संसदीय समूह
एम.एन. कौल तथा एस.एल. शकधर ने भारतीय संसदीय समूह की व्याख्या बड़े अच्छे तरीके से निम्न प्रकार से की है:

संसदीय समूह
समूह का औचित्य
समूह का गठन
समूह के उद्देश्य
- संसद सदस्यों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाना।
- सार्वजनिक महत्व के प्रश्नों का अध्ययन करना जो कि संसद में उठने वाले हैं, साथ ही संगोष्ठियों एवं उन्मुखीकरण पाठ्यक्रमों का आयोजन एवं समूह के सदस्यों के बीच सूचना निस्सरण के लिए दस्तावेजों का प्रकाशन |
- राजनीतिक, सुरक्षा संबंधी, आर्थिक, सामाजिक एवं शिक्षा संबंधी समस्याओं पर व्याख्यान आयोजित करना सांसदों एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा ।
- विदेशी दौरों का आयोजन, इस उद्देश्य से कि अन्य देशों की संसदों के सदस्यों से सम्पर्क विकसित हो ।
समूह के कार्य
- समूह भारत की संसद तथा विश्व की अन्य संसदों के बीच एक कड़ी का कार्य करता है। इस कड़ी को प्रतिनिधिमंडलों, शुभेच्छा मिशनों, पत्राचार एवं दस्तावेजों के आदान-प्रदान द्वारा बनाए रखा जाता है।
- समूह (क) अंतर संसदीय संघ के राष्ट्रीय समूह (IPU), तथा (ख) राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) की मुख्य शाखा के रूप में कार्य करता है।
- संसद सदस्यों का भारत दौरे पर आए विदेशी राज्याध्यक्षों का संबोधन एवं प्रमुख व्यक्तियों द्वारा वार्ताओं का आयोजन समूह करता है।
- सामयिक रुचि एवं महत्व के संसदीय विषयों पर संगोष्ठियों का समय-समय पर राष्ट्रीय एवं अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन।
- समूह के सदस्य, जब विदेशी दौरों पर जाने वाले होते हैं. आईपीयू एवं सीपीए के राष्ट्रीय समूहों के सचिवों एवं सीपीए की शाखाओं के सचिवों को उनका परिचय भेजा जाता है। दौरे वाले देशों के भारतीय मिशनों को सहायता एवं शिष्टाचार के लिए समुचित रुप से सूचित किया जाता है।
- विदेश जाने वाले भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल में उन्हीं सांसदों को सम्मिलित किया जाता है, जो प्रतिनिधिमंडल के गठन के छह माह पूर्व समूह के सदस्य बन चुके होते हैं।
- सदस्यों को सूचनाओं की अनवरत पहुंच के लिए हर तिमाही एक आईपीजी न्यूजलेटर का प्रकाशन किया जाता है। इसे हर सदस्य एवं सम्बद्ध सदस्य को भी नियमित रूप से भेजा जाता है।
- समूह के निर्णयानुसार सर्वोत्कृष्ट सांसद के लिए एक पुरस्कार का गठन 1995 में किया गया था, जो हर वर्ष प्रदान किया जाता है। पांच सदस्यों की एक समिति का गठन लोकसभा अध्यक्ष करते हैं, जो पुरस्कार के लिए नाम आमंत्रित एवं तय के करती है।
- द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए समूह संसदीय मित्रता समूहों का गठन। अन्य देशों की संसदों के साथ मिलकर करता है। मित्रता समूह के लक्ष्य एवं उद्देश्य राजनीतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक सम्यको का बनाए रखना होता है। साथ ही संसदीय गतिविधियों सूचनाओं एवं अनुभवों का आदान-प्रदान भी।
समूह एवं अंतर- संसदीय संघ (IPU)
- यह भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को आईपीयू के सदस्य देशों के संसद सदस्यों अथवा सांसदों से सम्पर्क बढ़ाने में सहयोग देता है।
- यह आयोजन विभिन्न देशों में समकालीन ५र्तनों एवं सुधारों के अध्ययन एवं समझ बढ़ाने का अ र प्रदान करता है।
- बाहरी देशों की यात्रा के दौरान यह सांसदों को उन सांसदों से मिलने-जुलने में मदद करता है। यही काम वह भारत दौरे पर आए सांसदों के लिए करता है।
- समूह के सदस्य अंतर-संसदीय सम्मेलनों में भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्य के रूप में विदेशों की यात्रा करने के लिए अर्ह (eligible) होते हैं।
समूह एवं राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA)
- सम्मेलन एवं संगोष्ठी: सदस्यता से अधिवेशनों एवं क्षेत्रीय सम्मेलनों, संगोष्ठियों, दौरों-भ्रमण तथा प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान में सहभागिता का अवसर मिलता है।
- प्रकाशनः सभी सदस्यों को 'दि पार्लामेंटेरियन' त्रैमासिक तथा न्यूजलेटर 'फर्स्ट रीडिंग' प्रत्येक दूसरे माह प्राप्त होता है।
- सूचना: सीपीए सचिवालय के संसदीय सूचना एवं संदर्भ केन्द्र सदस्यों को संसदीय, संवैधानिक एवं राष्ट्रमंडल मुद्दों पर सूचनाएं प्रदान करता है।
- परिचय: सीपीए शाखाएं अन्य देशों/क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान परिचयों का आयोजन करती हैं।
- संसदीय सुविधाएं: अन्य राष्ट्रमंडल देशों के भ्रमण के समय सदस्यों के प्रति संसदीय शिष्टाचार बरता जाता है, विशेषकर चर्चाओं एवं स्थानीय सदस्यों तक उनकी पहुंच बनाई जाती है।
- यात्रा सुविधाएं: कुछ शाखाएं अपने नामित सदस्यों के लिए प्रतिवर्ष राष्ट्रमंडल या अन्य देशों का अध्ययन-भ्रमण या दौरा आयोजित करती हैं - राजनीतिक एवं प्रक्रियात्मक विकास की स्थिति के तुलनात्मक अध्ययन के लिए।
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