अबिंदुकता
लघु दृष्टिदोष
दीर्घ दृष्टिदोष
जरादृष्टिदोष
अबिंदुकता
दीर्घ दृष्टिदोष
जरा दृष्टिदोष
लघु दृष्टिदोष
180°
150°
160°
120°
न्यूनतम
अधिकतम
सामान्य
इनमें से कोई नहीं
25m
2.5 cm
25 cm
2.5m
140°
180°
150°
इनमें से कोई नहीं
द्विविमीय चपटा
त्रिविमीय गोल
(A) और (B) दोनों
इनमें से कोई नहीं
द्विविमीय
त्रिविमीय
(A) और (B) दोनों
इनमें से कोई नहीं
विद्युत ऊर्जा में
विद्युत सिगनल में
वास्तविक प्रतिबिम्ब में
इनमें से कोई नहीं
समंजन कहलाता है
लेंस मोटा हो जाता है
लेंस पतला हो जाता है
सिलियरी पेशियाँ सिकुड़ जाती हैं
नेत्र पटल
कॉर्निया
परितारिका
पुतली
संशलाका कोशिकाएँ
शंकु कोशिकाएँ
ऊपर दिए दोनों
इनमें से कोई नहीं
एरिस द्वारा
परितारिका द्वारा
पक्ष्माभी पेशियों द्वारा
इनमें से कोई नहीं
3.5 cm
2.5 cm
4.2 cm
2.7cm
जो वर्णांध हैं
जो वर्णांध नहीं हैं
(A) एवं (B) दोनों
इनमें से कोई नहीं
फोकस दूरी बढ़ जाती है
फोकस दूरी घट जाती है
लेंस पतला हो जाता है
कोई परिवर्तन नहीं होता है
दृक् तंत्रिकाओं द्वारा
मांसपेशियों द्वारा
काचाभ द्रव द्वारा
सामान्य स्नायुओं द्वारा
परितारिका
पक्ष्माभी पेशियाँ.
अभिनेत्र लेंस
काचाभ द्रव
कॉर्निया
रेटिना
परितारिका
पुतली
जरा - दूरदृष्टिता
समंजन क्षमता
निकट दृष्टि
दीर्घ दृष्टि
दूर दृष्टि दोष
निकट दृष्टि दोष
जरादृष्टि दोष
वर्णान्धता
अभिनेत्र लेंस की वक्रता बढ़ जाना
अभिनेत्र लेंस की वक्रता का घट जाना
नेत्र गोलक की लम्बाई घट जाना
सभी कथन सत्य हैं
निकट दृष्टि दोष
दीर्घ- दृष्टि दोष
जरा -दूर दृष्टिता
मोतियाबिंद
अवतल लेंस
उत्तल लेंस
कभी अवतल लेंस और कभी उत्तल लेंस
बेलनाकार लेंस
दूर की वस्तुओं को
निकट की वस्तुओं को
बड़ी वस्तुओं को
इनमें से कोई नहीं
मोतियाबिंद
अंधापन
आँख की बड़ी बीमारी जिसका निवारण असंभव है
दीर्घ दृष्टि दोष
नेत्र की समंजन क्षमता घट जाती है
पक्ष्माभी पेशियाँ धीरे-धीरे सबल हो जाती हैं
नेत्र लेंस के लचीलापन बढ़ने लगता है।
सभी कथन सत्य हैं
अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी का घटना
नेत्र गोलक का बड़ा हो जाना
अभिनेत्र लेंस की वक्रता का घटना
अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी का अत्यधिक हो जाना
पुतली द्वारा
दृष्टिपटल द्वारा
पक्ष्माभी द्वारा
परितारिका द्वारा
उत्तल
अवतल
बाइफोकल
बेलनाकार
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