NCERT MCQs | मध्यकालीन इतिहास | विजयनगर, बहमनी एवं अन्य प्रांतीय राज्य

विजयनगर, बहमनी एवं अन्य प्रांतीय राज्य

NCERT MCQs | मध्यकालीन इतिहास | विजयनगर, बहमनी एवं अन्य प्रांतीय राज्य

NCERT MCQs | मध्यकालीन इतिहास | विजयनगर, बहमनी एवं अन्य प्रांतीय राज्य

विजयनगर साम्राज्य

1. विजयनगर साम्राज्य के अंतर्गत शासन करने वाले राजवंशों का सही क्रम कौन-सा है ?
(a) संगम-सालुव-तुलुव- अरावीडु
(b) सालुव-संगम-तुलुव- अरावीडु
(c) तुलुव-संगम- अरावीडु-सालुव
(d) अरावीडु - संगम-तुलुव-सालुव
उत्तर - (a)
व्याख्या- विजयनगर साम्राज्य के अंतर्गत शासन करने वाले राजवंशों का सही क्रम-संगम-सालुव-तुलुव एवं अरावीडु है ।
दिल्ली सल्तनत में व्याप्त राजनीतिक अस्थिरता का लाभ उठाकर अनेक राज्य स्वतंत्र हुए, दक्षिण भारत में इसका लाभ उठाते हुए विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हुई।
विजयनगर पर शासन करने वाला प्रथम वंश संगम वंश इस वंश की स्थापना हरिहर एवं बुक्का नाम के दो भाइयों ने की थी। इस वंश ने 1336-1485 ई. तक विजयनगर पर शासन किया। इसके बाद सालुव वंश की स्थापना नरसिंह सालुव ने की। इस वंश का शासनकाल 1485 से 1505 ई. तक था। सुलुव/ सालुव वंश के बाद तुलुव वंश की स्थापना 1505 ई. में वीर नरसिंह ने की। इस वंश ने विजयनगर साम्राज्य पर 1505-1570 ई. तक शासन किया। सबसे अंतिम वंश अरावीडु था, जिसकी स्थापना तिरुमल ने की थी। इस वंश ने 1570 से 1652 ई. तक शासन किया।
2. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना से संबंधित निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) इसके संस्थापक काकतीय राजा के सामंत थे।
(b) इसकी स्थापना फिरोजशाह तुगलक के काल में हुई थी।
(c) यह एक हिंदू राजवंश था।
(d) इसकी अवस्थिति दक्षिण भारत में थी ।
उत्तर - (b)
व्याख्या- विजयनगर साम्राज्य की स्थापना से संबंधित कथन (b) सत्य नहीं है, क्योंकि विजयनगर साम्राज्य की स्थापना फिरोजशाह तुगलक के काल में नहीं बल्कि मुहम्मद बिन तुगलक के काल में हुई थी। विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर व बुक्का नामक दो भाइयों ने अपने गुरु विद्यारण्य एवं वेदों के भाष्यकार सायण की प्रेरणा से कृष्णा की सहायक नदी तुंगभद्रा के दक्षिणी तट पर अनैगोंडी के समीप की।
3. हरिहर और बुक्का के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
1. मुहम्मद बिन तुगलक ने इन्हें बंदी बना लिया था।
2. गुरु विद्यारण्य के निर्देश पर वे हिंदू धर्म में दीक्षित हुए।
3. उन्होंने दौलताबाद को अपनी राजधानी बनाया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1 
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- हरिहर एवं बुक्का के संबंध में कथन (1) और (2) सत्य हैं। 18 अप्रैल, 1336 को भगवान विरुपाक्ष की उपस्थिति में मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में हरिहर प्रथम एवं बुक्का प्रथम के द्वारा संगम वंश की स्थापना की गई ।
मुहम्मद बिन तुगलक ने दोनों भाइयों को बंदी बना लिया था तथा उन्हें मुसलमान बना दिया था। कालांतर में अपने गुरु विद्यारण्य के निर्देश पर वे हिंदू धर्म में दीक्षित हुए थे।
कथन (3) असत्य है, क्योंकि हरिहर प्रथम ने इसने पहले अनैगोंडी तथा बाद में हंपी ( वर्तमान कर्नाटक) को राजधानी बनाया। इसके बाद इसका भाई बुक्का प्रथम 1356 ई. में विजयनगर साम्राज्य की गद्दी पर बैठा तथा इसने मदुरै को अपने साम्राज्य में मिला लिया था।
4. हरिहर प्रथम के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है?
(a) वह 1336 ई. में राजा बना।
(b) उसने मैसूर और होयसल राज्य से युद्ध लड़ा। 
(c) आरंभ में विजयनगर की राजव्यवस्था कोऑपरेटिव कॉमनवेल्थ थी ।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (d)
व्याख्या- हरिहर प्रथम के संबंध में दिए गए कथनों में से कोई भी कथन असत्य नहीं हैं।
हरिहर प्रथम संगम वंश का प्रथम शासक था। वह 1336 ई. में राजा बना था। इसने 1336 ई. में मैसूर तथा होससल राज्य से युद्ध किया था। 1346 ई. में होयसल राज्य को पूर्णत: विजयनगर साम्राज्य में मिला लिया गया।
प्रारंभ में विजयनगर राज्य व्यवस्था एक सहकारी राज्य व्यवस्था (कोऑपरेटिव कॉमनवेल्थ) थी। हरिहर प्रथम ने काकतीय वंश का अनुसरण करते हुए अपने राज्य को स्थलों एवं नाडुओं में संगठित किया तथा ब्राह्मणों की नियुक्ति की।
5. इतिहासकारों के द्वारा प्रयोग 'विजयनगर साम्राज्य' शब्द के लिए समकालीन लोगों ने उसे क्या कहकर संबोधित किया है ?
(a) तेलुगू साम्राज्यमु
(b) कर्नाटक साम्राज्यमु
(c) तमिल साम्राज्यमु
(d) संगम साम्राज्यमु
उत्तर - (b)
व्याख्या- इतिहासकार 'विजयनगर साम्राज्य' शब्द का प्रयोग करते हैं, तो वही समकालीन लोगों ने इस साम्राज्य को 'कर्नाटक साम्राज्यमु' की संज्ञा दी है। इस साम्राज्य की अस्थिर सीमाओं में अलग-अलग भाषाएँ बोलने वाले तथा अलग-अलग धार्मिक परंपराओं को मानने वाले लोग रहते थे।
6. विजयनगर साम्राज्य के आरंभिक शासकों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें। 
1. उड़ीसा के गजपति शासक उनके समकालीन थे।
2. उन्होंने स्वयं को 'राय' की उपाधि प्रदान की।
3. उन्होंने तंजावुर के चन्नकेशव मंदिर को संरक्षण दिया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2 
(b) 2 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) केवल 2
उत्तर - (a)
व्याख्या- विजयनगर साम्राज्य के आरंभिक शासकों के संबंध में कथन ( 1 ) और (2) सत्य हैं। विजयनगर साम्राज्य के आरंभिक शासकों के समकालीन दक्कन के सुल्तान एवं उड़ीसा के गजपति शासक थे। विजयनगर के प्रारंभिक शासक अपने समकालीन शासकों के साथ संघर्ष करते रहे तथा साथ ही इन राज्यों के संपर्क से विचारों का आदान-प्रदान कर विशेष रूप स्थापत्य के क्षेत्र में विकास करने लगे।
विजयनगर के शासकों ने स्वयं को 'राय' की उपाधि प्रदान की तथा अमर नायकों की नियुक्ति की।
कथन (3) असत्य है, क्योंकि चन्नकेशव मंदिर तंजावुर में नहीं, बल्कि बेलूर में स्थित है। इस मंदिर को विजयनगर के शासकों ने संरक्षण प्रदान किया था।
7. संगम वंश के शासकों के संबंध में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा सत्य है? 
(a) यह विजयनगर का पाँचवाँ राजवंश था।
(b) बुक्का प्रथम का संबंध संगम से नहीं था।
(c) संगम वंश का कुल शासन 149 वर्षों का था।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (c)
व्याख्या- संगम वंश के शासकों के संबंध में कथन (c) सत्य है। संगम वंश ने ही विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की थी। यह वंश इस साम्राज्य का प्रथम राजवंश था। संगम वंश का प्रथम शासक हरिहर था, जो 1336 ई. को विजयनगर की गद्दी पर आसीन हुआ। इसने 1356 ई. तक शासन किया। इसके बाद इसका भाई बुक्का प्रथम 1356 ई. में शासक बना, जो 1377 ई. तक आसीन रहा। इस वंश के शासकों का शासनकाल 1336 से 1485 ई. तक था अर्थात् इन्होंने 149 वर्षों तक विजयनगर साम्राज्य पर शासन किया।
8. बुक्का प्रथम के शासनकाल में उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी कौन था ?
(a) मदुरै का सुल्तान 
(b) बीजापुर का शासक
(c) जौनपुर का सुल्तान
(d) दिल्ली का सुल्तान
उत्तर - (a)
व्याख्या- हरिहर प्रथम की मृत्यु के बाद इसका भाई बुक्का प्रथम 1356 ई. में विजयनगर साम्राज्य की गद्दी पर बैठा तथा 1377 ई. तक सत्तारूढ़ रहा । इसके शासनकाल में इसका मुख्य विरोधी / प्रतिद्वंद्वी मदुरै राय था। मदुरै के सुल्तान एवं विजयनगर के शासक के बीच संघर्ष अनेक वर्षों तक चलता रहा। अंतत: विजयनगर के शासक बुक्का प्रथम को सफलता मिली तथा मदुरै को विजयनगर साम्राज्य में मिला लिया गया।
9. विजयनगर साम्राज्य के महान शासक कृष्णदेवराय के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
1. इनका संबंध तुलुव राजवंश से था।
2. इनका शासककाल 1509 से 1530 ई. तक था।
3. उन्होंने उड़ीसा के राजा को पराजित किया था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2 
(b) 1 और 3
(c) 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (d)
व्याख्या- विजयनगर साम्राज्य के महान शासक कृष्णदेवराय के संबंध में दिए गए सभी कथन सत्य हैं।
तुलुव वंश के शासक कृष्णदेवराय अपने भाई तथा तुलुव वंश के संस्थापक वीर नरसिंह की मृत्योपरांत विजयनगर साम्राज्य की गद्दी पर बैठा, इसका राज्याभिषेक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन हुआ। कृष्णदेवराय का शासनकाल 1509 से 1530 ई. तक था।
कृष्णदेवराय के राज्यारोहण के समय विजयनगर अत्यंत विषम परिस्थिति में था, उड़ीसा के गजपति विजयनगर साम्राज्य के पत्तन का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे थे। तब इसने 1513 ई. में उड़ीसा के शासक गजपति रुद्रदेव को पराजित कर उदयगिरि पर अधिकार कर लिया।
10. कृष्णदेवराय के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) उसने रायपुर दोआब पर अधिकार कर लिया था।
(b) रायपुर दोआब नर्मदा और ताप्ती के बीच का स्थान था।
(c) उसने 1520 ई. में बीजापुर के सुल्तान को पराजित किया था।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (b)
व्याख्या- कृष्णदेवराय के संबंध में कथन (b) सत्य नहीं है, क्योंकि रायपुर दोआब नर्मदा और ताप्ती नदी पर नहीं, बल्कि तुंगभद्रा और कृष्णा नदी के बीच स्थित था। कृष्णदेवराय ने अपने शासनकाल में रायपुर दोआब पर अधिकार कर लिया था। कृष्णदेवराय ने गजपति से 1513 ई. में उदयगिरि जीता तथा 1520 ई. में बीजापुर के युसूफ आदिलशाह को परास्त कर तुंगभद्रा एवं कृष्णा नदियों के बीच का क्षेत्र रायपुर दोआब को जीता।
11. भारतीय मंदिरों में भव्य गोपुरमों को जोड़ने का श्रेय निम्नलिखित में से किस शासक को दिया जाता है?
(a) देवराय द्वितीय
(b) नरसिंह वर्मन
(c) कृष्णदेवराय
(d) हरिहर द्वितीय
उत्तर - (c)
व्याख्या- कृष्णदेवराय को श्रेष्ठ मंदिरों के निर्माण एवं महत्त्वपूर्ण दक्षिण कुछ भारतीय मंदिरों में प्रभावशाली गोपुरम को जोड़ने का श्रेय दिया जाता है। कृष्णदेवराय विजयनगर का सबसे प्रसिद्ध शासक था, इसके शासनकाल में स्थापत्य कला में भी विस्तार हुआ। इसने विजयनगर के पास एक उपनगरीय बस्ती की भी स्थापना की, जिसे नागालपुरम कहा जाता था।
12. कृष्णदेवराय की शासन पद्धति के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
1. उसने नौसेना के विकास की ओर ध्यान नहीं दिया।
2. पेस नामक इतालवी यात्री उसके दरबार में रहता था।
3. उसने विजयनगर साम्राज्य को कृष्णा नदी तक स्थापित कर दिया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 2 
(b) 1 और 2
(c) 1, 2 और 3
(d) 1 और 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- कृष्णदेवराय की शासन पद्धति के संबंध में दिए गए सभी कथन सत्य हैं ।
कृष्णदेवराय ने अपने पूर्ववर्ती शासकों के विपरीत नौसेना के विकास पर अधिक ध्यान नहीं दिया। इतालवी यात्री डोमिंगो पेस कृष्णदेवराय के शासनकाल में विजयनगर आया था।
विजयनगर साम्राज्य के प्रसिद्ध शासक राजा कृष्णदेवराय ने विजयनगर साम्राज्य को भव्यता के शिखर तक पहुँचा दिया। वह उन सभी लड़ाइयों में सफल रहा, जो उसने लड़ीं। उसने ओडिशा, बीजापुर के राजाओं को पराजित किया तथा अपने साम्राज्य का विस्तार कृष्णा नदी तक किया।
13. निम्नलिखित में से कौन-सा विदेशी यात्री कृष्णदेवराय के शासनकाल में भारत नहीं आया था ?
(a) बारबोसा
(b) डोमिंगो पेस
(c) निकोलो-डीकोंटी
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (c)
व्याख्या- निकोलो-डी- कोंटी कृष्णदेवराय के शासनकाल में नहीं, बल्कि देवराय प्रथम के काल में भारत आया था। यह एक इतावली यात्री था। उसने विजयनगर के शहर, उसके दरबार, वहाँ की प्रथाओं, मुद्रा, त्योहारों आदि का विशद वर्णन किया है। दुआटै बारबोसा (1500-1516 ई.) तथा डोमिंगो पेस (1520-1522 ई.) कृष्णदेवराय के शासनकाल में भारत आए थे।
14. रामराजा के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सत्य नहीं है?
(a) यह सदाशिव राय का संरक्षक था।
(b) उसने बीजापुर के शासक को हाथी की आपूर्ति बंद कर दी।
(c) उसने गोलकुंडा और अहमदनगर के शासकों को पराजित किया।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (b)
व्याख्या- रामराजा के संबंध में कथन (2) सत्य नहीं है, क्योंकि रामराजा ने बीजापुर के शासक को हाथी की नहीं, बल्कि घोड़ों की आपूर्ति को बंद कर दिया था। 1543 ई. में सदाशिव राय वियजनगर साम्राज्य की गद्दी पर बैठा, परंतु इसकी सत्ता के उपयोग की वास्तविक शक्ति रामराजा के हाथों में थी। रामराजा ने विभिन्न मुस्लिम शासकों को एक दूसरे के विरुद्ध उकसाते रहने में कामयाबी प्राप्त की। उसने पुर्तगालियों के साथ एक व्यापारिक संधि की।
15. तालीकोटा या राक्षस तंगड़ी का युद्ध कब और कहाँ लड़ा गया था?
(a) 1565 ई. (तुंगभद्रा)
(b) 1565 ई. (बन्निहट्टी) 
(c) 1560 ई. (अहमदनगर)
(d) 1560 ई. (गुलबर्गा) 
उत्तर - (b)
व्याख्या- तालीकोटा के निकट बन्नीहट्टी के पास यह युद्ध हुआ। यह युद्ध 23 जनवरी, 1565 ई. को विजयनगर एवं दक्षिण भारतीय राज्यों के महासंघ (जिसमें अहमदनगर, बीजापुर, गोलकुंडा व बीदर शामिल थे) के बीच हुआ था। इस महासंघ में गोलकुंडा से शत्रुता के कारण बरार शामिल नहीं हुआ था।
इस युद्ध में महासंघों की संयुक्त शक्तियों ने विजयनगर को बुरी तरह से पराजित किया तथा रामराजा वीरतापूर्वक लड़ते हुए शत्रु द्वारा मारा गया। इस युद्ध को तालीकोटा या 'राक्षस तंगडी' के युद्ध के नाम से जाना जाता है।
16. विजयनगर साम्राज्य के अरावीडु वंश के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
1. यह विजयनगर साम्राज्य का अंतिम राजवंश था।
2. अरावीडु के शासक 18वीं सदी के अंत तक सत्ता पर आसीन रहे।
3. अरावीडु राजवंश ने पेनुकोंडा और चंद्रगिरि पर शासन किया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2 
(b) 1 और 3
(c) 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (b)
व्याख्या- विजयनगर साम्राज्य के अरावीडु वंश के संबंध में कथन (1) और (3) सत्य हैं।
रामराजा के भाई तिरुमल ने 1570 ई. में सदाशिव को अपदस्थ कर दिया तथा अरावीडु वंश की स्थापना की। इसने पेनुकोंडा को अपनी राजधानी बनाया तथा बाद में इसी वंश के वेंकटद्वितीय ने चंद्रगिरि को अपनी राजधानी बनाया तथा यह राजवंश पेनुकोंडा एवं चंद्रगिरि में शासन करने लगा।
यह राजवंश विजयनगर साम्राज्य का अंतिम राजवंश था, इस राजवंश ने 16वीं शताब्दी के अंत से लेकर 17वीं शताब्दी के मध्य तक शासन किया।
कथन (2) असत्य है, क्योंकि अरावीडु के शासक 18वीं सदी के अंत तक सत्ता पर आसीन रहे। अरावीडु वंश का शासनकाल 1570 से 1652 ई. तक है।
17. विजयनगर साम्राज्य के शासनकाल की जानकारी किस पुस्तक से मिलती है?
(a) मृच्छकटिकम 
(b) अमुक्तमल्यद
(c) तोलापिय्यम्
(d) मणिमैक्लई
उत्तर - (b)
व्याख्या- विजयनगर साम्राज्य के शासनकाल की जानकारी कृष्णदेवराय द्वारा रचित तेलुगू ग्रंथ अमुक्तमाल्यदा (मोतियों की माला) से प्राप्त होती है। इस ग्रंथ में राजनीतिक विचारों एवं प्रशासनिक नीतियों का विवेचन किया गया है। इस ग्रंथ में कृष्णदेवराय ने राजस्व के विनियोजन एवं अर्थव्यवस्था के विकास पर बल देते हुए लिखा है कि राजा को तालाबों एवं सिंचाई के अन्य साधनों तथा अन्य कल्याणकारी कार्यों के द्वारा प्रजा को संतुष्ट रखना चाहिए तथा राजा को कभी भी धर्म की अवहेलना नहीं करनी चाहिए।
18. विजयनगर प्रशासन में किसे राजा की सेवा के लिए एक निश्चित संख्या में पैदल सैनिक, घोड़े और हाथी रखने पड़ते थे?
(a) पलफूगार 
(b) आमरम्
(c) मोरबक्शी
(d) रायरायन
उत्तर - (a)
व्याख्या- विजयनगर साम्राज्य में पलफूगार (पालिगार) या नायक कहे जाने वाले इन सरदारों को राज्य की सेवा के लिए एक निश्चित संख्या में पैदल सैनिक, घोड़े एवं हाथी रखने पड़ते थे। नायकों को केंद्रीय कोष में कुछ धन भी दिया जाता था। इन नायकों का वर्ग बहुत शक्तिशाली था और कभी-कभी सरकार के लिए उन पर नियंत्रण रखना कठिन हो जाता था। इस प्रकार की आंतरिक कमजोरियों के कारण बन्निहट्टी के युद्ध में विजयनगर की पराजय हुई।
19. निम्नलिखित में से किस विदेशी यात्री ने विजयनगर साम्राज्य के संबंध में कहा है कि "जमीन आबादी से भरी हुई है, लेकिन जो लोग गाँवों में रहते हैं, वे बहुत दयनीय अवस्था में हैं"
(a) निकोलो-डी-कोंटी 
(b) बारवोसा
(c) निकितिन
(d) नूनिज
उत्तर - (c)
व्याख्या- ऐथेनसियूस निकितिन (1470-1479 ई.) रूसी घोड़ों का व्यापारी था। इसने विजयनगर साम्राज्य भू-राजस्व व्यवस्था पर कहा है कि "जमीन आबादी से भरी हुई है, लेकिन जो लोग गाँवों में रहते हैं, वे बहुत दयनीय अवस्था में हैं, जबकि सरदार लोग खूब समृद्ध तथा विलासिता का जीवन जीते हैं।” विजयनगर साम्राज्य के अंतर्गत भू-राजस्व में कर व्यवस्था विद्यमान थी, जमीनों के प्रकार के आधार पर उस पर भू-राजस्व कर लगाया जाता था। निकितन ने यह कथन विजयनगर साम्राज्य में पाई जाने वाली कर प्रणाली के आधार पर ग्रामीण व्यवस्था के लोगों के जीवन स्तर को देखते हुए कहा था।
20. निम्नलिखित में से कौन-सा कर विजयनगर साम्राज्य में प्रचलित नहीं था ? 
(a) संपत्ति कर 
(b) पेशागत कर
(c) सैनिक कर
(d) चरी कर
उत्तर - (d)
व्याख्या- चरी कर विजयनगर साम्राज्य में प्रचलित कर नहीं था, यह कर एक प्रकार का चारागाह कर था, जो अलाउद्दीन खिलजी के समय शुरू किया गया था। विजयनगर साम्राज्य के अंतर्गत भू-राजस्व कर के अतिरिक्त अन्य कर भी लिए जाते हैं, जिसमें मुख्य रूप से संपत्ति कर, पैदावार की बिक्री पर लगने वाला कर, पेशागत कर, सैनिक कर तथा विवाह कर शामिल हैं।
21. विजयनगर सैन्य प्रशासन में अमर नायक के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। 
1. अमर नायक प्रणाली के तत्त्व इक्ता प्रणाली से मेल खाते हैं। 
2. अमर नायक सैनिक कमांडर थे, जिन्हें राय द्वारा प्रशासन के लिए राज्य क्षेत्र दिए जाते थे।
3. अमर नायक, राजा को वर्ष में दो बार भेंट भेजा करते थे।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) केवल 3
उत्तर - (a)
व्याख्या- विजयनगर सैन्य प्रशासन में अमर नायक के संबंध में कथन (1) और (2) सत्य हैं ।
विजयनगर साम्राज्य में नायक या अमर नायक बड़े भू-सामंत होते थे और इन्हें वेतन के बदले अधीनस्थ सेना के रख-रखाव के लिए विशेष भूखंड अमरम् प्रदान की जाती थी तथा इन अमरम् भूमि का प्रयोग करने के कारण इन्हें अमर नायक भी कहा जाता था, यह इक्ता से मेल खाती है।
ये सैनिक कमांडर होते थे, जिन्हें शासक द्वारा दिए गए भूखंड या क्षेत्र के किसानों, शिल्पकर्मियों एवं व्यापारियों से भू-राजस्व तथा अन्य कर वसूलने होते थे।
कथन (3) असत्य है, क्योंकि विजयनगर अमर नायक, राजा को वर्ष में दो बार नहीं बल्कि एक बार भेंट भेजा करते थे और अपनी स्वामिभक्ति प्रकट करने के लिए राजकीय दरबार में उपहारों के साथ स्वयं उपस्थित हुआ करते थे।
22. फारसी यात्री अब्दुररज्जाक भारत में किस राजा के शासनकाल में आया था?
(a) देवराय I
(b) कृष्ण देवराय I 
(c) देवराय II
(d) कृष्णराय II 
उत्तर - (c)
व्याख्या- फारसी यात्री अब्दुररज्जाक विजयनगर के शासक देवराय II के शासनकाल में भारत आया था। उसने विजयनगर का विशद विवरण प्रस्तुत किया है। अब्दुररज्जाक ने वर्ष 1443 में विजयनगर की यात्रा की थी। विजयनगर के विषय में उसने लिखा है कि “मैंने पूरे विश्व में इसके समान दूसरा नगर नहीं देखा।” उसके वर्णन से तत्कालीन विजय की स्थलाकृति प्रशासन तथा सामाजिक जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है।
23. विजयनगर स्थापत्य का वर्णन करने वाला यात्री अब्दुररज्जाक के बारे में सत्य कथन है
1. अब्दुररज्जाक फारस के शासक मिर्जा शाहरूख का राजदूत था।
2. उसने विजयनगर के शहरी वातावरण का विवरण दिया है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1 
(b) 1 और 2
(c) केवल 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (b)
व्याख्या- विजयनगर स्थापत्य का वर्णन करने वाला यात्री अब्दुररज्जाक के बारे में दोनों कथन सत्य हैं। अब्दुररज्जाक फारस (ईरान) के शासक मिर्जा शाहरूख का राजदूत था। यह देवराय द्वितीय के शासनकाल में आया था। इसने शहरी वातावरण का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है।
इसने विजयनगर को संसार के श्रेष्ठतम नगरों में से एक माना तथा बताया कि इस शहर में एक के भीतर एक सात परकोटे हैं। इसके अनुसार शहर को विशाल किलेबंदी से घेरा गया था। इस किलेबंदी की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता यह थी कि इसकी पहली, दूसरी व तीसरी दीवारों के बीच जुते हुए खेत तथा बगीचे भी थे।
24. विजयनगर साम्राज्य में राजकीय केंद्रों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
1. राजकीय केंद्र बस्ती के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित था।
2. इसमें 100 से अधिक मंदिर सम्मिलित थे।
3. मंदिर पूर्णत: से राजगिरि से निर्मित थे
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है / हैं?
(a) केवल 3 
(b) 1 और 3
(c) 1 और 2
(d) 2 और 3
उत्तर - (b)
व्याख्या- विजयनगर साम्राज्य में राजकीय केंद्रों के संबंध में कथन (1) और (3) सत्य हैं।
विजयनगर साम्राज्य में जिस स्थान पर मंदिरों का समूह होता था, वे राजकीय केंद्र कहलाते थे। ये राजकीय केंद्र राज्य के बस्ती के दक्षिण-पश्चिम भाग में स्थित होते थे, जिसमें 60 से भी अधिक मंदिर थे।
इस केंद्र में लगभग 30 संरचनाओं की भी पहचान महलों के रूप में की गई है, इन संरचनाओं एवं मंदिरों के मध्य मूल अंतर यह था कि मंदिर पूर्णत: से राजगिरि से निर्मित होते थे, जबकि इन महलों की अधिरचना विकारी वस्तुओं से बनाई गई थी।
25. 'महानवमी डिब्बा' के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) यह 'राजा के भवन' का एक मंच था।
(b) यह शहर का सबसे ऊँचा स्थान था।
(c) इस पर लोहे की संरचना बनी थी।
(d) इसका आधार उत्कीर्ण था।
उत्तर - (c)
व्याख्या- 'महानवमी डिब्बा' के संबंध में कथन (c) सत्य नहीं है, क्योंकि इस पर लोहे की संरचना नहीं, बल्कि पत्थर की संरचना बनी थी।
विजयनगर साम्राज्य में कुछ विशिष्ट भवन भी थे। उनमें से प्रमुख महानवमी डिब्बा था, जो मुख्यतः राजा के भवन का मंच था। इसमें दो प्रमुख मंच थे, जिसमें पहला सभा मंडप तथा दूसरा महानवमी डिब्बा था। इसकी संरचना का पूरा क्षेत्र दोहरी दीवारों से घिरा हुआ था तथा इनके बीच में एक गली होती थी। सभा मंडप एक ऊँचा मंच होता था, जबकि महानवमी डिब्बा एक विशालकाय मंच होता था।
26. विट्ठल स्वामी मंदिर के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। 
1. यह विष्णु के रूप में पूजे जाने वाले विट्ठल स्वामी का मंदिर है।
2. यह रथ के आकार का मंदिर है।
3. इस मंदिर के अंदर कोई सभागार नहीं है ।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1 
(b) 1 और 3
(c) 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- विट्ठल स्वामी मंदिर के संबंध में कथन (1) और (2) सत्य हैं। विजयनगर साम्राज्य के अंतर्गत विरुपाक्ष मंदिर के अतिरिक्त विट्ठल मंदिर की भी महत्ता अत्यधिक थी । यहाँ के प्रमुख देवता विट्ठल थे, जो सामान्यतः महाराष्ट्र में पूजे जाने वाले विष्णु के रूप हैं।
मंदिर परिसरों की एक चारित्रिक विशेषता रथ गलियाँ है, जो मंदिर के गोपुरम से 'सीधी रेखा में जाती हैं, इन गलियों को फर्श तथा पत्थर के टुकड़ों से बनाया गया था और इनके दोनों ओर स्तंभ वाले मंडप थे, जिनमें व्यापारी अपनी दुकानें लगाया करते थे।
कथन (3) असत्य है, क्योंकि दक्षिण भारत के अन्य मंदिरों की भाँति इसमें मंदिर के अंदर सभागार बने है।
27. विजयनगर साम्राज्य से संबद्ध हंपी को यूनेस्को द्वारा किस वर्ष राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया गया था?
(a) वर्ष 1970 में 
(b) वर्ष 1972 में
(c) वर्ष 1974 में
(d) वर्ष 1986 में
उत्तर - (d)
व्याख्या- यूनेस्को ने हंपी का वर्ष 1986 में विश्व धरोहर स्थल (राष्ट्रीय महत्त्व स्थल) के रूप में घोषित किया था। हंपी भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है। हंपी में स्मारकों के समूह में अंतिम महान हिंदू साम्राज्य विजयनगर की राजधानी के अवशेष प्राप्त होते हैं।

बहमनी साम्राज्य

1. बहमनी साम्राज्य की स्थापना 1347 ई. में किस अफगान सरदार ने की थी ?
(a) महमूद गवाँ
(b) अलाउद्दीन मसूद शाह 
(c) अलाउद्दीन हसन
(d) फिरोजशाह बहमनी
उत्तर - (c)
व्याख्या- अलाउद्दीन हसन गंगू ने 1347 ई. में 'अबू मुजफ्फर अलाउद्दीन हसन बहमन शाह' की उपाधि धारण कर बहमनी साम्राज्य की स्थापना की तथा गुलबर्गा को अपनी राजधानी बनाया। दिल्ली सल्तनत के विघटन के परिणामस्वरूप स्थापित हुए मुस्लिम राज्यों में यह सर्वाधिक शक्तिशाली था।
2. हसन गंगू के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है? 
(a) वह गंगू नामक ब्राह्मण की सेवा में रहता था।
(b) उसने बहमनशाह का खिताब धारण कर लिया था।
(c) जियाउद्दीन बरनी उसका विवरण प्रस्तु
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (c)
व्याख्या- हसन गंगू के संबंध में कथन (c) सत्य नहीं है, क्योंकि जियाउद्दीन बरनी ने हसन गंगू का नहीं बल्कि मुहम्मद बिन तुगलक का विवरण प्रस्तुत किया है।
बहमनी राज्य की स्थापना 1347 ई. में हुई थी, इसका संस्थापक जीवन में कुछ बनने की धुन लेकर साहसिक मार्ग पर निकला एक अफगान था, जिसका नाम अलाउद्दीन हसन था। इसका उत्थान गंगू नामक एक ब्राह्मण की सेवा में रहते हुए हुआ, इसलिए इसे हंसन गंगू के नाम से जाना जाता है। राजगद्दी पर आसीन होने के बाद इसने अलाउद्दीन हसन बहमनशाह की उपाधि (खिताब) धारण की।
3. फिरोजशाह बहमन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. इसका शासनकाल 1397 से 1422 ई. के बीच था।
2. उसे कुरान की टीकाओं और इस्लामी कानून का अच्छा ज्ञान था।
3. वह आशु कविता किया करता था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3 
(c) 1, 2 और 3
(d) 1 और 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- फिरोजशाह बहमन के संबंध में दिए गए सभी कथन सत्य हैं। फिरोजशाह बहमन ने 1397 से 1422 ई. के बीच शासन किया। वह प्राकृतिक विद्वान, तर्कशास्त्र, ज्यामिति आदि विषयों का ज्ञाता था और वह श्रेष्ठ खुशनवीस (सुलेखकार) और कवि था तथा वह आशु कविता लिखा करता था।
ताजुद्दीन फिरोजशाह बहमन, बहमनी वंश का सर्वाधिक विद्वान् सुल्तान था। इसने पहली बार विद्वान् हिंदुओं अथवा ब्राह्मणों को अपने दरबार में ऊँचे पदों पर नियुक्त किया। इसने खगोलशास्त्र के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए दौलताबाद के निकट जंतर-मंतर की स्थापना की
4. फिरोजशाह बहमन के विषय में किस इतिहासकार ने कहा है कि "वह एक सच्चा मुसलमान था जिसकी कमजोरी सिर्फ यह थी कि वह शराब पीता था?" 
(a) फरिश्ता 
(b) इब्नबतूता
(c) डोमिंगो पायस
(d) अब्दुररज्जाक
उत्तर - (a)
व्याख्या- प्रसिद्ध इतिहासकार फरिश्ता ने फिरोजशाह बहमन के संदर्भ में कहा कि “फिरोजशाह एक सच्चा मुसलमान था, जिसकी कमजोरी सिर्फ यह थी कि वह शराब पीता और संगीत सुनता था ।” फिरोजशाह धर्मतत्त्वज्ञों, कवियों, ऐतिहासिक विवरणों के वाचकों एवं वाक्पटु दरबारियों की संगति में रहता था।
5. बहमन साम्राज्य के अंतर्गत चौल और डामोल निम्नलिखित में से क्या था? 
(a) स्थापत्य कला 
(b) बंदरगाह
(c) मंदिर
(d) स्थानीय पंचायत
उत्तर - (b)
व्याख्या- फिरोजशाह बहमन ने अपने राज्य के मुख्य बंदरगाह चौल एवं डामोल की ओर विशेष ध्यान दिया। फारस की खाड़ी एवं लालसागर से व्यापारिक जहाज बहमनी साम्राज्य में आते थे तथा संसार के सभी भागों से विलासिता की वस्तुओं को यहाँ पहुँचाया जाता था।
6. अहमदशाह प्रथम के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. वह फिरोजशाह बहमन का पुत्र था।
2. वह सूफी संत गैसूदराज की संगति में रहता था।
3. उसे बली भी कहा जाता था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2 
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (b)
व्याख्या- अहमदशाह प्रथम के संबंध में कथन (2) और (3) सत्य हैं। अहमदशाह प्रथम सूफी संत गैसू दराज से प्रभावित था। गैसूदराज के सानिध्य में रहने के कारण अहमदशाह प्रथम को 'बली' भी कहा जाता है। 1422 ई. में अहमदशाह प्रथम बहमनी साम्राज्य की गद्दी पर आसीन हुआ। कथन (1) असत्य है, क्योंकि वह फिरोजशाह बहमन का पुत्र नहीं, बल्कि भाई था।
7. महमूद गवाँ के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) वह जन्म से अफगानी मूल का था ।
(b) उसे मलिक-उल-तुज्जार की उपाधि प्राप्त थी।
(c) उसने हामोल और गोवा को जीता था।
(d) उसने अपने राज्य को आठ भागों में विभाजित किया था।
उत्तर - (a)
व्याख्या- महमूद गवाँ के संबंध में कथन (a ) सत्य नहीं है, क्योंकि महमूद गवाँ जन्म से अफगानी मूल का नहीं, बल्कि ईरानी मूल का था।
वारंगल के बहुत से हिस्सों के बहमनी सल्तनत के अधिकार में चले जाने से दक्षिण भारत की शक्ति का संतुलन बिगड़ गया। बहमन राज्य धीरे-धीरे विस्तृत होता गया तथा महमूद गवाँ की पेशवाई (प्रधान मंत्रिमंडल) में वह अपनी शक्ति व प्रादेशिक विस्तार की पराकाष्ठा पर पहुँच गया था। उसे मलिक-उल-तुज्जार की उपाधि प्रदान की गई थी। महमूद गवाँ का प्रमुख सैनिक अभियान पश्चिमी तट के प्रदेशों पर, जिसमें हामोल और गोवा भी शामिल थे तथा हासिल की गई जीत भी थी। उसने अपने साम्राज्य को आठ भागों में विभाजित किया था।
8. निम्नलिखित में से कौन एक बहमनी साम्राज्य का हिस्सा नहीं था?
(a) गोलकुंडा 
(b) बीजापुर
(c) अहमदनगर
(d) त्रिरुचिपल्ली
उत्तर - (d)
व्याख्या- त्रिरुचिपल्ली बहमनी साम्राज्य का हिस्सा नहीं था। बहमनी साम्राज्य की स्थापना जफर खाँ नामक सरदार ने अलाउद्दीन हसन बहमन शाह की उपाधि धारण करके 1347 ई. में की। बहमनी साम्राज्य का विभाजन वर्ष 1527 में हुआ और बहमनी साम्राज्य पाँच छोटे राज्य गोलकुंडा, बीजापुर, अहमदनगर, बरार एवं बीदर में बँट गया।
9. महमूद गवाँ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. 1482 ई. में उसे मृत्यु दंड दिया गया।
2. उसने बीदर में एक प्रसिद्ध मदरसा बनवाया था।
3. महमूद गवाँ के साम्राज्य को मुगलों ने हड़प लिया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं? 
(a) 1 और 3
(b) 1 और 2 
(c) 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (d)
व्याख्या- महमूद गवाँ के संबंध में दिए गए सभी कथन सत्य हैं। 1482 ई. में महमूद गवाँ को मृत्युदंड दिया गया था, उस समय उसकी आयु 70 वर्ष थी। गवाँ शिक्षा व कला का महान संरक्षक था, उसने राजधानी बीदर में एक महमूद महाविद्यालय (मदरसा) की स्थापना की। उसके आग्रह पर ईरान एवं इराक के उस समय सर्वाधिक विख्यात विद्वान् इस मदरसे में शिक्षण कार्य हेतु आए थे। महमूद गवाँ की मृत्यु के पश्चात् बहमनी का पतन आरंभ हो गया। 17वीं शताब्दी में मुगलों ने बहमनी राज्य को हड़प लिया।

विजयनगर- बहमनी संघर्ष

1. निम्नलिखित में किस क्षेत्र के लिए विजयनगर- बहमनी में टकराव की स्थिति नहीं थी?
(a) तुंगभद्रा का दोआब
(b) कृष्णा- गोदावरी डेल्टा क्षेत्र
(c) मराठावाड़ा प्रदेश
(d) गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र
उत्तर - (d)
व्याख्या- गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र विजयनगर बहमनी में टकराव की स्थिति में नहीं था। 14वीं शताब्दी मध्य से 16वीं शताब्दी के मध्य तक लगभग दो शताब्दियों का काल दक्षिण भारत में विजयनगर एवं बहमनी साम्राज्य के बीच प्रभुत्व के संघर्ष का इतिहास रहा। तुंगभद्रा का दोआब, कृष्णा- गोदावरी डेल्टा क्षेत्र तथा मराठवाड़ा प्रदेशों में इन दोनों के महान संघर्ष होते रहे।
2. विजयनगर - बहमनी संघर्ष के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. बुक्का प्रथम ने 1367 ई. में मुड़कल किले पर आक्रमण किया।
2. देवराय द्वितीय के काल में बहमनी सुल्तान ने पहली बार विजयनगर में प्रवेश किया था।
3. विजयनगर - बहमनी संघर्ष में पहली बार तोपों का प्रयोग किया गया था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है / है?
(a) 1 और 3
(b) 1 और 2
(c) 2 और 3
(d) केवल 2
उत्तर - (a)
व्याख्या- विजयनगर बहमनी संघर्ष के संबंध में कथन (1) और (8) सत्य है। बुक्का प्रथम ने वर्ष 1367 ई. में तुंगभ्रदा दोआब में मुड़कल के किले पर आक्रमण किया। इस युद्ध में पहली बार तोपों का प्रयोग किया गया। कथन ( 2 ) असत्य है, क्योंकि देवराय द्वितीयके काल में नहीं, बल्कि बुक्का प्रथम के काल में बहमनी सुल्तान ने पहली बार विजयनगर में प्रवेश किया था।
3. वारंगल के राजा ने बहमनी सुल्तान को एक रत्न मंडित सिंहासन भेंट किया। यह सिंहासन दिल्ली के किस सुल्तान के लिए बनाया गया था?
(a) मुहम्मद बिन तुगलक
(b) फिरोजशाह तुगलक 
(c) मलिक काफूर
(d) अलाउद्दीन खिलजी
उत्तर - (a)
व्याख्या- वारंगल के राजा ने बहमनी सुल्तान को एक रत्न मंडित सिंहासन भेंट किया था। यह सिंहासन दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश के शासक मुहम्मद बिन तुगलक के लिए बनवाया गया था। बहमनी सुल्तान द्वारा वारंगल पर आक्रमण करने के कारण यह सिंहासन विवशतापूर्वक देना पड़ा था।
4. विजयनगर-बहमनी संघर्ष के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. कृष्णा - गोदावरी घाटी प्रश्न पर विजयनगर- बहमनी और उड़ीसा का संघर्ष आरंभ हुआ।
2. वारंगल, बहमनियों को छोड़कर विजयनगर के साथ हो गया।
3. देवराय प्रथम फिरोजशाह बहमनी से पराजित हो गया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 3
(b) 1 और 2
(c) 2 और 3
(d) केवल 3
उत्तर - (d)
व्याख्या- विजयनगरबहमनी संघर्ष के संबंध में कथन (3) सत्य है। कृष्णा- गोदावरी डेल्टा क्षेत्र के प्रश्न पर विजयनगर- बहमनी के संघर्ष में तीसरा पक्ष वारंगल था। वारंगल ने बहमनियों के साथ संधि की तथा यह संधि 50 वर्षों तक बनी रही। 1406 ई. में फिरोजशाह बहमनी ने विजयनगर पर चढ़ाई की, जिसमें संगम वंशीय शासक देवराय प्रथम पराजित हुआ तथा संधि के लिए बाध्य हुआ। देवराय ने अपनी एक पुत्री का विवाह फिरोजशाह बहमनी के साथ कर दिया तथा अपने कई किले फिरोजशाह को समर्पित कर दिए।
5. विजयनगर - बहमनी संघर्ष में देवराय द्वितीय की भूमिका के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है? 
(a) उसकी सेना में 10000 मुसलमान सैनिक थे।
(b) उसने 60000 कुशल हिंदू धनुर्धारियों को शामिल किया।
(c) उसने 1443 ई. में मुदकल बाँकापुर को जीत लिया।
(d) इसके शासनकाल में अब्दुररज्जाक भारत आया था।
उत्तर - (a)
व्याख्या- विजयनगर बहमनी संघर्ष में देवराय द्वितीय की भूमिका के संबंध में कथन (1) असत्य है। देवराय प्रथम के शासनकाल में 10 हजार मुसलमान सैनिक थे, जबकि देवराय द्वितीय के शासनकाल में मुसलमान सैनिकों की बात नहीं की गई है। इतिहासकार फरिश्ता के अनुसार, देवराय द्वितीय ने बहमनी सेनाओं से मुकाबला करने के लिए 80000 घुड़सवार तथा 200000 पैदल सैनिकों के अतिरिक्त देवराय द्वितीय ने 60000 कुशल हिंदू धनुर्धारियों को अपनी सेना में शामिल किया था।
देवराय द्वितीय के शासनकाल में अब्दुररज्जाक विजयनगर आया था।

अन्य प्रांतीय राज्य

पूर्वी भारत : बंगाल, असम और उड़ीसा
1. तुगलक काल में सल्तनत से अलग होकर किसने बंगाल में स्वतंत्र राज्य की स्थापना की थी ?
(a) मुहम्मद बिन तुगलक 
(b) शम्सुद्दीन इलियास खाँ
(c) बुगरा खाँ
(d) तुगरिल खाँ
उत्तर - (b)
व्याख्या- तुगलक काल में सल्तनत से अलग होकर शम्सुद्दीन इलियास खाँ ने बंगाल में स्वतंत्र राज्य की स्थापना की थी। अपनी दूरी एवं जलवायु के कारण बंगाल दिल्ली के नियंत्रण से बहुधा मुक्त ही रहा था, इसका एक और भी कारण था। बंगाल का संचार मुख्य रूप से जलमार्गों पर निर्भर था और तुर्क शासक ऐसे मार्गों से अपरिचित थे।
जब मुहम्मद तुगलक सल्तनत के विभिन्न भागों में भड़क रहे विद्रोहों को दबाने में व्यस्त था, उसी समय 1338 ई. में बंगाल फिर दिल्ली से स्वतंत्र हो गया तथा 1342 ई. इलियास खाँ नामक एक अमीर ने लखनौती व सोनार गाँव पर अधिकार कर लिया तथा शम्सुद्दीन इलियास खाँ की उपाधि धारण कर बंगाल की गद्दी पर बैठ गया।
2. शम्सुद्दीन इलियास खाँ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. उसने पश्चिम में बंगाल का विस्तार तिरहुत, चंपारण तथा गोरखपुर तक किया।
2. उसने पंडुआ को अपनी राजधानी बनाया था।
3. दिल्ली से मैत्रीपूर्ण संबंधों का लाभ उठाकर उसने कन्नौज पर भी अधिकार कर लिया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) 1, 2 और 3
(c) 2 और 3
(d) केवल 3
उत्तर - (a)
व्याख्या- शम्सुद्दीन इलियास खाँ के संबंध में कथन (1) और (2) सत्य हैं। दिल्ली के साथ अपने मैत्रीपूर्ण संबंधों का लाभ उठाकर इलियास खाँ ने कामरूप राज्य (आधुनिक असम) पर अधिकार कर लिया था। शम्सुद्दीन इलियास खाँ ने 1338 ई. में बंगाल में एक स्वतंत्र शासन की स्थापना की। उसने तिरहुत, चंपारण तथा गोरखपुर पर कब्जा कर पश्चिम की ओर अपने राज्य का विस्तार किया तथा 'पंडुआ' को राजधानी बनाया।
3. सल्तनत काल में कोसी नदी निम्नलिखित में से किन दो राज्यों के बीच सीमा निर्धारण का कार्य करती थी ? 
(a) सल्तनत और बंगाल
(b) बंगाल और असम
(c) सल्तनत और बिहार
(d) बंगाल और बिहार
उत्तर - (a)
व्याख्या- सल्तनकल काल में कोसी नदी सल्तनत और बंगाल के मध्य सीमा का निर्धारण करती थी। इलियास खाँ के चंपारण एवं गोरखपुर के नवविजित क्षेत्रों से होते हुए फिरोजशाह तुगलक ने बंगाल पहुँचकर इनकी राजधानी पंडुआ पर अधिकार कर लिया, जिसके कारण इलियास खाँ को एकदाला के किले में शरण लेनी पड़ी।
लगभग दो महीने के बाद फिरोजशाह तुगलक एवं इलियास खाँ के मध्य युद्ध हुए, जिसमें इलियास खाँ पराजित हुआ। अतः दोनों में मित्रता की एक संधि हुई, जिसके अनुसार बिहार से होकर बहने वाली कोसी नदी सल्तनत एवं बंगाल शासकों की सीमा का निर्धारण करेगी।
4. सुल्तान गियासुद्दीन आजमशाह के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है ? 
(a) फारसी शायर हाफिज उसका घनिष्ठ मित्र था।
(b) उसके चीनियों के साथ कटु संबंध थे।
(c) इसके काल में राजा गणेश के अधीन हिंदू शासन स्थापित हुआ था।
(d) आजमशाह का शासनकाल 1389-1409 ई. था।
उत्तर - (b)
व्याख्या- सुल्तान गियासुद्दीन आजमशाह के संबंध में कथन (b) सत्य नहीं है, क्योंकि आजमशाह ने चीनियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित किए थे। इलियास खाँ के राजवंश का सबसे प्रसिद्ध सुल्तान गियासुद्दीन आजमशाह था । वह अपनी न्यायप्रियता एवं विद्वानता के लिए प्रसिद्ध था। चीनी सम्राट ने उसके दूत का स्वागत किया। इसने 1400 ई. में अपने दूत द्वारा चीनी शासक एवं इसकी पत्नी को उपहार भेजे थे तथा बौद्ध भिक्षुओं को आने का अनुरोध किया था।
5. बंगाल के शासकों के अधीन बांग्ला साहित्य श्रीकृष्ण विजय को किसने संकलित किया था ? 
(a) विद्याधर बसु
(b) मालाधर बसु 
(c) सत्याराज खाँ
(d) सत्यजीत राय 
उत्तर - (b)
व्याख्या- बांग्ला साहित्यकार मालाधर बसु था, जिसने श्रीकृष्ण विजय का संकलन किया था। बंगाल के सुल्तान ने इसे गुणराज खाँ की उपाधि दी थी तथा इसके पुत्र को सत्यराज खाँ की उपाधि से सम्मानित किया था। मुख्य रूप से बांग्ला भाषा का विकास अलाउद्दीन हुसैन के शासनकाल में हुआ।
6. अलाउद्दीन हुसैन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. उसने हिंदुओं को ऊँचे-ऊँचे पद प्रदान किए।
2. धर्मात्मा वैष्णवों के रूप में विख्यात दो भाई रूपा और सनातन ऊँचे पदों पर आसीन थे।
3. वह महान वैष्णव संत चैतन्य का बहुत आदर करता था ।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है / हैं?
(a) केवल 1 
(b) 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (d)
व्याख्या- अलाउद्दीन हुसैन के संबंध में दिए गए सभी कथन सत्य हैं। हिंदुओं को उसने उच्च पद प्रदान किए थे। अलाउद्दीन हुसैन ने रूपा तथा सनातन नामक भाइयों को उच्च पद प्रदान किया।
वह महान वैष्णव संत चैतन्य का बहुत आदर करता था। अलाउद्दीन हुसैन के प्रबुद्ध शासन के अधीन बंगाल के इतिहास में एक शानदार दौर की शुरुआत हुई। अलाउद्दीन ने बंगाल में कानून व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा तथा इसने उदार नीति अपनाते हुए सभी धर्मों को अधिकार दिए।
7. अहोम के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) यह बंगाल के पूरब में स्थित राज्य था।
(b) अहोम उत्तर बर्मा के मंगोली मूल के एक कबीले के लोग थे।
(c) असम नाम अहोम से व्युत्पन्न हुआ है ।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (d)
व्याख्या- अहोम के संबंध में दिए गए सभी कथन सत्य हैं। बंगाल के स्वतंत्र सुल्तानों ने अपने पूर्ववर्ती शासकों का अनुसरण करते हुए बंगाल के पूर्व की ओर अहोम (वर्तमान असम) की ओर ध्यान दिया, परंतु असफल रहे।
अहोम मूल रूप से उत्तर बर्मा के मंगोली मूल के लोगों का एक कबीला था, जो 13वीं शताब्दी में एक शक्तिशाली राज्य के रूप में स्थापित हुआ तथा कालांतर में हिंदू धर्म, संस्कृति में रच बस गया।
8. निम्नलिखित में से किस अहोम शासक ने अपना नाम बदलकर 'स्वर्ण नारायण' रखा था? 
(a) अलाउद्दीन हुसैन 
(b) नुसरतशाह
(c) सुहुगमुंग
(d) गुणराज खाँ
उत्तर - (c)
व्याख्या- सुहुगमुंग अपना नाम बदलकर 'स्वर्ण नारायण' रखा, जो हिंदू संस्कृति व धर्म का एक चक था। अलाउद्दीन हुसैन के बेटे नुसरतशाह ने अहोम राज्य पर हमला किया, जिसमें उसे असफलता का सामना करना पड़ा तथा भारी क्षति उठानी पड़ी। इस समय पूर्वी ब्रह्मपुत्र घाटी (अहोम) में सुहुगमुंग का शासन था। इसने मुसलमानों का आक्रमण विफल किया तथा अपने राज्य का विस्तार किया।
9. दक्षिण में कर्नाटक की ओर उड़ीसा के शासन का विस्तार करने का श्रेय किसे जाता है ?
(a) गंग शासकों को 
(b) गजपति राजवंश को
(c) रेड्डियों के राज्य को
(d) तुगलक सुल्तानों को
उत्तर - (b)
व्याख्या- दक्षिण से कर्नाटक की ओर ओडिशा के शासन का विस्तार करने का श्रेय गजपति राजवंश को जाता है। अपने इस दक्षिण विमुख विस्तार के परिणामस्वरूप उनका संघर्ष विजयनगर साम्राज्य, रेड्डियों के राज्य तथा बहमनी सल्तनत से हुआ। गजपति राजवंश के शासनकाल को उड़ीसा के इतिहास का स्वर्णकाल माना जाता है।
10. प्राचीन उड़ीसा के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) बंगाल और उड़ीसा राज्य की सीमा सरस्वती नदी थी ।
(b) उड़ीसा के शासक अपनी सत्ता को भागीरथी तक स्थापित करने में सफल रहे।
(c) अलाउद्दीन हुसैन शाह ने पुरी और कटक पर आक्रमण किया था।
(d) उपर्युक्त से कोई नहीं
उत्तर - (b)
व्याख्या- प्राचीन उड़ीसा के संबंध में कथन (b) सत्य नहीं है ।
उड़ीसा के शासकों ने अपनी सत्ता भागीरथी तक विस्तारित करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें शीघ्र ही पीछे हटना पड़ा। इन क्षेत्रों पर उड़ीसा के शासकों के अधिकार अधिक समय तक नहीं रह सके।

पश्चिमी भारत : गुजरात, मालवा और मेवाड़

1. निम्नलिखित में से किसे गुजरात राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है ? 
(a) अहमदशाह प्रथम 
(b) जफर खाँ
(c) मोहम्मद इलियास
(d) महमूद बेगड़ा
उत्तर - (a)
व्याख्या- 1407 ई. में जफर खाँ ने दिल्ली सल्तनत की अधीनता त्यागकर स्वतंत्र राज्य का निर्माण किया तथा मुजफ्फर के नाम गुजरात की गद्दी पर बैठा, परंतु गुजरात राज्य का वास्तविक संस्थापक इसका पौत्र अहमदशाह प्रथम (1411-43 ई.) था। इसने अपने लंबे शासनकाल में अमीरों पर नियंत्रण स्थापित किया तथा प्रशासन को व्यवस्थित आधार प्रदान किया।
2. मुजफ्फरशाह के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. उसने प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल सिंधपुर पर आक्रमण किया था।
2. उसने मालवा के शासक हुशंगशाह को पराजित करके बंदी बना लिया था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2 
(b) केवल 1
(c) केवल 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (c)
व्याख्या- मुजफ्फरशाह के संबंध में केवल कथन (2) सत्य है। मुजफ्फरशाह ने मालवा के शासक हुशंगशाह को पराजित कर उसे बंदी बना लिया था, किंतु कुछ समय बाद उसे मुक्त कर राज्य वापस कर दिया। कथन (1) सत्य नहीं है, क्योंकि सिंधपुर पर मुजफ्फरशाह ने नहीं, बल्कि उसके पौत्र अहमदशाह प्रथम ने आक्रमण किया था। यह गुजरात में स्थित है। वहाँ पर अहमदशाह ने अनेक मंदिरों को नष्ट कर दिया तथा हिंदुओं पर जजिया कर लगाया जो गुजरात में पहली बार हिंदुओं पर लगाया गया था।
3. महमूद बेगड़ा के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) उसने सौराष्ट्र और चांपानेर को जीत लिया था।
(b) उसने मुस्तफाबाद नामक शहर बसाया था।
(c) उदयराज उसका दरबारी कवि था।
(d) वह शाहजहाँ के समकालीन था।
उत्तर - (d)
व्याख्या- महमूद बेगड़ा के संबंध में कथन (d) सत्य नहीं है, क्योंकि महमूद बेगड़ा मुगल शासक शाहजहाँ के नहीं, बल्कि हुमायूँ के समकालीन था। अहमदशाह के उत्तराधिकारियों ने अपने राज्य का विस्तार करने एवं उसे सुदृढ़ बनाने की उसकी नीति को जारी रखा। अहमदशाह प्रथम के बाद गुजरात का प्रसिद्ध शासक महमूद बेगड़ा हुआ। इसके शासनकाल में गुजरात राज्य अपने चरमोत्कर्ष की स्थिति में था, यह इतना शक्तिशाली हो गया कि इसके समकालीन मुगल शासक हुमायूँ के लिए एक गंभीर चुनौती सिद्ध हुआ।
4. गुजरात को उत्तर भारत और उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने वाला मालवा राज्य किन दो नदियों के बीच स्थित था?
(a) कृष्णा तथा कावेरी 
(b) नर्मदा तथा ताप्ती
(c) तुंगभद्रा तथा नर्मदा
(d) गोदावरी तथा ताप्ती
उत्तर - (b)
व्याख्या- मालवा राज्य, नर्मदा एवं ताप्ती नदियों के बीच ऊँचे पठार पर स्थित था। वह गुजरात को उत्तर भारत एंव उत्तर भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने वाले मुख्य मार्गों पर पड़ता था। मालवा राज्य जब तक शक्तिशाली रहा तब तक वह गुजरात, मेवाड़ एवं बहमनी साम्राज्य एवं दिल्ली के लोदी सुल्तान की महत्त्वाकांक्षाओं के लिए एक दीवार बना रहा था।
5. मालवा राज्य के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. मालवा की राजधानी मांडू थी।
2. जहाज महल धार में स्थित था।
3. हिंडोला महल मांडू में स्थित था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 3 
(b) 1 और 2
(c) 1, 2 और 3
(d) केवल 2
उत्तर - (a)
व्याख्या- मालवा राज्य के संबंध में कथन (1) और (3) सत्य हैं। 15वीं शताब्दी के दौरान मालवा राज्य अपने वैभव के उच्चतम शिखर पर था। राजधानी धार से हटाकर मांडू को बनाया गया।
यहाँ पर मालवा शासकों ने बड़ी संख्या में इमारतें बनवाई थीं, जिनमें जामा मस्जिद, हिंडोला महल एवं जहाज महल यहाँ की सबसे विख्यात इमारतें हैं ।
6. मालवा के शासक हुशंगशाह के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) उसने जैनों को प्रश्रय दिया।
(b) वह मेवाड़ के राणा कुंभा का समकालीन था।
(c) वह धार्मिक रूप से सहिष्णु शासक था।
(d) उसने राजपूतों को मालवा में बसने दिया।
उत्तर - (b)
व्याख्या- मालवा के शासक हुशंगशाह के संबंध में कथन (b) सत्य नहीं है, क्योंकि मालवा का शासक हुशंगशाह, मेवाड़ के शासक राणा कुंभा का समकालीन नहीं, बल्कि राजा मोकल के समकालीन था।
मालवा के आरंभिक शासक हुशंगशाह ने धार्मिक सहिष्णुता की उदार नीति अपनाई। बहुत से राजपूतों को मालवा में बसने को प्रोत्साहित किया, उसने जैनों को प्रश्रय दिया था।
इसके काल में मंदिरों के निर्माण में कोई प्रतिबंध नहीं था, परंतु मालवा के सभी शासक इतने सहिष्णु नहीं थे। महमूद खिलजी ने मेवाड़ के शासक राणा कुंभा एवं पड़ोसी हिंदू राजाओं से अपने संघर्ष के दौरान बहुत से मंदिरों को नष्ट कराया था।
7. मेवाड़ राज्य के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. मेवाड़ को प्रबल शक्ति का दर्जा दिलाने का श्रेय राणा सांगा को प्राप्त था।
2. राणा कुंभा ने चित्तौड़ में कीर्तिस्तंभ का निर्माण करवाया था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1 
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (b)
व्याख्या- मेवाड़ राज्य के संबंध में कथन (2) सत्य है । राणा कुंभा ने चित्तौड़ में कीर्तिस्तंभ का निर्माण करवाया था। राणा कुंभा के राजमहल के ध्वंसावशेष और चित्तौड़ का कीर्तिस्तंभ इस बात का साक्षी है कि वह एक उत्साही निर्माता था।
कथन (1) असत्य है, क्योंकि मेवाड़ को प्रबल शक्ति का दर्जा दिलाने का श्रेय राणा सांगा को नहीं, बल्कि राणा कुंभा को जाता है। इसने अपने आंतरिक प्रतिद्वंद्वियों को पराजित कर उसने अपनी स्थिति सुदृढ़ की थी ।
8. घटोली का युद्ध 1517-18 ई. में किन दो शासकों के बीच हुआ था?
(a) संग्राम सिंह और इब्राहिम लोदी
(b) राणा सांगा और इब्राहिम लोदी
(c) राणा कुंभा और सिकंदर लोदी
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (b)
व्याख्या- खतोली या घटोली का युद्ध 1517-18 में शासक इब्राहिम लोदी एवं मेवाड़ शासक राणा सांगा के बीच हुआ था। राणा सांगा से पराजित होकर इब्राहिम लोदी दिल्ली लौट आया तथा अपनी आंतरिक स्थिति को मजबूत करने में लग गया। इस युद्ध में मेवाड़ की शक्ति सुदृढ़ हुई।
9. राणा सांगा के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) वह राणा कुंभा का पुत्र था।
(b) 1511 ई. में उसने महमूद द्वितीय को बंदी बनाया था।
(c) उसके काल में घटोली का युद्ध हुआ था।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर - (a )
व्याख्या- राणा सांगा के संबंध में कथन (a) सत्य नहीं है। 1508 ई. में राणा कुंभा का पौत्र राणा सांगा मेवाड़ की राजगद्दी पर बैठा। राणा सांगा मेवाड़ राजाओं में सबसे प्रसिद्ध शासक था। यह एक बहादुर योद्धा व शासक था। इन्होंने दिल्ली, गुजरात व मालवा तथा मुगल बादशाहों के आक्रमणों से अपने राज्य की रक्षा की।

उत्तर पश्चिम और उत्तर भारत : शर्की और कश्मीर

1. जौनपुर के शासक मलिक सरवर ने 'मलिक-उल-शर्क' की उपाधि धारण की थी। इसका अर्थ क्या है?
(a) जन्नत का मालिक 
(b) पूर्व का स्वामी
(c) पश्चिम का स्वामी
(d) धरती का स्वामी
उत्तर - (b)
व्याख्या- मलिक-उल-शर्क से आशय 'पूर्व के स्वामी' से है। गंगा की घाटी में अपनी आबादी की घोषणा सबसे पहले करने वालों में मलिक सरवर का नाम था। यह फिरोजशाह तुगलक के समय का प्रमुख अमीर था। मलिक सरवर कुछ समय तक वजीर रहा तथा बाद में उसे मलिक-उल-शर्क की उपाधि के साथ सल्तनत के पूर्वी क्षेत्र जौनपुर का शासक बना दिया गया था।
2. जौनपुर के शर्की राजवंश के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. शर्की सुल्तानों ने दिल्ली की स्थापत्य शैली की अंधाधुंध नकल की।
2. प्रसिद्ध हिंदी महाकाव्य 'पद्मावत' का रचयिता मलिक मुहम्मद जायसी जौनपुर का था।
3. बहलोल लोदी ने 1484 ई. में जौनपुर को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) 1 और 3 
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- जौनपुर के शर्की राजवंश के संबंध में कथन (3) सत्य है। लोदी वंश के सुल्तान बहलोल लोदी ने 1484 ई. में जौनपुर को जीतकर शक राज्य को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया। शक सुल्तानों ने विद्ववता और संस्कृति को संरक्षण प्रदान किया। कालांतर में जौनपुर को पूरब का शिराज ' कहा जाने लगा। प्रसिद्ध हिंदी महाकाव्य पद्मावत का रचयिता मलिक मुहम्मद जायसी रायबरेली का निवासी था।
कथन (1) और (2) असत्य हैं। शर्की सुल्तानों ने दिल्ली सल्तनत की स्थापत्य शैली की नकल न कर अपनी एक अलग शैली का विकास किया, जिसकी विशेषता ऊँचे-ऊँचे सिंहद्वार एवं विशालकाय मेहराब थे।
3. शर्की सुल्तानों ने किस राज्य के शासकों को उत्तर प्रदेश में विस्तार करने से रोक दिया था? 
(a) बंगाल के शासकों को 
(b) कामरूप के शासकों को
(c) उड़ीसा के शासकों को 
(d) मेवाड़ के शासकों को
उत्तर - (a)
व्याख्या- शर्की सुल्तानों ने बंगाल के शासकों को पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपने राज्य का विस्तार करने में विफल किया। दिल्ली सल्तनत के अधीन शक साम्राज्य चले जाने के बाद भी शर्की सुल्तानों ने इस विस्तृत क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखी। शर्की सुल्तानों ने जो सांस्कृतिक परंपरा स्थापित की थी वह शर्की साम्राज्य के विघटन के बाद भी लंबे समय तक विद्यमान रही।
4. कश्मीर के संबंध में किस इतिहासकार ने कहा है कि "कश्मीर में ऐसे हिंदुओं को भी प्रवेश नहीं करने दिया जाता था, जो वहाँ के सरदारों से व्यक्तिगत रूप से परिचित नहीं थे "
(a) कल्हण
(b) अलबरूनी
(c) जियाऊद्दीन बरनी
(d) इब्नबतूता
उत्तर - (b)
व्याख्या- कश्मीर के संबंध में इतिहासकार अलबरूनी कहता है कि “कश्मीर में ऐसे हिंदुओं को भी प्रवेश नहीं दिया जाता था, जो वहाँ के सरदारों से व्यक्तिगत रूप से परिचित नहीं थे।" उस समय कश्मीर शैव धर्म के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था, परंतु 14वीं सदी के मध्य के आस-पास हिंदू शासन की समाप्ति की स्थिति के साथ बदल गई। 1320 ई. में मंगोल नायक ब्लूचा द्वारा आक्रमण कश्मीर में हिंदू शासन के अंत का प्रारंभिक काल था।
5. जैनुल आबिदीन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। 
1. श्रीया भट्ट युद्ध उसके दरबार का न्याय मंत्री तथा दरबारी वैद्य था।
2. इसके काल में राजतरंगिणी का अनुवाद फारसी में करवाया।
3. जैना लंका उसकी अभियंतन (इंजीनियरिंग) संबंधी उत्कृष्ट उपलब्धि थी।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2 
(b) 1 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- जैनुल आबिदीन के संबंध में दिए गए सभी कथन सत्य हैं। श्रीया भट्ट, जैनुल आविदीन के शासनकाल में उसके न्याय विभाग का मंत्री तथा दरबारी वैद्य था। इसके शासनकाल में राजतरंगिणी का फारसी में अनुवाद कराया गया।
जैना लंका उसकी अभियंतन संबंधी उत्कृष्ट उपलब्धि थी। यह बूलर झील में तैयार कृत्रिम द्वीप था, जिस पर उसका राजमहल और मस्जिद बनवाई गई थी। जैन-उल- आबिदीन को कश्मीरी बड़शाह (बड़ाशाह) कहकर पुकारा जाता था।
6. जैनुल आबिदीन की उपलब्धियों में कौन-सा सत्य नहीं है?
(a) उसे 'बदशाह' कहा जाता है।
(b) उसने लद्दाख पर मंगोल हमले को नाकाम किया था।
(c) यह 'तिब्बत-ए-खुर्द' को नहीं जीत पाया।
(d) उसे कश्मीर का अकबर कहा जाता है।
उत्तर - (c)
व्याख्या- जैनुल आबिदीन की उपलब्धियों के संबंध में कथन (c) सत्य नहीं है, क्योंकि इसने बाल्टिस्तान क्षेत्र जिसे तिब्बत-ए-खुर्द कहा जाता है, को जीता।
जैनुल आबिदीन को कश्मीरी आज भी बदशाह (बड़ाशाह) कहते हैं। वह कोई महान् योद्धा तो नहीं था, फिर भी इसने लद्दाख पर मंगोल हमले को नाकाम कर दिया। जम्मू और राजौरी पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर उसने कश्मीरी राज्य का एकीकरण किया।
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