राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, एक सांविधिक (संवैधानिक नहीं) निकाय है। इसका गठन संसद में पारित अधिनियम के अंतर्गत हुआ था, जिसका नाम था, मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 |

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
आयोग की स्थापना
- उन संस्थागत व्यवस्थाओं को मजबूत करना, जिसके द्वारा मानवाधिकार के मुद्दों का पूर्ण रूप में समाधान किया जा सके।
- अधिकारों के अतिक्रमण को सरकार से स्वतंत्र रूप में इस तरह से देखना ताकि सरकार का ध्यान उसके द्वारा मानवाधिकारों की रक्षा की प्रतिबद्धता पर केंद्रित किया जा सके।
- इस दिशा में किए गए प्रयासों को पूर्ण व सशक्त बनाना।
आयोग की संरचना
- यदि वह दिवालिया हो जाए, या
- यदि वह अपने कार्यकाल के दौरान अपने कार्यक्षेत्र से बाहर से किसी प्रदत्त रोजगार में संलिप्त होता है, या
- यदि वह मानसिक व शारीरिक कारणों से कार्य करने में असमर्थ हों, या
- यदि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो तथा सक्षम न्यायालय ऐसी घोषणा करे, या
- यदि वह न्यायालय द्वारा किसी अपराध का दोषी व सजायाफ्ता हो।
आयोग के कार्य
- मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच करना अथवा किसी लोक सेवक के समक्ष प्रस्तुत मानवाधिकार उल्लंघन की प्रार्थना, जिसकी कि वह अवहेलना करता हो, की जांच स्व-प्ररेणा या न्यायालय के आदेश से करना ।
- न्यायालय में लंबित किसी मानवाधिकार से संबंधित कार्यवाही में हस्तक्षेप करना।
- जेलों व बंदीगृहों में जाकर वहां की स्थिति का अध्ययन करना व इस बारे में सिफारिशें करना ।
- मानवाधिकार की रक्षा हेतु बनाए गए संवैधानिक व विधिक उपबंधों की समीक्षा करना तथा इनके प्रभावी कार्यान्वयन हेतु उपायों की सिफारिशें करना।
- आतंकवाद सहित उन सभी कारणों की समीक्षा करना, जिनसे मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है तथा इनसे बचाव के उपायों की सिफारिश करना।
- मानवाधिकारों से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय संधियों व दस्तावेजों का अध्ययन व उनको प्रभावशाली तरीके से लागू करने हेतु सिफारिशें करना।
- मानवाधिकारों के क्षेत्र में शोध करना और इसे प्रोत्साहित करना।
- लोगों के बीच मानवाधिकारों की जानकारी फैलाना व उनकी सुरक्षा के लिए उपलब्ध उपायों के प्रति जागरूक करना।
- मानवाधिकारों के क्षेत्र में कार्यरत गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों की सराहना करना ।
- ऐसे आवश्यक कार्यों को करना, जो कि मानवाधिकारों के प्रचार के लिए आवश्यक हों।
आयोग की कार्यप्रणाली
- यह पीड़ित व्यक्ति को क्षतिपूर्ति या नुकसान के भुगतान के लिए संबंधित सरकार या प्राधिकरण को सिफारिश कर सकता है।
- यह दोषी लोक सेवक के विरुद्ध बंदीकरण हेतु कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए संबंधित सरकार या प्राधिकरण को सिफारिश कर सकता है।
- यह संबंधित सरकार या प्राधिकरण को पीड़ित को तत्काल अंतरिम सहायता प्रदान करने की सिफारिश कर सकता है।
- आयोग इस संबंध में आवश्यक निर्देश, आदेश अथवा रिट के लिए उच्चतम अथवा उच्च न्यायालय में जा सकता है।
आयोग की भूमिका
आयोग का कार्य निष्पादन
- बंधुआ मजदूरी की समाप्ति
- रांची, आगरा और ग्वालियर में मानसिक अस्पतालों का संचालन
- आगरा स्थित सरकारी सुरक्षा गृह (महिला) का संचालन
- भोजन का अधिकार से संबंधित मुद्दे
- बाल विवाह निषेद्ध अधिनियम, 1929 की समीक्षा
- बाल अधिकार पर अभिसमय से संबंधित प्रोटोकॉल
- सरकारी सेवकों द्वारा बच्चों से रोजगार कराने से रोकना; सेवा नियमावली में संशोधन
- बाल श्रम की समाप्ति
- बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा पर मीडिया के लिए मार्गदर्शिका
- महिलाओं एवं बच्चों का अवैध व्यापार: लैंगिक संवेदीकरण के लिए न्यायपालिका के लिए नियम पुस्तक
- यौन पर्यटन एवं अवैध व्यापार के रोक के लिए संवेदीकरण कार्यक्रम
- मातृत्व रक्ताल्पता तथा मानवाधिकार
- वृंदावन परित्यक्त महिलाओं का पुनर्वास
- कार्यस्थलों पर महिला यौन उत्पीड़न को रोकना
- रेलगाड़ियों में महिला यात्रियों का उत्पीड़न
- हाथ से मैला साफ करने की प्रथा का अंत
- अनधिसूचित तथा घुमंतू जनजातियों की समस्याएं
- दलितों से संबंधित मामले, उन पर किए जाने वाले अत्याचारों सहित
- विकलांग व्यक्तियों के अधिकार
- स्वास्थ्य के अधिकार से संबंधित मामले
- एच. आई. वी. / एड्स संक्रमित व्यक्तियों के अधिकार
- 1999 में ओडिशा (तत्कालीन उड़ीसा) में आए चक्रवाती तूफान से प्रभावित लोगों के लिए राहत कार्य
- 2001 के गुजरात भूकम्प के बाद राहत उपायों का अनुश्रवण
- जिला परिवाद प्राधिकार
- जनसंख्या नीति- विकास एवं मानवाधिकार
- कानूनों की समीक्षा, आतंकवादी एवं विघटनकारी गतिविधि अधिनियम तथा (प्रारूप) आतंकवाद निवारण विधेयक, 2000 सहित
- विद्रोह एवं आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में मानवाधिकार संरक्षण
- पुलिस द्वारा गिरफ्तारी भी शक्ति का दुरुपयोग रोकने के लिए दिशा-निर्देश
- राज्य / नगर पुलिस मुख्यालयों में मानवाधिकार सेवा का गठन
- हिरासत में मौत, बलात्कार तथा यंत्रणा को रोकने के लिए उठाए गए कदम
- यंत्रणा के खिलाफ अभिसमय को अपनाना, जिनेवा सम्मेलनों के लिए अतिरिक्त प्रोटोकॉल
- देश के लिए एक शरणार्थी कानून को अपनाने पर चर्चा
- पुलिस बंदीगृह, अभिरक्षा के अन्य केन्द्रों में संरचनात्मक सुधार
- मानवाधिकार संबंधी कानूनों की समीक्षा, संधियों का कार्यान्वयन तथा अंतर्राष्ट्रीय नियमों की समीक्षा
- शिक्षा प्रणाली में मानवाधिकार, साक्षरता एवं जागरूकता को बढ़ावा देना
- सैन्यबलों एवं पुलिस, लोक प्राधिकारियों एवं नागरिक समाज के लिए मानवाधिकार प्रशिक्षण
- दुर्व्यापार (ट्रैफिकिंग) पर क्रियात्मक अनुसंधान (Action Research on Trafficking)
- मानवाधिकार से सम्बन्धित विषयों पर जाने-माने अकादमिक संस्थानों एवं गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) द्वारा शोध - अनुसंधान ।
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