भ्रष्टाचार से
गरीबी से
राजनेता से
देश के दुश्मनों से
पहाड़
व्यक्ति
वृक्ष
सैनिक
घर
शहर
देश
सभी को
हिरोशिमा
एक वृक्ष की हत्या
हमारी नींद
अक्षर ज्ञान
बूढ़ा व्यक्ति
बूढ़ा चौकीदार
सिपाही
इनमें से कोई नहीं
डण्डा से
राइफल से
तीर से
भाला से
लुटेरों से
देश के दुश्मनों से
नादिरों से
इनमें से कोई नहीं
दीपशिखा
ग्राम्या
इन दिनों
चिंता
चक्रव्यूह
अपने सामने
कोई दूसरा नहीं
इन दिनों
सं० ही ० वात्स्यायन अज्ञेय
वीरेन डंगवाल
कुँवर नारायण
सुमित्रानंदन पंत
चोर
डाकू
वृक्ष रूपी चौकीदार
शत्रु
ग्राम संवेदना के
नगर संवेदना के
ममत्व संवेदना के
पितृत्व संवेदना के
गुरुनानक
वीरेन डंगवाल
कुँवर नारायण
प्रेमघन
1940 के आस-पास
1942 के आस-पास
1945 के आस-पास
1950 के आस-पास
झुरियोंदार
मैलाकुचैला
राइफल की तरह
चौकीदार की तरह
आत्मजयी
मेरे साक्षात्कार
चक्रव्यू
सदानीरा
मैलाकुचैला
फूलपत्तीदार
रेशमी चमकदार
मलेट्री टोपी
कुँवर नारायण
वीरेन डंगवाल
अनामिका
रेनर मारिया रिल्के
हिरोशिमा
हमारी नींद
अक्षर ज्ञान
लौटकर आऊँगा फिर
19 सितम्बर, 1927 ई०
17 अगस्त, 1961 ई०
7 मार्च, 1911 ई०
5 अगस्त, 1947 ई०
छायावादी
प्रगतिवादी
प्रयोगवादी
समकालीन
इसी दुनिया में से
पहल पुस्तिका से
दुष्चक्र में स्रष्टा से
असादीवार से
मंदिरों में
नदी तट पर
गरीब बस्तियों में
इनमें से कोई नहीं
लखनऊ
बनारस
इलाहाबाद
मेरठ
मानव
मक्खी
पशु
पक्षी
दुष्चक्र में स्रष्टा
इसी दुनिया में
पहल पुस्तिका
अमर उजाला
स्वदेशी
भारतमाता
हमारी नींद
जनतंत्र का जन्म
वीरेन डंगवाल
कुँवर नारायण
अनामिका
जीवनानंद दास
शिक्षित लोग
किसान लोग
हठधर्मी लोग
इनमें से कोई नहीं
दुष्चक्र में स्रष्टा
इसी दुनिया में
देशांतर
भग्नदूत
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