लोहे के बुरादे द्वारा
दिक् सूचक द्वारा
(A) एवं (B) दोनों द्वारा
इनमें से कोई नहीं
अधिक प्रबल
दुर्बल
सामान्य प्रबल
इनमें से कोई नहीं
परिच्छेद करती हैं
रिच्छेद नहीं करती हैं
कभी परिच्छेद करती हैं और कभी नहीं
इनमें से कोई नहीं
किसी भी दिशा की ओर संकेत करेगी
दो दिशाओं की ओर संकेत करेगी
किसी भी दिशा में संकेत नहीं करेगी
इनमें से कोई नहीं
एक-दूसरे को परस्पर प्रतिच्छेद करती हैं
एक-दूसरे के समांतर होती हैं
एक-दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती हैं
ल रेखा के नल ( null) बिंदु पर दिक् सूचक ऊर्ध्वाधर रहती हैं
काल्पनिक
वास्तविक
वास्तविक एवं काल्पनिक दोनों
इनमें से कोई नहीं
विक्षेपित होगा
यह विक्षेपित नहीं होगा
धारावाही तार विक्षेपित होगा
धारावाही तार विक्षेपित नहीं होगा
पूरब की ओर
पश्चिम की ओर
उत्तर की ओर
दक्षिण की ओर
बदल जाती है
कोई परिवर्तन नहीं होता है
चालक तार जिसमें धारा बहती है दिक्- सूचक पर कोई प्रभाव नहीं डालती है
दिक् सूचक चुंबकीय क्षेत्र से स्वतंत्र रहता है।
समान प्रकार के
विपरीत प्रकार के
किसी भी प्रकार के नहीं
इनमें से कोई नहीं
चालक की गति की दिशा
धारा की दिशा
चुंबकीय क्षेत्र की दिशा
इनमें से कोई नहीं
पश्चिम की ओर
पूरब की ओर
दक्षिण की ओर
इनमें से कोई नहीं
दक्षिण की ओर
पूरब की ओर
पश्चिम की ओर
इनमें से कोई नहीं
पश्चिम की ओर
पूरब की ओर
दक्षिण की ओर
इनमें से कोई नहीं
दक्षिण की ओर
पूरब की ओर
पश्चिम की ओर
इनमें से कोई नहीं
धारा की दिशा को
चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को
(A) एवं (B) दोनों
इनमें से कोई नहीं
घड़ी की सूई के घूमने की विपरीत दिशा में होगी
घड़ी की सूई के घूमने की दिशा में होगी
किसी भी दिशा में होगी
इनमें से कोई नहीं
घड़ी के सूई के घूमने की विपरीत दिशा में होगी
घड़ी की सूई के घूमने की दिशा में होगी
किसी भी दिशा में होगी
इनमें से कोई नहीं
व्युत्क्रमानुपाती का
अनुक्रमानुपाती का
कोई संबंध नहीं
इनमें से कोई नहीं
घटता है
बढ़ता है
(A) और (B) दोनों
इनमें से कोई नहीं
दक्षिण ध्रुव
उत्तर ध्रुव
कोई ध्रुव नहीं
इनमें से कोई नहीं
वामावर्त होगी
दक्षिणावर्त होगी
कोई निश्चित नहीं है
इनमें से कोई नहीं
वामावर्त होगी
दक्षिणावर्त होगी
(A) एवं (B) दोनों
इनमें से कोई नहीं
विपरीत दिशा में होती हैं
किसी भी दिशा में होती हैं
एक ही दिशा में होती हैं
इनमें से कोई नहीं
वर्गाकार प्रतीत होती हैं
वृत्ताकार प्रतीत होती हैं
सरल रेखा के रूप में प्रतीत होती हैं
समांतर रेखा के रूप में प्रतीत होती हैं
सरल रेखा जैसी प्रतीत होती हैं
वक्र रेखा जैसी प्रतीत होती हैं
बड़े वृत्त के चाप जैसी प्रतीत होती हैं
लम्बवत् प्रतीत होती हैं
पूरब की ओर विक्षेपित होगा
पश्चिम की ओर विक्षेपित होगा
दक्षिण की ओर विक्षेपित होगा
किसी भी दिशा में विक्षेपित होगा
शून्य होता है
इसके सिरे की ओर जाने पर घटता है
इनके सिरे की ओर जाने पर बढ़ता है
सभी बिंदुओं पर समान होता है
पूरब की ओर
पश्चिम की ओर
उत्तर की ओर
दक्षिण की ओर
वृत्ताकार होती हैं
परिनालिका के अक्ष के समानान्तर होती हैं और इनके बीच की दूरी समान होती हैं
परिनालिका के अक्ष के समानान्तर होती हैं परन्तु अक्ष पर ये रेखाएँ अधिक सटी रहती हैं
अक्ष के लम्बवत् होती हैं
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