गठबंधन सरकार
'Coalition' शब्द लैटिन शब्द 'Coalition' से लिया गया है, जिसका अर्थ है-साथ चलना अथवा साथ बढ़ना, विकसित होना। इस प्रकार तकनीकी अर्थों में Coalition जिसका हिन्दी अर्थ गठबंधन है, का अर्थ होता है-विभिन्न भागों को एक काया में संयुक्त करना ।
गठबंधन सरकार
गठबंधन सरकार का अर्थ
गठबंधन सरकार की विशेषताएं
- गठबंधन कुछ प्राप्तियों, वस्तुओं अथवा मानस के आधार पर बनाए जाते हैं।
- गठबंधन का आशय ही है कि कम-से-कम दो सहयोगी हैं।
- गठबंधन प्रणाली का आधारभूत सिद्धांत है- विशिष्ट हितों का अस्थायी सम्मिलन।
- गठबंधन राजनीति स्थिर नहीं बल्कि गतिशील मामला है क्योंकि गठबंधन में शामिल दल और समूह विघटित होते रहते हैं, नये समूह बनाने के लिए।
- गठबंधन राजनीति का आधार ही समझौता है, और अपरिवर्तनीय राजनीतिक आग्रहों का इसमें कोई स्थान नहीं।
- एक गठबंधन सरकार न्यूनतम कार्यक्रमों के आधार पर कार्य करती है, जो कि आवश्यक नहीं कि प्रत्येक सहभागी दल के लिए आदर्श हो ।
- व्यावहारिक न कि विचारधारा गठबंधन राजनीति की चालक शक्ति है। राजनीतिक समायोजनों के लिए सिद्धांतों को ताक पर रखा जा सकता है।
- गठबंधन समायोजन का लक्ष्य सत्ता प्राप्ति है।
गठबंधन सरकारों का गठन
गठबंधन सरकार के गुण
- सरकार के संचालन में विपरीत हितों के बीच सामंजस्य बैठाना पड़ता है। सरकार विभिन्न समूहों की अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए एक माध्यम का कार्य करती है, साथ ही शिकायतों का निवारण भी करती है।
- भारत भारी विविधताओं से भरा देश है। भिन्न संस्कृतियां, भाषाएं, जातियां, धर्म और नृसमूह यहां उपस्थित है और इन सबका प्रतिनिधित्व गठबंधन सरकार में होता है। इसका तात्पर्य यह कि अपनी प्रकृति में गठबंधन सरकार अधिक प्रातिनिधिक होती है और इसमें लोकप्रिय जनमत बेहतर ढंग से परिलक्षित होता है। दूसरे शब्दों में गठबंधन सरकार एकल दल सरकार के मुकाबले जनमत के कहीं व्यापकतर वर्णक्रम का प्रतिनिधित्व करती है।
- गठबंधन सरकार में अलग-अलग विचारधाराओं और ऐजेंडा वाले दल शामिल रहते हैं। लेकिन सरकारी नीतियों में गठबंधन सहयोगियों की आपसी सहमति आवश्यक है। यही कारण है कि गठबंधन सरकार में सर्वसहमति आधारित राजनीति को प्रश्रय मिलता है। अर्थात्, गठबंधन सरकार में नीतिगत निर्णय सर्वसहमति से ही होते हैं
- गठबंधन की राजनीति भारतीय राजनीतिक प्रणाली के संघीय ताने-बाने को मजबूत बनाती है। ऐसा इसलिए कि गठबंधन सरकार एकल दल सरकार के मुकाबले क्षेत्रीय आकांक्षाओं और जरूरतों के प्रति अधिक संवेदनशील होती है।
- गठबंधन सरकार और राजनीति सरकार की मनमानी पर लगाम लगाती है, अर्थात् निरंकुश शासन की संभावना को कम करती है। ऐसा सरकार में एक दल के प्रभुत्व अथवा दबदबे में कमी के कारण संभव हो पाता है। गठबंधन के सभी सदस्य निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी करते हैं। निर्णय अधिक संतुलित होते हैं।
गठबंधन सरकार के अवगुण
- ऐसी सरकार अस्थिर होती है और प्रायः अल्पजीवी होती है। गठबंधन सहयोगियों के बीच नीतिगत मतभेद के चलते इनका पतन हो जाता है।
- संसदीय लोकतंत्र में प्रधानमंत्री का नेतृत्व मूलभूत कारक होता है। गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री की प्रमुखता कमजोर पड़ती है क्योंकि किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने के पूर्व उसे गठबंधन सहयोगियों से सलाह लेनी पड़ती है। इसलिए गठबंधन सहयोगियों को प्राय: 'सुपर प्राइम मिनिस्टर' कहकर व्यंग्योक्ति की जाती है।
- संचालन समिति अथवा समन्वय समिति ही गठबंधन सरकार में 'सुपर कैबिनेट' के रूप में काम करती है। इस प्रकार सरकारी मशीनरी के संचालन में मंत्रिमंडल की भूमिका और हैसियत में कमी आती है।
- गठबंधन सरकार का कोई छोटा घटक भी किंग मेकर की भूमिका में आ जाता है और ज्यादा शक्ति के लिए सौदेबाजी करने लगता है।
- क्षेत्रीय दलों के नेता राष्ट्रीय नीतिगत मामलों में क्षेत्रीय कारकों को ले आते हैं, उन्हें प्रभावित करते हैं। वे केंद्रीय कार्यपालिका पर अपनी धारा के अनुसार चलने को बाध्य करते हैं।
- गठबंधन सरकार में मंत्रिमंडल का आकार बहुत बड़ा होता है। ऐसा इसलिए कि मंत्रिपरिषद् में प्रत्येक गठबंधन सहयोगी को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलना जरूरी माना जाता है। उदाहरण के लिए 1999 की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्रिपरिषद् की सदस्य संख्या 99 थी और इसे 'जम्बो मिनिस्ट्री' कहा जाता था। ऐसे में विभागों के बंटवारे तथा सदस्यों के बीच समन्वय में समस्या होती है।
- गठबंधन सरकार के सदस्य प्रशासनिक विफलताओं या कमियों की जिम्मेदारी नहीं लेते। वे एक-दूसरे पर दोषारोपण करते रहते हैं और अपने सामूहिक उत्तरदायित्व तथा व्यक्तिगत उत्तरदायित्व से मुंह चुराते हैं।
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