NCERT MCQs | आधुनिक भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन | भारत में यूरोपीय शक्ति का आगमन
भारत में यूरोपीयों का प्रवेश
1. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सत्य है?
(a) पुर्तगाली नाविक वास्को-डि-गामा ने 1498 ई. में यूरोप से भारत तक एक नए समुद्री मार्ग की खोज की थी
(b) वास्को-डि-गामा आशा अंतरीप होते हुए अफ्रीका का चक्कर लगाकर भारत में कालीकट पहुँचा था
(c) 'a' और 'b' दोनों
(d) वास्को-डि-गामा जिस माल को लेकर लौटा, वह पूरी यात्रा की कीमत के 20 गुना दामों पर बिका
उत्तर - (c)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (a) और (b) सत्य हैं। नवजागरण के क्षेत्र में प्रमुख कार्यों में से एक नए-नए समुद्री मार्गों की खोज करना भी था। इस क्षेत्र में यूरोपीय नाविकों ने अभूतपूर्व पहल की। एक ओर जहाँ स्पेन के निवासी कोलंबस ने अमेरिका की खोज की, तो वहीं दूसरी प्रमुख उपलब्धि वास्को-डि-गामा की रही, जिसने 1498 ई. में भारत की खोज की। वह आशा अंतरीप के मार्ग से होते हुए अफ्रीका से भारत के कालीकट तट पर पहुँचा था।
कथन (d) असत्य है, क्योंकि वास्को-डि-गामा जिस माल को लेकर वापस लौटा, वह पूरी यात्रा की कीमत का 20 गुना नहीं, बल्कि 60 गुना दामों पर बिका।
2. निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. 1510 ई. में गोवा पर अधिकार करने वाला पुर्तगाली गवर्नर फ्रांसिस्को अल्मीडा था।
2. अल्बुकर्क के काल में पुर्तगालियों ने फारस की खाड़ी में स्थित हरमुज से लेकर मलक्का तक अधिकार कर लिया था।
3. दक्षिण भारत मुगल साम्राज्य से बाहर था, अतः उन्हें मुगलों की शक्ति का सामना नहीं करना पड़ा।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2
उत्तर - (a)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (1) असत्य है। गोवा पर 1510 ई. में अधिकार करने वाला पुर्तगाली गवर्नर अलफांसो-डि- अल्बुकर्क था, न कि फ्रांसिस्को अल्मीडा। उसने भारत के तटीय क्षेत्र पर अपना आधिपत्य स्थापित किया साथ ही अपना व्यापार और अधिकार क्षेत्र बढ़ाने तथा यूरोपीयों से अपने व्यापारिक एकाधिकार को सुरक्षित रखने हेतु निरंतर संघर्षरत् रहा।
3. यूरोप के विभिन्न देशों की कंपनियों ने भारत के विभिन्न हिस्सों में अपने व्यापारिक केंद्र स्थापित किए थे। निम्न में से किस देश की कंपनी शामिल नहीं थी?
(a) स्पेन
(b) पुर्तगाल
(c) हॉलैंड
(d) डेनमार्क
उत्तर - (a)
व्याख्या- भारत में स्पेन की कंपनी ने अपना व्यापारिक केंद्र स्थापित नहीं किया था। भारत में जिन यूरोपीय देशों की कंपनियों ने अपने व्यापारिक केंद्र स्थापित किए थे, उनमें शामिल थे- पुर्तगाल, हॉलैंड (नीदरलैंड), इंग्लैंड, फ्रांस तथा डेनमार्क। इन कंपनियों के व्यापारिक केंद्र मुख्यतः समुद्र तटवर्ती क्षेत्र थे।
4. निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. 16वीं सदी के उत्तरार्द्ध में इंग्लैंड, हॉलैंड और बाद में फ्रांस उभरती हुई व्यापारिक और प्रतिद्वंद्वी शक्तियाँ थीं।
2. इन शक्तियों ने विश्व व्यापार पर स्पेन और पुर्तगाली एकाधिकार के विरुद्ध संघर्ष छेड़ दिया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (c)
व्याख्या- दिए गए दोनों कथन सत्य हैं। 16वीं सदी के उत्तरार्द्ध में इंग्लैंड, हॉलैंड और उसके पश्चात् फ्रांस उभरती हुई व्यापारिक और प्रतिद्वंद्वी शक्तियाँ थीं और इन सभी ने विश्व व्यापार पर स्पेन और पुर्तगाली एकाधिकार के विरुद्ध संघर्ष प्रारंभ कर दिया। इस संघर्ष में स्पेन और पुर्तगाल की पराजय हुई, जिसके फलस्वरूप अंग्रेज और डच 'केप ऑफ गुड होप' के रास्ते भारत आने वाले मार्ग का प्रयोग करने लगे और पूर्व में अपना साम्राज्य विस्तार करने की दिशा में अग्रसर हो गए। इसी क्रम में डचों ने इंडोनेशिया पर और अंग्रेजों ने भारत, श्रीलंका और मलाया पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया।
5. डच ईस्ट इंडिया कंपनी के विषय में कौन-सा कथन असत्य है?
(a) डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1604 ई. में हुई थी।
(b) डच संसद ने एक चार्टर के द्वारा कंपनी को युद्ध एवं संधि करने तथा किले बनाने के अधिकार दे दिए थे।
(c) डचों की व्यापारिक रुचि भारत में नहीं, बल्कि इंडोनेशिया के मसाला उत्पादक क्षेत्रों में थी।
(d) 1658 ई. में डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने श्रीलंका को विजित किया था।
उत्तर - (a)
व्याख्या- डच ईस्ट इंडिया कंपनी के विषय में कथन (a) असत्य है, क्योंकि डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1604 ई. में नहीं, बल्कि 1602 ई. में हुई थी।
डच संसद ने एक चार्टर के माध्यम से कंपनी को साम्राज्य विस्तार हेतु विभिन्न अधिकारों के प्रयोग की मान्यता प्रदान कर रखी थी।
डच भारत को विजित करने के बजाय इंडोनेशिया के जावा, सुमात्रा और स्पाइस आइलैंड जैसे द्वीपों पर अपना अधिकार स्थापित करना चाहते थे, क्योंकि ये द्वीप मसालों के लिए प्रसिद्ध थे।
डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1658 ई. में श्रीलंका को विजित किया तथा कैंडी में अपना केंद्र स्थापित किया।
6. 1600 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी को चार्टर प्रदान करने के समय ब्रिटेन की महारानी कौन थीं?
(a) एलिजाबेथ द्वितीय
(b) एलिजाबेथ प्रथम
(c) मैरी क्यूरी
(d) डायना
उत्तर - (b)
व्याख्या- 1600 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी को चार्टर प्रदान करते समय ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ प्रथम थीं, इसके फलस्वरूप कंपनी को पूर्व में व्यापार करने का एकाधिकार प्राप्त हो गया था। इस चार्टर का अर्थ यह था कि इंग्लैंड की कोई और अन्य कंपनी उस क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियाँ नहीं कर सकती थी।
7. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. 1605 ई. में कंपनी ने भारत के पश्चिमी तट पर गोवा में एक फैक्ट्री की स्थापना की।
2. कंपनी ने कैप्टन हॉकिंस को जहाँगीर के दरबार में शाही आज्ञा लेने के लिए भेजा।
3. 1615 ई. में अंग्रेज राजदूत टॉमस रो मुगल साम्राज्य के सभी भागों में व्यापार करने और फैक्ट्रियों को स्थापित करने का शाही फरमान जारी कराने में सफल रहा।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 3
(d) 2 और 3
उत्तर - (a)
व्याख्या- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के संदर्भ में कथन (1) असत्य है, क्योंकि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के पश्चिमी तट पर सूरत में 1608. ई. में फैक्ट्री स्थापित करने का निश्चय किया था न कि 1605 ई. में गोवा में ।
उस समय व्यापारिक केंद्रों को 'फैक्ट्री' के नाम से जाना जाता था और इसी फैक्ट्री की स्वीकृति लेने हेतु कंपनी ने कैप्टन हॉकिस को जहाँगीर के दरबार में भेजा था। परिणामस्वरूप एक शाही फरमान द्वारा पश्चिमी तट के अनेक स्थानों पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को फैक्ट्रियाँ स्थापित करने की अनुमति प्राप्त हो गई।
8. निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. 18वीं सदी के आरंभ तक इंग्लैंड एवं फ्रांस की कंपनियों का यूरोप व भारत के मध्य व्यापार पर प्रभुत्व स्थापित हो गया।
2. व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता तथा अधिकाधिक लाभ के कारण कंपनियों के मध्य झगड़े भी हुए।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है / हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (c)
व्याख्या- दिए गए दोनों कथन सत्य हैं। 18वीं सदी के आरंभ तक अंग्रेजों और फ्रांसीसियों ने पुर्तगालियों, स्पेनवासियों तथा डचों को उन महत्त्वपूर्ण स्थलों से विस्थापित कर दिया था, जो उन्होंने एशिया और यूरोप के मध्य व्यापार के लिए पहले स्थापित किए थे। इस प्रकार इंग्लैंड और फ्रांस की कंपनियों का यूरोप व भारत के मध्य व्यापार पर प्रभुत्व स्थापित हो गया।
व्यापारिक कंपनियाँ कम-से-कम कीमत पर भारतीय माल को खरीदना चाहती थीं और बाजार पर अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहती थीं और इसी लाभ की स्थिति ने इनके मध्य परस्पर विरोध और प्रतिद्वंद्विता की स्थिति को जन्म दिया।
9. अंग्रेजों ने दक्षिण भारत में 1611 ई. में अपनी पहली फैक्ट्री कहाँ स्थापित की थी ?
(a) नागपट्टनम
(b) उरैयूर
(c) मसूलीपट्टनम
(d) गोवा
उत्तर - (c)
व्याख्या- अंग्रेजों ने दक्षिण भारत में 1611 ई. में अपनी पहली फैक्ट्री मसूलीपट्टनम में स्थापित की थी, परंतु जल्द ही उनकी गतिविधियों का केंद्र मद्रास बन गया, जिसका पट्टा 1639 ई. में संबंधित क्षेत्र के स्थानीय राजा ने उन्हें दे दिया था। राजा ने अंग्रेजों को उस स्थान की किलेबंदी करने, उनका प्रशासन चलाने और सिक्के ढालने की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि बंदरगाह से प्राप्त चुंगी का आधा भाग राजा को हिस्से के रूप में दिया जाएगा।
10. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंबई प्रांत किससे प्राप्त किया था?
(a) डचों से
(b) फ्रांसीसियों से
(c) डेनिशों से
(d) पुर्तगालियों से
उत्तर - (d)
व्याख्या- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंबई प्रांत को पुर्तगालियों से प्राप्त किया, क्योंकि 1661 ई. में पुर्तगालियों ने अपनी राजकुमारी कैथरीन ब्रेगांजा का विवाह ब्रिटेन के चार्ल्स द्वितीय से किया और बंबई को उसे दहेज के रूप में दिया तथा राजकुमार चार्ल्स ने 1668 ई. में बंबई को दस पौंड के वार्षिक किराये पर ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दिया।
इस प्रकार कंपनी को मराठा शक्ति से रक्षा हेतु बंबई का बंदरगाह अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ। जल्द ही कंपनी ने पश्चिमी तट पर मुख्यालय के रूप में मद्रास का स्थान प्राप्त कर लिया था।
11. फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कब हुई थी?
(a) 1660 ई.
(b) 1662 ई.
(c) 1664 ई.
(d) 1666 ई.
उत्तर - (c)
व्याख्या- फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1664 ई. में की गई थी। कंपनी ने अपनी स्थापना के साथ ही पूर्वी तट पर कलकत्ता के पास चंद्रनगर और पांडिचेरी में अपनी स्थिति को सुदृढ़ कर लिया था, पांडिचेरी को उन्होंने पूर्ण रूप से किलाबंद कर लिया था।
12. 1740-48 ई. के मध्य यूरोप में चला 'ऑस्ट्रियाई उत्तराधिकार का युद्ध' किन यूरोपीय शक्तियों के मध्य हुआ था?
(a) फ्रांसीसी और अंग्रेज
(b) डच और फ्रांसीसी
(c) पुर्तगाली और डच
(d) अंग्रेज और पुर्तगाली
उत्तर - (a)
व्याख्या- 1740-48 ई. के मध्य यूरोप में चले 'ऑस्ट्रियाई उत्तराधिकार के युद्ध' में अंग्रेज और फ्रांसीसी परस्पर विरोधी गुट में शामिल थे। इस युद्ध के परिणाम दोनों देशों के मध्य भारत में दृष्टिगोचर हुए, जब फ्रांसीसियों ने सेंट जॉर्ज को अपने आधिपत्य में ले लिया था। इस युद्ध के समय पांडिचेरी में फ्रांसीसी गवर्नर के रूप में डूप्ले कार्यरत था।
13. यूरोप में अंग्रेजों तथा फ्रांसीसियों के मध्य होने वाला 'सप्तवर्षीय युद्ध' कब से कब तक चला था ?
(a) 1753 से 1760 ई. तक
(b) 1754 से 1761 ई. तक
(c) 1755 से 1762 ई. तक
(d) 1756 से 1763 ई. तक
उत्तर - (d)
व्याख्या- यूरोप में अंग्रेजों तथा फ्रांसीसियों के मध्य होने वाला 'सप्तवर्षीय युद्ध' 1756 ई. से 1763 ई. तक चला था। इस युद्ध के परिणामस्वरूप कर्नाटक में फ्रांसीसियों को पराजय का सामना करना पड़ा। युद्ध के पश्चात् भारत में फ्रांसीसियों की राजनीतिक सत्ता समाप्त हो गई और अब वह केवल व्यापारिक गतिविधियों तक सीमित रह गए और अंग्रेजों ने बंगाल पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया।
ब्रिटिश का साम्राज्य विस्तार
1. इंग्लैंड की ईस्ट इंडिया कंपनी की भारत में प्रथम निर्णायक सैन्य सफलता मानी जाती है
(a) बक्सर का युद्ध
(b) प्लासी का युद्ध
(c) पानीपत का युद्ध
(d) हल्दीघाटी का युद्ध
उत्तर - (b)
व्याख्या- इंग्लैंड की ईस्ट इंडिया कंपनी की भारत में प्रथम निर्णायक सैन्य सफलता 1757 ई. का प्लासी का युद्ध मानी जाती है। अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को परास्त कर बंगाल पर अपना पूर्ण अधिकार कर लिया था, क्योंकि इस समय बंगाल आर्थिक सत्ता का केंद्र था।
2. 18वीं शताब्दी में भारत में लड़े गए युद्धों का निम्नलिखित में से सही कालानुक्रम कौन-सा है ?
(a) वांडीवाश युद्ध - बक्सर युद्ध - अंबर युद्ध - प्लासी युद्ध
(b) अंबर युद्ध - प्लासी युद्ध - वांडीवाश युद्ध - बक्सर युद्ध
(c) वांडीवाश युद्ध - प्लासी युद्ध - अंबर युद्ध - बक्सर युद्ध
(d) अंबर युद्ध - बक्सर युद्ध - वांडीवाश युद्ध - प्लासी युद्ध
उत्तर - (b)
व्याख्या- 18वीं शताब्दी में भारत में लड़े गए युद्धों का सही कालानुक्रम इस प्रकार है-अंबर युद्ध-प्लासी युद्ध - वांडीवाश युद्ध-बक्सर युद्ध अंबर की लड़ाई 1749 ई. में डूप्ले के नेतृत्व में फ्रांसीसी सेना तथा कर्नाटक के नवाब अनवरुद्दीन की सेना के बीच हुई थी। इस लड़ाई में अनवरुद्दीन मारा गया।
प्लासी का युद्ध 1757 ई. में रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना तथा बंगाल के नव • सिराजुद्दौला के बीच हुआ। इस युद्ध में सिराजुद्दौला मारा गया। वांडीवाश का युद्ध 1760 ई. में ब्रिटिश तथा फ्रांसीसी सेनाओं के बीच हुआ। यह एक निर्णायक युद्ध था, जिसने फ्रांसीसी शक्ति को भारत में क्षीण कर दिया। बक्सर का युद्ध 1764 ई. में अंग्रेजी सेना तथा अवध के नवाब, बंगाल के नवाब एवं मुगल सम्राट की संयुक्त सेना के बीच हुआ। इस युद्ध से बंगाल पर ईस्ट इंडिया कंपनी का नियंत्रण स्थापित हुआ। 21.
3. 1717 ई. में मुगल सम्राट द्वारा ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को जारी किए गए शाही फरमान के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है।
1. कलकत्ता से होने वाले व्यापार पर कर वसूलने का अधिकार कंपनी को प्राप्त हो गया।
2. कंपनी को बिना कर चुकाए बंगाल से वस्तुओं के आयात निर्यात की छूट मिल गई।
3. भारतीय व्यापारियों एवं कंपनी के कर्मचारियों की निजी व्यापार हेतु कर की दर एक समान थी।
कूट
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) 1 और 3
उत्तर - (a)
व्याख्या- 1717 ई. में मुगल सम्राट द्वारा ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को जारी किए गए शाही फरमान के संबंध में कथन (1) असत्य है। मुगल सम्राट फर्रुखसियर द्वारा जारी किए गए इस शाही फरमान में अंग्रेजों को बहुमूल्य विशेषाधिकार प्रदान किए गए थे, लेकिन कलकत्ता से होने वाले व्यापार पर कर वसूलने का अधिकार कंपनी को प्राप्त नहीं था।
कथन (2) और (3) सत्य है। कंपनी को बिना कर चुकाए बंगाल से वस्तुओं के आयात-निर्यात की छूट मिल गई। कंपनी के कर्मचारियों को भी निजी व्यापार के लिए कर देने होते थे, जो भारतीय व्यापारियों पर लगे कर के सदृश थे ।
4. निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है?
(a) 1750 ई. में मुर्शिदकुली खाँ की मृत्यु के बाद सिराजुद्दौला बंगाल का नवाब बना।
(b) सिराजुद्दौला ने अंग्रेज तथा फ्रांसीसी कंपनियों को हुक्म दिया कि वे किलेबंदी रोकें तथा बकाया राजस्व चुकाएँ।
(c) जब अंग्रेजों ने सिराजुद्दौला की बात नहीं मानी तो उसने 30,000 सिपाहियों के साथ कासिम बाजार स्थित इंग्लिश फैक्ट्री पर आक्रमण कर दिया।
(d) अंग्रेजों के हाथ से कलकत्ता के निकल जाने के बाद कंपनी ने राबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में बंगाल के लिए सेना भेजी।
उत्तर - (a)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (a) असत्य है, क्योंकि 1750 ई. में नहीं, बल्कि 1756 ई. में अलीवर्दी खाँ की मृत्यु के पश्चात् सिराजुद्दौला बंगाल का नवाब बना । सिराजुद्दौला एक साहसी नवाब था और संभवत: अंग्रेजी उसके आक्रामक व्यवहार से परिचित थे। नवाब बनने के पश्चात् सिराजुद्दौला ने अंग्रेजों को राजस्व चुकाने और किलेबंदी को रोकने की आज्ञा दी।
5. सिराजुद्दौला ने फोर्ट विलियम पर कब अधिकार किया?
(a) 18 जनवरी, 1756
(b) 27 मार्च 1756
(c) 20 जून, 1756
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (c)
व्याख्या- सिराजुद्दौला ने कलकत्ता में 20 जून, 1756 में फोर्ट विलियम को भी अपने अधिकार में ले लिया। नवाब बनते ही उसने अंग्रेजों के विरुद्ध आक्रामक व्यवहार अपनाते हुए कासिम बाजार में स्थित उनकी फैक्ट्री पर आक्रमण कर, उस पर अधिकार कर लिया।
6. निम्नलिखित में से कौन-सा असत्य कथन है ?
(a) प्लासी के युद्ध के उपरांत कंपनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा में मुक्त व्यापार का अधिकार मिला।
(b) कंपनी को चौबीस परगने की जमींदारी मिली।
(c) कलकत्ता पर आक्रमण के हर्जाने के रूप में मीर जाफर ने कंपनी को ₹1 करोड़ दिए ।
(d) अंततः इस युद्ध ने कंपनी का बंगाल तथा पूरे भारत पर अधिकार का रास्ता खोल दिया।
उत्तर - (c)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (c) असत्य है। प्लासी के के युद्ध पश्चात् कलकत्ता पर आक्रमण के हर्जाने के रूप में मीर जाफर ने कंपनी को और नगर के व्यापारियों को एक करोड़ सतहत्तर लाख रुपए दिए, साथ ही कंपनी के अधिकारियों को 'उपहारों' अर्थात् रिश्वत के रूप में बड़ी रकमें दी गईं। क्लाइव को बीस लाख रुपए और एडमिरल वाट्सन को दस लाख रुपए से अधिक की रकम दी गई ।
7. अंग्रेजों ने मीर जाफर के पश्चात् किसे बंगाल का नवाब बनाया ?
(a) मीर कासिम
(b) जगत सेठ
(c) शुजाउद्दौला
(d) मीर अशरफ
उत्तर - (a)
व्याख्या- अंग्रेजों ने मीर जाफर के पश्चात् उसके दामाद मीर कासिम को बंगाल का नवाब बनाया। प्लासी के युद्ध के पश्चात् अंग्रेजी सत्ता का बंगाल पर • वास्तविक आधिपत्य स्थापित हुआ, जिसके परिणामस्वरूप अंग्रेज अफसर व उनके भारतीय दलाल किसानों से कम दाम पर वस्तुओं की खरीद कर अधिक लाभ कमाने लगे थे। इनके इस व्यवहार से मीर जाफर भी खुश नहीं था और अंततः वह भी कंपनी के विरुद्ध होने लगा, जिसके बाद कंपनी ने मीर जाफर को बंगाल के नवाब के पद से हटा दिया।
8. निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. मीर कासिम ने बंगाल में आंतरिक व्यापार पर लगने वाले सभी कर समाप्त कर दिए।
2. मीर कासिम ने यूरोपीय तर्ज पर एक आधुनिक और अनुशासित सेना खड़ी करने का प्रयास किया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन असत्य है / है?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (d)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कोई भी कथन असत्य नहीं है।
मीर कासिम ने बंगाल में आंतरिक व्यापार पर लगने वाले महसूल (कर) को समाप्त कर दिया और अपनी प्रजा को वो छूट प्रदान कर दी, जिसे अंग्रेजों ने बलपूर्वक प्राप्त किया था।
मीर कासिम ने नवाब बनने के पश्चात् इसकी आवश्यकता महसूस की कि अपनी स्वतंत्रता को कायम रखने हेतु एक भरा हुआ शाही खजाना और एक कुशल सेना का होना आवश्यक है। इसलिए उसने सार्वजनिक अव्यवस्था को सँभालने, राजस्व प्रशासन से भ्रष्टाचार को समाप्त कर अपनी आय बढ़ाने और यूरोपीय तर्ज पर एक आधुनिक और अनुशासित सेना खड़ी करने का प्रयास किया।
9. 22 अक्टूबर, 1764 को हुए बक्सर के युद्ध में अंग्रेजी सेना के विरुद्ध कौन लड़े थे?
(a) मीर कासिम
(b) अवध का नवाब शुजाउद्दौला
(c) मुगल बादशाह शाहआलम द्वितीय
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर - (d)
व्याख्या- 22 अक्टूबर, 1764 को पश्चिमी बिहार प्रांत के बक्सर नामक स्थान पर एक निर्णायक युद्ध लड़ा गया, जिसमें भारतीय सेना की ओर से मीर कासिम, अवध का नवाब शुजाउद्दौला और मुगल बादशाह शाहआलम द्वितीय शामिल थे। इन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध किया, इस युद्ध को 'बक्सर का युद्ध' के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध में भारतीय संयुक्त सेना की पराजय हुई और अंग्रेजों की निर्णायक विजय हुई।
10. 1765 ई. की इलाहाबाद की संधि के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. संधि के अनुसार कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी मिल गई।
2. अवध के नवाब ने कड़ा और इलाहाबाद को मुगल बादशाह को दे दिया।
3. कंपनी ने मुगल बादशाह को ₹25 लाख देना मंजूर किया।
4. बाहरी आक्रमण से नवाब की रक्षा के लिए कंपनी ने अपनी सेना भेजने का वचन दिया, किंतु इसका खर्च नवाब को वहन करना था ।
उपर्युक्त में कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) ये सभी
उत्तर - (c)
व्याख्या- 1765 ई. की इलाहाबाद की संधि के संबंध में कथन (3) असत्य है, क्योंकि कंपन मुगल बादशाह का ₹25 लाख नहीं, बल्कि ₹26 लाख देना मंजूर किया था। बक्सर के युद्ध के पश्चात् भारतीय सेना और अंग्रेजों के मध्य 1765 ई. में इलाहाबाद की संधि हुई। इस संधि के अंतर्गत मुगल सम्राट को इलाहाबाद और कड़ा का प्रांत भी जीतकर दे दिया गया।
11. द्वैध शासन के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. 1765 ई. से 1772 तक बंगाल में दोहरी सरकार रही, क्योंकि वहाँ एक साथ दो सत्ताएँ शासन कर रही थीं।
2. सेना और राजस्व वसूली अंग्रेजों के पास, जबकि प्रशासनिक अधिकार नवाब के पास था।
उपर्युक्त में कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर - (c)
व्याख्या- द्वैध शासन के संदर्भ में दिए गए दोनों कथन सत्य हैं। 1765 से 1772 ई. तक बंगाल में दोहरी सरकार सत्ता का संचालन कर रही थी। सेना और राजस्व वसूली का कार्य अंग्रेजों द्वारा किया जा रहा था, तो वहीं प्रशासन संभालने का कार्य नवाब के द्वारा होता था। बंगाल में द्वैध शासन का जनक रॉबर्ट क्लाइव को माना जाता है।
12. प्रथम आंग्ल मैसूर युद्ध कब हुआ था?
(a) 1765 ई.
(b) 1769 ई.
(c) 1775 ई.
(d) 1782 ई.
उत्तर - (b)
व्याख्या- प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध 1767 ई. से 1769 ई. के मध्य अंग्रेजों और हैदर अली के मध्य हुआ था, जिसमें हैदर अली विजयी हुआ। इस युद्ध के पश्चात् 4 अप्रैल, 1769 को अंग्रेज़ों और हैदर अली के मध्य मद्रास की संधि हुई।
13. निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. मैसूर के साथ अंग्रेजों का चार बार (1767-69, 1780-84, 1790-92 और 1799 ई.) युद्ध हुआ था।
2. श्रीरंगपट्टनम की संधि 1799 ई. में हुई थी।
3. 1799 ई. के अंतिम युद्ध में टीपू की मृत्यु हो गई।
4. टीपू के बाद मैसूर का राजकाज बोडियार राजवंश के हाथ में सौंप दिया गया।
उपर्युक्त में कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1, 2 और 3
(d) 1, 2 और 4
उत्तर - (b)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (2) असत्य है। आंग्ल-मैसूर युद्ध क्रमश: चार बार (1767-69, 1780-84, 1790-92, 1799) लड़ा गया, जिसमें अंग्रेजों को चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध में सफलता मिली, जब टीपू सुल्तान मारा गया। तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध के पश्चात् अंग्रेजों और टीपू के मध्य 1792 ई. में श्रीरंगपट्टनम की संधि हुई थी। टीपू की मृत्यु के पश्चात् मैसूर का राजकाज बोडियार राजवंश को सौंपा गया।
14. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सत्य है?
1. प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध 1784 ई. की मंगलौर की संधि के साथ समाप्त हुआ था।
2. द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध (1803-06 ई.) में उड़ीसा और यमुना के उत्तर में स्थित आगरा व दिल्ली सहित कई भू-भाग अंग्रेजों के अधिकार में आ गए।
3. 1817-19 ई. के तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध ने मराठों की शक्ति को पूर्ण रूप से दबा दिया।
कूट
(a) केवल 1
(b) 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर - (b)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (2) और (3) सत्य हैं। भारतीय इतिहास में क्रमश: तीन आंग्ल-मराठा युद्ध हुए, प्रथम 1775-1782 ई., द्वितीय 1803-1806 ई. तथा तृतीय 1817-1819 ई. में। द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध में अंग्रेजों ने उड़ीसा और यमुना के उत्तर में स्थित आगरा व दिल्ली सहित कई भू-भागों को अपने नियंत्रण में ले लिया था, लेकिन तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध में मराठों ने अंग्रेजों की शक्ति को पूर्ण रूप दबा दिया था।
कथन (1) असत्य है, क्योंकि प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध 1782 ई. में सालबाई की संधि के साथ समाप्त हुआ था न कि मंगलौर की संधि के साथ (1784 ई.) । मंगलौर की संधि (1784 ई.) के द्वारा द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध समाप्त हुआ था।
15. लॉर्ड वेलेजली कब गवर्नर जनरल बना?
(a) 1795 ई.
(b) 1798 ई.
(c) 1802 ई.
(d) 1805 ई.
उत्तर - (b)
व्याख्या- लॉर्ड वेलेजली 1798 ई. में गवर्नर जनरल बना था, उसने भारत के गवर्नर जनरल के रूप में 1798-1805 ई. तक अपनी सेवाएँ दीं। उसे 'सहायक संधि' प्रणाली के लिए जाना जाता है। लॉर्ड वेलेजली के कार्यकाल में ही चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध हुआ था, जिसमें टीपू सुल्तान की मृत्यु हुई थी।
16. अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने हेतु लॉर्ड वेलेजली ने किन उपायों का सहारा लिया?
(a) सहायक संधि प्रणाली
(b) खुला युद्ध
(c) पहले से अधीन बनाए जा चुके शासकों का भू-भाग हड़पना।
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर - (d)
व्याख्या- लॉर्ड वेलेजली ने अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने हेतु तीन उपायों का सहारा लिया, जिसमें शामिल हैं
(i) सहायक संधि प्रणाली में सामान्यत: भारतीय शासक को यह भी स्वीकार करना पड़ता था कि वह अपने दरबार में एक ब्रिटिश रेजीडेंट रखेगा।
(ii) खुला युद्ध के अंतर्गत अंग्रेज भारतीय राज्यों के खर्च पर एक बड़ी सेना रखते थे और वे युद्ध अपने क्षेत्र से दूर लड़ते थे।
(iii) पहले से अधीन बनाए जा चुके शासकों के क्षेत्रों को हड़पना । लॉर्ड वेलेजली भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार हेतु आया था और इसी लक्ष्य को वेलेजली ने पूर्ण करने का प्रयास किया।
17. निम्न में से सहायक संधि के प्रावधानों पर विचार कीजिए
1. भारतीय शासक को अपने दरबार में एक ब्रिटिश रेजीडेंट रखना होता था।
2. भारतीय शासक अंग्रेजों की स्वीकृति के बिना किसी यूरोपीय को अपनी सेवा में रख सकते थे।
3. गवर्नर जनरल के परामर्श के बिना कोई भारतीय शासक दूसरे शासक से वार्ता कर सकता था।
4. सहायक संधि के बदले अंग्रेज उस शासक तथा उसके राज्य की रक्षा का वचन देते थे।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 3 और 4
(d) 1 और 4
उत्तर - (b)
व्याख्या- सहायक संधि के प्रावधानों के संबंध में कथन (2) और (3) असत्य हैं। सहायक संधि की शर्तों के अनुसार भारतीय शासक अपने दरबार में अंग्रेजों की स्वीकृति के बिना किसी यूरोपीय को अपनी सेवा में नहीं रख सकता था। सहायक संधि की एक अन्य शर्त के अनुसार, गवर्नर जनरल से परामर्श किए बिना कोई भारतीय शासक किसी दूसरे भारतीय शासक बातचीत नहीं कर सकता था।
18. अंग्रेजों ने इंदौर के होल्कर राजवंश से राजघाट की संधि कब की थी ?
(a) 1802 ई. में
(b) 1803 ई. में
(c) 1806 ई. में
(d) 1808 ई. में
उत्तर - (c)
व्याख्या- अंग्रेजों द्वारा इंदौर के होल्कर राजवंश से राजघाट की संधि जनवरी, 1806 में की गई थी। इसी संधि के साथ लॉर्ड वेलेजली को भी भारत से वापस ब्रिटेन बुला लिया गया था। इस संधि का मुख्य कारण विश्व पटल पर नेपोलियन बोनापार्ट का पुनः आगमन था और ब्रिटेन ने इसी को मद्देनजर रखते हुए अपने धन को बचाने हेतु साम्राज्य के प्रसार को रोकने का निर्णय लिया।
19. किस ब्रिटिश गवर्नर जनरल के काल में कंपनी ने 'सर्वोच्चता' की एक नई नीति की शुरुआत की थी ?
(a) वॉरेन हेस्टिंग्स
(b) लॉर्ड कार्नवालिस
(c) लॉर्ड कर्जन
(d) लॉर्ड हेस्टिंग्स
उत्तर - (d)
व्याख्या- लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-1823 ई.) के काल में ब्रिटिश कंपनी ने 'सर्वोच्चता' की एक नई नीति की शुरुआत की थी। इससे पूर्व कंपनी उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ से ही क्षेत्रीय विस्तार की आक्रामक नीति का अनुसरण कर रही थी, लेकिन लॉर्ड हेस्टिंग्स के गवर्नर जनरल बनने के पश्चात् कंपनी द्वारा इस बात पर बल दिया गया कि उसकी सत्ता सर्वोच्च है, इसलिए वह भारतीय राज्यों से शीर्षस्थ है। अपने हितों की रक्षा हेतु वह भारतीय रियासतों का अधिग्रहण कर भी सकती है या उनको अधिग्रहण करने हेतु बाध्य भी कर सकती है।
20. किसके नेतृत्व में अंग्रेजों ने सिंध का अधिग्रहण कर लिया?
(a) चार्ल्स नेपियर
(b) चार्ल्स मैसन
(c) लॉर्ड एल्गिन
(d) लॉर्ड मेयो
उत्तर - (a)
व्याख्या- चार्ल्स नेपियर के नेतृत्व में अंग्रेजों ने सिघ का अधिग्रहण किया। 1843 ई. में एक संक्षिप्त अभियान के पश्चात् यह कार्य किया गया था और इस कार्य के बदले नेपियर को पुरस्कार स्वरूप सात लाख रुपए भी मिले थे। इससे पूर्व 1832 ई. में एक संधि के द्वारा सिंघ की सड़कों और नदियों को ब्रिटिश व्यापार के लिए खोल दिया गया था। इसी दौरान 1839 ई. में सिघ के अमीर कहलाने वाले सरदारों के साथ एक सहायक संधि पर हस्ताक्षर भी कराए गए थे।
21. अंग्रेज तथा सिखों के मध्य लाहौर की संधि कब संपन्न हुई थी?
(a) 20 फरवरी, 1845
(b) 8 मार्च, 1846
(c) 20 अक्टूबर, 1847
(d) 14 जनवरी, 1848
उत्तर - (b)
व्याख्या- अंग्रेज और सिखों के मध्य लाहौर की संधि 8 मार्च, 1846 को हुई थी। यह एक अपमानजनक संघि थी, जिसके पश्चात् अंग्रेजों ने जालंधर के दोआब क्षेत्र को हड़प लिया और पचास लाख रुपए नकद लेकर जम्मू एवं कश्मीर को राजा गुलाब सिंह डोगरा को सौंप दिया। पंजाब की सेना को घटाकर अंग्रेजों द्वारा 20,000 पैदल तथा 12,000 घुड़सवार सेना तक सीमित कर दिया तथा बहुत बड़ी संख्या में ब्रिटिश सेना को लाहौर में तैनात कर दिया गया।
22. पंजाब पर जिस समय अंग्रेजों का अधिकार हुआ उस समय गवर्नर जनरल कौन था?
(a) लॉर्ड हेस्टिंग्स
(b) लॉर्ड एलनवरो
(c) लॉर्ड वेलेजली
(d) लॉर्ड डलहौजी
उत्तर - (d)
व्याख्या- पंजाब पर जिस समय अंग्रेजों का अधिकार हुआ, उस समय लॉर्ड डलहौजी भारत का गवर्नर जनरल था। लॉर्ड डलहौजी के कार्यकाल (1848 से 1856 ई. तक) में भारत में अंग्रेजों की प्रभुसत्ता स्थापित हो गई। 1848 ई. में पंजाब में अंग्रेजों के विरुद्ध कई विद्रोह हुए और उसके बाद द्वितीय आंग्ल-सिम्ख युद्ध हुआ, जिसमें पंजाब की सेनाएँ हार गईं और अंग्रेजों ने पंजाब को अपने राज्य क्षेत्र में शामिल कर लिया।
23. डलहौजी की विलय नीति के अंतर्गत निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. इस नीति के अनुसार यदि किसी सुरक्षा प्राप्त राज्य का शासक विना किसी स्वाभाविक उत्तराधिकारी के मर जाए तो उसका राज्य उसके दत्तक उत्तराधिकारी को सौंपने का प्रावधान था।
2. यदि उत्तराधिकारी को गोद लेने के कार्य को पहले से अंग्रेज अधिकारियों की सहमति प्राप्त न होगी, तो वह ब्रिटिश राज्य में मिला लिया जाएगा।
3. इस नीति के अनुसार सर्वप्रथम नागपुर राज्य का विलय किया गया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से असत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 3
(d) 2 और 3
उत्तर - (c)
व्याख्या- डलहौजी की विलय-नीति के संबंध में कथन (1) और (3) असत्य हैं। लॉर्ड डलहौजी की विलय नीति (डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स) से संबंधित सिद्धांत के अनुसार, यदि किसी सुरक्षा प्राप्त राज्य का शासक बिना एक स्वाभाविक उत्तराधिकारी के मर जाए तो उसका राज्य उसके दत्तक उत्तराधिकारी को नहीं सौंपा जाएगा। इस नीति के अनुसार, सर्वप्रथम सतारा को 1848 ई. में अंग्रेजी राज्य में शामिल (विलय) किया गया था।
24. निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. कंपनी ने 1857 ई. में अवध को अपने नियंत्रण में ले लिया।
2. अवध के नियंत्रण हेतु अंग्रेजों ने यह तर्क दिया कि अवध की जनता को नवाब के कुशासन से मुक्त कराने हेतु ऐसा किया गया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन असत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 3
(c) 1 और 2
(d) न ता 1 और न ही 2
उत्तर - (a)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (1) असत्य है। कंपनी द्वारा अवध को विलय की नीति के अंतर्गत अंग्रेजी राज्य में 1857 ई. में नहीं, बल्कि 1856 ई. में शामिल किया गया था। कंपनी द्वारा अवध को शामिल किए जाने के संबंध में यह तर्क दिया गया कि अवध की जनता को वर्तमान नवाब के 'कुशासन' से मुक्त कराने के लिए वह कर्त्तव्य से बँधे हुए हैं, इसलिए वह अवध को ब्रिटिश शासन में शामिल कर रहे हैं।
25. निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
1. वॉरन हेस्टिंग्स के काल तक कंपनी बंगाल, बंबई और मद्रास में सत्ता हासिल कर चुकी थी।
2. ब्रिटिश क्षेत्र प्रशासकीय इकाइयों में बँटे होते थे, जिन्हें प्रेसीडेंसी कहा जाता था।
3. 1772 ई. में स्थापित नई न्याय व्यवस्था के अंतर्गत फौजदारी एवं दीवानी अदालतों को समाप्त कर दिया गया।
4. मौलवी एवं हिंदू पंडित कानूनों की व्याख्या से संबंधित थे।
कूट
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) 1, 2 और 4
उत्तर - (d)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (1), (2) और (4) सत्य हैं।
वॉरेन हेस्टिंग्स का कार्यकाल (1773-1785 ई.) एक गवर्नर जनरल के रूप में कंपनी की शक्ति को विस्तार देने हेतु महत्त्वपूर्ण था। इसके शासनकाल तक बंगाल के अतिरिक्त बंबई और मद्रास में ब्रिटिश सत्ता स्थापित हो चुकी थी। तत्कालीन समय में ब्रिटिश क्षेत्र प्रशासकीय इकाइयों में बँटे थे, जिसे प्रेजिडेंसी कहकर संबोधित किया जाता था।
इस काल में दीवानी अदालतों के प्रधान यूरोपीय जिला कलक्टर होते थे, जिनके लिए मौलवी और हिंदू पंडित भारतीय कानूनों की व्याख्या करते थे।
कथन (3) असत्य है, क्योंकि वॉरेन हेस्टिंग्स के काल में एक नई न्याय व्यवस्था स्थापित हुई। 1772 ई. में स्थापित इस न्याय व्यवस्था में प्रत्येक जिले में दो अदालतों (दीवानी और फौजदारी) का प्रावधान किया गया।
26. किस गवर्नर जनरल पर इंग्लैंड में महाभियोग का मुकदमा चलाया गया था?
(a) वेलेजली
(b) क्लाइव
(c) वॉरन हेस्टिंग्स
(d) कर्जन
उत्तर - (c)
व्याख्या- वॉरन हेस्टिंग्स अपने कार्यकाल की अवधि के समाप्त हो जाने के पश्चात् 1785 ई. में वापस इंग्लैंड लौट गया तो ऐडमंड बर्के ने उस पर बंगाल का शासन सही ढंग से न चलाने का आरोप लगाया और इस आरोप के कारण हेस्टिंग्स पर ब्रिटिश संसद में महाभियोग का मुकदमा चलाया गया, जो सात वर्षों तक निरंतर चलता रहा।
27. निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. 1857 ई. तक भारतीय उपमहाद्वीप के 63% भू-भाग और शेष 78% आबादी पर कंपनी का सीधा शासन स्थापित हो चुका था।
2. ईस्ट इंडिया कंपनी एक व्यापारिक कंपनी से बढ़ते हुए एक भौगोलिक शक्ति बन गई थी ।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर - (c)
व्याख्या- दिए गए कथनों में से कथन (1) और (2) सत्य हैं। 1857 ई. तक भारतीय उपमहाद्वीप के 63% भू-भाग और 78% आबादी पर कंपनी का सीधा शासन स्थापित हो चुका था। इसके अतिरिक्त देश के शेष भू-भाग और आबादी पर कंपनी का अप्रत्यक्ष प्रभाव था।
1857 ई. के पूर्व व्यावहारिक स्तर पर ईस्ट इंडिया कंपनी ने समस्त भारत को अपने नियंत्रण में ले लिया था।
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