NCERT EXAMPLAR SOLUTION | CLASS 10TH | SCIENCE (विज्ञान) | Heredity and Evolution आनुवंशिकता एवं जैव विकास
1. आनुवंशिक पदार्थ का विनिमय कब होता है?
(a) कायिक जनन के दौरान
(b) अलैंगिक जनन के दौरान
(c) लैंगिक जनन के दौरान
(d) मुकुलन के दौरान
2. गुलाबी रंग के दो पुष्पों के बीच संकरण कराए जाने पर 1 लाल रंग की, 2 गुलाबी रंग की और 1 सफेद रंग की संतति उत्पन्न हुई। इस संकरण का स्वरूप क्या होगा?
(a) दोहरा निषेचन
(b) स्वपरागण
(c) परनिषेचन
(d) कोई निषेचन नहीं
उत्तर - (b)
3. मटर के एक लंबे पौधे (TT) और एक बौने पौधे के बीच संकरण कराए जाने पर जो संतति उत्पन्न हुई उसके सभी पौधे लंबे थे क्योंकि-
(a) लंबा होना प्रभावी विशेषक है
(b) बौना होना प्रभावी विशेषक है
(c) बौना होना अप्रभावी विशेषक है
(d) मटर के पौधे की ऊँचाई का नियंत्रण "T" अथवा 't' जीन से नहीं होता
उत्तर - (a)
4. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है
(a) प्रत्येक हार्मोन के लिए एक जीव होता है
(b) प्रत्येक प्रोटीन के लिए एक जीव होता है
(c) प्रत्येक एंजाइम के उत्पादन के लिए एक जीन होता है
(d) वसा के प्रत्येक अणु के लिए एक जीन होता है
उत्तर - (d)
5. यदि मटर के एक गोल तथा हरे रंग के बीज वाले पौधे (RRyy) और झुर्रीदार तथा पीले रंग के बीज वाले पौधे (rr YY) में संकरण कराया जाए तो F1 के बीज कैसे होंगे?
(a) गोल और पीले
(b) गोल और हरे
(c) झुर्रीदार और हरे
(d) झुर्रीदार और पीले
उत्तर - (a)
6. मानव नरों में एक गुणसूत्र को छोड़कर सभी गुणसूत्र पूर्ण जोड़ों में हैं। ये अपूर्ण जोड़े वाला / वाले गुणसूत्र कौन-सा (कौन-से) है (हैं)?
(i) बड़ा गुणसूत्र
(ii) छोटा गुणसूत्र
(iii) Y-गुणसूत्र
(iv) X-गुणसूत्र
(a) (i) और (ii)
(b) केवल (i)
(c) (iii) और (iv)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर - (c)
7. बच्चे के नरत्व का निर्धारण होता है
(a) युग्मनज में X गुणसूत्र से
(b) युग्मनज में Y गुणसूत्र से
(c) लिंग का निर्धारण करने वाली जनन-कोशिका के कोशिकाद्रव्य से
(d) बच्चे के लिंग का निर्धारण यादृच्छिक रूप से होता है
उत्तर - (b)
8. एक युग्मनज से, जिसमें पिता से वंशागत किया गया एक X-गुणसूत्र है, किस प्रकार का बच्चा बनेगा?
(a) लड़का
(b) लड़की
(c) X-गुणसूत्र से बच्चे के लिंग का निर्धारण नहीं होता।
(d) लड़का और दोनों लड़की
उत्तर - (b)
9. गलत कथन चुनिए
(a) एक समष्टि में लगातार कई पीढ़ियों तक कुछेक जीनों की प्रायिकता में परिवर्तन से विकास होता है
(b) भुखमरी के कारण जीव के भार में कमी का आनुवंशिक रूप से नियंत्रण किया जा सकता है
(c) दुबले-पतले जनकों की संतति अधिक भार वाली हो सकती
(d) कई पीढ़ियों तक जिन विशेषकों की वंशागति नहीं होती उनसे विकास नहीं होता
उत्तर - (b)
10. नयी स्पीशीज का निर्माण हो सकता है जब
(i) जनन कोशिकाओं के DNA में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं
(ii) युग्मक के गुणसूत्रों की संख्या में परिवर्तन आ जाता है
(iii) आनुवंशिक पदार्थ में कोई परिवर्तन नहीं होता
(iv) जनकों में परस्पर मैथुन नहीं होता
(a) (i) और (ii)
(b) (i) और (iii)
(c) (ii), (iii) और (iv)
(d) (i), (ii) और (iii)
उत्तर - (a)
11. मटर के दो पौधों से, जिनमें एक गोल और हरे बीज वाला (RRyy) था और दूसरा झुर्रीदार और पीले बीज वाला (rrYY) था, जब F1 पीढी उत्पन्न हुई तब उसके बीज गाले और पीले रंग के बने | F1 पीढ़ी के पौधों के बीच बनेंगे। स्वसंकरण कराए जाने पर F2 पीढ़ी के पौधों के बीजों में लक्षणों के कुछ नए समुच्चय बने। निम्नलिखित में से नए समुच्चयों को चुनिए ।
(i) गोल, पीले
(ii) गोल, हरे
(iii) झुर्रीदार, पीले
(iv) झुर्रीदार, हरे
(a) (i) और (ii)
(b) (i) और (iv)
(c) (ii) और (iii)
(d) (i) और (iii)
उत्तर - (b)
12. सब्जी की एक टोकरी में गाजर, आलू, मूली और टमाटर रखे हैं। बताइए कि इनमें से कौन-सी सब्जियाँ सही समजात संरचनाओं का प्रतिनिधित्व करती है?
(a) गाजर और आलू
(b) गाजर और टमाटर
(c) मूली और गाजर
(d) मूली और आलू
उत्तर - (c)
13. सही कथन चुनिए
(a) मटर के पौधे का प्रतान और नागफनी का पर्णाभ वृंत समजात अंग हैं।
(b) मटर के पौधे का प्रतान और नागफनी का पर्णाभ वृंत समवृत्ति अंग हैं।
(c) पक्षियों के पंख और छिपकलियों के पाद समवृत्ति अंग हैं।
(d) पक्षियों के पंख और चमगादड़ के पंख समजात अंग हैं।
उत्तर - (a)
14. यदि किसी जीव का जीवाश्म पृथ्वी की अपेक्षाकृत गहरी परतों से प्राप्त हुआ है, तब हम भविष्यवाणी कर सकते हैं कि
(a) जीव का विलोप हाल ही के कुछ वर्षों में हुआ है
(b) जीव का विलोप हजारों वर्ष पूर्व हुआ है
(c) पृथ्वी की परतों में जीवाष्म की स्थिति का जीव के विलुप्त होने की अवधि से कोई संबंध नहीं है
(d) विलुप्त होने की अवधि का निर्धारण नहीं किया जा सकता
उत्तर - (b)
15. विविधता के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) किसी स्पीशीज की सभी विविधताओं के बने रहने के संभावना समान होती है।
(b) आनुवंशिक परिवर्तनों के कारण विविधता आ जाती है।
(c) पर्यावरणपरक कारकों द्वारा परिवर्तनों का वरण विकास की प्रक्रियाओं का आधार बनता है।
(d) अलैंगिक जनन से विविधता की संभावना सबसे कम होती है।
उत्तर - (a)
16. किसी जीव के विशेषक पर किसका प्रभाव पड़ता है ?
(a) केवल पैतृक DNA का
(b) केवल मातृक DNA का
(c) मातृक और पैतृक दोनों के DNA का
(d) ना तो मातृक DNA का और ना ही पैतृक DNA का
उत्तर - (c)
17. वह वर्ग चुनिए जिनमें साझे लक्षण सबसे अधिक संख्या में पाए जाते हैं-
(a) एक स्पीशीज की दो व्यष्टियों में
(b) एक जीनस की दो स्पीशीजों में
(c) एक फैमिली के दो जीनसों में
(d) दो फैमिली के दो जीनसों में
उत्तर - (a)
18. विकास - सिद्धांत के अनुसार नयी स्पीशीज का निर्माण सामान्यतः किसके कारण होता है?
(a) प्रकृति द्वारा अचानक हशी सृष्टि की उत्पत्ति कारण
(b) कई पीढ़ियों तक विविधताओं के जमा होते जाने के कारण
(c) अलैंगिक जनन के दौरान क्लोन बनने के कारण
(d) व्यष्टियों के एक पर्यावास से दूसरे पर्यावास में चले जाने के कारण
उत्तर - (b)
19. नीचे दी गई सूची में से, उन लक्षणों का चुनाव कीजिए जिन्हें उपार्जित किया जा सकता है, वंशागत नहीं
(a) आँख का रंग
(b) त्वचा का रंग
(c) शरीर का आकार
(d) बालों का स्वरूप
उत्तर - (c)
20. नर और मादा युग्मकों द्वारा साथ लाए जाने वाले विशेषकों (लक्षणों) के दो रूपांतर कहाँ स्थित होते हैं?
(a) एक ही गुणसूत्र की प्रतिकृतियों पर
(b) दो विभिन्न गुणसूत्रों पर
(c) लिंग - गुणसूत्रों पर
(d) किसी भी गुणसूत्र पर
उत्तर - (a)
21. उन कथनों का चुनाव कीजिए जो जीनों की विशिष्टताएँ बताते हैं
(i) जीन DNA अणु बेसों के विशिष्ट क्रम के रूप में होते हैं
(ii) जीन प्रोटीनों का कूटन नहीं करता
(iii) किसी स्पीशीज की व्यष्टियों में, एक विशिष्ट जीन एक खास गुणसूत्र पर स्थित होता है
(iv) प्रत्येक गुणसूत्र में केवल एक ही जीन होता है
(a) (i) और (ii)
(b) (i) और (iii)
(c) (i) और (iv)
(d) (ii) और (iv)
उत्तर - (b)
22. मटर के एक शुद्ध लंबे पौधे (TT) और एक शुद्ध बौने पौधे (tt) में संकरण कराया गया | F2 पीढ़ी में शुद्ध लंबे पौधों और बौने पौधों का अनुपात क्या होगा?
(a) 1:3
(b) 3:1
(c) 1:1
(d) 2:1
उत्तर - (c)
23. मानव के युग्मनज में लिंग गुणसूत्रों के युग्म/युग्मों की संख्या कितनी होती है ?
(a) एक
(b) दो
(c) तीन
(d) चार
उत्तर - (a)
24. प्राकृतिक चयन द्वारा स्पीशीजों का विकास-सिद्धांत किसने दिया था?
(a) मेंडेल ने
(b) डार्विन ने
(c) मॉर्गन ने
(d) लैमार्क ने
उत्तर - (b)
25. कुछ डायनोसौरों में पर (पिच्छ) मौजूद थे किंतु वे उड़ नहीं सकते थे, लेकिन पक्षियों में पर होते हैं जो उन्हें उड़ने में मदद करते हैं। विकास के संदर्भ में इसका यह अर्थ हुआ कि
(a) सरीसृपों की उत्पत्ति पक्षियों से हुई
(b) सरीसृपों और पक्षियों के बीच कोई विकास संबंध नहीं है
(c) दोनों ही जीवों में पर समजात अंग हैं
(d) पक्षियों की उत्पत्ति सरीसृपों से हुई
उत्तर - (d)
1. (c) कायिक जनन- इस जनन में पादप के कायिक भागों द्वारा नए पादप का निर्माण होता है ।
- वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत पादप शरीर का कोई भाग पृथक होकर नए स्वतंत्र पादप के रूप में पुनर्जनन या विकसित होता है, कायिक जनन कहलाता है ।
- लैंगिक जनन - प्रजनन की वह क्रिया जिसमें दो युग्मकों (जाइगोट) के द्वारा नये जीव की उत्पत्ति होती है, लैंगिक जनन कहलाता है।
- अलैंगिक जनन- पारिस्थितिक तंत्र में कुछ ऐसे जंतु है जिनमें बिना निषेचन के प्रजनन हो जाता है, अनिषेक या अलैंगिक जनन कहलाता है ।
- मुकुलन किसी जीव के बाहरी सतह की कोशिकाओं में समसूत्री विभाजन से एक उभार बनता है, जिसे मुकुल (Bud) कहते हैं । मुकुल निर्माण द्वारा अलैंगिक जनन की विधि मुकुलन कहलाती है ।
2. (b) दोहरा निषेचन - यह क्रिया आवृतबीजी पौधों में होती है जिसमें एक ही भ्रूणकोश के अंदर निषेचन की दोहरी अभिक्रिया होती है ।
- स्व- परागण - जब परागण की क्रिया में किसी पुष्प के परागकोष से परागण निकालकर उसी पौधे के पुष्प पर पहुँचता है तो उसे स्व-परागण कहते हैं ।
- परनिषेचन (Cross fertilization) - जब निषेचन में भाग लेनेवाले नर तथा मादा युग्मक एक ही स्पीशीज के दो अलग-अलग जीवों (नर तथा मादा) से आते हैं तो इस निषेचन को पर- निषेचन कहते हैं ।
3. (a) मेंडल का एकसंकरीय नियम
- Feno type ratio - 3:1
- Geno type ratio - 1:2:1
- मेंडल के द्वि-संकरीय नियम का अनुपात - [9:3:3:1]
4. (d) हॉर्मोन जटिल कार्बनिक पदार्थ है जो सजीवों में होनेवाली विभिन्न जैव-रसायनिक क्रियाओं वृद्धि एवं विकास, प्रजनन आदि का नियम तथा नियंत्रण करता है ।
- प्रोटीन एक जटिल कार्बनिक पदार्थ है जिसका गठन कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन एवं नाइट्रोजन तत्त्वों के अणुओं से मिलकर होता है ।
- रासायनिक क्रियाओं के उत्प्रेरित करने वाले प्रोटीन का एंजाइम कहते हैं ।
- वसा शरीर को क्रियाशील बनाए रखने में सहयोग करती ।
5. (a) मेंडल ने द्वि-संकरीय फ्रॉस के लिए गोल तथा पीले बीज एवं हरे तथा झुर्रीदार बीज से उत्पन्न पौधों का क्रॉस कराया ।
- इसमें गोल तथा पीला बीज प्रभावी होता है |
- दोनों पौधों को क्रमशः RRYY तथा rryy से प्रदर्शित किया जाता है ।
- पहले पौधों के युग्मक में RY कारक तथा दूसरे पौधों के युग्मक में ry कारक होंगे ।
- जब इन पौधों में कृत्रिम परागण कराया गया तो उत्पन्न बीजों से जो पौधे प्राप्त हुए वे सभी गोल तथा पीले शंकर बीज बने ।
- यहाँ झुर्रीदार एवं हरा रंग अप्रभावी गुण था ।
6. (c) स्तनधारी जीवों में लिंग निर्धारण करने वाले दो गुणसूत्र होते हैं- X-गुणसूत्र एवं Y-गुणसूत्र ।
- पुरुषों एक Y और एक X गुणसूत्र होता है, जबकि महिलाओं में दो X-गुणसूत्र होते हैं ।
- किसी पिता का Y-गुणसूत्र बिना किसी बदलाव के उसके पुत्रों में जाता है ।
- क्रोमोसोम - X में सबसे अधिक जीन (2968) एवं Y में सबसे कम (231) है ।
7. (b) निषेचन के समय यदि अण्डाणु X-गुणसूत्र वाले शुक्राणु (sperm) से मिलता है तो युग्मनज (Zygote) में 23वीं जोड़ी XX होगी और इससे बनने वाली संतान लड़की होगी ।
- इसके विपरीत यदि किसी अण्डाणु से Y-गुणसूत्र वाले शुक्राणु निषेचित होते हैं तो युग्मनज में 23वीं जोड़ी XY होगा और इससे बनने वाली संतान लड़का होगा ।
- अतः पुरुष का गुणसूत्र संतान में लिंग निर्धारण के लिए उत्तरदायी होता है |
8. (b) प्रश्न सं० 7 का व्याख्या इस प्रश्न का भी उपर्युक्त व्याख्या है।
9. (b) मेंडल ने अपने प्रयोगों के लिए मटर के सात जोड़ी गुणों को चुना जिनमें से प्रत्येक जोड़े का एक गुण दूसरे गुण को दबाने की क्षमता रखता था । उन्होंने पहले को प्रभावी तथा दूसरे को अप्रभावी गुण कहा ।
10. (a) नये स्पीशीज का निर्माण जनन कोशिकाओं के DNA में महत्वपूर्ण परिवर्तन एवं युग्मक के गुणसूत्रों में परिवर्तन के कारण होता है ।
- मनुष्यों में गुणसूत्रों की कुल सं० 46 होती है।
- प्रत्येक संतान को समजात गुणसूत्रों की प्रत्येक जोड़ी का एक गुणसूत्र अण्डाणु के द्वारा माता से तथा शुक्राणु द्वारा पिता से प्राप्त होता है ।
- शुक्रजनन (Spermatogenesis) में अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा दो प्रकार के शुक्राणु बनते हैं - आधे वे जिनमें 23वीं जोड़ी का X - गुणसूत्र आता है। अर्थात् 22 + X) तथा आधे वे जिनमें 23वीं जोड़ी में Y - गुणसत्र आता है, (अर्थात् 22 + Y) ।
11. (b) मटर के पौधों के बीच स्वसंकरण कराए जाने पर F, पीढ़ी के पौधों के बीच गोल, पीले एवं झुर्रीदार तथा हरे लक्षणों के नए समुच्चय बनेंगे ।
- हरे एवं झुर्रीदार लक्षण जो कि अप्रभावी गुण था F, पीढ़ी में छिपे रहे, किन्तु गोल तथा पीला रंग प्रभावी गुण, इस कारण वे प्रकट हुए ।
- अब इस F1 पीढ़ी के पौधों में स्व-परागण होने दिया गया तथा F2 के पौधे प्राप्त किया गया ।
- पृथ्थकरण नियम के अनुसार चार प्रकार के बीज बने, जिनका अनुपात इस प्रकार था-
गोल + पीला बीज = 9
झुर्रीदार + पीला बीज = 3
गोल + हरा बीज = 3
झुर्रीदार + हरा बीज = 1
- गोल-पीले और झुर्रीदार-पीले बीजों में 3:1 का अनुपात रहा । गोल-हरे और झुर्रीदार हरे बीजों में भी 3:1 का अनुपात रहा।
12. (c) मेंडल ने पहले एक जोड़ी विपरीत गुणों और फिर दो जोड़ी विपरीत गुणों की वंशागति का अध्ययन किया, जिन्हें क्रमशः एकसंकरीय क्रॉस तथा द्वि-संकरीय क्रॉस कहते हैं ।
- एकसंकरीय क्रॉस - जब दो पौधों के बीच एक इकाई लक्षण के आधार पर संकरण कराया जाता है, तो इसे एकसंकरी क्रॉस कहते हैं ।
- द्विसंकरीय क्रॉसइसमें दो जोड़े विपरीत लक्षणों का क्रॉस कराया जाता है ।
13. (a) आनुवांशिकी के पिता ग्रेगर जोहॉन मेंडल को कहा जाता है । ये ऑस्ट्रिया देश के ब्रून नामक स्थान में ईसाइयों के एक मठ के पादरी थे ।
- मटर के पौधों पर किए गए अपने प्रयोगों के निष्कर्षों को उन्होंने 1866 ई० में Annual proceeding of the natural history society of furm में प्रकाशित कराया, परन्तु विज्ञान जगत में 34 वर्षों तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया ।
- उनके मृत्यु के पश्चात् 1900 ई० में इनके प्रयोगों के निष्कर्ष को वैज्ञानिकों द्वारा मान्यता मिली ।
14. (b) अनुवांशिक / जेनेटिक बीमारियाँ-
थैलेसीमिया,
हीमोफीलिया,
एनिमिया और सिकल सेल,
सिस्टिक फाइबग्रेसिस
डीवीटी,
मल्टीपल स्केलेरोसिस,
डायबिटीज ।
15. (a) प्रत्येक जीव में ऐसे गुण होते हैं, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी माता-पिता अर्थात् जनकों से उनके संतानों में संचरित होते रहता है। ऐसे गुणों को आनुवांशिक गुण कहते हैं।
- एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जीवों के मूल गुणों का संचरण आनुवांशिका (Heredity) कहलाता है |
- मूल गुणों के संचरण के कारण ही प्रत्येक जीव के गुण अपने जनकों के गुण के समान होते हैं। |
- इन गुणों का संचरण एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में जनकों के युग्मकों के द्वारा होता है।
16. (c) विभिन्नता (Variation) जीव के ऐसे गुण हैं जो उसे अपने जनकों अथवा अपनी ही जाति के अन्य सदस्यों के उसी गुण के मूल स्वरूप से भिन्नता को दर्शाती है ।
- जीन सभी जीवों के वंशानुगत गुणों का निर्धारक होता है।
- विभिन्नता जीन के माध्यम से ही एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचारित होती है।
- अतः जीन का द्विगुणन ही विभिन्नता का मुख्य कारण है।
17. (a) जीन का द्वि-गुणन कोशिकाओं के विभाजन के लिए अनिवार्य है तथा जनन के लिए कोशिकाओं का विभाजन आवश्यक है ।
- अतः जनन के कारण ही विभिन्नता का संचरण एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी में होता है।
- विभिन्नताएँ सामान्यतः लैंगिक जनन से उत्पन्न संतानों में ही स्पष्ट देखी जाती है।
- अलैंगिक जनन जैसे- कायिक प्रवर्द्धन से उत्पन्न पीढ़ी में स्पष्ट रूप से दिखने वाली विभिन्नताएँ सामान्यतः कम पाई जाती है ।
18. (b) जीवों में आनुवांशिका उत्परिवर्तन के कारण होता है तथा नई जाति के विकास में इनका महत्त्वपूर्ण योगदान होता है।
- गुणसूत्र या क्रोमोसोम पर उपस्थिति जीन की संरचना तथा स्थिति में परिवर्तन ही उत्परिवर्तन का कारण है।
- आनुवांशिक विभिन्नता का दूसरा कारण आनुवांशिक पुनर्योग (Genetic recombination) भी हैं ।
19. (c) आनुवांशिक पुनर्योग के कारण संतानों के क्रोमोसोम में जीन के गुण अपने जनकों के जीन के गुण से भिन्न हो सकता है।
- ऐसे नए गुण जीवों को अपने वातावरण के अनुसार अनुकूलन में सहायक हो सकते हैं ।
- कभी-कभी ऐसे नए गुण जीवों को वातावरण में अनुकूलित होने में सहायक भी नहीं होते हैं ।
- ऐसी स्थिति में आपसी स्पर्द्धा, रोग इत्यादि कारणों से कैसी जीव विकास की दौड़ में विलुप्त हो जाते हैं ?
- बचे हुए जीव ऐसे लाभदायक गुणों को अपने संतानों में संचरित करते हैं ।
20. (a) मेंडल के स्वतंत्र अपव्यूहन के नियामनुसार, “कारकों के विभिन्न जोड़े जो किसी जीव में पाये जाते हैं एक-दूसरे के प्रति स्वतंत्र होते हैं और स्वतंत्रतापूर्वक मिश्रित होकर नए रंग-रूप के जीव बना सकते हैं। "
- निषेचन के समय यदि अण्डाणु X-गुणसूत्र वाले शुक्राणु से मिलता है तो युग्मनज में 23वीं जोड़ी XX होगी और इससे बनने वाली संतान लड़की होगी ।
- इसके विपरीत यदि किसी अण्डाणु से Y गुणसूत्र वाले शुक्राणु से निषेचित होगा तो युग्मनज में 23वीं जोड़ी XY होगा और इससे बनने वाला संतान लड़का होगा ।
21. (b) मनुष्यों में गुणसूत्रों की कुल सं० 46 होती है । प्रत्येक संतान को समजात गुणसूत्रों की प्रत्येक जोड़ी का एक गुणसूत्र अण्डाणु के द्वारा माता से तथा दूसरा शुक्राणु पिता से प्राप्त होता है।
- शुक्रजनन में अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा दो प्रकार के शुक्राणु बनते हैं-आधे वे जिनमें 23वीं जोड़ी का X-गुणसूत्र आता है ( अर्थात् 22 + X) तथा आधे वे जिनमें 23वीं जोड़ी में Y गुणसूत्र आता है, (अर्थात् 22 + Y)।
- नारियों में एक समान प्रकार का गुणसूत्र अर्थात् (22+X) तथा (212 + X) वाले अण्डाणु पाए जाते हैं ।
- पुरुष का गुणसूत्र संतान में लिंग निर्धारण के लिए उत्तरदायी होता है।
22. (c) यदि हम F2 के पौधे से तीसरी पीढ़ी अर्थात् F3 प्राप्त करे तो देखेंगे कि शुद्ध लंबे पौधे (TT) सदैव ही लंबे पौधे बनाते हैं।
- उसी प्रकार शुद्ध बौने पौधे (tt) हमेशा ही बौने पौधे बनाते हैं।
- परन्तु यदि मिश्रित लंबे पौधे (Tt × Tt) का क्रॉस कराया जाए तो F2 पीढ़ी की भाँति लंबे तथा बौने पौधे का समलक्षणी अनुपात 3:1 होगा ।
- F2 पीढ़ी के तीन लंबे और एक बौने पौधे में एक शुद्ध लंबे (TT), दो मिश्रित लंबा (Tt) और एक शुद्ध बौना (tt) हुआ जिसका अनुपात 1:2:1 होता है ।
23. (a) मेंडल के अनुसार, प्रत्येक जनन कोशिका में एक ही गुण को व्यक्त करने के लिए दो कारक होते हैं ।
- जब ये दोनों कारक समान हो, तो इस स्थिति को समयुग्मजी (Homozygous) तथा
- जब ये विपरीत हो तो इस स्थिति को विषमयुग्मजी (Hetrozygous) कहते हैं।
उदाहरण - TT : समयुग्मजी
Tt: विषमयुग्मजी
24. (b) एकसंकरीय क्रॉस में मेंडल ने मटर के पौधों की दो ऐसी उपजातियाँ चुनी जिनके विपरीत लक्षणों के जोड़ों में एक लंबा तथा दूसरा बौना था और
- इसका आपस में क्रॉस कराया तो देखा गया कि पहली पीढ़ी में बीजों द्वारा जो पौधे उत्पन्न हुए, वे सभी लंबे थे ।
- इन सभी पहली पीढ़ी वाले पौधों को F, पौधे कहते हैं ।
- फीनोटिपिक अनुपात 3 : 1
- जीनोटिपिक अनुपात 1:2:1
25. (d) विभिन्नताएँ दो प्रकार की होती हैं-
(i) जननिक विभिन्नता - ऐसी विभिन्नताएँ जनन कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तन के कारण होती हैं ।
- ऐसी विभिन्नता एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत होती है ।
- इसका इसे आनुवांशिक विभिन्नता के नाम से भी जाना जाता है।
(ii) कायिक विभिन्नता - ऐसी विभिन्ताएँ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत नहीं होती है। ऐसी विभिन्नताएँ उपार्जित ( acquired) होती है।
- इस कारण जैव विकास में इनका कोई महत्व नहीं होता है ।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..