NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 9TH | SCIENCE (विज्ञान) | Force And Laws Of Motion बल तथा गति के नियम
1. सरल रेखीय पथ के अनुदिश त्वरित गति से गतिमान किसी पिंड के लिए नीचे दिए गए कथनों में कौन-सा सही नहीं है ?
(a) इसकी चाल परिवर्तित होती रहती है।
(b) इसका वेग सदैव परिवर्तित होता है।
(c) यह सदैव पृथ्वी से दूर जाता है।
(d) इस पर सदैव एक बल कार्य करता है।
2. गति के तीसरे नियम के अनुसार क्रिया एवं प्रतिक्रिया-
(a) सदैव एक ही वस्तु पर लगती है
(b) सदैव दो भिन्न वस्तुओं पर विपरीत दिशाओं में कार्य करती
(c) के परिमाण एवं दिशाएँ समान होती है
(d) किसी भी एक वस्तु पर एक दूसरे के अभिलंबवत् कार्य करती है
उत्तर - (b)
3. फुटबॉल के खेल में कोई गोलरक्षक गोल पर तीव्र गति से आती बॉल को पकड़ने के पश्चात् अपने हाथों को पीछे की ओर खींचता है। ऐसा करके गोल रक्षक-
(a) बॉल पर अधिक बल लगा पाता है
(b) बॉल द्वारा हाथों पर लगाए गए बल को कम कर पाता है
(c) संवेग-परिवर्तन की दर में वृद्धि कर पाता है
(d) संवेग - परिवर्तन की दर में कमी कर पाता है
उत्तर - (b)
4. किसी पिंड का जड़त्व-
(a) उसकी चाल बढ़ाता है
(b) उसकी चाल कम करता है
(c) उसकी गति की अवस्था में परिवर्तन को प्रतिरोधित करता है
(d) घर्षण के कारण अवमंदित करता है
उत्तर - (c)
5. कोई यात्री किसी गतिमान रेलगाड़ी में एक सिक्का उछालता है जो उसके पीछे गिरता है। इसका यह अर्थ है कि रेलगाड़ी की गति-
(a) त्वरित है / Accelerated
(b) एकसमान है / Uniform
(c) अवमंदित है / Retarded
(d) वृत्ताकार पथ के अनुदिश है / Along circular tracks
उत्तर - (a)
6. 2 kg द्रव्यमान का कोई पिंड किसी घर्षणहीन क्षैतिज मेज पर 4ms-1 के नियत वेग से फिसल रहा है। इस वस्तु की इसी वेग से गति बनाए रखने के लिए आवश्यक बल है-
(a) 32N
(b) 0N
(c) 2N
(d) 8N
उत्तर - (b)
7. रॉकेट किस नियम पर कार्य करता है-
(a) द्रव्यमान संरक्षा नियम पर
(b) ऊर्जा संरक्षण नियम पर
(c) संवेग संरक्षण नियम पर
(d) संरक्षण नियम पर
उत्तर - (c)
1. (c) वस्तु त्वरित गति से बढ़ रही है ।
वस्तु त्वरित गति से बढ़ रही है अर्थात वेग या चाल भी बढ़ती रहेगी।
वस्तु को त्वरित गति से बढ़ाने के लिए उस पर कुछ बल अर्पित करना होगा। वस्तु त्वरित गति से बढ़ रही है अर्थात् इस पर सदैव एक बल कार्य करता रहेगा।
विकल्प 'C' गलत है क्योंकि इसमें पृथ्वी से दूर जाने कि बात कही जा रही है जो की इस case में संभव नहीं है, क्योंकि वस्तु सरल रेखा पर गति कर रही है ना कि पृथ्वी से ऊपर कि ओर।
2. (b) गति के तीसरे नियम के अनुसार क्रिया एवं प्रतिक्रिया बल सदैव दो भिन्न वस्तुओं पर विपरित दिशा में लगता है।
न्यूटन ने गति के तीन नियम दिए है।
(i) गति का पहला नियम- इसे जड़त्व का नियम भी कहते है।
(ii) गति का दूसरा नियम- इसे संवेग का नियम भी कहते है।
इससे बल की परिभाषा ज्ञात की जाती है।
(iii) गति का तीसरा नियम- इसे क्रिया तथा प्रतिक्रिया नियम भी कहते है।
गति का तीसरा नियम सदैव दो भिन्न वस्तुओं पर कार्य करता है।
एक वस्तु द्वारा दूसरे वस्तु पर लगाया गया बल सदैव बराबर एवं विपरित दिशा में कार्य करता है।
3. (b) गेंद का द्रव्यमान = M
संवेग = द्रव्यमान x वेग
↑P = MV↑ (वेग अधिक होने की वजह से संवेग अधिक होगा)
वस्तु को रोकने के लिए संवेग शून्य होना चाहिए।
संवेग शून्य करने के लिए बल अर्पित करना होगा
बल = समय के सापेक्ष संवेग परिवर्त्तन कि दर
यहाँ अगर समय का मान बढ़ा देते है तो लगने वाला बल कम हो जाता है।
समय का मान बढ़ाने के लिए अपने हाथ को पीछे करता है जिससे बल कम हो जाता है।
4. (c) किसी पिंड का जड़त्व उसकी गति की अवस्था या विराम कि अवस्था में परिवर्त्तन का विरोध करता है।
न्यूटन का प्रथम नियम ही जड़त्व का नियम कहलाता है।
किसी वस्तु का जड़त्व मूलतः उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है।
वस्तु के द्रव्यमान बढ़ने से जड़त्व में भी वृद्धि होती है। जड़त्व के नियम के कुछ उदाहरण-
(i) रूकी हुई गाड़ी के अचानक चलने पर यात्रियों का पीछे कि ओर झुक जाना।
(ii) पेड़ को हिलाने से पत्तियों एवं फल का टूटकर गिर जाना।
(a) रेलगाड़ी = AB
रेलगाड़ी की गति = v
वर्त्तमान में सिक्का और व्यक्ति की गति = v
रेलगाड़ी के साथ व्यक्ति व सिक्का समान गति से बढ़ रहे है।
जब सिक्का उछाला जाता है तो वह पिछे गिरता है, अर्थात् सिक्के की गति में कमी या रेलगाड़ी की गति में वृद्धि हुई है।
सिक्के की गति में कमी संभव नहीं है अर्थात रेलगाड़ी की गति त्वरित है।
उपरोक्त क्रिया जड़त्व के कारण घटित होती है। सिक्का जड़त्व के कारण अपने गति में परिवर्त्तन नहीं कर पाता है।
6. (b) वस्तु A नियत वेग V = 4m / s से बढ़ रही है।
7. (c) रॉकेट संवेग संरक्षण के सिद्धांत पर कार्य करता है ।
संवेग द्रव्यमान तथा वेग का गुणनफल होता है ।
संवेग एक सदिश राशि है।
संवेग कि दिशा वस्तु के वेग की दिशा में होती है।
संवेग का मात्रक kgm/s या N - s होता है।
यदि किसी निकाय का बाहृय बल कार्य न कर रहा हो तो निकाय का कुल संवेग नियत रहता है ।
संवेग को ना ही उत्पन्न किया जा सकता है न ही नष्ट किया जाता है यह केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होता है।
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