NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Electricity विद्युत

Electricity विद्युत

NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Electricity  विद्युत

NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Electricity  विद्युत

1. चित्र में दर्शाए अनुसार तीन विद्युत परिपथों में कोई सेल, प्रतिरोधक, कुंजी तथा ऐमीटर भिन्न प्रकार से व्यवस्थित हैं। ऐमीटर द्वारा रिकार्ड की गयी धारा-

(a) (i) में अधिकतम होगी
(b) (ii) में अधिकतम होगी
(c) (iii) में अधिकतम होगी
(d) सभी प्रकरणों में समान होगी 
उत्तर - (d)
2. निम्न परिपथों चित्र में 12V बैटरी से जुड़े प्रतिरोधक अथवा प्रतिरोधकों के संयोजन में उत्पन्न ऊष्मा होगी-

(a) सभी प्रकरणों में समान
(b) प्रकरण (i) में निम्नतम 
(c) प्रकरण (ii) में अधिकतम
(d) प्रकरण (iii) में अधिकतम
उत्तर - (d)
3. किसी दिए गए धातु के तार की वैद्युत प्रतिरोधकता निर्भर करती है तार
(a) की लंबाई पर 
(b) की मोटाई पर
(c) की आकृति पर 
(d) के पदार्थ की प्रकृति पर
उत्तर - (d)
4. किसी विद्युत बल्ब के फिलामेंट द्वारा 1A धारा ली जाती है । फिलामेंट की अनुप्रस्थ काट से 16 सेकंड में प्रवाहित इलेक्ट्रॉनों की संख्या होगी लगभग-
(a) 1020
(b) 1016
(c) 1018
(d) 1023
उत्तर - (a)
5. उस परिपथ (चित्र) को पहचानिए जिसमें वैद्युत अवयव उचित प्रकार से संयोजित हैं-

(a) (i)
(b) (ii)
(c) (iii)
(d) (iv)
उत्तर - (b)
6. पाँच प्रतिरोधकों, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 1/5Ω है, का उपयोग करके कितना अधिकतम प्रतिरोध बनाया जा सकता है ? 
(a) 1/5 Ω
(b) 10 Ω
(c) 5 Ω
(d) 1 Ω
उत्तर - (d)
7. पाँच प्रतिरोधकों, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 1/5Ω है, का उपयोग करके कितना निम्नतम प्रतिरोध बनाया जा सकता है?
(a) 1/5 Ω
(b) 1/25 Ω
(c) 1/10 Ω
(d) 25 Ω
उत्तर - (b)
8. अधिकतम विभव प्राप्त करने के लिए सेलों के श्रेणी संयोजन चित्र को उचित रूप में निरूपित करने वाला संयोजन कौन सा है?

(a) (i)
(b) (ii)
(c) (iii)
(d) (iv)
उत्तर - (a)
9. लंबाई l तथा एक समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल A के किसी बेलनाकार चालक का प्रतिरोध R है। समान पदार्थ के किसी अन्य चालक, जिसकी लंबाई 21 तथा प्रतिरोध R है, की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल क्या है?
(a) A/2 
(b) 3A/2
(c) 2A
(d) 3A
उत्तर - (c)
10. यदि किसी प्रतिरोधक से प्रवाहित धारा में 100% वृद्धि कर दी जाए (यह मानिए कि ताप अपरिवर्तित रहता है) तो क्षयित ऊर्जा में कितनी वृद्धि होगी?
(a) 100%
(b) 200%
(c) 300%
(d) 400% 
उत्तर - (c)
11. प्रतिरोधकता में कब परिवर्तन नहीं होता?
(a) पदार्थ परिवर्तित होने पर
(b) ताप परिवर्तित होने पर 
(c) प्रतिरोधक की आकृति में परिवर्तन होने पर 
(d) पदार्थ तथा ताप दोनों में परिवर्तन होने पर
उत्तर - (c)
12. किसी विद्युत परिपथ में विद्युत स्रोत के साथ तीन तापदीप्त बल्ब A, B, C जिनके अनुक्रमांक क्रमश: 40W, 60W तथा 100W हैं, पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। इनकी चमक के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है ?
(a) सभी बल्बों की चमक समान होगी 
(b) बल्ब A की चमक अधिकतम होगी 
(c) बल्ब B की चमक बल्ब A की तुलना में अधिक होगी 
(d) बल्ब C की चमक बल्ब B की तुलना में कम होगी
उत्तर - (c)
13. किसी विद्युत परिपथ में दो प्रतिरोधक जिनके प्रतिरोध क्रमश: 2 Ω तथा 4 Ω हैं, 6 Ω बैटरी से श्रेणीक्रम में संयोजित हैं। 4 Ω प्रतिरोधक द्वारा 5 s में कितनी ऊष्मा क्षय होगी?
(a) 5 J
(b) 10 J
(c) 20 J
(d) 30 J 
उत्तर - (c)
14. कोई विद्युत केतली 220 V पर प्रचलित होने पर 1 kw विद्युत शक्ति उपयुक्त करती है। इसके लिए किस अनुमतांक के फ्यूज तार का उपयोग किया जाना चाहिए?
(a) 1A
(b) 2A
(c) 4A
(d) 5A
उत्तर - (d)
15. 2 Ω तथा 4 Ω प्रतिरोध के दो प्रतिरोधकों को किसी बैटरी से संयोजित करने पर यदि ये प्रतिरोधक-
(a) पार्श्वक्रम में संयोजित हों तो इनसे समान धारा प्रवाहित होगी
(b) श्रेणीक्रम में संयोजित हों तो इनसे समान धारा प्रवाहित होगी 
(c) श्रेणीक्रम में संयोजित हों तो इनके सिरों पर समान विभवांतर होगा 
(d) पार्श्वक्रम में संयोजित हों तो इनके सिरों पर विभिन्न विभवांतर होंगे 
उत्तर - (b)
16. विद्युत शक्ति के मात्रक को इस प्रकार भी व्यक्त किया जा सकता है -
(a) वोल्ट ऐम्पियर 
(b) किलोवाट घंटा 
(c) वाट सेकंड
(d) जूल सेकंड 
उत्तर - (b)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (d) धारा श्रेणी परिपथ में समान रहती है, जबकि voltage समानांतर परिपथ में समान रहती है।
  • ऐमीटर हमेशा श्रेणी क्रम में जुड़ा रहता है। यह धारा (I) मापने का कार्य करता है।
  • परिपथ (तार) का भी अपना प्रतिरोध होता है।
  • प्रतिरोध non polarised रहता है इसीलिए हम इसे किसी भी छोर से परिपथ में जोड़ सकते हैं।
  • कुंजी परिपथ में सुरक्षा की दृष्टि से लगाया जाता है।
  • कुंजी Load (भार) के साथ श्रेणी में लगाया जाता है।
2. (d) 

  • जिस परिपथ में प्रतिरोध कम होगा उसमें अधिक ऊष्मा उत्पन्न होगी।
  • प्रतिरोध कम होने से धारा की मात्रा बढ़ जाती है।
  • ऊष्मा धारा के वर्ग के समानुपाती है। 
    H ∝ I2 (H = I2 Rt)
  • उष्मा का S.I मात्रक Jule होता है।
  • ऊष्मीय प्रभाव पर कार्य करने वाले उपकरण-
    • हीटर
    • ब्लोअर, गीजर 
    • टोस्टर
    • विद्युत ईस्तरी
3. (d) प्रतिरोध तार के विमा ( लंबाई & अनुप्रस्थ का क्षेत्र) पर निर्भर करता है।
         R = ρl/A
  • यदि तार का इकाई लम्बाई और इकाई अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल लेंगे तो प्रतिरोध और प्रतिरोधकता समान हो जायगी।
  • प्रतिरोधकता को ρ से निरूपीत करते है। 
  • इसका S.I मात्रक Ω-m होता है।

4. (a) धारा हमेशा मुक्त इलेक्ट्रॉन के प्रवाह के कारण होता है।
  • इलेक्ट्रॉन त्याग करने वाली वस्तु पर धन आवेश और ग्रहण करने वाली वस्तु पर ऋण आवेश होता है।
  • Q = ne :            Q = आवेश उत्पन्न
                              n = इलेक्ट्रान की संख्या
                              e = इलेक्ट्रॉन का आवेश
    उपरोक्त समीकरण की मद्द से मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या ज्ञात किया जा सकता है।
  • 1 cm2 copper से हमें 8.5 x 1022 free electrons प्राप्त होते हैं।
  • बल्ब के फिलामेंट में टंगस्टन का प्रयोग होता है।
  • टंगस्टन का गलनांक 3380°C होता है।
  • यह अधिक प्रकाश तथा कम ऊष्मा के लिए प्रयोग किया जाता है।
5. (b) परिपथ (ii) में उचित वैद्युत अवयव संयोजित है।
  • परिपथ में एमिटर हमेशा श्रेणी क्रम और वोल्टमीटर हमेशा समांतर क्रम में जोड़ा जाता है।
  • एमिटर द्वारा धारा को तथा वोल्टमीटर द्वारा वोलटेज को मापा जाता है।
  • एक आदर्श एमीटर का आंतरिक प्रतिरोध शून्य होता है। 
  • यदि एक उच्च प्रतिरोध एमीटर के श्रेणी में जोड़ा जाय तो एमीटर, वोल्टमीटर की तरह व्यवहार करेगा।
  • एक आदर्श वोल्टमीटर का आंतरिक प्रतिरोध अनंत होता है। 

6. (d) सभी को श्रेणी क्रम में जोड़ने पर अधिकतम प्रतिरोध 1 Ω प्राप्त होगा।

7. (b) सभी प्रतिरोध को समानांतर क्रम में जोड़ने पर न्युनतम प्रतिरोध प्राप्त होगा Req = 1/2 Ω
  • श्रेणी क्रम में जोड़ने पर समतुल्य प्रतिरोध का मान दिये गये महत्तम प्रतिरोध से अधिक होगा।
  • समानांतर क्रम में जोड़ने पर समतुल्य प्रतिरोध का मान दिये गये न्युनतम प्रतिरोध से कम होगा।
  • प्रतिरोध तार के लम्बाई पर निर्भर करता है।
    [R ∝ l]
  • प्रतिरोध ताप पर निर्भर करता है।
    [R ∝ T]
  • प्रतिरोध अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल का व्युतक्रमानुपाती होता है।
    [R ∝ l/A]
  • [R = δ l/A]
  • इसी कारण घर के grounding connection में electric plug का एक pin लम्बा तथा बड़े आकार का होता है।
  • Pin का क्षेत्रफल ज्यादा होने के कारण उससे अधिक धारा प्रवाहित होगा जिसे earthing किया जाता है।
8. (a) अधिकतम विभव प्राप्त करने के लिए सेलो के श्रेणी संयोजन को उचित रूप से निरूपित करने वाला संयोजन (i) है।
  • सेल को DC Supply के लिए उपयोग किया जाता है ।
  • अगर सभी सेल को श्रेणी क्रम में जोड़ा जाय तो voltage बढ़ जाता है।

     

  • अगर सभी सेल को समानांतर क्रम में जोड़ा जाय तो धारा बढ़ जायगा।

   

  • यदि सेल को श्रेणी और समानांतर दोनों क्रम में एक साथ जोड़ा जाय तो इसमें power बढ़ जायगा।
    P = V.I
  • सेल के charging और Discharging के समय रसायनीक अभिक्रिया होती है।

   

   

9. (c) लंबाई l तथा एक समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल A के किसी बेलनाकार चालक का प्रतिरोध R है। तो समान पदार्थ के किसी अन्य चालक, जिसकी लंबाई 2l तथा प्रतिरोध R है, की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल क्या है

10. (c) चूँकि प्रतिरोध द्वारा उत्पन्न ऊर्जा सीधे धारा के वर्ग के अनुपातिक है।

  • किसी भी कार्यकर्त्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं।
  • ऊर्जा के स्रोत दो प्रकार के हैं - (i) नवीकरणीय या रिन्यूरबल और (ii) अनवीकरणीय या नॉन रिन्यूरबल |
  • ऊर्जा के कभी खत्म नहीं होने वाले स्रोतों को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं । Ex : पानी, हवा, सूर्य-प्रकाश और बायोमास ।
  • ऊर्जा के कुछ प्रमुख स्रोत कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, नदी घाटी परियोजनाएँ इत्यादि ।
  • सूर्य पृथ्वी के लिए ऊर्जा का मुख्य और प्राथमिक स्रोत है ।
  • सूर्य में हमेशा नाभिकीय संलयन होता रहता है ।
  • विद्युत ऊर्जा का सुविधाजनक मात्रक - किलोवाट - घण्टा (KWh)
11. (c) प्रतिरोधक के आवृत्ति से विद्युत आवेश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

  • प्रतिरोधकता को चालकता (σ) के व्युत्क्रम के रूप में भी परिभाषित किया जाता है-

         

12. (c) चूंकि बल्ब उनकी ऊर्जा के हिसाब से अधिक चमकेंगे ।
  • बल्ब B की ऊर्जा बल्ब A से अधिक है ।
  • इसलिए बल्ब B बल्ब A से अधिक चमकेगा ।
  • जिस बल्ब की ऊर्जा जितनी अधिक होगी वह बल्ब उतनी ही अधिक चमकेगा ।
  • जिस बल्ब का प्रतिरोध अधिक होगा, वह बल्ब कम चमकेगा ।
  • जिस बल्ब का प्रतिरोध कम होगा, वह बल्ब ज्यादा चमकेगा ।
  • बल्ब का चमकना ऊर्जा तथा प्रतिरोध दोनों पर निर्भर करता है ।
  • जिस बल्ब का प्रतिरोध (R) निम्न तथा ऊर्जा (W) अधिक होगा तो वह सबसे अधिक चमकेगा ।
  • कोई चीज कितनी चमकीली है वह बाकि के वातावरण पर भी निर्भर करता है ।
  • ज्योति तीव्रता का मात्रक - कैण्डिला (Cd)
  • H = VIT
    H = I2RT
    H = Pt
13. (c) परिपथ श्रेणीक्रम का समकक्ष प्रतिरोध RTotal = 4+2
                                                                        = 6 Ω है ।

     

  • जूल के प्रथम नियम के अनुसार, किसी विद्युत चालक के अंदर ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होने की दर उस चालक के प्रतिरोध एवं उसमें प्रवाहित धारा वर्ग के गुणनफल के समानुपाती होती है।
  • इसे जूल-लेंज नियम भी कहते हैं ।
  • यह नियम (जूल का पहला नियम) एक भौतिक नियम जो उत्पन्न गर्मी और एक कंडक्टर के माध्यम से बहने वाली धारा के बीच संबंध को व्यक्त करता है ।
14. (d) 5A की फ्यूज तार का उपयोग किया जाना चाहिए ।
                   P = V × I
          1000W = 220V × I
                    I = 1000W/220V = 4.54 Amp ≈ 5Amp
  • किसी बंद परिपथ की सीमा के अनुदिश चुंबकीय क्षेत्र B का रेखिय समाकलन बंद परिपथ द्वारा परिबद्ध कुल धारा i का μ0 गुणा होता है।

  • इसे एंपीयर का परिपथीय नियम कहते हैं ।
  • जहाँ μको वायु अथवा निर्वात् की चुंबकीयशीलता कहते हैं ।
  • μ0 का मान 4π × 10-7 N/A2 होता है।

  • प्रेरित धारा की दिशा सदा ऐसी होती है जो उस कारण का विरोध करती है जिससे वह स्वयं उत्पन्न होती है।
  • इस नियम का प्रतिपादन सन् 1833 ई० से हेनरिक लेंज ने किया था ।
15. (b) श्रेणीक्रम में संयोजित है तो इसमें विभवांतर दोनों सिरों पर अलग-अलग होगा ।
श्रेणीक्रम में संयोजित है तो इसमें धारा दोनों सिरों पर समान होगा ।
पार्श्वक्रम में संयोजित है तो इसमें विभवांतर दोनों सिरों पर समान होगा ।
पार्श्वक्रम में संयोजित है तो इसमें धारा दोनों सिरों पर भिन्न-भिन्न होगा |

16. (b) बिजली /शक्ति का इकाई को किलो वाट घंटा से व्यक्त किया जाता है।
  • वोल्ट-एम्पियर का उपयोग विद्युत परिपथ में स्पष्ट शक्ति के लिए किया जाता है ।
  • वाट-सेकंड ऊर्जा समकक्ष की एक व्युत्पन्न इकाई है ।
  • जूल-सेकंड एक इकाई है जो प्लैंक की स्थिरता में उपयोग की जाती है ।
  • [P = v × i] अर्थात् (Power = Volt (v) × Current (i)
  • [P = I2R], ⇒ [P = VI], ⇒ [P = V2/R
  • किसी विद्युत परपिथ में जिस दर से विद्युत ऊर्जा स्थानान्तरित होती है उसे विद्युत शक्ति (Electric Power) कहते हैं ।
  • इसका SI मात्रक 'वाट' (W) है ।
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