गरीबी के अनुपात से
प्रति व्यक्ति आय से
राष्ट्रीय आय से
बेरोजगारी की दर से
विलियम डिग्बोई द्वारा
दादाभाई नौरोजी द्वारा
एम. जी. रानाडे द्वारा
वी. के. आर. वी. राव द्वारा
भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन
भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय स्टेट बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक और सभी वाणिज्यिक बैंक
केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था
समाजवादी अर्थव्यवस्था
मिश्रित अर्थव्यवस्था
उपरोक्त में से कोई नहीं
योजना आयोग द्वारा
वित्त आयोग द्वारा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा
केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन (CSO) द्वारा
बाजार कीमतों पर सकल उत्पाद, हास घटाकर ।
बाजार कीमतों पर पर सकल उत्पाद मूल्य ह्रास घटाकर विदेश से प्राप्त निवल कारक आय जोड़कर ।
बाजार कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद, मूल्य ह्रास और अप्रत्यक्ष करों को घटाकर, सब्सिडी जोड़कर ।
बाजार कीमतों पर पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद विदेश से प्राप्त निवल कारक आय घटाकर ।
ऊंची जन्म-दर
विदेशी सहायता का नीचा स्तर
नीचा पूंजी / उत्पाद अनुपात
ऊंचा पूंजी / उत्पाद अनुपात
सी. आर. राव
पी. सी. महालनोबिस
वी. के. आर. वी. राव
के. एन. राज
2011-12
2004-05
2014-15
इनमें से कोई नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा
भारतीय योजना आयोग द्वारा
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा
भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय द्वारा
जहां कृषि उद्योग दोनों को समान महत्व दिया जाता है।
जहां राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र भी विद्यमान हो ।
जहां राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में भूमंडलीकरण की प्रक्रिया भारी मात्रा में स्वेदशी से प्रभावित हो ।
जहां आर्थिक नियोजन और विकास में केंद्र और राज्यों की समान भागीदारी हो ।
बैंकिंग तथा वित्तीय क्षेत्र
निर्यात क्षेत्र
घरेलू क्षेत्र
निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र
अवस्फीति के साथ
स्फीति के साथ
स्टैगफ्लेशन के साथ
अतिस्फिीति के साथ
सामाजिक व्यवहार
प्राकृतिक संसाधन
शक्ति संसाधन
पूंजी संसाधन
मजदूरी की तुलना में कीमतें कम हैं।
कीमत की तुलना में लाभ कम है।
लाभ की तुलना में कीमतें कम हैं।
कीमतों की तुलना में मजदूरी कम है।
दुगुनी हो जाएगी ।
आधी रह जाएगी ।
अपरिवर्तित रहेगी।
कीमतें वास्तविक आय को प्रभावित नहीं करती हैं ।
पिछड़ी हुई
विकसित
विकासशील
अल्पविकसित
वस्तुओं और सेवाओं के स्टॉक का
एक वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का
केवल बाजार के लिए उत्पादित वस्तुओं का
बाजार के लिए अपने उपयोग के लिए उत्पादित वस्तुओं का
डॉ. मनमोहन सिंह
पी. वी. नरसिम्हा राव
डॉ. विमल जालान
पी. चिदंबरम
कृषि
उद्योग
सेवा क्षेत्र
उपर्युक्त सभी
उदारीकरण
निजीकरण
वैश्वीकरण
उपर्युक्त सभी
सरकार का वार्षिक आय
उत्पादन कार्यों का योगफल
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का अधिशेष
निर्यात में से आयात घटाकर
उत्पति गणना विधि
आय विधि
A एवं B दोनों
इनमें से कोई नहीं
सन् 1950 ई. में
सन् 1952 ई. में
सन् 1949 ई. में
सन् 1958 ई. में
औद्योगिक लाइसेंस नीति में वास्तविक बदलाव के साथ
भारतीय रुपये की परिवर्तनशीलता के साथ
प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश में कार्यविधिक औपचारिकताएं दूर करने के साथ
कर-दरों में महत्त्वपूर्ण कटौती के साथ
प्रति व्यक्ति आय
जीवन स्तर
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
राष्ट्रीय आय
निवेश का प्रतिमान पूंजी प्रधान उद्योगों की दिशा में उन्मुख रहा है।
कृषि में उत्पादकता इतनी अधिक रही है कि जनता को कृषि में ही बने रहने की प्रेरणा मिली है।
भूधृति (जोत ) पर लगी अधिकतम सीमा के कारण अधिक लोगों को भूस्वामित्व मिला है और उन्होंने कृषि में ही बने रहना पसंद किया है।
आर्थिक विकास के लिए कृषि से उद्योग की दिशा में अंतरण के महत्व की जनता को अधिकतर जानकारी नहीं है।
सकल घरेलू निजी निवेश
निबल विदेशी निवेश
मूल्यहास व्यय
निजी उपभोग व्यय
उत्पादन की मात्रा
प्रति व्यक्ति आय
मूल्य स्तर
सोने के रिजर्व की मात्रा
मुद्रा स्फीति
अर्द्ध बेरोजगारी
बचत की निम्न दरें
अमौद्रिक क्षेत्र का अस्तित्व
देश की कुल जनसंख्या से
कुल कार्यशील जनसंख्या से
देश के क्षेत्रफल से
प्रयुक्त पूँजी के परिमाण से
NNP
GNP
NDP
प्रति व्यक्ति आय
विनिर्माण
परिवहन
कृषि
बैंकिंग
उत्पादन लागत कम हो जाती है
बिक्री कर समाप्त हो जाता है।
इससे कर पर कर नहीं लगता और इस प्रकार कीमतों में वृद्धि होना रूक जाता है।
राज्य द्वारा निर्धारित कुछ सीमाओं के अंतर्गत लघु व्यवसायों पर कर से छूट मिल जाती है।
विनियोग विधेयक
धन विधेयक
वित्त विधेयक
बजट-ऋण विधेयक
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