General Competition | Science | Biology (जीव विज्ञान) | ऊतक विज्ञान

समान आकार के कोशिकाओं का समूह जो आपस में मिलकर एक सामान्य कार्य करते हैं, उत्तक कहलाते हैं। उत्तक कोशिका का समूह है, एक उत्तक की सभी कोशिका आकार, कार्य और उत्पत्ति में समान होती है ।

General Competition | Science | Biology (जीव विज्ञान) | ऊतक विज्ञान

General Competition | Science | Biology (जीव विज्ञान) | ऊतक विज्ञान

  • समान आकार के कोशिकाओं का समूह जो आपस में मिलकर एक सामान्य कार्य करते हैं, उत्तक कहलाते हैं। उत्तक कोशिका का समूह है, एक उत्तक की सभी कोशिका आकार, कार्य और उत्पत्ति में समान होती है ।
  • पौधा तथा जंतु की कोशिका लगभग समान होते हैं परंतु पौधा तथा जंतु के उत्तक अलग-अलग होते हैं।
पादप उत्तक (Plant Tissue)
  • पौधों को उत्तक के कोशिकाओं की विभाजन क्षमता के आधार पर दो भागों में बाँटा गया है-
  1. विभज्योतकी उत्तक (Meristematic Tissue) तथा 2. स्थायी उत्तक ( Parmanent Tissue)
  1. विभज्योतकी उत्तक-
    • यह उत्तक ऐसी कोशिका की बनी होती है जिनमें विभाजन की क्षमता होती है । उत्तक की कोशिकाएँ गोल, अंडाकार या बहुभुजी होता है।
    • इस उत्तक के कोशिका के बीच खाली जगह (Intercellular Space) नहीं होता है। कोशिका में कोशिका द्रव्य प्रचुर मात्रा में भरी रहती है परन्तु इन कोशिका में रिक्तिता (Vacuoles) छोटी होती है अथवा नहीं होती है।
    • स्थिति के आधार पर विभाज्योतिकी उत्तक को तीन भागों में बाँटा गया है।
      1. Apical Meristem ( शीर्षस्थ विभाज्योतिकी) - यह उत्तक तने के अग्र भाग में रहते हैं। इस उत्तक में विभाजन के फलस्वरूप ही पौधा लंबाई में बढ़ते हैं। पौधा की लंबाई बढ़ना प्राथमिक वृद्धि (Primary Growth) कहलाता है।
      2. Lateral Meristem (पार्श्व विभाज्योतिकी) — ये उत्तक तने और जड़ों के किनारे में होते है। इस उत्तक में विभाजन के फलस्वरूप पौधा का मोटाई बढ़ता है। पौधा का मोटाई बढ़ना द्वितीयक वृद्धि कहलाता है। पार्श्व विभाज्योतिकी उत्तक को कैम्बियम (Cambium) भी कहते हैं । 
      3. Intercalary Meristem (अंतर्वेशी विभाज्योतिकी)- ये शीर्षस्थ विभाज्योतिकी उत्तक के ही भाग है जो वृद्धि होने के कारण अग्रभाग से हट जाता है। यह उत्तक प्रायः पत्तियों के आध र पर तनों के पर्व (Inter Node) तथा पर्वसंधि (Node) के पास पाये जाते हैं। यह उत्तक शीघ्र ही स्थायी उत्तक में बदल जाते हैं ।
  2. Parmanent Tissue (स्थायी उत्तक)
    • विभाज्योतिकी उत्तक की कोशिकाएँ लगातार विभाजित होकर स्थायी उत्तक बनाता है ।
    • स्थायी उत्तक दो प्रकार के होते हैं- (i) साधारण स्थायी उत्तक (Simple parmanent Tissue) तथा -(ii) जटिल स्थायी उत्तक (Complex Parmant Tissue)

(i) साधारण उत्तक (Simple Tissue)

      • इस उत्तक में समान आकार के कोशिका पाये जाते हैं तथा सभी कोशिका मिलकर समान कार्य करती है ।
      • साधारण स्थायी उत्तक तीन प्रकार के होते हैं।
A. Parenchyma ( मृदुतक)
  • पेरेनकाइमा उत्तक जीवित कोशिका का बना होता है। इस उत्तक की कोशिका प्रायः गोलाकार, अंडाकार या बहुभुजी होता है। इन उत्तक के कोशिका के बीच खाली स्थान (Intercellular Space) पाये जाते हैं।
  • यह उत्तक पौधों के सभी कोमल भाग में पाये जाते हैं। यह उत्तक जाइलम और फ्लोएम के मिर्माण में भी भाग लेते हैं।
  • इस उत्तक का प्रधान कार्य भोज्य पदार्थों को जमा करके रखना है।
  • कुछ पेरेनकाइमा उत्तक में क्लोरोप्लास्ट भी पाये जाते हैं जिसके कारण यह उत्तक पौधों में प्रकाश संश्लेषण भी करते हैं। जिस पेरेनकाइमा उत्तक में क्लोरोप्लास्ट रहता है, उसे हरित उत्तक (Chlorenchyma) कहते हैं ।
  • जलीय पौधा का पेरेनकाइमा उत्तक वायुतक (arenchyma) में बदल जाता है । वायुतक जलीय पौधा को तैरने में मदद करता है।
B. Collenchyma (स्थूल कोण उत्तक)
  • यह उत्तक भी जीवित कोशिकाओं का बना होता है लेकिन कोशिकाओं के बीच खाली स्थान बहुत कम होते हैं I
  • इस उत्तक की कोशिका लंबी, गोल अनियमित ढंग से कोणों पर मोटी होती है। सेलुलोज के अधिकता के कारण इस कोशिका की कोशिका मित्ती (Cellwall) मोटी होती है।
  • यह उत्तक केवल कमजोर पौधों में ही पाये जाते हैं तथा पौधों को प्रत्यास्थता प्रदान करते हैं। बड़े वृक्षों में इस उत्तक का अभाव रहता है।
  • कभी-कभी इस उत्तक में हरित लवक (Chloroplast) भी पाये जाते हैं। जिससे कुछ मात्रा में यह प्रकाशसंश्लेषण द्वारा भोजन तैयार करते हैं।
C. Sclerenchyama (दृढ़ उत्तक) 
  • यह उत्तक मृत कोशिका के बने होते हैं। इस उत्तक की कोशिका लम्बी, सँकरी तथा मोटी कोशिका भित्ती वाले होते हैं।
  • इस उत्तक के कोशिका के बीच कोई खाली जगह नहीं होता है। इस उत्तक के कोशिकाओं में लिग्निन नामक रसायन पाया जाता है, यह रसायन कोशिका को काफी मजबूत बना देता है।
  • यह उत्तक बीज तथा फलों के ऊपर मजबूत आवरण बनाते हैं। पौधों से प्राप्त जूट, सनई, पटवा, दृढ़उत्तक है।
  • यह उत्तक पौधा को यांत्रिकी सहायता पहुँचाते हैं तथा पौधा के आंतरिक भाग को सुरक्षा देते हैं।

(ii) जटिल उत्तक (Coplex Parmanent Tissue)

  • जटिल उत्तक विभिन्न आकार की कोशिका के बने होते हैं परन्तु सभी कोशिका एक इकाई के रूप में कार्य करते हैं।
  • जटिल उत्तक दो प्रकार के हैं- A. Xylem तथा B. Phloem. Am
A. Xylem ( दारू)
  • जाईलम उत्तक चार प्रकार के कोशिकाओं का बना होता जाइलम उत्तक पूरे पौधे में पाया जाता है जिसका सर्वप्रमुख काम है जल का संवहन करना। इसके अलावे जाइलम पौधों को यांत्रिक सहायता देता है तथा भोजन संग्रह भी करता है ।
  • जाइलम जिस चार प्रकार के कोशिकाओं के बने हैं वे है- वाहिनीकाएँ ( Tracheids), वाहिकाएँ (Vessels), जाइलम तंतु (Xylem Fibres) तथा जलाइम मृदुतक (Xylem Parenchyma).
  • वाहिनिकाएँ का मुख्य काम है जल तथा घुलित खनिज पदार्थों को जड़ से पत्ती तक पहुँचाना। वाहिकाएँ तथा जाइलम तंतु पौधों का यांत्रिकी सहायता देता है तथा जाइलम मृदुतक भोजन संग्रह करता है ।
  • जाइलम उत्तक के जाइलम मृदुतक कोशिका ही जीवित रहता है बाकी सभी कोशिका मृत होती है।
B. Phloem (पोषवाह)
  • जाइलम के तरह फ्लोएम भी चार कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। ये चार कोशिकाएँ हैं- चालनी नालिका (Sieve Tubes), सहकोशिका (Campanion Cells), फ्लोएम तंतु ( Phloem Fibres), फ्लोएम मृदुतक (Phloemparchchyma).
  • फ्लोएम में फ्लोएम तंतु ही केवल मृत कोशिका है बाकी सभी जीवित कोशिका है।
  • फ्लोएम उत्तक जाइलम के साथ-साथ पौधे के सम्पूर्ण भाग में पाये जाते हैं। इसका मुख्य कार्य है पत्तियों द्वारा तैयार भोजन पौधों के सभी भागों में पहुँचाना।
पौधा का रक्षीउत्तक (Protective Tissue)
  • रक्षी उत्तक के अंतर्गत बाह्य त्वचा (Epidermis ) तथा कॉर्क (Cork) आते हैं।

A. बाह्य त्वचा ( Epidermis )

  • एपिडर्मिस की कोशिका पौधा के सभी भाग (जड़, तना, पत्ती) की रक्षा करता है। यह उत्तक पौधों को जल हानि, परजीवी कवकों के प्रवेश तथा विभिन्न प्रकार के अघातों से बचाता है।
  • मरूस्थलीय पौधों के एपिडर्मीस में क्यूटिन नामक जल अवरोधक रासायनिक पदार्थ बनता है, जो पौधों में जल-हानि को रोकता है।
  • जड़ों के एपीडर्मिस के मूलरोम ( Root hairs) पाये जाते हैं जो भूमि से जल एवं खनिज लवण को अवशोषित करते हैं।
B. कॉर्क (Cork)
  • समय के साथ-साथ जब जड़ तथा तना पुराने होते जाते हैं, तब तने के एपीडर्मिस का स्थान पर कॉर्क कैंबियम आ जाता हैं यही कॉर्क कैंबियम (पार्श्व विभाज्योतिकी) की कोशिका विभाजित होकर कॉर्क (छाल) का निर्माण करता है।
  • कॉर्क के सभी कोशिका मृत होती है। कॉर्क का मुख्य काम है- पौधों को सुरक्षा देना ।
  • कॉर्क में सुबेरीन नामक रसायन रहता है जिसके कारण कॉर्क से होकर जल एवं गैस नहीं जा सकता है।
  • कॉर्क का इस्तेमाल बोतल के कॉर्क बनाने, में खेल का समान बनाने में होता है। व्यापारिक कॉर्क क्वेकर्स सुबेर नामक पौधा से प्राप्त होता है ।
    • वार्षिक वलय (Annual rings)
      • विभिन्न ऋतुओं में मौसम बदलने के कारण कैम्बीयम (पार्श्व विभाज्योजिकी) की सक्रियता में परिवर्तन होता है। इस कारण पौधो में स्पष्ट वार्षिक वलय का निर्माण होता है ।
      • वार्षिक वलय पौधा के एक वर्ष के वृद्धि को दर्शाता है। पौधा में जितने वार्षिक वलय होते हैं पौधा की आयु उतनी ही मानी जाती है।
      • ऐसा क्षेत्र जहाँ सालोभर मौसम के समान होता है, वहाँ के पौधा में वार्षिक वलय नहीं बनते । समुद्र के आस-पास उगने वाले पौधा में वार्षिक वलय नहीं होते हैं क्योंकि समुद्र के आस-पास सालोभर मौसम समान रहता है।
जन्तु उत्तक (Animal Tissue)
  • जंतु में चार प्रकार के उत्तक पाये जाते हैं।
  1. Epithelium Tissue (उपकला उत्तक)
  2. Connective Tissue (संयोजी उत्तक)
  3. Muscular Tissue (पेशी उत्तक)
  4. Narvous Tissue (तंत्रिका उत्तक)
  1. Epithelium Tissue ( उपकला उत्तक)
    • एपीथीलीयम उत्तक अंगों के बाहरी भाग तथा आंतरिक भाग का निर्माण करती है। इस उत्तक के कोशिकाओं के बीच कोई रिक्त स्थान नहीं होता है।
    • एपीथीलीयम उत्तक का मुख्य कार्य अंगों का सुरक्षा प्रदान करना है। यह उत्तक शरीर के विभिन्न अंगों में पदार्थ के विसरण, स्त्रवण (Secretion) तथा अवशोषण में सहायता करते हैं ।
    • एपीथीलीयम उत्तक को चार भागों में बाँटा गया है-
      1. शल्की एपीथीलीयम ( Squamous epithelium)
        • यह उत्तक की आकृति फर्श या दिवार पर लगी चपटी ईट की तरह होती है।
        • त्वचा के बाहरी परत का निर्माण इसी उत्तक से होता है। इसके अलावे यह उत्तक रक्तवाहिनियों तथा अंगों के भीतरी स्तर का निर्माण करते हैं ।
      2. स्तंभाकार एपीथीलीयम (Columnar epithelium)
        • इस उत्तक की कोशिका लंबे होते हैं तथा कोशिका के मुक्त सिरे पर माइक्रो विलाई होते हैं।
        • यह उत्तक ऐसे अंगों के आंतरिक भाग का निर्माण करते हैं जहाँ अवशोषण या स्त्रवण का काम होते हैं। जैसे- आंत, अमाशय, पित्ताशय ।
      3. घनाकार एपीथीलीयम (Cuboidal epithelium)
        • इस उत्तक के कोशिका का आकार घन के समान होता है। यह उत्तक के द्वारा शरीर में ग्रंथि (glands) का निर्माण होता है।
        • प्रमुख ग्रंथि-
          1. स्वेद ग्रंथि (Sudoriferous Gland )- यह ग्रंथि स्तनधारी त्वचा के ऊपरी परत (Epidermis) में पाये जाते हैं। इनके द्वारा पसीने का स्त्राव होता है ।
          2. लैक्राइमल ग्रंथि (Lachrymal Glands)- यह ग्रंथि आँख में पायी जाती है, जिससे आँसू का स्त्राव होता है। आँसू में लाइसोजाम नामक विशेष इंजाइम पाये जाते हैं जिससे प्रभाव से आँख में आये हानिकारक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं।
          3. मिस ग्रंथि (Ceruminous Glands) - यह स्तनधारी वर्ग के जीव के कान में पाया जाता है। इस ग्रंथि मोम के समान पदार्थ स्त्रावित होता है ।
          4. सीबम ग्रंथि (Sebum gland)- यह ग्रंथि त्वचा के डर्मिस (मीतरी परत ) में पायी जाती है। यह ग्रंथि एक प्रकार का तैलीय पदार्थ स्त्रावित करती है जिसे सीबम कहते हैं जो त्वचा एवं बालों को चिकना और जलरोधी बनाए रखता है।
      4. पक्ष्माभी उपकला (Ciliated epithelium)-
        • इस उत्तक की कोशिका लम्बी होती है तथा इसमें सिलिया (Cilia) पाये जाते हैं। यह उत्तक ट्रैकिया के भितरी सतह में, अंडवाहिनी (oviduct) गर्भाशय में पाये जाते हैं ।
        • यह उत्तक अंगों द्वारा स्त्रावित पदार्थ को सिलिया के द्वारा गति प्रदान करते हैं तथा पदार्थों को एक ही दिशा में जाने मदद करता है I
  2. Connective Tissue (संयोजी उत्तक) 
    • संयोजी उत्तक विभिन्न अंगों तथा उत्तकों को जोड़ने का काम करता है।
    • संयोजी उत्तक में कोशिकाओं की संख्या कम होती है तथा कोशिकाओं के बीच रिक्त स्थान ज्यादा होता है ।
    • उत्तक के कोशिकाओं के बीच खाली जगह में एक प्रकार के पदार्थ भरे रहते हैं इसे मैट्रीक्स कहते हैं । विभिन्न संयोजी उत्तक के मैट्रीक ठोस, जेली के समान, सघन, कठोर या तरल हो सकते हैं।
    • संयोजी उत्तक के प्रमुख प्रकार-
      1. अवकाशी उत्तक (Areolar Tissue)
        • यह उत्तक रक्तवाहिनीयों (Blood Vessels) तथा तंत्रिकाओं (Nerves Cells) के चारों तरफ घेरा बनाता है।
        • एरियोलर उत्तक त्वचा एवं मांसपेशी या दो मांसपेशी को आपस में जोड़ता है।
        • मास्ट कोशिका - यह एरियोलर उत्तक में पाई जाने वाले कोशिका है। यह कोशिका रूधिर वाहिनी के चारों तरफ पायी जाती है। इस कोशिका द्वारा हिस्टामिन (प्रोटीन), हिपैटीन (कार्बोहाइड्रेट) तथा सीरोटोनीन (प्रोटीन) स्त्रावित होता है।
        • हिस्टामिन रूधिर वाहिनी को फैलाता है। हिपैरीन शरीर के अंदर रक्त को जमने नहीं देता है तथा सिरोटोनीन रूधिर वाहिनी में सिकुड़न लाता है।
        • एरियोलर उत्तक के श्वेत तंतु कोशिका (White Fibres cells) द्वारा कॉलेजन प्रोटीन तथा पीला तंतु कोशिका (Yellow Fibres Cells) द्वारा एलास्टीन प्रोटीन स्त्रावित होता है।
      2. वसा संयोजी उत्तक (Adipose Connective Tissue)
        • यह उत्तक वसा कोशिका (Fat cells) से बनी होती है, इन कोशिका में वसा छोटी-छोटी बूँदी के रूप में भरी रहती है।
        • यह उत्तक वसा को संचित करके रखता है। यह शरीर के ताप को बनाये रखता है ।
        • शरीर के वसा कोशिका के अधिकता से मोटापा का सामना करना पड़ता है।
      3. कंडरा (Tendon)
        • यह संयोजी उत्तक मांसपेशी को अस्थि से या दूसरी मांसपेशी से जोड़ता है। यह उत्तक अत्यधिक मजबूत तथा आंशिक लीचीले होते हैं ।
      4. स्नायु (Ligament)
        • यह उत्त हड्डीयों (अस्थि) को दूसरे हड्डी से जोड़ता है। यह उत्तक अत्यधिक मजबूत एवं लचीले होते हैं।
      5. उपास्थि उत्तक (Cartilage)
        • यह उत्तक कोंड्रियो ब्लास्ट कोशिका के बने होते तथा इन कोशिकाओं के बीच रिक्त स्थान में कोंड्रीन प्रोटीन पाया जाता है।
        • उपास्थि अस्थियों के जोड़ को चिकना बनाता है। ये उत्तक बाह्यकर्ण, नाक, श्वासनली (ट्रेकिया), स्टरनम जैसे अंगों में पाये जाते हैं।
      6. अस्थि (Bone)
        • यह काफी मजबूत संयोजी उत्तक हैं क्योंकि इस उत्तक के मैट्रीक्स कैल्शियम तथा फॉस्फोरस लवण से बना होता है। अस्थि के मैट्रीक्स में ओसीन नामक प्रोटीन होता है।
        • लंबी तथा मोटी अस्थि के बीच गुहा होता है जिसे मज्जा गुहा (Marrow cavity) कहते हैं। मज्जा गुहा में जब एडीपोज उत्तक (वसा उत्तक) भरा रहता है तो उस मज्जा गुहा को अस्थिमज्जा (Bone Marrow) कहते हैं ।
        • अस्थिमज्जा दो तरह के होते (अस्थि के शीर्ष भाग में लाल अस्थि मज्जा तथा बीच वाले भाग में पीली अस्थि मज्जा पायी जाती है।
        • लाल अस्थि मज्जा में RBC ( लाल रक्त कण ) तथा पीली अस्थि मज्जा में WBC (श्वेत रक्त कण ) का निर्माण होता है।
        • स्तनधारी वर्ग के जीवों के अस्थि में अनेक नली समान रचना होता है जिसे हैवर्सियन नलिका कहते हैं । हैवर्सियन नलिका की उपस्थिति स्तनधारी वर्ग के विशेष लक्षण है।
      7. रक्त (Blood)
        • रक्त तरल संयोजी उत्तक है क्योंकि इस उत्तक के मैट्रीक्स ठोस न होकर तरल रूप में रहते हैं ।
        • रक्त के तरल भाग या मैट्रीक्स को प्लाज्मा कहते हैं तथा प्लाज्मा रक्त कोशिका में तैरती रहती है।
        • रक्त का 50% भाग प्लाज्मा का बना होता है शेष 45% रूधिर कोशिका होता है।
        • प्लाज्मा का 90% भाग जल से बना होता है शेष में 7% प्रोटीन तथा कार्बनिक एवं अकार्बनिक पदार्थ होते हैं।
        • रक्त में तीन प्रकार की कोशिका होती है-
          (i) लाल रक्त कण (RBC), (ii) श्वेत रक्त कण (WBC) तथा (iii) प्लेटलेट्स (Platelets)
      8. लसीका (Lymph)
        • लसीका, रक्त के समान ही तरल संयोजी उत्तक है । लसीका में केवल श्वेत रक्त कण (WBC) होते हैं। इसमें लाल रक्त कण तथा प्लेटलेट्स का अभाव होता है।
        • लसीका की कोशिका एंडीबॉडी बनाते हैं जो जीवाणु तथा अन्य सूक्ष्म जीवों के संक्रमण को रोकता है।
        • लसीका द्वारा कम मात्रा में पोषक पदार्थों का भी परिवहन होता है।
  3. Muscular Tissue ( पेशी उत्तक)
    • इस उत्तक की कोशिका लंबी-लंबी होती है तथा इन कोशिका में एक प्रकार के तरल पदार्थ भरे रहते हैं, इस तरल पदार्थ को सार्कोप्लाज्म कहते हैं ।
    • यह उत्तक का मुख्य काम जीवों को प्रचलन में मदद करना है।
    • पेशी उत्तक तीन प्रकार के होते हैं-
      1. आरेखित या अनैच्छीक पेशी (Unstriped Muscles)
        • इस पेशी में होनेवाला संकुचन एवं प्रसार जंतु के इच्छा के अधीन नहीं होता है, यही कारण है कि इस पेशी को अनैच्छीक पेशी कहते हैं।
        • यह पेशी मुख्य रूप से नेत्र के आइरीस में, वृषण (Testes ) में, मूत्र वाहिनी तथा मूत्राशय में, रक्तवाहिनीयों में पायी जाती है।
      2. रेखित पेशी या ऐच्छीक पेशी (Striped Muscles)
        • यह पेशी जीव के कंकाल (हड्डी) से जुड़ी होती है तथा इनमें प्रसार तथा संकुचन जीवों के इच्छा के अनुरूप होता है।
        • यह पेशी शरीर के बाहु पैर, गर्दन आदि में पायी जाती है एवं इस पेशी का कुल भार शरीर कुल भार का 50 प्रतिशत होता है।
      3. हृदय पैशी (Cardiac Muscles)
        • हृदय का निर्माण करने वाले पेशी को कार्डियक पेशी कहते हैं । हृदय पेशी की रचना रेखित पेशी के समान होता है। 
        • यह पेशी स्वभाव से अनैच्छीक होती है तथा जीवनभर इसमें प्रसार तथा संकुचन होते रहता है।
  4. Narvous Tissue (तंत्रिका उत्तक)
    • जीवों के मस्तिष्क, मेरूरज्जु (Spinal cord) तथा सभी तंत्रिकाएँ (Nerves) इसी उत्तक के बने होते हैं।
    • तंत्रिका उत्तक की कोशिका को न्यूरॉन कहते हैं। न्यूरॉन कोशिका को तंत्रिका तंत्र की इकाई भी कहते हैं।
    • यह उत्तक संवेदना को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में भेजने का कार्य करती है। इन उत्तक की कोशिका में विभाजन की क्षमता नहीं होती है।

अभ्यास प्रश्न

1. कोशिकाओं का ऐसा समूह जो रूप, कार्य और उत्पत्ति में समान होता है, उसे क्या कहते है-
(a) बहुकोशिका 
(b) उत्तक
(c) अंग
(d) अंग तंत्र
2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. समान उत्पत्ति तथा समान कार्य को संपादित वाली कोशिकाओ के समूह को उत्तक कहते है
2. उत्तक एक कोशिकीय तथा बहुकोशिकीय दोनों जीवों में पाया जाता है
3. पादप तथा जंतु दोनों में ही उत्तक पाये जाते है।
उपर्युक्त में कौन-सा/से कथन सही है/हैं ?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1 और 3
3. पौधों तथा जंतु दोनों की कोशिका लगभग एक समान ही होती है, फिर दोनों के उत्तको एक-दूसरे में बिल्कुल अलग होते हैं, क्योंकि-
(a) पौधों में कोई गति (प्रचलन ) नहीं होता है, जबकि जंतु  एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर विचरण करते है I
(b) पौधों में वृद्धि कुछ क्षेत्रों में ही सिमित रहती है जबकि  जंतुओं में वृद्धि एक रूप में होती है
(c) जंतु तथा पौधों के अंगतंत्र की बनावट पूर्णत: एक-दूसरे से भिन्न होते है
(d) उपर्युक्त में सभी
4. हिस्टोलॉजी (Histology) शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया था ?
(a) मेयर
(b) ल्यूवेनहक 
(c) रॉबर्ट कुक
(d) चार्ल्स मैमन
5. एक विशेष कार्य करने वाले समान कोशिकाओं के समूह को क्या कहते है ?
(a) अंग
(b) उत्तक
(c) बहुकोशिका
(d) कोशिकीय संरचना
6. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. किसी एक उत्तक में एक ही आकार एवं विशेषताओं की कोशिका पाये जाते है।
2. कुछ उत्तको में विभिन्न आकार एवं बनावट की कोशिकाएँ होती है
उपर्युक्त में कौन सा/से कथन सही है/हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 तथा 2 दोनों 
(d) न तो 1 न ही 2 
7. पादपो में विभाज्योतिकी (Meristematic) उत्तको के बारे में निम्नलिखित में कौनसा कथन सही है ?
(a) ये मृत उत्तक है और काष्ठ में परिवर्तित होते है
(b) अपनी मोटी हो चुकी भित्तियो के कारण ये पादप को नम्यता ( लचीलापन) प्रदान करते है
(c) ये केवल किसी वृक्ष की छाल में होते है
(d) इन उत्तको की कोशिकाओं के विभाजन के कारण पादपों में होती है।
8. निम्नलिखित कौन सा एक पौधों के विभाज्योतिकी उत्तक के संदर्भ में सही नहीं है ?
(a) यह जीवित कोशिकाओं का बना उत्तक होता है, जिनमें विभाजन की क्षमता होती है
(b) इस उत्तक के कोशिकाओं की रसधानियाँ बहुत बड़ी-बड़ी होती है
(c) इसके कोशिका का केंद्रक बड़े-बड़े होते हैं।
(d) इसके कोशिकाओं में कोशिका रस की मात्रा काफी अधिक होती है
9. शीर्षस्थ विभाज्योतिकी उत्तरदायी होता है-
(a) लंबाई में वृद्धि के लिये
(b) मोटाई में वृद्धि के लिये
(c) मृदुतक में वृद्धि के लिये
(d) वल्कुट में वृद्धि के लिये
10. वह उत्तक जो प्राथमिक वृद्धि के लिये उत्तरदायी हैं-
(a) लंबाई में वृद्धि के लिये
(b) मोटाई में वृद्धि के लिये
(c) मृदुतक में वृद्धि के लिये
(d) वल्कुट में वृद्धि के लिये
11. वह उत्तक जो प्राथमिक वृद्धि के लिये उत्तरदायी है-
(a ) शीर्षस्थ विभाज्योतिकी
(b) पार्श्व विभाज्योतिकी
(c) अंतर्वेशी विभाज्योतिकी
(d) इनमें से कोई नहीं
12. संवहन उत्तक में अवस्थित कैंबियम एवं वृक्ष के छाल के नीचे का कैबियम उदारण है-
(a ) शीर्षस्थ विभज्योतिकी का
(b) पार्श्व विभज्योतिकी का
(c) अंतर्वेशी विभज्योतिकी का
(d) इनमें से सभी
13. वह उत्तक जो द्वितीयक वृद्धि के लिये उत्तरदायी है-
(a) जाइलम 
(b) फ्लोएम
(c) कैम्ब्रियम
(d) कॉटेक्स
14. किसी पौधे के तने के घेरे को बढ़ाने के लिये निम्नलिखिती 23/ में कौन सा उत्तक उत्तरदायी होता है ? 
(a) वाहिनिका 
(b) परिरम्भ
(c) अन्तर्वेशी विभाज्योतिकी
(d) पार्श्व विभाज्योतिकी
15. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. पौधों के स्थायी उत्तक के कोशिकाओं में विभाजन की क्षमता नहीं होती है
2. विभाज्योतिकी उत्तक की वृद्धि के फलस्वरूप पौधें में स्थायी उत्तक बनता है
उपर्युक्त में कौन-सा/से कथन सही है/हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 तथा 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2
16. एकबीजपत्री तने में द्वितीयक वृद्धि नहीं होती है, क्योंकि इनमें नहीं होता हैं ?
(a) फ्लोएम
(b) कैम्बियम
(c) जाइलम
(d) हॉर्मोन
17. निम्नलिखित में किसे प्राथमिक विभाज्योतिकी कहते है, क्योंकि यह पौधो के जीवन चक्र के प्रारंभ में बनते है और प्राथमिक पादप शरीर बनाते है ?
(a ) शीर्षस्थ विभाज्योतिकी
(b) पार्श्व विभाज्योतिकी
(c) अंतर्वेशी विभाज्योतिकी
(d) A तथा C दोनों
18. संवहन उत्तक का निर्माण किस विभाज्योतिकी (Mer- istematic) द्वारा होता है ?
(a ) शीर्षस्थ
(b) अंतर्वेशी
(c) पार्श्व
(d) इनमें से कोई नहीं
19. मृदु उत्तक (Parenchyma) किस प्रकार के उत्तक है ?
(a) सरल उत्तक (Simple Tissue)
(b) जटिल उत्तक (Complex Tissue)
(c) विभाज्योतिकी
(d) इनमें से सभी
20. निम्नलिखित में किस उत्तक में जीवित कोशिका पायी जाती है ?
(a) मृदु उत्तक
(b) स्थूलकोण उत्तक
(c) दृढ़ उत्तक
(d) A तथा B दोनों
21. मृदु उत्तक का मुख्य कार्य है-
(a) भोज्य पदार्थ का संग्रह करना
(b) पौधों को लचीलापन प्रदान करना
(c) पौधों को यांत्रिक दृढ़ता प्रदान करना
(d) हॉर्मोन के स्त्रावित करना
22. वायुतक (Arenchyma) किन पौधों में पाया जाता है ?
(a) जीरोफाइटस 
(b) हाइड्रोफाइटस
(c) मीसोफाइटस
(d) लिथोफाइटस
23. जलोद्भिद निम्न में किसकी उपस्थिति के कारण जल में तैरते है ?
(a) वायुतक की
(b) मृदुतक की
(c) हरित उत्तक की
(d) दृढ़ोतक की
24. वह कौन सा उत्तक है, जिसकी कोशिकाएँ जीवित होती है, भित्ती सेल्युलोज था पेक्टिन की बनी होती है और कोणो पर अलिग्निनी स्थूलन मिलते है ?
(a) मृदुतक
(b) क्लोरेनकाइमा
(c) कोलेनकाइमा
(d) स्क्लेरेनकाइमा
25. निम्नलिखित में कौन एक उत्तक केवल तरूण पौधों में पाया जाता है, बड़े-बड़े वृक्षों में नहीं ?
(a) मृदुउत्तक
(b) स्थूलकोण उत्तक
(c) दृढ़ उत्तक
(d) हरित उत्तक
26. शाकीय द्विबीजपत्री पौधे जैसे- सूर्यमुखी, कद्दू को लचीलापन तथा दृढ़ता प्रदान करने वाला उत्तक है-
(a) मृदुउत्तक
(b) हरित उत्तक
(c) स्थूलकोण उत्तक
(d) दृढ़ उत्तक
27. निम्नलिखित में कौन सा एक उत्तक जड़ में उपस्थित नहीं रहते है ?
(a) मृदु उत्तक
(b) वायुत्तक
(c) दृढ़ उत्तक
(d) स्थूलकोण उत्तक
28. निम्नलिखित में किस उत्तक के कोशिकाओं की भित्ति लिग्निन के कारण मोटी हो जाती है ?
(a) मृदु उत्तक
(b) स्थूलकोण उत्तक
(c) दृढ़ उत्तक
(d) विभाज्योतिकी
29. पौधों के कुछ भाग मोड़ने पर बिना टूटे आसानी से मोड़े जा सकते है। कुछ भाग जैसे पत्ते और तने की इस नम्यता का कारण किसकी बहुतायत को माना जा सकता है ?
(a) मृदुतक
(b) श्लोषोतक
(c) दृढ़ोत
(d) दारू और पोषवाह
30. रेशे उत्पन्न करने वाले पौधे जैसे पटुआ (Tute) में किस उत्तक की प्रचुरता होती है ?
(a) मृदुतक 
(b) वायुतक
(c) विभाज्योतिकी
(d) दृढ़ उत्तक
31. फलो तथा बीजो का कठोर आवरण किस उत्तक के द्वारा तैयार होता है ?
(a) दृढ़ उत्तक 
(b) स्थूलकोण उत्तक
(c) मृदु उत्तक
(d) इनमें से सभी
32. सुबेरिन नामक कार्बनिक पदार्थ जमा रहता है ?
(a) मृदु उत्तक में 
(b) स्थूलकोण उत्तक में
(c) दृढ़ उत्तक में
(d) कॉर्क कोशिका में
33. व्यापारिक कॉर्क किससे प्राप्त होता है ?
(a) जाइलम से 
(b) फ्लोएम से 
(c) संवहन कैम्बीयम से
(d) कॉर्क कैम्बीयम
34. वाणिज्यिक मूल्य वाला कॉर्क किससे प्राप्त होता है ?
(a) साइकस 
(b) सीड्स देवदार
(c) क्वेकर्स सुबेर
(d) फाइकस
35. मृदु उत्तक (Parenchyma) की कोशिकाएँ होती है-
(a) गोलाकार 
(b) वर्गाकार
(c) रेशे के समान
(d) स्थूलकोणीय
36. दृढ़ कोशिका (Sclerenchyma) में कौन सा गुण नहीं पाया जाता है ?
(a) ये मृदुतक कोशिकाओं से निर्मित होती है,
(b) इनकी भित्तियो में लिग्निन विद्यमान होता है 
(c) ये कोशिकाएँ मृत और संकीर्ण अवकाशवाली होती है
(d) इनकी कोशिकाएँ बहुत लम्बी और उनके सिरे नुकीले होते है 
37. निम्नलिखित में किस उत्तक की कोशिकाओ में अंतरा कोशिकीय स्थान (Intercellular Space) नहीं पाया जाता है ?
(a) विभाज्योतिकी
(b) मृदुतक
(c) दृढ़ उत्तक
(d) A तथा C दोनों
38. पौधों से प्राप्त होने वाला कॉर्क में कौन सी विशेषताएँ नहीं होती है ?
(a) यह विघुतरोधी तथा उष्मारोधी होता है
(b) इसके कोशिकाओ में पर्याप्त मात्रा में जीवद्रव्य पाये जाते है
(c) इनकी भित्ती से जल एवं गैस नहीं जा सकता है 
(d) यह हलका होता हे एवं जल्द इसमें आग नही लगती है
39. विलामेन (Vellamen) की आवश्यकता होती है ?
(a) पौधों में श्वसन के लिये
(b) उत्तको की सुरक्षा के लिये
(c) नमी के अवशोषण के लिये
(d) इनमें से कोई नहीं
40. किस प्रकार के जड़ में विलामेन नामक आर्द्रताग्राही स्पंजी उत्तक पाया जाता है ?
(a) चूषण मूल
(b) श्वसनी मूल
(c) स्वांगीकारक मूल
(d) अधिपादप मूल
41. आर्किड विलोमन उत्तक पाया जाता है।
(a) प्ररोहो में 
(b) मूलो में
(c) पत्तियों में
(d) पुष्पो में
42. पौधों का सबसे बाहरी स्तर या छिलका को क्या कहते है ?
(a) अधिचर्म (Epidermis) 
(b) कॉर्टेक्स
(c) परिरंभ 
(d) मज्जा या पिथ
43. शुष्क स्थानो पर पाये जाने वाले पौधो के एपिडर्मिस में कौन सी परत होती हे जो पौधो में जलहानि को रोकता है ?
(a) लिग्निन
(b) क्यूटिकल
(c) सुबेरीन
(d) इनमें से कोई नहीं
44. त्वचाजन (Dermatogen) उत्तक शीर्षस्थ विभाज्योतिकी बनता है। यह निम्नांकित में किसमें विकसित होता है?
(a) बाह्य त्वचा (Epidermis )
(b) कॉर्टेक्
(c) संवहन बंडल
(d) मज्जा
45. निम्नलिखित में कौन सा उत्तक तंत्र पौधों के सम्पूर्ण मध्य भाग का निर्माण करते है ? 
(a) Epidermal Tissue system
(b) Ground or Fundamental Tissue System 
(c) Vascular Tissue System 
(d) इनमें से कोई नहीं
46. रंध्र तथा मूल रोम पाये जाते है-
(a) बाह्य त्वचा (Epidermis )
(b) अधस्त्वचा में (Hypodermis )
(c) अंतस्त्वचा में (Endodermis )
(d) परिरंभ में (Pericycle)
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