General Competition | Indian Polity | नागरिकता
- नागरिकता के विषय में जानकारी हमें भारतीय संविधान का भाग- 2 प्रदान करता है। नागरिकता की चर्चा अनुच्छेद 5-11 में है । भारत में एकल नागरिकता का प्रावधान है, जो ब्रिटेन से लिया गया है।
नोट- अमेरिका और स्वीटजरलैंड में दोहरी नागरिकता का प्रवाधान है।
♦ किसी भी देश में दो प्रकार की नागरिकता होती है ।
(क) देशी (ख) विदेशी
- भारत के भीतर भारत के देशी नागरिकों को समस्त मौलिक अधिकार ( 12-35) प्राप्त होता है वही विदेशी नागरिकों को अनुच्छेद 15, 16, 19, 29 और 30 प्राप्त नहीं होता है। इसके अलावा विदेशी नागरिकों को समस्त मौलिक अधिकार प्राप्त होता है । अर्थात हम यह कह सकते हैं कि अनुच्छेद 15, 16, 19, 29 और 30 सिर्फ भारत के नागरिकों को प्राप्त होता है ।
- विदेशी नागरिक दो प्रकार के होते हैं-
(1) मित्र देश का विदेशी नागरिकः-
वैसा देश जिसके साथ भारत का युद्ध नहीं हुआ हो मित्र देश का विदेशी नागरिक कहलाता है ।
जैसे:- अमेरिका, रूस, फ्रांस, इत्यादि......
(2) शत्रु देश का विदेशी नागरिकः-
वैसे देश जिसके साथ भारत का युद्ध हुआ हो शत्रु देश के विदेशी नागरिक कहलाता है ।
जैसे- चीन, पाकिस्तान, इत्यादि......
नोट- अनुच्छेद-22 मित्र देश के विदेशी नागरिक को प्राप्त होता है वही शत्रु देश के विदेशी नागरिक को प्राप्त नहीं होता है।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद-11 यह कहता है कि भारत में नागरिकता तथा समाप्त करने का शक्ति भारत के संसद को है । भारतीस संसद इय अधिकार का प्रयोग करते हुए नागरिकता को लेकर कानून 1955 ई. में बनाया, जिसे नागरिकता अधिनियम 1955 कहते हैं। इस अधिनियम में इस बात का जिक्र है कि भारत की नागरिकता 5 प्रकार से प्रप्त होती है तथा 3 प्रकार से समाप्त की जाती है। जो निम्न है-
♦ नागरिकता प्राप्त करने की 5 शर्तें:
1. जन्म के आधार पर 2. वंश के आधार पर 3. देशीकरण 4. पंजीकरण 5. भुमि - विस्तार
♦ नागरिकता रद्य करने की तीन शर्ते:
1. बर्खास्त किये जाने पर
2. वंचित किये जाने पर
3. परित्याग द्वारा
अनुच्छेद-5
संविधान लागू होने के समय नागरिकता प्राप्त करने की शर्तें की जानकारी प्रदान करता है।
1. माता या पिता में से कोई भी एक भारतीय हो या फिर दोनों भारतीय हो ।
2. संविधान लागू होने के 5 वर्ष पूर्व से भारत में रह रहा हो ।
अनुच्छेद-6
आजादी के बाद सीधे तौर पर पाकिस्तान से आने वाले नागरिकों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाती है।
अनुच्छेद-7
भारत से पाकिस्तान गयें तथा पाकिस्तान से पूनः भारत लौटे नागरिकों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाती है ।
अनुच्छेद-8
भारतीय मूल के नागरिकों के नागरिकता अधिकार के विषय में जानकारी प्रदान करता है।
Person of Indian Origin (भारतीय मूल का व्यक्ति ):-
वैसे नागरिक जो मूलतः भारतीय मूल के रहने वाले थें लेकिन किसी कारणवश दूसरे देशों की नागरिकता ग्रहण कर लिया हो, भारतीय मूल का व्यक्ति कहलाता है।
NRI (Non Residential Indian):-
वैसे नागरिक जिनके पास भारत की नागरिकता, भारतीय पासपोर्ट और वीजा हो परंतु किसी सिलसिले में भारत से बाहर रहता हो NRI कहलाता है । इनकों वही अधिकार प्राप्त होता है जो भारतीय नागरिकों के पास होता है ।
जैसे- सरकारी नौकरी करने का अधिकार, मतदान करने का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार, इत्यादि......
अनुच्छेद-9
अगर कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी दूसरे देश का नागरिकता ग्रहण कर लेता है तो स्वतः उसका भारत से नागरिकता समाप्त हो जाती है।
अनुच्छेद-10
संसद को यह अधिकार है कि नागरिकों की अधिकारों की बारंबारता को बनाए रख सकें ।
नागरिकता प्राप्त करने की 5 शर्ते :
(1) जन्म के आधार परः-
अगर किसी व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी 1950 को या उसके बाद भारत में हुआ हो, तथा उसके माता-पिता में से कोई भी भारतीय हो तो उनके बच्चों को जन्म के आधार पर नागरिकता मिल जाएगी।
2. वंश के आधार परः-
26 जनवरी 1950 के बाद अगर किसी व्यक्ति का जन्म भारत से बाहर हुआ हो, लेकिन उनके माता-पिता में से कोई भी भारतीय हो तो भी उसे भारत की नागरिकता प्राप्त हो जाएगी ।
3. भूमि विस्तारः-
अगर भारत सरकार किसी क्षेत्र को जीतकर भारत में मिलाता है तो वहाँ का नागरिक भारतीय नागरिक कहलाएगें। अगर भारत सरकार अधिसुचना जारी कर नागरिकता देने की बात कह दी हो तो ।
4. देशीकरण:-
अगर कोई व्यक्ति देशीकरण के तहत् नागरिकता लेना चाहता है तो उसे निम्न शर्तों को पूरा करना होगा-
(1) वह वयस्क हो तथा अच्छे चरित्र का हो।
(2) भारतीय संविधान में वर्णित 22 भाषाओं में किसी एक भाषा का अच्छा जानकार हो ।
(3) भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा वयक्त करता हो ।
(4) वह ऐसे देश का नागरिक हो जहाँ भारतीयों को देशीकरण के द्वारा नागरिकता प्राप्त हो सकें।
(5) वह अपने देश की नागरिकता त्याग कर दिया हो और इसकी सुचना भारत सरकार को दे दी हो ।
नोट- अगर कोई व्यक्ति उपर्युक्त लिखित किसी भी शर्त को पूरा नहीं करता हो लेकिन उसका योगदान विश्व साहित्य, विश्व शांति, विश्व दर्शन, मानवता, इत्यादि को लेकर हो तो उसे बिना किसी शर्त से भारत की नागरिकता प्रदान की जा सकती है ।
जैसे- मदर टेरेसा को भारत की नागरिकता प्रदान की गई है।
- एकमात्र भारतीय महिला मदर टेरेसा है जिसें शांति के क्षेत्र में सन् 1979 ई नोबेल पुरस्कार दिया गया है।
5. पंजीकरण:-
कोई भी व्यक्ति लगातार 7 वर्षो तक भारत में रहकर पंजीकरण के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है। साथ ही साथ अगर कोई भारतीय पुरूष किसी विदेशी से विवाह करता है तो उसके पत्नी को पजीकरण के माध्यम से नागरिकता मिल जाएगी ।
नागरिकता समाप्त होने की 3 शर्तेः
(1) अगर कोई व्यक्ति लगातार 7 वर्षो से भारत से बाहर रह रहा हो ।
(2) अगर किसी ने धोखे से भारत की नागरिकता प्राप्त की हो और यह खबर भारत सरकार को लग गई हो !
(3) भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा नहीं रखता हो ।
(4) पंजीकरण या देशीकरण के माध्यम से भारत की नागरिकता प्राप्त की हो और नागरिकता प्राप्त होनें के 5 वर्षों के भीतर किसी न्यायलय के द्वारा 2 वर्ष या उससे अधिक की सजाया सुनाया गया हो ।
OCI (Over Citigion of India):-
वैसे नागरिक जो भारत छोड़कर NRI हो गये हैं, उन्हें भारत आने के लिए OCI नागरिकता दिया जाता है ।
अपवाद- (1) सुचाव नहीं लड़ सकते हैं। (2) वोट नहीं दे सकते हैं ।
नोट - (1) पाकिस्तान तथा बंगलादेश के लोग OCI के अंतर्गत नहीं आते हैं।
(2) पाकिस्तान, बंगलादेश, नेपाल, चीन, भूटान, अफगानिस्तान, श्रीलंका इन देशों के लोग POI (Person of Indian Origian) के श्रेणी में नहीं आते हैं ।
(3) जो भारत के मूल नागरिक होते हैं उनकी नागरिकता किसी भी स्थिति में समाप्त नहीं होती है।
(4) राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधामंत्री, राज्यपाल, इत्यादि का पद भारत के नागरिक ही प्राप्त कर सकती है ।
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