जिसमें कई आवृत्तियाँ होती है
जिसमें केवल दो आवृत्तियाँ होती है
जिसमें एकल आवृत्ति होती है
जिसको सुनना सदैव दुखद होता है
पहली ध्वनि से प्रबल होगी परंतु इसका तारत्व भिन्न नहीं होगा
पहली ध्वनि से प्रबल होगी और इसका तारत्व भी अपेक्षाकृत उच्च होगा
पहली ध्वनि से प्रबल होगी परंतु इसका तारत्व अपेक्षाकृत निम्न होगा
प्रबलता और तारत्व दोनों ही प्रभावित नहीं होंगे
पराश्रव्य तरंगें
अवश्रव्य तरंगें
रेडियो तरंगें
श्रव्य तरंगें
माध्यम के कण एक स्थान से दूसरे स्थान पर गमन कर रहे हो
वायुमंडल में आर्द्रता न हो
विक्षोभ गमन करे
कण एवं विक्षोभ दोनों ही एक स्थान से दूसरे स्थान को गमन करें
आवृत्ति
आयाम
वेग
तरंगदैर्ध्य
पराश्रव्य ध्वनि
अवश्रव्य ध्वनि
श्रव्य ध्वनि
उपरोक्त में कोई नहीं
कुत्ता / Dog
चमगादड़ / Bat
राइनोसेरस (गैंडा) / Rhinoceros
मनुष्य / Human beings
केवल ध्वनि की तीव्रता
केवल ध्वनि का आयाम
सितार की डोरी की आवृत्ति को अन्य वाद्य यंत्रों की आवृत्ति के साथ
ध्वनि की प्रबलता
जीन का प्रयोग
लगाम का प्रयोग
जूतों का प्रयोग
युद्ध में घोड़ों का प्रयोग
319-20 ई. में
320-21 ई. में
322-23 ई. में
318-19 ई. में
चंद्रगुप्त मौर्य
चंद्रगुप्त द्वितीय
अशोक
समुद्रगुप्त
चेर और चोल
शक और कुषाण
पह्नव और सीथियन
नेपाल और पंजाब
आंतरिक राज्य
आदिवासी राज्य
आटविक राज्य
सीमावर्ती राज्य
दिल्ली स्थित लौह स्तंभ अभिलेख
प्रयाग प्रशस्ति अभिलेख
हाथीगुम्फा अभिलेख
लौरिया नंदनगढ़ अभिलेख
'चंद्र' नामक राजा की पहचान चंद्रगुप्त द्वितीय से की जाती है।
उसके दरबार में अमरसिंह नामक रत्न रहता था।
उसके समय में चीनी यात्री ह्वेनसांग भारत आया था।
उपर्युक्त में से कोई नहीं
उज्जैन
मालवा
इलाहाबाद
मेहरौली
परमेश्वर
महाराजाधिराज
परमभट्टारक
देवानाम प्रियदर्शी
एक प्रकार का निःशुल्क श्रम
एक प्रकार का कर
एक प्रकार की सैनिक सेवा
एक प्रकार का राजकीय सम्मान
प्रयाग प्रशस्ति से
वैशाली से प्राप्त सीलों से
मेहरौली लौह स्तंभ
मेघदूतम् कृति से
टका
निष्क
दीनार
शतमान
मध्य प्रदेश
पश्चिमोत्तर भारत
दक्कन
मगध
महाभारत
कृष्णलीला
कुरुक्षेत्र
रामायण
आर्थिक क्षेत्र में प्रगति हुई।
कला के क्षेत्र में प्रगति हुई
अखिल भारतीय साम्राज्य की स्थापना हुई।
शूद्रों की स्थिति में सुधार हुआ।
एक धनी व्यापारी और गणिका की पुत्री की प्रेमकथा
चंद्रगुप्त द्वितीय की पश्चिम भारत के शक क्षत्रपों पर विजय
समुद्रगुप्त के सैन्य अभियान तथा शौर्यपूर्ण कार्य
गुप्त राजवंश के एक राजा तथा कामरूप की राजकुमारी की प्रेमकथा
बिहार
उत्तर प्रदेश
राजस्थान
ओडिशा
गोपाल
शिशुपाल
धर्मपाल
यक्षपाल
गोपाल
शिशुपाल
धर्मपाल
यक्षपाल
ग्यारहवीं शताब्दी
बारहवीं शताब्दी
तेरहवीं शताब्दी
चौदहवीं शताब्दी
कुतुबुद्दीन ऐबक
इल्तुतमिश
रजिया
बलबन
इल्तुतमिश
बलबन
फिरोज शाह तुगलक
अकबर
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