NCERT MCQs | प्राचीन इतिहास | महाजनपद

महाजनपद

NCERT MCQs | प्राचीन इतिहास | महाजनपद

NCERT MCQs | प्राचीन इतिहास | महाजनपद

महाजनपदों का विकास

1. पुरातत्वविदों ने 'जनपद' नामक इकाइयों की कई बस्तियों की खुदाई की। ये बस्तियाँ निम्नलिखित में से किस एक स्थान से नहीं मिली हैं?
(a) कौशांबी, उत्तर प्रदेश 
(b) पुराना किला, दिल्ली
(c) हस्तिनापुर, मेरठ 
(d) अतरंजीखेड़ा, एटा
उत्तर - (a)
व्याख्या- पुरातत्वविदों को कौशांबी (उत्तर प्रदेश) से जनपदीय बस्तियाँ नहीं मिली हैं। कौशांबी से महाजनपद कालीन किले की दीवार के अवशेष मिले हैं। इसके एक भाग का निर्माण संभवतः 2500 वर्ष पूर्व हुआ था। पुरातत्वविदों को दिल्ली के पुराना किला, उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर तथा अतरंजीखेड़ा से जनपदों की कई बस्तियों के साक्ष्य मिले हैं। इन 'जनपदों' ने कालांतर में महाजनपद का रूप धारण कर लिया था।
2. महाजनपद के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सत्य नहीं है?
(a) महाजनपदों की कई राजधानियों में किलेबंदी की गई थी।
(b) अधिकतर महाजनपदों की एक राजधानी होती थी ।
(c) राजधानियों की किलेबंदी केवल पत्थर से की जाती थी।
(d) अन्य राजाओं के आक्रमण से बचने के लिए किलेबंदी की जाती थी।
उत्तर - (c)
व्याख्या- महाजनपद के संबंध में कथन (c) सत्य नहीं है, क्योंकि महाजनपदकालीन राजधानियों की किलेबंदी लकड़ी, ईंट तथा पत्थर तीनों से की जाती थी। किलेबंदी के लिए लकड़ी, ईंट या पत्थर की ऊँची दीवारें बनाई जाती थीं।
ज्ञातव्य है कि धार्मिक साहित्यिक स्रोतों में महाजनपदों की संख्या 16 बताई गई है। इनकी राजधानियों की अन्य राजाओं के आक्रमण से बचने के लिए किलेबंदी की जाती थी।
अधिकतर महाजनपदों की राजधानी एक होती थी, लेकिन इसका अपवाद भी था। इसमें अवंति की दो राजधानियाँ थीं।
3. महाजनपद कालीन राजा के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. राजा के पास स्थायी सेना थी।
2. सेना को भुगतान आहत सिक्कों में होता था।
3. सेना को केवल युद्ध के समय बहाल किया जाता था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 3 
(b) 1 और 2
(c) 1, 2 और 3
(d) केवल 3
उत्तर - (b)
व्याख्या- महाजनपद कालीन राजा के संबंध में कथन (1) और (2) सत्य हैं । महाजनपद काल में राजा की शक्ति में बढ़ोतरी हुई थी। अब राजा स्थायी सेना रखने लगा था। सिपाहियों को नियमित वेतन देकर पूरे वर्ष रखा जाता था।
कुछ भुगतान संभवत: आहत सिक्कों के रूप में होता था। आहत सिक्के धातु की चादर को काटकर बनाए जाते थे। इन पर कुछ लिखा हुआ नहीं होता था, बल्कि ठप्पे द्वारा कुछ चिह्न बनाए जाते थे।
कथन (3) असत्य है, क्योंकि सेना की बहाली महाजनपद काल में केवल युद्ध के समय नहीं, बल्कि नियमित रूप से होने लगी थी।
4. महाजनपद कालीन कर प्रणाली के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) 'भाग' फसलों पर लगने वाला कर था।
(b) उपज का 1/3 भाग कर के रूप में दिया जाता था।
(c) कारीगरों को राजा के लिए महीने में एक दिन कार्य करना था।
(d) पशुपालकों को उत्पाद के रूप में कर देना पड़ता था।
उत्तर - (b)
व्याख्या- महाजनपद कालीन कर प्रणाली के संबंध में कथन (b) सत्य नहीं है, क्योंकि महाजनपद काल में कर उपज का 1/6वाँ हिस्सा लिया जाने लगा था। इस काल में फसलों पर लगाए गए कर सबसे महत्त्वपूर्ण थे, क्योंकि अधिकांश लोग कृषक थे। प्राय: उपज का 1/6वाँ हिस्सा कर के रूप में निर्धारित किया जाता था, जिसे 'भाग' कहा जाता था। इस काल में बुनकर, लोहार या सुनार जैसे कारीगरों को कर अदायगी स्वरूप राजा के लिए महीने में एक दिन कार्य करना पड़ता था। पशुपालकों को पशुओं या उनके उत्पाद के रूप में कर देना पड़ता था।
5. महाजनपद कालीन आर्थिक व्यवस्था के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. व्यापारियों को सामान खरीदने-बेचने पर कर नहीं देना पड़ता था।
2. आखेटकों तथा संग्राहकों को जंगल से प्राप्त वस्तुएँ कर के रूप में देनी होती थीं।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1 
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (b)
व्याख्या- महाजनपद कालीन आर्थिक व्यवस्था के संबंध में कथन ( 2 ) सत्य है । महाजनपद काल में आखेटकों (शिकार करने वाले) तथा संग्राहको ( खाद्य उत्पादन को संग्रहीत करने वाले) को जंगल से प्राप्त वस्तुओं को कर के रूप में राजा को देना पड़ता था। इन वस्तुओं में शिकार किए हुए जानवर के माँस, फल, अनाज आदि शामिल थे।
कथन (1) असत्य है, क्योंकि व्यापारियों को सामान खरीदने-बेचने पर भी कर देना पड़ता था। यह कर सिक्कों अथवा वस्तु के रूप में लिया जाता था।
6. बिहार में स्थित अंग महाजनपद में निम्नलिखित में से कौन-से जिले शामिल थे? 
(a) पटना और वैशाली 
(b) मुंगेर और भागलपुर
(c) दरभंगा और सीतामढ़ी
(d) सारण और वैशाली
उत्तर - (b)
व्याख्या- बिहार में स्थित अंग में आधुनिक मुंगेर और भागलपुर जिले शामिल थे। महाजनपदों की क्षेत्रीय अवस्थिति के अनुसार पूरब से शुरू करने पर पहले स्थान पर अंग महाजनपद था। यह बिहार में स्थित था। अंग की राजधानी चंपा थी। यहाँ से ईसा पूर्व छठी सदी से आबादी होने के प्रमाण मिलते हैं। यहाँ पाँचवीं सदी ई. पू. के लगभग का मिट्टी का किला मिला है। अंततोगत्वा अंग जनपद को पड़ोस के शक्तिशाली मगध राज्य ने अपने राज्य में मिला लिया।
7. महाजनपद काल में कृषि से संबंधित निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा असत्य है ?
(a) लकड़ी की जगह लोहे के फाल का प्रयोग होने लगा।
(b) धान को छिड़ककर उपजाने के बजाय पौधों के रोपण की विधि अपनाई गई।
(c) खेती का कार्य केवल भूमिहीन खेतिहर मजदूरों से कराया जाने लगा।
(d) खाद्यान्न फसलों के उत्पादन में वृद्धि हुई।
उत्तर - (c)
व्याख्या- महाजनपद काल में कृषि से संबंधित कथन (c) असत्य है, क्योंकि महाजनपद काल में कृषि कार्य में अधिकतर दास, दासी तथा भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को लगाया जाता था। भूमिहीन खेतिहर मजदूर को कम्मकार कहा जाता था। इस काल में धान की खेती के अतिरिक्त जौ, दलहन, ज्वार, कपास तथा ईख की भी खेती होती थी।
8. महाजनपदों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. बौद्ध तथा जैन ग्रंथों में महाजनपदों की संख्या सोलह बताई गई है।
2. इन ग्रंथों में महाजनपदों के नाम की सूची एक समान है।
3. अस्मक दक्षिण भारत में स्थित एकमात्र महाजनपद था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) केवल 3
(c) 1 और 3.
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- महाजनपदों के संबंध में कथन (1) और (3) सत्य हैं।
बौद्ध ग्रंथ 'अंगुत्तर निकाय' तथा जैन ग्रंथ 'भगवती सूत्र' में महाजनपदों की संख्या सोलह बताई गई है। इसमें अस्मक एकमात्र महाजनपद है, जो दक्षिण भारत में गोदावरी नदी के किनारे स्थित था।
कथन (2) असत्य है, क्योंकि बौद्ध तथा जैन ग्रंथों में महाजनपदों के नाम की सूची भिन्न-भिन्न मिलती है, लेकिन वज्जि, मगध, कोसल, कुरु, पांचाल, गांधार और अवंति का नाम समान मिलता है।
9. छठी शताब्दी ईसा पूर्व में गणराज्य के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. गणराज्य में शक्ति परिवारों और कुलों के प्रमुखों के हाथों में रहती थी।
2. गणराज्य में वंशानुगत राजा का प्रचलन था।
3. शाक्य और लिच्छवि वंशों के अपने प्रसिद्ध गणराज्य थे।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 3 
(b) 2 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) केवल 3
उत्तर - (a)
व्याख्या- छठी शताब्दी ईसा पूर्व में गणराज्य के संबंध में कथन (1) और (3) सत्य हैं। महाजनपद काल में गणराज्य ऐसा शासन होता था, जिसमें शक्ति परिवारों और कुलों के प्रमुखों या कुछ चुने हुए व्यक्तियों के या किसी चुने हुए मुखिया के हाथ में रहती थी। शाक्य और लिच्छवि वंशों के अपने प्रसिद्ध गणराज्य थे। इनका क्षेत्र वर्तमान के उत्तरी बिहार में स्थित था।
कथन (2) है, क्योंकि गणराज्य में वंशानुगत राजा का नहीं, बल्कि चुने हुए राजा का प्रचलन था। ये जनता द्वारा चुने जाते थे, इसलिए इनका नाम 'गणराज्य' था।
10. ईसा पूर्व छठी शताब्दी में राजा के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है? 
(a) राजा, समाज और धर्म का रक्षक था।
(b) राजा की स्थिति शक्तिशाली हो गई थी।
(c) अमात्य राजा को दैवी शक्ति तथा गुणों से संपन्न बनाते थे।
(d) पुरोहित राजा का मुख्य सलाहकार होता था।
उत्तर - (c)
व्याख्या- ईसा पूर्व छठी शताब्दी में राजा के संबंध में कथन (c) सत्य नहीं है, क्योंकि इस शताब्दी में अमात्य नहीं, बल्कि पुरोहित राजा को दैवी शक्ति तथा गुणों से संपन्न बनाता था । पुरोहित ब्राह्मण होता था। राजतंत्र के मामले में ब्राह्मणों का कहना था कि राजा कोई सामान्य मनुष्य न होकर देवता के समान है और ब्राह्मण ही कुछ अनुष्ठान करके राजा को दैवी शक्ति तथा गुणों से संपन्न बना देता था।
राजा इस काल में शक्तिशाली बन गया था, वह समाज और धर्म का रक्षक था। पुरोहित, राजा का मुख्य सलाहकार होता था।
11. ईसा पूर्व छठी सदी में महाजनपदों के निर्माण में सहायक कारकों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. लोहे का व्यापक प्रयोग होने से महाजनपदों का निर्माण प्रारंभ हुआ।
2. नए कृषि उपकरणों की सहायता से अधिक अनाज उत्पन्न होने लगा था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1 
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (c)
व्याख्या- महाजनपदों के निर्माण में सहायक कारकों के संबंध में दोनों कथन सत्य हैं। छठी सदी ईसा पूर्व में लोहे के व्यापक प्रयोग ने जनपदों को महाजनपद बदल दिया। लोहे का व्यापक प्रयोग इस काल की एक युगांतकारी घटना थी।
इसने कालांतर में भारतीय उपमहाद्वीप में द्वितीय नगरीकरण को जन्म दिया। प्रथम नगरीय सभ्यता हड़प्पा सभ्यता थी। इस काल में लोहे से बने हथियारों से जंगलों की सफाई हुई। उन्हें खेती योग्य भूमि में बदल दिया गया। इसका परिणाम यह हुआ कृषि में अधिशेष उत्पादन होने लगा।
12. महाजनपद काल में जहाँ सत्ता पुरुषों के एक समूह के हाथ में होती थी, उसे क्या कहा जाता था? 
(a) डायाक
(b) ओलीगार्की
(c) पेट्रॉय
(d) डेमोकार्गी
उत्तर - (b)
व्याख्या- ओलीगार्की या 'समूह शासन' उसे कहते हैं, जहाँ सत्ता पुरुषों के एक समूह के हाथ में होती थी। महाजनपद काल में इस प्रकार की शासन प्रणाली प्रचलन में थी। भारत के बाहर रोमन साम्राज्य में भी ओलीगार्की नामक शासन प्रणाली का प्रचलन था।

मगध

1. मगध के शासक बिंबिसार के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है? 
(a) वह हर्यंक कुल का तथा महावीर स्वामी का समकालीन था।
(b) उसने अंग देश पर अधिकार कर लिया था।
(c) उसकी पहली पत्नी कोशलराज की पुत्री थी।
(d) काशी का राज्य उसे दहेज में मिला था।
उत्तर - (a)
व्याख्या- मगध के शासक बिंबिसार के संबंध में कथन (a ) सत्य नहीं है, क्योंकि बिंबिसार महावीर स्वामी का नहीं, बल्कि महात्मा बुद्ध का समकालीन था । वह हर्यक वंश तथा मगध साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था। उसने अंग राज्य को जीतकर मगध साम्राज्य में मिलाया तथा अपने पुत्र अजातशत्रु को वहाँ का शासक नियुक्त किया। उसकी प्रथम पत्नी कोशलदेवी कोशलराज प्रसेनजीत की बहन थी तथा दूसरी पत्नी लिच्छवि राजकुमारी चेल्लना थी। उसे काशी का क्षेत्र दहेज के रूप में दिया गया था।
2. बिंबिसार ने अपने राजवैद्य जीवक को अवंति के किस शासक के उपचार के लिए भेजा था? 
(a) राजा प्रसेनजीत 
(b) राजा चंडप्रद्योत महासेन
(c) राजा कोशलजीत
(d) रानी चेल्लना
उत्तर - (b)
व्याख्या- बिंबिसार ने अपने राजवैद्य जीवक को अवंति के राजा चंडप्रद्योत महासेन के उपचार के लिए भेजा था। वे पीलिया रोग से पीड़ित थे। जीवक ने उन्हें रोगमुक्त कर दिया था। इसका परिणाम यह हुआ कि मगध तथा अवंति में मित्रता हो गई। अवंति की राजधानी उज्जैन थी। कालांतर में अवंति मगध साम्राज्य के अंतर्गत समाहित हो गई तथा मगध सबसे अधिक शक्तिशाली राज्य बन गया।
3. मगध के शासक अजातशत्रु के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए 
1. उसने अपने पिता की हत्या कर सिंहासन पर कब्जा किया था।
2. उसने वैशाली को मगध साम्राज्य में मिला लिया।
3. उसने पाटलिपुत्र की किलेबंदी करवाई |
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है /हैं?
(a) 1 और 3 
(b) 1 और 2
(c) 1, 2 और 3
(d) केवल 3
उत्तर - (b)
व्याख्या- मगध के शासक अजातशत्रु के संबंध में कथन (1) और (2) सत्य हैं। बिंबिसार के बाद उसका पुत्र अजातशत्रु (492-460 ई. पू.) सिंहासन पर बैठा। अजातशत्रु को 'पितृहंता' भी कहा जाता है, क्योंकि उसने अपने पिता की हत्या कर राजगद्दी प्राप्त की थी। उसने अपने शासनकाल में वैशाली को मगध साम्राज्य में मिला लिया था। यह कार्य उसके पिता बिंबिसार भी नहीं कर पाए थे।
कथन (3) असत्य है, क्योंकि पाटलिपुत्र की किलेबंदी अजातशत्रु ने नहीं, बल्कि उसके पुत्र उदायिन ने की थी।
4. मगध साम्राज्य के विभिन्न वंशों के अंतर्गत निम्नलिखित में से किस एक शासक ने शासन नहीं किया था ? 
(a) कालाशोक
(b) प्रसेनजीत
(c) महापद्मनंद
(d) उदायिन
उत्तर - (b)
व्याख्या- मगध साम्राज्य के अंतर्गत प्रसेनजीत ने शासन नहीं किया था। प्रसेनजीत छठी सदी ईसा पूर्व में कोशल के राजा थे। वह गौतम बुद्ध के समकालीन था। इसकी बहन कोशल देवी की शादी मगध नरेश बिंबिसार से हुई थी। प्रसेनजीत के शासनकाल में काशी कोसल का हिस्सा था। कालाशोक मगध पर शासन करने वाले शिशुनाग वंश का शासक था। महापद्मनंद तथा उदायिन ने मगध साम्राज्य पर शासन किया था।
5. वज्जि संघ पर अजातशत्रु आक्रमण करना चाहता था। उसने उस विषय पर सलाह के लिए अपने एक मंत्री को बुद्ध के पास भेजा था, अजातशत्रु के उस मंत्री का क्या नाम था ?
(a) चेटक 
(b) सुनीध
(c) वस्सकार
(d) जीवक
उत्तर - (c)
व्याख्या- अजातशत्रु ने अपने मंत्री वस्सकार को वज्जि संघ पर आक्रमण के संदर्भ में सलाह लेने हेतु बुद्ध के पास भेजा था। अजातशत्रु का मंत्री वज्जि की राजधानी वैशाली में षड्यंत्र के माध्यम से फूट डालने में सफल रहा और अंत में वैशाली को जीतकर अजातशत्रु ने मगध साम्राज्य में मिला लिया।
6. वज्जि संघ का वर्णन सर्वप्रथम किस ग्रंथ में मिलता है?
(a) मज्झिम निकाय
(b) विनयपिटक
(c) दीघनिकाय
(d) अभिधम्मपिटक
उत्तर - (c)
व्याख्या- वज्जि संघ का वर्णन सर्वप्रथम 'दीघनिकाय' नामक ग्रंथ में मिलता है। यह एक प्रसिद्ध बौद्ध ग्रंथ है, जिसमें बुद्ध के कई व्याख्यान वर्णित हैं। इसे लगभग 2300 वर्ष पूर्व लिखा गया था। गद्य एवं पद्य दोनों में रचित इस निकाय में बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का समर्थन किया गया है। इस निकाय का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सुत्त है- 'महापरिनिब्बानसुत्त' । इस निकाय में महात्मा बुद्ध के जीवन के अंतिम समय, अंतिम उपदेशों, मृत्यु तथा अंत्येष्टि का वर्णन किया गया है।
7. महाजनपद काल में अनाज रखने के लिए किस पात्र का उपयोग किया जाता था? 
(a) गैरिक-मृद्भांड
(b) चित्रित-धूसर मृदभांड
(c) कांस्य का मृद्भांड
(d) लौहे से बना मृद्भांड
उत्तर - (b)
व्याख्या- महाजनपद काल में अनाज रखने के लिए चित्रित धूसर मृद्भांड का उपयोग किया जाता था इस प्रकार के पात्रों में अधिकतर थालियाँ और कटोरियाँ ही मिली हैं। ये पात्र बहुत ही पतली सतह के सुंदर और चिकने होते हैं। संभवत: इनका प्रयोग विशेष अवसरों पर महत्त्वपूर्ण लोगों को भोजन परोसने के लिए भी किया जाता था। ये पात्र मिट्टी से बनाए जाते थे।

विदेशी आक्रमण

1. 516 ई. पू. में भारत पर हुए ईरानी आक्रमण के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. यह आक्रमण भारत की पश्चिमोत्तर सीमा पर हुआ था ।
2. प्रथम आक्रमण दारयवहु (देरियस) के नेतृत्व में हुआ था।
3. देरियस ने पंजाब और सिंध को जीत लिया था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 3
(d) ये सभी
उत्तर - (d)
व्याख्या- 516 ई. पू. में भारत पर हुए ईरानी आक्रमण के संबंध में सभी कथन सत्य हैं। भारत पर प्रथम विदेशी आक्रमण ईरान के हखमनी वंश के राजाओं ने किया। दारयवहु इसी वंश का शासक था। इसी के नेतृत्त्व में यह आक्रमण हुआ।
दारयवहु (देरियस) ने 516 ई. पू. में पश्चिमोत्तर भारत में प्रवेश किया और पंजाब तथा सिंध को जीत लिया। यह क्षेत्र फारस (ईरान) का बीसवाँ प्रांत क्षत्रपी बन गया। फारस साम्राज्य में कुल मिलाकर अट्ठाइस क्षत्रपियाँ थीं।
2. फारस (ईरान) साम्राज्य के भारतीय क्षत्रपी में निम्नलिखित में से कौन-सा भाग शामिल नहीं था ?
(a) सिंधु नदी का पश्चिमी क्षेत्र 
(b) पंजाब
(c) सिंध
(d) कुरुक्षेत्र
उत्तर - (d)
व्याख्या- फारस (ईरान) साम्राज्य के भारतीय क्षत्रपी में कुरुक्षेत्र (हरियाणा) शामिल नहीं था। यहाँ तक ईरानी आक्रमणकारी नहीं पहुँच पाए थे। भारतीय क्षत्रपी में सिंध, पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत तथा पंजाब का सिंधु नदी के पश्चिम वाला भाग था। यह साम्राज्य का सबसे अधिक आबाद और उपजाऊ भाग था। दारयवहु के तीन अभिलेखों बेहिस्तून, पर्सिपोलिस एवं नक्शेरुस्तम से यह सिद्ध होता है कि उसी ने सर्वप्रथम सिंधु नदी के तटवर्ती भारतीय भू-भागों को अधिकृत किया।
3. ईरानी शासक क्षयार्ष के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. वह जरसिस का उत्तराधिकारी था।
2. उसने भारतीयों को अपनी फौज शामिल किया था।
3. उसने यूनानियों के विरुद्ध युद्ध में भाग लिया था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है / हैं?
(a) 2 और 3 
(b) 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (a)
व्याख्या- ईरानी शासक क्षयार्ष के संबंध में कथन (2) और (3) सत्य हैं। क्षयार्ष ने भारतीयों को अपनी सेना में बड़े पैमाने पर शामिल किया था। इसका कारण यह था कि यूनानियों के विरुद्ध लंबी लड़ाई लड़नी थी तथा बिना भारतीय सैनिकों के सहयोग के यह लड़ाई जीतना संभव नहीं था।
कथन (1) असत्य है, क्योंकि क्षयार्ष दारयवहु का उत्तराधिकारी था। जरसिस उसी का अन्य एक नाम था। क्षयार्ष के बाद भारत में ईरानी साम्राज्य का अंत हो गया था।
4. छठी सदी ईसा पूर्व में प्रचलित 'टैलेंट' क्या था?
(a) सेना में भर्ती की प्रक्रिया
(b) मुद्रा तथा भार की प्राचीन माप
(c) व्यापारिक श्रेणी का समूह
(d) समुद्री व्यापार का मार्ग
उत्तर - (b)
व्याख्या- छठी सदी ईसा पूर्व में प्रचलित 'टैलेंट' मुद्रा तथा भार की प्राचीन माप थी। राजस्व के रूप में इसकी अदायगी होती थी। ईरानी साम्राज्य के बीसवें प्रांत (पंजाब तथा सिंध) से 360 टैलेंट सोना राजस्व के रूप में आता था, जो फारस के सभी एशियाई प्रांतों से मिलने वाले कुल राजस्व का एक-तिहाई था।
5. ईरान और भारत के मध्य संपर्क के परिणामों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. स्थापत्य कला पर स्पष्ट ईरानी प्रभाव
2. खरोष्ठी लिपि का शुभारंभ
3. आहत मुद्राओं का प्रचलन
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) केवल 3
(c) 1, 2 और 3
(d) केवल 2
उत्तर - (c)
व्याख्या- ईरान और भारत के मध्य संपर्क के परिणामों के संबंध में सभी कथन सत्य हैं। भारत और ईरान का संपर्क लगभग 200 वर्षों तक बना रहा। इस संपर्क के परिणामस्वरूप भारत में स्थापत्य कला पर स्पष्ट रूप से ईरानी प्रभाव देखने को मिलता है। ईरानी संपर्क से भारत में खरोष्ठी लिपि का विकास हुआ। यह लिपि अरबी की तरह दाईं से बाईं ओर लिखी जाती थी। ईसा पूर्व तीसरी सदी में पश्चिमोत्तर भारत में अशोक के कुछ अभिलेख इसी लिपि में लिखे गए। साथ ही ईरानी संपर्क का यह परिणाम भी हुआ कि आहत मुद्राओं का प्रचलन बढ़ गया।
6. भारत से बाहर सिकंदर द्वारा जीते गए प्रदेशों में निम्नलिखित में से कौन शामिल नहीं था?
(a) एशिया माइनर (तुर्की)
(b) इराक
(c) ईरान
(d) अफगानिस्तान
उत्तर - (d)
व्याख्या- भारत से बाहर सिकंदर द्वारा जीते गए प्रदेशों में अफगानिस्तान शामिल नहीं था। अफगानिस्तान तत्कालीन समय में भारत का भाग था। सिकंदर ने भारत से ईरानी साम्राज्य को समाप्त कर दिया था। उसके बाद उसने न केवल एशिया माइनर (तुर्की) और इराक को, बल्कि ईरान को भी जीत लिया। ईरान से वह भारत की ओर बढ़ा था।
7. भारत पर सिकंदर के आक्रमण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 
1. हेरोडोटस ने भारत का वर्णन अपार संपत्ति वाले देश के रूप में किया था।
2. इस वर्णन को पढ़कर सिकंदर भारत पर आक्रमण करने के लिए प्रेरित हुआ।
3. सुकरात ने सिकंदर को भारत पर आक्रमण के लिए प्रोत्साहित किया था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) केवल 3
(d) केवल 1
उत्तर - (a)
व्याख्या- भारत पर सिकंदर के आक्रमण के संदर्भ में कथन (1) और (2) सत्य हैं। इतिहास के पिता कहे जाने वाले हेरोडोटस तथा अन्य यूनानी लेखकों ने भारत का वर्णन अपार संपत्ति वाले देश के रूप में किया था। इस वर्णन को पढ़कर ही सिकंदर भारत पर आक्रमण करने के लिए प्रेरित हुआ। सिकंदर में भौगोलिक अन्वेषण और प्राकृतिक इतिहास के प्रति तीव्र इच्छा थी, जिसके कारण वह भारत आना चाहता था।
कथन (3) असत्य है, क्योंकि सुकरात ने नहीं, बल्कि अरस्तू ने सिकंदर को भारत पर आक्रमण करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
8. सिकंदर के आक्रमण के समय उत्तर भारत पर निम्नलिखित राजवंशों में से किस एक का शासन था ?
(a) नंद
(b) मौर्य
(c) कण्व
(d) शुंग
उत्तर - (a)
व्याख्या- उत्तर पश्चिम भारत पर सिकंदर के आक्रमण के समय उत्तर भारत पर नंद वंश का शासन था। घनानंद मगध साम्राज्य का शासक था। उसकी विशाल सेना का विवरण सुनकर सिकंदर के सैनिक हतोत्साहित हुए और सिकंदर को अपना अभियान समाप्त करना पड़ा।
9. सिकंदर के समकालीन राजा पोरस का राज्य किनके बीच में अवस्थित था ? 
(a) सिंधु तथा झेलम नदी
(b) रावी तथा व्यास नदी
(c) झेलम तथा चिनाब नदी
(d) चिनाब तथा सतलुज नदी
उत्तर - (c)
व्याख्या- सिकंदर के समकालीन राजा पोरस का राज्य झेलम तथा चिनाब के बीच स्थित था। सिकंदर ने भारत पर आक्रमण कर पोरस को पराजित किया, परंतु वह उसकी बहादुरी और साहस से बड़ा प्रभावित हुआ । इसलिए उसने उसका राज्य वापस कर दिया तथा पोरस को अपना सहयोगी बना लिया। इसके पश्चात् ही वह व्यास नदी तक पहुँच पाया। उसकी सेना ने व्यास नदी को पार करने से मना कर दिया।
10. भारत तथा यूनानी संपर्क के निम्नलिखित में से क्या परिणाम हुए?
1. बढ़ईगिरि भारत की सबसे उन्नत दस्तकारी बन गई ।
2. सिकंदर ने सिकंदरिया शहर की स्थापना की।
3. व्यास नदी के तट पर सिकंदर ने बुकेफाल नगर की स्थापना की।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) 1 और 2 
(b) 2 और 3
(c) केवल 2
(d) 1 और 3
उत्तर - (a)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (1) और (2) सत्य हैं। सिकंदर के आक्रमण के पश्चात् भारत में बढ़ईगिरि उन्नत दस्तकारी बन कर उभरी थी। बढ़ई रथ, नाव और जहाज बनाते थे। तत्कालीन समय में इन सभी का अत्यंत महत्त्व था। सिकंदर ने सिकंदरिया नामक नगर की स्थापना की। कथन (3) असत्य है, क्योंकि बुकेफाल नगर की स्थापना झेलम नदी के तट पर हुई थी। बुकेफाल सिकंदर के घोड़े का नाम था।
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