जीवनानंद दास
रेनर मारिया रिल्के
कुँवर नारायण
वीरेन डंगवाल
जर्मनी
फ्रांस
जापान
ग्रीक
4 दिसम्बर, 1865 ई०
4 दिसम्बर, 1875 ई०
4 दिसम्बर, 1885 ई०
4 दिसम्बर, 1895 ई०
पास्लो नेरुदा
वास्को पोपा
जोसफ रिल्के
धर्मवीर भारती
1925 ई० में
1926 ई० में
1927 ई० में
1928 ई० में
अंग्रेजी
जर्मन
रूसी
फ्रांसीसी
अक्षर ज्ञान
लौटकर आऊँगा फिर
मेरे बिना तुम प्रभु
मातृभूमि बंगाल
जर्मन
ब्रिटिश
फ्रांसीसी
चीनी
गीतात्मक
भावात्मक
प्रतीकात्मक
रहस्यात्मक
जीवनानंद दास
अनामिका
सुमित्रानंदन पंत
रेनर मारिया रिल्के
ईश्वर का
भक्त का
प्रकृति का
माया का
लौटकर आऊँगा फिर
मेरे बिना तुम प्रभु
अक्षर ज्ञान
हमारी नींद
जलपात्र
मदिरा
वेश और वृति
सभी
भक्त का
भगवान प्रभु का
मानव का
इनमें से कोई नहीं
वीरेन डंगवाल
जीवनानंद दास
कुँवर नारायण
धर्मवीर भारती
अनामिका
रेनर मारिया रिल्के
जीवनानंद दास
मैक्समूलर
जलपात्र
मदिरा
वेश और वृत्ति
उपर्युक्त सभी
श्रीनिवास
साँवर दइया
सुजाता
इनमें से कोई नहीं
सच्चिदानंद वात्सायन
मास्ती वेंकटेश अय्यंगार
सातकोड़ी होता
बदरी नारायण प्रेमघन
उड़िया
भोजपुरी
कन्नड़
तमिल
6 जून, 1880 ई०
6 जून, 1888 ई०
6 जून, 1890 ई०
6 जून, 1891 ई०
बेंगलूर के पास किसी गाँव की
मंगलूर के पास किसी गाँव की
अवलूर के पास किसी गाँव की
रामेश्वरम् के पास किसी गाँव की
जुआरी
व्यापारी
वकील
किसान
नजमा
नंजम्मा
रंगप्पा
इनमें से कोई नहीं
दही वाली मंगम्मा
ढहते विश्वास
माँ
धरती कब तक घुमेगी
रामेश्वर में
केरल में
बंगलूरु में
हैदराबाद में
भोजपुरी साहित्य
हिन्दी साहित्य
बांग्ला साहित्य
कन्नड़ साहित्य
ढहते विश्वास
दही वाली मंगम्मा
नगर
माँ
रंगप्पा
पोते
पति
इनमें से कोई नहीं
मंगम्मा का बेटा
मंगम्मा का पति
रंगप्पा
रंगप्पा का भाई
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