रसखान
गुरुनानक
भारतेन्दु हरिशचन्द्र
घनानंद
गुरु रामदास
हरगोविन्द सिंह
गुरु गोविन्द सिंह
गुरु अर्जुन देव
बाह्याडंवर
पूजा-पाठ
कर्मकाण्ड
सभी का
संध्या आरती
कर्मकाण्ड
राम नाम के जप से
इनमें से कोई नहीं
घनानंद ने
प्रेमघन ने
कुवँर नारायण ने
गुरुनानक ने
राम भक्तिमय गीत
प्रेम एवं भक्ति के मधुर गीत
सूफी गीत
कृष्ण भक्तिमय गीत
जो अहंकारी
जो निराश हो
जो दुखी हो
जिसका अंत:करण निर्मल हो
गुरुनानक से
रसखान से
प्रेमघन से
घनानंद से
कबीर
रहीम
गुरुनानक
घनानंद
वाह्याडंवर का
तीर्थाटन का
कर्मकाण्ड का
उपर्युक्त सभी का
गुरुनानक
गुरु अर्जुन देव
गुरु गोविन्द सिंह
रसखान
पूजा - वंदना
राम नाम का जप
प्रात:कालीन पूजा
संध्याकालीन आरती
मूर्ति पूजन के बिना
कर्मकांड के बिना
गुरु ज्ञान के बिना
तीर्थ यात्रा के बिना
सूफी मार्ग के
निर्गुण भक्ति मार्ग के
कृष्ण भक्ति मार्ग के
राम भक्ति मार्ग के
सुलक्षणी
सुलोचना
सरला
सुलोचनी
गुरुनानक
प्रेमघन
रसखान
घनानंद
आदिकाल
भक्तिकाल
रीतिकाल
आधुनिक काल
ब्रज भाषा
अवधी भाषा
पूर्वी भाषा
खड़ी बोली
राम भक्त
कृष्ण भक्त
निर्गुण भक्त
इनमें से कोई नहीं
1605
1610
1615
1620
पठान राजवंश
मुगलवंश
गुलाम वंश
खिलजी वंश
भारतेन्दु की
रसखान की
घनानंद की
प्रेमघन की
कबीरदास
मलिक मुहम्मद जायसी
रहीम
रसखान
रसखान
भारतेन्दु
घनानंद
गुरुनानक
शंकर-पार्वती
गणेश-लक्ष्मी
कृष्ण-राधा
राम-सीता
अकबर
हुमायूँ
जहाँगीर
औरंगजेब
कृष्ण को
राम को
नन्द को
विठ्ठलनाथ को
पदों में
घनाक्षरी में
दोहों में
सवैयों में
करील की कुंजों पर
बलराम पर
गोपियों पर
राधा पर
हरियाणा
पंजाब
ब्रजभूमि
वाराणसी
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