NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Work And Energy कार्य एवं ऊर्जा
1. जब कोई पिंड मुक्त रूप से पृथ्वी की ओर गिरता है, तो इसकी कुल ऊर्जा-
(a) बढ़ती है
(b) घटती है
(c) अचर रहती है
(d) पहले बढ़ती है और फिर घटती है
2. कोई कार किसी समतल सड़क पर त्वरित होकर अपने आरंभिक वेग का चार गुना वेग प्राप्त कर लेती है। इस प्रक्रिया में कार की स्थितिज ऊर्जा-
(a) परिवर्तित नहीं होती
(b) आरंभिक ऊर्जा की दोगुनी हो जाती है
(c) आरंभिक ऊर्जा की चार गुनी हो जाती है
(d) आरंभिक ऊर्जा की सोलह गुनी हो जाती है
उत्तर - (a)
3. ऋणात्मक कार्य के प्रकरण में बल एवं विस्थापन के बीच कोण होता है -
(a) 0°
(b) 45°
(c) 90°
(d) 180°
उत्तर - (d)
4. 10 kg द्रव्यमान के लोहे तथा 3.5 kg द्रव्यमान के एल्युमीनियम के गोलों के व्यास समान है। दोनों गोले किसी मीनार से एक साथ गिराए जाते है। जब वे भूतल से 10m ऊपर होते है, तब इनके समान होते/होती है-
(a) त्वरण
(b) संवेग
(c) स्थितिज ऊर्जा
(d) गतिज ऊर्जा
उत्तर - (a)
5. कोई लड़की अपनी पीठ पर 3 kg द्रव्यमान का बस्ता उठाए किसी समतल सड़क पर 300m की दूरी तय करती है। उसके द्वारा गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध किया जाने वाला कार्य होगा? (g = 10ms-2)
(a) 6 × 103 J
(b) 6 J
(c) 0.6 J
(d) शून्य
उत्तर - (d)
6. निम्नलिखित में कौन ऊर्जा का मात्रक नहीं है ?
(a) जूल
(b) न्यूटन मीटर
(c) किलोवाट
(d) किलोवाट घंटा
उत्तर - (c)
7. किसी पिंड पर किया गया कार्य निम्नलिखित में किस पर निर्भर नहीं करता ?
(a) विस्थापन
(b) लगाया गया बल
(c) बल एवं विस्थापन के बीच के कोण
(d) पिंड का आरंभिक वेग
उत्तर - (d)
8. बाँध के संग्रहित जल में-
(a) कोई ऊर्जा नहीं होती
(b) विद्युत ऊर्जा होती है
(c) गतिज ऊर्जा होती है
(d) स्थितिज ऊर्जा होती है
उत्तर - (d)
9. एक पिंड h ऊँचाई से गिर रहा है। h/2 ऊँचाई से गिरने के पश्चात् इसमें होगी-
(a) केवल स्थितिज ऊर्जा
(b) केवल गतिज ऊर्जा
(c) आधी स्थितिज और आधी गतिज ऊर्जा
(d) अधिक गतिज ऊर्जा और कम स्थितिज ऊर्जा
उत्तर - (c)
1. (c)
यांत्रिक ऊर्जा प्रमेय : मुक्त रूप से गिरते हुए किसी पिण्ड की कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है।
स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा = नियत ऊर्जा होती है।
2. (d)
3. (d)
4. (a) गति, स्थितिज उर्जा और गतिज उर्जा वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करती है साथ ही कुछ अन्य कारको पर। लेकिन इस मामले में त्वरण गुरूत्वाकर्षण के कारण त्वरण है; जो द्रव्यमान या वेग पर निर्भर नहीं करता है।
किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संवेग कहते हैं:
संवेग एक सदिश राशि है
संवेग का परिमाण एवं दिशा होता है।
संवेग एक संरक्षित राशि है।
किसी वियुक्त निकाय में कुल संवेग स्थिर रहता है
किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते है।
त्वरण विमीय सूत्र [M°LT-2]
5. (d)
इस स्थिति में किए गए कार्य की दिशा गुरुत्वाकर्षण बल की दिशा के लम्बवत् होती है अतः गुरुत्वाकर्षण के विरूद्ध किया गया कार्य शून्य होता है।
6. (c) ऊर्जा कार्य करने की क्षमता है
ऊर्जा का SI मात्रक जूल है।
कैलोरी ऊर्जा का मात्रक है।
1 कैलोरी, 1 ग्राम पानी के तापमान को 1°C बढ़ाने के लिए आवश्यक उर्जा के बराबर है।
वाट शक्ति का मात्रक है न कि उर्जा का।
शक्ति उर्जा के उपयोग की दर है।
7. (d) यदि किसी पिंड पर बल F लगाने पर पिंड का विस्थापन (d) हो लेकिन यदि बल (F), विस्थापन (d) की दिशा से (θ) कोण पर कार्यरत हो, तब बल द्वारा किया गया कार्य । पिंड पर बल लगाकर किया गया कार्य, पिंड के प्रारंभिक वेग पर निर्भर नहीं करता है। बल्कि बल (F), विस्थापन (d) तथा बल एवं विस्थापन के बीच बने कोण (θ) पर निर्भर करता है।
8. (d) धरती के सतह के पास किसी वस्तु की स्थितिज ऊर्जा = mgh
जहाँ, m = वस्तु का द्रव्यमान
g = गुरूत्वजनित त्वरण,
h = भूमि की सतह से उँचाई है ।
स्थितिज उर्जा का अंतर्राष्ट्रीय इकाई मात्रक जूल है
स्थितिज उर्जा का विमीय सूत्र ML2 T-2 है । है।
तने हुए या दबाए हुए स्प्रिंग में भी स्थितिज उर्जा होती है |
धनुष की डोरी जब तनी हुई हो तो उसमें स्थितिज ऊर्जा है ।
9. (c)
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