सूत्र पद्धति में लिखे गये प्राचीनतम धर्मशास्त्र पाठ
वेदों के प्राधिकार को अस्वीकार करने वाले दार्शनिकं सम्प्रदाय
परिपूर्णताएँ जिनकी प्राप्ति से बोधिसत्व पथ प्रशस्त हुआ
आरंभिक मध्यकालीन दक्षिण भारत की शक्तिशाली व्यापारी श्रेणियाँ
अवलोकीतेश्वर
लोकेश्वर
मैत्रेय
पदमपाणि
संघपरिनायक और धर्म तथा विनय विषयों पर एक-एक वक्ता को चुनने का अवसर होता था ।
वर्षा ऋतु के दौरान मठों में प्रवास के समय भिक्षुओं द्वारा किए गए अपराधों की स्वीकारोक्ति का अवसर होता था ।
किसी नए व्यक्ति को बौद्ध संघ में प्रवेश देने का समारोह होता था, जिसमें उसका सिर मुंडवा दिया जाता था और पीले वस्त्र दिए जाते थे।
आषाढ़ की पूर्णिमा के अगले दिन बौद्ध भिक्षुओं के एकत्र होने का अवसर होता था जब वे वर्षा ऋतु के आगामी चार महीनों के लिए निश्चित आवास चुनते थे।
आत्मा संबंधी विवाद
ब्रह्मचर्य
धार्मिक कर्मकांड
आचरण की शुद्धता व पवित्रता
वैशाली
नालंदा
राजगीर
पटना
थेरवाद
हीनयान
वज्रयान
तंत्रयान
हवेनसांग स्मारक
महावीर का जन्मस्थान
पाली अनुसंधान संस्थान
संग्रहालय
गुप्त काल
कुषाण काल
मौर्यकाल
गुप्तोत्तर काल
मौर्य
कुषाण
गुप्त
पाल
समुद्रगुप्त
अशोक
चन्द्रगुप्त
हर्षवर्धन
मारीचि
तारा
हारीति
पट्टिणी
गौतम बुद्ध पैदा हुए थे
गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ
गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन दिया
गौतम बुद्ध की मृत्यु हुई
वैशाली
पाटलिपुत्र
कौशांबी
श्रावस्ती
अशोक
कनिष्क
हर्ष
धर्मपाल
चंद्रगुप्त विक्रमादित्य
कुमारगुप्त
धर्मपाल
पुष्यगुप्त
आनंद
महाकस्सप
उपालि
उपर्युक्त में कोई नहीं
पीतलखोरा में
जुन्नार में
कार्ले में
बेडसा में
अवलोकितेश्वर
लोकेश्वर
मैत्रेय
पद्मपाणि
जापानियों के द्वारा
थाई लोगों के द्वारा
श्रीलंकाइयों के द्वारा
भूटानियों के द्वारा
ऋग्वेद
जातक कथा
अर्थशास्त्र
इनमें से कोई नहीं
बोधगया
कुशीनगर
लुंबिनी
ऋषिपत्तन
संस्कृत
अर्द्धमागधी
पाली
प्राकृत
देवदत्त
महाकस्सप
उपालि
आनंद
कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धांत सही हैं ।
मृत्यु के पश्चात ही मोक्ष संभव है ।
स्त्री तथा पुरुष दोनों ही मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं ।
जीवन में मध्यम मार्ग सर्वश्रेष्ठ हैं ।
महावीर
शंकराचार्य
महात्मा बुद्ध
गुरुनानक
श्रावस्ती में
वैशाली में
राजगृह में
कुशीनगर में
लुंबिनी में
सारनाथ में
पाटलिपुत्र में
वैशाली में
ब्रह्मा की
विष्णु की
बुद्ध की
शिव की
मौर्य
शुंग
सातवाहन
कुषाण
बसाढ़ स्तंभ अभिलेख
निगाली सागर स्तंभ अभिलेख
रामपुरवा स्तंभ अभिलेख
रुमिनदेई स्तंभ अभिलेख
सारनाथ
कपिलवस्तु
वैशाली
गया
दीघ निकाय
विनय पिटक
अभिधम्म पिटक
विभाषा शास्त्र
लुंबिनी में
बोधगया में
कुशीनगर में
कपिलवस्तु में
तक्षशिला
सारनाथ
बोधगया
पाटलिपुत्र
कुशीनारा
श्रावस्ती
लुंबिनी
सारनाथ
पार्श्व
नागार्जुन
शूद्रक
वसुमित्र
अजातशत्रु
अशोक
धर्मपाल
कनिष्क
अहिंसा पर बल
जाति रहित समाज
देवी-देवताओं की पूजा
स्तूप पूजा
उनका महापरिनिर्वाण
उनका जन्म
उनका गृहत्याग
उनका प्रबोधन
अशोक
कालाशोक
कनिष्क
अजातशत्रु
अशोक
कनिष्क
चंद्रगुप्त विक्रमादित्य
हर्ष
महाभिनिष्क्रमण
संबोधि
प्रथम उपदेश
निर्वाण
563 ई. पू.
558 ई. पू.
561 ई. पू.
544 ई. पू.
जैन धर्म ने
बौद्ध धर्म ने
आजीविकों ने
वैदिक धर्म ने
राजगृह में
वैशाली में
पाटलिपुत्र में
काशी (वाराणसी में)
शाक्य वंश
माया वंश
लिच्छवि वंश
कोलिय वंश
गेलूगपा
कंग्यूपा
साक्यापा
लिंगमापा
श्रावस्ती में
वैशाली में
कुशीनगर में
सारनाथ में
अनिरुद्ध के शासनकाल में
अजातशत्रु के शासनकाल में
बिंबिसार शासनकाल में
उदयभ्रद के शासनकाल में
आनंद
सारिपुत्त
मोग्गलान
सुभद्द
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