सुजान की
रसखान की
मियाज़ान की
नसीर की
पंजाबी
अवधी
अंगिका
ब्रजभाषा
यशोदा को
गोपियों को
राधा को
प्रेमिका को
वाराणसी
प्रयाग
मथुरा
ब्रजभूमि
कबीर
गुरुनानक
रसखान
घनानंद
प्रेमवाटिका में
सुजान रसखान में
उपर्युक्त दोनों
इनमें से कोई नहीं
रसखान
अनामिका
प्रेमघन
जीवनानंद दास
कंवल
रसखान
बगीचा
इन्द्र
गुरुनानक
रसखान
घनानंद
प्रेमघन
घनानंद
भारतेन्दु
रसखान
प्रेमघन
अवधी
ब्रजभाषा
प्राकृत
पाली
1669 ई० के आस-पास
1679 ई० के आस-पास
1689 ई० के आस-पास
1699 ई० के आस-पास
आदिकाल
भक्तिकाल
रीतिकाल
आधुनिक काल
सुजान रसखान
प्रेमवाटिका
जपुजी
सुजानसागर
जहाँगीर
शाहजहाँ
औरंगजेब
मोहम्मद शाह रंगीले
कृष्ण
सुजान
बादल
हवा
रीतिमुक्त
रीतिबद्ध
रीतिसिद्ध
छायावादी
सुजानसागर
विरहलीला
रसकेलि बल्ली
उपर्युक्त सभी
1689
1699
1729
1739
पुष्टि मार्ग
स्नेह मार्ग
भक्ति मार्ग
निश्छल मार्ग
गुरुनानक को
घनानंद को
रसखान को
तलसी को
रसखान
गुरु नानक
घनानंद
दिनकर
रसखान
कबीर
घनानंद
प्रेमघन
कबीर
जायसी
जीवनानंद दास
घनानंद
रामविलास शर्मा
नामवर सिंह
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
हजारी प्रसाद द्विवेदी
अमृत
मेघ
घनानंद
सुजान
भगवान के पास
मेघों के पास
अपनी प्रेमिका सुजान के पास
इनमें से कोई नहीं
रसखान
प्रेमघन
पंत
घनानंद
अति सूधो स्नेह को मारग है।
मो ॲसुवानिहिं लै बरसौ
करील के कुंजन ऊपर वारौं
प्रेम अयनि श्री राधिका
घनानंद ने
अनामिका ने
रेनर मारिया मिल्के ने
वीरेन डंगवाल ने
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