NCERT One Liner | भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity) | राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy)

राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy)

NCERT One Liner | भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity) | राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy)

NCERT One Liner | भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity) | राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy)

राज्य के नीति-निदेशक सिद्धान्तों को भारतीय संविधान में शामिल किए जाने का क्या उद्देश्य है ?
सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र को स्थापित करना
कल्याणकारी राज्य की संकल्पना का समावेश संविधान के किस भाग में किया गया है
राज्य के नीति-निदेशक सिद्धान्तो में (भाग-4)
भारतीय संविधान में किसके अंतर्गत पंचायती राज प्रणाली की व्यवस्था की गई है ? 
राज्य के नीति-निदेशक सिद्धान्तों के अंतर्गत 
नीति-निदेशक सिद्धान्त
वाद योग्य नहीं है।
संविधान के किस अनुच्छेद में उद्योगों के प्रबन्धन में कर्मकारों की भागीदारी का प्रावधान किया गया है?
अनुच्छेद-43क
भारत के संविधान में समान कार्य के लिए समान वेतन के अधिकार का प्रावधान कहाँ किया गया है?
राज्य के नीति-निदेशक सिद्धान्तों में 
राज्य के नीति-निदेशक सिद्धान्तों में कौन सा अनुच्छेद अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के संवर्द्धन से सम्बंधित है? 
अनुच्छेद-51
राज्य के नीति-निदेशक सिद्धान्त एक ऐसा चेक है जो बैंक की सुविधानुसार अदा किया जाता है। यह कथन किसका है?
के. टी. शाह का

नीति-निदेशक तत्व से सम्बंधित महत्त्वपूर्ण अनुच्छेद

अनुच्छेद-36- नीति निदेशक तत्वों के संदर्भ में राज्य की परिभाषा ।
अनुच्छेद-37- न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय न होना।
अनुच्छेद-38- लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाना।
अनुच्छेद-38 (2)- आय की असमानताओं को कम करने का प्रयास करना।
अनुच्छेद-39 (क)- पुरूष/स्त्री को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार।
अनुच्छेद-39 (ख)- समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व व नियंत्रण इस प्रकार हो, जिससे सामूहिक हितों की सर्वोत्तम रूप में प्राप्ति हो ।
अनुच्छेद-39 (घ)- पुरुषों व स्त्रियों दोनों को समान कार्य के लिए समान वेतन ।
अनुच्छेद-39 (ड़)- पुरुष और स्त्री कर्मकारों के स्वास्थ्य व शक्ति का तथा बालकों की सुकुमार अवस्था का दुरुपयोग न हो।
अनुच्छेद-40- ग्राम पंचायतों का गठन। 
अनुच्छेद-41 - कुछ दशाओं में काम, शिक्षा व लोक सहायता पाने का अधिकार।
अनुच्छेद-42- काम की न्यायसंगत एवं मानवोचित दशाएँ तथा प्रसूति सहायता।
अनुच्छेद-43- कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि । 
अनुच्छेद-43 ( क )- उद्योगों के प्रबन्धन में कर्मकारों का भाग लेना। 
अनुच्छेद-43 (ख)- सहकारी समितियों के स्वैच्छिक गठन, स्वायत्त संचालन, लोकतांत्रिक नियंत्रण तथा व्यावसायिक प्रबंधन को बढ़ावा देना। 
अनुच्छेद-44- सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता।
अनुच्छेद-45- 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान। 
अनुच्छेद-46- SC, ST दुर्बल वर्गों के शैक्षिक व आर्थिक हितों की अभिवृद्धि।
अनुच्छेद-47- पोषाहार स्तर और जीवन स्तर तथा लोक | स्वास्थ्य में सुधार तथा हानिकारक, नशीले पदार्थों के उपभोग पर प्रतिबंध ।
अनुच्छेदइ-48- कृषि और पशुपालन में आधुनिक और वैज्ञानिक प्रणालियों का प्रयोग करना । गायों, बछड़ों तथा अन्य दुधारू पशुओं के वध पर प्रतिबंध एवं उनकी नस्लों में सुधार के प्रयास ।
अनुच्छेद-48 क- पर्यावरण का संरक्षण व संवर्द्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा।
अनुच्छेद-49- राष्ट्रीय महत्व के कलात्मक या ऐतिहासिक अभिरुचि वाले स्मारकों या स्थानों या वस्तुओं का संरक्षण करना।
अनुच्छेद-50- कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण ।
अनुच्छेद-51 - अंतर्राष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा की अभिवृद्धि।
मूल अधिकार कानूनी रूप से मान्य हैं जबकि नीति-निदेशक तत्वों को नैतिक एवं राजनीतिक मान्यता प्राप्त है।
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