अशोक मेहता समिति
इन्द्रजीत गुप्ता समिति
सरकारिया आयोग
एन. एन. वोहरा समिति
अशोक मेहता
श्रीराम मेहता
बलवंत राय मेहता
मनोहर लाल मेहता
हीमोग्लोबिन
ऐल्बूमिन
कैरेटिन
एन्जाइम
जीवाणु
विषाणु
प्रोटोजोआ
कवक
1895 ई०
1988 ई०
2001 ई०
1664 ई०
अरेबियन
कालाहारी
सहारा
थार
जहाँगीर
औरंगज़ेब
शाहजहाँ
बहादुर शाह
लॉर्ड रॉबर्ट सेसिल
वुड्रो विल्सन
ओरलैंडो
नेविले चेम्बरलेन
टर्न अराउंड टाइम
वेटिंग टाइम
एग्जिक्यूशन टाइम
डिले टाइम
गंगा
सागा
गरुड़
परम
प्राकृतिक
कृत्रिम
द्विपद
जातिवृत्तीय
प्रबल
दुर्बल
मध्यम
अत्यन्त प्रबल
अशोक
चंद्रगुप्त मौर्य
समुद्रगुप्त
चंद्रगुप्त विक्रमादित्य
जहाँगीर
शाहजहाँ
शेरशाह
नादिरशाह
अनुच्छेद-355
अनुच्छेद-256
अनुच्छेद-324
अनुच्छेद- 320
पर निर्भरता
सामूहिकता की भावना
धार्मिकता
अनुकरणात्मक प्रवृत्ति का अभाव
प्रतिकूल पारिवारिक सम्बन्ध
व्यवसाय की समस्या
नयी परिस्थिति के साथ समायोजन
उपर्युक्त सभी
मूर्ख
मन्दबुद्धि
सामान्य बुद्धि
प्रतिभाशाली
थॉर्नडाइक
मैकडुगल
कोहलर
पावलोव
विकास एक व्यवस्थित क्रम में होने की प्रवृत्ति से सम्बद्ध है
विकास की प्रक्रिया एक उत्परिवर्तनीय प्रक्रिया है
विकास निरन्तरीय होता रहता है
अलग-अलग लोगों के लिए विकास की प्रक्रिया भी अलग-अलग होती है
आगमनात्मक
निगमनात्मक
उपर्युक्त दोनों
उपर्युक्त में से कोई नहीं
परिवेश की भूमिका लगभग स्थिर-सी रहती है जबकि आनुवंशिकता का प्रभाव परिवर्तित हो सकता है
'व्यवहारवाद' के सिद्धान्त प्रायः मानवीय विकास में 'प्रकृति' की भूमिका पर आधारित हैं
विकास के विभिन्न क्षेत्रों में आनुवंशिकता एवं परिवेश का सापेक्षिक प्रभाव परिवर्तनशील है
भारत सरकार की विभेदात्मक क्षतिपूरकता (Compensatory Discrimination) सम्बन्धी नीति मानवीय विकास में 'प्रकृति' की भूमिका पर आधारित है ।
बलात्मक अधिगम, चिंतन व समकक्षीय साक्षी एवं अध्यापक की अनुकृति द्वारा विशेष रूप से अपनाया जाने वाला व्यवहार
अन्तः क्रिया व सामग्री द्वारा विद्यालयों में प्रस्तुत किए जाने वाले सामाजिक भूमिकाओं से सम्बद्ध अनौपचारिक संकेत
परिवारों के माध्यम से विद्यार्थियों का समझौतापूर्ण (Negotiating) व प्रतिरोधात्मक समाजीकरण
मूल्यों व अभिवृत्तियों का शिक्षण एवं आकलन
बच्चों की अधिगमनात्मक तत्परता के प्रति संवेदनशीलता
वैयक्तिक भेदों की स्वीकृति
खोजपूर्ण अधिगम
शाब्दिक शिक्षण की आवश्यकता
चरणों का परिवर्तनशील अनुक्रमण
विभिन्न चरण अलग-अलग प्रत्युत्तर हैं न कि सामान्य प्रतिमान
सभी संस्कृतियों से सम्बद्ध चरणो की सार्वभौम श्रृंखला
विभिन्न चरण एक गैर-पदानुक्रम रूप में आगे की ओर बढ़ते हैं
किसी भी जाति, पंथ, रंग, क्षेत्र व धर्म के होते हुए भी समान शिक्षा प्राप्त करें
समान शिक्षा पाने के बाद अपनी क्षमताओं को सिद्ध कर सकें
बिना किसी भेद के समान पद्धतियों व सामग्रियों से शिक्षा प्राप्त करें ।
ऐसी शिक्षा पाएँ जो उनके लिए अनुकूलतम हो तथा उनके भविष्य के कार्यों में सहायक हो
आनुवंशिकता
सामाजिक अन्तः क्रिया
अह - केन्द्रित भाषा
विद्यार्थी द्वारा सक्रियात्मक रचना
मस्तिष्क के एक भाग में हुई क्षति केवल किसी एक विशिष्ट योग्यता को प्रभावित करती है न कि सम्पूर्ण को
बुद्धि विश्लेषणात्मक, सृजनात्मक एवं व्यवहारात्मक बुद्धियों की अन्तः क्रिया हैं
विभिन्न बुद्धियाँ अपने स्वरूप में पदानुक्रमात्मक हैं
अनुदेशन के प्रारूप का निर्माण करते समय अध्यापकों को किसी एक विशिष्ट शैक्षिक नवाचार के सिद्धान्त का अनुपालन करना चाहिए
विद्यार्थी सम-समूहों में बेहतर सीखते हैं
अबाध व प्रभावी शिक्षण हेतु कक्षा को समरूपी (Homogeneous) होना चाहिए
छात्र असहिष्णु होते हैं व भेदों को स्वीकार नहीं करते
विभिन्न योग्यता वाले समूहों को ग्रहण करने के लिए अध्यापकों को बहु-स्तरीय शिक्षण को अपनाना चाहिए
विद्यार्थियों की स्मृतियों का मंथर गति से जागृत कर रहा / रही है
रचनात्मक आकलन कर रहा / रही है
छात्रों की मुख्य बिन्दुओं का सार लिखने की क्षमता का परीक्षण कर रहा/रही है
छात्रों की उपलब्धि के मूल्यांकन हेतु शीर्षकों (Rubrics) के विकास का प्रयास कर रहा/रही है
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