एलबुगो कैंडिडा
फाइटोफ्थोरा इंफेस्टन्स
पायथियम डिबेरियानम
पेरोनोस्पोला पैरासाइटिका
60वें संशोधन
61वें संशोधन
63वें संशोधन
64वें संशोधन
खजुराहो
अजंता गुफाएँ
ताजमहल
कुतुब मीनार
गुप्त राजवंश
पल्लव राजवंश
चोल राजवंश
चालुक्य राजवंश
क्षोभमंडल
आयनमंडल
बहिर्मंडल
समतापमंडल
वी. एस. नायपॉल
झुप्पा लाहिड़ी
विक्रम सेठ
सायरस मिस्त्री
वस्त्र
सीमेंट
इस्पात
ऑटोमोबाइल
आयात > निर्यात
निर्यात = आयात
मुद्रास्फीति घट जाती है
कोई भी विकल्प सही नहीं है
योजना आयोग
वित्त आयोग
भारतीय रिजर्व बैंक
वित्त मंत्रालय
जनवरी, 1952
अप्रैल, 1952
नवम्बर, 1950
नवम्बर, 1949
यूएसए का संविधान
सोवियत रूस का संविधान
ब्रिटिश संविधान
भारत सरकार अधिनियम, 1935
नॉकरेक
मानस
सुंदरबन
मन्नार की खाड़ी
कार्ल मार्क्स
हैनसेन
जे. एस. मिल
शुमपीटर
बलबन
अलाउद्दीन खिजली
फिरोजशाह तुगलक
इब्राहिम लोदी
कच्छ की खाड़ी
लक्षद्वीप द्वीपसमूह
मन्नार की खाड़ी
अंडमान द्वीपसमूह
भाषा के विकास पर संज्ञान का प्रभाव
प्रकृति और पोषण पर बहस
बहु-कारक योग्यता के रूप में विकास पर चर्चा
क्या विकास एक सतत् प्रक्रिया है या एक असतत प्रक्रिया ?
औपचारिक सक्रियात्मक अवस्था
संवेदी -गतिक अवस्था
पूर्व-सक्रियात्मक अवस्था
मूर्त संक्रियात्मक अवस्था
सामाजिक - अनुबंध अभिमुखीकरण
सहायक उद्देश्य अभिमुखीकरण
दण्ड और आज्ञापालन अभिमुखीकरण
‘अच्छा लड़का - अच्छी लड़की' अभिमुखीकरण
पाठ्य-पुस्तकों पर आधारित है, क्योंकि वे ज्ञान के एकमात्र वैध स्रोत हैं
इस मत पर विश्वास करती है कि शिक्षक को अपने उपागम में दृढ़ रहना है और वर्तमान समय में बिना दंड के प्रयोग किए बच्चों को पढ़ाया नहीं जा सकता है
समस्या समाधान और आलोचनात्मक चिंतन पर अधिक बल देती है
अनुबंधन और पुनर्बलन के सिद्धान्तों पर आधारित है
विश्लेषणात्मक और आलोचनात्मक चिंतन
अभिसारी चिंतन
जानकारी का पुनः स्मरण
बच्चों का मानकीकृत आकलन
अधिगम विकास के पीछे रहता है
अधिगम और विकास समानार्थक / पारिभाषिक शब्द हैं
अधिगम और विकास एक जटिल तरीके से अंत: सम्बन्धित हैं
विकास अधिगम से स्वतन्त्र है
विकास केवल संस्कृति से शासित और निर्धारित होता है
विकास जीवनपर्यन्त होता है
विकास वंशानुक्रम और पर्यावरण दोनों से प्रभावित होता है
विकास संशोधनयोग्य होता है
शिक्षक के मार्गदर्शन से शिक्षार्थियों को अपनी स्वयं की समझ का निर्माण करने के लिए उत्तरदायी बनाया जाता है
शिक्षक के द्वारा बल प्रयोग और मनोवैज्ञानिक नियंत्रण होता है जो अधि गम पथ और बच्चों के व्यवहार को निर्धारित करता है
शिक्षक बच्चों के लिए व्यवहार के समरूप तरीकों को निर्धारित करता है और जब वे उसका पालन करते उन्हें उपयुक्त पुरस्कार देता है
शिक्षक की भूमिका ज्ञान को सीखने के लिए उसे प्रस्तुत करना है शिक्षार्थियों का मानक मापदण्डों पर आकलन करना है
बुद्धि मूलभूत रूप से स्नायु - तंत्र - सम्बन्धी कार्य-प्रणाली है उदाहरणार्थ- प्रक्रमण की गति, संवेदी - विभेद आदि
बुद्धि विद्यालय में अच्छा प्रदर्शन करने की योग्यता है
बुद्धि बहु-आयामी है और इसमें कई पहलू निहित हैं
बुद्धि को केवल मानकीकृत बुद्धिलब्धि परीक्षणों के आयोजन के द्वारा विश्वसनीय रूप से निर्धारित किया जा सकता है
स्त्रियोचित और पुरुषोचित विशेषताओं में सापेक्षिक रूप से स्वयं का बोध
अपने शरीर - विज्ञान के कारण लड़कों और लड़कियों के बीच विभिन्नताओं की स्वीकृति
सांस्कृतिक अभिवृत्तियों के कारण अपेक्षाओं पर आधारित लड़कों और लड़कियों से भिन्न व्यवहार करना
आनुवंशिक विभिन्नताएँ जो लड़कों और लड़कियों में मौजूद हैं
उन्हें याद करने के लिए और उत्तर को पाँच बार अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखने के लिए गृहकार्य देंगे
बच्चों से कहेंगे कि उनमें आगे पढ़ने की क्षमता नहीं है और अब उन्हें अपने माता-पिता के काम में सहायता करनी चाहिए ।
माता-पिता को बुलाएँगे और उनसे अपने बच्चों का ट्यूशन लगाने को नम्रतापूर्वक कहेंगे
कक्षा गतिविधि के समय और गृहकार्य के लिए उन्हें बुनियादी सहयोग और अन्य सहायता उपलब्ध कराएँगे
सुनिश्चित करना कि शिक्षक मानकीकृत निर्देश और पाठ्य-पुस्तकों का उपयोग करें
सुनिश्चित करना कि सभी बच्चों का विकास एक ही प्रकार से हो
सुनिश्चित करना कि प्रत्येक बच्चे को अपनी क्षमताओं के अनुसार विकास के अवसर मिलें
बच्चों के आकलन के लिए नियामक मानक स्थापित करना
बच्चे के माता-पिता के व्यवसाय को जानना, ताकि शिक्षिका प्रत्येक बच्चे के भावी व्यवसाय को जान सके
सुनिश्चित करना कि प्रत्येक बच्चे को अपनी सम्भावना को प्राप्त करने का अवसर मिले
कक्षा के लिए ऐसी योजना बनाना कि प्रत्येक बच्चा समान गति से आगे बढ़े
यह सुनिश्चित करना कि शिक्षिका कक्षा को मानक निर्देश दे रही है
यदि बच्चों की अवधारणाएँ गलत हों तो उन्हें दंड देकर
तथ्यात्मक जानकारी देकर
अवधारणाओं के बारे में बच्चों को अपनी समझ को व्यक्त करने का अवसर देकर
बच्चों को सूचनाएँ लिखाकर उन्हें याद करने को कहकर
पुस्तकालय में बहुत अधिक पुस्तकों को खरीदने की आवश्यकता होगी
जब अधिक संख्या में बच्चे पढ़ना शुरू कर देंगे तो बड़ी मात्रा में प्रमाणपत्र देने होंगे
पुस्तकों को पढ़ना बच्चों को उनके गृहकार्य को पूरा करने में बाधा डालेगा
यह संभवत: बच्चों को केवल प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए पुस्तकों को पढ़ने की तरफ ले जा सकता है
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