15 वर्ष
19 वर्ष
24 वर्ष
12 वर्ष
FPSMN
FQSMN
FQSNM
FQTMN
10
20
19
18
24 मीटर
40 मीटर
28 मीटर
14 मीटर
24 वर्ष
28 वर्ष
30 वर्ष
40 वर्ष
145°
150°
155°
160°
स्वास्थ्य से
गरीबी से
बैंकिंग से
नगर निगम वित्त से
जयप्रकाश नारायण
डॉ० राजेन्द्र प्रसाद
सहजानन्द सरस्वती
राजकुमार शुक्ल
ऊपरी गंगा नहर
त्रिवेणी नहर
शारदा नहर
पूर्वी यमुना नहर
सोमेश्वर पहाड़ी श्रेणी
कैमूर पठार
नवादा पहाड़ी प्रदेश
राजगीर पहाड़ी प्रदेश
मोतीपुर
बजारी
भागलपुर
डालमियानगर
सूवा
जूबा
खरतूम
टाइचुंग
धनात्मक हास दर
ऋणात्मक ह्रास दर
तटस्थ अवस्था
इनमें से कोई भी नहीं
नारंगी
लाल
पीला
काला
मायावती
प्रतिभा पाटिल
ममता बनर्जी
सुउ क्यी
जॉन बी. वाट्सन
लेव वायगोट्स्की
जीन पियाजे
लॉरेंस कोलबर्ग
प्रबलन
अनुबंधन
मॉडलिंग
पाड़ (ढाँचा)
परिकल्पित-निगमनात्मक तर्क; साध्यात्मक विचार
संरक्षण; कक्षा समावेशन
आस्थगित अनुकरण; पदार्थ स्थायित्व
प्रतीकात्मक खेल; विचारों की अनुत्क्रमणीयता
स्कीमा
अवलोकन अधिगम
अनुबंधन
प्रबलन
जन्म पूर्व अवधि
प्रारंभिक बाल्यावस्था
मध्य बाल्यावस्था
किशोरावस्था
प्रसुप्ति अवस्था
सामाजिक अनुबंध अभिविन्यास
मूर्त संक्रियात्मक अवस्था
उद्योग बनाम अधीनता अवस्था
सृजनात्मक विचारक
अभिसारिक विचारक
अनम्य विचारक
आत्म- केन्द्रित विचारक
बच्चों को विद्यालय छोड़ने के लिए कहना चाहिए
इस स्थिति को जैसी है, स्वीकार कर लेना चाहिए
इन विद्यार्थियों से अपनी अपेक्षाओं को कम करना चाहिए
अपनी शिक्षण पद्धति पर विचार करना चाहिए तथा बच्चों की सहभागिता में सुधार करने के लिए नए तरीके ढूँढ़ने चाहिए
तैयार नहीं करना चाहिए
कभी-कभी तैयार करना चाहिए
सक्रिय रूप से तैयार करना चाहिए
तैयार करने के लिए हतोत्साहित होना चाहिए
न्यून - अवधान विकार
अपसारी चिंतन; पढ़ने में धाराप्रवाहिता
धाराप्रवाह पढ़ने की अक्षमता
एक ही गतिविषयक कार्य को बार-बार दोहराना
व्यवहारवादी सिद्धांत
अशक्त बच्चों के प्रति एक सहानुभूतिक अभिवृत्ति
अधिकार - आधारित मानवतावादी परिप्रेक्ष्य
मुख्यत: व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध करा करके अशक्त बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करना
यंत्रवत् याद करने पर आधारित है
प्रबलन पर केन्द्रित है
अनुबंधन द्वारा अर्जित है
अवबोधन की प्रक्रिया पर केन्द्रित है
बच्चों के इन सिद्धान्तों को अनदेखा करना चाहिए
बच्चों को दंडित करना चाहिए
बार-बार याद करने के द्वारा एक सही सिद्धांत से 'बदल' देना चाहिए
प्रतिकूल प्रमाण एवं उदाहरणों को प्रस्तुत करके बच्चों के इन सिद्धान्तों को चुनौती देनी चाहिए
केवल पाठ्य-पुस्तकों पर निर्भर होना
बच्चों के अनुभवों को प्रमुखता देना
यंत्रवत् याद करना
योग्यता के आधार पर विद्यार्थियों को नामांकित करना तथा वर्गीकरण करना
पूर्णतया अलग
स्वतंत्र
सन्निहित
संबंधित नहीं
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