भारतीय इतिहास | आधुनिक भारत का इतिहास | व्यक्तिगत सत्याग्रह / क्रिप्स मिशन

भारतीय इतिहास | आधुनिक भारत का इतिहास | व्यक्तिगत सत्याग्रह / क्रिप्स मिशन

1. 'व्यक्तिगत सत्याग्रह' में विनोबा भावे को प्रथम सत्याग्रही चुना गया था । दूसरा कौन था?

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
पंडित जवाहरलाल नेहरू
सी. राजगोपालाचारी
सरदार वल्लभभाई पटेल

2. 'सर्वोदय' शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया था?

महात्मा गांधी
पंडित नेहरू
विनोबा भावे
जयप्रकाश नारायण

3. किसकी दृष्टि में "क्रिप्स प्रस्ताव एक टूटते हुए बैंक के नाम एक उत्तर-दिनांकित चेक" (Post-dated cheque upon a crashing bank) था?

महात्मा गांधी
जवाहरलाल नेहरू
जे.बी. कृपलानी
जयप्रकाश नारायण

4. निम्नलिखित प्रधानमंत्रियों में से किसने भारत में क्रिप्स मिशन भेजा ?

जेम्स रैम्से मैक्डोनॉल्ड
स्टैनली बॉल्डविन
नेविल चेम्बरलेन
विंस्टन चर्चिल

5. निम्नलिखित में से कौन-सा क्रिप्स मिशन के संबंध में सही नहीं है?

युद्ध समाप्त होने पर डोमिनियन दर्जा ।
संविधान सदन द्वारा निर्मित संविधान मान्य ।
नई कार्य परिषद की नियुक्ति जिसमें हिंदुओं एवं मुसलमानों का समान प्रतिनिधित्व ।
कोई भी सूबा भारतीय संघ से बाहर रह सकता था।

6. भारत में क्रिप्स मिशन किस वर्ष आया ?

1940
1942
1944
1946

7. सर स्टैफर्ड क्रिप्स की योजना में यह परिकल्पना थी कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद-

भारत को पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की जानी चाहिए ।
स्वतंत्रता प्रदान करने के पहले भारत को दो भागों में विभाजित कर देना चाहिए।
भारत को इस शर्त के साथ गणतंत्र बना देना चाहिए कि वह राष्ट्रमंडल में शामिल होगा।
भारत को डोमिनियन स्टेट्स दे देना चाहिए ।

8. निम्नलिखित में से कौन, क्रिप्स मिशन के साथ कांग्रेस के आधिकारिक वार्ताकार थे?

महात्मा गांधी एवं सरदार पटेल
आचार्य जे. बी. कृपलानी एवं सी. राजगोपालाचारी
पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं मौलाना आजाद
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एवं रफी अहमद किदवई

9. निम्नलिखित में से किसने गांधीजी के आंदोलनों को 'राजनैतिक फिरौती' कहा?

लॉर्ड चेम्सफोर्ड
लॉर्ड वेवल
लॉर्ड लिनलिथगो
लॉर्ड मांटेग्यू

10. 1942 के क्रिप्स मिशन का एक महत्वपूर्ण पहलू था-

भारत को किसी भी कोटि की स्वायत्तता देने की शर्त थी कि सभी भारतीय राज्यों को भारत संघ में शामिल होना होगा ।
द्वितीय विश्व युद्ध के तुरंत पश्चात भारत संघ की स्थापना करना और उसे डोमिनियन पद प्रदान करना।
विश्व युद्ध के पश्चात भारत को संपूर्ण स्वतंत्रता तथा प्रभुत्व का दर्जा प्रदान करने की शर्त थी भारतीय लोगों, समुदायों तथा राजनीतिक दलों का ब्रिटेन के युद्ध में भाग तथा सहयोग ।
संपूर्ण भारत संघ के लिए एक ही संविधान की संरचना करना, किसी भी प्रांत के लिए पृथक संविधान का न होना तथा सभी प्रांतों को संघीय संविधान मान्य होगा ।