उत्पादन किया जाता है।
10. (a) बॉस इन्डिकस जेबु या गाय का वैज्ञानिक नाम है।
  • बॉस डोर्मिस्टका के अंतर्गत आने वाले जन्तु पालतु होते है।
  • बॉस बुवेलिस भैंस का वैज्ञानिक नाम है।
  • बॉस बुवल्गैरिस जानवर पूर्वी अफ्रीका तथा यूरोप में पाए जाते है।
11. (b) ब्राउन स्विस एक विदेशी गाय का नस्ल है, यह अमेरिकन ब्रिड है।
  • जर्सी नस्ल भी विदेशी गाय का नस्ल है।
  • भारत की प्रमुख गाय की नस्लें हल्लीकर, पुंग नौर, मालवी, नागौरी ।
  • मुर्राह सुरती, जाफराबाद, मेहसा भैंस की प्रमुख नस्ल है।
12. (a) मुर्गीपालन को कुकुट पालन भी कहा जाता है। आमतौर पर मुर्गीपालन से हम अंडा उत्पादन तथा चिकन मांस का उत्पादन करते है।
  • अंडा का उत्पादन भारत में सर्वाधिक आन्ध्र प्रदेश करते है।
  • मुर्गी पालन का आमतौर पर एक बीमारी है, जिसे रानी खेत बीमारी के नाम से जानते है।
13. (d) मुर्गियों में मैरेकस, रानीखेत, गम्बोरो, ब्रोंकाइटिस नामक बीमारी होती है।
  • साल्मोनेला पुलोरम जीवाणु भी मुर्गियों में रोग फैलाते है।
  • बर्ड फ्लू बीमारी मुर्गियों का एक मुख्य रोग है।
  • कॉक वीडियोस इस्लामिक रोग है, जो अत्यंत भयानक बीमारी कवक से फैलता है।
14. (d) रोहूँ तथा कतला रोहूँ तथा कतला मछली में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है।
  • स्वच्छ जल में रहने वाली एक मछली है।
  • मछली जलीय आँक्सीजन गिल्स से ग्रहण करता है।
  • मछली में हृदय कोष्ठ की संख्या 2 होती है।
  • मछली के ऊपर शल्क पत्र पाए जाते है, जो बाह्य कंकाल तंत्र के उदाहरण है। 
  • ये अंडज होते है। इनमें बाह्य निषेचन होता है।
15. (a) पशु प्रजनन वर्तमान समय में उच्च किस्म की गायों में प्रविष्ट कराकर दिया जाता है, जिससे उच्च किस्म के बच्चे पैदा हो।
  • पशुपालन वर्तमान वैज्ञानिक तरीके से करना चाहिए, क्योंकि पशुओं से होने वाले लाभ जैसे दुग्ध उत्पाद का उपयोग बड़े पैमाने पर करके लाभ प्राप्त कर सकते है।
  • वर्तमान में पशु विश्व समुदाय के लिए एक धन के समान के है, क्योंकि इसका उपयोग हम हर दृष्टिकोण से करते है।
16. (c) नाइट्रोजन का उपयोग हम पौधे में यूरिया के रूप में करते है। पौधे मिट्टी से नाइट्रोजन तत्व प्राप्त करते है, और इसका उपयोग करते है।
  • फॉस्फोरस का उपयोग पौधे अपने विकास में करते है। जबकि पोटेशियम का उपयोग पौधे हरियाली के लिए करते है।
  • आयरण का उपयोग पौधे उर्वरक के रूप में नहीं करते है।
17. (d) अन्न भंडारण के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, भंडारण कक्ष बिल्कुल साफ-सुथरा होना चाहिए।
  • भंडारण से पहले उत्पाद (अनाज) को पूरी तरह से सुखाना चाहिए। नमी रहने पर अनाज का भंडारण प्रभावित हो सकता है।
  • अनाज के स्थान पर घूमन करना अति आवश्यक है। इसके करने से कीटों का प्रवेश ज्यादा नहीं होता है।
  • अनाज के रख-रखाव से पहले कीटों तथा अन्य कारकों के बचाव के लिए औषधि दवा का उपयोग करना चाहिए।
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Thu, 15 Feb 2024 10:45:29 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Natural Resources प्राकृतिक संपदा https://m.jaankarirakho.com/907 https://m.jaankarirakho.com/907 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Natural Resources प्राकृतिक संपदा
1. पृथ्वी का वायुमंडल जिन विकिरणों द्वारा गर्म होता है वह मुख्यत: है
(a) सूर्य से आने वाला विकिरण
(b) पृथ्वी से वापस होने वाला विकिरण 
(c) जल से वापस विकिरण 
(d) पृथ्वी तथा जल में विकिरण 
उत्तर - (d)
2. यदि पृथ्वी के चारों ओर वायुमंडल नहीं होता तो पृथ्वी का तापक्रम-
(a) बढ़ता है 
(b) घटता जाता है 
(c) दिन के समय बढ़ता तथा रात के समय घटता है 
(d) अप्रभावित रहता है 
उत्तर - (c)
3. यदि पर्यावरण में उपस्थित सभी ऑक्सीजन ओजोन में परिवर्तित हो जाए, तो क्या होगा?
(a) हम अधिक सुरक्षित होंगे 
(b) यह विषाक्त हो जाएगी तथा जीवों को नष्ट करेगी 
(c) ओजोन स्थिर नहीं है अतः आविषालु हो जाएगी 
(d) यह हानिकारक सूर्य विकिरणों को पृथ्वी पर पहुँचने में मदद करेगी तथा कई प्रकार के जीवों को नष्ट कर देगी
उत्तर - (b)
4. निम्न कारकों में से कौन-सा एक कारक प्रकृति में मृदा - बनावट में पहल नहीं करता?
(a) सूर्य
(b) जल
(c) पवन 
(d) पॉलिथीन के थैले
उत्तर - (d)
5. वायुमंडल में मिलने वाली ऑक्सीजन के दो रूप कौन-से है?
(a) जल तथा ओजोन 
(b) जल तथा ऑक्सीजन
(c) ओजोन तथा ऑक्सीजन
(d) जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड 
उत्तर - (c)
6. जीवाणु द्वारा नाइट्रोजन - स्थिरीकरण की क्रिया निम्नलिखित में से किसकी उपस्थिति में नहीं होती है
(a) हाइड्रोजन का आण्विक रूप 
(b) ऑक्सीजन का तत्व रूप
(c) जल 
(d) नाइट्रोजन का तत्व रूप 
उत्तर - (c)
7. वर्षा प्रतिमान किस पर निर्भर करता है -
(a) भूमिगत जल स्तर 
(b) किसी क्षेत्र में जलाशयों की संख्या 
(c) किसी क्षेत्र की मानव-समष्टि का घनत्व प्रतिमान 
(d) किसी क्षेत्र का प्रमुख मौसम 
उत्तर - (b)
8. उर्वरक और पीड़कनाशी की अधिक मात्रा के उपयोग की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि-
(a) वे पारि - हितैषी है
(b) कुछ समय बाद खेत को बंजर कर देते है 
(c) वे मृदा के लाभदायक अवयवों पर प्रतिकूल असर डालते है
(d) वे मृदा की उर्वरता को नष्ट कर देते है
उत्तर - (a)
9. वायु में उपस्थित नाइट्रोजन के अणु निम्नलिखित के कारण नाइट्रेट तथा नाइट्राइट में परिवर्तित हो जाते है
(a) मृदा में पाए जाने वाले नाइट्रोजन स्थिरीकारी जीवाणु की जैविक प्रक्रिया द्वारा 
(b) मृदा में पाए जाने वाले कार्बन स्थिरीकारी कारक जैविक प्रक्रिया द्वारा 
(c) नाइट्रोजन यौगिक बनाने वाले किसी उद्योग के द्वारा 
(d) उन पौधों के द्वारा जिन्हें खेत में अनाज फसलों के लिए उपयोग में लाते है 
उत्तर - (a)
10. प्रकृति में चल रहे जल-चक्र में निम्नलिखित में से कौन-सी एक क्रिया सम्मिलित नहीं है ?
(a) वाष्पन 
(b) वाष्पोत्सर्जन 
(c) अवक्षेपण 
(d) प्रकाश संश्लेषण 
उत्तर - (d)
11. "जल-प्रदूषण" शब्द की परिभाषा कई प्रकार से दी जा सकती है। निम्नलिखित में से किस कथन में उचित परिभाषा नहीं है? 
(a) जलाशयों में अवांछित पदार्थों का मिलाया जाना 
(b) जलाशयों से वांछनीय पदार्थों का निकाला जाना 
(c) जलाशयों के दाब में परिवर्तन होना 
(d) जलाशयों के तापक्रम में परिवर्तन होना 
उत्तर - (c)
12. निम्नलिखित में से कौन-सी ग्रीनहाउस गैस नहीं है?
(a) मीथेन 
(b) कार्बन डाइऑक्साइड 
(c) कार्बन मोनोक्साइड 
(d) अमोनिया 
उत्तर - (d)
13. कार्बन-चक्र में कौन-सा चरण सम्मिलित नहीं है?
(a) प्रकाश संश्लेषण
(b) वाष्पोत्सर्जन 
(c) श्वसन
(d) जीवाश्म ईंधन को जलाना
उत्तर - (b)
14. ओजोन छिद्र का अर्थ है
(a)  ओजोन परत में एक बड़े आकार का छिद्र 
(b) ओजोन परत का पतला होना 
(c) ओजोन परत में छितरे हुए छोटे छिद्र
(d) ओजोन परत में ओजोन का मोटा होना 
उत्तर - (b)
15. ओजोन परत का ह्रास हो रहा है क्योंकि-
(a) मोटरगाड़ियों का अत्यधिक उपयोग 
(b) औद्योगिक इकाइयों का अत्यधिक निर्माण 
(c) मनुष्य निर्मित यौगिकों का (जिनमें फ्लोरीन और क्लोरीन दोनों के यौगिक शामिल है), अत्यधिक उपयोग होना 
(d) अत्यधिक वनों की कटाई
उत्तर - (c)
16. निम्नलिखित में से पर्यावरण की कौन-सी समस्या हाल ही में उत्पन्न हुई है?
(a) ओजोन परत का ह्रास
(b) ग्रीनहाउस का प्रभाव 
(c) वैश्विक ऊष्मण 
(d) उपरोक्त सभी 
उत्तर - (d)
17. जब हम साँस लेते समय वायु अंदर लेते है तो ऑक्सीजन के साथ नाइट्रोजन भी अंदर जाती है । इस नाइट्रोजन का क्या होता है? 
(a) यह ऑक्सीजन के साथ कोशिकाओं में भ्रमण करती है
(b) यह साँस छोड़ते समय कार्बन डाइऑक्साइड के साथ बाहर आ जाती है 
(c) यह केवल नासिका कोशिकाओं द्वारा अवशोषित हो जाती है 
(d) कोशिकाओं में नाइट्रोजन का सांद्रण पहले ही इतना अधिक है कि यह अवशोषित नहीं हो पाती है 
उत्तर - (b)
18. उपरिमृदा में निम्नलिखित में से विद्यमान होता है
(a) केवल ह्यूमस तथा सजीव 
(b) केवल ह्यूमस तथा मृदा कणिकाएँ 
(c) ह्यूमस, सजीव तथा पादप 
(d) ह्यूमस, सजीव तथा मृदा कणिकाएँ 
उत्तर - (d)
19. सही क्रम का चयन कीजिए
(a) वायुमंडल में CO2 → अपघटक जंतुओं में जैव कार्बन → पादपों में जैव कार्बन
(b) वायुमंडल में CO2 → पादपों में जैव कार्बन → जंतुओं में जैव कार्बन → मृदा में अकार्बनिक कार्बन 
(c) जल में अकार्बनिक कार्बोनेट → पादपों में जैव कार्बन → जंतुओं में जैव कार्बन → अपमार्जक
(d) जंतुओं में जैव कार्बन → अपघटक → वायुमंडल में CO2 → पादपों में जैव कार्बन
उत्तर - (b)
20. मृदा में खनिज का मुख्य स्रोत कौन-सा है? 
(a) जनक शैल जिससे मृदा बनती है 
(b) पादप / Plants
(c) जंतु / Animals
(d) जीवाणु / Bacteria
उत्तर - (a)
21. पृथ्वी के कुल धरातल का कितना भाग जल से ढका होता है? 
(a) 75%
(b) 60%
(c) 85%
(d) 50%
उत्तर - (a)
22. जैवमंडल के जैविक घटक का निर्माण किसके द्वारा नहीं होता है?
(a) उत्पादक
(b) उपभोक्ता
(c) अपघटक 
(d) वायु 
उत्तर - (d)
23. वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा की वृद्धि से क्या नहीं होगा?
(a) पर्यावरण में अधिक ऊष्मा को रोका जा सकता है 
(b) पौधों में प्रकाश संश्लेषण की वृद्धि 
(c) वैश्विक ऊष्मण 
(d) मरुस्थली पादपों की प्रचुरता 
उत्तर - (d)
24. ऑक्सीजन मुख्यतः किसके द्वारा वायुमंडल में वापिस होती है
(a) जीवाश्म ईंधन के जलने से
(b) श्वसन 
(c) प्रकाश संश्लेषण 
(d) कवक 
उत्तर - (c)
25. ठंडे मौसम में कम दृश्यता का कारण-
(a) जीवाश्म ईंधन का निर्माण 
(b) बिना दहन हुए कार्बन कण या वायु में निलंबित हाइड्रोकार्बन 
(c) पर्याप्त विद्युत आपूर्ति में कमी 
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं 
उत्तर - (b)
26. बंजर शैल पर लाइकेन की वृद्धि के बाद किसकी वृद्धि होती है? 
(a) मॉस 
(b) फर्न 
(c) जिम्नोस्पर्म 
(d) शैवाल 
उत्तर - (a)
27. जलीय पर्यावरण में विशेष तापक्रम परिवर्तन प्रभावित कर सकता है-
(a) जंतुओं में प्रजनन 
(b) जलीय पौधों की अधिक वृद्धि 
(c) जंतुओं में पाचन की प्रक्रिया 
(d) पोषकों की उपलब्धता 
उत्तर - (a)
28. मृदा अपरदन इसके द्वारा रोका जा सकता है-
(a) वनों का विकास करके 
(b) वनों की कटाई 
(c) उर्वरक का अत्यधिक उपयोग 
(d) जंतुओं द्वारा अतिचारण
उत्तर - (a)
29. वनस्पति रहित मृदा पर जब वर्षा होती है तो क्या होता है ? 
(a) वर्षा का जल मृदा के भीतर भली-भाँति रिस जाता है 
(b) वर्षा का जल मृदा सतह को हानि पहुँचाता है 
(c) वर्षा का जल मृदा की उर्वरता बढ़ाता है 
(d) वर्षा का जल मृदा में कोई परिवर्तन नहीं करता है 
उत्तर - (b)
30. ऑक्सीजन निम्नलिखित में से किसके लिए हानिकारक है?
(a) फर्न 
(b) नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु 
(c) चारा 
(d) आम का वृक्ष 
उत्तर - (b)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (d) पृथ्वी का वायुमंडल CO2 के कारण भी गर्म होती है।
  • सूर्य की विकिरणों को गैसे अवशोषित कर धरती की सतह को गर्म करती है।
  • वायुमंडलीय तापमान गर्म होने का मुख्य कारण कल-कारखानों से निकलने वाला धुआँ ज्यादा जिम्मेदार है।
2. (c) यदि पृथ्वी के चारों ओर वायुमंडल नहीं होता तो पृथ्वी का तापक्रम बहुत ज्यादा तथा बहुत ही कम होता।
  • यदि वायु में CO2 गैस नहीं रहती तो राते असामान्य रूप से ठंडी हो जाती और पृथ्वी पर जीवों का अस्तित्व कठिन हो जाता।
3. (b) यदि पर्यावरण में उपस्थित सभी ऑक्सीजन ओजोन में परिवर्तित हो जाए तो-
  • ओजोन का निर्माण वायुमंडल की ऊपरी परत में पराबैंगनी प्रकाश के द्वारा ऑक्सीजन गैस के टूटने से होता है।
  • ओजोन वायुमंडल की बाहरी परत है जो हमें हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों से सुरक्षित रखती है।
4. (d) पॉलिथीन के थैले प्रकृति में मृदा - बनावट में पहल नहीं करता है।
  • पृथ्वी की लगभग समस्त ऊर्जा का स्रोत सूर्य है।
  • मिट्टी और उर्वरक में उपस्थित पौष्टिक तत्वों को जुलघुला लेता है जिसे पौधे आसानी से अवशोषित कर लेते है ।
  • वायु के कारण सूर्य की किरणें आंशिक रूप से पृथ्वी पर पहुँच पाती है।
5. (c) वायुमंडल में मिलने वाली ऑक्सीजन के दो रूप ओजोन और ऑक्सीजन है।
  • जहाँ ओजोन परत होती है उसे समताप मंडल कहते है।
6. (c) जीवाणु द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण की क्रिया हाइड्रोजन का आण्विक रूप में नहीं होती है।
  • नाइट्रीकारी जीवाणु वायुमंडल के नाइट्रोजन को नाइट्रेट और नाइट्राइट में परिणत कर देते है।
7. (b) किसी क्षेत्र में जलाशयों की संख्या पर वर्षा प्रतिमान निर्भर करता है।
  • वर्षा का जल पृथ्वीतल पर गिरता है रिसकर मिट्टी में समा जाता है जिसे भूमिगत जल कहते है।
8. (a) उर्वरक और पीड़कनाशी की अधिक मात्रा के उपयोग की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि-
  • उर्वरक का बेतहाशा उपयोग से खेतों की मिट्टी क्षारीय या अम्लीय हो सकती है।
  • बहुत-से पीड़कनाशियों का निम्नीकरण नहीं होता और अवशेष जीवनपर्यन्त भोजन शृंखला में एक जीव से दूसरे जीवों में जाते है, और मुख्यतः वसीय ऊतकों में जमा हो जाते है।
9. (a) वायु में उपस्थित नाइट्रोजन के अणु मृदा में पाए जाने वाले नाइट्रोजन स्थिरीकारी जीवाणु की जैविक प्रक्रिया द्वारा नाइट्रेट तथा नाइट्राइट में परिवर्तित हो जाते है। 
  • नाइट्रोजन डाइऑक्साइड वर्षा जल में घुलकर नाइट्रिक तथा नाइट्रस अम्ल बनाकर भूमि की सतह पर गिरते है ।
10. (d) प्रकृति में चल रहे जल-चक्र में अवक्षेपण की क्रिया सम्मिलित नहीं है। 
  • जिस प्रक्रिया द्वारा जल वाष्प में परिवर्तित होता है उसे वाष्पन कहते है।
  • पौधों द्वारा अनावश्यक जल को वाष्प के रूप में शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को वाष्पोत्सर्जन कहते है।
  • किसी द्रव विलयन में रासायनिक अभिक्रिया होने पर यदि कोई ठोस उत्पाद बनता है तो उसे ही 'अवक्षेप' कहते है।
  • पौधे मृदा से जल तथा वायुमंडल से CO2 लेकर कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण करते है जिससे ऑक्सीजन एक उत्पाद के रूप में बाहर निकालता है इस क्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते है।
11. (c) " "जल प्रदूषण" शब्द की परिभाषा कई प्रकार से दी जा सकती है
  • जल में मृत आवांछित पदार्थ की मात्रा बढ़ने से जल प्रदूषण होता है।
  • कल-कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ जल प्रदूषण के कारण है।
  • जल प्रदूषण का कारण कीटनाशक दवा, सर्फ, साबुन का इस्तेमाल भी है।
12. (d) अमोनिया ग्रीनहाउस गैस नहीं है।
  • मिथेन गैस का उपयोग ईंधन में तथा पॉलिश एवं रंग के निर्माण में होता है।
  • CO2 गैस में सूर्य की अवरक्त किरणों को सोखने की क्षमता रहती है जिससे पृथ्वी का तापक्रम नियंत्रित रहता है।
  • CO सबसे जहरीली गैस है इसे दमघोंटू गैस भी कहते है।
  • हैबर विधि द्वारा अमोनिया तैयार किया जाता है।
13. (b) कार्बन-चक्र में वाष्पोत्सर्जन सम्मिलित नहीं है ।
  • CO2 जैविक जगत में प्रकाश संश्लेषण द्वारा प्रवेश करता है।
  • पौधों द्वारा अनावश्यक जल को वाष्प के रूप में शरीर से बाहर निकलने की प्रक्रिया को वाष्पोत्सर्जन कहते है।
  • जीव-जंतुओं के श्वसन क्रिया द्वारा त्याग किए गए CO2 वायुमंडल में लौट जाता है।
  • वायुमंडल में CO2 की मात्रा बहुत बड़े पैमाने पर जीवाश्म • ईंधनों को जलाने से तथा ज्वालामुखी के विस्फोट से होता है।
14. (b) ओजोन छिद्र का अर्थ है ओजोन परत का पतला होना।
  • ओजोन की मोटाई डॉब्सन यूनिट में मापी जाती है।
15. (c) ओजोन परत का ह्रास हो रहा है क्योंकि मनुष्य निर्मित यौगिकों का (जिनमें फ्लोरीन और क्लोरीन दोनों के यौगिक शामिल है।) अत्यधिक उपयोग हो रहा है।
  • क्लोरीन का एक परमाणु एक लाख ओजोन परमाणुओं को नष्ट कर सकता है।
16. (d) CFC के क्लोरीन का एक परमाणु एक लाख ओजोन के अणुओं को नष्ट करता है।
  • वायुमंडल में उपलब्ध CO2 गैस के कारण पृथ्वी को जो ऊष्मा प्राप्त होती है, उसे ग्रीन हाउस का प्रभाव कहते है। 
  • पृथ्वी के तापमान में होनेवाली वृद्धि को जब विश्व स्तर पर विचार किया जाता है तो इसे वैश्विक ऊष्मण कहते है।
17. (b) जब हम साँस लेते समय वायु अंदर लेते है तो ऑक्सीजन के साथ नाइट्रोजन भी अंदर जाती है यह नाइट्रोजन साँस छोड़ते समय CO2 के साथ बाहर आ जाती है। 17.
18. (d) उपरिमृदा में ह्यूमस, सजीव तथा मृदा कणिकाएँ विद्यमान होता है।
  • ह्यूमस मिट्टी को सरंध्र बनाता है, जिससे वायु और जल को भूमि के अंदर जाने में सहायता मिलती है।
19. (b)
20. (a) मृदा खनिज का मुख्य स्रोत जनक शैल जिससे मृदा बनती है।
  • मृदा के गुण को उसमें स्थित ह्यूमस की मात्रा और पाए जानेवाले सूक्ष्मजीवों के आधार पर जाना जाता है।
  • मृत जीवों (पेड़-पौधे, जीव-जंतु और जीवाणु) के सड़ने से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ आ जाते है जिसे ह्यूमस कहते है।
21. (a) पृथ्वी के कुल धरातल का तीन हिस्सा अर्थात् 75% भाग जल है, और शेष भाग स्थल है।
  • पृथ्वी के जल क्षेत्र में दो तरह के जल होते है। जिसे एक खारा जल तथा मृदु जल कहते है।
  • पृथ्वी के जलीय क्षेत्रों में सर्वप्रथम जीवों का विकास हुआ।
  • जल का कुछ हिस्सा बर्फ के रूप में ध्रुव पर ढ़का हुआ है।
  • पृथ्वी की जलीय क्षेत्र जीवों के विकास के लिए ज्यादा जरूरी है ।
22. (d) जैवमंडल के जैविक घटक का निर्माण वायु द्वारा नहीं होता है।
  • उत्पादक : हरे पौधे, जैसे शैवाल, घास, पेड़ इत्यादि एकमात्र पादप है जिनमें प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाने की क्षमता है।
  • उपभोक्ता : ऐसे जीव जो पोषण के लिए पूर्णरूप से उत्पादकों पर निर्भर रहते है।
  • अपघटक : पौधे और जंतुओं के मृत शरीर तथा जंतुओं के अपशिष्ट पदार्थों का जीवाणुओं और कवकों के द्वारा अपघटन किया जाता है।
  • वायु के कारण सूर्य की किरणें आंशिक रूप से पृथ्वी पर पहुँच पाती है।
23. (d) वायुमंडल में CO2 बढ़ने से तापमान में वृद्धि होगी।
  • तापमान की वृद्धि होने पर बाढ़ तथा सुखाड़ जैसी समस्या उत्पन्न होगी।
  • तापमान बढ़ने से बर्फ क्षेत्र पिघलने लगेंगे, जिससे समुद्र का जल स्तर बढ़ने लगेगा।
  • जैव विविधता प्रभावित होगी (Ecosystem) तो कई ऐसे जीव होंगे जो विलुप्त हो सकते है।
  • तापमान बढ़ने से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभावित होगी।
24. (c) ऑक्सीजन मुख्यतः प्रकाश संश्लेषण द्वारा वायुमंडल में वापस होती है। 
  • जीवाश्म ईंधन के जलने से CO2 की मात्रा बढ़ती है।
  • श्वसन क्रिया में जीव जंतु ऑक्सीजन ग्रहण करते है।
  • प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा पेड़-पौधे क्लोरोफिल की उपस्थिति में CO2 को ग्लूकोस में बदल देते है।
  • कवक में क्लोरोफिल नहीं पाया जाता है।
25. (b) ठंडे मौसम में कम दृश्यता का कारण-
  • कच्चा पेट्रोलियम जीवाश्म ईंधन का उदाहरण है।
  • ईंधन के जलने से ऊष्मा ऊर्जा की आपूर्ति होती है।
  • वायु एवं ऑक्सीजन दहन के पोषक पदार्थ है।
  • जीवाश्म ईंधन के रूप में कोयला को जाना जाता है। 
26. (a) बंजर शैल पर लाइकेन की वृद्धि के बाद मॉस की वृद्धि होती है।
  • मॉस के जीवन चक्र में गैमीटोफाइट मुख्य पौधा होता है।
  • फर्न में पत्तियाँ बड़ी होती है ।
  • जिम्नोस्पर्म के बीजों पर कोई आवरण नहीं होता है।
  • शैवाल को प्रोटिस्टा जगत के अंतर्गत रखते है।
27. (a) जलीय पर्यावरण में विशेष तापक्रम परिवर्तन-
  • जलीय पर्यावरण में तापमान बढ़ने पर जन्तुओं के प्रजनन क्रिया प्रभावित होगी।
  • तापमान बढ़ने से जीव जन्तु नष्ट होने लगेंगे जिससे पोषकों की उपलब्धता में कमी आएगी।
  • जलीय Ecosystem का आहार श्रृंखला प्रभावित होने लगेगा।
  • कुछ जन्तुओं की मात्रा में वृद्धि होगी जो अन्य जन्तुओं के लिए खतरा होगा।
28. (a) मृदा अपरदन वनों का विकास करके रोका जा सकता है।
  • वन मिट्टी अपरदन को रोकता है।
  • अतिरिक्त पेड़ों के काटने से मिट्टी का अपरदन होता है।
  • घासों को लगाकर भी मृदा अपरदन को रोका जाता है।
29. (b) वनस्पति रहित मृदा पर जब वर्षा होती है तो वर्षा का जल मृदा के भीतर भली-भाँति रिस जाता है।
  • वनस्पति रहित मृदा में भूमि जल स्तर की कमी आती है।
  • इस मृदा में ह्यूमस युक्त जैविक पदार्थों की कमी होती है।
  • इस मृदा में वनस्पतियों का विकास कम होता है।
  • इस क्षेत्र में वर्षा भी कम होती है।
  • इस मृदा को बाढ़ जैसी समस्या से ज्यादा नुकसान होता है।
30. (b) ऑक्सीजन नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु के लिए हानिकारक होती है।
  • फर्न की पत्तियाँ बड़ी होती है।
  • नाइट्रोजन स्थिरीकरण में जीवाणु नाइट्रोजन को नाइट्रेट और नाइट्राइट में परिणत कर देते है।
  • नाइट्रोजन की उपयोगिता पौधे के वृद्धि के लिए ज्यादा होती है।
  • फर्न (Pteridophyta) के अन्तर्गत आता है।
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Thu, 15 Feb 2024 10:24:32 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Why Do We Fall हम बीमार क्यों होते हैं https://m.jaankarirakho.com/906 https://m.jaankarirakho.com/906 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Why Do We Fall हम बीमार क्यों होते हैं
1. निम्नलिखित में से कौन-सा विषाणु रोग नहीं है?
(a) डेंगू
(b) एड्स
(c) टायफॉइड
(d) इंफ्लुएंजा 
उत्तर - (c)
2. निम्नलिखित में से कौन-सा जीवाणु रोग नहीं है?
(a) हैजा
(c) एंथ्रेक्स
(b) तपेदिक
(d) इंफ्लुएंजा 
उत्तर - (d)
3. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग मच्छर से संचरित नहीं होता है ? 
(a) मस्तिष्क ज्वर 
(b) मलेरिया 
(c) टायफॉइड 
(d) डेंगू 
उत्तर - (c)
4. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग जीवाणु द्वारा होता है? 
(a) टायफॉइड
(b) एंथ्रेक्स
(c) क्षय रोग ( तपेदिक)
(d) मलेरिया 
उत्तर - (d)
5. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग प्रोटोजोआ प्राणियों द्वारा होता है ? 
(a) मलेरिया
(b) इंफ्लुएंजा
(c) एड्स
(d) हैजा 
उत्तर - (a)
6. निम्नलिखित में से कौन-सा व्यक्ति के स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डालता है?
(a) खाँसी-जुकाम 
(b) चिकनपॉक्स (छोटी माता) 
(c) तंबाकू चबाना
(d) तनाव 
उत्तर - (c)
7. निम्नलिखित में से कौन-सा संक्रमित व्यक्ति आपके संपर्क में आने पर आपको बीमार कर सकता है ?
(a) उच्च रक्त दाब 
(b) आनुवंशिक अपसामान्यता
(c) छींक 
(d) रुधिर कैंसर 
उत्तर - (c)
8. निम्नलिखित में से किसके द्वारा एड्स नहीं फैल सकता है?
(a) लैंगिक संपर्क
(b) गले मिलना 
(c) स्तनपान 
(d) रक्ताधान 
उत्तर - (b)
9. प्रतिविषाणुक औषधियाँ बनाना प्रतिजीवाणुक दवाइयों के बनाने की अपेक्षा अधिक कठिन है क्योंकि-
(a) विषाणु (वाइरस) परपोषी की मशीनरी का उपयोग करते है 
(b) विषाणु (वाइरस) सजीव और निर्जीव की सीमा रेखा पर है 
(c) विषाणु (वाइरस) में अपनी जैवरासायनिक प्रणाली बहुत कम होती है 
(d) विषाणु (वाइरस) के चारों ओर प्रोटीन से बना कवच होता
उत्तर - (c)
10. निम्नलिखित में से कौन-सा रोगजनक कालाजार का कारण होता है?
(a) ऐस्केरिस 
(b) ट्रिपैनोसोमा 
(c) लीश्मैनिया 
(d) बैक्टीरिया 
उत्तर - (c)
11. यदि आप छोटे से भीड़भाड़ वाले तथा कम हवादार घर में रह रहे हैं, तो आपको निम्नलिखित में से कौन-से रोग होने की संभावना हो सकती है?
(a) कैंसर 
(b) एड्स 
(c) वायुवाहित रोग 
(d) हैजा 
उत्तर - (c)
12. निम्नलिखित में से कौन-सी बीमारी मच्छर द्वारा नहीं फैलती है ?
(a) डेंगू 
(b) मलेरिया 
(c) मस्तिष्क ज्वर या एनसेफेलिटिस 
(d) न्यूमोनिया 
उत्तर - (d)
13. निम्नलिखित में से कौन-सा व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए प्रमुख नहीं है ?
(a) एक स्वच्छ स्थान में रहना
(b) अच्छी आर्थिक स्थिति 
(c) सामाजिक समानता तथा मेल-जोल की भावना 
(d) एक बड़े और सुसज्जित भवन में रहना 
उत्तर - (d)
14. निम्नलिखित में से गलत कथन का चयन कीजिए
(a) उच्च रक्त दाब, अधिक वजन व व्यायाम के न करने के कारण होता है
(b) आनुवांशिक अपसामान्यताओं के कारण कैंसर होता है 
(c) अम्लीय भोजन खाने के कारण पेप्टिक व्रण (अल्सर) का होना 
(d) एक्ने (Acne) स्टेफाइलोकोकाई के कारण नहीं होता है 
उत्तर - (c)
15. हमें अपने वातावरण में मच्छरों के प्रजनन को रोकना चाहिए क्योंकि वे-
(a) बहुत तीव्र गति से गुणन करते है और प्रदूषण फैलाते है 
(b) बहुत सी बीमारियों के रोगवाहक है 
(c) काटते है और त्वचा की बीमारियों का कारण बनते है
(d) विशेष कीट नहीं है
उत्तर - (b)
16. आप अपने शहर में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में जागरूक है। इसके लिए बच्चों का टीकाकरण किया जाता है क्योंकि-
(a) टीकाकरण, पोलियो फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देता है 
(b) पोलियो फैलाने वाले जीवों का प्रवेश रोक देता है 
(c) यह शरीर में रोग प्रतिरोधकता को उत्पन्न करता है 
(d) उपरोक्त सभी 
उत्तर - (c)
17. विषाणुओं से हैपेटाइटिस रोग होता है। यह रोग निम्नलिखित में से किसी एक द्वारा संचरित होता है-
(a) वायु 
(b) जल 
(c) भोजन 
(d) व्यक्तिगत संपर्क 
उत्तर - (b)
18. वेक्टर (संवाहक) की सही परिभाषा कौन-सी है?
(a) वह जीव जो संक्रामक कारकों को एक रोगग्रस्त व्यक्ति से दूसरे स्वास्थ्य व्यक्ति तक ले जाता है 
(b) सूक्ष्मजीव जो बहुत से रोगों को फैलाता है
(c) संक्रमित व्यक्ति 
(d) रोगग्रस्त पादप 
उत्तर - (a)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (c) डेंगू - एक फ्लू जैसी बिमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है।
यह रोग मुख्य रूप से दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिंबधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
  • एड्स-एड्स एक ऐसी बिमारी है जो HIV नामक के शरीर में आ जाने से होती है।
    1 December को एड्स दिवस मनाते है।
  • टायफाइड-टाइफाइड पाचन तंत्र और ब्लडस्ट्रीम में बैक्टीरिया के इन्फेक्सन की वजह से होता है । यह साल्मोनेला एन्टेरिक सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होती है।
  • इन्फ्लूएंजा - इन्फ्लूएंजा वायरस हमारे शरीर में नाक, आँख और मुँह से प्रवेश करता है, इसके अलावा इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति के खाँसने और छींकने पर अन्य व्यक्ति संपर्क में आता है तो वह वायरस फैल जाता है।
2. (d) हैजा - हैजा व्यक्ति द्वारा दूषित भोजन या पानी के कारण होने वाला ऑन संबंधी संक्रामक रोग है।
  • तपेदिक- यक्ष्मा/ क्षयरोग / टीबी एक आम और कई मामलों में घातक संक्रामक बिमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस तपेदिक के विभिन्न प्रकारों की वजह से होता है।
  • एंथ्रेक्स-एंथ्रेक्स रोग, बैसिलस एंथ्रेसीस कहे जाने वाले ग्राम पॉजिटिव छड़ के आकार के जीवाणुओं के कारण होती है।
  • इन्फ्लुएंजा- इन्फ्लुएंजा श्वसन तंत्र का संक्रामक रोग होता है, जिसकी शुरुआत खाँसी, जुकाम और हल्के के बुखार साथ होती है।
3. (c) मस्तिष्क ज्वर - मस्तिष्क ज्वर मेनिनजाईटिस एक बहुत खतरनाक संक्रामक रोग है, जो किनाईसिरिया मेनिन्जाइटिस (मेनिगोकोकल) नामक जीवाणु के शरीर में प्रवेश पाने और पनपने के कारण से होता है।
  • मलेरिया - मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है जो फीमेल मादा एनोफिलेज मच्छर के काटने से होता है।
  • टायफाइड-टाइफाइड बुखार, साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है।
  • डेंगू - एक फ्लू जैसी बिमारी है जो डेंगू वाइरस के कारण होता है।
4. (d) टायफॉइड-टाइफाइड बुखार साल्मोनेला टाइफ बैक्टीरिया के कारण होता है।
  • एंथ्रेक्स - एंथ्रेक्स रोग, बैसिलस एंथ्रेसीस कहे जाने वाले ग्राम पॉजिटिव छड़ के आकार के जीवाणुओ के कारण होती है।
  • क्षय रोग–यक्ष्मा/क्षयरोग / टीबी एक आम और कई मामलो में घातक संक्रामक बिमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया, आमतौर पर माइक्रोबैक्टीरियम तपेदिक के विभिन्न प्रकारो की वजह से होती है।
  • मलेरिया - मलेरिया बुखार मच्छरो से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है जो मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है।
5. (a) मलेरिया - मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है जो मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है।
  • इंफ्लुएंजा - एन्फ्लूएंजा श्वसन तंत्र का एक संक्रामक रोग होता है, जिसकी शुरुआत खाँसी, जुकाम और हल्के बुखार के साथ होती है।
  • एड्स- एड्स एक ऐसी बिमारी है जो HIV नामक वायरस के शरीर में आ जाने से होता है।
    1 December को एड्स दिवस मनाते है।
  • हैजा-हैजा व्यक्ति द्वारा दूषित भोजन या पानी पीने के कारण होने वाला ऑन संबंधी संक्रामक रोग है।
6. (c) खाँसी जुकाम-खाँसी जुकाम हर बदलते मौसम के साथ जाने वाली समस्या है, खाँसी बैक्टीरिया या वायरस इन्फेक्शन एलर्जी या इंड के कारण हो सकती है।
  • चिकेनपॉक्स-चिकन पॉक्स एक संक्रमक रोग है या ये कहे की वह एक वायरल संक्रमण है जो हर्पीस वेरीसेला जोस्टर वायरस के कारण होता है।
  • तंबाकू चबाना-तंबाकू में निकोटिन पाया जाता है, निकोटिन कैंसर का कारण बनता है।
  • तनाव- तनाव को किसी ऐसे शारीरिक, रासायनिक या भावनात्मक कारक के रूप में समझा जा सकता है जो शारीरिक तथा मानसिक बेचैनी उत्पन्न करे और वह रोग निर्माण का एक कारक बन सकता है।
7. (c) उच्च रक्त दाब - हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप जिसे कभी-कभी धमनी उच्च रक्तचाप भी कहते है, एक पुरानी चिकित्सीय स्थिति है जिससे धमनियों में रक्त का दवाब बढ़ जाता है।
  • छींक - छींक वह क्रिया है जिसमें फेफड़ों से हवा नाक और मुँह के रास्ते अत्याधिक तेजी से बाहर निकेल जाती है।
  • रूधिर कैंसर - रूधिर कैंसर को ल्यूकेमिया भी कहा जाता है। इस रोग में रूधिर में ल्यूकोसाइट्स (श्वेत रुधिराणुओं) की संख्या में अनियंत्रित वृद्धि होती है।
  • आनुवंशिक अपसामान्यता - माता-पिता एवं अनय पूर्वजों के गुण का संतानों में वितरित होना आनुवांशिकता, अपसामान्यता कहलाती है। आनुवंशिक के पिता ग्रेगर जॉन मेंडल है।
8. (b) लैंगिक संसर्ग - लैंगिक संसर्ग का मतलब sexual या तो मेल या Femal
  • गले मिलना- गले मिलना न सिर्फ शरीर को रिफ्रेश कर देता है बल्कि इससे आपके भीतर का तनाव और अकेलापन भी कम हो जाता है।
  • स्तनपान - माँ द्वारा अपने शिशु को अपने स्तनों से आने वाला प्राकृति दूध पिलाने की क्रिया को स्तनपान कहते है।
  • रक्ताधान - रक्ताधान रक्त या रक्त- आधारित उत्पादो को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के परिसंचरण तंत्र में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है।
9. (c) वाइरस की दवाइयाँ बनाना अधिक कठिन इसलिए है कि विषाणु में अपने जैव रासायनिक प्रणाली बहुत कम होती है।
  • वाइरस को सजीव तथा निर्जीव दोनो कहा जाता है।
  • वाइरस का न्यूम्लिक अम्ल DNA या RNA तथा Capsid Protein का बना होता है।
  • वाइरस में enzyme नहीं पाए जाते है, इसे लैटिन भाषा में विष कहा जाता है।
  • वाइरस की खोज इवानोवस्की ने किया था, सबसे पहला वाइरस को TMU के नाम से जानते है ।
10. (c) ऐस्केरिस- यह एक परजीवी कृमि है जो मनुष्य के आंत में पाया जाता है।
  1. ट्रिपैनोसोमा- यह परजीवियो की प्रजाति ट्रिपैनोसोमा ब्रूसी के कारण होता है।
  2. लीश्मैनिया - कालाजार धीर-धीरे पनपने वाला देशी रोग यह राग लीशमैनिया जीनस के प्रोटोजोआ परजीवी के कारण होता है।
  3. बैक्टीरिया - बैक्टीरिया प्रोकैरियोटिक एक कोशिकीय जीव है यूकैरियोटिक कोशिकाओ की तुलना में उनकी अपेक्षाकृत सरल कोशिका संरचना है।
11. (c) कैंसर - कैंसर किसी कोशिका के असामान्य तरीके से बढ़ने की बिमारी है।
  • एड्स - एड्स एक ऐसी बीमारी है जो HIV नाम वायरस के शरीर में आ जोने से होती है। एड्स से पीड़ित व्यक्ति का हूम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
  • वायुवाहित रोग- वायुवाहित रोग रोगजनक रोगाणुओं के कारण होते है।
  • हैजा - हैजा व्यक्ति द्वारा दूषित भोजन या पानी पीने के कारण होने वाला आँत संबंधी संक्रामक रोग है।
12. (d) डेंगू - एक फ्लू जैसी बिमारी है जो डेंगू वाइरस के कारण होती है।
  • डेंगू बुखार जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है।
  • मलेरिया - मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वला एक तरह का संक्रामक रोग है जो मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है।
  • मस्तिष्क ज्वर या इंसेफेलाइटिस - मस्तिष्क ज्वर मेनिनजाइटिस एक बहुत खतरनाक संक्रामक रोग है जो किनाईसिरिया मेनिनजाइटिस (मेनिनगोकोकल) नामक जीवाणु के शरीर में प्रवेश पाने और पनपने के कारण होता है।
13. (d) अच्छे स्वास्थ्य के कुद महत्वपूर्ण बातो पर ध्यान रखना जरूरी होता है
  • एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक स्वच्छ स्थान में रहना बहुत जरूरी होता है।
  • अच्छे स्वास्थ्य के लिए अर्थिक स्थिति भी अच्छा होना जरूरी है।
  • अच्छे स्वास्थ्य के लिए समाजिक समानता तथा अपसी मेल भाव में रहना बहुत जरूरी है।
  • अच्छे स्वास्थ्य के लिए बड़े और सुसज्जित भवन में रहना जरूरी नही है।
14. (c) उच्च रक्त दाब का मुख्य कारण अधिक वजन तथा व्यायाम न करने के कारण होता है।
  • आनुवंशिक अप समान्यताओं के कारण कैंसर होता है।
  • अम्लीय भोजन खाने से अल्सर रोग का होना संबंधित नहीं है।
15. (b) मच्छरों का वृद्धि का मुख्य कारण गंदगी, बरसात के पानी का जमाव से संबंधित है।
  • मच्छर अनेक प्रकार की बिमारियों के रोगवाहक है।
  • मादा एनाफिलीज मच्छर मलेरिया रोग उत्पन्न करता है।
  • एडिज एज्पिटी मच्छर डेंगु रोग का वाहक है।
  • मच्छर प्रजाति ज्यादातर बरसात के समय ज्यादा जन्म लेते है।
16. (c) पोलियो बीमारी एक वायरस जनित रोग है।
  • यह शरीर में रोग प्रतिरोधकता को उत्पन्न करता है ।
  • पोलियो टीके की खोज जोनास सॉल्क नामक वैज्ञानिक ने की थी ।
  • पोलियो वाइरस तंत्रिका तंत्र तथा स्पाइनल कोड को प्रभावित करता है।
17. (b) विषाणु हैपेटाइटिस रोग उत्पन्न करते है। यह बिमारी यकृत को प्रभावित करता है ।
  • यह रोग जल के द्वारा संचारित होता है।
  • हैजा तथा टाइफाइड भी एक जल जन्य रोग है। ।
  • क्षय रोग का प्रसार वायु के द्वारा होता है।
  • हैपेटाइटिस B सबसे खतरनाक टाइप माना जाता है
18. (a) वेक्टर का अर्थ होता है वह जीव जो संक्रामक कारको को एक रोग ग्रस्त व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति तक ले जाता है।
  • कारक का अर्थ होता है, मच्छर के अन्दर पाए जाने वाले परजीवी प्लाजमोडियम वायवेकस मलेरिया रोग को जन्म देते है, जबकि मच्छर सिर्फ बिमारी का वाहक है।
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Thu, 15 Feb 2024 09:27:04 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Sound ध्वनि https://m.jaankarirakho.com/905 https://m.jaankarirakho.com/905 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Sound  ध्वनि
1. स्वर एक ऐसी ध्वनि है
(a) जिसमें कई आवृत्तियाँ होती है 
(b) जिसमें केवल दो आवृत्तियाँ होती है
(c) जिसमें एकल आवृत्ति होती है
(d) जिसको सुनना सदैव दुखद होता है 
2. यांत्रिक पियानो की किसी कुंजी को पहले धीरे से और फिर जोर से दबाया गया। दूसरी बार उत्पन्न ध्वनि-
(a) पहली ध्वनि से प्रबल होगी परंतु इसका तारत्व भिन्न नहीं होगा 
(b) पहली ध्वनि से प्रबल होगी और इसका तारत्व भी अपेक्षाकृत उच्च होगा 
(c) पहली ध्वनि से प्रबल होगी परंतु इसका तारत्व अपेक्षाकृत निम्न होगा 
(d) प्रबलता और तारत्व दोनों ही प्रभावित नहीं होंगे 
3. सोनार (SONAR) में हम उपयोग करते है
(a) पराश्रव्य तरंगें
(b) अवश्रव्य तरंगें
(c) रेडियो तरंगें 
(d) श्रव्य तरंगें
4. ध्वनि वायु में गमन करती है यदि-
(a) माध्यम के कण एक स्थान से दूसरे स्थान पर गमन कर रहे हो
(b) वायुमंडल में आर्द्रता न हो 
(c) विक्षोभ गमन करे 
(d) कण एवं विक्षोभ दोनों ही एक स्थान से दूसरे स्थान को गमन करें 
5. किसी क्षीण ध्वनि को प्रबल ध्वनि में परिवर्तित करने के लिए किसमें वृद्धि करनी होगी?
(a) आवृत्ति 
(b) आयाम 
(c) वेग 
(d) तरंगदैर्ध्य 
6. दर्शाए गए वक्र चित्र में आधी तरंगदैर्ध्य है

(a) A B
(b) B D
(c) D E
(d) A E
7. भूकंप मुख्य प्रघाती तरंगों से पहले किस प्रकार की ध्वनि उत्पन्न करते है ?
(a) पराश्रव्य ध्वनि 
(b) अवश्रव्य ध्वनि 
(c) श्रव्य ध्वनि 
(d) उपरोक्त में कोई नहीं
8. निम्नलिखित में से कौन अवश्रव्य ध्वनि सुन सकता है?
(a) कुत्ता / Dog
(b) चमगादड़ / Bat
(c) राइनोसेरस (गैंडा) / Rhinoceros
(d) मनुष्य / Human beings
9. किसी संगीत समारोह में वृंदवाद्य बजाने से पूर्व कोई सितार वादक तनाव को समायोजित करते हुए डोरी को उचित प्रकार से झंकृत करने का प्रयास करता है। ऐसा करके वह क्या समायोजित करता है?
(a) केवल ध्वनि की तीव्रता 
(b) केवल ध्वनि का आयाम 
(c) सितार की डोरी की आवृत्ति को अन्य वाद्य यंत्रों की आवृत्ति के साथ 
(d) ध्वनि की प्रबलता

ANSWERS

DISCUSSION

1. (c) स्वर एक ऐसी ध्वनि है जिसमें एकल आवृत्ति होती है ।
ध्वनि तेज है या धीमा इसकी तीव्रता से पता लगाया जाता है।
तीव्रता आयाम को दर्शाता है ।
यदि आयाम अधिक होगा तो तीव्रता अधिक होगी ।
तीव्रता की SI मात्रक वाट/m2 होता है ।
ध्वनि की SI मात्रक डेसीबल होता है ।
ध्वनि की चाल 332 m/s होता है ।
2. (a) यांत्रिक पियानों की किसी कुंजी को पहले धीरे से और फिर जोर से दबाया गया तो
दूसरी बार उत्पन्न ध्वनि पहली ध्वनि से प्रबल होगी परंतु इसका तारत्व भिन्न नहीं होगा ।
ध्वनि का तारत्व आवृत्ती पर निर्भर करता है ।
तारत्व हमें जानकारी देता है कि ध्वनि पतली है या मोटी
तारत्व आवृत्ति के समानुपाती होता है।
3. (a) सोनार में हम पराश्रव्य तरंग का उपयोग करते हैं ।
सोनार का पूरा नाम Sound Navigation and Ranging है।
सोनार एक तकनीक है जो नौचालन, जल के अन्दर संचार तथा जल के सतह पर वस्तुओं का पता करने के लिए ध्वनि संचरण का उपयोग करती है ।
पराश्रव्य तरंग की आवृत्ति 20,000 Hz से अधिक होती है।
इन्हें हम कान से नहीं सुन सकते हैं । 9.
4. (c) ध्वनि वायु में गमन करती है यदि विक्षोभ गमन करे ।
ध्वनि एक प्रकार का कम्पन या विक्षोभ है जो किसी ठोस, द्रव्य या गैस से होकर संचारित होती है ।
ध्वनि मुख्य रूप से उन कम्पनों को कहते हैं जो मानव कान से सुनाई दे ।
ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है ।
ध्वनि के संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है ।
सामान्य ताप व दाब पर वायु में ध्वनि का वेग लगभग 332 m/s होता ।
5. (b) किसी क्षीण ध्वनि को प्रबल ध्वनि में परिवर्तित करने के लिए आयाम में वृद्धि करनी चाहिए ।
ध्वनि की तीव्रता आयाम को दर्शाती है।
यदि आयाम अधिक होगा तो तीव्रता भी अधिक होगी।
तीव्रता का समान्य मात्रक डेसीबल होता है ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 45 डेसीबल तक की ध्वनि नुकसान नहीं करती है ।
150 डेसीबल की ध्वनि हम नहीं सुन सकते । 
6. (b) एक तरंग की लम्बाई को तरंगदैर्ध्य कहते हैं।
दो क्रमागत शृंगों के बीच की दूरी को तरंगदैर्ध्य कहते हैं ।
दो क्रमागत गर्तो के बीच की दूरी को तरंगदैर्ध्य कहते हैं ।
एक शृंग और एक गर्त के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य की आधी होती है ।

7. (b) भूकंप मुख्य प्रघाती तरंगों से पहले अवश्रव्य ध्वनि उत्पन्न करते हैं ।
भूकम्प से मुख्यतः तीन प्रकार के तरंग निकलते हैं- (i) P तरंग (ii) S तरंग (iii) L तरंग
P तरंग को प्राथमिक तरंग कहते हैं ।
P तरंग सबसे तेज चलने वाली तरंग है ।
S तरंग को द्वितीय तरंग कहा जाता है।
S तरंग में अणुओं की गति तरंग की दिशा में समकोण पर होता है।
S तरंग तरल माध्यम से होकर नहीं गुजर सकती है ।
L तरंग केवल धरातलीय भागों से होकर गुजरता है।
L तरंग में कंपन सर्वाधिक होता है ।
अवश्रव्य तरंग की आवृत्ति 20 Hz से कम होती है।
8. (c) मनुष्य अवश्रव्य ध्वनि नहीं सुन सकता है ।
मनुष्य श्रव्य ध्वनि सुन सकता है ।
श्रव्य तरंग की आवृत्ति 20Hz से 20,000 Hz तक होती है।
गैंडा अवश्रव्य ध्वनि सुन सकते हैं।
अवश्रव्य तरंग की आवृत्ति 20Hz से कम होती है ।
पराश्रव्य तरंग मनुष्य नहीं सुन सकता है।
9. (c) सितार की डोरी की आवृत्ति को अन्य वाद्य यंत्रों की आवृत्ति के साथ मिलाता है ।
तारत्व आवृत्ति के सीधा समानुपाती होता है।
तारत्व इस बात की जानकारी देती है कि ध्वनि पतली है या मोटी
यदि आवृत्ति बढ़ेगा तो Pitch बढ़ेगा और ध्वनि पतली सुनाई देगी ।
मच्छर, महिला, बच्चा, कोयल की आवृत्ति अधिक होती है । इसलिए इनकी आवाज पतली होती है ।
घोड़ा, पुरुष मेढ़क, शेर की आवृत्ति कम रहती है अतः इनका आवाज मोटा होता है ।
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Thu, 15 Feb 2024 09:01:08 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Work And Energy कार्य एवं ऊर्जा https://m.jaankarirakho.com/904 https://m.jaankarirakho.com/904 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Work And Energy कार्य एवं ऊर्जा
1. जब कोई पिंड मुक्त रूप से पृथ्वी की ओर गिरता है, तो इसकी कुल ऊर्जा-
(a) बढ़ती है
(b) घटती है 
(c) अचर रहती है 
(d) पहले बढ़ती है और फिर घटती है 
उत्तर - (c)
2. कोई कार किसी समतल सड़क पर त्वरित होकर अपने आरंभिक वेग का चार गुना वेग प्राप्त कर लेती है। इस प्रक्रिया में कार की स्थितिज ऊर्जा-
(a) परिवर्तित नहीं होती 
(b) आरंभिक ऊर्जा की दोगुनी हो जाती है 
(c) आरंभिक ऊर्जा की चार गुनी हो जाती है 
(d) आरंभिक ऊर्जा की सोलह गुनी हो जाती है 
उत्तर - (a)
3. ऋणात्मक कार्य के प्रकरण में बल एवं विस्थापन के बीच कोण होता है -
(a) 0°
(b) 45°
(c) 90°
(d) 180°
उत्तर - (d)
4. 10 kg द्रव्यमान के लोहे तथा 3.5 kg द्रव्यमान के एल्युमीनियम के गोलों के व्यास समान है। दोनों गोले किसी मीनार से एक साथ गिराए जाते है। जब वे भूतल से 10m ऊपर होते है, तब इनके समान होते/होती है-
(a) त्वरण 
(b) संवेग 
(c) स्थितिज ऊर्जा 
(d) गतिज ऊर्जा 
उत्तर - (a)
5. कोई लड़की अपनी पीठ पर 3 kg द्रव्यमान का बस्ता उठाए किसी समतल सड़क पर 300m की दूरी तय करती है। उसके द्वारा गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध किया जाने वाला कार्य होगा? (g = 10ms-2)
(a) 6 × 103 J
(b) 6 J
(c) 0.6 J
(d) शून्य
उत्तर - (d)
6. निम्नलिखित में कौन ऊर्जा का मात्रक नहीं है ?
(a) जूल 
(b) न्यूटन मीटर 
(c) किलोवाट 
(d) किलोवाट घंटा 
उत्तर - (c)
7. किसी पिंड पर किया गया कार्य निम्नलिखित में किस पर निर्भर नहीं करता ?
(a) विस्थापन 
(b) लगाया गया बल 
(c) बल एवं विस्थापन के बीच के कोण
(d) पिंड का आरंभिक वेग 
उत्तर - (d)
8. बाँध के संग्रहित जल में-
(a) कोई ऊर्जा नहीं होती
(b) विद्युत ऊर्जा होती है
(c) गतिज ऊर्जा होती है
(d) स्थितिज ऊर्जा होती है 
उत्तर - (d)
9. एक पिंड h ऊँचाई से गिर रहा है। h/2 ऊँचाई से गिरने के पश्चात् इसमें होगी-
(a) केवल स्थितिज ऊर्जा 
(b) केवल गतिज ऊर्जा 
(c) आधी स्थितिज और आधी गतिज ऊर्जा 
(d) अधिक गतिज ऊर्जा और कम स्थितिज ऊर्जा
उत्तर - (c)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (c)

यांत्रिक ऊर्जा प्रमेय : मुक्त रूप से गिरते हुए किसी पिण्ड की कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है।
स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा = नियत ऊर्जा होती है।
2. (d)

3. (d) 

4. (a) गति, स्थितिज उर्जा और गतिज उर्जा वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करती है साथ ही कुछ अन्य कारको पर। लेकिन इस मामले में त्वरण गुरूत्वाकर्षण के कारण त्वरण है; जो द्रव्यमान या वेग पर निर्भर नहीं करता है।
किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संवेग कहते हैं: 

संवेग एक सदिश राशि है
संवेग का परिमाण एवं दिशा होता है।
संवेग एक संरक्षित राशि है।
किसी वियुक्त निकाय में कुल संवेग स्थिर रहता है
किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते है।

त्वरण विमीय सूत्र [M°LT-2]
5. (d)

इस स्थिति में किए गए कार्य की दिशा गुरुत्वाकर्षण बल की दिशा के लम्बवत् होती है अतः गुरुत्वाकर्षण के विरूद्ध किया गया कार्य शून्य होता है।
6. (c) ऊर्जा कार्य करने की क्षमता है
ऊर्जा का SI मात्रक जूल है।
कैलोरी ऊर्जा का मात्रक है।
1 कैलोरी, 1 ग्राम पानी के तापमान को 1°C बढ़ाने के लिए आवश्यक उर्जा के बराबर है।
वाट शक्ति का मात्रक है न कि उर्जा का।
शक्ति उर्जा के उपयोग की दर है।
7. (d) यदि किसी पिंड पर बल F लगाने पर पिंड का विस्थापन (d) हो लेकिन यदि बल (F), विस्थापन (d) की दिशा से (θ) कोण पर कार्यरत हो, तब बल द्वारा किया गया कार्य । पिंड पर बल लगाकर किया गया कार्य, पिंड के प्रारंभिक वेग पर निर्भर नहीं करता है। बल्कि बल (F), विस्थापन (d) तथा बल एवं विस्थापन के बीच बने कोण (θ) पर निर्भर करता है।
8. (d) धरती के सतह के पास किसी वस्तु की स्थितिज ऊर्जा = mgh
जहाँ, m = वस्तु का द्रव्यमान
g = गुरूत्वजनित त्वरण,
h = भूमि की सतह से उँचाई है ।
स्थितिज उर्जा का अंतर्राष्ट्रीय इकाई मात्रक जूल है
स्थितिज उर्जा का विमीय सूत्र ML2 T-2 है । है।
तने हुए या दबाए हुए स्प्रिंग में भी स्थितिज उर्जा होती है |
धनुष की डोरी जब तनी हुई हो तो उसमें स्थितिज ऊर्जा है ।
9. (c)

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Thu, 15 Feb 2024 08:46:33 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Gravitation गुरुत्वाकर्षण https://m.jaankarirakho.com/903 https://m.jaankarirakho.com/903 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Gravitation गुरुत्वाकर्षण
1. चंद्रमा के पृष्ठ के निकट मुक्त रूप से गिरते विभिन्न द्रव्यमानों के से दो पिंडों-
(a) के वेग किसी भी क्षण समान होंगे 
(b) के विभिन्न त्वरण होंगे
(c) पर समान परिमाण के बल कार्य करेंगे 
(d) के जड़त्वों में परिवर्तन हो जाएँगे
उत्तर - (a)
2. गुरुत्वीय त्वरण का मान-
(a) विषुवत वृत्त तथा ध्रुवों पर समान होता है 
(b) ध्रुवों पर न्यूनतम होता है 
(c) विषुवत वृत्त पर न्यूनतम होता है
(d) ध्रुवों से विषुवत वृत्त की ओर बढ़ता है
उत्तर - (c)
3. दो पिंडों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल F है। यदि दोनों पिंडों के द्रव्यमान उनके बीच की दूरी को समान रखते हुए आधे कर दिए जाएँ, तो गुरुत्वाकर्षण बल हो जाएगा -
(a) F/4 
(b) F/2
(c) F
(d) 2F
उत्तर - (a)
4. कोई लड़का डोरी से बंधे पत्थर को किसी क्षैतिज वृत्ताकार पथ में घुमा रहा है। यदि डोरी टूट जाए, तो वह पत्थर-
(a) वृत्ताकार पथ में गति करेगा 
(b) वृत्ताकार पथ के केंद्र की ओर सरल रेखा के अनुदिश गति करेगा
(c) वृत्ताकार पथ पर किसी सरल रेखीय स्पर्शी के अनुदिश गति करेगा 
(d) लड़के से दूर वृत्ताकार पथ के अभिलंबवत् सरल रेखा के
उत्तर - (c)
5. संबंध F = GM m/d2 में राशि G
(a) परीक्षण स्थल पर g के मान पर निर्भर करती है 
(b) का उपयोग दो द्रव्यमानों में से एक पृथ्वी होने पर ही किया जाता है 
(c) पृथ्वी की सतह पर अधिकतम होता है 
(d) प्रकृति का सार्वत्रिक नियतांक है
उत्तर - (d)
6. गुरुत्वाकर्षण के नियम में गुरुत्वाकर्षण बल-
(a) केवल पृथ्वी तथा बिंदु द्रव्यमान के बीच होता है 
(b) केवल सूर्य तथा पृथ्वी के बीच होता है 
(c) द्रव्यमान रखने वाले किन्हीं भी दो पिंडों के बीच होता है 
(d) केवल दो आवेशित पिंडों के बीच होता है /
उत्तर - (c)
7. गुरुत्वाकर्षण के नियम में राशि G का मान-
(a) केवल पृथ्वी के द्रव्यमान पर निर्भर करता है 
(b) केवल पृथ्वी की त्रिज्या पर निर्भर करता है
(c) पृथ्वी के द्रव्यमान एवं त्रिज्या दोनों पर निर्भर करता है 
(d) पृथ्वी के द्रव्यमान एवं त्रिज्या पर निर्भर नहीं करता है 
उत्तर - (d)
8. वायुमंडल पृथ्वी से जकड़ा हुआ है-
(a) गुरुत्व बल द्वारा 
(b) पवन द्वारा
(c) बादलों द्वारा 
(d) पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र द्वारा 
उत्तर - (a)
9. एकांक दूरी पर स्थित दो एकांक द्रव्यमानों के बीच आकर्षण बल कहलाता है-
(a) गुरुत्वीय विभव 
(b) गुरुत्वीय त्वरण
(c) गुरुत्वीय क्षेत्र 
(d) सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक 
उत्तर - (d)
10. किसी पिंड का वायु में भार 10 N है। जल में पूरा डुबाने पर इसका भार केवल 8 N है। पिंड द्वारा विस्थापित जल का भार होगा-
(a) 2 N
(b) 8 N
(c) 10 N
(d) 12 N
उत्तर - (a)
11. कोई लड़की 60 cm लंबे, 40cm चौड़े तथा 20 cm ऊँचे किसी बॉक्स पर तीन ढंग से खड़ी होती है। बॉक्स द्वारा लगाया गया दाब -
(a) तब अधिकतम होगा जब आधार लंबाई व चौड़ाई से बना है
(b) तब अधिकतम होगा जब आधार चौड़ाई व ऊँचाई से बना है
(c) तब अधिकतम होगा जब आधार ऊँचाई व लंबाई से बना है
(d) उपरोक्त तीनों प्रकरणों में समान होगा 
उत्तर - (b)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (a) 

अतः वस्तु का वेग उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है, अर्थात दोनो वस्तुओं का वेग किसी भी क्षण समान होगा। ,
चंद्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण = 1 /6 पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरणअर्थात त्वरण नियत रहेगा, ये विभिन्न नहीं हो सकते है । 
दोनों पिंडो पर विभिन्न बल कार्य करेगा। 

पिंडों के सतह पर टकराने से पहले दोनों वस्तुओं के जड़त्व में कोई परिवर्त्तन नहीं होगा।
2. (c) इस स्थिति में वस्तु पर लगने वाला बल

3. (a) माना दोनों वस्तुओं का द्रव्यमान M1 तथा M2 है और उनके बीच की दूरी r है ।

गुरुत्वाकर्षण के नियम से

अब प्रश्नानुसार दूरी (r) को समान रखते हुए द्रव्यमान को 

अर्थात द्रव्यमान आधा पर बल 1/4 गुणा हो जाता है।
दो पिंडो के बिच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है ।
द्रव्यमान बढ़ने से वस्तुओ के बिच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल बढ़ेगा।
4. (c) डोरी से बंधा पत्थर तनाव T के कारण अभिकेन्द्र बल प्राप्त करता है।

रस्सी टूटने के पश्चात पत्थर वृत्ताकार पथ पर किसी सरल रेखीय स्पर्शी के अनुदिश गति करेगा।
अभिकेन्द्रीय बल के कारण पिण्ड वक्र-पथ पर गति करता है।
इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर अभिकेन्द्रीय बल के कारण चक्कर लगाते है।
एक वृत्ताकार गति में कण पर कार्य करने वाला बल त्रिज्यीय रूप से अंदर की ओर होता है।
5. (d) राशि 'G' प्रकृति का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक है। जिसका मान ब्रह्मांड में किसी भी स्थान पर नियत रहता है ।
गुरुत्वाकर्षण नियातांक 'G' का मान 6.67 × 10-11 Nm2/ kg2 होगा। 
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम सदैव दो पिंडो के बीच लगता है।
गुरुत्वाकर्षण नियम के अनुसार- दो पिंडो के बीच लगने वाला

6. (c) न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम अनुसार किन्हीं दो पिंडों के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है, तथा बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

अर्थात समी० (i) से।
(i) गुरुत्वाकर्षण बल दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान पर निर्भर करता है अर्थात ये बल द्रव्यमान रखने वाले किन्हीं दो पिंडो के बीच लगेगा।
समी० (ii) से
(i) गुरुत्वाकर्षण बल उनके बीच की दूरी पर निर्भर करता 
(ii) दो पिंडो के बीच दूरी जितनी अधिक होगी यह बल उतना ही कम होगा।
(iii) दूरी कम होने पर बल बढ़ेगा।
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियंताक 'G' का SI मात्रक N-m2/ kg2
'G' का मान 6.673 × 10-11 Nm2/Kg2 होता है।
7. (d) गुरुत्वाकर्षण के नियम में राशि 'G" का मान किसी पर भी निर्भर नहीं है।
गुरुत्वाकर्षण नियतांक 'G' का मान किसी भी पिंड के द्रव्यमान तथा त्रिज्या पर निर्भर नही करता है।
गुरुत्वाकर्षण नियतांक 'G' को प्रकृति का सार्वभौमिक या सार्वत्रिक नियंताक भी कहते है।
'G' का मान किसी भी पिंड के स्थिति अवस्था आदि किसी भी चीज पर निर्भर नहीं करता है ।
'G' का मान सर्वदा, सभी स्थानो पर नियत रहता है।
'G' का मान 6.67 × 10-11 Nm2/Kg2 होता है।
गुरुत्वाकर्षण का नियम न्यूटन ने दिया था।
न्यूटन ने गति के तीन नियम दिए है।
8. (a) वायुमंडल गुरुत्वीय बल द्वारा पृथ्वी से जकड़ा हुआ है।
पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद गैसों के विभिन्न परमाणुओं में द्रव्यमान होता है तो इनके और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण बल लगता है जिससे ये पृथ्वी से जकड़े रहते है।
यदि दो पिंडों में से एक पिंड पृथ्वी हो तो उनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी का गुरुत्वीय बल कहलाता है।
गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी सभी वस्तुओं को अपनी ओर खिंचता है।
गुरुत्वीय त्वरण 'g' का मान 9.8m/s2 होता है।
'g' का मान अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग होता है।
हमारे ग्रह के चारों ओर की हवा को गुरुत्वाकर्षण बल बाँध के रखता है।
9. (d) एकांक दूरी तथा एकांक द्रव्यमान होने पर 

एकांक दूरी तथा एकांक द्रव्यमान होने पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक के बराबर होता है।
10. (a) वायु में भार = 10 N
जल में भार = 8 N
जल में भार = वायु में भार - उत्पलावन बल
जल में भार = वायु में भार - विस्थापित जल
      ('.' उत्पलावन बल = विस्थापित जल का भार)
8 N = 10N – विस्थापित जल का भार
विस्थापित जल = 10N – 8N = 2N
विस्थापित जल = 2N
11. (b) बॉक्स की लंबाई = 60cm
                        चौड़ाई = 40cm 
                        ऊँचाई = 20cm 
                                             
माना लकड़ी का द्रव्यमान = M
लकड़ी का भार = mg

अर्थात दाब दूसरी स्थिति में जब आधार चौड़ाई एवं ऊँचाई से बना होगा तब अधिकतम होगा।
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Thu, 15 Feb 2024 07:47:35 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Force And Laws Of Motion बल तथा गति के नियम https://m.jaankarirakho.com/902 https://m.jaankarirakho.com/902 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Force And Laws Of Motion  बल तथा गति के नियम
1. सरल रेखीय पथ के अनुदिश त्वरित गति से गतिमान किसी पिंड के लिए नीचे दिए गए कथनों में कौन-सा सही नहीं है ?
(a) इसकी चाल परिवर्तित होती रहती है। 
(b) इसका वेग सदैव परिवर्तित होता है।
(c) यह सदैव पृथ्वी से दूर जाता है।
(d) इस पर सदैव एक बल कार्य करता है।
उत्तर - (c)
2. गति के तीसरे नियम के अनुसार क्रिया एवं प्रतिक्रिया-
(a) सदैव एक ही वस्तु पर लगती है 
(b) सदैव दो भिन्न वस्तुओं पर विपरीत दिशाओं में कार्य करती 
(c) के परिमाण एवं दिशाएँ समान होती है 
(d) किसी भी एक वस्तु पर एक दूसरे के अभिलंबवत् कार्य करती है 
उत्तर - (b)
3. फुटबॉल के खेल में कोई गोलरक्षक गोल पर तीव्र गति से आती बॉल को पकड़ने के पश्चात् अपने हाथों को पीछे की ओर खींचता है। ऐसा करके गोल रक्षक-
(a) बॉल पर अधिक बल लगा पाता है 
(b) बॉल द्वारा हाथों पर लगाए गए बल को कम कर पाता है 
(c) संवेग-परिवर्तन की दर में वृद्धि कर पाता है
(d) संवेग - परिवर्तन की दर में कमी कर पाता है 
उत्तर - (b)
4. किसी पिंड का जड़त्व-
(a) उसकी चाल बढ़ाता है 
(b) उसकी चाल कम करता है
(c) उसकी गति की अवस्था में परिवर्तन को प्रतिरोधित करता है
(d) घर्षण के कारण अवमंदित करता है 
उत्तर - (c)
5. कोई यात्री किसी गतिमान रेलगाड़ी में एक सिक्का उछालता है जो उसके पीछे गिरता है। इसका यह अर्थ है कि रेलगाड़ी की गति-
(a) त्वरित है / Accelerated
(b) एकसमान है / Uniform
(c) अवमंदित है / Retarded
(d) वृत्ताकार पथ के अनुदिश है / Along circular tracks
उत्तर - (a)
6. 2 kg द्रव्यमान का कोई पिंड किसी घर्षणहीन क्षैतिज मेज पर 4ms-1 के नियत वेग से फिसल रहा है। इस वस्तु की इसी वेग से गति बनाए रखने के लिए आवश्यक बल है-
(a) 32N
(b) 0N
(c) 2N
(d) 8N
उत्तर - (b)
7. रॉकेट किस नियम पर कार्य करता है-
(a) द्रव्यमान संरक्षा नियम पर 
(b) ऊर्जा संरक्षण नियम पर 
(c) संवेग संरक्षण नियम पर 
(d) संरक्षण नियम पर 
उत्तर - (c)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (c) वस्तु त्वरित गति से बढ़ रही है ।

वस्तु त्वरित गति से बढ़ रही है अर्थात वेग या चाल भी बढ़ती रहेगी।
वस्तु को त्वरित गति से बढ़ाने के लिए उस पर कुछ बल अर्पित करना होगा। वस्तु त्वरित गति से बढ़ रही है अर्थात् इस पर सदैव एक बल कार्य करता रहेगा।
विकल्प 'C' गलत है क्योंकि इसमें पृथ्वी से दूर जाने कि बात कही जा रही है जो की इस case में संभव नहीं है, क्योंकि वस्तु सरल रेखा पर गति कर रही है ना कि पृथ्वी से ऊपर कि ओर। 
2. (b) गति के तीसरे नियम के अनुसार क्रिया एवं प्रतिक्रिया बल सदैव दो भिन्न वस्तुओं पर विपरित दिशा में लगता है।
न्यूटन ने गति के तीन नियम दिए है।
(i) गति का पहला नियम- इसे जड़त्व का नियम भी कहते है।
(ii) गति का दूसरा नियम- इसे संवेग का नियम भी कहते है।
इससे बल की परिभाषा ज्ञात की जाती है।
(iii) गति का तीसरा नियम- इसे क्रिया तथा प्रतिक्रिया नियम भी कहते है।
गति का तीसरा नियम सदैव दो भिन्न वस्तुओं पर कार्य करता है।
एक वस्तु द्वारा दूसरे वस्तु पर लगाया गया बल सदैव बराबर एवं विपरित दिशा में कार्य करता है।
3. (b) गेंद का द्रव्यमान = M
संवेग = द्रव्यमान x वेग
↑P = MV↑ (वेग अधिक होने की वजह से संवेग अधिक होगा)
वस्तु को रोकने के लिए संवेग शून्य होना चाहिए।
संवेग शून्य करने के लिए बल अर्पित करना होगा
बल = समय के सापेक्ष संवेग परिवर्त्तन कि दर

यहाँ अगर समय का मान बढ़ा देते है तो लगने वाला बल कम हो जाता है।
समय का मान बढ़ाने के लिए अपने हाथ को पीछे करता है जिससे बल कम हो जाता है।
4. (c) किसी पिंड का जड़त्व उसकी गति की अवस्था या विराम कि अवस्था में परिवर्त्तन का विरोध करता है।
न्यूटन का प्रथम नियम ही जड़त्व का नियम कहलाता है।
किसी वस्तु का जड़त्व मूलतः उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है।
वस्तु के द्रव्यमान बढ़ने से जड़त्व में भी वृद्धि होती है। जड़त्व के नियम के कुछ उदाहरण-
(i) रूकी हुई गाड़ी के अचानक चलने पर यात्रियों का पीछे कि ओर झुक जाना।
(ii) पेड़ को हिलाने से पत्तियों एवं फल का टूटकर गिर जाना।
(a) रेलगाड़ी = AB
रेलगाड़ी की गति = v
वर्त्तमान में सिक्का और व्यक्ति की गति = v

रेलगाड़ी के साथ व्यक्ति व सिक्का समान गति से बढ़ रहे है।
जब सिक्का उछाला जाता है तो वह पिछे गिरता है, अर्थात् सिक्के की गति में कमी या रेलगाड़ी की गति में वृद्धि हुई है।
सिक्के की गति में कमी संभव नहीं है अर्थात रेलगाड़ी की गति त्वरित है।
उपरोक्त क्रिया जड़त्व के कारण घटित होती है। सिक्का जड़त्व के कारण अपने गति में परिवर्त्तन नहीं कर पाता है।
6. (b) वस्तु A नियत वेग V = 4m / s से बढ़ रही है।

7. (c) रॉकेट संवेग संरक्षण के सिद्धांत पर कार्य करता है ।
संवेग द्रव्यमान तथा वेग का गुणनफल होता है ।
संवेग एक सदिश राशि है।
संवेग कि दिशा वस्तु के वेग की दिशा में होती है।

         

संवेग का मात्रक kgm/s या N - s होता है।
यदि किसी निकाय का बाहृय बल कार्य न कर रहा हो तो निकाय का कुल संवेग नियत रहता है ।
संवेग को ना ही उत्पन्न किया जा सकता है न ही नष्ट किया जाता है यह केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होता है।

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Thu, 15 Feb 2024 06:44:53 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Motion गति https://m.jaankarirakho.com/901 https://m.jaankarirakho.com/901 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Motion  गति
1. कोई कण त्रिज्या (r) के वृत्ताकार पथ में गमन कर रहा है। अर्धवृत्त पूरा करने के पश्चात् इसका विस्थापन होगा
(a) शून्य / Zero
(b) π r
(c) 2r
(d) 2π r 
उत्तर - (c)
2. एक पिंड, वेग 'u' से ऊर्ध्वाधर ऊपर फेंका जाता है। इसके ऊपर उठने की अधिकतम ऊँचाई 'h' होगी

उत्तर - (b)
3. किसी गतिमान पिंड के लिए विस्थापन तथा दूरी का आंकिक अनुपात क्या होता है
(a) सदैव 1 से कम 
(b) सदैव 1 के बराबर 
(c) सदैव 1 से अधिक 
(d) 1 के बराबर अथवा कम 
उत्तर - (d)
4. यदि किसी पिंड का विस्थापन, समय के वर्ग के अनुक्रमानुपाती है, तो वह वस्तु गमन करती है
(a) एकसमान वेग से / Uniform velocity
(b) एकसमान त्वरण से / Uniform acceleration
(c) बढ़ते त्वरण से / Increasing acceleration
(d) घटते त्वरण से / Decreasing acceleration
उत्तर - (b)
5. दिए गए v - t ग्राफ से यह निष्कर्ष निकाल सकते है कि पिंड—

(a) एकसमान वेग से / In uniform motion 
(b) एकसमान त्वरण से / At rest
(c) बढ़ते त्वरण से / In non-uniform motion
(d) घटते त्वरण से / Moving with uniform acceleration
उत्तर - (a)
6. मान लीजिए कोई लड़का 10ms-1 की नियत चाल से चल रहे “मेरी गो राउंड” झूले पर सवारी करने का आनंद ले रहा है। इससे ज्ञात होता है कि वह लड़का-
(a) विराम में है
(b) बिना त्वरण के गमन कर रहा है 
(c) त्वरित गति में है 
(d) एकसमान वेग से गमन कर रहा है 
उत्तर - (c)
7. v–t ग्राफ द्वारा घेरा गया क्षेत्रफल किसी भौतिक राशि को निरूपित करता है जिसका मात्रक है -
(a) m2 
(b) m
(c) m3
(d) ms-1
उत्तर - (b)
8. चार A, B, C तथा D किसी समतल सड़क पर गति कर रही है। इनके दूरी-समय ग्राफ में दर्शाए गए है। सही कथन चुनिए

(a) कार A की चाल कार D से अधिक है।
(b) कार B सबसे धीमी है 
(c) कार D की चाल कार C से अधिक है
(d) कार C सबसे धीमी है /
उत्तर - (b)
9. चित्र का कौन-सा ग्राफ एकसमान गति का सही निरूपण करता है?

उत्तर - (a)
10. वेग-समय ग्राफ की प्रवणता से प्राप्त होता है
(a) दूरी / The distance
(b) विस्थापन / The displacement
(c) त्वरण / The acceleration
(d) चाल / The speed
उत्तर - (c)
11. नीचे दिए गए प्रकरणों में से किसमें, चली गई दूरी तथा विस्थापन के परिमाण समान होते है?
(a) यदि कार सीधी सड़क पर गमन कर रही है।
(b) यदि कार वृत्ताकार पथ में गमन रक रही है।
(c) लोलक इधर-उधर गति कर रहा है ।
(d) पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा कर रही है।
उत्तर - (a)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (c) त्रिज्या = r

2. (b) जब वस्तु को उर्ध्वाधर ऊपर कि ओर फेका जाता है तो यह तब तक ऊपर कि ओर जाएगा, तब तक इसका अंतिम वेग V = 0 न हो जाए।

3. (d) विस्थापन तथा दूरी का अंकिक अनुपात सदैव 1 के बराबर या उससे कम होगा।
विस्थापन – दो बिन्दुओं के बीच की न्यूनतम दूरी ।
दूरी = दो बिन्दुओं के बीच की दूरी
विस्थापन दूरी के बराबर या छोटा हो सकता है।
विस्थापन दूरी से बड़ा कदापि नहीं हो सकता है।
दूरी अदिश राशि है, अर्थात इसकी दिशा निश्चित नहीं होती है।
विस्थापन सदिश राशि रशि है अर्थात इसकी दिशा निश्चित होती है।
दूरी सदैव धनात्मक होती है।
विस्थापन धनात्मक ऋणात्क तथा शून्य भी हो सकता है।
दोनों का मात्रक मीटर होता है।
4. (b) 

5. (a) दिए गए ग्राफ से स्पष्ट है कि वस्तु का वेग नियत है, और समय बढ़ रहा है। अर्थात वस्तु एकसमान गति कर रहा है।

6. (c) लड़के की चाल नियत है।
चाल =.10m/s

7. (b)

8. (b)

ढ़ाल के अनुसार वस्तु की चाल
SB < SA < SD < SC
अर्थात B की चाल सबसे कम है।
9. (a) विकल्प से

एकसमान गति अर्थात दूरी के सापेक्ष समय में परिवर्त्तन ।
एक वस्तु समान समयांतराल में समान दूरी तय करे तो वस्तु एकसमान गति में होती है।
एक समान गति में दुरी समय ग्राफ सरल रेखिय होता है।
10. (c) वेग = स्थिति में परिवर्त्तन की दर अर्थात समय के साथ विस्थापन कि दर वेग कहलाता है। 

11. (a) सरल रेखा में तय की गई दूरी, विस्थापन के समान होती है।
जब कार सीधी सड़क पर गमन कर रही है तो यह सरल रेखा में गति कर रही है अर्थात इस संदर्भ में दूरी तथा विस्थापन परिमाण में समान होगें।
वृत्ताकार परिपथ, अंडाकार परिपथ या किसी अन्य टेढ़े में पथ पर हो रही गति में दूरी, विस्थापन से अधिक होती है।
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Thu, 15 Feb 2024 06:26:29 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Diversity In Living Organisms जीवों में विविधता https://m.jaankarirakho.com/900 https://m.jaankarirakho.com/900 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Diversity In Living Organisms जीवों में विविधता
1. गलत वाक्य चुनिए
(a) एककोशिकीयं यूकैरियोटिक जीवों को प्रोटिस्टा जगत के अंतर्गत रखा गया है।
(b) व्हिटेकर द्वारा कोशिका संरचना, पोषण के स्रोत एवं प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए जीवों को पाँच जगत में वर्गीकृत किया गया है।
(c) मॉनेरा जगत एवं प्रोटिस्टा जगत दोनों स्वपोषी अथवा विषमपोषी हो सकते है।
(d) मॉनेरा जगत के जीवों में सुस्पष्ट केंद्रक होता है।
उत्तर - (d)
2. निम्नलिखित में से किसमें जल संवहन के लिए विशिष्ट ऊतक पाए जाते है?
(i) थैलोफाइटा / Thallophyta
(ii) ब्रायोफाइटा / Bryophyta
(iii) टेरिडोफाइटा / Pteridophyta
(iv) जिम्नोस्पर्म (अनावृतबीजी) /Gymnosperms
(a) (i) और (ii)
(b) (ii) और (iii)
(c) (iii) और (iv)
(d) (i) और (iv)
उत्तर - (d)
3. निम्नलिखित में से कौन बीज उत्पन्न करता है?
(a) थैलोफाइटा / Thallophyta
(b) ब्रायोफाइटा / Bryophyta
(c) टेरिडोफाइटा / Pteridophyta
(d) जिम्नोस्पर्म / Gymnosperms
उत्तर - (d)
4. कौन-सी यर्था मछली है?
(a) जेलीफिश / Jellyfish
(b) स्टारफिश / Starfish
(c) डॉगफिश / Dogfish
(d) सिल्वरफिश / Silverfish
उत्तर - (c)
5. निम्नलिखित में कौन-से प्राणी समुद्रों में पाए जाते है ?
(a) पॉरीफेरा / Porifera
(b) एकाइनोडर्मेटा / Echinodermata
(c) मोलस्का / Mollusca
(d) पिसीज (मत्स्य वर्ग) / Pisces
उत्तर - (b)
6. निम्नलिखित में से किसमें खुला परिसंचरण तंत्र पाया जाता है?
(i) आर्थ्रोपोडा / Arthropoda
(ii) मोलस्का / Mollusca
(iii) ऐनेलिडा / Annelida
(iv) सीलेन्टेरेटा / Coelenterata
(a) (i) और (ii)
(b) (iii) और (iv)
(c) (i) और (iii)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर - (a)
7. वह कौन-सा समूह है, जिसके प्राणियों की प्रगुहा रुधिर से भरी होती है?
(a) आर्थ्रोपोडा / Arthropoda
(b) ऐनेलिडा / Annelida
(c) नेमेटोडा / Nematoda
(d) एकाइनोडर्मेटा / Echinodermata
उत्तर - (a)
8. श्लीपद अर्थात फीलपांव रोग निम्नलिखित के द्वारा होता है ?
(a) वुचेरेरिया / Wuchereria
(b) पिनकृमि / Pinworm
(c) प्लैनेरियन प्राणी / Planarians
(d) यकृत पर्णाभ कृमि / Liver flukes
उत्तर - (a)
9. कशेरूकियों का निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे महत्वपूर्ण अथवा (सामान्य) लक्षण है?
(a) पृष्ठरज्जु का पाया जाना 
(b) त्रिकोरकी अवस्था का पाया जाना
(c) क्लोम कोष्ठ का पाया जाना
(d) देहगुहा का पाया जाना
उत्तर - (a)
10. निम्नलिखित में से किसमें शल्क होते है ?
(i) ऐम्फिबिया / Amphibians
(ii) पिसीज / Pisces
(iii) सरीसृप / Reptiles
(iv) स्तनधारी / Mammals
(a) (i) और (iii)
(b) (iii) और (iv)
(c) (ii) और (iii)
(d) (i) और (ii)
उत्तर - (c)
11. गलत वाक्या को चुनिए
(a) एवीज वर्ग के पक्षी समतापी, अंडे देने वाले तथा हृदय में चार कक्ष वाले होते है।
(b) · एवीज वर्ग के पक्षियों का शरीर परों से ढका होता है, इनके अग्रपाद रूपांतरित होकर पंख बनाते है और ये फेफड़ों के द्वारा सांस लेते है।
(c) मछलियाँ, जलस्थली जीव (उभयचर) तथा रेंगने वाले जीव (सरीसृप) सभी अंडे देने वाले (अंडप्रजक) होते है ।
(d) स्तनधारी वर्ग के प्राणी सदैव जरायुज होते है अर्थात् बच्चे को जन्म देते है।
उत्तर - (d)
12. टेरिडोफाइटा में कौन-सा अंग नहीं होता ?
(a) मूल / Root
(b) तना / Stem 
(c) पुष्प / Flowers
(d) पत्तियाँ / Leaves
उत्तर - (c)
13. पॉरीफेरा संघ के सदस्य को पहचानिए
(a) स्पांजिला / Spongilla
(b) यूग्लीना / Euglena
(c) पेनिसिलियम / Penicillium
(d) हाइड्रा / Hydra
उत्तर - (a)
14.  कौन-सा एक जलीय प्राणी नहीं है?
(a) हाइड्रा / Hydra 
(b) जेलीफिश / Jellyfish
(c) कोरल / Corals
(d) फाइलेरिया / Filaria
उत्तर - (d)
15. ऐम्फिबियनों में नहीं होता है
(a) तीन प्रकोष्ठ वाला हृदय / Three chambered heart
(b) क्लोम या फेफड़ा / Gills or lungs
(c) शल्क / Scales
(d) श्लेष्मा ग्रंथि / Mucus glands
उत्तर - (c)
16. बिना केंद्रक एवं कोशिकांग वाले जीव कौन से वर्ग में आते है ? 
(i) कवक / Fungi
(ii) प्रोटिस्टा / Protista
(iii) सायनोबैक्टीरिया / Cyano bacteria
(iv) आर्किबैक्टीरिया / Archae Bacteria
(a) (i) और (ii)
(b) (iii) और (iv)
(c) (i) और (iv)
(d) (ii) और (iii)
उत्तर - (b)
17. निम्नलिखित में कौन-सा सजीवों के वर्गीकरण के लिए लक्षण मापदंड नहीं है?
(a) जीव की देह रचना 
(b) अकेले अपना भोजन बनाने की सामर्थ्य 
(c) झिल्लीयुक्त केंद्रक एवं कोशिकांग 
(d) पादप की ऊँचाई 
उत्तर - (d)
18. प्रोटोकॉर्डेटा का जो विशिष्ट लक्षण नहीं है
(a) पृष्ठरज्जु का होना 
(b) द्विपार्श्व सममित एवं प्रगुहा 
(c) संधिपाद 
(d) परिसंचारी तंत्र का होना 
उत्तर - (c)
19. एकाइनोडर्मेटा का चलन-अंग है
(a) नाल पाद / Tube feet
(b) पेशीय पाद / Muscular Feet
(c) संधि पाद / Jointed Legs
(d) पार्श्वपाद / Parapodia
उत्तर - (a)
20. कोरल ( प्रवाल ) क्या होते है ?
(a) ठोस आधार से चिपके रहने वाले पॉरीफेरा संघ के प्राणी
(b)केले रहने वाले नाइडेरिया संघ के प्राणी
(c)समुद्री तल पर पाए जाने वाले पॉरीफेरा संघ के प्राणी
(d) निबह (कॉलोनी) में रहने वाले नाइडेरिया संघ के प्राणी
उत्तर - (d)
21. जीवों की वैज्ञानिक नाम पद्धति की व्यवस्था किसने प्रस्तुत की ?
(a) रॉबर्ट व्हिटेकर 
(b) कैरोलस लिनियस
(c) रॉबर्ट हुक 
(d) अर्नेस्ट हेकेल 
उत्तर - (b)
22. दो प्रकोष्ठ वाला हृदय किसमें पाया जाता है ?
(a) मगरमच्छ में / Crocodiles
(b) मछली में / Fish
(c) पक्षी में / Aves
(d) उभयचर में / Amphibians 
उत्तर - (b)
23. संपूर्ण रूप से उपास्थि का बना कंकाल किसमें होता है?
(a) शार्क में / Sharks
(b) ट्यूना में / Tuna
(c) रोहू में / Rohu
(d) इनमें से किसी में नहीं 
उत्तर - (a)
24. निम्नलिखित में से कोई एक ऐनेलिड प्राणी नहीं है -
(a) नेरीस / Nereis
(b) केंचुआ / Earthworm 
(c) जोंक / Leech these 
(d) अर्चिन / Urchins
उत्तर - (d)
25. 'सिस्टेमा नेचुरी' नामक पुस्तक निम्नलिखित में से किसके द्वारा लिखी गई थी ?
(a) लिनियस / Linnaeus
(b) हेकेल / Haeckel
(c) व्हिटेकर / Whittaker
(d) रॉबर्ट ब्राउन / Robert Brown
उत्तर - (a)
26. कार्ल वॉन लिने का योगदान विज्ञान की किस शाखा से था? 
(a) आकारिकी से / Morphology
(b) वर्गीकरण से / Taxonomy
(c) कार्मिकी से / Physiology
(d) आयुर्विज्ञान से / Medicine
उत्तर - (b)
27. वास्तविक अंग किस वर्ग में नहीं होते है?
(a) मोलास्का में / Mollusca
(b) सीलेन्ट्रेटा में / Coelenterata
(c) आर्थ्रोपोडा में / Arthropoda
(d) एकाइनोडर्मेटा में / Echinodermata
उत्तर - (b)
28. कठोर कैल्शियम कार्बोनेट से बनी संरचना का कंकाल के रूप में निम्नलिखित में से किसके द्वारा इस्तेमाल किया जाता है ? 
(a) एकाइनोडर्मेटा / Echinodermata
(b) प्रोटोकॉर्डेटा / Protochordata
(c) आर्थ्रोपोडा / Arthropoda
(d) नेमेटोडा / Nematoda
उत्तर - (a)
29. निम्नलिखित में से किसकी खंडीय व्यवस्था में विभेदन होता है ?
(a) जोंक में / Leech
(b) स्टारफिश में / Starfish
(c) घोंघा में / Snails
(d) ऐस्केरिस में / Ascaris
उत्तर - (a)
30. वर्गिकीय पदानुक्रम में कुल (फैमिली) कौन-से दो के मध्य में आती है?
(a) वर्ग एवं गण / Class and Order
(b) गण एवं वंश / Order and Genus
(c) वंश एवं जाति / Genus and Species
(d) डिवीजन और वर्ग / Division and Class
उत्तर - (b)
31. पाँच-जगत वर्गीकरण की पद्धति निम्नलिखित में से किसके द्वारा प्रस्तुत की गई ?
(a) मॉरगन / Morgan
(b) आर. व्हिटेकर / R. Whittaker
(c) लिनियस / Linnaeus
(d) हेकेल / Haeckel
उत्तर - (b)
32. सुपरिभाषित केंद्रक किसमें नहीं पाया जाता है -
(a) नील हरित शैवाल में / Blue green algae
(b) डायटम में / Diatoms
(c) शैवाल में / Algae
(d) यीस्ट में / Yeast
उत्तर - (a)
33. जातियों का उद्भव' नामक पुस्तक निम्नलिखित में से किसके द्वारा लिखी गई -
(a) लिनियस / Linnaeus 
(b ) डार्विन / Darwin
(c) हेकेल / Hackel
(d) व्हिटेकर / Whittaker
उत्तर - (b)
34.  मीना और हरि ने अपने बगीचे में एक जीव देखा। हरि ने उसे कीट बताया, जबकि मीना ने कहा- यह केंचुआ है। निम्नलिखित में से उस लक्षण को चुनिए जो उसके कीट होने की पुष्टि करता हो
(a) द्विपार्श्व सममिति वाली देह / Bilateral symmetrical body
(b) संधित पाद वाला शरीर / Body with jointed legs
(c) बेलनाकार शरीर / Cylindrical body
(d) खंडयुक्त शरीर / Body with little segmentation
उत्तर - (b)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (d) प्रोटिस्टा जगत के अन्तर्गत आने वाले जीव एक कोशिकीय यूकैरियोटिक होते है।
अमीबा, पैरामीशियम, युग्लीना, प्रोटोजोआ प्रोटिस्टा जगत के अन्तर्गत आते है।
व्हिटेकर के द्वारा पृथ्वी के समस्त जीवों को पांच जगत में वर्गीकृत किया गया था, जिसे मोनेरा, प्रोटिस्टा, कवक, पादप, जन्तु जगत के नाम से जानते है।
मोनेरा जगत के जीवों में केन्द्रक नहीं होता है। इसके अन्तर्गत जीवाणु, माइकोप्लाज्मा, BGA आते है।
पोषण के दृष्टि कोण से मोनेरा जगत के जीव स्वपोषी/ विषम पोषी होते है।
2. (d) जल संवहन उत्तक (जाइलम + फ्लोएम) थैलोफाइटा तथा ब्रायोफाइटा में नहीं पाए जाते है।
पृथ्वी पर पहला वर्ग टेरिडोफाइटा था जिसमें जाइलम तथा फ्लोएम पाया गया।
Gymnosperm तथा Angiosperm में भी जाइलम तथा फ्लोएम पाए जाते है ।
Gymnosperm को नग्न बीजी भी कहा जाता है, इसमें साइकस सिकोया चीड, सिनकोना के पौधे को शामिल किया गया है। 7.
थैलोफाइटा के अन्तर्गत शैवाल को शामिल किया गया जिसमें जड़, तना, पत्ता, फूल, फल, बीज, जाइलम, फ्लोएम नहीं पाए जाते है ।
3. (d) बीज उत्पन्न करने वाले वर्ग को Gymnosperm कहते है, इनके बीज में छिलका नहीं होता है, ये नग्न बीजी होते है।
मॉस तथा लिवर वर्टस Bryophyta के अन्तर्गत आते है। इसे पादप जगत का उभयचर कहा जाता है।
टेरिडोफाइटा के अन्तर्गत इक्वी जीटम, लाइको पोडियम, साइलोटम, टेरिस पौधे आते है।
पादप जगत का सबसे विकसित वर्ग को Angiosperm कहते है।
मनुष्य के द्वारा उपयोग किए जाने वाले सारे फल, सब्जी, अनाज, Angiosperm के अन्तर्गत आते है।
4. (c) डॉग फिश को स्कोलियोडॉन भी कहते है, यह एक सत्य मछली है। इसे मत्स्य वर्ग में रखा गया है।
जेली फिश सीलेन्ट्रेटा संघ में रखा गया है, इस संघ के अधिकांश जीव समुद्री होते है ।
स्टार फिश इकाइनोडर्मेटा संघ के अन्तर्गत आते है, ये अकशेरूकी होते है।
सिल्वर फिश इन्सेक्टा संघ के अन्तर्गत आता है।
5. (b) एकाइनोडर्मेटा संघ के जीव समुद्रों में पाए जाते है। तारा मछली, समुद्री अर्चिन, समुद्री खीरा, एण्डी डॉन इसी संघ के जीव है।
पोरीफेरा संघ के अन्तर्गत आने वाले जीव साइकॉन, यूप्लेक्टेला, हायलोनेमा, स्पॉन्जिला आते है।
ये बहुकोशकीय जलीय जीव होते है। इसमें हड्डी तथा रीढ़ नहीं पाई जाती है।
मोलास्का जन्तु जगत का दूसरा बड़ा संघ है, इसका बाहरी आवरण कड़ा तथा निचला भाग मुलायम होता है। यह स्वच्छ जल तथा समुद्री जल में पाया जाता है।
इसका बाहरी आवरण CaCO3 का बना होता है।
मत्स्य वर्ग के अन्तर्गत मछली आता है, जैसे: रोहू, कतला, मांगुर, शार्क इत्यादि ।
6. (a) आर्थोपोडा में खुला परिसंचरण तंत्र पाया जाता है, यह जन्तु जगत का सबसे बड़ा संघ है।
इसका हृदय लम्बा तथा संकुचन शील रहता है।
इसमें तंत्रिका तंत्र पूर्ण विकसित होता है।
इनमें श्वसन की क्रिया ट्रैकिया के द्वारा होता है।
ये जन्तु सामान्यतः एक लिंगी होते है । 
बिच्छू, तितली, टिड्डा, चींटी, मकड़ी इसी संघ के जीव है।
मोलास्का संघ के जीवों की श्वसन की क्रिया गिल्स द्वारा होती है।
इनमें रक्त परिसंचरण तंत्र विकसित होता है। इनके रक्त नीला, हरा, रंगहीन होते है।
7. (a) इनमें देह गुहा एक रुधिर गुहा होती है, जो रक्त वाहिनियों के मिलने से बनी होती है।
एनेलिडा शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम लैमार्क द्वारा किया गया।
ये त्रिस्तरीय तथा बहुकोशकीय होते है, जोंक, कनगोजर, केंचुआ, एनेलिडा संघ के जीव है।
एनेलिडा में उत्सर्जन की क्रिया नेफ्रीडिया के द्वारा होती है।
निमेडोटा स्थलीय परजीवी का संघ है।
निमेडोटा संघ के अन्तर्गत एस्केरिस तथा वूचेरिया गोल कृमि आते है।
8. (a) श्लीपद रोग अर्थात् फील पांव रोग कचेरिया गोल कृमि से होता है। इस रोग से शरीर का पैर हाथी पांव जैसा हो जाता है।
प्लेनेरिया तथा यकृत पर्णाम चिपटे कृमि है। ये परजीवी होते है।
ये मनुष्य तथा जानवरों में रोग फैलाते
प्लेनेरिया तथा यकृत पर्णाम प्लेटी हेल्मिन्थीज संघ के जीव है।
9. (a) कशेरूकी का अर्थ होता है जिस जीव में रीढ़ की हड्डी पाई जाती है।
इनमें रक्त परिसंचरण तंत्र बंद होता है। हृदय कोष्ठों की संख्या अलग-अलग होती है।
इनमें फेफड़ा तथा गिल्स दोनों पाए जाते है। यही मुख्य श्वसन अंग होते है।
मनुष्य, मछली, पक्षी, उभयचर ये सभी कशेरूकी प्राणी के अन्तर्गत आते है।
10. (c) एम्फिबिया को उभयचर कहते है, इनमें शल्क नहीं पाए जाते है। इनमें हृदय कोष्ठ की संख्या 3 होती है।
पिसीज वर्ग के शरीर पर शल्क पाए जाते है। इनमें हृदय कोष्ठ की संख्या 2 होती है।
सरीसृप के ऊपर भी शल्क पाए जाते है। इनमें हृदय कोष्ठ की संख्या 3 होती है। जैसे : कछुआ, छिपकली, सांप, गिरगिट।
स्तनधारी के शरीर पर रोए पाए जाते है। ये अपने बच्चों को दूध पिलाते है।
स्तनधारी में हृदय कोष्ठ की संख्या 4 होती है।
11. (d) एवीज वर्ग (पक्षी) समतापी होते है, ये अंडा देते है, और इनमें हृदय कोष्ठ की संख्या 4 होती है।
पक्षी सांस फेफड़ा के द्वारा लेते है, इनका शरीर पंखों से ढका होता है।
मछली, उभयचर, रेगने वाले जीव अंडज होते है। ये जलीय प्रकृति के ज्यादातर होते है ।
स्तनधारी बच्चे को भी जन्म देता है, जबकि कुछ स्तनधारी अंडज होते है जैसे एकिडीना (बत्तख चोच), डक प्लेटिपस ये पक्षी होते हुए भी स्तनधारी का गुण पाया जाता है।
12. (c) टेरिडोफाइटा पादप जगत का एक भाग है। इसमें तना, जड़, पत्तियाँ पाई जाती है, पर फूल नहीं पाए जाते है।
टेरिडोफाइटा में साइलोटम, इक्वीजीटम, टेरिस लाइको पोडियम पौधे आते है।
टेरिडोफाइटा में संवहन उत्तक जाइलम तथा फ्लोएम पाए जाते है।
पुष्प नहीं होने के कारण इनमें फल का निर्माण नहीं होता है। 
13. (a) पॉरीफेरा संघ के अन्तर्गत स्पंजिला, साइकन, यूस्पंजिया जीव आते है।
युग्लीना जीव जगत का एक मात्र जीव है, जिसमें पादप तथा जन्तु दोनों का गुण पाया जाता है। ये प्रोटिस्टा जगत के जीव है।
पेनिसिलियम एक प्रकार का मृतोप जीवी कवक है, जिसका उपयोग पेनिसिलिन नामक प्रति जैविक बनाने के काम में किया गया था।
हाइड्रा एक जलीय जीव है। इसमें मुकुलन विधि द्वारा जनन होता है।
14. (d) हाइड्रा एक जलीय जीव है । यह सीलेन्ट्रेटा संघ का जीव है।
जेली फिश को औरेलिया के नाम से जानते है, ये भी जलीय जीव है।
कोरल भी एक समुद्री जीव है। यह चुनेदार आवरण से बना होता है।
फाइलेरिया एक स्थलीय प्राणी है।
15. (c) ऐम्फिबियनों में शल्क नहीं होता है।
ऐम्फिबियन एक उभयचर प्राणी होता है।
इसमें तीन प्रकोष्ठ होता है।
यह क्लोम या फेफड़ा से साँस लेता है।
16. (b) कवक तथा प्रोटिस्टा जगत के जीवों में केन्द्रक, माइट्रोकॉन्ड्रिया, गॉल्जीबॉडी पाए जाते है।
कवक के अन्तर्गत : मशरूम, यीस्ट, राइजोपस, टोकस्टूल, अस्टिलेगों आते है।
प्रोटिस्टा एक कोशकीय तथा Eokaryotic होते है। इसके अन्तर्गत, अमीबा, युग्लीना, पैरामिशीयम आते है।
साइनोबैक्टरिया तथा आर्की बैक्टीरिया के कोशिका में केन्द्रक तथा कोशिकांग नहीं पाए जाते है, इसलिए ये Prokaryotic होते है।
17. (d) सजीव का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया गया। इनके शरीर का रचना अलग-अलग होता है।
स्वपोषी जीव अपना भोजन का निर्माण स्वयं करते है।
इनके कोशिका में झिल्ली युक्त केन्द्रक तथा कोशिकांग जैसे : माइट्रोकॉण्ड्रिया, गॉल्जीबॉडी पाये जाते है |
पृथ्वी पर अनेक पादप की संरचना अलग-अलग होती है।
शैवाल, Bryophyta, Gymnosperm, Angiosperm की संरचना अलग-अलग होती है।
18. (c) प्रोटोकॉर्डेटा संघ में आने वाले जन्तु में पृष्ठ रज्जु पाए जाते है।
इनमें द्विपार्श सममित्त एवं प्रगुहा भी पाए जाते है ।
इनमें संधि पाद नहीं पाए जाते है।
इनमें परिसंचरण तंत्र पाए जाते है।
ये अकशेरूकी होत है।
इसके अन्तर्गत ट्यूनि केटस, लॉस लेट्स और हैग फिश आते है।
19. (a) एकाइनोडर्मेटा के अन्तर्गत आने वाले जीवों के शरीर पर काटे पाए जाते है।
इनमें चलन अंग के लिए नाल पाद पाए जाते है।
इनमें उत्सर्जन अंग नहीं पाए जाते है।
नाल पाद भोजन ग्रहण तथा श्वसन क्रिया में भाग लेता है।
तारा मछली तथा समुद्री खीरा इसी संघ के जीव है।
इनमें बाह्य निषेचन की क्रिया होती है।
20. (d) कोरल एक समुद्री जीव है, यह नाइडेरिया संघ के प्राणी है।
समुद्री कोरल चूनेदार अस्थि से बने होते है।
ये जीव कॉलनी बनाकर एक साथ रहने वाले जीव है।
पॉरीफेरा संघ के अन्तर्गत आने वालें जीव साइकन तथा स्पंजिला होते है।
इनके शरीर पर अनेक छिद्र पाए जाते है।
ये अत्यंत साधारण बहुकोशकीय जीव
21. (b) जीवों की वैज्ञानिक नाम पद्धति कैरोलस लीनियस ने प्रस्तुत की थी ।
कैरोलस लीनियस को वर्गिक का पिता कहा जाता है।
रॉबर्ट व्हिटेकर ने जीवों का वर्गीकरण 5 भागों में किया था।
कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक के द्वारा 1665 में सर्वप्रथम किया गया था।
अर्नेस्ट हेकेल को Ecology का पिता कहा जाता है।
22. (b) दो प्रकोष्ठ वाला हृदय मछली में पाए जाते है।
मगरमच्छ में हृदय कोष्ठ की संख्या 4 होती है।
पक्षी में हृदय कोष्ठ की संख्या 4 होती है।
उभयचर जीवों में हृदय कोष्ठों की संख्या 3 होती है ।
मनुष्य में हृदय कोष्ठों की संख्या 4 होती है।
सबसे अधिक हृदय कोष्ठ 13 तेलचट्टा में होता है।
23. (a) शार्क मछली का कंकाल तंत्र उपास्थि का बना होता है।
ट्यूना तथा रोहू का कंकाल तंत्र अस्थि का तथा बाहरी भाग उपास्थि का बना होता है।
डॉल्फिन तथा व्हेल एक मछली नहीं है। यह एक स्तनधारी है।
मछली में हृदय कोष्ठ की संख्या 2 होती है।
मछली में Vitamin A तथा Vitamin D दोनों पाए जाते है।
24. (d) नेरिस को कनगोजर भी कहते है। यह एनेलिडा संघ का प्राणी है।
केंचुआ अकशेरूक प्राणी है, यह एनेलिडा संघ का जीव है ।
जोक परजीवी प्राणी है, यह जानवरों का रक्त पीता है।
अर्चिन एकाइनोडर्मेटा संघ का जीव है। यह समुद्र में पाया जाता है।
केंचुआ भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।
इसे किसान का मित्र भी कहा जाता है।
25. (a) सिस्टेमा नेचुरी पुस्तक के लेखक कैरोलस लीनियस है। इन्हें वर्गिकी का पिता कहा जाता है।
अर्नेस्ट हेकेल को Ecology का पिता कहा जाता है।
Rh व्हिटेकर के द्वारा 1969 में जीवों का वर्गीकरण 5 जगत किया गया था।
केन्द्रक की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी।
केन्द्रक को कोशिका का Brain कहा जाता है। 
26. (b) कार्ल वॉन लिने का योगदान वर्गीकरण से संबंधित है।
आकारिकी में पौधे के विभिन्न अंगों जैसे: तना, जड़, फूल, फल का अध्ययन करते है।
आकारिकी का जनक पियो फ्रेस्ट्स को कहा जाता है ।
आयुर्विज्ञान का जनक महर्षि चरक को माना जाता है।
महर्षि सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक माना जाता है।
27. (b) वास्तविक अंग सीलेंट्रेटा संघ के जीवों में नहीं पाए जाते है।
मोलास्का संघ के जीवों का बाहरी आवरण कड़ा तथा आंतरिक अंग मुलायम होता है।
मोलास्का संघ के अन्तर्गत आने वाले जीव, घोंघा, शीप, शंख आते है। 33.
आर्थोपोडा संघ जन्तु जगत का सबसे बड़ा संघ कहलाता है। इसमें सभी कीटों को शामिल किया गया है।
एकाइनोडर्मेटा के अन्तर्गत तारा मछली तथा समुद्री अर्चिन आते है।
ये जीव समुद्री होते है।
28. (a) एकाइनोडर्मेटा संघ के जीव समुद्री होते है, इनकी बाहरी संरचना का कंकाल चूनेदार प्लेट का बना होता है।
इनके शरीर पर काटे के जैसी संरचना पाई जाती है।
आर्थोपोडा संघ में आने वाले जीव अधिकतर कीट होते है।
नेमेटोडा संघ में आने वाली जीव गोल कृमि कहलाते है। ये जीव परजीवी होते है।
29. (a) जोंक एनेलिडा संघ का जीव है, इनमें खंडीय व्यवस्था पाई जाती है।
स्टार फिश इकाइनोडर्मेटा संघ का जीव है। इनमें पुनजर्नन की क्षमता होती है।
घोंघा मोलास्का संघ का जीव है, इसका बाहरी आवरण CaCO3 का बना होता है।
एस्केरिस निमेटोडा संघ का जीव है। ये परजीवी प्रकृति के होते है।
30. (b) वर्गिकीय पदानुक्रम इस प्रकार आते है
जगत → संघ → वर्ग → गण → कुल → वंश → जाति
जिस प्रकार समान गुणों वाली स्पीशीज को एक जीनस में रखते है।
समान गुणों वालों को एक ऑर्डर में रखा जाता है।
समान गुणों वाले ऑर्डर को एक क्लास में रखा जाता है। 
समान गुणों वालों क्लास को एक फाइलम में रखा जाता है
समान फाइलम या डिविजन को एक उच्च कोटि किंगडम में रखा जाता है।
31. (b) पांच जगत वर्गीकरण का सिद्धांत 1969 में Rh व्हिटेकर ने दिया था।
कैरोलस लिनियस को वर्गिकी का पिता कहा जाता है।
अर्नेस्ट हेकेल को Ecology का जनक कहा जाता है।
Rh व्हिटेकर ने संसार के समस्त जीवों को मोनेरा, प्रोटिस्टा, कवक, पादप, जन्तु में वर्गीकृत किया था।
कैरोलस लीनियस एक स्वीडन के वैज्ञानिक थे।
32. (a) नील हरित शैवाल में केन्द्रक नहीं पाया जाता है, क्योंकि ये मोनेरा जगत के अन्तर्गत आते है।
डाप्टम एक प्रकार का शैवाल है, जो प्रोटिस्टा जगत में आते है।
शैवाल पादप जगत का पौधा है, इसमें केन्द्रक पाया जाता है।
यीस्ट एक कोशकीय कवक है। इनमें भी केन्द्रक पाया जाता है।
यीस्ट किण्वन क्रिया में भाग लेकर C2 Hg OH का निर्माण करता है।
शैवाल प्रकाश संश्लेषण में भाग लेता है। इसका अध्ययन Phycology कहलाता है।
33. (b) जातियों का उद्भव नामक पुस्तक चार्ल्स डार्विन ने लिखी थी।
लिनियस को वर्गिकी का पिता कहा जाता है।
व्हिटेकर ने संसार के समस्त जीवों को पांच जगत में बाँटा - जिसे मोनेरा, प्रोटिस्टा, कवक, जन्तु, पादप कहा जाता है।
अर्नेस्ट हैकल को Ecology का जनक कहा जाता है।
Natural selection सिद्धांत चार्ल्स डार्विन के द्वारा किया गया।
34. (b) केंचुआ एनेलिडा संघ का जीव है। यह अकशेरूकी होता है।
केंचुआ यूरिया का उत्सर्जन करता है। इसे किसान का मित्र कहा जाता है।
केंचुआ में संधित पाद वाला शरीर नहीं पाया जाता है।
केंचुआ मिट्टी की उर्वराशक्ति तथा जैविक खाद्य के निर्माण में सहायक होता है।
केंचुआ ज्यादातर नम भूमि वाले स्थानों पर पाए जाते है।
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Thu, 15 Feb 2024 05:36:58 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Tissues ऊत्तक https://m.jaankarirakho.com/899 https://m.jaankarirakho.com/899 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Tissues  ऊत्तक
1. निम्नलिखित में से कौन-से ऊतक में मृत कोशिकाएँ पाई जाती है?
(a) मृदूतक / Parenchyma
(b) दृढ़ोतक / Sclerenchyma
(c) स्थूलकोणांतक / Collenchyma
(d) उपकला ऊतक / Epithelial tissue
उत्तर - (b)
2. गलत वाक्य को चुनिए
(a) मृदूतक ऊतकों में अंतराकोशिका स्थान होते है।
(b) स्थूलकोण ऊतकों की कोशिकाओं के कोने अनियमित रूप से मोटे हो जाते है।
(c) शीर्षस्थ एवं अंतर्विष्ट विभाज्योतक स्थायी ऊतक होते है। 
(d) विभाज्यांतकी कोशिकाओं की प्रारंभिक अवस्था में रसधानियाँ नहीं होती है। 
उत्तर - (c)
3. तने की परिधि निम्नलिखित के कारण बढ़ती है
(a) शीर्षस्थ विभाज्योतक
(b) पाश्र्व विभाज्योतक 
(c) अंतर्विष्ट विभाज्योतक
(d) ऊर्ध्व विभाज्योतक
उत्तर - (b)
4. कौन-सी कोशिका में छिद्रिल कोशिकाभित्ति नहीं होती?
(a) वाहिनिकाएँ 
(b) सहचर कोशिकाएँ
(c) चालनी नलिकाएँ
(d) वाहिकाएँ 
उत्तर - (a)
5. आंत्र पचे हुए भोजन को अवशोषित करती है। उपकला कोशिकाओं का कौन-सा प्रकार इसके लिए उत्तरदायी है?
(a) स्तरित शल्की उपकला
(b) स्तंभाकार उपकला
(c) तर्क रेशे उपकला 
(d) घनाकार उपकला 
उत्तर - (b)
6. किसी व्यक्ति की दुर्घटना में हाथ की दोनों बड़ी हड्डियाँ (अस्थियाँ) अपने स्थान से हट गईं। निम्नलिखित में से कौन-सा संभावित कारण हो सकता है?
(a) कंडरा का टूटना
(b) कंकाल पेशी का टूटना
(c) स्नायु का टूटना 
(d) एरियोलर (गर्तिका) ऊतक का टूटना
उत्तर - (c)
7. काम करते समय एवं दौड़ते समय आप अपने हाथ-पैर आदि अंगों को हिलाते है। निम्नलिखित में कौन-सा कथन सही है?
(a) चिकनी पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए स्नायु को खींचती है।
(b) चिकनी पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए कंडराओं को खींचती है।
(c) कंकाल पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए स्नायु को खींचती है।
(d) कंकाल पेशियाँ संकुचित होकर अस्थियों को चलायमान करने के लिए कंडराओं को खींचती है।
उत्तर - (d)
8. कौन-सा पेशी-युग्म अनैच्छिक पेशियों के रूप में कार्य करता है? 
(i) स्तरित पेशियाँ
(ii) चिकनी पेशियाँ 
(iii) हृद पेशियाँ
(iv) कंकाल पेशियाँ 
(a) (i) तथा (ii)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (iii) तथा (iv)
(d) (i) तथा (iv) 
उत्तर - (b)
9. पादपों में विभाज्योतक ऊतक
(a) स्थानीकृत एवं स्थायी होते है
(b) कुछ भागों तक वे सीमित नहीं होते है 
(c) स्थानीकृत एवं विभाजनकारी कोशिकाओं के बने होते है
(d) परिमाण में बढ़ते रहते है
उत्तर - (c)
10. निम्नलिखित में से बाह्य त्वचा (एपिडर्मिस) का कौन-सा कार्य नहीं है?
(a) प्रतिकूल परिस्थितियों से बचाव
(b) गैसीय विनिमय
(c) जल संवहन 
(d) वाष्पोत्सर्जन
उत्तर - (c)
11. अशुद्ध वाक्य को चुनिए
(a) रूधिर के आधात्री (मैट्रिक्स) में प्रोटीन, लवण एवं हार्मोन होते है 
(b) दो अस्थियाँ, स्नायु की वजह से जुड़ी होती है 
(c) कंडरा, रेशेहीन एवं कमजोर (फ्रेजाइल) ऊतक होते है  
(d) उपास्थि संयोजी ऊतक का एक प्रकार है
उत्तर - (c)
12. निम्न में से किसमें उपास्थि नहीं पाई जाती है -
(a) नाक / Nose
(b) कान / Ear
(c) वृक्क / Kidney
(d) कंठ / Larynx
उत्तर - (c)
13. मानव शरीर में वसा निम्नलिखित में भंडारित होती है -
(a) घनाकार उपकला
(b) वसा ऊतक
(c) अस्थियाँ
(d) उपास्थि 
उत्तर - (b)
14. अस्थि आधात्री में किसकी अधिक मात्रा होती है -
(a) फ्लुओराइड एवं कैल्सियम की
(b) कैल्सियम एवं फॉस्फोरस की 
(c) कैल्सियम एवं पोटैशियम की
(d) फॉस्फोरस एवं पोटैशियम की 
उत्तर - (b)
15. संकुचनशील प्रोटीन पाई जाती है -
(a) अस्थियों में
(b) रुधिर में 
(c) पेशियों में
(d) उपास्थि में
उत्तर - (c)
16. ऐच्छिक पेशी पाई जाती है -
(a) आहार-नाल में
(b) पाद में 
(c) आँख की परितारिका (आइरिस) में
(d) फेफड़ों (फुफ्फुस) की श्वसनी में
उत्तर - (b)
17. तंत्रिका - ऊतक कहाँ नहीं पाए जाते है
(a) मस्तिष्क में 
(b) मेरुरज्जु में
(c) कंडराओं में 
(d) तंत्रिका में 
उत्तर - (c)
18. तंत्रिका कोशिका में कौन नहीं होता-
(a) तंत्रिकाक्ष 
(b) तंत्रिका के अंतिम सिरे
(c) कंडराएँ 
(d) द्रुमिका (डेंड्राइट) 
उत्तर - (c)
19. निम्नलिखित में से कौन-सी संरचना ऊतकों की मरम्मत तथा अंगों में खाली स्थान को भरने में सहायता करती है ?
(a) कंडरा / Tendon
(b) वसा ऊतक / Adipose tissue
(c) गर्तिका (एरियोलर) / Areolar
(d) उपास्थि / Cartilage
उत्तर - (c)
20. निम्नलिखित में कौन-सा पेशीय ऊतक है जो बिना थके जीवन भर लगातार कार्य करता रहता है ?
(a) कंकाल पेशी 
(b) हृद पेशी 
(c) चिकनी पेशी 
(d) ऐच्छिक पेशी
उत्तर - (b)
21. निम्नलिखित में से कौन-सी कोशिकाएँ शरीर के उपास्थिमय ऊतकों में पाई जाती है ?
(a) मास्ट कोशिकाएँ 
(b) क्षारकरोगी (बेसोफिल)
(c) ऑस्टियोसाइट 
(d) उपास्थि अणु 
उत्तर - (d)
22. फ्लोएम में पाए जाने वाले निर्जीव पदार्थ है
(a) सहचर कोशिकाएँ
(b) फ्लोएम तंतु 
(c) फ्लोएम मृदूतक 
(d) चालनी नलिकाएँ
उत्तर - (b)
23. निम्नलिखित में से किसमें परिपक्वता के समय केंद्रक लोप नहीं होता है ?
(a) सहचर कोशिकाएँ 
(b) लाल रुधिर कणिकाएँ 
(c) वहिकाएँ 
(d) चालनी नलिका कोशिकाएँ
उत्तर - (a)
24. मरुस्थलीय पादपो में, जल-ह्रास की दर में निम्नलिखित में से किसके कारण कमी आती है?
(a) उपत्वचा (क्यूटिकल) / Cuticle
(b) स्टोमेटा / Stomata
(c) लिग्निन / Lignin
(d) सुबेरिन / Suberin
उत्तर - (a)
25. एक लंबे वृक्ष में अनेक शाखाएँ होती है। इन सभी शाखाओं में जल के पाश्र्वय संवहन में सहायता करने वाले ऊतक है
(a) स्थूलकोणोतक / Collenchyma
(b) जाइलम मृदूतक / Xylem parenchyma
(c) मृदूतक (पैरेंकाइमा) / Parenchyma
(d) जाइलम वाहिकाएँ / Xylem vessels
उत्तर - (a)
26. खेत में उगे गन्ने के पौधे के अग्र भाग को यदि काट कर हटा दिया जाए, तो भी यह पौधा लंबाई में बढ़ता रहता है। ऐसा निम्नलिखित में से किस कारण होता है?
(a) एधा (कैंबियम) / Cambium
(b) शीर्षस्थ विभाज्योतक / Apical meristem
(c) पाश्र्वय विभाज्योतक / Lateral meristem
(d) अंतर्वेशी विभाज्योतक / Intercalary meristem
उत्तर - (d)
27. एक कील को वृक्ष के तने में भूमि सतह से एक मीटर की ऊंचाई पर ठोक दिया गया है। तीन वर्ष के पश्चात् यह कील-
(a) निचले स्तर पर आ जाएगी / Move downwards
(b) उच्चतर स्तर पर आ जाएगी / Move upwards
(c) उसी स्थान पर बनी रहेगी / Remain at the same position
(d) पार्श्व में पहुँच जाएगी / Move sideways
उत्तर - (c)
28. मृदूतक कोशिकाएँ होती है-
(a) अपेक्षाकृत अविशिष्टीकृत एवं पतली भित्ति वाली
(b) मोटी भित्तियुक्त एवं विशिष्टीकृत
(c) लिग्निनयुक्त 
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं 
उत्तर - (a)
29. पादपों में लचीलापन निम्नलिखित में से किसके कारण होता है ?
(a) स्थूलकोणोतक / Collenchyma
(b) दृढ़ोतक / Sclernchyma
(c) मृदूतक / Parenchyma
(d) हरित ऊतक / Chlorenchyma
उत्तर - (a)
30. कॉर्क कोशिकाओं में निम्नलिखित में से किसकी उपस्थिति होने से उनकी जल तथा गैसों के लिए पारगम्यता समाप्त हो जाती है?
(a) सेलुलोस / Cellulose
(b) लिपिड / Lipids
(c) सुबेरिन / Suberin
(d) लिग्निन / Lignin
उत्तर - (c)

ANSWERS

DISCUSSION
1. (b) दृढ़ ऊतक को स्कलेरेनकाइमा ऊतक भी कहते है।
इस ऊतक की कोशिकाएँ लंबी, मोटी एवं लिग्निनयुक्त होती है।
कोशिका द्रव्य की अनुपस्थिति होने के कारण इनकी कोशिकाएँ मृत (dead) होती है।
यह ऊतक पौधों को कठोरता एवं मजबूती प्रदान करता है।
इसके कोशिकाएँ एक-दूसरे के बहुत समीप होती है, जिसके कारण इनके मध्य अन्तरका स्थान नहीं पाया जाता है।
यह ऊतक तनों में संवहन बंडल (Vasular Bundle ) के समीप, पत्तों की शिराओं (vein) में तथा बीजों और फलों के रेशेयुक्त छिलकों में पाया जाता है।
यह पौधों के आंतरिक भागों की रक्षा करता है।
यह पौधों को दृढ़ता (Persistency) एवं लचीलापन (Flexibility) प्रदान करता है ।
हरित लवक की उपस्थिति में पौधे के लिए भोजन भी प्रदान करता है।
2. (c) शीर्षस्थ (Apical Meristems) तथा अंतर्विष्ट (Intercalary Meristems) विभाज्य ऊत्तक अस्थायी ऊत्तक है। 
क्योंकि इन कोशिकाओं में हमेशा समसूत्री विभाजन होते रहते है।
शीर्षस्थ विभाज्य ऊत्तक
शीर्षस्थ विभाज्य ऊत्तक जड़ों एवं तनों की वृद्धि वाले भागों में पाये जाते है।
ये पौधे की लम्बाई बढ़ाने में सहायक होते है।
ये निरंतर विभाजित होते रहते है जिससे जड़ों व तनों के सिरों पर वृद्धि बिन्दुओं (Growing Points) का निर्माण करते है।
अंतर्विष्ट विभाज्य ऊत्तक
यह ऊत्तक स्थायी ऊत्तकों के बीचों-बीच में पाया जाता है।
यह ऊत्तक भी पौधों की लम्बाई बढ़ाने में सहायता करता है।
ये ऊत्तक पत्तियों के आधार में या टहनी के पर्व (Internode) के दोनों ओर मौजूद रहता है।
यह ऊत्तक मूलतः शीर्षस्थ विभाज्य ऊतक के ही भाग हैं। जो लम्बाई बढ़ने के कारण शीर्षस्थ विभाज्योत्तक से अलग हो जाता है।
यह ऊत्तक गेंहूँ के आधार, पुदीने और पाइनस की पत्ती के आधार तथा घासों के तनों पर उपस्थित होते है।
3. (b) पाश्र्वय विभाज्योत्तक (Leteral Meristems) तने की परिधि या मूल में पाये जाते है।
जिसके कारण यह तने के परिधिय वृद्धि करता है।
यह तने व जड़ की चौड़ाई में वृद्धि करता है इसलिए ये ऊत्तक संवहन ऊत्तकों (Vascular Bundle) का निर्माण करते है ।
इसे द्वितीयक विभाज्योत्तक भी कहते है।
यह कॉर्क कैम्बियम के रूप में छाल (Bark) के नीचे पाया जाता है। (उदाहरण)
द्वितीय वृद्धि द्वारा बने वार्षिक वलय (Annual Rings) पेड़ की आयु को निरूपित/बताता है।
कैम्बियम की कार्य विधि मौसम के अनुसार बदलती / प्रभावित होती रहती है।
जैसे यह वसंत ऋतु में अधिक क्रियाशील होती है जबकि शीत ऋतु में मंद / धीमा हो जाती है।
विभाज्योत्तक की कोशिकाएँ छोटी एवं अंडाकर (oval shaped) होती है।
जिनमें कोशिका द्रव्य (cyto plasm) भरा होता है।
इनकी कोशिकाओं का केंद्रक अपेक्षाकृत बड़ा होता है।
विभाज्योतक के कोशिकाओं के मध्य अंतरकोशिकीय स्थान नहीं पाया जाता है।
जब यह स्थान (अंतरकोशिकीय स्थान) पर एक कोशिका अथवा कोशिका भित्ति के आकार से भी अधिक हो तो उसे अतिरिक्त कोशिकीय स्थान ( Extra intercellular space) कहा जाता है
यह ऊत्तक जन्तुओं में नहीं पाया जाता है।
परंतु पादपों ( Plants) में इन ऊत्तकों की उपस्थिति के कारण ही पौधों की वृद्धि की क्रिया जीवनपर्यंत चलती रहती है।
4. (a)

वाहिनिकाएँ जाइलम के घटक है, इसमें कोशिका दीवार पर गड्ढे पाये जाते है। जो कोशिका दीवार को पतला करते है।
लेकिन वाहिनिकाएँ में छिद्रित कोशिका दीवार नहीं होती है।
इसकी संरचना नालिकाकार ( Tubular) होती है। तथा इसकी दिवार मोटी होती है।
जाइलम मृदु ऊत्तक (xylem Parenchyma) भोजन का संग्रह भी करता है।
जबकि जाइलम तंतु (xylem fibere) मुख्यत: पौधों को यांत्रिक शक्ति प्रदान करते है।
जाइलम का निर्माण करने वाली सभी कोशिकाओं वाहिकाएँ सबसे महत्त्वपूर्ण कोशिकाएँ है।
जाइलम में एक-दिशीय परिवहन होता है।
जबकि फ्लोएम में द्वि-दिशीय परिवहन होता है।
सहचर कोशिकाएँ प्रमुख नाभिक और घने कोशिका द्रव्य के साथ सक्रिय कोशिकाएँ है।
यह कोशिकाएँ एटीपी को संश्लेषित करती है।
और इसी एटीपी को अपने पड़ोसी कोशिकाओं में वहन करती है। जो एक छलनी ट्यूब है।
सहचर या साथी कोशिकाएँ प्लाज्मोडेमेश के साथ छलनी ट्यूब से जुड़ी होती है।
प्लाज्मोडेमेटा छिद्र की तरह कार्य करता है ।
छलनी या चालनी नलिकाएँ लम्बी कोशिकाएँ और छिद्रत कोशिका दीवार है।
वाहिकाएँ जो कि जाइलम का हिस्सा है, इसमें छिद्र प्लेट (Perforation Plates) पाये जाते है । अतः यह भी छिद्रित है।
5. (b)

स्तम्भाकार उपकला ऊतक की कोशिकाएँ परस्पर स्तम्भाकार के रूप में एक-दूसरे से सटी-सटी रहती है।
इसका केंद्रक कोशिका के आधार में स्थित रहता है।
यह मुख्यत: अमाशय आँतों के स्तर वायुकोष्ठों (Alvedie) तथा अधिकांश ग्रंथियों में पायी जाती है।
यह आंत के आंतरिक भाग का निर्माण करती है, जिसमें भोजन का अवशोषण होता है।
यह ग्रंथियों में स्रावण (secretion) / अवशोषण दोनों मुख्य कार्य करती है।
इसकी झिल्ली पचे खाद्य सामग्री को पास करने देती है ताकि रक्त में प्रवेश किया जा सके।

स्तरित शल्की उपकला त्वचा, मुख की परत, श्वसनियों, अंत: कर्ण, मुख गुहा, ग्रसनी, रूधिर नलिका (Bolld vessels) आहार नाल (oesophagus), जीभ, वायुकोष के ऊपर पतले और कोमल स्तर का निर्माण करती है।
यह (ऊतक) सुरक्षा, स्रावण (secretion) तथा गैसों के विनिमय में सहायता करते है।
तुर्क रेशे उपकला → कुन्डलीनुमा रेशे होते है।
घनाकार उपकला - लार ग्रंथियों, वृक्क के नेफ्रॉनों के नलिकाकार भागों, मुत्रमार्ग एवं थायरॉइड ग्रंथियों आदि में पायी जाती है।
इसका मुख्य कार्य स्रावण, अवशोषण एवं उत्सर्जन करना है।
यह ऊत्तक शरीर को यांत्रिक सहायता भी प्रदान करता है।
6. (c) रेडियस और अल्ना हाथों की दो लंबी हड्डियाँ है। वे स्नायु द्वारा एक दूसरे से जुड़े हुए है।
स्नायु रेशेदार संयोजी ऊत्तक है।
दुर्घटना के दौरान दोनों लंबी हड्डियाँ अपने स्थान से हट जाती है, तो उन दोनों हड्डियों को जोड़ने वाले स्नायु टूट जाता है।
कंडरा वह (ऊतक) है जो हड्डियों को मांसपेशियों से जोड़ता है ।
यह भी एक रेशेदार (ऊतक) है।
इसमें ताकत / मजबूती तथा लचीला होता है।
याद करने का ट्रिक -

संपट्ट (Fascia) मांसपेशियों को मांसपेशियों से जोड़ता है।
हड्डी और स्नायुबंधन के जोड़ों के अध्ययन को सिंडेसमोलॉजी के रूप में जाना जाता है।
मांसपेशियों की चोटों से हड्डी नहीं टूटती और नहीं हटती है।
एरियोलर (गार्तिका) ऊत्तक वास्तविक संयोजी ऊत्तक के शिथिल संयोजी ऊत्तक का एक भाग है।
यह सम्पूर्ण शरीर में त्वचा, मांसपेशियों के मध्य रक्त नलिकाओं के चारों ओर, उपकलाओं के नीचे, श्वासनली (Trachea) एवं अस्थि मज्जा में पाया जाता है।
7. (d) कंकाल मांसपेशी स्वैच्छिक मांसपेशी है जो क्रिया करने के लिए जिम्मेदार है।
वे मांसपेशी संयोजी ऊत्तक टेंडन के माध्यम से हड्डियों से जुड़े होते है।
टेंडन रेशेदार संयोजी ऊत्तक है।
इसलिए कंकाल की मांसपेशी जब अनुबंध प्राप्त करती है तो वो टेंडन (को) खीचते है जो बदले में हड्डियों चलायमान करते है।
चिकनी मांसपेशियाँ अनैच्छिक होती है।
यह आंतरिक अंगों →श्वसन तंत्र, आंत, हृदय, आहारनाल आदि में पाये जाते है।
यह हड्डियों से जुड़े नहीं होते और नहीं चलायमान के लिए जिम्मेदार होते है।
8. (b) अनैच्छिक मांसपेशियाँ दो प्रकार की है -
(1) चिकनी मांसपेशियाँ (2) हृदय की मांसपेशियाँ
इन दो मांसपेशियों को क्रिया-प्रतिक्रिया को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
यह स्वतः क्रिया करती है। / या करती रहती है।
अनैच्छिक मांसपेशी दिल के मांसपेशियों को छोड़कर सभी गैर-धारीदार होते है।
अनैच्छिक मांसपेशियों की कोशिकाओं को आकार, शाखाओं में और यूनी-न्यूलेट में धुरी होती है।
गैर धारीदार मांसपेशी को ही चिकनी मांसपेशी कहा जाता है ।
हृदय पेशियाँ छोटे बेलनाकार तथा शाखान्वित तंतुओं से निर्मित होती है।
तथा हृदय के भित्तियों का निर्माण करती है।
हृदय पेशियाँ रेखित पेशियों के समान होती है लेकिन कार्यात्मक रूप से अरेखित पेशियों के भाँति अनैच्छिक होती है।
9. (c) विभाज्योतक ऊतक स्थानीयकृत ऊतक होते है जो तीक्ष्ण होते है।
ये ऊतक सदैव समसूत्री विभाजन करके नए स्थायी ऊतकों का निर्माण करते है।
इसकी संरचना मधुमक्खी के छत्ते जैसी होती है।

विभाज्य ऊतक स्थायी तब बनते है जब विभाज्योतक की कोशिकाएँ विशिष्ट कार्य को विभाजित करने और प्राप्त करने की क्षमता त्याग देती है।
विभाज्योतक ऊतकों को स्थानीयकृत किया जाता है और वे कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित है।
जसे : ये ऊतक, जड़, तना के शीर्ष बिन्दुओं पर तथा पत्तियों के आधार पर ही पाये जाते है।
यह तना परिधय तथा कैम्बियम में भी उपस्थित होते है।
विभाज्योतक ऊतक ऊतकों को विभाजित करते रहते है, जिसके कारण कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है।
लेकिन कोशिकाओं की मात्रा (परिमाण) में कोई वृद्धि नहीं होती है।
10. (c) जल का परिवहन दारू / जायलम जटिल ऊतक कार्य है नाकी वाह्य त्वचा (एपिडर्मिस) का।
जाइलम एक संवहनी बंडल है जो पानी तथा खनिज लवणों को मिट्टी से पौधों के पत्तियों तक पहुँचाता है।
एपिडर्मिस पौधों के पूरी सतह पर मौजूद है जो सुरक्षा प्रदान करता है।
एपिडर्मिस की कोशिकाओं के बीच अंतरकोशिकीय स्थान बहुत बारीक होते है।
जो गैसीय विनिमय में सहायक होते है।
एपिडर्मिस एक प्रकार का मृदु ऊतक ही होता है।
मृदु ऊतक गोल, अंडाकार अथवा बहुभुजी हो सकते है।
यह पादपों के जड़, तथा, पत्तियों के बाहरी परतों में पाया जाता है।
लेकिन फूलों और बीजों का आंतरिक परतों में पाया जाता है।
मृदु ऊत्तक के कोशिकाओं में हरित लवक अधिक संख्या में होने के कारण यह प्रकाश संश्लेषण की क्रिया होती है।
जिससे यह ऊतक हरा प्रतीत होता है।
वायुकोष्ठक होने के कारण पौधों को तैरने के लिए उत्पलावन बल प्रदान करती है।
यह खाद्य संचय के रूप में - गोंद, रेजिन, टेनिन को संचित करती है ।
11. (c) कंडरा (Tendon) जो हड्डियों और मांसपेशियों को जोड़ता है।
यह मजबूत और लचीला होता है। 
यह रेशेदार ऊतक होता है।
लेकिन स्नायु (Ligament) श्वेत कोलेजन तंतुओं (White Collagen Fibre) से निर्मित होता है।
स्नायु में अधात्री (Matrix ) या तरल ऊतक (Fluid Tissue) अत्यंत कम होता है।
रक्त में प्रोटीन, लवण हार्मोन युक्त मैट्रिक्स होता है।
रक्त भी संयोजी ऊतक है। जहाँ RBC, WBC और Platlets तरल या तरल मैट्रिक्स प्लाज्मा कहा जाता है।
प्लाज्मा प्रोटीन, लवण और हार्मोन से बना होता है।
उपास्थि संयोजी ऊतक का एक रूप है जिसमें ठोस मैट्रिक्स होता है। 14.
जो शर्करा और प्रोटीन से बना होता है।
उपास्थि जोड़ों की सतह पर मौजूद होता है और उन्हें चिकना करता है।
12. (c) गुर्दे ऐसे अंग है जो रक्त के शुद्धिकरण के लिए जिम्मेदार है।
उपास्थि एक संयोजी ऊत्तक का रूप है।
इसमें ठोस मैट्रिक्स होता है, जो शर्करा और प्रोटीन से बना होता है।
उपास्थि जोड़ों के सतह पर मौजूद होता है और उन्हें चिकनाई प्रदान करती है।
यह ऊत्तक काफी लचीला होता है।
कान, नाक, गला श्वसन नली तथा जोड़ों पर उपस्थि मौजूद होता है, और बना होता है।
शार्क मछली का पूरा कंकाल तंत्र उपास्थि का बना होता है।
उपास्थि के चारों ओर पेरिकॉड्रियम का तंतुमय आवरण होता है। 1
जबकि अस्थि के चारों ओर पेरिओस्टियम का तंतुमय आवरण होता है।
उपास्थि में मज्जा नहीं पायी जाती है ।
खोखली अस्थियों में मज्जा पायी जाती है।
उपास्थि मैट्रिक्स अर्द्धपारदर्शी कॉण्ड्रिन नामक प्रोटीन से बना होता है।
जबकि अस्थि मैट्रिक्स अपारदर्शी ओसीन नामक प्रोटीन से बना होता है।
उपास्थि कैल्शिीफाइड उपास्थि कैल्शियम लवणों के संचय के कारण कठोर हो जाती है।
13. (b) वसा संयोजी ऊत्तक है और इसकी कोशिकाएँ ज्यादातर वसा रिक्तिकाओं से बनी होती है।
यह शरीर के त्वचा के नीचे की परत पायी जाती है।
घनाकार उपकला ऊत्तक की कोशिकाएँ घन के आकार की होती है।

यह गुर्दे के नलिका और लार नलिकाओं की आंतरिक परत में मौजूद होती है।
हड्डियाँ संयोजी ऊत्तक है जो शरीर के ढाँचे के रूप में कार्य करती है।
हड्डियाँ मांसपेशियों को पकड़कर रखती है और अंगों का समर्थन करती है।
इस ऊत्तक का मैट्रिक्स कैल्सियम और फॉस्फोरस यौगिक की रचना है।
14. (b) हड्डियाँ संयोजी ऊत्तक है जो शरीर के ढांचा के रूप में कार्य करती है।
यह शरीर को यांत्रिक सहायता प्रदान करता है।
हड्डी का मुख्य संघटक कैल्सियम और फॉस्फोरस है।
संयोजी ऊत्तक की उत्पत्ति भ्रूणीय मीसोडर्म से होती है।
शरीर का लगभग 30% भाग ( सर्वाधिक मात्रा) का निर्माण संयोजी ऊत्तक से होता है।
यह शरीर के विभिन्न कोशिकाओं, ऊत्तकों और अंगों के मध्य स्थित होता है, तथा सभी अंगों को परस्पर बाँधने का कार्य करता है।
15. (c) माँसपेशियों के ऊतकों में कोशिकाएँ लंबी होती है |
इस कोशिकाओं को मांसपेशी तंतु भी कहा जाता है।
माँसपेशियों में संकुचन और विश्राम के लिए प्रोटीन पाया जाता है।
इस खास प्रोटीन को अनुबंधित प्रोटीन कहा जाता है।
यह कंकाल के साथ मिलकर विभिन्न प्रकार की गतिविध यों के लिए उत्तरदायी है।
शरीर का लगभग 40-50% भाग पेशीय ऊत्तकों से बना होता है।
पेशीय ऊत्तक के आंतरिक भाग में पाये जाने वाले द्रव सर्कोप्लाज्म (sarcoplasm) है।
जबकि पेशीय ऊत्तक के केंद्रक को सार्कोमीयर (sarcomere) कहते है ।
16. (b) स्वैच्छिक मांसपेशियों की गमन को नियंत्रित किया जा सकता है।
इस मांसपेशियों की कोशिकाएँ लंबी, बेलनाकार, शाखाबद्ध और बहुनीय होती है।
कंकाल मांसपेशी जो अंगों में मौजूद होती है वह स्वेच्छा से चलती है।
अनैच्छिक मांसपेशी की गति को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
अनैच्छिक मांसपेशी आहार नाल की मांसपेशी आँख की परितारिका की गति, फेफड़ों की श्वसनी की गति अनैच्छिक होती है।
पेशीय कोशिकाएँ अतिक्रियाशील होती हैं। शरीर के कुल ताप का अधिकांश इनकी क्रियाशीलता के कारण उत्पन्न होती है।
अतः पेशीय ऊतक के संकुचन आदि से शरीर का तापमान संतुलित बना रहता है।

हृदय पेशी ऊतक रेखित होते हुए भी अनैच्छिक होती है।
17. (c) शरीर की सबसे लंबी कोशिका तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन (Neurons) है।
मस्तिष्क, मेरूरज्जु या तंत्रिकाएँ सभी तंत्रिका ऊत्तकों से निर्मित होती है।
तंत्रिका ऊत्तक की कोशिकाएँ अत्यंत शीर्घ उत्तेजित होती है। और उत्तेजना को संपूर्ण शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान पहुँचती है।
तंत्रिका तंत्र के कारण ही हम अपनी इच्छानुसार अपनी पेशियों को गति करवाने में सक्षम होते है।
तंत्रिका कोशिकाएँ तीन प्रकार की होती है।
(i) तंत्रिका कोशिकाएँ (Nerve celves or neurons)
(ii) तंत्रिका तंतु (Nerve Fiber)
(iii) न्यूरोग्लिया (Neuroglia )
तंत्रिका कोशिकाएँ एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन तक संवेदनाएँ या संदेशवाहक का कार्य करता है।
तंत्रिका तंतु के संवेदी तन्तु (sensory fiber) आवेग को ग्राही अंगों (Receptors) से मस्तिष्क या मेरूरज्जु में ले जाते है।
जबकि तंत्रिका तंतु के प्रेरक तंतु (Motor Fiber) आवेग को मस्तिष्क या मेरूरज्जु से कार्यकारी (Effector) अंगों में ले जाते है।
18. (c) न्यरोग्लिया (Neuroglia) एक विशेष प्रकार की तंत्रिकीय कोशिका है, जो केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) में न्यूरॉन के साथ पाया जाता है।
तंत्रिका कोशिका शरीर द्रुमिका (डेंड्राइट) और तंत्रिका तंत्र के होते है।
कोशिका काय (साइटॉन) तंत्रिका कोशिका का मुख्य भाग है, जिसमें एक केंद्रक व चारों ओर कोशिका द्रव्य में पाया जाता है।
यह प्रोटीनयुक्त कोशिकाद्रव्य निसिल्स के रंगीन कण होते है।
द्रुमाक्ष (Dendrite), निसिल्स कण (Nissl's Granules), कोशिका काय (cell body), स्वान कोशिका (schwann cell), तंत्रिकाक्ष (Axon) मायलिन आवरण (Myelin sheath), रेन्वीयर के नोड (No do of Ranvier), तत्रिकाक्ष सिरा (Axon Terminal) ये सभी तंत्रिका कोशिका के पार्ट (हिस्सा) है।
19. (c) कोशिकाओं और फाइबर के बीच की जगह गर्तिका के जमीन के ऊत्तकों से भरी होती है।
यह शरीर के विभिन्न हिस्सों में स्थित है।
गर्तिका ऊत्तक त्वचा और मांसपेशियों की परत के बीच (संबंध) मौजूद होते है।
जिससे त्वचा को मांसपेशियों से जोड़ा जाता है।
उपास्थि संयोजी ऊतक होता है। यह अर्द्धपारदर्शी होता है।
उपास्थि नाक, कान, गला तथा हड्डियों के जोड़ों में पाया जाता है।
वसा संयोजी ऊत्तक है जो ज्यादातर वसा ग्लोब्यूल्स से बनी होती है।
वसा की परत शरीर से गर्मी के नुकसान को रोकती है।
वसा संवाहक ( इंसुलेटर) के रूप में कार्य करती है।
20. (b) हृदय पेशीय (Cardiac Muscles) छोटे बेलनाकार तथा शाखान्वित पेशीय तंतुओं से निर्मित होती है। तथा हृदय भित्तियों का निर्माण करती है।
संरचना में हृदय पेशीयाँ रेखित पेशियों के समान होती है।
परंतु कार्यात्मक रूप से अरेखित पेशियों की भाँति अनैच्छिक होती है।
यह हृदय के नियमित संकुचन और प्रसार करती है।
इसी कारण शरीर में रक्त का परिवहन होता है।
हृदय पेशीय फेफड़ों की नसों (Pulmonary veins) में पायी जाती है।

21. (d) उपास्थि (Cartilage) पतले तथा महीन कोलेजन तंतुओं मिलकर बनी होती है।
यह कांड्रिन प्रोटीन का बना होता है।
उपास्थि की कोशिकाओं के मध्य पर्याप्त स्थान होता है।
इस खाली स्थान के चारों ओर लैकुना (Lacuna) द्रव से भरा होता है।
शार्क मछली का पूरा कंकाल तंत्र उपास्थि का बना होता है।
उपास्थि नाक, कान और श्वासनली में भी उपस्थित होती है।
मास्ट कोशिकाएँ संयोजी ऊत्तक में मौजूद होती है।
ये मेरूरज्जु से बनते है।
ये शरीर की एलर्जी प्रतिक्रिया और शरीर की अति संवेदनशीलता प्रतिक्रिया में शामिल होते है ।
क्षारकरोगी (बेसोफिल) सफेद रक्त कणिका के प्रकार है।
जो संयोजी ऊत्तक में मौजूद होते है जिन्हें रक्त कहा जाता है।
यह प्रतिरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
इनकी उत्पत्ति मेरूरज्जु से भी होती है।
ये एलर्जी प्रतिक्रिया के संकेतक के रूप में कार्य करता है।
जब एलर्जी होती है तो क्षारकरोगी गिनती रक्त में नीचे चली जाती है।
अस्थिमज्जा कोशिकाएँ, हड्डिी में मौजूद होती है।
यह हड्डियों में मौजूद कुल कोशिकाओं का 90 – 95% तक होती है।
यह व्यस्क हड्डी में पाया जाने वाली सबसे प्रचूर मात्रा में कोशिकाएँ है।
22. (b)

फ्लोएम कोशिकाएँ जीवित कोशिकाएँ है।
फ्लोएम का मुख्य कार्य पत्तियों द्वारा बनाए गए भोजन का पौधों के विभिन्न भागों में संवहन करना है।
इस ऊत्तक को बेस्ट (Bast) भी कहा जाता है।
चालनी नलिकाएँ छिद्रित भित्ति वाली तथा नालिकाकार कोशिकाएँ होती है।
फ्लोएम तंतु अलसी व पटसन पौधों में रेशों का निर्माण होता है।
फ्लोएम मृदु उत्तक की कोशिकाओं में पतली कोशिका दीवारें होती है और जीवित होती है।
इसका मुख्य कार्य स्टार्च, वसा, प्रोटीन और अन्य कार्बनिक सामाग्रियों का भंडारण करना है ।
चालनी नलिकाएँ लम्बी कोशिकाएँ है जो अपनी पार्श्व दिवारों पर छलनी जैसी क्षेत्रों से छिद्रित करती है ।
भोजन का परिवहन चालनी नलिका का मुख्य कार्य है।
सहचर कोशिकाएँ या सह कोशिकाएँ चालनी ट्यूब तत्वों की तुलना में पतली दीवारों वाली होती है।
यह प्लाज्मोडेमेटा की मदद से चालनी ट्यूब से जुड़ी होती है।
यह चालनी नलिका को भोजन और जैविक सामग्रियों के परिवहन को करने के लिए ऊर्जा प्रदान करते है।
यह ऊर्जा उत्पादन और फ्लोएम ऊत्तकों के जीवित घटक में शामिल है।
23. (a) सहचर / सह कोशिकाएँ फ्लोएम ऊत्तक के घटक में से एक है।
इसमें प्रमुख नाभिक और घने साइटोप्लाज्म हैं।
यह ATP सहित खाद्य सामग्री के संश्लेषण के लिए जिम्मेदार है।
RBC में केंद्रक नहीं पाया जाता है।
केवल ऊँट और लामा में ही RBC में केंद्रक पाया जाता है।
RBC O2 और CO2 के परिवहन करता है।
RBC का सेंट्रल मेटल Iron (Fe) है।
RBC का आकार द्विअवतलीय होता है।
RBC को O2 & CO2 को परिवहन के लिए बड़े सतह क्षेत्र की आवश्यकता होती है जो अधिक यौगिक को अवशोषित कर सके और परिवहन कर सके।
जिसके कारण RBC परिपक्व होने पर अपना नाभिक खो देता है।
वाहिकाएँ जाइलम का भाग है जो परिपक्व होते ही अपने नाभिक का त्याग कर देते है।
वाहिकाएँ जाइलम का भाग है जो परिपक्व होते ही अपने नाभिक का त्याग कर देते है।
चालनी नलिका फ्लोएम का भाग है, इसके कोशिकाओं में कोई केंद्रक नहीं होता है।
यह ऊर्जा या ATP की आवश्यकता होने पर साथी / सह: कोशिकाओं पर निर्भर रहता है।
24. (a) क्यूटिकल पौधों के बाह्य त्वचा की सतह पर मोम जैसी परत है।
यह परत क्यूटिन से बने होते है जो जल प्रतिरोधी जैव रासायनिक यौगिक है।
रेगिस्तानी पौधों में क्यूटिकल की मोटी परत मौजूद होती है।
जो पानी के वाष्पीकरण को कम करते है।
रेगिस्तानी पौधों की रंध्र दिन के दौरान बंद हो जाती है और रात के दौरान खुली रहती है ।
रंध्र बाह्य त्वचा में छोटा पोर (छिद्र) है जो पौधों में गैसों के आदान-प्रदान की अनुमति देता है।
यह पौधों में वाष्पीकरण के लिए भी जिम्मेदार है।
यह अधिकांशतः पत्तियों के निचले हिस्से में पाया जाता है।
रक्षी कोशिकाएँ रंध्र को खोलने और बंद करने के लिए जिम्मेदार है।
लिग्निन बृहत् अणु है जो दृढ़ोत्तक की कोशिका भित्ति में मौजूद है।
सुबेरिन फैटी (वसीय) पदार्थों की तरह मोम होता है।
जो कॉर्क कोशिकाओं की कोशिका की दीवार में पाया जाता है।
यह पौधों के सुरक्षात्मक परत के रूप में कार्य करता है।
25. (a) जाइलम मृदु ऊत्तक (xylem Parenchyma) भोजन का संग्रह भी करता है।
जबकि जाइलम तंतु (xylem fibere) मुख्यत: पौधों को यांत्रिक शक्ति प्रदान करते है।
जाइलम का निर्माण करने वाली सभी कोशिकाओं में वाहिकाएँ सबसे महत्त्वपूर्ण कोशिकाएँ है ।
जाइलम में एक दिशीय परिवहन होता है।
जबकि फ्लोएम में द्वि-द्विशीय परिवहन होता है। 
26. (d) अंतर्वेशी विभाज्योत्तक पौधों के नोड्स और इंटरनोड्स (अंतरा पर्व) में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है।
जब गन्ने के पौधो की नोक हटा दी जाती है तो इस गन्ना पौधे की लंबाई में वृद्धि होने वाले नोड्स में अभी भी अंतर्वेशी विभाज्योतक मौजूद होता है।
कैम्बियम पौधों पर माध्यमिक विकास के लिए जिम्मेदार है लेकिन पौधों की लम्बाई में वृद्धि के लिए नहीं है ।
शीर्षस्थ विभाज्योतक पौधों की लंबाई या ऊँचाई में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है। 
वे जड़ों की, तना की, नोक पर मौजूद होते है।
लेकिन इस पौधों की नोक हटा दी जाती है इसलिए इस पौधों में कोई शीर्षस्थ विभाज्योत्तक नहीं है ।
पाश्र्वय विभाज्योतक तने के इस पार्श्व या बगल में विकास के लिए जिम्मेदार है।
27. (c) चूँकि किल तने में डाला गया तो वहाँ से एक पेड़ बढ़ता है शीर्षस्थित क्षेत्र से जड़ों क्षेत्र से नहीं ।
शीर्षस्थ विभाज्योतक शीर्षस्थित क्षेत्र में पाया जाता है जो लम्बाई बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है ।
ऊत्तक शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम बिचेत (Bichat) नामक वैज्ञानिक ने किया था।
ऊत्तकों का अध्ययन को हिस्टोलॉजी कहते है।
हिस्टोलॉजी नाम वैज्ञानिक मायर (Mayer) ने 1819 ई० में दिया था।
औतिकी शाखा की स्थापना इटली के वैज्ञानिक मारसेलो मैल्पीछी ने की थी ।
28. (a)

मृदु ऊतक जीवित कोशिकाओं का समूह है। 
यह पतली एवं कोमल कोशिका भित्ति (सेल्युलोज एवं कैल्सियम युक्त ) ।
यह सरल कोशिकाओं से बना होता है।
इसमें अंतर कोशिकीय स्थान पाया जाता है।
जिससे गैसीय विनिमय होता है।
इनमें सघन कोशिका द्रव्य भरा होता है।
ये कोशिकाएँ गोल, अण्डाकार, अथवा बहुभुजी हो सकती है।
यह एपिडर्मिस के रूप में पौधों का संरक्षण करता है।
यह ऊत्तक भोजन के पार्श्व (Lateral) चालन में सहायता करता है।
ऐसे ऊत्तक को हरित ऊत्तक भी कहा जाता है।
इसका मुख्य कार्य भोजन का संग्रह करना है।
29. (a) स्थूलकोण ऊत्तक (collenchyma) लम्बी, जीवित तथा अनियमित तरीके से किनारों पर मोटी होती है।
इसके मध्य अन्तरकोशिकीय स्थान कम पाया जाता है।
पौधों में लचीलापन (Flexibility) कोलेन्काइमा (स्थूलकोण) के कारण होता है।
क्योंकि इसके कोशिकाओं के किनारों पर पेक्टिन युक्त सेल्यूलोज की एक परत पायी जाती है।
यह ऊत्तक पौधों के तने के एपिडर्मिस के नीचे तथा पर्णवृन्त (Leaf Petiole), पुष्पावली वृन्त ( Peduncle) एवं पुष्पवृन्त ( Pedicel) में पाया जाता है।
लेकिन यह जड़ों में अनुपस्थित होता है।
इसका मुख्य कार्य लचीलापन उत्पन्न करना इन्हें यांत्रिक सहायता प्रदान करना।
इसमें हरित लवक होने के कारण यह पौधे के लिए भोजन भी बनाता है।

30. (c) सुबेरिन वसीय पदार्थों की तरह मोम होता है जो कॉर्क कोशिकाओं की दिवार में मौजूद होता है। 
यह प्रकृति में जल विरागी होता है।
यह पौधों के लिए सुरक्षात्मक परत के रूप में कार्य करता
क्योंकि यह पानी, गैसों और किसी भी रोगजनक को पौधें में प्रवेश करने से रोकता है।
सेलुलोस (Cellulose) एक कार्बनिक यौगिक है।
इसका रासायनिक सूत्र (C6 H10 O5) है।
यह एक बहुशर्करा (पॉली सैक्राइड) है। जिसमें एक ही प्रकार के अणु लगातार जुड़ने से एक हजारों अणुओं वाला पॉलीमर बन जाता है।
पेड़-पौधों की कोशिका भित्ति सेलुलोस की बनी होती है।
लिपिड अघुलनशील पदार्थ है।
यह कार्बोहाइड्रेट एवं प्रोटीन से मिलकर बना होता है।
लिपिड को सामान्य भाषा में वसा भी कहा जाता है लेकिन दोनों में कुछ अंतर होता है।
लिग्निन एक जटिल कार्बनिक पॉलिमर का एक वर्ग है ।
यह पादप भित्ति के मुख्य घटकों में से एक है।
यह लकड़ी को आसानी से सड़ने नहीं देता है।
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Mon, 12 Feb 2024 11:00:24 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | The Fundamental Unit Of Life जीवन की मौलिक इकाई https://m.jaankarirakho.com/898 https://m.jaankarirakho.com/898 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | The Fundamental Unit Of Life जीवन की मौलिक इकाई
1. निम्नलिखित में किसे क्रिस्टल रूप में बनाया जा सकता है?
(a) जीवाणु / A Bacterium
(b) अमीबा / An Amoeba
(c) विषाणु / A Virus
(d) शुक्राणु A Sperm
उत्तर - (c)
2. कोशिका फूल जाएगी, यदि -
(a) कोशिका के भीतर जल के अणुओं की सांद्रता उसके बाहर चारों ओर उपस्थित जल के अणुओं की सांद्रता से अधिक हो।
(b) कोशिका के बाहर चारों ओर उपस्थित जल के अणुओं की सांद्रता कोशिका के भीतर जल के अणुओं की सांद्रता से अधिक हो ।
(c) कोशिका के भीतर तथा उसके बाहर के जल के अणुओं की सांद्रता समान हो ।
(d) जल के अणुओं की सांद्रता महत्व नहीं रखती
उत्तर - (b)
3. गुणसूत्र बने होते है
(a) डी.एन.ए. से / / DNA
(b) प्रोटीन से / Protein
(c) डी.एन.ए. एवं प्रोटीन से / DNA and protein
(d) आर.एन.ए. से / RNA
उत्तर - (c)
4. इनमें से कौन-सा कार्य राइबोसोम का नहीं है?
(i) यह प्रोटीन अणुओं के निर्माण में सहायता करता है।
(ii) यह एंजाइमों के निर्माण में सहायता करता है।
(iii) यह हार्मोनों के निर्माण में सहायता करता है। 
(iv) यह मंड (स्टार्च) अणुओं के निर्माण में सहायता करता है।
(a) (i) और (ii)
(b) (ii) और (iii)
(c) (iii) और (iv)
(d) (iv) और (i)
उत्तर - (d)
5. इनमें से किसका संबंध अंतर्द्रव्यी जालिका से नहीं है? 
(a) यह केंद्रक एवं कोशिकाद्रव्य के बीच प्रोटीन के लिए अभिगमन चैनल की तरह कार्य करता है।
(b) यह कोशिकाद्रव्य के विभिन्न क्षेत्रों के बीच पदार्थों को पहुँचाता है।
(c) यह ऊर्जा उत्पादन का स्थल हो सकती है।
(d) यह कोशिका की कुछ जैव-रासायनिक क्रियाओं का स्थल हो सकती है।
उत्तर - (c)
6. परासरण की कुछ परिभाषाएँ नीचे दी गई है। इन्हें सावधानी से पढ़िए और सही परिभाषा चुनिए-
(a) अर्धपारगम्य झिल्ली से होकर, जल के अणुओं का अधिक सांद्रता वाले क्षेत्र से निम्न सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर जाना। 
(b) विलायक अणुओं का अधिक सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर जाना।
(c) पारगम्य झिल्ली से होकर विलायक अणुओं का अधिक सांद्रता से निम्न सांद्रता वाले विलयन की ओर जाना। 
(d) अर्धपारगम्य झिल्ली से होकर विलेय अणुओं का निम्न सांद्रता वाले विलयन से अधिक सांद्रता वाले विलयन की ओर जाना।
उत्तर - (a)
7. पादप कोशिका में जीवद्रव्यकुंचन को इस तरह परिभाषित किया जाता है -
(a) अल्पपरासारी माध्यम में प्रद्रव्य झिल्ली का टूटना ( लयन) 
(b) अल्पपरासारी माध्यम में कोशिकाद्रव्य का सिकुड़ना
(c) केंद्रकद्रव्य का सिकुड़ना 
(d) इनमें से कोई नहीं 
उत्तर - (b)
8. निम्नलिखित में से किसके चारों ओर एकल झिल्ली का आवरण होता है ?
(a) माइटोकॉन्ड्रिया / Mitochondria
(b) रसधानी / Vacuole
(c) लाइसोसोम / Lysosome
(d) लवक / Plastid
उत्तर - (b)
9. गलत वाक्य को ढूँढ़िए
(a) गॉल्जी उपकरण, लाइसोसोम के बनने में शामिल होता है। 
(b) केंद्रक, माइटोकॉन्ड्रिया एवं लवक में डी.एन.ए. होता है, इसलिए ये अपनी संरचनात्मक प्रोटीन बनाने में समर्थ है। 
(c) माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का पावर हाउस कहा जाता है क्योंकि इनमें ए.टी.पी. का उत्पादन होता है।
(d) कोशिकाद्रव्य को प्रद्रव्य भी कहा जाता है।
उत्तर - (a)
10. सही वाक्य को ढूँढ़िए
(a) लाइसोसोम में भरे हुए एंजाइम रूक्ष अंतर्द्रव्यी जालिका (RER) से बने होते है।
(b) रूक्ष अंतद्रव्यी जालिका एवं चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका क्रमशः लिपिड एवं प्रोटीन बनाती है।
(c) अंतर्द्रव्यी जालिका का कोशिका झिल्ली के नष्ट होने से संबंध है।
(d) यूकैरियोटिक केंद्रक के केंद्रकद्रव्य में केंद्रकाभ होता है। 
उत्तर - (a)
11. कौन-सा कोशिकाअंगक कोशिका के अंदर विषैले पदार्थ एवं /षधि (ड्रग्स) को आविष-रहित करने में मुख्य भूमिका निभाता है?
(a) गॉल्जी उपकरण 
(b) लाइसोसोम 
(c) चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका
(d) रसधानी 
उत्तर - (a)
12. कोशिका झिल्ली निर्माण के लिए आवश्यक प्रोटीनों एवं लिपिड का उत्पादन निम्नलिखित द्वारा किया जाता है
(a) रूक्ष अंतर्द्रव्यी जालिका
(b) गॉल्जी उपकरण
(c) कोशिका झिल्ली 
(d) माइटोकॉन्ड्रिया 
उत्तर - (a)
13. प्रोकैरियोटिक का अपरिभाषित केंद्रक क्षेत्र कहलाता है -
(a) केंद्रक 
(b) केंद्रिका 
(c) न्यूक्लीक अम्ल
(d) केंद्रकाभ 
उत्तर - (a)
14. कोशिका - अंगक जो सरल शर्करा को जटिल शर्करा में बदलने में शामिल है
(a) अंतर्द्रव्यी जालिका
(b) राइबोसोम
(c) लवक 
(d) गॉल्जी उपकरण 
उत्तर - (a)
15. निम्नलिखित में से कौन-सा रसधानी का कार्य नहीं है? 
(a) संग्रहण 
(b) कोशिका को स्फीति एवं दृढ़ता प्रदान करना
(c) अपशिष्ट उत्सर्जन
(d) गमन 
उत्तर - (d)
16. अमीबा जिस प्रक्रिया के द्वारा भोजन प्राप्त करता है, वह कहलाती है
(a) बहि: कोशिकता 
(b) अंत: कोशिकता 
(c) प्रद्रव्यलयन 
(d) बहि: कोशिकता एवं अंतः कोशिकता दोनों
उत्तर - (b)
17. निम्न में से किसकी कोशिकाभित्ति सेलुलोस से नहीं बनी है ? 
(a) जीवाणु
(b) हाइड्रिला
(c) आमवृक्ष
(d) कैक्टस
उत्तर - (c)
18. सिल्वर नाइट्रेट का घोल किसी एक के अध्ययन में इस्तेमाल होता है
(a) अंतर्द्रव्यी जालिका
(b) गॉल्जी उपकरण
(c) केंद्रक 
(d) माइटोकॉन्ड्रिया
उत्तर - (b)
19. केंद्रक के अलावा यह अंगक जिसमें डी.एन.ए. होता है
(a) अंतर्द्रव्यी जालिका
(b) गॉल्जी उपकरण
(c) माइटोकॉन्ड्रिया 
(d) लाइसोसोम 
उत्तर - (c)
20. निम्नलिखित में से किसको कोशिका की 'रसोई' कहा जाता है?
(a) माइटोकॉन्ड्रिया 
(b) अंतर्द्रव्यी जालिका
(c) हरितलवक 
(d) गॉल्जी उपकरण 
उत्तर - (c)
21. कोशिका में लिपिड अणुओं को निम्न के द्वारा संश्लेषित किया जाता है -
(a) चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका
(b) रूक्ष अंतर्द्रव्यी जालिका
(c) गॉल्जी उपकरण
(d) लवक 
उत्तर - (a)
22. नई कोशिका का निर्माण, पूर्व स्थित कोशिका से होने की बात किसने बताई ?
(a) हेकेल
(b) विर्चों 
(c) हुक 
(d) श्लाइडेन
उत्तर - (b)
23. कोशिका सिद्धांत निम्न द्वारा प्रतिपादित किया गया
(a) श्लाइडेन एवं श्वान्न
(b) विर्चों 
(c) हुक 
(d) हेकेल 
उत्तर - (a)
24. प्रोकैरियोटिक (प्राक्केंद्रकी) कोशिका में दिखने वाला एकमात्र कोशिका अंगक है
(a) माइटोकॉन्ड्रिया 
(b) राइबोसोम 
(c) लवक 
(d) लाइसोसोम 
उत्तर - (b)
25. वह अंगक जिसमें कोशिका भित्ति नहीं होती है
(a) राइबोसोम 
(b) गॉल्जी उपकरण 
(c) हरितलवक (क्लोरोप्लास्ट) 
(d) केंद्रक
उत्तर - (a)

ANSWERS

DISCUSSION
1. (c) जीवाणु: इसकी खोज एंटनी वॉन ल्यूवोनहोक ने किया था।
इसकी अध्ययन को बैक्टिरियोलोजी कहते है।
ये एककोशिकीय जीव होते है। ये हरितलवक रहित होते
इनका आकार 2-10μ तक होता है।
जीवाणु प्रोकैरियोटिक सूक्ष्मजीव होते है।
इनमें जनन मुख्य रूप से विखंडन द्वारा होता है। 
जीवाणु विज्ञान के जनक ल्यूवोनहोक को कहा जाता है।
जीवाणु की कोशिका झिल्ली Protein एवम् फॉस्फोलिपिड की बनी होती है।
अमीबा : अमीबा एक एककोशकीय 'यूकैरियोटिक' जीव है।
ये प्रोटिस्टा जगत के अंतर्गत आते है।
ये प्रोटोजोआ संघ के जीव है।
इसकी खोज रोसेल वॉन रोजेनहोफ ने किया था।
यह तालाब, पोखर के तलछटी जल में पाये जाते है।
विषाणु : विषाणु शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द 'वायरस' (Virus) से हुई है। जिसका शाब्दिक अर्थ विष-अणु है। 
ये अकोशिकीय अतिसूक्ष्म जीव है। जो केवल जीवित कोशिका में ही वंश वृद्धि कर सकते है।
Virus Neuclio Protein से मिलकर बना होता है।
Virus की Study को Virology कहते है।
इसकी खोज रूसी वैज्ञानिक Ivanovasky (1892) ने की थी।
तम्बाकू से होने वाले मोजेक रोग का अध्ययन करते समय विषाणु के अस्तित्व का पता लगाया।
शुक्राणु : मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका Sperm होती है।
शुक्राणु का निर्माण Testis में होता है।
शुक्राणु के निर्माण के लिए उत्तेजित Testeron नामक हार्मोन करता है। शुक्राणु के उत्पन्न होने की प्रक्रिया को शुक्रजनन या Spermatogenesis कहाँ जाता है।
शुक्राणु नर युग्मक होते है ।
2. (b) तीन प्रकार के विलयन होते है।
ये अल्पपरासरी विलयन होते है।
अधिक सांद्रता से कम सांद्रता की ओर विलायक की गति होती है।

बाहर पानी की सांद्रता कोशिका के अंदर पानी की सांद्रता से ज्यादा होती है।
3. (c) डी० एन० ए० : DNA का full form-Deoxyri bonucleic acid होता है।
DNA की खोज एम फ्रेडरिक ने किया था। जबकि Double helix model (द्विगुणित संरचना) वाटसन एंड क्रीक ने खोजा।
DNA Fingerprinting हैदराबाद में स्थित है।
प्रोटीन : प्रोटीन की खोज 1838 में Jons Jacob Berzelius ने की थी ।
Protein Amino Acid से बना होता है।
Protein सबसे ज्यादा मशरूम में पाया जाता है।
Protein को Body Building Element भी कहा जाता है।
Protein की कमी से Marasmus or Kwasiyorkar रोग होते है।
RNA: RNA Full form Ribonucleic Acid होता है।
यह प्रोटीन का संश्लेषण करता है ।
RNA में Ribose Sugar पाया जाता है।
4. (d) राइबोसोम : इसकी खोज पेलेड ने की थी। यह RNA + Protein से बना होता । यह पूरे Cytoplasm में फैला होता है।
यह सबसे छोटा Cell Organell है ।
इसे Factory of Protein कहते है ।
यह हार्मोन के निर्माण में सहायता करता है।
यह Starch अणुओं के निर्माण में सहायता करता है ।
इसका प्रमुख कार्य प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करना है।
प्रोटीन संश्लेषण द्वारा नये-नये प्रोटीन बनाना ही इनका कार्य है। इसी कारण इनको प्रोटीन की फैक्ट्री कहते है।
5. (c) अंतद्रव्यी जालिका (Endoplasmic reticulum) :
सुकेन्द्रिक कोशिकाओं (Eukaryotic Cells) में स्थित एक झिल्लीदार कोशिकांग है।
इसकी झिल्ली केंद्रक की झिल्ली से निकलती है। यह लंबी नलिका अथवा गोल या आयताकार थैलों की तरह दिखाई देती है।
अंतद्रव्यी जालिका दो प्रकार की होती है
(i) खुरदरी अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (Rough Endoplasmic Reticulum) 
(ii) चिकनी अन्त: प्रद्रव्यी जालिका (Smooth Endoplasmic Reticulum)
6. (a) परासरण (Osmosis) :
दो भिन्न सांद्रता वाले घोलों के बीच होनेवाली एक विशेष प्रकार की विसरण क्रिया है।
जो एक अर्धपारगम्य झिल्ली के द्वारा होती है।
इसमें विलायक के अणु अधिक सांद्रता वाले विलयन से कम सांद्रता वाले विलयन की ओर गति करते है।
7. (b) पादप कोशिका
पेड़-पौधों में पायी जाने वाली कोशिका को पादप कोशिका कहा जाता है।
जो कि जंतु कोशिका से अलग होती है।
जबकि पादप कोशिका के बाहरी आवरण को कोशिका भित्ति कहा जाता है। जो सेल्युलोज की बनी होती है।
8. (b) माइटोकॉन्ड्रिया: इसकी खोज अल्टमैन ने की। जबकि नाम बेंडा ने दिया।
इसमें कोशकीय श्वसन होते है।
इसे Power house of the cell कहा जाता है।
रसधानी (Vacuoles) : पादप कोशिका के कोशिका द्रव्य में अनेक खाली स्थान होते है। जिन्हें रसधानियाँ कहते है।
इनके चारों ओर एकल झिल्ली का आवरण होता है।
लाइसोसोम : इसकी खोज डी डुबे ने की थी।
इसे कोशिका की आत्महत्या की थैली भी कहा जाता है।
इसमें हाइड्रोलाइटिक एंजाइम होते है। जो पुराने प्रोटोप्लाज्म को नष्ट करते है।
लवक: यह सिर्फ और सिर्फ Plant Cell में पाया जाता है।
इसका रंग हरा होता है।
इसकी खोज ई. हेकेल ने की थी।
लवक तीन प्रकार के होते है -
(i) Chloroplast
(ii) Leucoplast
(iii) Chromoplast 
9. (a) गॉल्जीकाय - इसकी खोज Camillo golgi ने की थी ।
यह cytoplasm में किसी भी पदार्थ को एक जगह से दुसरे जगह तक पहुँचाने का कार्य करते हैं।
इसे Traffic Police of cell भी कहते हैं ।
10. (a) Lysosome ( लाइसोसोम ) इसकी खोज डी डूवे नामक वैज्ञानिक ने की थी।
ये सिर्फ और सिर्फ Animal cell में पाया जाता है।
इसे आत्महत्या की थैली भी कहा जाता है।
इसे ही Atom bomb of cell भी कहा जाता है।
11. (a) गॉल्जी उपकरण - कोशिका के कोशिकाद्रव्य में केंद्रक के समीप कुछ थैलीनुमा कोशिकांग पाए जाते है। इन्हें गॉल्जी काय या गॉल्जी उपकरण कहते है।
इसे Traffic Police of Cell भी कहते है ।
(b) लाइसोसोम - इसे suicide bag of cell कहा जाता है।
इसमें हाइड्रोलाइटीक इंजाइम होते है। जो पुराने Protoplasm को नष्ट करते है।
(c) चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका - चिकनी अन्तः प्रद्रव्यी जालिका पर राइबोसोम और राइबोफोरिन अनुपस्थि होते है।
यह मांसपेशियो और ग्लाइकोजन भंडारण करने वाली यकृत कोशिकाओं में पाया जाता है।
यह steriods नामक पदार्थ का संश्लेषण करता है।
(d) रसधानी - कोशिका के अंदर जल का अवशोषण का कार्य करता है।
इसके चारो ओर एकल झिल्ली का आवरण होता है ।
पेड़-पौधो में इनका आकार बड़ा होता है ।
12. (a) रूक्ष अंतर्द्रव्यी जालिका (Rough Endoplasmic Reticulum) - इनका प्रमुख कार्य उन सभी वसाओ व प्रोटीनों का संश्लेषण करना है। जो विभिन्न कोशिका झिल्ली अथवा केंद्रक झिल्ली का निर्माण करते हैं
इसमें राइबोसोम पाया जाता है। ये प्रोटीन का संश्लेषण करता है।
(b) गॉल्जी उपकरण - कैमिली गॉल्जी ने 1898 में बार्न owl के तंत्रिका कोशिकाओं में केंद्रक के बाहर चारों ओर काला जाल के रूप में देखा था। 
इसे Traffic Police of cell भी कहा जाता है।
(c) कोशिका झिल्ली - यह एक अर्ध पारगमय सजीव झिल्ली है जो प्रत्येक सजीव कोशिका के जीवद्रव्य को घेर कर रखती है।
कोशिका झिल्ली का निर्माण तीन परतो से मिलकर होता है। इसमें से बाहरी एवं भीतरी परते प्रोटीन द्वारा तथा मध्य वाली परत का निर्माण लिपिड या वसा द्वारा होता है। 
(d) माइटोकॉन्ड्रिया- इसकी खोज अल्टमैन ने की, जबकी नाम बेंडा ने दिया।
इसमें कोशकीय श्वश्न होता है।
इसे Power house of the cell कहा जाता है। 
13. (a) केंद्रक - केंद्रक की खोज रॉबट ब्राउन ने की थी ।
केंद्रक को control centre of cell या director of cell भी कहा जाता है।
(b) केन्द्रिका की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी।
इसका नाम बोमेन ने दिया था।
यह गुणसूत्रों से मिलकर बना होता है।
केंद्रिका में 85% protein, 10% RNA, 5% DNA पाया जाता है।
14. (a) अंतर्द्रव्यी जालिका - Endoplasmic reticulum सुकेन्द्रिक कोशिकाओं (Eukaryotic cells) में स्थित एक झिल्लीदार कोशिकांग है। इसकी झिल्ली केंद्रक की झिल्ली से निकलती है।
यह लंबी नलिका अथवा गोल या आयताकार थैलो की तरह दिखाई देती है। अंतद्रव्यी जालिका की रचना भी प्लाज्मा झिल्ली के समरूप होती है।
राइबोसोम - इसकी खोज पेलेड ने की थी। यह RNA + Protein से बना होता है। इसको factory of Protein कहते है।
लवक- यह सिर्फ और सिर्फ Plant cell में पाया जाता है।
इसका रंग हरा होता है।
इसकी खोज ई हेकेल ने की थी |
गॉल्जी उपकरण- इसे Traffic Police of cell भी कहतेहैं |
15. (d) रसधानी- कोशिका के अंदर जल का अवशोषण का कार्य करता है।
यह चारों ओर एकल झिल्ली का आवरण होता है।
पेड़-पौधों में इनका आकार बड़ा होता है।
ये गमन नहीं कर सकते। ये कोशिका को स्फीति एवम् दृढ़ता प्रदान करते है।
16. (b) अमीबा - यह एक प्रकार का प्रोटोजोवा है, इसकी अधि कांश जातियाँ नदियो, तालाबो, मीठे पानी की झीलो, पोखरों में पायी जाती है।
यह द्विविखंडन द्वारा प्रजन्न करता है।
अमीबा एककोशिकीय जीव है, तथा इसी कोशिका के माध्यम से अपना भोजन ग्रहण करती है। अपशिष्ट पदार्थो का निष्कासन करती है।
अमीबा में अंतः कोशिकीय पाचन होता है।
17. (c) जीवाणु - इसकी खोज 1683 में एण्टनी वान ल्यूवेनहॉक ने किया था।
इसका अध्ययन Bacteriology कहलाता है।
जीवाणुओं की कोशिका भित्ती पेप्टिडोग्लाइकन (म्यूरिन) का बना होता है। यह मोनेरा जगत के सदस्य है।
हाइड्रिला- यह एक जलीय पौधा है, यह पूरे वर्ष तालाबों में पाया जाता है। इसकी कोशिका भित्ती सेल्युलोज से बनी होती है।
फैक्टस - सपुष्पक वनस्पतियों का एक जीव वैज्ञानिक कुल का है। जो अपने मोटे, फुले हुए तनो में पानी बटोरकर शुष्क व रेगिस्तानी पारिस्थतियों में जीवित रहने और अपने कॉटो से भरे हुए रूप के लिए जाना जाता है।
इसकी कोशिकाभित्ती सेल्युलोज की बनी होती है। यह एक पादप है।
Note- पादप में कोशिकाभित्ती सेल्युलोज की बनी होती है।
आमवृक्ष - यह एक पादप है।
न्यूक्लिक अम्ल - यह एक महत्वपूर्ण जैव अणु है, ये भी जीवित कोशिकाओं के केंद्रक में न्यूक्लियोप्रोटीन या क्रोमोसोम के रूप में पाये जाते है। न्यूक्लिक अम्ल दो प्रकार के होते है।
(i) DNA
(ii) RNA 
केंद्रकाभ- यह irregular shape की होती है।
यह प्रोकैरियोटीक कोशिका के अंदर उपस्थित रहती
18. (b) Silver nitrate (AgNog) - सिल्वर नाइट्रेट एक अकार्बनिक रासायनिक कम्पाउन्ड है। जो अपने ऐंटीसेप्टिक गुणों के लिए जाना जाता है। यह घाव और जलन में संक्रमण को रोकने में सहायक है। यह दवा त्वचा में सिल्वर आयनों को जारी करके काम करती है। ये आयन संक्रमण पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को मारने के साथ-साथ उनकी वृद्धि को भी रोकते हैं।
सिल्वर नाइट्रेट का घोल गॉल्जी उपकरण के अध्ययन में इस्तेमाल होता है।
19. (c) केन्द्रक के अलावा DNA माइटोकॉण्ड्रिया तथा लवक में पाए जाते हैं।
माइटोकॉण्ड्रिया की खोज अल्टमैन ने किया था।
क्रेब्स चक्र क्रिया माइटोकॉण्ड्रिया में सम्पन्न होती है।
लाइसोसोम को आत्महत्या की थैली कहा जाता है।
Endoplasmic Reticulum का मुख्य कार्य कोशकीय परिवहन तंत्र का निर्माण करना है।
केन्द्रक को कोशिका का Brain कहा जाता है, इसकी खोज रॉबर्ट ब्राउन ने किया था। 
20. (c) कोशिका का रासोई घर हरित लवक को कहा जाता है।
हरित लवक के अंदर mg धातु पाई जाती है।
ऑक्सी श्वसन की क्रिया माइटोकॉण्ड्रिया के अंदर होती है।
Endoplasmic Reticulum के उपर Ribosome पाए जाते हैं, जिसे Rough ER कहते हैं।
गॉल्जी उपकरण कोशकीय स्राव का नियंत्रण करता है।
21. (a) कोशिका में वसा का संश्लेषण ER के द्वारा होता है।
कोशिका में प्रोटीन का संश्लेषण Ribosome के द्वारा होता है।
लवक तीन प्रकार के होते है, जिसे Leucoplast, Chloroplast, Chromoplast कहते हैं।
Leucoplast जड़ में Chloroplast पत्ती में Chromoplast फूल में पाए जाते हैं।
22. (b) विर्चों के द्वारा नई कोशिका का निर्माण एवं पूर्व स्थित कोशिका से होने की बात बताई गई है।
अर्नेस्ट हेकेल के द्वारा सर्वप्रथम Ecology का सिद्धांत दिया गया।
रॉबर्ट हुक ने कोशिका की खोज 1665 ई० में सर्वप्रथम किया था।
श्लाइडेन तथा श्वान कोशिका सिद्धांत का प्रतिपादन किया था।
23. (a) कोशिका सिद्धांत का प्रतिपादन सर्वप्रथम श्लाइडेन तथा श्वान नामक वैज्ञानिक ने किया था।
राबर्ट हुक ने कोशिका की खोज सर्वप्रथम किया था। कोशिका का अध्ययन Cytology कहलाता है।
24. (b) प्रोकैरियोटिक कोशिका को अविकसित कोशिका कहते हैं । इस प्रकार की कोशिका के अंदर माइटोकॉण्ड्रिया लवक तथा लाइसोसोम, केन्द्रक, गॉल्जी बॉडी नहीं पाए जाते हैं।
प्रौकैरियोटिक कोशिका के अन्तर्गत आने वाले जीव जीवाणु, माइकोप्लाज्मा BGA आते हैं।
25. (a) Ribosome में कोशिका भित्ती नहीं होती है।
गॉल्जी उपकरण, हरितलवक, केन्द्रक में कोशिका भित्ती पाई जाती है।
Ribosome की खोज जी पैलेड नामक वैज्ञानिक ने की थी । Ribosome दो प्रकार के होते है। 70 S प्रकार तथा 80 S प्रकार के होते है।
Plant Cell सेल्यूलोज का बना होता है।
Ribosome प्रोटीन संश्लेषण में सहायक होते है।
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Mon, 12 Feb 2024 10:10:21 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Structure Of The Atom परमाणु की संरचना https://m.jaankarirakho.com/897 https://m.jaankarirakho.com/897 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Structure Of The Atom परमाणु की संरचना
1. निम्नलिखित में से कौन-सा Mg के इलेक्ट्रॉनिक वितरण को सही रूप में प्रदर्शित करता है?
(a) 3,81
(b) 2, 8, 2
(c) 1,8, 3
(d) 8, 2, 2
उत्तर - (b)
2. रदरफोर्ड के अल्फा (α) कण प्रकीर्णन प्रयोग के परिणामस्वरूप खोज किया गया -
(a) इलेक्ट्रॉन / Elelctron
(b) प्रोटॉन / Proton
(c) परमाणु में नाभिक / Nucleus in the atom
(d) परमाण्वीय द्रव्यमान / Atomic mass
उत्तर - (c)
3. डाल्टन के परमाणु सिद्धांत ने सफलतापूर्वक समझाया
(i) द्रव्यमान संरक्षण का नियम 
(ii) स्थिर अनुपात का नियम
(iii) रेडियोएक्टिवता का नियम
(iv) गुणित अनुपात का नियम
(a) (i), (ii) और (iii)
(b) (i), (iii) और (iv)
(c) (ii), (iii) और (iv) 
(d) (i), (ii) और (iv)
उत्तर - (d)
4. रदरफोर्ड के नाभिकीय प्रतिरूप के संबंध में कौन-से कथन सही है?
(i) नाभिक को धन आवेशित माना
(ii) प्रमाणित किया कि α-कण, हाइड्रोजन परमाणु से चार गुना भारी है
(iii) सौर परिवार से तुलना की जा सकती है
(iv) थॉमसन मॉडल से सहमति दर्शाता है
(a) (i) और (iii)
(b) (ii) और (iii)
(c) (i) और (iv)
(d) कंवल (i)
उत्तर - (a)
5. एक तत्व के लिए निम्नलिखित में से कौन-से विकल्प सही है?
(i) परमाणु संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + इलेक्ट्रॉनों की संख्या 
(ii) द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या 
(iii) परमाणु द्रव्यमान = प्रोटॉनों की संख्या = न्यूट्रॉनों की संख्या 
(iv) परमाणु संख्या = प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या 
(a) (i) और (ii)
(b) (ii) और (iii)
(c) (i) और (iii)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर - (d)
6. थॉमसन के परमाणु मॉडल हेतु निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य है?
(i) यह परमाणु में परमाणु द्रव्यमान को समान रूप से वितरित मानता है।
(ii) परमाणु में धनावेश समान रूप से वितरित माना गया। 
(iii) धन आवेशित गोले में इलेक्ट्रॉनों का वितरण समान रूप से होता है।
(iv) परमाणु के स्थायित्व के लिए इलेक्ट्रॉन परस्पर एक दूसरे को आकर्षित करते है।
(a) (i), (ii) और (iii)
(b) (i) और (iii)
(c) (i) और (iv)
(d) (i), (iii) और (iv)
उत्तर - (a)
7. रदरफोर्ड के α-कण प्रकीर्णन प्रयोग ने दर्शाया कि
(i) इलेक्ट्रॉन ऋण आवेशित होते है।
(ii) नाभिक में परमाणु का द्रव्यमान और धन आवेश केंद्रित रहता है।
(iii) नाभिक में न्यूट्रॉन होते है।
(iv) परमाणु का अधिकांश स्थान रिक्त होता है।
उपरोक्त कथनों में कौन से सही है?
(a) (i) और (iii)
(b) (ii) और (iv)
(c) (i) और (iv)
(d) (iii) और (iv)
उत्तर - (b)
8. एक तत्व के आयन पर 3 धन आवेश है। परमाणु की द्रव्यमान संख्या 27 और न्यूट्रॉनों की संख्या 14 है। आयन में कितने इलेक्ट्रॉन उपस्थित है? 
(a) 13
(b) 10
(c) 14
(d) 16
उत्तर - (b)
9. एथिल एथेनोएट (CH3COOC2H5) के एक नमूने में दो ऑक्सीजन परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान है, परंतु न्यूट्रॉनों की संख्या भिन्न इसके लिए निम्नलिखित में से कौन-सा कारण है। है?
(a) इनमें से एक ऑक्सीजन परमाणु ने इलेक्ट्रॉन प्राप्त किए है।
(b) इनमें से एक ऑक्सीजन परमाणु ने दो न्यूट्रॉन प्राप्त किए है।
(c) दोनों ऑक्सीजन परमाणु समस्थानिक है।
(d) दोनों ऑक्सीजन परमाणु समभारिक है।
उत्तर - (c)
10. 1 संयोजकता वाले तत्व होते है -
(a) सदैव धातु / Always metals
(b) सदैव उपधातु / Always metalloids
(c) धातु या अधातु / Either metals or non-metals
(d) सदैव अधातु / Always -
उत्तर - (c)
11. परमाणु का प्रथम मॉडल देने वाले का नाम है
(a) एन. बोर / N. Bohr
(b) ई. गोल्डस्टीन / E. Goldstein
(c) रदरफोर्ड / Rutherford
(d) जे. जे. थॉमसन / J. J. Thomson
उत्तर - (d)
12. 3 प्रोटॉन और 4 न्यूट्रॉन युक्त परमाणु की संयोजकता होगी
(a) 3
(b) 7
(c) 1
(d) 4
उत्तर - (c)
13. एल्युमीनियम के एक परमाणु इलेक्ट्रॉनों का वितरण है
(a) 2, 8, 3
(b) 2, 8, 2
(c) 8, 2, 3
(d) 2, 3, 8
उत्तर - (a)
14. चित्र में कौन-सा परमाणु के बोर मॉडल का सही प्रदर्शन नहीं करता?

(a) (i) और (ii) 
(b) (ii) और (iii)
(c) (ii) और (iv)
(d) (i) और (iv)
उत्तर - (c)
15. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सर्वदा सही है?
(a) एक परमाणु में इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉनों की संख्या समान होती है।
(b) एक परमाणु में इलेक्ट्रॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या समान होती है।
(c) एक परमाणु में प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या समान होती है।
(d) एक परमाणु में इलेक्ट्रॉनों, प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या समान होती है।
उत्तर - (a)
16. परमाणु मॉडलों का समय के साथ सुधार होता रहा है। निम्नलिखित परमाणु मॉडलों को उनके कालानुक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए
(i) रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल
(ii) थॉमसन का परमाणु मॉडल
(iii) बोर का परमाणु मॉडल
(a) (i), (ii) और (iii)
(b) (ii), (iii) और (i)
(c) (ii), (i) और (iii)
(d) (iii), (ii) और (i)
उत्तर - (c)

ANSWERS

DISCUSSION
1. (b) Mg का परमाणु क्रमांक 12 है।
अत: बोर के इलेक्ट्रॉनो के वितरण के सूत्र के अनुसार = 2n2 के
K Shell n = 1
        2 × 12 = 2
L Shell n = 2
        2 x 22 = 8
अतः K शेल में 2 और L शेल में 8 इलेक्ट्रॉन समायोजीत हो सकते है और शेष 2 इलेक्ट्रॉन को M शेल में समायोजित किया जाता है।
अत: Mg का इलेक्ट्रॉनिक वितरण 2, 8, 2 होगा।
2. (c) रदरफोर्ड के अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग के परिणामस्वरूप परमाणु में नाभिक की खोज हुई।
सन् 1911 में रदरफोर्ड ने अल्फा कण प्रकीर्णन का प्रयोग किया था।
नाभिक धनात्मक आवेशित होता है, और परमाणु के केंद्र में मौजूद होता है।
नाभिक में न्यूट्रॉन और प्रोटॉन दोनों होते है।
इलेक्ट्रॉन की खोज - जे. जे. थॉमसन
न्यूट्रॉन की खोज- जेम्स चैडविक
3. (d) डाल्टन के परमाणु सिद्धांत से
प्रत्येक तत्व परमाणुओं से मिलकर बना है।
प्रत्येक परमाणु अविभाज्य है, तथा किसी तत्व के सभी परमाणु समान होते है।
भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं का आकार, द्रव्यमान भिन्न होते है।
डाल्टन का परमाणु सिद्धांत द्रव्यमान संरक्षण का नियम, स्थिर अनुपात का नियम तथा गुणित अनुपात का नियम की व्याख्या करता है।
4. (a) रदरफोर्ड ने नाभिकीय प्रतिरूप के संबंध में नाभिक को धनावेशित माना।
रदरफोर्ड के अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग में धनावेशित अल्फा कण नाभिक द्वारा विक्षेपित हो गए थे, इसलिए उन्होंने नाभिक को धनावेशित माना।
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल

निष्कर्ष : परमाणु का अधिकांश भाग रिक्त होता है।
कुछ अल्फा कण प्रतिकर्षण बल के कारण विक्षेपित हुए जिससे पता चलता है कि परमाणु के मध्य भाग अर्थात केन्द्रीय भाग धनावेशित होता है।
5. (d) विकल्प से,
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
1 इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 1/1836 x 1 प्रोटॉन का द्रव्यमान
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन की तुलना में नगण्य होने के कारण इसे द्रव्यमानहिन माना जाता है।
परमाणु संख्या = प्रोटॉन की संख्या = इलेक्ट्रॉन की संख्या।
एक परमाणु में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन की संख्या परमाणु के उदासीनता की स्थिति में सदैव समान रहती है, जबकि न्यूट्रॉन की संख्या इनसे भिन्न हो सकती है।
6. (a) थॉमसन के परमाणु मॉडल के अनुसार
परमाणु एक ठोस गोला है जिसकी त्रिज्या 10-10 मीटर होती है।
परमाणु एक धनावेशित गोला होता है जिसमें इलेक्ट्रॉन इस प्रकार विद्यमान रहते है कि इसका सम्पूर्ण आवेश शून्य होता है, अर्थात परमाणु उदासीन होता है।

धनावेश तथा ऋणावेश परिमाण में समान होते है।
परमाणु में परमाणु द्रव्यमान समान रूप से वितरित रहता है।
परमाणु में धनावेश तथा इलेक्ट्रॉनो का वितरण समान रूप से होता है और ये परिमाण में भी समान होते है।
इस मॉडल को "प्लम पुडिंग मॉडल" भी कहते है, क्योंकि जिस प्रकार प्लम पुडिंग या तरबूज में बीज रहता है उसी तरह परमाणु में इलेक्ट्रॉन |

7. (b) फोर्ड का α- कण प्रकीर्णन प्रयोग
रदरफोर्ड ने 1911 में एक प्रयोग किया जिसमें उसने सोने की एक पतली (100nm) पर धनावेशित कण (a - कण) से बमबारी की तो उन्होंने देखा कि -
(i) कणों का एक बड़ा अंश बिना विक्षेपण के चादर से होकर गुजरा अर्थात परमाणु का अधिकांश स्थान खाली होता है।
(ii) कुछ कण बहुत छोटे कोणों से विक्षेपित हुआ अर्थात धनावेश समान रूप से वितरित नहीं होता है।
(iii) कुछ कण वापस विक्षेपित हुए अर्थात, धनावेश बहुत कम आयतन में केंद्रित होता है, जिसे नाभिक नाम दिया।
8. (b) द्रव्यमान संख्या = 27
न्यूट्रॉन की संख्या = 14
द्रव्यमान संख्या = न्यूट्रॉन की संख्या + प्रोटॉन की संख्या प्रोटॉन की संख्या = 27-14
प्रोटॉन संख्या = 13 = इलेक्ट्रॉन संख्या |
इलेक्ट्रॉन संख्या = 13
आयन पर 3 धनात्मक आवेश है अर्थात यह 3 इलेक्ट्रॉन खो देगा।
परिणामी आयन = 13 - 3 = 10
9. (c) एथिल एथेनोएट (CH3COOC2H5) के एक नमूने में दो ऑक्सीजन परमाणुओं में यदि इलेक्ट्रॉन की संख्या समान तथा न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न हो तो दोनों ऑक्सीजन परमाणु समस्थानिक होंगे।
समस्थानिक : जब परमाणु संख्या / इलेक्ट्रॉन संख्या/प्रोटॉन संख्या समान हो तथा द्रव्यमान संख्या भिन्न हो तो समस्थानिक होंगे।
ऑक्सीजन के तीन समस्थानिक होते है।

CH3COOC2H5 में दोनों ऑक्सीजन की परमाणु संख्या समान है परन्तु द्रव्यमान संख्या भिन्न है। अर्थात समस्थानिक है।
10. (c) संयोजकता 1 वाले तत्व अष्टक विन्यास प्राप्त करने के लिए या तो एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर सकते है या 1 इलेक्ट्रॉन खो सकते है।
संयोजकता 1 वाले तत्व धातु या अधातु दोनो हो सकते है। उदाहरण : Cl = 2, 8, 7 (यह एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है।)
Na = 2, 8, 1 (यह एक इलेक्ट्रॉन त्याग करता है।)
11. (d) परमाणु का प्रथम मॉडल ब्रिटिश भौतिकशास्त्री जे. जे. थॉमसन ने दिया था।
यह मॉडल इन्होने (1891-1897) छ: सालों के प्रयोग के पश्चात् 1898 में जारी किया था।
रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल 1911
Niels Bohr का परमाणु मॉडल 1913
12. (c) प्रोटॉन की संख्या = 3, न्यूट्रॉन संख्या = 4
इलेक्ट्रॉन संख्या = प्रोटॉन संख्या = 3
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 1
बाहरी कक्षा में 1 इलेक्ट्रॉन विद्यमान है अर्थात संयोजकता 1 होगी।
यह परमाणु संख्या 3 वाला तत्व लिथियम है।
13. (a) एल्युमीनियम की परमाणु संख्या = 13
नील्स बोर के इलेक्ट्रॉनिक वितरण सूत्र के अनुसार
पहली कक्षा = 2
दूसरी कक्षा = 8
तो शेष, तीसरी कक्षा = 3
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8,3
14. (c) बोर का परमाणु मॉडल
बोर ने परमाणु मॉडल 1913 में दिया था।

इन्होंने इलेक्ट्रॉन के वितरण का एक सूत्र प्रतिपादित किया था, और कक्षाओं को अलग-अलग शेल में बाटा था। जैसे : K, L, M, N ........
प्रत्येक शेल को उनके क्रमानुसार संख्या से प्रदर्शित किया
अर्थात K पहला शेल, n = 1
L दूसरा शेल, n = 2
M तीसरा शेल, n = 3
इलेक्ट्रॉन के वितरण का सूत्र = 2n2
K शेल में n = 1, ⇒ 2 × 12 = 2 L शेल में
L शेल में L = 2, ⇒ 2 × 22 = 8
M शेल में M = 3, ⇒ 2 × 32 = 18
अर्थात K शेल में अधिकतम 2 इलेक्ट्रॉन
L शेल में अधिकतम 8 इलेक्ट्रॉन
M शेल में अधिकतम 18 इलेक्ट्रॉन
15. (a) एक परमाणु में इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन की संख्या समान होती है।
इलेक्ट्रॉन या प्रोटॉन की संख्या को परमाणु संख्या भी कहते है।
परमाणु में न्यूट्रॉन की संख्या और प्रोटॉन की संख्या भिन्न हो सकती है।
एक ही तत्व के अलग-अलग परमाणु में इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन की संख्या भिन्न-भिन्न हो सकती है।
16. (c) सर्वप्रथम परमाणु मॉडल जे. जे. थॉमसन ने दिया।
थॉमसन के परमाणु मॉडल कि खामियों को सुधारते हुए रदरफोर्ड ने a कण प्रकीर्णन प्रयोग के बाद एक नया मॉडल प्रस्तुत किया।
रदरफोर्ड मॉडल के पश्चात नील्स बोर ने एक नया परमाणु मॉडल प्रस्तुत किया।
थॉमसन परमाणु मॉडल– (1891-1897 तक प्रयोग) - 1898
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल 1911
नील्स बोर परमाणु मॉडल – 1913
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Mon, 12 Feb 2024 09:19:31 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Atoms And Molecules परमाणु एवं अणु https://m.jaankarirakho.com/896 https://m.jaankarirakho.com/896 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Atoms And Molecules  परमाणु एवं अणु
1. निम्नलिखित में से कौन-सा 360g जल को सही रूप में प्रदर्शित करता है ?
(i) 2 मोल जल / 2 moles of H2O
(ii) 20 मोल जल / 20 moles of water 
(iii) जल के 6.022 x 1023 अणु 6.022 × 1023 molecules of water
(iv) जल के 1.2044 x 1025 अणु 1.2044 × 1025 molecules of water
(a) (i)
(b) (i) तथा (iv)
(c) (ii) तथा (iii)
(d) (ii) तथा (iv)
उत्तर - (d)
2. एक परमाणु के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) परमाणु स्वतंत्र अस्तित्व में नहीं रह पाते है। 
(b) परमाणु मूल इकाइयाँ हैं जिनसे अणुओं और आयनों का निर्माण होता है।
(c) परमाणु सदैव उदासीन प्रकृति के होते है।
(d) परमाणु बड़ी संख्या में परस्पर जुड़कर पदार्थ का निर्माण करते हैं, जिसे हम देख, अनुभव या स्पर्श कर सकते है।
उत्तर - (a)
3. नाइट्रोजन गैस का रासायनिक प्रतीक है
(a) Ni
(b) N2
(c) N+
(d) N
उत्तर - (b)
4. सोडियम का रासायनिक प्रतीक है
(a) So
(b) Sd
(c) NA
(d) Na
उत्तर - (d)
5. निम्नलिखित में किसका भार सबसे अधिक होगा?
(a) सूक्रोज (C12H22O11) के 0.2 मोल 0.2 moles of sucrose (C12H22O11)
(b) CO2 के 2 मोल / 2 moles of CO2
(c) CaCO3 के 2 मोल / 2 moles of CaCO3
(d) H2O के 10 मोल / 10 moles of H2O
उत्तर - (c)
6. निम्नलिखित में से किसमें परमाणुओं की संख्या अधिकतम होगी? 
(a) H2O के 18g
(b) O2 के 18g 
(c) CO2 के 18g
(d) CH4 के 18g
उत्तर - (d)
7. निम्नलिखित में से किसमें अणुओं की संख्या अधिकतम होगी?
(a) 1g CO2
(b) 1g N2
(c) 1g H2
(d) 1g CH4 
उत्तर - (c)
8. भौतिक अवस्था में परिवर्तन लाया जा सकता है
(a) केवल जब तंत्र को ऊर्जा दी जाती है। 
(b) केवल जब तंत्र से ऊर्जा ले ली जाती है।
(c) जब तंत्र को ऊर्जा दी जाती है या ली जाती है।
(d) बिना किसी ऊर्जा परिवर्तन के ।
उत्तर - (c)

ANSWERS

DISCUSSION
1. (d) (i) 20 मोल पानी = 20 x 18g = 360g पानी

2. (a) परमाणु स्वतंत्र अस्तित्व में नहीं रह पाते हैं ।
परमाणु मूल इकाइयाँ हैं जिनसे अणुओं और आयनों का निर्माण होता है ।
परमाणु सदैव उदासीन प्रकृति के होते हैं ।
परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉनों को प्राप्त या खो सकते हैं ।
यदि किसी उदासीन परमाणु द्वारा इलेक्ट्रॉनों को खो दिया जाता है या प्राप्त कर लिया जाता है, तो एक आवेशित कण बनता है जिसे आयन कहा जाता ।
3. (b) नाइट्रोजन एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक N है ।
सामान्य ताप और दाब पर नाइट्रोजन गैस है जिसका प्रतीक N2 है।
पृथ्वी के वायुमण्डल का लगभग 78% नाइट्रोजन ही है।
नाइट्रोजन सर्वाधिक मात्रा में तत्व के रूप में उपलब्ध पदार्थ भी है ।
नाइट्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन और प्रायः अक्रिय गैस है ।
4. (d) सोडियम, परमाणु क्रमांक 11 वाला एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक Na होता है ।
सोडियम अत्यंत सक्रिय तत्व है जिसके कारण यह मुक्त अवस्था में नहीं मिलता है ।
सोडियम क्लोराइड अथवा नमक सोडियम का सबसे सामान्य यौगिक है ।
सोडियम रूपहली चमकदार धातु ।
वायु में ऑक्सीकरण के कारण इस पर शीघ्र ही परत जम जाती है यह नरम धातु ।
सोडियम उत्तम विद्युत चालक है।
5. (c)

6. (d) परमाणुओं की सं० = (मोल x NA ( x 1 अणु में परमाणु)

7. (c) मोल = gm में भार / अणुभार

8.. (c) भौतिक अवस्था में परिवर्तन तब लाया जा सकता है जब ऊर्जा को या तो दिया जाता है या सिस्टम से बाहर निकाला जाता है।
जब कोई ठोस द्रव में परिवर्तित होता है, तो वह ऊर्जा को अवशोषित करता है ।
ऊर्जा परिवर्तन कणों के बीच आकर्षण बलों के परिमाण को बदलने में मदद करता है ।
जब कोई द्रव ठोस में परिवर्तित होता है तो वह ऊर्जा मुक्त करता है ।
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Mon, 12 Feb 2024 08:03:58 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Is Matter Around Us Pure क्या हमारे आस&पास के पदार्थ शुद्ध है https://m.jaankarirakho.com/895 https://m.jaankarirakho.com/895 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Is Matter Around Us Pure क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
1. शुद्ध पदार्थों के लिए निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य है ? 
(i) शुद्ध पदार्थों में केवल एक प्रकार के कण होते है। 
(ii) शुद्ध पदार्थ, यौगिक अथवा मिश्रण हो सकते है । 
(iii) शुद्ध पदार्थों का संघटन सर्वत्र समान रहता है। 
(iv) निकेल के अतिरिक्त अन्य सभी तत्वों द्वारा शुद्ध पदार्थों को दृष्टांतित किया जा सकता है।
(a) (i) तथा (ii)
(b) (i) तथा (iii)
(c) (iii) तथा (iv)
(d) (ii) तथा (iii)
उत्तर - (b)
2.लोहे से बनी वस्तु में जंग लगने को कहते है
(a) संक्षारण तथा यह एक भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन भी है।
(b) विलयन तथा यह एक भौतिक परिवर्तन है।
(c) संक्षारण तथा यह एक रासायनिक परिवर्तन है।
(d) विलयन तथा यह एक रासायनिक परिवर्तन है।
उत्तर - (c)
3. सल्फर तथा कार्बन डाइसल्फाइड का एक मिश्रण है
(a) विषमांगी तथा टिंडल प्रभाव दर्शाता है।
(b) समांगी तथा टिंडल प्रभाव दर्शाता है।
(c) विषमांगी तथा टिंडल प्रभाव नहीं दर्शाता है।
(d) समांगी तथा टिंडल प्रभाव नहीं दर्शाता है।
उत्तर - (d)
4. आयोडीन एक टिंक्चर प्रतिरोधी गुण रखता है। यह विलयन निम्नलिखित में से किसको घोलने पर बनता है?
(a) पोटेशियम आयोडाइड में आयोडीन
(b) वैसलीन में आयोडीन 
(c) जल में आयोडीन
(d) अल्कोहल में आयोडीन
उत्तर - (d)
5. निम्नलिखित में से कौन समांगी प्रकृति के है ?
(i) बर्फ / Ice
(ii) लकड़ी / Wood
(iii) मृदा / Soil
(iv) वायु / Air
(a) (i) तथा (iii)
(b) (ii) तथा (iv)
(c) (i) तथा (iv)
(d) (iii) तथा (iv)
उत्तर - (c)
6. निम्नलिखित में से भौतिक परिवर्तन कौन-से है?
(i) लौह धातु का पिघलना / Melting of iron metal
(ii) लौह में जंग लगना / Rusting of iron
(iii) एक लौह छड़ को मोड़ना / Bending of an iron rod
(iv) लौह धातु का एक तार खींचना / Drawing a wire of iron metal
(a) (i), (ii) तथा (iii)
(b) (i), (ii) तथा (iv)
(c) (i), (iii) तथा (iv)
(d) (ii), (iii) तथा (iv)
उत्तर - (c)
7. निम्नलिखित में से रासायनिक परिवर्तन कौन-से है?
(i) लकड़ी का क्षरण / Decaying of wood
(ii) लकड़ी का दहन / Burning of wood
(iii) लकड़ी का चीरना / Sawing of wood
(iv) लकड़ी के एक टुकड़े में कील ठोंकना
(a) (i) तथा (ii)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (iii) तथा (iv)
(d) (i) तथा (iv)
उत्तर - (a)

ANSWERS

DISCUSSION
1. (b) शुद्ध पदार्थों के लिए, शुद्ध पदार्थों में केवल एक प्रकार के कण होते हैं।
शुद्ध पदार्थों का संघटन सर्वत्र समान रहता हैं।
शुद्ध पदार्थ है- बर्फ, लोहा, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
दुध शुद्ध पदार्थ नहीं हैं ।
शुद्ध पदार्थ को दो वर्गों में बांटा गया है
(i) तत्व - एक शुद्ध पदार्थ जिसमें केवल एक प्रकार का परमाणु होता हैं। जिसे भौतिक या रासायनिक साधनों से दो या सरल पदार्थों में तोड़ा नहीं जा सकता है ।
(ii) यौगिक - वह शुद्ध पदार्थ जो दो या दो से अधिक तत्वों से बना हो और रासायनिक रूप से एक निश्चित अनुपात में संयुक्त हो, यौगिक कहलाता है।
2. (c) लोहे से बनी वस्तु में जंग लगने को संक्षारण तथा यह एक रासायनिक परिवर्तन हैं।
लोहे में जंग लगने के दौरान, लोहे पर लाल भुरा पाउडर द्वारा लेपित होता है।
जंग मूल रूप से आयरन ऑक्साइड हैं ।
जंग लगने के दौरान, लोहा और ऑक्सीजन, पानी या हवा की नमी की उपस्थिति में प्रतिक्रिया करते हैं।
गैल्वेनीकरण में जस्ता की एक परत को लोहे से लेपित किया जाता है।
लोहे पर जंग लगना एक विद्युत रासायनिक क्रिया हैं ।
3. (d) सल्फर तथा कार्बन डाइसल्फाइड का मिश्रण समांगी तथा टिंडल प्रभाव नहीं दर्शाता हैं।
C + 2S → CS2 (कार्बन डाइसल्फाइड)
टिंडल प्रभाव कोलाइडी विलयन में दर्शाता है।
कार्बन डाइसल्फाइड एक रंगहीन वाष्पशील यौगिक है।
कार्बन डाइसल्फाइड में 'एक सिग्मा बंध और एक पाई बंध होता है।
कार्बन डाइसल्फाइड प्रकृति में विषैला होता हैं।
कार्बन डाइसल्फाइड का उपयोग कार्बन टेट्राक्लोराइड के उत्पादन के लिए किया जाता है।
रेयान के निर्माण में कार्बन डाईसल्फाइड का उपयोग करते हैं।
4. (d) आयोडीन एक टिंक्चर प्रतिरोधी गुण रखता है। यह विलयन अल्कोहल में आयोडीन घोलने पर बनता हैं ।
आयोडीन का घोल ताजा घावों के लिए एक एंटीसेप्टिक की तरह कार्य करता है। यह मौलिक आयोडीन का एक पतला घोल है, इसमें एसीटोन नहीं होता है।
आयोडीन के घोल का उपयोग जल शोधन के लिए भी किया जा सकता हैं।
इसे कमजोर आयोडीन घोल भी कहा जाता है।
आयोडीन, पोटैशियम आयोडाइड में तेजी से घुलकर पोटेशियम डाई-आयोडाइड बनाता है।

5. (c) समांगी प्रकृति बर्फ और वायु पोटैशियम आयोडाइड भूरे रंग का होता हैं। हैं।

आयोडीन युक्त टेबल लवण एक विषमांगी मिश्रण हैं। 
6. (c) लौह धातु का पिघलना, एक लौह छड़ को मोड़ना, लौह धातु का एक तार खींचना भौतिक परिवर्तन हैं।
लोहे में जंग लगना एक रासायनिक परिवर्तन हैं।
मोम का पिघलना एक भौतिक परिवर्तन हैं।
भोजन का पचना रासायनिक परिवर्तन हैं।
खाना पकना रासायनिक परिवर्तन है।
7. (a) रासायनिक परिवर्तन लकड़ी का क्षरण और लकड़ी का दहन हैं।
लकड़ी का चीरना और लकड़ी के एक टुकड़े में कील ठोंकना भौतिक परिवर्तन हैं।
लोहे का चुंबकीय होना, विद्युत बल्व का ताप दीप्ति होना भौतिक परिवर्तन हैं।
जल की अवस्था में परिवर्त्तन भौतिक परिवर्तन के उदाहरण हैं।
दूध का फटना, लोहे पर जंग लगना रासायनिक परिवर्त्तन हैं।
लोहे पर जंग लगना रासायनिक परिवर्त्तन हैं।
रासायनिक परिवर्त्तन- जब कोई पदार्थ दो या दो से अधिक पदार्थों से अभिक्रिया कर एक नए पदार्थ का निर्माण करता तो उसे रासायनिक परिवर्तन कहते है।
भौतिक परिवर्त्तन-पदार्थ का वैसा परिवर्त्तन जिसमें परिवर्तन के बाद पुन: पहले वाले अवस्था में पदार्थों का परिवर्तन किया जा सकता है।
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Mon, 12 Feb 2024 06:46:53 +0530 Jaankari Rakho
NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Matter in Our Surroundings हमारे आस&पास के पदार्थ https://m.jaankarirakho.com/894 https://m.jaankarirakho.com/894 NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Matter in Our Surroundings  हमारे आस-पास के पदार्थ
1. निम्नलिखित परिघटनाओं का कौन-सा समुच्चय ताप बढ़ाने पर बढ़ेगा-
(a) विसरण, वाष्पन, गैसों का संपीडन
(b) वाष्पन, गैसों का संपीडन, विलेयता
(c) वाष्पन, विसरण, गैसों का प्रसार
(d) वाष्पन, विलेयता, विसरण, गैसों का संपीडन
उत्तर - (c)
2. सीमा ने एक प्राकृतिक गैस संपीडन इकाई का निरीक्षण किया तथा पाया कि ताप एवं दाब की विशिष्ट परिस्थितियों में गैस को द्रवित किया जा सकता है। अपने अनुभव को मित्रों के साथ बाँटते हुए वह भ्रमित हो गई। द्रवण के लिए परिस्थितियों के सही समुच्चय को पहचानने में उसकी मदद कीजिए 
(a) निम्न ताप, निम्न दाब
(b) उच्च ताप, निम्न दाब
(c) निम्न ताप, उच्च दाब
(d) उच्च ताप, उच्च दाब
उत्तर - (c)
3. तरल में प्रवाह का अद्वितीय गुण होता है। निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
(a) केवल गैसें तरल के समान व्यवहार करती है
(b) गैस तथा ठोस तरल के समान व्यवहार करते है
(c) गैस तथा द्रव तरल के समान व्यवहार करते है 
(d) केवल द्रव तरल के समान व्यवहार करते है
उत्तर - (c)
4. ग्रीष्मकाल में जल को मिट्टी के बर्तन में रखने पर किस परिघटना के कारण वह ठंडा हो जाता है?
(a) विसरण
(b) वाष्पोत्सर्जन 
(c) परासरण
(d) वाष्पन
उत्तर - (d)
5. कुछ पदार्थों को उनके कणों के मध्य आकर्षण बलों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया गया है। निम्नलिखित में से कौन-सा सही व्यवस्था को निरूपित करता है?
(a) जल, वायु, पवन 
(b) वायु, शर्करा, तेल 
(c) ऑक्सीजन, जल, शर्करा
(d) नमक, रस, वायु 
उत्तर - (c)
6. 25°C, 38°C तथा 66°C को केल्विन मापक्रम में परिवर्तित करने पर इन तापमानों का सही अनुक्रम होगा-
(a) 298K, 311K तथा 339K
(b) 298K, 300K तथा 338 K
(c) 298K, 278K तथा 543K
(d) 298K, 310K तथा 338K
उत्तर - (a)
7. निम्नलिखित में से सही कथन का चयन कीजिए-
(a) ठोस का द्रव अवस्था से गुजरे बिना वाष्प में रूपांतरण वाष्पन कहलाता है।
(b) ठोस का द्रव अवस्था से गुजरे बिना गैस में रूपांतरण ऊर्ध्वपातन कहलाता है।
(c) वाष्प का द्रव अवस्था से गुजरे बिना ठोस में रूपांतरण हिमीकरण कहलाता है।
(d) ठोस का द्रव में रूपांतरण ऊर्ध्वपातन कहलाता है। 
उत्तर - (b)
8. डाइएथिल ईथर, एसीटोन तथा n ब्यूटिल अल्कोहल के क्वथनांक क्रमश: 35°C, 56°C तथा 118°C है। निम्नलिखित में से कौन-से क्वथनांकों का केल्विन मापक्रम में सही निरूपण है?
(a) 306K, 329K, 391K
(b) 308K, 329K, 392K
(c) 308K, 329K, 391K
(d) 329K, 392K, 308K
उत्तर - (c)
9. निम्नलिखित में से कौन-सी परिस्थिति जल के वाष्पन में वृद्धि करेगी?
(a) जल के तापमान में वृद्धि
(b) जल के तापमान में कमी 
(c) जल का कम खुला पृष्ठीय क्षेत्रफल
(d) जल में नमक मिलाना
उत्तर - (a)
10. निम्नलिखित में से किन परिस्थितियों में हाइड्रोजन गैस के अणुओं के मध्य दूरी बढ़ेगी?
(i) बंद पात्र में भरी हाइड्रोजन गैस पर दाब बढ़ाकर
(ii) कुछ हाइड्रोजन गैस का पात्र से रिसाव होने पर
(iii) हाइड्रोजन गैस के पात्र का आयतन बढ़ाकर
(iv) पात्र का आयतन बढ़ाये बिना पात्र में अधिक हाइड्रोजन गैस मिलाने पर
(a) (i) तथा (iii)
(b) (i) तथा (iv)
(c) (ii) तथा (iii)
(d) (ii) तथा (iv)
उत्तर - (c)

ANSWERS

DISCUSSION
1. (c) ताप बढ़ने पर बढ़ेगा
(i) वाष्पन (ii) विसरण (iii) गैसों का प्रसार
  • वाष्पन (Evaporation) : किसी द्रव के सतह कणों का गैस में बदलने की वह क्रिया है जिसमें द्रव की सतह के ठीक ऊपर स्थित गैस संतृप्त न हो।
  • द्रव के प्रत्येक ताप पर बाहरी ऊष्मा लिए भिन्न निरंतर धीरे-धीरे वाष्प में परिवर्तित होने की घटना को वाष्पीकरण कहते है।
  • वाष्पीकरण के फलस्वरूप द्रव का ताप घटता है और ताप वृद्धि के साथ वाष्पन की दर बढ़ जाती है।
  • दो या दो से अधिक पदार्थों का स्वतः एक-दूसरे से मिलकर समांग मिश्रण बनाने की क्रिया को विसरण (डिफ्यूजन) कहते है।
  • ग्राहम के गैस विसरण के नियम के अनुसार, समान दाब और समान ताप पर विसरण की गति गैसों की आपेक्षिक घनत्व के वर्गमूल का व्युत्क्रमानुपाती होती है।
  • V ∝ 1/√d
  • विसरण मुख्यतः गैसों और द्रवों में होता है, ठोस में नहीं।
  • जब किसी गैस को ऊष्मा दी जाती है तो ऊष्मा ग्रहण करके गैस का आयतन बढ़ जाता है, ऊष्मा के कारण गैस के आयतन में विस्तार को गैस का ऊष्मीय प्रसार कहते है। 
2. (c) गैसों के द्रवण के लिए परिस्थितियाँ : निम्न ताप, उच्च दाब की आवश्यकता होती है।
  • बहुत सी गैसों को वायुमंडलीय दाब पर केवल ठंडा करके द्रवण किया जा सकता है लेकिन कुछ गैसों जैसे CO, को द्रवण करने के लिए निम्न ताप के साथ-साथ उच्च दाब की आवश्यकता होती है।
  • गैसों को विभिन्न विधियों द्वारा द्रवण किया जाता है जैसे
    (i) कैसकेड विधि
    (ii) रिजेनरेटिव जूल टॉमसन विधि
    (iii) रूद्धोष्म प्रसरण विधि
    (iv) रूद्धोष्म विचुंबकन विधि
  • तरल पदार्थ वह पदार्थ है जो निरंतर रूप से लागू अपरूपण प्रतिबल या बाहरी बल के तहत विरूपित (प्रवाहित ) होता है।
  • गैस अवस्था में पदार्थ का न तो निश्चित आकार होता है न नियत आयतन | ये जिस बर्त्तन में रखे जाते है उसी का आकार और पूरा आयतन ग्रहण कर लेते है।
  • गैसों में द्रव्यमान होता है।
  • इनके अणु द्रवों और ठोस पदार्थों की तुलना में एक-दूसरे से दूर-दूर होते है।
  • द्रव और गैसों को दाब बढ़ाकर संपीडित किया जाता है। 
  • गैस के कणों की औसत गतिज ऊर्जा केवल उस निकाय के तापमान पर निर्भर करती है।
3. (c) गैस तथा द्रव तरल के समान व्यवहार करते है, क्योंकि इनमें बहाव (प्रवाह) की प्रवृत्ति पाई जाती है।
  • वैज्ञानिक दृष्टि से प्लाज्मा भी तरल पदार्थों की श्रेणी में शामिल है। 
  • भौतिक का वह शाखा जिसमें तरल का अध्ययन होता है उसे तरल यांत्रिकी कहते है।
  • पारा एक मात्र तरल धातु है ।
  • पारा का उपयोग थर्मामीटर में किया जाता है, (ताप मापन हेतु) ।
  • दूध एक तरल है, यह एक पायस है जो तरल और तरल का मिश्रण होता है।
  • प्रत्येक पदार्थ के लिए ऐसा क्रांतिक ताप पाया जाता है, जिससे अधिक होने पर पदार्थ केवल तरल अवस्था में रह सकता है।
4. (d) ग्रीष्मकाल में जल को मिट्टी के बर्त्तन में रखने पर वाष्पन की परिघटना के कारण वह ठंडा हो जाता है।
  • मिट्टी के घड़ें में बहुत ही सूक्ष्म छिद्र पाये जाते है जिससे जल का निरंतर वाष्पन होने के कारण जल ठंडा हो जाता है।
  • धातु या प्लास्टिक के पात्र में कोई भी सूक्ष्म छिद्र नहीं पाये जाते जिसके कारण जल का वाष्पन नहीं हो पाता अतः जल ऊष्ण हो जाता है।
  • थर्मोस्टेट बोतल में कलई किया होता है जिससे अंदर का ताप बाहर के ताप से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है जिसके कारण इस प्रकार के बोतलों में गर्म पानी गर्म तथा ठंडा पानी ठंडा रहता है।
  • विसरण : गैस > द्रव > ठोस क्रम अनुसार होते है।
  • वाष्पोत्सर्जन : पौधों द्वारा अनावश्यक जल को वाष्प के रूप में शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को वाष्पोत्सर्जन कहा जाता है।
  • वाष्पोत्सर्जन तीन प्रकार के होते है
    (i) रंध्रीय वाष्पोत्सर्जन
    (ii) उपत्वचीय वाष्पोत्सर्जन
    (iii) वातरंध्रीय वाष्पोत्सर्जन
5. (c) पदार्थों के कणों के मध्य आकर्षण बलों के बढ़ते क्रम इस प्रकार है-
गैस < द्रव < ठोस
ऑक्सीजन (गैस) < जल (द्रव) < शर्करा (ठोस) 
विभिन्न कर्णी (परमाणु, अणु या आयन) के बीच लगने वाले बलों (आकर्षण या प्रतिकर्षण) को अंतराअणुक बल/अंतराकर्षण बल (Inter-molecular force) कहते है।
एक ही के परमाणुओं के बीच लगने वाले बल को अणु अन्त:अणुक बल (Intra-molecular force) कहते है।
अंतरा आण्विक बल साधारणतः तीन प्रकार के होते है-
(i) परिक्षेपण बल अथवा लंडन वल
(ii) द्विध्रुव-द्विध्रुव आकर्षण बल
(iii) हाइड्रोजन आबंध
पदार्थ के कणों की विशेषताएँ
(i) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
(ii) पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते है।
(iii) तापमान बढ़ने से पदार्थ के कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ती है।
(iv) पदार्थ के कण अपने आप अंतः मिश्रित जाते है।
पदार्थ की मात्रा कभी-कभी रासायनिक मात्रा या गलत रूप में मोल की संख्या भी कहा जाता है।
पदार्थ की वह मात्रा, जिसमें बराबर संख्या मौलिक अस्तित्व कण हो, जितने की कार्बन 12 के 12g में होते है।
वह संख्या है एवोगाद्रो संख्या, जिसे "NA" से सूचित करते है।
NA का मान 6.02214179 × 1023 mol-1 होता है।
लेकिन संक्षिप्त रूप में NA = 6.022 × 1023 mol-1 होता है।
6. (a)
- 40° पर सेल्सियस और फॉरेनहाइट पैमाना समान होता है।
केल्विन 'K' को S.I मात्रक के रूप में उपयोग करते है।
जबकि "°C" को C.G.S मात्रक के रूप में उपयोग करते है।
जल का त्रिक बिंदु 273.16 K और 0.01°C होता है।
परम शून्य ⇒ 0K/- 273.15° C /–459.67° F
जल का त्रिक बिंदु ⇒ 273.16K/0.01°C/32.018°F
जल का क्वथनांक ⇒ 373.1339K/99.9839° C / 211.9710° F
7. (b) उर्ध्वपातन (Sublimation) के उदाहरण (Trick से)-

जब किसी ठोस को गर्म करते है तो वह बिना द्रव में बदले गैसीय अवस्था में परिणत हो जाता है उसे उर्ध्वपातन कहते है।

निक्षेपण (Deposition या Desublimation) : एक ऊष्मागतिक प्रक्रिया है जिसमें कोई गैस, सीधे ठोस बन जाती है।
अत्यधिक गर्म कांच का धीरे-धीरे ठंडा होना एनीलिंग (Annealing) कहलाता है।
8. (c) केल्विन मापक्रम में,
35° C = 35 + 273 = 308 K 
56° C = 56 + 273 = 329K
118° C = 118 + 273 = 391K
S.I गुणांक : केल्विन
उप गुणांक

9. (a) जल के वाष्पन में वृद्धि तापमान के वृद्धि करके किया जा सकता है।
जल के ताप में कमी करने पर वाप्पन की गति में कमी होगी।
जल का पृष्ठीय क्षेत्रफल जितना ज्यादा खुला होगा उतना अधिक वाष्पन में वृद्धि होगा।
जल में नमक मिलाने पर जल का गलनांक घटेगा जबकि जल का क्वथनांक बढ़ेगा।
जल एक ऐसा पदार्थ है जो तीनों अवस्था ठोस, द्रव और गैस में पाया जाता।
जल का त्रिक बिंदु 273.16K/0.01°C/32.018°F होता है।
आसुत जल विद्युत का कुचालक होता है।
10. (c) H2 गैस के अणुओं के मध्य दूरी बढ़ेगी, जब पात्र रिसाव होने लगे या गैस के पात्र का आयतन बढ़े।
गैसों में अंतराण्विक बल नगण्य पाया जाता है, जिसके कारण गैसों का आयतन और आकार दोनों अनिश्चित होता है।
गैसों को जिस बर्त्तन में रखा जाता है वह उसी बर्त्तन के आकार और आयतन का हो जाता है।
गैसों के अणुओं के मध्य दूरी होने के कारण ही इसे दाब बढ़ाकर संपीड़ित किया जा सकता है।
गैसों में द्रव्यमान पाया जाता है।
गैसों को निम्न ताप तथा उच्च दाब के द्वारा उसे तरल में बदलकर किसी बन्द और मजबूत बर्त्तन/सिलेंडर में भरा जा सकता है।
L.P.G सिलेंडरों में इसी प्रकार से गैसों को भरकर उपयोग किया जाता है।
L.P.G गैसों के रिसाव का पता लगाने हेतु इसमें सल्फर गैस के यौगिक मिथाइल मरकेप्टॉन को मिलाया जाता है, जो कि रंगहीन द्रवित पदार्थ होता है।
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Mon, 12 Feb 2024 06:20:22 +0530 Jaankari Rakho