वस्तु एवं सेवा कर परिषद्
101वें संशोधन अधिनियम, 2016 ने देश में एक नई कर प्रणाली का मार्ग प्रशस्त किया (अर्थात् वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी) । इस कर को सुगमता तथा कुशलता से प्रशासित करने के लिए केन्द्र और राज्यों के बीच समन्वय एवं सहयोग की जरूरत है।

वस्तु एवं सेवा कर परिषद्
परिषद् की स्थापना
काउंसिल की दृष्टि और लक्ष्य
- दृष्टि (Vision) : काउंसिल के कामकाज में सहकारी संघ (Cooperative federation) के उच्च मानकों को स्थापित करना, जो कि जीएसटी से संबंधित सभी जरूरी निर्णय लेने की शक्ति रखने वाला पहला संवैधानिक संघीय निकाय है।
- लक्ष्य (Mission): व्यापक विचार-विमर्श की प्रक्रिया विकसित करके ऐसी जीएसटी संरचना खड़ी करना जो कि सूचना प्रौद्योगिकी प्रचालित हो तथा उपयोगकर्ता हितैषी हो ।
काउंसिल की संरचना
- केन्द्रीय वित्त मंत्री, अध्यक्ष
- राजस्व अथवा वित्त के प्रभारी केन्द्रीय राज्यमंत्री तथा
- प्रत्येक राज्य के वित्त अथवा करारोपण के अथवा राज्य सरकार द्वारा नामित अन्य विभाग के मंत्री
काउंसिल का कामकाज
- केन्द्र सरकार के मतों का भार बैठक में दिए कुल मतों के एक-तिहाई के बराबर होगा, तथा;
- समस्त राज्य सरकारों के मतों का भार बैठक में दिए गए कुल मतों के दो-तिहाई के बराबर होगा।
- काउंसिल के संविधान में कोई रिक्ति अथवा दोष होने पर, अथवा
- काउंसिल की कोई प्रक्रियागत अनियमितता, जिससे मामले की योग्यता प्रभावित न होती हो ।
काउंसिल के कार्य
- केन्द्र, राज्यों तथा स्थानीय निकायों द्वारा आरोपित करों, उपकरों तथा अधिकारों के विषय में जिन्हें जीएसटी में विलमित होता है।
- उन वस्तुओं और सेवाओं के विषय में जिन पर वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी लगना है, या मुक्त किया जाना है।
- आदर्श जीएसटी कानून उगाही के सिद्धांत, अन्तर-प्रांतीय व्यापार अथवा वाणिज्य के दौरान लगाए गए जीएसटी तथा आपूर्ति स्थान को शासित करने वाला सिद्धांत |
- कारोबार की सीमा जिसके नीचे वस्तुओं और सेवाओं को जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है।
- जीएसटी बैंड सहित दरें, न्यूनतम नियत दरों (floor rates) सहित।
- किसी प्राकृतिक आपदा - विपदा के दौरान एक नियत अवधि के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने हेतु कोई विशेष दर अथवा दरें।
- अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू एवं कश्मीर', मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के लिए विशेष प्रावधान के विषय में।
- जीएसटी से संबंधित कोई अन्य मामला जो काउंसिल तय करे।
काउंसिल के अन्य कार्य
- काउंसिल ही अनुशंसा करेगा कि किस तारीख से कच्चे पेट्रोलियम पदार्थ, हाई स्पीड डीजल, मोटर स्पिरिट (पेट्रोल), प्राकृतिक गैस तथा उड्डयन टर्बाइन ईंधन पर जीएसटी लगाया जाएगा।
- काउंसिल की किसी अनुशंसा अथवा उसे लागू करने के विषय में कोई विवाद होता है तो मामले में अधि निर्णय के लिए काउंसिल एक तंत्र का निर्माण करेगा:
- केन्द्र तथा राज्य अथवा राज्यों के बीच,
- केन्द्र तथा कोई राज्य या अनेक राज्य एक ओर तथा कोई राज्य या अनेक राज्य दूसरी ओर,
- दो अथवा अधिक राज्यों के बीच
- काउंसिल पांच साल की अवधि के लिए जीएसटी लागू होने के कारण राज्यों को हुई क्षति की पूर्ति के लिए अनुशंसा करेगा। इसी अनुशंसा के आधार पर संसद क्षतिपूर्ति का निर्धारण करती है। इसी अनुसार संसद ने 2019' में कानून बनाया।
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