झारखण्ड की जलवायु

झारखण्ड की जलवायु
> झारखण्ड एक उष्णकटिबंधीय प्रदेश है तथा यहाँ मानसूनी हवाओं का प्रभाव रहता है जिसके फलस्वरूप झारखण्ड में उष्णकटिबंधीय मानसूनी  प्रकार की जलवायु का विकास हुआ है। 
> यहाँ ग्रीष्म ऋतु, शीत ऋतु तथा वर्षा ऋतु के मौसम में पर्याप्त अंतर पाया जाता है। 
> झारखण्ड का औसत तापमान 25°C है।
> झारखण्ड में कृषि जलवायु प्रदेश 
> झारखण्ड राज्य भारत के कृषि-जलवायु प्रदेश VII के अंतर्गत आता है, जिसे 'पूर्वी पठार एवं पहाड़ी क्षेत्र' के नाम से जाना जाता है।
> राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) की रिपोर्ट के अनुसार झारखण्ड राज्य को तीन कृषि जलवायु प्रदेशों में वर्गीकृत किया जा सकता है। 
> झारखण्ड में ऋतुएँ / मौसम
1. ग्रीष्म ऋतु (मार्च से मध्य जून तक )
> मार्च में तापमान में वृद्धि के साथ ग्रीष्म ऋतु आरंभ होने लगता है तथा मई में यहाँ का तापमान अधिकतम हो जाता है।
> झारखण्ड का मासिक औसत तापमान 29°C से 45°C के बीच रहता है ।
> झारखण्ड में सर्वाधिक गर्मी वाला महीना मई है।
> पठारी भाग होने के कारण यहाँ के मैदानी भागों में लू का प्रकोप नहीं होता है।
> जमशेदपुर राज्य का सबसे गर्म स्थान है।
> ग्रीष्म ऋतु में झारखण्ड के पठार के उत्तर-पूर्वी भाग में निम्न वायु दाब उत्पन्न होने के कारण पछुआ पवन का प्रवाह समाप्त हो जाता है तथा वातावरण शांत बना रहता है।
> यहाँ मई के महीने में नार्वेस्टर के प्रभाव से तड़ित झंझायुक्त वर्षा होती है जिसे आम्र वर्षा (Mango Shower) भी कहा जाता है।
2. वर्षा ऋतु ( जून अक्टूबर तक )
> झारखण्ड में मध्य जून में वर्षा ऋतु प्रारंभ हो जाता है।
> झारखण्ड में मुख्यतः दक्षिण-पश्चिम मानसून पवनों  के द्वारा वर्षा होती है। यहाँ मानसून की दोनों शाखाओं (बंगाल की खाड़ी की शाखा तथा अरब सागर की शाखा) द्वारा वर्षा होती है।
> यहाँ बंगाल की खाड़ी की शाखा द्वारा वर्षा अपेक्षाकृत अधिक होती है।
> झारखण्ड के मध्यवर्ती तथा पश्चिमी भाग में बंगाल की खाड़ी की शाखा तथा अरब सागर की शाखा दोनों द्वारा वर्षा होती है।
> झारखण्ड के पूर्वी भाग में मुख्य रूप से बंगाल की खाड़ी की शाखा द्वारा वर्षा होती है। 
> झारखण्ड में दक्षिण से उत्तर की ओर तथा पूरब से पश्चिम की ओर जाने पर वर्षा की मात्रा में कमी आती है। इसके अतिरिक्त ऊँचाई वाले भागों पर निम्न स्थानों की तुलना में अधिक वर्षा होती है। 
> झारखण्ड में कुल वर्षा का 80% जल वर्षा ऋतु में बरस जाता है।
> यहाँ औसत 140 सेमी. वार्षिक वर्षा होती है। अतः यह क्षेत्र मध्यम वर्षा वाला प्रदेश है।
> नेतरहाट का पठार झारखण्ड में सर्वाधिक वर्षा (180 सेमी. से अधिक) वाला स्थान है जबकि चाईबासा का मैदानी भाग सबसे कम वर्षा वाला क्षेत्र है। 
> सर्वाधिक वर्षा वाला जिला हजारीबाग है ।
> राज्य में वार्षिक वर्षा का अंतराल 100 से 200 सेंटीमीटर के बीच है। *
3. शीत ऋतु ( नवम्बर से फरवरी तक )
> झारखण्ड में नवम्बर महीने मे शीत ऋतु का आरंभ होता है जो फरवरी माह तक बना रहता है। 
> ऊँचाई वाले क्षेत्रों की अधिकता के कारण झारखण्ड में मैदानी भाग वाले क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक ठंड पड़ती है। इसी कारण यहाँ ठंड के मौसम का आरंभ अपेक्षाकृत पहले हो जाता है।
> शीत ऋतु के समय मौसम साफ एवं सुहावना होता है तथा इस दौरान यहाँ का तापमान 15°C से 21°C तक रहता है।
> इस मौसम में उत्तर पश्चिमी विक्षोभ के कारण थोड़ी-बहुत वर्षा हो जाती है जो रबी की फसल के लिए अत्यंत लाभदायक होती है।
> राज्य का सर्वाधिक ठंडा महीना जनवरी है तथा इस दौरान शीतलहरी चलने पर यहाँ पाला भी गिरता है। 
> राज्य का सर्वाधिक ठंडा स्थान नेतरहाट है। यहाँ का न्यूनतम तापमान 7 °C तक चला जाता है।
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