भारतीय इतिहास | आधुनिक भारत का इतिहास | ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

भारतीय इतिहास | आधुनिक भारत का इतिहास | ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

1. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन औद्योगिक क्रांति के द्वारा उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में भारत पर पड़े प्रभाव की सही व्याख्या करता है?

भारतीय दस्तकारी उद्योग नष्ट हो गए थे।
भारत के वस्त्र उद्योग में मशीनों का बड़ी संख्या में प्रवेश हुआ था ।
देश के अनेक भागों में रेलवे लाइनें बिछाई गई थी ।
ब्रिटिश उत्पादन के आयात पर भारी शुल्क लगाया गया था।

2. आर्थिक तौर पर, 19वीं शताब्दी में भारत पर अंग्रेजी शासन का परिणाम था-

भारतीय हस्तशिल्पों के निर्यात में वृद्धि
भारतीयों के स्वामित्व वाले कारखानों की संख्या में वृद्धि
भारतीय कृषि का वाणिज्यीकरण
नगरीय जनसंख्या में तीव्र वृद्धि

3. ब्रिटिश व्यवस्था में रैयतवारी भू-राजस्व संग्रह प्रचलित था-

उत्तरी भारत में
(c) एवं (d) दोनों
पश्चिमी भारत में
दक्षिणी भारत में

4. लॉर्ड कॉर्नवालिस का स्थायी बन्दोबस्त लागू किया गया-

सन् 1787 ई में
सन् 1789 ई में
सन् 1790 ई में
सन् 1793 ई में

5. शब्द 'इंपीरियल प्रेफरेंस' का प्रयोग किया जाता था-

भारत में ब्रिटिश आयातों पर दी गई विशेष रियायतों के लिए
ब्रिटिश नागरिकों द्वारा किए जा रहे प्रजातीय भेदभाव के लिए
ब्रिटिश हित के लिए किए जा रहे भारतीय हित के दमन के लिए
भारतीय रियासतों के राजाओं पर ब्रिटिश पॉलिटिकल एजेंटों को दी जा रही तरजीह के लिए

6. भारत में भारतीयों द्वारा 1881 में स्थापित हुआ तथा उनके प्रबंध में चलनेवाला सीमित देयता का प्रथम बैंक था-

हिन्दुस्तान कॉमर्शियल बैंक
अवध कॉमर्शियल बैंक
पंजाब नेशनल बैंक
पंजाब एंड सिंध बैंक

7. 'पावर्टी एंड द अनब्रिटिश रूल इन इंडिया' नामक पुस्तक किसने लिखी ?

अमर्त्य सेन
रमेशचंद्र दत्त
गोपाल कृष्ण गोखले
दादाभाई नौरोजी

8. किसने यह विचार किया था कि भारत में 'ब्रिटिश आर्थिक नीति' घिनौनी है ?

बी जी तिलक
दादाभाई नौरोजी
कार्ल मार्क्स
एडम स्मिथ

9. ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में उद्योगों का कोई स्वतंत्र विकास नहीं हुआ इसका कारण था-

भारी उद्योगों का अभाव
विदेशी पूंजी की कमी
प्राकृतिक संसाधनों की कमी
धनिक वर्ग द्वारा भू-संपत्ति में निवेश करने को तरजीह दिया जाना

10. असम के सर्वप्रथम चाय कंपनी की स्थापना कब हुई थी ?

1835 में
1837 में
1839 में
1841 में

11. सर टॉमस मुनरो भू-राजस्व बंदोबस्त से संबद्ध हैं-

स्थायी बंदोबस्त
महालवाड़ी बंदोबस्त
रैयतवाड़ी बंदोबस्त
उपर्युक्त में से कोई नहीं

12. इस्तमरारी बंदोबस्त किसने लागू किया ?

वेलेजली
वारेन हेस्टिंग्स
लॉर्ड कार्नवालिस
लॉर्ड डफरिन

13. 1793 में लॉर्ड कार्नवालिस की भू-व्यवस्था प्रणाली लागू होने के बाद कानूनी विवादों की प्रवृत्ति में बढ़ोतरी देखी गई थी। निम्नलिखित प्रावधानों में से किस एक को सामान्यतया इसके कारक के रूप में जोड़ कर देखा जाता है ?

रैयत की तुलना में जमींदार की स्थिति को अधिक सशक्त बनाना
ईस्ट इंडिया कंपनी को जमींदारों का अधिपति बनाना
न्यायिक पद्धति को अधिक कार्यकुशल बनाना
उपर्युक्त (a), (b) तथा (c) कथनों में से कोई भी सही नहीं है।

14. दादाभाई नौरोजी द्वारा प्रतिपादित 'अपवाह सिद्धांत' (Drain Theory) की सही परिभाषा नीचे के किस कथन में आती है ?

देश के संसाधनों का उपयोग ब्रिटेन के हित में किया जा रहा था।
भारत की राष्ट्रीय संपदा का एक भाग अथवा कुल वार्षिक उत्पाद ब्रिटेन को निर्यात कर दिया जाता था जिसके लिए भारत को कोई वास्तविक प्रतिफल नहीं मिलता था ।
साम्राज्यवादी शक्ति के संरक्षण में ब्रिटिश उद्योगपतियों को भारत में निवेश के अवसर दिए जाते थे।
भारत में ब्रिटिश सामान का आयात किया जाता था और यहाॅ देश को दिन प्रतिदिन अधिकाधिक गरीब बनाया जाता था ।

15. अंग्रेजों के शासनकाल में भारत के "आर्थिक दोहन" के सिद्धांत को किसने प्रतिपादित किया ?

एम एन राय
जयप्रकाश नारायण
राममनोहर लोहिया
दादाभाई नौरोजी

16. चिरस्थायी बंदोबस्त, 1793 के अंतर्गत जमींदारों से अपेक्षा की गई थी कि वे खेतिहरों को पट्टा जारी करेंगे। अनेक जमींदारों ने पट्टा जारी नहीं किए। इसका कारण था-

जमींदारों के ऊपर किसानों का विश्वास था
जमींदारों के ऊपर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं था
यह ब्रिटिश सरकार की जिम्मेदारी थी
खेतिहरों की दिलचस्पी पट्टा प्राप्त करने में नहीं थी

17. निम्नलिखित में से कौन दादाभाई नौरोजी के उत्सारण सिद्धांत (Drain Theory) में विश्वास नहीं करता था ?

बाल गंगाधर तिलक
आर सी दत्त
एम जी रानाडे
सर सैयद अहमद खां