> मुण्डा जनजाति की शासन व्यवस्था को 'मुण्डा शासन व्यवस्था' कहा जाता है।
> मुण्डा शब्द का सामान्य अर्थ विशिष्ट व्यक्ति तथा विशिष्ट अर्थ गाँव का राजनीतिक प्रमुख होता है।
> मुण्डा शासन व्यवस्था से संबंधित महत्वपूर्ण पदों, संगठनों एवं संबंधित तथ्यों का विवरण निम्नवत् है:-
> मुण्डा
- > यह मुण्डा गाँव का प्रधान होता है।
- > यह पद वंशानुगत होता है।
- > इसका प्रमुख कार्य ग्रामीणों से लगान वसूलना, गाँव की विधि व्यवस्था बनाये रखना तथा गाँवों के विवादों का निपटारा करना होता है।
- > मुण्डाओं द्वारा निर्मित खेत को खूँटकट्टी भूमि कहा जाता है तथा इस भूमि को निर्मित करने वाला खूँटकट्टीदार कहलाता है।
- > मुण्डा शासन व्यवस्था में खूँट का अर्थ 'परिवार' होता है।
> हातू मुण्डा
- > यह ग्राम पंचायत का प्रधान होता है। मुण्डा ग्राम पंचायत को 'हातू' कहा जाता है।
> परहा/पड़हा
- > कई गाँवों से मिलकर बनी पंचायत (अंतग्रामीण पंचायत) को परहा / पड़हा कहा जाता है।
- > पड़हा पंचायत का प्रमुख कार्य दो या अधिक गाँवों के बीच विवादों का निपटारा करना है। यह मुण्डा जनजाति की शासन व्यवस्था के सर्वोच्च पर अवस्थित है।
- > इसे मुण्डा जनजाति की सर्वोच्च न्यायपालिका, कार्यपालिका तथा विधायिका की संज्ञा दी जा सकती है।
- > पड़हा पंचायत का सर्वोच्च अधिकारी पड़हा राजा होता है।
- > पड़हा के अन्य प्रमुख अधिकारी कुवर, लाल तथा कार्तो होते हैं।
- > विभिन्न अधिकारियों का विवरण निम्नवत् है
- > ठाकुर - पड़हा राजा का सहायक
- > दीवान- पड़हा राजा का मंत्री
- > पाण्डेय - दस्तावेजों का रखरखाव करने वाला अधिकारी
- > दारोगा - सभा की कार्यवाही का नियंत्रक
- > परंपरागत मुण्डा प्रशासन में महिलाओं को उच्च स्थान प्रदान नहीं किया जाता है।
> अखड़ा/अखरा
- > पड़हा पंचायत स्थल को अखड़ा भी होता है।यह गाँव का सांस्कृतिक केन्द्र भी होता है।
- > मुण्डा गाँव में पंचायत की बैठकों का आयोजन अखड़ा/अखरा में ही किया जाता है।
> मानकी
- > पड़हा पंचायत के प्रधान को मानकी कहा जाता है तथा यह पद वंशानुगत होता है।
> पाहन
- > मुण्डा गाँव का धार्मिक प्रधान पाहन कहलाता है।
- > पाहन गाँव में शांति बनाये रखने हेतु पूजा-पाठ तथा बलि चढ़ाने का कार्य करता है। इन कार्यों के संचालन हेतु पाहन को लगान मुक्त भूमि प्रदान की जाती है जिसे डाली-कटारी भूमि कहा जाता है।
> महतो
- > यह पाहन का सहायक होता है ।
- > यह मुख्यतः गाँव में संदेशवाहक का कार्य करता है।
> भूत-खेता
- > गाँव को भूत-प्रेत के प्रकोप से बचाने हेतु पाहन द्वारा विशेष पूजा की जाती है। इस हेतु पाहन को अतिरिक्त भूमि प्रदान की जाती है जिसे भूत खेता कहा जाता है। इसकी उपज या आय से भूत-प्रेत की पूजा व्यवस्था का संचालन किया जाता है।
> पुजार/पनभरा
- > पाहन का सहायक पुजार / पनभरा कहलाता है।
> पड़हा राजा
- > यह पड़हा पंचायत का सर्वोच्च अधिकारी होता है।
> अन्य तथ्य
> इस जनजाति की शासन व्यवस्था में दीवान, ठाकुर, कोतवार, पांडे, कर्ता तथा लाल आदि नामक अधिकारी होते हैं, जो पड़हा राजा को शासन संचालन में सहयोग प्रदान करते हैं।
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