NCERT MCQs | आधुनिक भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन | भारत का स्वाधीनता संग्राम : तृतीय चरण (वर्ष 1935-1947)

भारत का स्वाधीनता संग्राम : तृतीय चरण (वर्ष 1935-1947)

NCERT MCQs | आधुनिक भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन | भारत का स्वाधीनता संग्राम : तृतीय चरण (वर्ष 1935-1947)

NCERT MCQs | आधुनिक भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन | भारत का स्वाधीनता संग्राम : तृतीय चरण (वर्ष 1935-1947)

भारत का स्वाधीनता संग्राम : तृतीय चरण (वर्ष 1935-1947)

1. वर्ष 1935 के भारत सरकार कानून के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए 
1. इस कानून में एक नए अखिल भारतीय संघ की स्थापना तथा प्रांतों में प्रांतीय स्वायत्तता के आधार पर एक नई शासन प्रणाली की व्यवस्था की गई ।
2. केंद्र में एक सदनीय संघीय विधायिका की व्यवस्था की गई।
3. यह संघ (फेडरेशन) ब्रिटिश भारत के प्रांतों तथा रजवाड़ों पर आधारित था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1 
(b) 1 और 2
(c) 1 और 3
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (c)
व्याख्या- वर्ष 1935 के भारत सरकार कानून के संबंध में कथन (1) और (3) सत्य हैं। लंदन में नवंबर 1932 के दौरान हुए तृतीय गोलमेज सम्मेलन के फलस्वरूप वर्ष 1935 का भारत सरकार कानून लाया गया। इस कानून में एक नए अखिल भारतीय संघ की स्थापना की गई तथा प्रांतों में प्रांतीय स्वायत्तता सुनिश्चित करते हुए नई शासन पद्धति को विकसित किया गया। इस कानून के अंतर्गत स्थापित संघ (फेडरेशन) तत्कालीन ब्रिटिश भारत के प्रांतों और रजवाड़ों पर आधारित था ।
कथन (2) असत्य है, क्योंकि केंद्र में एक सदनीय नहीं, बल्कि दो सदनों वाली एक संघीय विधायिका की व्यवस्था की गई थी, जिसमें रजवाड़ों को भिन्न-भिन्न प्रतिनिधित्व दिया गया था।
2. जवाहरलाल नेहरू ने अपने किस सम्मेलन में कहा था कि भारत और विश्व की समस्याओं का एकमात्र समाधान समाजवाद है?
(a) वर्ष 1929, लाहौर अधिवेशन
(b) वर्ष 1931, कराची अधिवेशन
(c) वर्ष 1936, लखनऊ अधिवेशन
(d) वर्ष 1938, हरिपुरा अधिवेशन
उत्तर - (c)
व्याख्या- वर्ष 1936 के लखनऊ अधिवेशन में अपने अध्यक्षीय भाषण में जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह समाजवाद को अपना लक्ष्य बनाए तथा स्वयं को किसान तथा मजदूर वर्गों के सन्निकट स्थापित करे । पंडित नेहरू का यह विश्वास था कि मुस्लिम जनता को उनके प्रतिक्रियावादी सांप्रदायिक नेताओं से दूर हटाने का यही सबसे बेहतर उपाय है। साथ ही उन्होंने यह कहा था कि "विश्व और भारत की समस्याओं का एकमात्र समाधान समाजवाद है और इस शब्द का प्रयोग मैं अस्पष्ट मानवतावादी नहीं, बल्कि वैज्ञानिक, आर्थिक अर्थ में करता हूँ।”
3. कांग्रेस के अंदर वामपंथी प्रवृत्ति के उभार पर निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. जवाहरलाल नेहरू वर्ष 1929, वर्ष 1936 तथा वर्ष 1937 में कांग्रेस अध्यक्ष बने।
2. सुभाषचन्द्र बोस वर्ष 1938, वर्ष 1939 तथा वर्ष 1940 में कांग्रेस अध्यक्ष बने ।
3. जवाहरलाल नेहरू जनता की आर्थिक मुक्ति के पैरोकार थे।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है /हैं?
(a) केवल 1 
(b) 1 और 3
(c) 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (b)
व्याख्या- दिए गए कथनों में कथन (1) और (3) सत्य हैं। जवाहरलाल नेहरू ने वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में वर्ष 1936 के लखनऊ अधिवेशन में तथा वर्ष 1937 के फैजपुर अधिवेशन में कांग्रेस की अध्यक्षता की थी। लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित हुआ था, जबकि फैजपुर अधिवेशन ऐसा प्रथम अवसर था जब किसी गाँव में यह संपन्न हुआ था।
जवाहरलाल नेहरू जनता की आर्थिक मुक्ति से सरोकार रखते थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने फैजपुर अधिवेशन में 13 सूत्रीय अस्थायी कृषि कार्यक्रम घोषित किया था। साथ ही समाजवाद के रूप में लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु उन्होंने कृषि और उद्योग में निहित स्वार्थों के उन्मूलन पर भी जोर दिया था।
कथन (2) असत्य है, क्योंकि सुभाषचंद्र बोस ने केवल वर्ष 1938 ( हरिपुरा, गुजरात) और वर्ष 1939 ( त्रिपुरी, मध्य प्रदेश) के कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी, जबकि वर्ष 1940 (रामगढ़) के कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता मौलाना अबुल कलाम आजाद ने की थी।
4. निम्न कथनों में से कौन-सा कथन असत्य है?
(a) वर्ष 1938 में कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन के अध्यक्ष सुभाषचंद्र बोस थे।
(b) हरिपुरा अधिवेशन में कांग्रेस ने आर्थिक योजना का विचार अपनाया।
(c) हरिपुरा अधिवेशन में गठित 'राष्ट्रीय योजना समिति का अध्यक्ष मौ. अबुल कलाम आजाद को बनाया गया।
(d) राष्ट्रीय योजना समिति में कुल 3 सदस्य थे।
उत्तर - (c)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (c) असत्य है, क्योंकि वर्ष 1938 के हरिपुरा (गुजरात) कांग्रेस अधिवेशन में गठित 'राष्ट्रीय नियोजन/ योजना समिति' का अध्यक्ष अबुल कलाम आजाद को नहीं, बल्कि जवाहरलाल नेहरू को बनाया गया था।
यह अधिवेशन सुभाषचंद्र बोस की अध्यक्षता में संपन्न किया गया था और इस अधिवेशन के दौरान गठित राष्ट्रीय योजना समिति के तीन सदस्यों में जवाहर लाल नेहरू, पट्टाभि सीतारमैया तथा सरदार वल्लभ भाई पटेल शामिल थे।
5. कांग्रेस समाजवादी पार्टी की स्थापना कब हुई थी ?
(a) वर्ष 1930 में 
(b) वर्ष 1932 में
(c) वर्ष 1934 में
(d) वर्ष 1936 में
उत्तर - (c)
व्याख्या- कांग्रेस समाजवादी पार्टी की स्थापना वर्ष 1934 के कांग्रेस अधिवेशन के दौरान (बंबई में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में) आचार्य नरेंद्र देव तथा जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुई थी।
इस पार्टी की स्थापना में मीनू मसानी एवं अशोक मेहता ने भी योगदान दिया था। इसका प्रथम सम्मेलन वर्ष 1934 में पटना में हुआ था।
इस पार्टी की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य था देश के आर्थिक विकास की प्रक्रिया राज्य द्वारा नियोजित एवं नियंत्रित हो तथा राजाओं और जमींदारों का उन्मूलन बिना मुआवजे के किया जाए।
6. स्वामी सहजानंद सरस्वती की अध्यक्षता में गठित पहला अखिल भारतीय किसान संगठन कौन-सा था ?
(a) अखिल भारतीय मजदूर सभा
(b) अखिल भारतीय किसान सभा
(c) अखिल भारतीय किसान संगठन
(d) अखिल भारतीय मजदूर किसान संगठन
उत्तर - (b)
व्याख्या- अप्रैल, 1936 में स्वामी सहजानंद सरस्वती की अध्यक्षता में गठित पहला अखिल भारतीय किसान संगठन 'अखिल भारतीय किसान सभा' था। यह गठन लखनऊ में किया गया। यह संगठन तत्कालीन सभी प्रांतीय किसान सभाओं को मिलाकर एक संयुक्त सभा के रूप में बनाया गया थी । एन जी रंगा को इस सभा का महासचिव बनाया गया था।
7. निम्न कथनों पर विचार कीजिए 
1 जनवरी, 1937 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से मास्को में आयोजित उत्पीड़ित जातियों के सम्मेलन में भाग लिया था।
2. इस सम्मेलन का आयोजन आर्थिक या राजनीतिक साम्राज्यवाद से पीड़ित एशियाई, अफ्रीकी और लातिन अमेरिकी देशों के निर्वासित राजनीतिक कार्यकर्ताओं और क्रांतिकारियों ने किया था।
3. इस सम्मेलन का उद्देश्य इन सबके साझे साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष में तालमेल बिठाना और उन्हें योजनाबद्ध रूप देना था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2 
(b) केवल 2
(c) 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (2) और (3) सत्य हैं। कांग्रेस ने 1930 के दशक के समकालीन विश्व की घटनाओं में अपनी भूमिका के निरूपण हेतु साम्राज्यवादी प्रसार के विरोध की नीति विकसित कर ली थी। इसी नीति के अंतर्गत उसने आर्थिक और राजनीतिक रूप से पीड़ित एशियाई और अफ्रीकी व लैटिन अमेरिकी देशों के सम्मेलन में भाग लिया था।
इस सम्मेलन का उद्देश्य सभी शामिल सदस्यों द्वारा साम्राज्यवाद के विरोध हेतु योजनाबद्ध तरीके से नीतियों का निर्माण करना और उन्हें क्रियान्वित करना था।
कथन (1) असत्य है, क्योंकि कांग्रेस ने वर्ष 1937 के मास्को सम्मेलन में नहीं, बल्कि वर्ष 1927 में आयोजित ब्रुसेल्स सम्मेलन में भाग लिया था, जिसका आयोजन उत्पीड़ित जातियों द्वारा किया गया था।
8. मुस्लिम लीग ने अलग पाकिस्तान का प्रस्ताव कब पारित किया था? 
(a) फरवरी 1922
(b) दिसंबर 1928 
(c) मार्च 1940
(d) सितंबर 1940 
उत्तर - (c)
व्याख्या- 22-23 मार्च, 1940 को मुस्लिम लीग ने लाहौर अधिवेशन में पहली बार पृथक् 'पाकिस्तान' राज्य के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया था, परंतु प्रस्ताव में 'पाकिस्तान' शब्द का वर्णन नहीं था। लीग के इस अधिवेशन (1940) की अध्यक्षता मुहम्मद अली जिन्ना ने की थी। पृथक् पाकिस्तान की माँग को पहली बार आंशिक मान्यता 1942 के क्रिप्स प्रस्तावों में मिली थी।
9. जवाहरलाल नेहरू के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। 
1. नेहरू 'लीग अगेंस्ट इम्पीरियलिज्म' की एक्जीक्यूटिव कौंसिल के सदस्य थे।
2. उन्होंने वर्ष 1927 का अध्यक्षीय भाषाण प्रस्तुत किया
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2
(c) 1, 2 और 3
(d) 2 और 3
उत्तर - (a)
व्याख्या- जवाहरलाल नेहरू के संबंध में कथन (1) सत्य है। वर्ष 1927 के ब्रुसेल्स सम्मेलन में स्थापित 'लीग अगेंस्ट इंपीरियलिज्म' की एक्जीक्यूटिव कौंसिल के सदस्य के रूप में नेहरू को चुना गया था।
कथन (2) असत्य है, क्योंकि जवाहरलाल नेहरू वर्ष 1927 के ब्रुसेल्स सम्मेलन में भाग लिया था न कि अध्यक्षीय भाषण प्रस्तुत किया था।
10. निम्नलिखित में से कौन 1939 में भारत प्रजामंडल (ऑल इंडिया स्टेट्स पीपुल्स कॉन्फ्रेंस) के अध्यक्ष थे?
(a) जय प्रकाश नारायण
(b) जवाहरलाल नेहरू
(c) शेख अब्दुल्ला
(d) सरदार वल्लभभाई पटेल
उत्तर - (b)
व्याख्या- जवाहरलाल नेहरू को वर्ष 1939 में भारत प्रजामंडल का अध्यक्ष चुना गया था। ऑल इंडिया स्टेट्स पीपुल्स कांफ्रेंस की स्थापना वर्ष 1935 में नहीं, बल्कि वर्ष 1927 में विभिन्न रजवाड़ों में राजनीतिक गतिविधियों के तालमेल हेतु की गई थी, क्योंकि इस समय रजवाड़ों की जनता ने अपने जनतांत्रिक अधिकारों तथा लोकप्रिय सरकारों की माँग लेकर आंदोलन करना प्रारंभ कर दिया था। कालांतर में ब्रिटिश भारत तथा रजवाड़ों के राजनीतिक संघर्षो के साझे राष्ट्रीय लक्ष्यों को सामने रखना था।
11. वर्ष 1937 के प्रांतीय चुनाव में मुसलमानों के लिए कुल कितनी सीटें आरक्षित थी ?
(a) 26 
(b) 482
(c) 382
(d) 256
उत्तर - (b)
व्याख्या- वर्ष 1937 के प्रांतीय चुनाव में मुसलमानों के लिए कुल आरक्षित सीटें 482 थीं। राष्ट्रवादी राजनीति का एक महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम सांप्रदायिकता का विकास था, जिसके अंतर्गत सीमित मताधिकार तथा अलग-अलग चुनाव मंडलों के आधार पर विधानसभाओं के लिए जो चुनाव कराए गए थे, उसने अलगाववादी भावनाओं को उत्पन्न किया था। इसके अतिरिक्त कांग्रेस अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित अनेक सीटें जीतने में असफल रही थी। मुसलमानों के लिए आरक्षित सीटों के अतिरिक्त कांग्रेस को केवल 26 सीटें प्राप्त हुई और उसमें से भी सिर्फ 15 सीटें पश्चिमोत्तर सीमा- प्रांत में प्राप्त हुई थी।
12. भारत में सांप्रदायिकता के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. सांप्रदायिकता के कारण दो राष्ट्र सिद्धांत का जन्म हुआ।
2. मुस्लिम लीग वहीं मजबूत थी, जहाँ मुस्लिम अल्पसंख्यक थे।
3. पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत पर मुस्लिम लीग मजबूत थी ।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1 
(b) 1 और 2
(c) 1, 2 और 3
(d) 2 और 3
उत्तर - (b)
व्याख्या- भारत में सांप्रदायिकता के संबंध में कथन (1) और (2) सत्य हैं । सांप्रदायिकता के विकास ने 'दो राष्ट्र के सिद्धांत' को जन्म दिया। हिंदुओं के बीच हिंदू महासभा जैसे सांप्रदायिक संगठनों के अस्तित्व में आने से मुस्लिम लीग जैसे संगठनों को और अधिक बल मिला। दोनों संप्रदायों ने अपनी कट्टरवाद विरोधी नीतियों से इस सिद्धांत को प्रतिपादित किया।
जब बहुसंख्यक जनता का कोई भाग सांप्रदायिक और संकीर्ण हो जाता है और अल्पसंख्यकों की आलोचना की जाने लगती है, तो वह खुद को असुरक्षित महसूस करने लगते हैं और इस स्थिति में अल्पसंख्यकों का सांप्रदायिक और संकीर्ण नेतृत्व मजबूत हो जाता है।
यही स्थिति मुस्लिम लीग की थी, यह पार्टी वहीं मजबूत थी या इसे जनसमर्थन वहीं प्राप्त हुआ, जहाँ मुस्लिमों की संख्या कम थी, क्योंकि उन स्थानों पर लीग ने अपने जनाधार को मजबूती देने हेतु सांप्रदायिक कट्टरता को व्यवहार में अपनाया।
कथन (3) असत्य है, क्योंकि पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत, पंजाब, सिंध और बंगाल में मुस्लिम बहुसंख्यक थे। इसलिए इन स्थानों पर मुस्लिम लीग मजबूत नहीं थी, क्योंकि यहाँ मुस्लिम आबादी स्वयं को सुरक्षित महसूस करती थी।
13. द्वितीय विश्व युद्ध के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) इसकी शुरूआत दिसंबर, 1939 में हुई थी।
(b) जर्मन प्रसारवाद इसका एक मुख्य कारण था।
(c) जर्मनी ने पौलैंड पर आक्रमण किया था।
(d) भारत इसमें शामिल नहीं था।
उत्तर - (d)
व्याख्या- द्वितीय विश्व युद्ध के संबंध में कथन (d) सत्य नहीं है, क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध (1939-45) में भारत शामिल हुआ था, क्योंकि तत्कालीन भारत की सरकार ने राष्ट्रीय कांग्रेस या केंद्रीय धारा सभा के चुने हुए सदस्यों से बिना परामर्श लिए युद्ध में शामिल होने की घोषणा कर दी थी। द्वितीय विश्वयुद्ध सितंबर, 1939 में आरंभ हुआ, जब जर्मन प्रसारवाद की हिटलर की नीति के अनुसार नाजी जर्मनी ने पोलैंड पर आक्रमण कर दिया था। इससे पूर्व वह आस्ट्रिया (मार्च, 1938) और चेकोस्लोवाकिया (मार्च, 1939) पर अधिकार कर चुका था।
14. क्रिप्स मिशन के अध्यक्ष स्टेफोर्ड क्रिप्स जब भारत आए तो वो किस पद को सुशोभित कर रहे थे? 
(a) वायसराय 
(b) गवर्नर जनरल
(c) ब्रिटिश मंत्री 
(d) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया के अधिकारी
उत्तर - (c)
व्याख्या- क्रिप्स मिशन के अध्यक्ष सर स्टेफोर्ड क्रिप्स का जब भारत आगमन हुआ, , तो वह ब्रिटिश मंत्री थे। वर्ष 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध की गंभीर स्थिति ने ब्रिटिशों को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं से बातचीत हेतु मजबूर कर दिया और इसी उद्देश्य के साथ ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने क्रिप्स मिशन को भारत भेजा था।
15. सर स्टेफोर्ड क्रिप्स की योजना में यह परिकल्पना थी कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 
(a) भारत को पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की जानी चाहिए
(b) स्वतंत्रता प्रदान करने के पहले भारत को दो भागों में विभाजित कर देना चाहिए
(c) भारत को इस शर्त के साथ गणतंत्र बना देना चाहिए कि वह राष्ट्रमंडल में शामिल होगा।
(d) भारत को डोमिनियन स्टेट्स दे देना चाहिए
उत्तर - (c)
व्याख्या- सर स्टेफोर्ड क्रिप्स की योजना में यह परिकल्पना थी कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भारत को इस शर्त के साथ गणतंत्र बना देना चाहिए कि वह राष्ट्रमंडल में शामिल होगा। क्रिप्स मिशन द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीयों से सहयोग पाने की आकांक्षा हेतु कैबिनेट मंत्री सर स्टेफोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में मार्च, 1942 में भारत आया था, इस मिशन का उद्देश्य "भारत में जितनी जल्दी हो सके स्वशासन की स्थापना" (डोमिनियन स्टेट्स प्रदान करना ) करना था। क्रिप्स मिशन और भारतीय नेताओं के बीच चली वार्ता असफल रही, क्योंकि ब्रिटिश शासन ने कांग्रेस की यह माँग मानने से इंकार कर दिया कि वास्तविक शक्ति तत्काल भारतीयों को सौंपी जाए।
16. व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन के लिए चुने गए पहले सत्याग्रही कौन थे? 
(a) सरोजनी नायडू
(b) सी. राजगोपालाचारी
(c) विनोबा भावे
(d) सुभाषचंद्र बोस
उत्तर - (c)
व्याख्या- 11 अक्टूबर, 1940 को महात्मा गाँधी द्वारा 'व्यक्तिगत सत्याग्रह' के प्रथम सत्याग्रही विनोबा भावे थे। इस सत्याग्रह को महात्मा गाँधी द्वारा प्रारंभ किया गया था। इस सत्याग्रह की सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह थी कि इसमें महात्मा गाँधी द्वारा चयनित सत्याग्रही पूर्व निर्धारित स्थान पर भाषण देकर अपनी गिरफ्तारी देता था। अपने भाषण से पूर्व सत्याग्रही अपने सत्याग्रह की सूचना जिला मजिस्ट्रेट को भी देता था।
17. भारत छोड़ो आंदोलन के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है?
(a) 8 अगस्त, 1942 को बंबई में हुई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में 'भारत छोड़ो' प्रस्ताव स्वीकार किया गया।
(b) 9 अगस्त को गाँधीजी समेत अधिकांश प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
(c) कांग्रेस को गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया।
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर - (d)
व्याख्या- भारत छोड़ो आंदोलन के संबंध में दिए गए सभी कथन सत्य हैं। 8 अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो प्रस्ताव को नेहरू जी ने पेश किया था, जो कुछ संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया गया। इस प्रस्ताव को मुंबई के ऐतिहासिक ग्वालिया टैंक मैदान में कांग्रेस की बैठक में प्रस्तुत किया गया था।
9 अगस्त, 1942 को आंदोलन के प्रारंभ होते ही ऑपरेशन जीरो आवर के अंतर्गत गाँधीजी, अबुल कलाम आजाद सहित अन्य कई कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
इन नेताओं में से गाँधीजी और सरोजिनी नायडू को आगा खाँ पैलेस में, जवाहरलाल नेहरू, पट्टाभि सीतारमैया, आचार्य कृपलानी आदि को अहमदनगर जेल में, राजेंद्र प्रसाद को पटना जेल में तथा जय प्रकाश नारायण को हजारीबाग जेल में बंद रखा गया था।
कांग्रेसी नेता 15 जून, 1945 तक बंदीगृह में रहे थे और इसके साथ ही ब्रिटिश सरकार ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति, कांग्रेस कार्यकारिणी तथा प्रांतीय कांग्रेस समिति को गैर-कानूनी घोषित कर दिया था।
18. भारत छोड़ो आंदोलन के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. यह एक स्वतः स्फूर्त एवं हिंसक आंदोलन था।
2. इस आंदोलन को सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त था।
3. इस आंदोलन के दौरान संयुक्त प्रांत, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र के अनेक भागों में ब्रिटिश शासन लुप्त हो गया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) 1, 2 और 3
(c) केवल 2
(d) केवल 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- भारत छोड़ो आंदोलन के संबंध में कथन (2) असत्य है। भारत छोड़ो आंदोलन को सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त नहीं था, आमतौर पर छात्र, मजदूर और किसान ही इस आंदोलन के आधार थे, जबकि उच्च वर्गों के लोग अथवा नौकरशाह सरकार के वफादार बने रहे।
19. 'करो या मरो' नारा निम्नलिखित आंदोलनों में से किसके साथ संबंधित है? 
(a) स्वदेशी आंदोलन 
(b) असहयोग आंदोलन
(c) सविनय अवज्ञा आंदोलन
(d) भारत छोड़ो आंदोलन
उत्तर - (d)
व्याख्या- 8 अगस्त, 1942 की रात को कांग्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, महात्मा गांधी ने 'करो या मरो' का नारा दिया, यह भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत थी। महात्मा गाँधी ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्ण स्वाधीनता से कम किसी चीज से संतुष्ट होने वाला नहीं हूँ। उन्होंने करो या मरो को एक मंत्र बताया, जिसका जाप करते रहना है और स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य को पूरा करना है या इस प्रयास में मर जाना है।
20. 'इंडियन इंडिपेंडेंस लीग की स्थापना किसके द्वारा की गई थी ?
(a) सुभाषचंद्र बोस
(b) रास बिहारी बोस
(c) कैप्टन मोहन सिंह
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (b)
व्याख्या- 'इंडियन इंडिपेंडेंस लीग' की स्थापना रास बिहारी बोस द्वारा की गई थी। यह वर्ष 1920 से 1940 के दशक में सक्रिय रहा राजनीतिक संगठन था। इसका उद्देश्य प्रवासी भारतीयों को भारत में ब्रिटिशों से मुक्ति हेतु प्रेरित करना था। इसकी स्थापना में रास बिहारी बोस के साथ जवाहरलाल नेहरू ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह संगठन दक्षिण पूर्व एशिया एवं मुख्य भूमि से अलग भारतीय क्षेत्रों में सक्रिय रहा।
21. भारत की स्वाधीनता के लिए सैनिक अभियान चलाने के उद्देश्य से किस स्थान पर आजाद हिंद फौज की स्थापना की गई ?
(a) जापान में 
(b) तत्कालीन बर्मा में
(c) सिंगापुर में
(d) मलेशिया में
उत्तर - (c)
व्याख्या- भारत की स्वाधीनता के लिए सैनिक अभियान चलाने के उद्देश्य से सिंगापुर में सुभाषचंद्र बोस द्वारा रास बिहारी बोस की सहायता से आजाद हिंद फौज की स्थापना की गई थी। वर्ष 1943 में सुभाषचंद्र बोस जापानी सहायता प्राप्त करने के उद्देश्य से जर्मनी से जापान पहुँचे थे, ताकि ब्रिटिश शासन के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह का प्रयास किया जा सके। हालाँकि आजाद हिंद फौज की स्थापना का विचार सर्वप्रथम कैप्टन मोहन सिंह ने दिया था। इस संगठन में बड़ी संख्या में दक्षिण-पूर्व एशिया में रहने वाले भारतीय तथा मलाया, सिंगापुर और वर्मा में जापानी सेनाओं द्वारा बंदी बनाए गए भारतीय सैनिक और अधिकारी शामिल हुए थे। 
22. दिल्ली के लाल किला के मुकदमे के संबंध में विचार कीजिए
1. सरकार ने इस मुकदमे में जनरल शाहनवाज, जनरल गुरुदयाल सिंह ढिल्लो और जनरल प्रेम सहगल पर दिल्ली के लाल किले में मुकदमा चलाने का फैसला किया।
2. ये लोग पहले ब्रिटिश सेना के अधिकारी थे।
3. कोर्ट मार्शल में आजाद हिंद फौज के इन बंदियों को दोष मुक्त करार दिया गया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2
(c) 1 और 3
(d) 2 और 3
उत्तर - (b)
व्याख्या- दिल्ली के लाल किला के मुकदमे के संबंध में कथन (1) और (2) सत्य हैं।
आजाद हिंद फौज के अभियोग से तात्पर्य नवंबर 1945 से लेकर मई, 1946 तक आजाद हिंद फौज के अनेक अधिकारियों पर चले कोर्ट मार्शल से है। इस दौरान कुल दस मुकदमे चले, जिसमें पहला और सबसे प्रसिद्ध मुकदमा दिल्ली के लाल किले में चला था। इस मुकदमें में कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल गुरु बख्श सिंह ढिल्लो तथा मेजर जनरल शाहनवाज खान संयुक्त रूप से अभियुक्त थे। इन लोगों की तरफ से मुकदमे को भूलाभाई देसाई ने प्रस्तुत किया था, पूर्व में ये सभी ब्रिटिश सेना के अधिकारी थे।
कथन (3) असत्य है, क्योंकि कोर्ट मार्शल में आजाद हिंद फौज के इन बंदियों की अंग्रेजी सरकार के कमांडर इन चीफ सर क्लॉड अक्लनिक के द्वारा उम्र कैद की सजा को माफ कर दिया गया था।
23. फरवरी, 1946 में नौसेना विद्रोह किस स्थान पर हुआ था ?
(a) कलकत्ता 
(b) मुंबई
(c) मद्रास
(d) गोवा
उत्तर - (b)
व्याख्या- फरवरी, 1946 में नौसेना विद्रोह मुंबई में हुआ था। भारत की स्वतंत्रता से पूर्व मुंबई में रायल इंडियन नेवी के सैनिकों द्वारा पूर्ण हड़ताल की गई और खुला विद्रोह भी किया गया, जिसे जल सेना विद्रोह या मुंबई विद्रोह के जाना जाता है। नाम
यद्यपि यह विद्रोह मुंबई में आरंभ हुआ, किंतु कराची से कोलकाता तक इसे समस्त ब्रिटिश भारत में समर्थन प्राप्त हुआ। इस विद्रोह का मुख्य कारण ब्रिटिश अफसरों द्वारा भारतीय नाविकों के प्रति अपनाया गया नस्लीय भेदभाव व टिप्पणी था ।
24. वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 13 वर्षीय कनकलता बरूआ को किस स्थान पर गोली मार कर हत्या कर गई थी?
(a) गोहपुर (असम) 
(b) थलचर (ओडिशा)
(c) हजारीबाग (झारखंड) 
(d) मुजफ्फरपुर (बिहार)
उत्तर - (a)
व्याख्या- कनकलता बरूआ भारत की स्वतंत्रता सेनानी थी, जिनकी अंग्रेजों ने वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान असम के गोहपुर में गोली मारकर हत्या कर दी थी, उन्हें 'वीरबाला' भी कहा जाता है।
25. सुभाषचंद्र बोस के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. उन्होंने 21 अक्टूबर, 1943 को सिंगापुर में अंतरिम सरकार की स्थापना की थी।
2. उन्होंने अंडमान पर भारत का झंडा फहराया।
3. उन्होंने करो या मरो का नारा दिया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1 
(b) 1 और 3
(c) 1 और 2
(d) केवल 2
उत्तर - (c)
व्याख्या- सुभाषचंद्र बोस संबंध में दिए गए कथनों में से (1) और (2) सत्य हैं। सुभाषचंद्र बोस ने 21 अक्टूबर, 1943 को सिंगापुर में स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार का गठन किया था, जिसका जर्मनी व जापान ने समर्थन किया था।
सुभाषचंद्र बोस ने अंडमान पर भारत का झंडा फहराया था, जिसके पश्चात् 8 नवंबर, 1943 को जापान ने अंडमान और निकोबार द्वीप को सुभाषचंद्र बोस को सौंप दिया। इन्होंने इनका नाम क्रमश: 'शहीद द्वीप' और 'स्वराज द्वीप' रखा था।
कथन (3) असत्य है, क्योंकि महात्मा गाँधी ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अपने ऐतिहासिक संबोधन में 'करो या मरो' का आहवान किया था न कि सुभाषचंद्र बोस ने।
26. जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने एक अंतरिम मंत्रिमंडल का गठन कब किया था?
(a) जुलाई, 1946
(b) अगस्त, 1946 
(c) सितंबर, 1946
(d) अक्टूबर, 1946 
उत्तर - (c)
व्याख्या- जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने एक अंतरिम मंत्रिमंडल का गठन 2 सितंबर, 1946 को किया था। इस मंत्रिमंडल में मुस्लिम लीग की भागीदारी नहीं थी। इस अंतरिम मंत्रिमंडल में जवाहरलाल नेहरू, वल्लभभाई पटेल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, आसफ अली, सी. राजगोपालाचारी, जॉन मथाई, सरफराज अहमद खाँ, नाजिक राम, सैयद अली जहीन आदि शामिल थे। ये सदस्य औपचारिक रूप से वायसराय की कार्यकारिणी परिषद् के सदस्य थे।
27. निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. फरवरी, 1947 में लॉर्ड माउंटबेटन को वायसराय बनाकर भारत भेजा गया।
2. माउंटबेटन ने कांग्रेस एवं लीग से बातचीत के उपरांत भारत विभाजन का रास्ता खोजा।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (a)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (1) असत्य है, क्योंकि मार्च, 1947 में लॉर्ड लुई माउंटबेटन भारत का वायसराय बनकर आया था न कि फरवरी, 1947 में।
कथन (2) सत्य है, क्योंकि लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत आगमन के पश्चात् कांग्रेस और मुस्लिम लीग के नेताओं से लंबी बातचीत की, लेकिन समझौते के पश्चात् देश विभाजन के रूप में एक हल निकाला गया और पाकिस्तान नामक एक नए राज्य की स्थापना को प्रस्तावित किया गया।
28. निम्न में से किस रियासत को 'जनमत संग्रह' के द्वारा भारतीय संघ में मिलाया गया ? 
(a) हैदराबाद
(b) कश्मीर 
(c) जूनागढ़
(d) सतारा 
उत्तर - (c)
व्याख्या- जूनागढ़ रियासत को 'जनमत संग्रह के द्वारा भारतीय संघ में मिलाया गया था। भारत और पाकिस्तान के स्वाधीन होने की घोषणा 3 जून, 1947 को की गई। तत्कालीन रजवाड़ों को यह छूट दी गई कि वे किसी भी राज्य में शामिल हो सकते हैं।
सरदार वल्लभभाई पटेल की सफल कूटनीति के कारण और अधिकांश रजवाड़ों की जनता ने भारत में शामिल होने का फैसला किया। काठियावाड़ के समुद्र तट पर स्थित जूनागढ़ रियासत की जनता ने भी भारत में शामिल होने की इच्छा जताई, लेकिन वहाँ का नवाब पाकिस्तान में शामिल होना चाहता था। अंतत: भारतीय सैन्य कार्रवाई के द्वारा राज्य पर कब्जा कर वहाँ एक जनमत संग्रह कराया गया और परिणाम भारत में शामिल होने के पक्ष में निकला।
29. निम्नलिखित में किन क्षेत्रों को मिलाकर वर्ष 1947 में पाकिस्तान का एक पृथक् राज्य के रूप में गठन हुआ था?
(a) पश्चिमी पंजाब
(b) पूर्वी बंगाल
(c) सिंध और पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर - (d)
व्याख्या- अगस्त, 1947 में पश्चिमी पंजाब, पूर्वी बंगाल तथा सिंध और पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत को मिलाकर एक पृथक् पाकिस्तान देश की स्थापना की गई थी। वर्तमान में पाकिस्तान का पूर्वी प्रांत वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के पश्चात् बांग्लादेश के रूप में एक स्वतंत्र राज्य बना। 'पाकिस्तान' शब्द का जन्म वर्ष 1933 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली द्वारा हुआ था।
30. 14 अगस्त, 1947 को संविधान सभा में आधी रात को प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा जो भाषण दिया गया था, उसका नाम क्या था ? 
(a) भाग्य विधाता से मिलन 
(b) नियति से मिलन
(c) प्रगति से मिलन
(d) प्रकृति से मिलन
उत्तर - (b)
व्याख्या- 14 अगस्त, 1947 की रात को जवाहरलाल नेहरू द्वारा संविधान सभा के समक्ष, जो प्रसिद्ध स्मरणीय वक्तव्य दिया गया, उसे 'नियति से मिलन' के रूप में संबोधित किया जाता है। अपने इस वक्तव्य में जवाहरलाल नेहरू ने देश की जनता को स्वाधीनता से अवगत कराते हुए एक नए युग में प्रवेश करने हेतु दृढ़ संकल्पित किया है।
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