स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की ।
दीनबंधु मित्र ने नील दर्पण का लेखन किया ।
बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने आनंदमठ का लेखन किया ।
सत्येंद्र नाथ टैगोर इंडियन सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता पाने वाले प्रथम भारतीय बने ।
1886 में
1892 में
1898 में
1897 में
आत्माराम पांडुरंग ने
ज्योतिबा फुले ने
एम जी चंद्राकर ने
एम जी रानाडे ने
बिहार में आदिवासियों के उन्नयन का एक आंदोलन
गुजरात में मंदिर - प्रवेश का एक आंदोलन
महाराष्ट्र में एक जाति-विरोधी आंदोलन
पंजाब में एक किसान आंदोलन
राजा राममोहन राय की पत्नी
रामकृष्ण परमहंस की पत्नी
विवेकानंद की मां
केशवचंद्र सेन की पुत्री
वललभभाई पटेल
दादाभाई नौरोजी
केशव चंद्र सेन एवं श्रीधरालु नाइडू
रामकृष्ण परमहंस
राधाकांत देव
नेमिसाधन बोस
हेमचंद्र विश्वास
हेमचंद्र डे
कुलीन जमींदार
नवीन धनवान व्यापारी
शिक्षित हिंदू मध्यम वर्ग
शिक्षित मुसलमान
गोपाल कृष्ण गोखले
ज्योतिबा फुले
शिवनाथ शास्त्री
उपरोक्त में से कोई नहीं
हरिदास स्वामी
शिवदयाल साहब
शिवनारायण अग्निहोत्री
स्वामी श्रद्धांनद
1865
1870
1875
1880
ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने
गोपाल कृष्ण गोखले ने
दादाभाई नौरोजी ने
लाला लाजपत राय ने
राजा राममोहन राय
दयानंद सरस्वती
स्वामी विवेकानंद
रामकृष्ण परमहंस
एम जी रानाडे
गोपाल कृष्ण गोखले
पंडिता रमाबाई
गोपाल हरि देशमुख
नाना साहब
ए ओ ह्यूम
राजा राममोहन राय
स्वामी विवेकानन्द
राजा राममोहन राय
स्वामी दयानंद सरस्वती
स्वामी विवेकानंद
रामकृष्ण परमहंस
स्वामी दयानंद सरस्वती
राजा राममोहन राय
स्वामी विवेकानंद
स्वामी श्रद्धानंद
मैडम एच पी ब्लावेट्स्की
राजा राममोहन राय
महात्मा गांधी
स्वामी विवेकानंद
ब्रह्म समाज
आत्मीय सभा
ब्रह्म सभा
तत्त्वबोधिनी सभा
विष्णु परशुराम पंडित ने
बी एम मालाबारी ने
गोपाल हरि देशमुख ने
दादाभाई नौरोजी ने
1828
1829
1831
1843
सर जमशेदजी
सर रुस्तम बहरामजी
नवलजी टाटा
बहरामजी एम मालाबारी
आर्य समाज
ब्रह्म समाज
देव समाज
प्रार्थना समाज
1900
1888
1885
1866
1856
1891
1881
1905
कोलकाता में
पटना में
ब्रिस्टल, इंग्लैंड में
कनाडा में
राजा राममोहन राय
स्वामी दयानंद
स्वामी विवेकानंद
बाल गंगाधर तिलक
स्वराज पार्टी के
ऑल इंडियन नेशनल लिबरल फेडरेशन के
मद्रास लेबर यूनियन के
सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी के
एनी बेसेंट
ईश्वर चंद्र विद्यासागर
एम जी रानाडे
राजा राममोहन राय
नास्तिकता पर
अद्वैतवाद पर
एकदेववाद पर
बहुदेववाद पर
ज्योतिबा फूले
राजा राममोहन राय
दयानंद सरस्वती
रामकृष्ण परमहंस
दयानन्द सरस्वती
ईश्वर चन्द्र विद्यासागर
राजा राममोहन राय
उपर्युक्त सभी
मंदिरों में भ्रष्टाचार
हिंसा
राजनैतिक नेताओं की गिरफ्तारी
सांप्रदायिकता
ओकालिंग
नाडार
महार
पाली
तीनों ही राजनैतिक उद्देश्यों के लिए नहीं बने, लेकिन तीनों ने ही देशभक्ति की भावना के विकास में सहायता दी।
तीनों ही संगठनों का प्रादुर्भाव बंगाल में हुआ ।
तीनों ही संगठनों के संस्थापकों की शिक्षा इंग्लैंड में हुई ।
तीनों ही संगठनों के संस्थापकों ने राजनीति में सक्रिय भाग लिया ।
बाल विवाह
शिशु हत्या
सती प्रथा
गुलामी प्रथा
बी आर अम्बेडकर
बाल गंगाधर तिलक
लाला लाजपत राय
महात्मा गांधी
देवेंद्रनाथ टैगोर
ईश्वरचंद्र विद्यासागर
केशवचंद्र सेन
श्यामचंद्र दास
रामकृष्ण परमहंस
स्वामी विवेकानंद
बंकिमचंद्र चटर्जी
राजा राममोहन राय
मौलाना शिब्ली नुमानी ने
मोहम्मद कासिम ननोतवी ने
मौलवी अब्दुल्लाह चक्रल्वी ने
मौलाना अहमद रिजा खान ने
14 वर्ष
18 वर्ष
16 वर्ष
इनमें से कोई नहीं
What's Your Reaction?






