NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | How do Organisms Reproduce? जीव जनन कैसे करते हैं?

How do Organisms Reproduce? जीव जनन कैसे करते हैं?

NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | How do Organisms Reproduce? जीव जनन कैसे करते हैं?

NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | How do Organisms Reproduce? जीव जनन कैसे करते हैं?

1. नीचे दी गई जीवों को सूची में वे कौन-से जीव हैं जो अलैंगिक विधि से जनन करते हैं
(i) केला / banana
(ii) कुत्ता / dog
(iii) यीस्ट / yeast 
(iv) अमीबा / Amoeba
(a) (ii) और (iv)
(b) (i), (iii) और (iv)
(c) (i) और (iv)
(d) (ii), (iii) और (iv)
उत्तर - (b)
2. पुष्प में नर और मादा युग्मकों (जनन-कोशिकाओं) को उत्पन्न करने वाले भाग कौन-से हैं ?
(a) पुंकेसर और परागकोष
(b) तंतु और वर्तिकाग्र 
(c) परागकोष और अंडाशय 
(d) पुंकेसर और वर्तिका
उत्तर - (c)
3. एक पुष्प में, लैंगिक जनन की परिघटनाओं का सही क्रम निम्नलिखित में से कौन-सा है ?
(a) परागण, निषेचन, नवोद्भिद्, भ्रूण 
(b) नवोद्भिद्, भ्रूण, निषेचन, परागण 
(c) परागण, निषेचन, भ्रूण, नवोद्भिद्
(d) भ्रूण, नवोद्भिद्, परागण, निषेचन
उत्तर - (c)
4. जनन की अलैंगिक विधि से उत्पन्न संतति में परस्पर अधिक समानता होती है क्योंकि-
(i) अलैंगिक जनन में ही केवल एक जनक भाग लेता है 
(ii) अलैंगिक जनन में युग्मक शामिल नहीं होते 
(iii) अलैंगिक जनन लैंगिक जनन से पहले होता है
(iv) अलैंगिक जनन लैंगिक जनन के बाद होता है 
(a) (i) और (ii)
(b) (i) और (iii)
(c) (ii) और (iv)
(d) (iii) और (iv)
उत्तर - (a)
5. जनकों से संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण किसमें विद्यमान होते हैं ?
(a) कोशिकाद्रव्य
(b) राइबोसोम
(c) गॉल्गी काय
(d) जीन 
उत्तर - (d)
6. जनकों से संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण क्या प्रदर्शित करते हैं ?
(a) केवल जनकों से समानताएँ 
(b) केवल जनकों से विविधताएँ
(c) जनकों के साथ समानताएँ और विविधताएँ
(d) न समानताएँ और न विविधताएँ
उत्तर - (c)
7. अमीबा, स्पारोगाइरा और यीस्ट से जनन की सामान्य विशेषता क्या होती है ?
(a) ये अलैंगिक रूप से जनन करते हैं
(b) ये सभी एककोशिक हैं
(c) ये केवल लैंगिक रूप से जनन करते हैं
(d) ये सभी बहुकोशिक हैं
उत्तर - (a)
8. स्पाइरोगाइरा में, अलैंगिक जनन किसके द्वारा होता है ?
(a) तंतुओं को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ कर
(b) एक कोशिका का दो कोशिकाओं में विभाजित होना
(c) एक कोशिका का अनेक कोशिकाओं में विभाजित होना
(d) पुरानी कोशिकाओं से नयी-नयी कोशिकाएँ का बनना
उत्तर - (a)
9. प्लाज्मोडियम में एक कोशिका के अनेक कोशिकाओं में विभाजित होने की क्षमता को क्या कहते हैं ?
(a) मुकुलन
(b) न्यूनकारी विभाजन
(c) द्विविभाजन 
(d) बहुविभाजन 
उत्तर - (d)
10. पुष्पी पौधे में जनन अवस्थाओं का सही क्रम कौन-सा है ?
(a) युग्मक, युग्मनज, भ्रूण, नवोदभिद्
(b) युग्मनज, युग्मक, भ्रूण, नवोदभिद्
(c) नवोदभिद्, भ्रूण, युग्मनज, युग्मक 
(d) युग्मक, भ्रूण, युग्मनज, नवोदभिद्
उत्तर - (a)
11. एक स्पीशीज के जनकों और संततियों में गुणसूत्रों की संख्या किसके कारण नियत बनी रहती है ?
(a) युग्मनज के बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या का दोगुना हो जाना 
(b) युग्मक बनने के दौरान गुणसूत्रों की संख्या का आधा रह जाना
(c) युग्मक बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या का दोगुना हो जाना 
(d) युग्मक बनने के बाद गुणसूत्रों की संख्या का आधा रह जाना 
उत्तर - (b)
12. राइजोपस में उन नलिकाकार सूत्र - जैसी संरचनाओं को क्या कहते हैं जिन पर बीजाणुधानियाँ लगी होती हैं ?
(a) तंतु
(b) हाइफे
(c) राइजॉयड 
(d) मूल (जड़) 
उत्तर - (b)
13. कायिक प्रवर्धन द्वारा नए पौधे निम्नलिखित में से किससे बनते हैं ? 
(a) तना, जड़ें और पुष्प
(b) तना, जड़ें और पत्तियाँ
(c) तना, पुष्प और फल
(d) तना, पत्तियाँ और पुष्प
उत्तर - (b)
14. डबलरोटी के स्लाइस पर कवक का तीव्र गति से फैलने के लिए उत्तरदायी कारक कौन-से हैं ?
(i) बड़ी संख्या में बीजाणुओं का होना
(ii) डबलरोटी में नमी और पोषकों की उपलब्धता
(iii) नलिकाकार शाखित हाइफो की मौजूदगी
(iv) गोलाकार बीजाणुधानियों का निर्माण
(a) (i) और (iii)
(b) (ii) और (iv)
(c) (i) और (ii)
(d) (iii) और (iv)
उत्तर - (c)
15. पराग-नली की लंबाई निम्नलिखित में से किन-किन के बीच की दूरी पर निर्भर होती है ?
(a) परागकण और वर्तिकाग्र का ऊपरी सतह 
(b) वर्तिकाग्र की ऊपरी सतह पर पराग कण और बीजांड
(c) पुंकेसर के भीतर पराग कण और वर्तिकाग्र की ऊपरी सतह 
(d) वर्तिकाग्र की ऊपरी सतह और वर्तिकाग्र का निचला भाग 
उत्तर - (b)
16. पुष्पों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं ? 
(i) पुष्प हमेशा उभयलिंगी होते हैं
(ii) ये लैंगिक जनन के अंग होते हैं 
(iii) ये पौधों के सभी वर्गों में पाए जाते हैं
(iv) निषेचन के बाद इनसे फल बनते हैं
(a) (i) और (iv)
(b) (ii) और (iii)
(c) (i) और (iii)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर - (d)
17. एकलिंगी पुष्पों के संदर्भ में निम्नलिखित कीनों में से कौन-से सही हैं?
(i) इनमें पुंकेसर और स्त्रीकेसर दोनों होते हैं
(ii) इनमें या तो पुंकेसर होते हैं अथवा स्त्रीकेसर होते हैं 
(iii) इनमें परागण होता है
(iv) वे एकलिंगी पुष्प जिनमें केवल पुंकेसर होते हैं, फल उत्पन्न नहीं कर पाते
(a) (i) और (iv) 
(b) (ii), (iii) और (iv)
(c) (iii) और (iv)
(d) (i), (iii) और (iv)
उत्तर - (b)
18. पुष्पी पौधों के संदर्भ में लैंगिक जनन के बारे में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सही है ?
(i) इसे दो प्रकार के युग्मकों की आवश्यकता होती है 
(ii) निषेचन एक अनिवार्य घटना होती है 
(iii) इसके फलस्वरूप हमेशा ही युग्मनज बनाता है
(iv) इससे बनने वाली संतति क्लोन होती है 
(a) (i) और (iv) 
(b) (i), (ii) और (iv)
(c) (i), (ii) और (iii)
(d) (i), (ii) और (iv)
उत्तर - (c)
19. चित्र में भाग A, B और C किस क्रम में होते हैं-

(a) बीजपत्र, प्रांकुर और मूलांकूर
(b) प्रांकुर, मूलांकुर और बीजपत्र 
(c) प्रांकुर, बीजपत्र और मूलांकर
(d) मूलांकुर, बीजपत्र और प्रांकुर
उत्तर - (c)
20. लैंगिक जनन के फलस्वरूप उत्पन्न संतति में अधिक विविधता पाई जाती है क्योंकि-
(a) लैंगिक जनन एक अधिक समय तक चलने वाली प्रक्रिया है
(b) आनुवंशिक पदार्थ एक ही स्पीशीज के दो जनकों से आता है
(c) आनुवंशिक पदार्थ दो भिन्न स्पीशीजों के दो जनकों से आता है। 
(d) आनुवंशिक पदार्थ अनेक जनकों से आता है
उत्तर - (b)
21. जीवधारियों के लिए जनन करना अनिवार्य है ताकि
(a) व्यष्टि जीवित बना रहे 
(b) वे अपनी ऊर्जा - आवश्यकता की पूर्ति कर सकें
(c) वृद्धि को बनाए रखें
(d) पीढ़ी दर पीढ़ी स्पीशीज की निरंतरता को बनाए रखें
उत्तर - (d)
22. किशोरावस्था के दौरान मानव शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं । उस परिवर्तन पर चिह्न लगाएँ जिसका संबंध लड़कों में लैंगिक परिपक्वता से है
(a) दूध के दाँतों का टूटना
(b) कद का बढ़ना 
(c) आवाज का भारी होना 
(d) वजन का बढ़ना
उत्तर - (c)
23. स्त्रियों में वह घटना कौन-सी है जो जनन प्रावस्था के प्रारंभ को परिलक्षित करती है ?
(a) शरीर की वृद्धि
(b) केशों के पैटर्न में परिवर्तन आना
(c) आवाज में परिवर्तन आना
(d) रजोधर्म
उत्तर - (d)
24. पुरुषों में वृषण वृषणकोश के भीतर स्थित होते हैं क्योंकि इससे सहायता मिलती है-
(a) मैथुन प्रक्रिया में
(b) शुक्राणु बनने में
(c) युग्मकों के आसानी से स्थानांतरण में
(d) उपरोक्त सभी में
उत्तर - (b)
25. यौवनारंभ पर वृषणों का निम्नलिखित में कौन-सा कार्य नहीं होता ? 
(i) जनन-कोशिकाओं का निर्माण
(ii) टेस्टोस्टेरॉन का स्राव
(iii) अपरा का विकास
(iv) एस्ट्रोजेन का स्राव 
(a) (i) और (ii) 
(b) (ii) और (iii)
(c) (iii) और (iv)
(d) (i) और (iv)
उत्तर - (c)
26. जन जननांगों के विभिन्न भागों में शुक्राणुओं के परिवहन के लिए सही क्रम कौन-सा है ?
(a) वृषण → शुक्रवाहक → मूत्रमार्ग 
(b) वृषण → मूत्रवाहिनी → मूत्रमार्ग 
(c) वृषण → मूत्रमार्ग → मूत्रवाहिनी
(d) वृषण → शुक्राहक → मूत्रवाहिनी
उत्तर - (a)
27. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग यौन संचारित नहीं होता ?
(a) सिफलिस (आतशक)
(b) हिपैटाइटिस
(c) HIV AIDS
(d) गोनोरिया (सुजाक) 
उत्तर - (b)

ANSWERS

DISCUSSION

1. (b) अलैंगिक विधि से जनन कि क्रिया केला, यीस्ट,  अमीबा में होता है जबकि कुत्ता में लैंगिक जनन की क्रिया होती है।
  • यीस्ट में अलैंगिक जनन की क्रिया मुकुलन विधि द्वारा होती है।
  • अमीबा में अलैंगिक जनन की क्रिया विखण्डन विधि द्वारा होती है।
  • अलैंगिक जनन में एक जीव नए संतान की उत्पत्ति करता है। 
  • लैंगिक जनन में नर युग्मक तथा मादा युग्मक भाग लेते हैं।
2. (c) पुष्प के नर भाग को परागकोष तथा मादा भाग को अंडाशय कहते है।
  • परागकोष में परागकण का निर्माण होता है जबकि अंडाशय में Ova का निर्माण होता है।
  • पुष्प के मादा भाग को जायांग कहते है। यह तीन भागों में बँटे होते हैं, जिसे वर्तिकाग्र, वर्तिका तथा अंडाशय के नाम से जानते है।
  • पुष्प के नर भाग को पुमंग कहते है यह दो भागों में बटे होते है जिसे परागकोष तथा फिलामेन्ट के नाम से जानते हैं।
3. (c) पुष्प में लैंगिक जनन की परिघटना कुछ इस प्रकार की होती है। 
  • परागण - निषेचन, भ्रुण, नवोदभिद्ध
  • परागकण का निर्माण परागकोष में होता है। परागकण पुष्प के वर्तिकाग्र में पहुँचता है, यह क्रिया परागकण कहलाती है।
  • परागकण का अंडाशय में Ova को मिलने से निषेचन की क्रिया होती है।
  • भ्रूण का विकास पुष्प के अंडाशय में होती है।
  • अंडाशय ही विकसित होकर फल का निर्माण करता है ।
  • परागण - पौधे में पराग कण (Pollon grains) का नर भाग से मादा - भाग पर स्थानान्तरण परागण कहलाता है ।
  • निषेचन - मानव में केवल एक प्रकार की निषेचन होती है । इसमें युग्मकों के संलयन की क्रिया मादा जनन नाल के कुछ भागों के तथा ऑस्टियम के पास होती है ।
  • भ्रूण (Embryo) – प्राणी के विकास की प्रारंभिक अवस्था को भ्रूण कहते हैं ।
4. (a) अलैंगिक जनन में केवल एक ही जनक भाग लेता है।
  • अलैंगिक जनन में युग्मक शामिल नहीं होते है।
  • अलैंगिक जनन की क्रिया यीस्ट, अमीबा, पैरामीशियम युग्लीना में होती है।
  • अलैंगिक जनन में Sperm तथा Ova की भूमिका नहीं होती है।
    1. लैंगिक जनन- लैंगिक जनन के लिए एक ही जाति के दो विपरित लिंग वाले जीवों अथवा जनन अंगों की आवश्यकता होती है ।
    2. ऐसे जीव जिनमें नर एवं मादा जनन अंग अलग-अलग जीवों में होते हैं। उन्हें एकलिंगी जीव कहते हैं ।
    3. ऐसे जीव जिनमें नर एवं मादा जनन अंग एक ही जीव में पाए जाते हैं। उन्हें द्विलिंगी जीव या हर्माफ्रोडाइट कहते हैं । 
      Ex : फीताकृमि, केचुआ, तारा मछली ।
  • अलैंगिक जनन - जब नर एवं मादा युग्मकों के संयोग के बिना होती है तो उसे अलैंगिक जनन कहा जाता है।
  • अलैंगिक जनन के एकक जनक के संतान की उत्पत्ति होती है | संतान अलैंगिक जनन कोशिकाओं के समसूत्री विभाजन के द्वारा होती है ।
  • अलैंगिक जनन मुख्यतः एक कोशिकीय जीवों तथा निम्नस्तरीय पादपों एवं जन्तुओं में पाया जाता है ।
    Ex : स्पंज, हाइड्रा, यीस्ट, अमीबा इत्यादि ।
5. (d) जनकों संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण जीन में मौजूद होते है।
  • DNA के क्रियात्मक खंड को Gene कहते है। जीन शब्द की खोज जोहान्सन नामक वैज्ञानिक ने की थी।
  • राइबोसोम का मुख्य कार्य प्रोटीन का निर्माण करना तथा प्रोटीन का संश्लेषण करना।
  • गॉल्जीकाय को यातायात प्रबंधक कहा जाता है ।
  • गॉल्जीकाय की खोज कैमियो गॉल्जी ने किया था ।
  • जीवद्रव्य की खोज डुजारडिन ने 1835 ई० में की थी तथा सारकोड नाम दिया और पुरकिंजे ने इसे प्रोटोप्लाज्म नाम दिया ।
6. (c) जनकों से संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण जनको के साथ समानताएँ और विविधताएँ को प्रदर्शित करते है।
  • नर तथा मादा से उत्पन्न संतान में जो गुणों की समानता पाई जाती है, वह माता-पिता से प्राप्त होता है।
  • बच्चों में जो गुण माता-पिता से प्राप्त होता है, उसमें गुणसूत्र को अहम भूमिका होती है।
7. (a) अमीबा, स्पाइरोगाइरा तथा यीस्ट में अलैंगिक जनन द्वारा नए जीवों की उत्पत्ति होती है।
  • अमीबा में अलैंगिक जनन विखण्डन विधि द्वारा होता है।
  • यीस्ट एककोशकीय कवक है, इसमें मुकुलन विधि द्वारा जनन की क्रिया होती है।
  • स्पाइरोगाइरा एक प्रकार का शैवाल है, इसमें भी अलैंगिक जनन द्वारा नए जीव की उत्पत्ति होती है।
  • एक कोशिकीय जीव - Ex : अमीबा, जीवाणु, पैरामिशियम शेवाल इत्यादि ।
  • बहुकोशिकीय जीव- शैवाल, कवक, विषाणु, पादप, जन्तु इत्यादि ।
8. (a) स्पाइरोगाइरा एक प्रकार का एक कोशकीय शैवाल है - इसमें जनन की क्रिया अलैंगिक विधि द्वारा होता है। अर्थात स् छोटे-छोटे टूकड़ों में टूटकर नए स्पाइरोगाइरा को जन्म देता है।
  • स्पाइरोगाइरा शैवाल समुह में पाए जाने वाला जीव है। 
9. (d) प्लाज्मोडियम वायवेक्स एक प्रोटोजोआ है, जो मच्छर के शरीर में पाया जाता है। यह एक कोशकीय परजीवी जीव होता है।
  • इनमें कोशिका का विभाजन बहुविभाजन विधि द्वारा होता है। अर्थात् एक जीव अनेक जीवों को जन्म देता है।
  • द्विविभाजन विधि द्वारा अमीबा एक नए अमीबा को जन्म देता है।
  • मुकुलन विधि द्वारा जनन की क्रिया हाइड्रा तथा यीस्ट में होता है। इनके शरीर पर एक कली जैसी संरचना निकलती है। यह टूटकर एक नए जीव को जन्म देता है।
  • प्लाज्मोडियम की कुछ जातियों को मलेरिया परजीवी भी कहते हैं। क्योंकि मनुष्य के मलेरिया रोग उत्पन्न करती है ।
  • प्लाज्मोडियम कोशिका के एक छोर पर विशिष्ट स्प्रावी जीवों के साथ एकल-कोशिका वाले परजीवियों का एक वर्गीकरण समूह फाइलम एपिकोम्पलेक्सा से संबंधित है।
10. (a) पुष्पी पौधा में जनन की क्रिया को सही क्रम इस प्रकार है।
  • युग्मक, युग्मनज, भ्रुण, नवोदभिद्
  • परागकण तथा Ova ये दोनों युग्मक कहलाते है जब ये दोनों आपस में मिलते है, तब निषेचन की क्रिया होती है और Zygote का निर्माण होता है।
  • Zygote परिपक्व होकर भ्रूण का निर्माण करता है।
  • परिपक्व भ्रूण बच्चे के रूप में विकसित होता है।
  • युग्मक कोशिका–युकैरियोटिक प्रकार की जनन कोशिका है। इनका निर्माण युग्मक जनन की क्रिया के माइटोसिस कोशिका को शुक्राणु तथा स्त्रियों की जनन कोशिका को अंडाणु कहते हैं ।
11. (b) एक स्पीशीज के जनकों और संततियों में गुण सूत्रों की संख्या युग्मक बनने के दौरान गुणसूत्रों की संख्या का आधा रह जाता है।
  • एक संतान के जन्म के पहले आया गुणसूत्र पिता से तथा आधा गुणसूत्र माता से प्राप्त होता है।
  • संतान माता से 22 + XX गुणसुत्र तथा पिता 22 + XY को एक गुणसूत्र प्राप्त करता है।
  • पिता के गुणसूत्र पर लिंग निर्धारण की क्रिया सम्पन्न होती है।
  • एक समान्य मनुष्य में 46 गुणसूत्र होते हैं ।
12. (b) राइजोपस एक प्रकार का कवक है। इसकी प्रकृति मृतोपजीवी होती है।
  • राइजोपस से निकलने वाली नालिकार संरचना हाइफे कहलाती है। इसी हाइफे के ऊपर बीजाणुधानी पाई जाती है।
  • बीजाणुधानी के अन्दर बीजाणु पाए जाते हैं।
  • बीजाणु बीजाणुधानी से निकलकर जमीन पर गिरकर एक नए राइजोपस को जन्म देता है।
  • राइजोपस एक मृतोपजीवी (saprophytic) कवक है ।
  • यह अपना पोषण सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करते हैं।
  • बीजाणुधानियाँ-पराग कोश की प्रत्येक पाली के दो कोष्ठ होते हैं । इस प्रकार चारों कोनों के चार कोष्ठ पाये जाते हैं । जिनके परागकण भरे होते हैं। जिसे परागकुटि या लघु बिजाणुधानी भी कहते हैं ।
13. (b) कायिक प्रवर्धन द्वारा नए पौधे का जन्म होता है।
  • तना को काटकर एक नए पौधे को विकसित किया जाता है। जैसे आलू, गन्ना, अदरख के तना को लगाया जाता है।
  • ब्रायोफाइलम के पत्तियों पर कली जैसी संरचना पाई जाती है। यह संरचना टूटकर कर एक नए ब्रायोफाइलम को जन्म देती है।
  • कायिक प्रवर्धन-किसी पौधे के वर्ची भागों जैसे-जड़, तना, पत्ती द्वारा ये पौधे तैयार होना कायिक प्रवर्धन कहते हैं ।
  • यह अलैंगिक जनन का ही एक अंग है जिसमें पौधे के केवल वर्ची भाग Vegetative parts ही भाग लेते हैं ।
14. (c) डबल रोटी पर कवक तीव्र गति से फैलते हैं। इसका मुख्य कारण बड़ी संख्या में बीजाणुओं को होना ।
  • डबल रोटी पर नमी और पोषकों की उपलब्धता के कारण कवक का वृद्धि तेजी से होता है।
  • कवक प्रायः मृतोपजीवी होते है, ये सड़े गले चीजों पर जन्म लेते है।
  • कवक का अध्ययन Mycology कहलाता है। इसकी कोशिका भित्ती काइटिन की बनी होती है जबकि भोजन का संग्रह Glycogen के रूप में करता है।
15. (b) परागनली की लंबाई वर्तिकाग्र की ऊपरी सतह पर परागकण और बीजाण्ड के बीच की दूरी पर निर्भर होती है।
  • परागकण का निर्माण परागकोष में होता है जबकि परागण की क्रिया Stigma में होती है।
  • परागकण का निषेचन अंडाशय के अंदर होती है।
  • निषेचन के बाद अंडाशय के अंदर बीजाण्ड का निर्माण होता है।
  • परागनली की लम्बाई 8 से 10 इंच तक होती है।
  • किसी वनस्पति के स्त्रीकेशर का सबसे अगला भाग Ex : वर्तिकाग्र तथा उसके नीचे वर्तिका होती है।
16. (d) पुष्प में लैंगिक जनन के अंग होते है। अर्थात् पुष्प में नर तथा मादा भाग पाए जाते है।
  • नर भाग को पुमंग तथा मादा भाग को जायांग के नाम से जाना जाता है।
  • पुष्प में निषेचन के बाद फल का निर्माण होता है। फल का निर्माण अंडाशय से होता है।
  • कभी-कभी पुष्प उभयलिंगी भी होते है।
17. (b) एक लिंगी पुष्पों में पुंकेसर अथवा स्त्रीकेसर अलग-अलग होते हैं।
  • इनमें परागकण होता है।
  • एक लिंगी पुष्प जिनमें केवल पुंकेसर होते है, फल उत्पन्न नहीं कर पाते हैं।
  • पुष्प जीवचक्र के दृष्टिकोण से पौधा का सबसे महत्वपूर्ण अंग कहलाता है। इसका अध्ययन Anthology कहलाता है।
18. (c) पुष्पी पौधो में लैंगिक जनन की क्रिया में दो प्रकार के युग्म परागकण तथा Ova की आवश्यकता होती है।
  • परागकण तथा Ova मिलकर निषेचन की क्रिया में भाग लेते है। यह घटना अंडाशय में होती हैं।
  • परागकण तथा Ova के मिलने के बाद युग्मनज (Zygote) का निर्माण होता है।
  • Zygote परिपक्व होकर बीजाण्ड का निर्माण करेगा |
  • लैंगिक प्रजनन के युग्मनज निर्माण के लिए नर एवं मादा युग्मकों का निषेचन सम्मिलित होता है । जिसके विविधताएँ अधिक पाई जाती है ।
19. (c) बीज के अंकुरण के लिए आद्रता या पानी की आवश्यकता होती है।
  • बीज के अंकरण के बाद प्रांकुर विकसित होता है, जो तना का निर्माण करता है।
  • बीजपत्र के अंदर खाद्य पदार्थ जमा होता है, जो पौधे को पोषण प्रदान करता है।
  • मूलांकुर बीज से निकलने के बाद जड़ का निर्माण करता है।
20. (b) लैंगिक जनन में नर तथा मादा भाग लेते है। अर्थात् नर का Sperm तथा मादा का Ova मिलकर निषेचन क्रिया में भाग लेता है।
  • लैंगिक जनन में उत्पन्न संतति में अधिक विविधताएँ पायी जाती है।
  • आनुवंशिक पदार्थ एक ही स्पीशीज के दो जनकों से आता है, इसी कारण संतान में अधिक विविधता पाई जाती है।
  • जीवों में जो गुण प्राप्त होता है, उसमें माता तथा पिता का भूमिका होता है, क्योंकि इन्ही का गुण DNA के माध्यम से पुत्रों को प्राप्त होता है।
  • DNA जीवों का एक आनुवंशिक पदार्थ है, जो गुणों का वाहक होता है।
21. (d) जीव को जनन करना अनिवार्य होता है, ताकि पृथ्वी पर पीढ़ी दर पीढ़ी जाति की निरंतरता को बनाए रखे।
  • पृथ्वी पर सभी जीव अपने अस्तिव को बनाए रखने के लिए प्रजनन करते है। जिनका प्रजनन दर कम होने लगता है। उनके जाति की जनसंख्या कम होने लगती है।
  • प्रजनन पीढ़ी दर पीढ़ी स्पीशीज (प्रजातियों) की निरन्तरता बनाये रखने के लिए अनिवार्य है। अन्यथा जीवन के लिए संघर्ष तथा प्राकृतिक / दुर्घटनावश मृत्यु के कारण विलुप्त हो जाएगी ।
22. (c) मनुष्य के किशोरावस्था या (14 वर्ष) में शरीर के अन्दर तथा बाहर अनेक परिवर्तन होते है।
  • पुरुषों में इस अवस्था में दाढ़ी मूछ का आना, भारी आवाज का होना।
  • जबकि महिलाओं में इस अवस्था में आवाज का पतलापन, रजोधर्म का शुरू होना, स्तनों का विकास इत्यादि ।
23. (d) स्त्रियों में जनन प्रावस्था के प्रारंभ को परिलक्षित करने वाली घटना रजोधर्म है। 
24. (b) पुरुषों के वृषण के अंदर शुक्राणु का निर्माण होता है।
  • वृषण की संख्या दो होती है। इसे Male Reproductive Organ कहा जाता है।
  • Sperm एक गाढ़ा सफेद तरल पदार्थ है। जिसमें लाखों शुक्राणु पाए जाते हैं। जो निषेचन क्रिया में भाग लेते हैं।
  • शुक्राणु ही फेलोपियन ट्यूब में Ova के साथ निषेचित होता है।
  • वृष्णकोश शुक्राणु निर्माण के लिए कम तापमान प्रदान करते
25. (c) वृषण का मुख्य कार्य जनन कोशिकाओं (Sperm) का निर्माण करना।
  • Male Sex hormone टेस्टोस्टेरॉन का स्राव वृषण के द्वारा होता है।
  • अपरा का विकास मादा के गर्भाशय में होता है। जब भ्रूण का विकास होता है।
  • एस्ट्रोजन हार्मोन का स्राव Female के Ovam में होता है।
26. (a) नर जननांग वृषण के अंदर Sperm का निर्माण होता है।
  • वृषण का तापमान शरीर के तापमान से कम होता है। ताकि Sperm को नुकसान नहीं हो।
  • शुक्रवाहक का काम शुक्राणु को मूत्र मार्ग तक जाना यहाँ से यह शुक्राणु मूत्रमार्ग के द्वारा बाहर निकल जाता है।
27. (b) सिफलिस, HIV तथा गोनोरिया एक यौन संचारित रोग है।
  • हिपैटाइटिस एक यकृत संबंधी रोग है जो वाइरस से होता है।
  • HIV वाइरस हमारे शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र का नष्ट कर देता है।
  • सिफलिस तथा गोनोरिया जीवाणु से फैलने वाले रोग है। यह बीमारी जनन अंग को प्रभावित करता है।
  • हेपेटाइटिस एक बीमारी है जो यकृत की सूजन का कारण बनती है। अगर अनियंत्रित होता है तो यकृत कैंसर का कारण बनती है।
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