एक अंतिम लक्ष्य के रूप में राज्यविहीन समाज
वर्ग संघर्ष
निजी संपत्ति की समाप्ति
आर्थिक नियतिवाद
राष्ट्रीय आंदोलन में अखिल भारतीय स्तर पर अधिवक्ताओं, विद्यार्थियों और महिलाओं की सक्रिय सहभागिता
राष्ट्रीय आंदोलन में भारत के दलित और आदिवासी समुदायों की सक्रिय भागीदारी
भारत के राष्ट्रीय आंदोलन में किसान असंतोष का सम्मिलित होना
रोपण फसलों तथा वाणिज्यिक फसलों की खेती में भारी गिरावट
एनी बेसेंट
बाल गंगाधर तिलक
गोपाल कृष्ण गोखले
रबीन्द्रनाथ टैगोर
खेड़ा सत्यागृह
सविनय अवज्ञा आंदोलन
असहयोग आंदोलन
चंपारण सत्याग्रह
मुंबई
शांतिनिकेतन
दक्षिण अफ्रीका
पुणे
तुर्की पर ब्रिटिश आक्रमण के विरुद्ध
1935 के भारत सरकार अधिनियम के विरुद्ध
मजदूरों को कम वेतन दिए जाने के विरुद्ध
रौलेट एक्ट के विरुद्ध
पटना
गया
मधुबनी
चंपारण
सी. आर. दास
दादाभाई नौरोजी
तिलक
गोपाल कृष्ण गोखले
नवजीवन
इंडिया गजट
अफ्रीकनर
इंडियन ओपिनियन
हरिजनों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु
सविनय अवज्ञा आंदोलन हेतु
हिंदू समाज की एकता बनाए रखने हेतु
नील कर्मियों की समस्याओं के समाधान हेतु
सरदार पटेल
जवाहरलाल नेहरू
विनोबा भावे
महात्मा गांधी
सूरतगढ़
एसेक्स (इंग्लैंड)
डरबन (द. अफ्रीका)
कम्पाला
असहयोग आंदोलन
रौलट सत्याग्रह
अहमदाबाद की हड़ताल
बारदोली सत्याग्रह
मार्क्सवादी समाजवाद के
श्रेणी समाजवाद के
आदर्शवाद के
दार्शनिक अराजकतावाद के
छुआछूत की समाप्ति तथा नशाबंदी
सत्य और तथा अहिंसा
खादी तथा चरखा
सही लक्ष्य तथा सही उपाय
बंबई में
लखनऊ में
चंपारण में
वाराणसी में
रबींद्रनाथ टैगोर
एन. जी. रंगा
राजकुमार शुक्ल
राजेंद्र प्रसाद
सत्य की प्राप्ति का रास्ता
राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्ति का रास्ता
ईश्वर - संस्मरण का एकमात्र रास्ता
आत्मविलीनीकरण
नौपरिवहन केंद्र समझता था
औद्योगिक केंद्र समझता था
निर्मित वस्तुओं का बाजार समझता था
खनिज संसाधनों का स्रोत समझता था
पटना
कलकत्ता
बंबई
चंपारण
रेवरेंड थॉमस मूर
ए. ओ. ह्यूम
रेवरेंड चार्ली एन्ड्रज
विलियम बावेल
नैनी
यरवदा
सेल्यूलर (पार्ट ब्लेयर)
आगा खान पैलेस
बहिष्कार
धरना
उपवास
हड़ताल
चंपारण सत्याग्रह
अहमदाबाद संघर्ष
खेड़ा संघर्ष
उपर्युक्त में से कोई नहीं
सुशिक्षित व्यक्ति का यह नैतिक दायित्व है कि वह शोषित तथा निर्धनों का उत्थान करे ।
व्यक्ति का कल्याण सब के कल्याण में निहित है ।
उच्च जीवन के लिए ब्रह्मचर्य तथा आध्यात्मिक चिंतन अनिवार्य है ।
इस संदर्भ में सभी उपर्युक्त (a), (b) तथा (c) कथन सही हैं।
कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के सदस्य थे
कांग्रेस के सदस्य नहीं थे
कांग्रेस के अध्यक्ष थे
कांग्रेस के महासचिव थे
किसानों के लिए
सूती मिल कामगारों के लिए
आभूषण कारीगरों के लिए
प्रेस की स्वतंत्रता के लिए
गरीबी का स्थायित्व
गो-वध
मानव हत्या
महिलाओं और बच्चों का उत्पीड़न
वल्लभभाई पटेल और विनोबा भावे
जवाहरलाल नेहरू और राजेंद्र प्रसाद
राजेंद्र प्रसाद और अनुग्रह नारायण सिन्हा
महादेव देसाई और मणिबेन पटेल
लार्ड माउंटबेटेन
डॉ. राजेंद्र प्रसाद
डॉ. एस. राधाकृष्णन
जवाहरलाल नेहरू
1915
1917
1916
1918
चौरी-चौरा में
डांडी में
चंपारण में
बारदोली में
चर्चिल ने
एटली ने
माउण्टबेटन ने
साइमन ने
20 वर्ष
21 वर्ष
16 वर्ष
15 वर्ष
उनके मंदिर प्रवेश द्वारा
उनके सहायता प्रदान करके
उनके सामाजिक-आर्थिक विकास हेतु कोष अलग करके
उनके लिए कुटीर उद्योग स्थापित करके
जे. बी. कृपलानी
राजेंद्र प्रसाद
राजकुमार शुक्ल
मोतीलाल नेहरू
जवाहरलाल नेहरू
वल्लभभाई पटेल
सी. राजगोपालचारी
सुभाष चंद्र बोस
26 वर्ष
21 वर्ष
16 वर्ष
15 वर्ष
चंपारण सत्याग्रह के दौरान
रोलेट एक्ट के विरुद्ध सत्याग्रह के दौरान
1919 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अमृतसर अधिवेशन में
खिलाफत आंदोलन के आरंभ के समय
लखनऊ अधिवेशन, 1916
कलकत्ता अधिवेशन, 1901
अमृतसर अधिवेश, 1919
नागपुर अधिवेश, 1920
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