NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | How do Organisms Reproduce? जीव जनन कैसे करते हैं?
How do Organisms Reproduce? जीव जनन कैसे करते हैं?

NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | How do Organisms Reproduce? जीव जनन कैसे करते हैं?
ANSWERS
DISCUSSION
- यीस्ट में अलैंगिक जनन की क्रिया मुकुलन विधि द्वारा होती है।
- अमीबा में अलैंगिक जनन की क्रिया विखण्डन विधि द्वारा होती है।
- अलैंगिक जनन में एक जीव नए संतान की उत्पत्ति करता है।
- लैंगिक जनन में नर युग्मक तथा मादा युग्मक भाग लेते हैं।
- परागकोष में परागकण का निर्माण होता है जबकि अंडाशय में Ova का निर्माण होता है।
- पुष्प के मादा भाग को जायांग कहते है। यह तीन भागों में बँटे होते हैं, जिसे वर्तिकाग्र, वर्तिका तथा अंडाशय के नाम से जानते है।
- पुष्प के नर भाग को पुमंग कहते है यह दो भागों में बटे होते है जिसे परागकोष तथा फिलामेन्ट के नाम से जानते हैं।
- परागण - निषेचन, भ्रुण, नवोदभिद्ध
- परागकण का निर्माण परागकोष में होता है। परागकण पुष्प के वर्तिकाग्र में पहुँचता है, यह क्रिया परागकण कहलाती है।
- परागकण का अंडाशय में Ova को मिलने से निषेचन की क्रिया होती है।
- भ्रूण का विकास पुष्प के अंडाशय में होती है।
- अंडाशय ही विकसित होकर फल का निर्माण करता है ।
- परागण - पौधे में पराग कण (Pollon grains) का नर भाग से मादा - भाग पर स्थानान्तरण परागण कहलाता है ।
- निषेचन - मानव में केवल एक प्रकार की निषेचन होती है । इसमें युग्मकों के संलयन की क्रिया मादा जनन नाल के कुछ भागों के तथा ऑस्टियम के पास होती है ।
- भ्रूण (Embryo) – प्राणी के विकास की प्रारंभिक अवस्था को भ्रूण कहते हैं ।
- अलैंगिक जनन में युग्मक शामिल नहीं होते है।
- अलैंगिक जनन की क्रिया यीस्ट, अमीबा, पैरामीशियम युग्लीना में होती है।
- अलैंगिक जनन में Sperm तथा Ova की भूमिका नहीं होती है।
- लैंगिक जनन- लैंगिक जनन के लिए एक ही जाति के दो विपरित लिंग वाले जीवों अथवा जनन अंगों की आवश्यकता होती है ।
- ऐसे जीव जिनमें नर एवं मादा जनन अंग अलग-अलग जीवों में होते हैं। उन्हें एकलिंगी जीव कहते हैं ।
- ऐसे जीव जिनमें नर एवं मादा जनन अंग एक ही जीव में पाए जाते हैं। उन्हें द्विलिंगी जीव या हर्माफ्रोडाइट कहते हैं ।
Ex : फीताकृमि, केचुआ, तारा मछली ।
- अलैंगिक जनन - जब नर एवं मादा युग्मकों के संयोग के बिना होती है तो उसे अलैंगिक जनन कहा जाता है।
- अलैंगिक जनन के एकक जनक के संतान की उत्पत्ति होती है | संतान अलैंगिक जनन कोशिकाओं के समसूत्री विभाजन के द्वारा होती है ।
- अलैंगिक जनन मुख्यतः एक कोशिकीय जीवों तथा निम्नस्तरीय पादपों एवं जन्तुओं में पाया जाता है ।
Ex : स्पंज, हाइड्रा, यीस्ट, अमीबा इत्यादि ।
- DNA के क्रियात्मक खंड को Gene कहते है। जीन शब्द की खोज जोहान्सन नामक वैज्ञानिक ने की थी।
- राइबोसोम का मुख्य कार्य प्रोटीन का निर्माण करना तथा प्रोटीन का संश्लेषण करना।
- गॉल्जीकाय को यातायात प्रबंधक कहा जाता है ।
- गॉल्जीकाय की खोज कैमियो गॉल्जी ने किया था ।
- जीवद्रव्य की खोज डुजारडिन ने 1835 ई० में की थी तथा सारकोड नाम दिया और पुरकिंजे ने इसे प्रोटोप्लाज्म नाम दिया ।
- नर तथा मादा से उत्पन्न संतान में जो गुणों की समानता पाई जाती है, वह माता-पिता से प्राप्त होता है।
- बच्चों में जो गुण माता-पिता से प्राप्त होता है, उसमें गुणसूत्र को अहम भूमिका होती है।
- अमीबा में अलैंगिक जनन विखण्डन विधि द्वारा होता है।
- यीस्ट एककोशकीय कवक है, इसमें मुकुलन विधि द्वारा जनन की क्रिया होती है।
- स्पाइरोगाइरा एक प्रकार का शैवाल है, इसमें भी अलैंगिक जनन द्वारा नए जीव की उत्पत्ति होती है।
- एक कोशिकीय जीव - Ex : अमीबा, जीवाणु, पैरामिशियम शेवाल इत्यादि ।
- बहुकोशिकीय जीव- शैवाल, कवक, विषाणु, पादप, जन्तु इत्यादि ।
- स्पाइरोगाइरा शैवाल समुह में पाए जाने वाला जीव है।
- इनमें कोशिका का विभाजन बहुविभाजन विधि द्वारा होता है। अर्थात् एक जीव अनेक जीवों को जन्म देता है।
- द्विविभाजन विधि द्वारा अमीबा एक नए अमीबा को जन्म देता है।
- मुकुलन विधि द्वारा जनन की क्रिया हाइड्रा तथा यीस्ट में होता है। इनके शरीर पर एक कली जैसी संरचना निकलती है। यह टूटकर एक नए जीव को जन्म देता है।
- प्लाज्मोडियम की कुछ जातियों को मलेरिया परजीवी भी कहते हैं। क्योंकि मनुष्य के मलेरिया रोग उत्पन्न करती है ।
- प्लाज्मोडियम कोशिका के एक छोर पर विशिष्ट स्प्रावी जीवों के साथ एकल-कोशिका वाले परजीवियों का एक वर्गीकरण समूह फाइलम एपिकोम्पलेक्सा से संबंधित है।
- युग्मक, युग्मनज, भ्रुण, नवोदभिद्
- परागकण तथा Ova ये दोनों युग्मक कहलाते है जब ये दोनों आपस में मिलते है, तब निषेचन की क्रिया होती है और Zygote का निर्माण होता है।
- Zygote परिपक्व होकर भ्रूण का निर्माण करता है।
- परिपक्व भ्रूण बच्चे के रूप में विकसित होता है।
- युग्मक कोशिका–युकैरियोटिक प्रकार की जनन कोशिका है। इनका निर्माण युग्मक जनन की क्रिया के माइटोसिस कोशिका को शुक्राणु तथा स्त्रियों की जनन कोशिका को अंडाणु कहते हैं ।
- एक संतान के जन्म के पहले आया गुणसूत्र पिता से तथा आधा गुणसूत्र माता से प्राप्त होता है।
- संतान माता से 22 + XX गुणसुत्र तथा पिता 22 + XY को एक गुणसूत्र प्राप्त करता है।
- पिता के गुणसूत्र पर लिंग निर्धारण की क्रिया सम्पन्न होती है।
- एक समान्य मनुष्य में 46 गुणसूत्र होते हैं ।
- राइजोपस से निकलने वाली नालिकार संरचना हाइफे कहलाती है। इसी हाइफे के ऊपर बीजाणुधानी पाई जाती है।
- बीजाणुधानी के अन्दर बीजाणु पाए जाते हैं।
- बीजाणु बीजाणुधानी से निकलकर जमीन पर गिरकर एक नए राइजोपस को जन्म देता है।
- राइजोपस एक मृतोपजीवी (saprophytic) कवक है ।
- यह अपना पोषण सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करते हैं।
- बीजाणुधानियाँ-पराग कोश की प्रत्येक पाली के दो कोष्ठ होते हैं । इस प्रकार चारों कोनों के चार कोष्ठ पाये जाते हैं । जिनके परागकण भरे होते हैं। जिसे परागकुटि या लघु बिजाणुधानी भी कहते हैं ।
- तना को काटकर एक नए पौधे को विकसित किया जाता है। जैसे आलू, गन्ना, अदरख के तना को लगाया जाता है।
- ब्रायोफाइलम के पत्तियों पर कली जैसी संरचना पाई जाती है। यह संरचना टूटकर कर एक नए ब्रायोफाइलम को जन्म देती है।
- कायिक प्रवर्धन-किसी पौधे के वर्ची भागों जैसे-जड़, तना, पत्ती द्वारा ये पौधे तैयार होना कायिक प्रवर्धन कहते हैं ।
- यह अलैंगिक जनन का ही एक अंग है जिसमें पौधे के केवल वर्ची भाग Vegetative parts ही भाग लेते हैं ।
- डबल रोटी पर नमी और पोषकों की उपलब्धता के कारण कवक का वृद्धि तेजी से होता है।
- कवक प्रायः मृतोपजीवी होते है, ये सड़े गले चीजों पर जन्म लेते है।
- कवक का अध्ययन Mycology कहलाता है। इसकी कोशिका भित्ती काइटिन की बनी होती है जबकि भोजन का संग्रह Glycogen के रूप में करता है।
- परागकण का निर्माण परागकोष में होता है जबकि परागण की क्रिया Stigma में होती है।
- परागकण का निषेचन अंडाशय के अंदर होती है।
- निषेचन के बाद अंडाशय के अंदर बीजाण्ड का निर्माण होता है।
- परागनली की लम्बाई 8 से 10 इंच तक होती है।
- किसी वनस्पति के स्त्रीकेशर का सबसे अगला भाग Ex : वर्तिकाग्र तथा उसके नीचे वर्तिका होती है।
- नर भाग को पुमंग तथा मादा भाग को जायांग के नाम से जाना जाता है।
- पुष्प में निषेचन के बाद फल का निर्माण होता है। फल का निर्माण अंडाशय से होता है।
- कभी-कभी पुष्प उभयलिंगी भी होते है।
- इनमें परागकण होता है।
- एक लिंगी पुष्प जिनमें केवल पुंकेसर होते है, फल उत्पन्न नहीं कर पाते हैं।
- पुष्प जीवचक्र के दृष्टिकोण से पौधा का सबसे महत्वपूर्ण अंग कहलाता है। इसका अध्ययन Anthology कहलाता है।
- परागकण तथा Ova मिलकर निषेचन की क्रिया में भाग लेते है। यह घटना अंडाशय में होती हैं।
- परागकण तथा Ova के मिलने के बाद युग्मनज (Zygote) का निर्माण होता है।
- Zygote परिपक्व होकर बीजाण्ड का निर्माण करेगा |
- लैंगिक प्रजनन के युग्मनज निर्माण के लिए नर एवं मादा युग्मकों का निषेचन सम्मिलित होता है । जिसके विविधताएँ अधिक पाई जाती है ।
- बीज के अंकरण के बाद प्रांकुर विकसित होता है, जो तना का निर्माण करता है।
- बीजपत्र के अंदर खाद्य पदार्थ जमा होता है, जो पौधे को पोषण प्रदान करता है।
- मूलांकुर बीज से निकलने के बाद जड़ का निर्माण करता है।
- लैंगिक जनन में उत्पन्न संतति में अधिक विविधताएँ पायी जाती है।
- आनुवंशिक पदार्थ एक ही स्पीशीज के दो जनकों से आता है, इसी कारण संतान में अधिक विविधता पाई जाती है।
- जीवों में जो गुण प्राप्त होता है, उसमें माता तथा पिता का भूमिका होता है, क्योंकि इन्ही का गुण DNA के माध्यम से पुत्रों को प्राप्त होता है।
- DNA जीवों का एक आनुवंशिक पदार्थ है, जो गुणों का वाहक होता है।
- पृथ्वी पर सभी जीव अपने अस्तिव को बनाए रखने के लिए प्रजनन करते है। जिनका प्रजनन दर कम होने लगता है। उनके जाति की जनसंख्या कम होने लगती है।
- प्रजनन पीढ़ी दर पीढ़ी स्पीशीज (प्रजातियों) की निरन्तरता बनाये रखने के लिए अनिवार्य है। अन्यथा जीवन के लिए संघर्ष तथा प्राकृतिक / दुर्घटनावश मृत्यु के कारण विलुप्त हो जाएगी ।
- पुरुषों में इस अवस्था में दाढ़ी मूछ का आना, भारी आवाज का होना।
- जबकि महिलाओं में इस अवस्था में आवाज का पतलापन, रजोधर्म का शुरू होना, स्तनों का विकास इत्यादि ।
- वृषण की संख्या दो होती है। इसे Male Reproductive Organ कहा जाता है।
- Sperm एक गाढ़ा सफेद तरल पदार्थ है। जिसमें लाखों शुक्राणु पाए जाते हैं। जो निषेचन क्रिया में भाग लेते हैं।
- शुक्राणु ही फेलोपियन ट्यूब में Ova के साथ निषेचित होता है।
- वृष्णकोश शुक्राणु निर्माण के लिए कम तापमान प्रदान करते
- Male Sex hormone टेस्टोस्टेरॉन का स्राव वृषण के द्वारा होता है।
- अपरा का विकास मादा के गर्भाशय में होता है। जब भ्रूण का विकास होता है।
- एस्ट्रोजन हार्मोन का स्राव Female के Ovam में होता है।
- वृषण का तापमान शरीर के तापमान से कम होता है। ताकि Sperm को नुकसान नहीं हो।
- शुक्रवाहक का काम शुक्राणु को मूत्र मार्ग तक जाना यहाँ से यह शुक्राणु मूत्रमार्ग के द्वारा बाहर निकल जाता है।
- हिपैटाइटिस एक यकृत संबंधी रोग है जो वाइरस से होता है।
- HIV वाइरस हमारे शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र का नष्ट कर देता है।
- सिफलिस तथा गोनोरिया जीवाणु से फैलने वाले रोग है। यह बीमारी जनन अंग को प्रभावित करता है।
- हेपेटाइटिस एक बीमारी है जो यकृत की सूजन का कारण बनती है। अगर अनियंत्रित होता है तो यकृत कैंसर का कारण बनती है।
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