अहमदनगर को मुगल साम्राज्य में मिलाकर हुसैन शाह को आजीवन कारावास दिया गया।
मुगल सेना ने दौलताबाद किला ध्वस्त कर दिया और अहमदनगर के निजाम-उल मुल्क की हत्या कर दी।
फतेह खान ने निजाम-उल मुल्क की राजगद्दी छीन ली।
1631 में मुगलों के साथ युद्ध में मलिक अम्बर पराजित हुआ और संपूर्ण राज परिवार मुगल सेना द्वारा मार दिया गया ।
गंग
काकतीय
होयसल
कदम्ब
गयासुद्दीन तुगलक
मुहम्मद बिन तुगलक
फिरोज शाह
अकबर
मलिक अम्बर
हसन गंगू
मोहम्मद दीवान
सिकंदर शाह
हंपी और हॉस्पेट में
हलेबिड और बेलूर में
मैसूर और बैंगलूर में
शृंगेरी और धारवाड़ में
मुनि सुंदर सूरी
नाथा
टिल्ला भट्ट
मुनि जिन विजय सूरी
होयसल
संगमा
सालुव
तुलुव
15वीं सदी ई. में
14वीं सदी ई. में
13वीं सदी ई. में
16वीं सदी ई. में
हैदराबाद
कर्नाटक
बीजापुर
बंगलौर
शृंगेरी
बेलूर
हलेबिड
सोमनाथपुर
आगरा
दिल्ली
जौनपुर
वाराणसी
शेरशाह का मकबरा, सासाराम
जामा मस्जिद, दिल्ली
गयासुद्दीन तुगलक का मकबरा, दिल्ली
गोल गुंबद, बीजापुर
सूरज सेन ने
मानसिंह ने
तेज करण ने
अकबर ने
शमसुद्दीन शाह
सिकंदर बुतशिकन
हैदर शाह
जैनुल (जैन- उल) आबेदीन
हुसैन शाह
जैन- उल - आबेदीन
इब्राहिम आदिल शाह
महमूद द्वितीय
साधारण जमींदार
महाजन
क्षेत्रीय प्रशासकीय और सैन्य नियंत्रक
नवधनाढ्य व्यापारी
ज़ैन - उल - आबेदीन
मुहम्मद बिन तुगलक
हुसैन शाह शर्की
अकबर
बीदर
गुलबर्ग
दौलताबाद
हुसैनाबाद
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