NCERT One Liner | मध्यकालीन भारत का इतिहास | मुगलकालीन स्थापत्य, संगीत, चित्रकला एवं साहित्य
मुगलकालीन स्थापत्य, संगीत, चित्रकला एवं साहित्य

NCERT One Liner | मध्यकालीन भारत का इतिहास | मुगलकालीन स्थापत्य, संगीत, चित्रकला एवं साहित्य
शाहजहाँ के शासनकाल में मस्जिद निर्माण कला अपनी पराकाष्ठा पर पहुँच गयी थी। इसके दो उत्कृष्ट उदाहरणों में से पहली, आगरा के किले की मोती मस्जिद, जो ताजमहल की तरह संगमरमर की बनी हुई है। दूसरी, लाल बलुआ पत्थर से बनी दिल्ली की जामा मस्जिद है, जिसमें एक विशालकाय दरवाजा, ऊँची पतली मीनारें और अनेक गुंबद इस मस्जिद की मुख्य विशेषताएँ हैं। |
मुगलकालीन स्थापत्य के प्रमुख उदाहरण
इमारतें | स्थान | शासक |
शेरशाह का मकबरा | सासाराम (बिहार) | शेरशाह |
हुमायूँ का मकबरा | दिल्ली | हाजी बेगम |
जहाँगीरी महल | फतेहपुर सीकरी | अकबर |
जहाँगीर महल | आगरा | अकबर |
अकबरी महल | आगरा | अकबर |
आगरा का किला | आगरा | अकबर |
दीवान-ए-आम | फतेहपुर सीकरी | अकबर |
दीवान-ए-खास | फतेहपुर सीकरी | अकबर |
पंचमहल (हवामहल) | फतेहपुर सीकरी | अकबर |
मरियम महल | फतेहपुर सीकरी | अकबर |
जामा मस्जिद | फतेहपुर सीकरी | अकबर |
तुर्की सुल्तान का महल | फतेहपुर सीकरी | अकबर |
बुलन्द दरवाजा | फतेहपुर सीकरी | अकबर |
अकबर का मकबरा | सिकन्दरा | जहाँगीर |
ऐतमादुद्दौला का मकबरा | आगरा | नूरजहाँ |
जहाँगीर का मकबरा | शहादरा (लाहौर) | नूरजहाँ |
दीवान-ए-खास | आगरा | शाहजहाँ |
दीवान-ए-आम | आगरा | शाहजहाँ |
शीश महल | आगरा | शाहजहाँ |
खास महल | आगरा | शाहजहाँ |
नगीना मस्जिद | आगरा | शाहजहाँ |
जामा मस्जिद | आगरा | शाहजहाँ |
मच्छी भवन | आगरा | शाहजहाँ |
लाल किला | दिल्ली | शाहजहाँ |
मोती मस्जिद | आगरा | शाहजहाँ |
जहानाबाद | दिल्ली | शाहजहाँ |
जामा मस्जिद | दिल्ली | शाहजहाँ |
दीवान-ए-आम | दिल्ली | शाहजहाँ |
दीवान-ए-खास | दिल्ली | शाहजहाँ |
मुगलकालीन साहित्य
पुस्तक / अनुवाद | भाषा | लेखक का नाम |
रामायण | फारसी | बदायूँनी |
भगवद् गीता | फारसी | राजा टोडरमल |
योग वशिष्ठ | फारसी | दारा शिकोह |
अथर्ववेद | फारसी | सरहिन्दी |
पंचतन्त्र | फारसी | मौलाना शाह मुहम्मद शाहाबादी |
लीलावती | फारसी | फैजी |
कालिया दमन | फारसी | अबुल फजल |
बावन उपनिषद् | फारसी | दारा शिकोह |
अकबरनामा | फारसी | अबुल फजल |
बाबरनामा | फारसी | अब्दुल रहीम खान-ए-खाना |
हुमायूँनामा | फारसी | गुलबदन बेगम |
तुजुके बाबरी (बाबरनामा) | तुर्की | बाबर |
तुजुके जहाँगीरी | फारसी | जहाँगीर, मौतमद खाँ, मुहम्मद हादी |
मुन्तखब-उल-तवारीख | फारसी | अब्दुल कादिर बदायूँनी |
इकबालनामा-ए-जहाँगीरी | फारसी | मौतमिद खाँ बख्शी |
मआसिरे- जहाँगीरी | फारसी | ख्वाजा कामगार |
तबकाते- अकबरी | फारसी | निजामुद्दीन अहमद |
शाहजहाँनामा | फारसी | इनायत खाँ |
नुस्खा - ए - दिलकुशा | फारसी | खफी खाँ |
आलमगीरनामा | फारसी | मिर्जा मुहम्मद कासिम |
मआसिर-ए-आलमगीरी | फारसी | साकी मुश्तैद खाँ |
फतवा-ए-आलमगीरी | फारसी | शेख निजामुद्दीन अहमद |
पादशाहनामा | फारसी | मोहम्मद अमीन |
जहाँगीर के शासनकाल के अंतिम वर्षों में केवल संगमरमर की इमारतें बनवाने और दीवारों को अर्द्ध मूल्यवान पत्थरों से बनी फूल-पत्तियों की आकृतियों से सजाने का चलन आरम्भ हुआ। सजावट की इस पद्धति को पित्रादुरा कहते हैं।
हुमायूँ का मकबरा महत्वपूर्ण तथ्य
- मकबरे का निर्माण 1565 ई. में हुमायूँ की पत्नी हमीदाबानो बेगम ने प्रारम्भ करवाया।
- दोहरे गुम्बद वाला यह भारत का पहला मकबरा है।
- चारबाग पद्धति का प्रयोग पहली बार हुमायूँ के मकबरे में हुआ, जबकि भारत में पहला बाग युक्त मकबरा सिकंदर लोदी का मकबरा था।
- इस मकबरे को ताजमहल का पूर्वगामी माना जाता है।
- हुमायूँ के मकबरे में दफनाये गये मुगल घराने के लोगों में हाजीबेगम, हमीदाबानो बेगम हुमायूँ की छोटी बेगम, दारा शिकोह जहाँदारशाह, फर्रुखसियर, रफीउदरजात और आलमगीर द्वितीय प्रमुख हैं।
- दिल्ली के अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर और उसके तीन शहजादों को अंग्रेज लेफ्टीनेंट हडसन ने 1857 ई. में हुमायूँ के मकबरे से गिरफ्तार किया था ।
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