वेग / गति
तरंगदैर्ध्य
आवृति
अपवर्तनांक
इसकी चाल बढ़ जाती है तथा यह अभिलंब से दूर हट जाती है।
इसकी चाल बढ़ जाती है तथा यह अभिलंब की ओर झुक जाती है ।
इसकी चाल घट जाती है तथा यह अभिलंब से दूर हट जाती है ।
इसकी चाल घट जाती है तथा यह अभिलंब की ओर झुक जाती है ।
बहुलित परावर्तन और व्यतिकरण
बहुलित अपवर्तन और परिक्षेपण
विवर्तन और परिक्षेपण
ध्रुवण और व्यतिकरण
केवल द्रवों के
केवल प्रिज्मों के
केवल हीरों के
सभी पारदर्शी माध्यम के
लाल
पीला
नीला
बैंगनी
आयाम माडुलन
आवृत्ति माडुलन
स्पंद कूट (नाड़ी संकेत) माडुलन
काल विभाग बहुसंकेतन
सूर्य के प्रकाश में नीला रंग और रंगों से अधिक है ।
लघु तरंग दीर्घ तरंगों की अपेक्षा वायुमण्डल द्वारा अधिक प्रकीर्ण होती हैं।
नीला रंग नेत्र को अधिक सुग्राही है।
वायुमंडल दीर्घ तरंग को लघु तरंग दैर्ध्य की अपेक्षा अधिक अवशोषित करती है।
हीरे से कांच में
जल से कांच में
वायु से जल में
वायु से कांच में
प्रकाश का प्रकीर्णन
प्रकाश का विवर्तन
प्रकाश का पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
प्रकाश का अपवर्तन
3
5
6
7
पूर्ण आभ्यंतर (आंतरिक) परावर्तन
अपवर्तन
प्रकीर्णन
व्यतिकरण
अवतल दर्पण
उत्तल दर्पण
बेलनाकार दर्पण
समतल दर्पण
नीला प्रकाश
हरा प्रकाश
लाल प्रकाश
पीला प्रकाश
काल्पनिक और छोटा
काल्पनिक और बड़ा
वास्तविक और छोटा
वास्तविक और बड़ा
यह छोटे कणों से बना होता है।
प्रकाश का वेग बहुत अधिक है।
प्रकाश का तरंगदैर्ध्य बहुत छोटा है।
प्रकाश अपने चारों ओर से परावर्तित होता है।
0.75 मीटर
1.00 मीटर
1.50 मीटर
3.00 मीटर
इसकी तरंगों की दैर्ध्य (लंबाई ) सर्वाधिक होती है।
यह सुंदर होता है।
यह खराब रोशनी वालों को भी दिखाई देता है।
उक्त कारणों में से कोई नहीं
अवतल लेंस
उत्तल दर्पण
उत्तल लेंस
अवतल दर्पण
क्रार्ट्स क्रिस्टल
टाइटेनियम नीडिल
लेसर बीम
बेरियम टाइटेनिक सिरेमिक
वृक्षों द्वारा
कवक द्वारा
बैक्टीरिया द्वारा
फफूंद द्वारा
अधिक गहराई के लक्षण के कारण ।
आकाश के परावर्तन तथा जल के कणों द्वारा प्रकाश प्रकीर्णन के कारण ।
जल के नीले रंग के कारण ।
जल की ऊपरी सतह के कारण।
शून्य
एक
अनन्त
एक और अनन्त के बीच
पुतली के आकार में परिवर्तन ।
लेंस के व्यास व फोकस दूरी में परिवर्तन ।
रोडोप्सीन का विरंजक व पुनः विरचन होना ।
आंखों का अंधेरे के प्रति कुछ समय में अनुकूलित होगा ।
हीरे में
पानी में
निर्वात में
हाइड्रोजन में
नतोदर दर्पण
उन्नतोदर दर्पण
सादा दर्पण
इनमें से कोई नहीं
अपवर्तन
प्रकाशकीय भ्रम
व्यतिकरण
उनकी वास्तविक आकृति
ऊपर काला नीचे उजला
ऊपर उजला नीचे काला
मात्र काला
मात्र उजला
कांच
निर्वात
जल
वायु
नीला, हरा, बैंगनी
बैंगनी, हरा, नीला
नीला, पीला, हरा
नीला, हरा, पीला
4.2 से.
4.8 से.
8.5 मिनट
3.6 घंटे
उत्तल लेंस प्रयुक्त करके
अवतल लेंस प्रयुक्त करके
समतल - अवतल लेंस प्रयुक्त करके
समतल कांच प्रयुक्त करके
10 सेमी.
15 सेमी.
20 सेमी.
25 सेमी.
नीला
सफेद
काला
लाल
तरंग दैर्ध्य, आवृत्ति और वेग
वेग और आवृत्ति
तरंग दैर्ध्य और आवृत्ति
तरंग दैर्ध्य और वेग
नीला
हरा
लाल
पीला
वह वस्तु के बाराबर होता है पर उल्टा होता है।
वह वस्तु से छोटा होता है व सीधा होता है।
वह वस्तु से छोटा होता है व उल्टा होता है ।
वह वस्तु के बराबर होता है व सीधा होता है।
प्रकाश से रासायनिक ऊर्जा
प्रकाश से ताप ऊर्जा
ताप से जैव रासायनिक ऊर्जा
ऊष्मा से गतिज ऊर्जा
नीले प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है।
लाल प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है।
नीले प्रकाश का वातावरण में अवशोषण सबसे कम होता है।
लाल प्रकाश का वातावरण में अवशोषण सर्वाधिक होता है।
अवतल
उत्तल
साधारण
दोनों (a) और (b)
व्यतिकरण
अपवर्तन
पूर्ण आन्तरिक परावर्तन
ध्रुवण
0 डायोप्टर
1 डायोप्टर
2 डायोप्टर
4 डायोप्टर
कॉर्निया
आइरिस
प्यूपिल
रेटिना
प्रकाश तरंग
रेडियो तरंग
सूक्ष्म तरंग
विद्युत तरंग
लेंस की उत्तलता में परिवर्तन द्वारा
लेंस की आगे पीछे गति द्वारा
रेटिना की आगे पीछे गति द्वारा
आंख के तरल के अपवर्तनांक में परिवर्तन द्वारा
प्रकाश का परावर्तन
प्रकाश का प्रकीर्णन
प्रकाश का अपवर्तन
प्रकाश का सकल आंतरिक परावर्तन
उसकी पृथ्वी से दूरी
उसका ताप
उसकी ज्योति
उसकी सूर्य से दूरी
फिल्म
लेन्स
शटर
आवरण
प्रकाश का व्यतिकरण
प्रकाश का विवर्तन
प्रकाश का ध्रुवण
प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन
लाल, नीला तथा नारंगी
लाल, हरा तथा नीला
लाल, हरा तथा भूरा
लाल, पीला तथा हरा
कार्बन डाइऑक्साइड
धूल-कण
हीलियम
जलवाष्प
बैंगनी
लाल
पीला
सफेद
व्यक्ति की ऊंचाई के बराबर
व्यक्ति की ऊंचाई का आधा
व्यक्ति की ऊंचाई का एक-चौथाई
उपर्युक्त में से कोई नहीं
हरा
पीला
नीला
लाल
नीला और नारंगी
हरा और लाल
पीला और हरा
बैंगनी और लाल
आयाम से
तरंग दैर्ध्य से
तीव्रता से
वेग से
उसमें अति उच्च पारदर्शिता होती है।
उसका अति उच्च अपवर्तन सूचकांक होता है।
वह बहुत कठोर होता है ।
उसके सुनिश्चित विचलन - तल होते हैं ।
पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण
प्रकाश के अवशोषण के कारण
कुछ स्वाभाविक गुण के कारण
इसके आण्विक संरचना के कारण
सीधा तथा वास्तविक
सीधा तथा आभासी
उल्टा तथा वास्तविक
उल्टा तथा आभासी
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