General Competition | Indian Polity | राज्य के नीति निर्देशक

इसकी चर्चा भारतीय संविधान के भाग - 4 के अंतर्गत अनुच्छेद 36-51 के बीच की गई है। यह प्रावधान भारतीय संविधान में आयरलैंड से लिए गए हैं। यह ऐसे अधिकार हैं जिसे न्यायलय अपने आदेश से लागू नहीं कर सकता है।

General Competition | Indian Polity | राज्य के नीति निर्देशक

General Competition | Indian Polity | राज्य के नीति निर्देशक

इसकी चर्चा भारतीय संविधान के भाग - 4 के अंतर्गत अनुच्छेद 36-51 के बीच की गई है। यह प्रावधान भारतीय संविधान में आयरलैंड से लिए गए हैं। यह ऐसे अधिकार हैं जिसे न्यायलय अपने आदेश से लागू नहीं कर सकता है।
कुछ विद्वानों की रायः
(1) ग्रेनविल ऑस्टिन:- इन्होनें DPSP को संविधान का आत्मा कहा है।
(2) L.M सिंधवी :- इसने DPSP को जीवन देने वाली व्यवस्था कहा है।
(3) M.C चांग्ला:- इन्होनें कहा है कि अगर DPSP . को भारत में लागू कर दिया जाता है तो भारत स्वर्ग के समान हो जायेगा ।
(4) K.T शाहः- इसने DPSP को चेक के समान बताया है जिसे बैंक अपने हियाब से अदा करता है ।
(5) आइबर जेनिंग्स:- इन्होनें कहा कि DPSP कर्मकांडी अकांक्षा है ।
(6) T.T कृष्णामाचारी :- इन्होने कहा है कि यह भावनाओं का स्थायी कुड़ाघर है ।
(7) K. C व्यीहर:- इन्होनें DPSP को कहा है कि यह लक्ष्य एवं आकांक्षों का घोषणापत्र है।
DPSP को लेकर प्रमुख संविधान संसोधनः
(1 ) 42वाँ संविधान संसोधन 1976 के तहत् 3 नए राज्य के नीति निर्देशक तत्व जोड़े गये हैं ।
      (1) 39 (क)      (2) 43 (क)     (3) 48 (क) |
(2) 97वाँ संविधान संसोधन 2011 के तहत् 1 नए राज्य के नीति निर्देशक तत्व जोड़े गये हैं।
      (1) 48 (ख)
(3) 44वाँ संविधान संसोधन 1978 के तहत अनुच्छेद- 38 के भाषा में परिवर्तन किया गया।
(4) 86वाँ संविधान संसोधन 2002 के तहत अनुच्छेद- 45 में परिवर्तन किया गया है।
राज्य के नीति निर्देशक को तीन श्रेणीयों में बाँटा गया है-
 (1) गाँधीवादी तत्वः- इसके अंतर्गत अनुच्छेद 40, 43, 43 (ख), 46, 47, 48 आते हैं।
(2) समाजवादी तत्वः- इसके अंतर्गत अनुच्छेद 38, 39, 39 (क), 41, 42, 43, 43 (क), 47 आते हैं।
(3) उदारवादी तत्वः- इसके अंतर्गत अनुच्छेद 44, 45, 48, 48 (क), 49, 50, 51 आते हैं।
♦ अनुच्छेद- 43, 47 गाँधीवादी और समाजवादी दोनों के अंतर्गत आते हैं
♦ अनुच्छेद- 48 गाँधीवादी और उदारवादी दोनों के अंतर्गत आते हैं ।
अनुच्छेद-36
इसके अंतर्गत राज्य के नीति निर्देशक तत्व के संदर्भ में राज्य को परिभाषित अनुच्छेद-36 में किया गया है । 
अनुच्छेद-37
यह अनुच्छेद कहता है कि राज्य के नीति निर्देशक तत्व न्यायलय में वाद योग्य नहीं होगा।
अनुच्छेद-38
राज्य ऐसी विधि व्यवस्था बनाएगी ताकि लोक कल्याण में अभिवृद्धि हो सकें ।
अनुच्छेद-39
राज्य इस प्रकार से नीति का निर्धारन करेगा ताकि-
(1) स्त्री और पुरूष दोनों को काम प्राप्त करने का समान वेतन प्राप्त हो सकें ।
(2) स्त्री और पुरूष दोनों को समान काम के लिए समान वेतन प्राप्त हो सकें ।
(3) धनों का समान वितरण हो सकें ।
अनुच्छेद-39 (क)
गरीब लोगों को न्याय मिल सकें। इस हेतू राज्य निःशुल्क कानूनी सहायता लोगों को उपलब्ध करवा सकें ।
अनुच्छेद- 40
ग्राम पंचायत के गठन संबंधी प्रावधान
अनुच्छेद- 41
कुछ विशेष परिस्थिति जैसे- बुढ़ापा, बेरोजगारी में राज्य लोगों को काम उपलब्ध करवा सकें ।
अनुच्छेद- 42
प्रसूति सहायता ।
अनुच्छेद-43
मजदूरों को निर्वाह योग्य मजदूरी और कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने की बात की गई है।
अनुच्छेद- 43 (क)
राज्य विधान बनाकर उद्योगों के प्रबंधन में मजदूरों की भागीदारी सुनिश्चित करेगा ।
अनुच्छेद- 43 (ख)
सहकारी समिति को प्रोत्साहन दिया जायेगा ।
अनुच्छेद-44
इसमें समान सिविल संहिता का प्रावधान है। भारत का एकमात्र राज्य गोवा है जहाँ यह अनुच्छेद लागू है। समान सिविल संहिता का अर्थ सभी धर्मो के लिए एक समान कानून होना है ।
अनुच्छेद- 45
6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का शिशुप्त देख-रेख और उनको शिक्षा उपलब्ध करवाया जाना ।
अनुच्छेद- 46
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति या अन्य दुर्बल वर्ग के लोगों जो शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए हैं उन्हें 'अर्थ' संबंधी सहयता उपलब्ध करवाया जाना और राज्य सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा ।
अनुच्छेद- 47
राज्य लोगों के जीवन स्तर और पोषाहार स्तर में वृद्धि करने का प्रयास करेगा तथा नशीला / मादक पेय पदार्थ पर प्रतिबंध लगा सकेगा ।
नोट- बिहार में शराबबंदी अनुच्छेद- द- 47 के तहत् ही हुई है।
अनुच्छेद- 48
कृषि और पशुपालन को उन्नत बनाने की बात कहीं गई है।
नोट— भारत के भीतर किसी भी राज्य में 'गौ' हत्या पर प्रतिबंध अनुच्छेद- 48 के तहत् ही लगाया जाता है।
अनुच्छेद - 48 (क)
प्राकृतिक पर्यावरण, वन एवं वन्य जीवों का संरक्षण का प्रयास राज्य करेगा ।
नोट- इस अनुच्छेद के प्रावधानों को लागू करने के लिए ही 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर, 1992 में प्रोजेक्ट एलीफेंट, 2002 में जैव विविधता अधिनियम लाया गया।
अनुच्छेद- 49
राष्ट्रीय स्मारकों को संरक्षण देने की बात कहीं गई है।
अनुच्छेद-50
कार्यपालिका का न्यायपालिका से पृथ्थकरण किया जायेगा ।
अनुच्छेद-51
अंतर्राष्ट्रीय शांति और संवृद्धि को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा।
नोट- अनुच्छेद - 51 के तहत् ही भारत और चीन के बीच पंचशील समझौता, भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला. समझौता तथा गुटनिरपेक्ष जैसी आंदोलन की स्थापना हुई है।
भाग - 4 के बाहर के नीति निर्देशक तत्वः
अनुच्छेद-335
यह अनुच्छेद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को भारत और राज्य सरकार के अधिन नियुक्ति में दावा पेश करने का अधिकार देता है । 
अनुच्छेद- 350 (क)
प्राथमिक स्तर पर बच्चों को मातृ-भाषा में शिक्षा उपलब्ध करवाने का राज्य प्रयास करेगा ।
अनुच्छेद-351
हिन्दी भाषा के उन्नति हेतू दिशा-निर्देश दिया गया है।
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