उत्पादक
उपभोक्ता
अपघटक
वायु
पर्यावरण में अधिक ऊष्मा को रोका जा सकता है
पौधों में प्रकाश संश्लेषण की वृद्धि
वैश्विक ऊष्मण
मरुस्थली पादपों की प्रचुरता
जीवाश्म ईंधन के जलने से
श्वसन
प्रकाश संश्लेषण
कवक
जीवाश्म ईंधन का निर्माण
बिना दहन हुए कार्बन कण या वायु में निलंबित हाइड्रोकार्बन
पर्याप्त विद्युत आपूर्ति में कमी
उपरोक्त में से कोई नहीं
मॉस
फर्न
जिम्नोस्पर्म
शैवाल
जंतुओं में प्रजनन
जलीय पौधों की अधिक वृद्धि
जंतुओं में पाचन की प्रक्रिया
पोषकों की उपलब्धता
वनों का विकास करके
वनों की कटाई
उर्वरक का अत्यधिक उपयोग
जंतुओं द्वारा अतिचारण
वर्षा का जल मृदा के भीतर भली-भाँति रिस जाता है
वर्षा का जल मृदा सतह को हानि पहुँचाता है
वर्षा का जल मृदा की उर्वरता बढ़ाता है
वर्षा का जल मृदा में कोई परिवर्तन नहीं करता है
फर्न
नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु
चारा
आम का वृक्ष
योग दर्शन
न्याय दर्शन
सांख्य दर्शन
वैशेषिक दर्शन
श्रीलंका, बर्मा, चीन में बौद्ध धर्म का प्रचार
ब्राह्मी अभिलेख का श्रीलंका में पाया जाना
बर्मी लोगों द्वारा थेरवाद को विकसित करना
उपर्युक्त सभी
बेगराम
बामियान
हेरात
काबुल
इंडोनेशिया (जावा)
सुमात्रा
फिलीपींस
सिंहलद्वीप
वर्ण संकर
चांडाल
शूद्र
द्विज
इसका मूल कारण भूमि अनुदान था।
वर्णमूलक समाज का अत्यधिक कठोर होना।
भूमि अनुदान के कारण भू-स्वामियों का उदित होना।
उपर्युक्त सभी
बुजुर्गों की आम सभा
श्रमिकों का संघ
एक मंदिर शैली
राजा की परिषद्
शिल्पियों के लिए
मजदूरों के लिए
गाय के लिए
बढ़ई के लिए
यूरोप
भारत
चीन
अफ्रीका
ब्रह्मगुप्त
आर्यभट्ट
आपस्तंब
वराहमिहिर
1858
1856
1854
1855
नाना साहेब
कुँवर सिंह
बहादुर शाह जफर
वाजिद अली शाह
नेपाल
रंगून
लाहौर
इंग्लैण्ड
तात्या टोपे
बहादुर शाह
दामोदर राव
नाना साहेब
नवम्बर 1856
दिसम्बर 1856
जनवरी 1857
फरवरी 1857
विलियम जोन्स
विलियम कुक
विलियम फ्रेंक
थॉमस बैबिंगटन मैकाले
घर
पाठशाला
मदरसा
काम की जगह
1792
1791
1790
1789
फारसी
मुंशी
वर्नाकुलर
प्राच्यवादी
1902
1901
1904
1906
दिल्ली
बिहार
कलकत्ता
ओडिशा
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